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Tuesday, July 30, 2013

FeedaMail: Pits News Paper

feedamail.com Pits News Paper

दामिनी गैंगरेप में नाबालिग आरोपी पर होगा 5 अगस्त को फैसला
नई दिल्ली : गत वर्ष 16 दिंसंबर को दिल्ली में पैरा मेडिकल की छात्रा 'दामिनी' के साथ बलात्कार और उसकी हत्या का मामला सुर्खियो में रहा. गत वर्ष 16 दिसम्बर को चलती बस में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया था और बाद में उसकी मौत सिंगापुर के एक अस्पताल में हो गई थी. लोग दामिनी को इंसाफ दिलाने और ऐसी घिनौनी हरकतों को रोकने के लिए सड़कों पर उतर आए. गौरतलब है कि किशोर न्याय बोर्ड ने दामिनी के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के एक नाबालिग आरोपी की भूमिका से संबंधित फैसला 5 अगस्त तक के लिए दिया. बोर्ड ने गत 5 जुलाई को सुनवाई पूरी कर ली थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था लेकिन इसे ऐन वक्त पर 25 जुलाई तक के लिए टाल दिया गया था.
गौरतलब है कि बोर्ड बलात्कार और हत्या के मामले में नाबालिग आरोपी की भूमिका के अलावा इस पहलू पर भी फैसला देगा कि उसे बाल अपराधियों से संबंधित कानून की धाराओं के तहत सजा दी जाए या पांच अन्य आरोपियों की तरह सामान्य कानून के तहत.
उल्लेखनीय है कि आरोपी घटना के वक्त नाबालिग था और पिछले महीने उसने 18 वर्ष की उम्र पूरी की है. बोर्ड यदि उसे नाबालिग घोषित करता है तो उसे अधिक से अधिक तीन साल के लिए बाल सुधार गृह में रखा जाएगा. इसमें अब तक हिरासत में काटा गया समय शामिल है. बोर्ड ने इसी बीच मीडिया को इस मामले की रिपोर्ट के लिए कुछ हिदायतें भी दी हैं. बोर्ड ने मीडिया से कहा है कि नाबालिग को दोषी ठहराए जाने या सजा से संबंधित खबर नहीं दी जानी चाहिए. आपको बता दें कि यदि बोर्ड में 5 अगस्त को फैसला सुनाया जाता है तो सामूहिक दुष्कर्म से संबंधित मामले में यह पहला फैसला होगा.

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दिल्ली मेट्रो स्टेशन फिर सुर्खियों में
नई दिल्ली:  दिल्ली किसी ना किसी कारण से हमेशा सुर्खियों में बना रहता है. कभी यह शहर अपने बढ़ते अपराध की वजह से तो कभी राजनीति की वजह से चर्चाओं में रहता है. हालाकिं पिछले कुछ दिनों से दिल्ली अपने मेट्रो स्टेशन पर लीक होनेवाली अश्लील वीडियो की वजह से लाइमलाइट में है. आपको बता दें कि एक और वीडियो सामने आया है.
गौरतलब है कि वीडियो में मेट्रो की सीढिय़ों और मेट्रो रेल में जोड़े को यौन कृत्य में लिप्त देखा गया है. दिल्ली मेट्रो के कार्पोरेट संचार के प्रबंध निदेशक अनुज दयाल के अनुसार डीएमआरसी(दिल्ली मेट्रो रेल कार्पोरेशन) ने वीडियो को जांच के लिए मुख्य सुरक्षा आयुक्त के पास भेजा है. इसी तरह के आए पहले वीडियो की जांच भी दिल्ली पुलिस की साइबर अपराध शाखा कर रही है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी लगभग खाली मेट्रो रेल में दो से आठ मिनट के बनाए गए 250 से ज्यादा वीडियो पोर्न साइट पर अपलोड कर दिए गए हैं.
आपको बता दें कि साइबर शाखा के पास शिकायत दर्ज करने से पहले डीएमआरसी ने केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल(सीआईएसएफ) पर सीसीटीवी वीडियो की देखरेख में चूक करने का आरोप लगाया है. दूसरी ओर सीआईएसएफ आरोपों का खंडन करते हुए यह स्पष्ट कर रही है कि वह सिर्फ निरीक्षण एजेंसी है.

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बिकनी में कैटरीना और शर्टलेस रणबीर मस्ती के मूड में

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड की शीला यानी कैटरीना कैफ और बॉलीवुड के रॉकस्टार रणबीर कपूर भले ही अपनी दोस्ती को छुपाने की कोशिश करें लेकिन उनके बीच के रिश्ते की खबर लोगों को लग ही जाती है. गौरतलब है कि हाल ही में गूगल पर उनकी तस्वीरें लीक हुईं है जिसमें रणबीर और कैट समंदर किनारे मस्ती करते नजर आ रहे हैं.
इन तस्वीरों में कैट और रणबीर दोनो मस्ती के मूड में हैं. रणबीर और कैट श्रीलंका में इन दिनों छुट्टियां मनाने गए हुए हैं. हालांकि यह कोई पहला मौका नहीं है जब कैट और रणबीर को एक साथ देखा गया हो, इससे पहले भी उन्हें कई बार साथ समय बिताते देख गया है.

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रॉयल बेबी का ब्रिटेन में जोरदार स्वागत

ब्रिटेन : पिछले कई दिनों से रॉयल बेबी की खबरें सुर्खियों में थी, इतना ही नहीं रॉयल बेबी लो लेकर सट्टा बाजार का माहौल भी गर्म था. हालांकि 23 जुलाई को 10 घंटे से ज्यादा समय लेबर पेन में गुजारने के बाद 8 पाउंड 6 औंस(लगभग 3 किलो 800 ग्राम) का रॉयल बेबी दुनिया में आ गया. लेकिन इसके बाद भी बच्चे के नाम को लेकर चर्चाएं शुरू हैं और सट्टा बाजार में शर्तें लगनी शुरू हैं.
गौरतलब है कि ड्यूक ऑफ कैंब्रिज विलियम और डचेस ऑफ कैंब्रिज केट की संतान होने की वजह से बच्चे को प्रिंस ऑफ कैंब्रिज पुकारा जाएगा. बच्चे के नाम के पहले 'हिज रॉयल हाइनेस प्रिंस' भी जुड़ा होगा. जैसे ही बेबी बॉय मेहमान के रूप में प्रिंस विलियम और केट मिडलटन के आं गनमें आया तो इनके साथ साथ पूरा इंग्लैंड जश्न में डूब गया.
रॉयल बेबी के जन्म लेते ही उसके संभावित नाम को लेकर शर्तें लगनी शुरू हो गईं हैं लेकिन अभी नामकरण कब होगा, इसकी जानकारी राज परिवार की ओर से अभी नहीं दी गई है. उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन की राजगद्दी को पानेवालों के लाइन में इस बच्चे का नंबर तीसरा है.

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यह लड़ाई जनलोकपाल तक ही सीमित नहीं है – अण्णा हजारे
बरेली : भ्रष्टाचार के खिलाफ आवज बुलंद करनेवाले समाजसेवी अण्णा हजारे के अनुसार उनकी लड़ाई अब सिर्फ जनलोकपाल तक सीमित नहीं है बल्कि उनका मकसद लोकतंत्र को सही मायनों में लागू करना है. गौरतलब है कि अण्णा के मुताबिक राजनीतिक दलों की वजह से देश में आजादी के बाद जैसी लोकतंत्रता लागू होनी चाहिए थी वैसी प्रभावी रूप में आज तक लागू नहीं हो सकी.
जनतंत्र यात्रा के दौरान हजारे ने आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में कहा कि,'अब लड़ाई सिर्फ जनलोकपाल तक सीमित नहीं है बल्कि लोकतंत्र को वास्तविक अर्थों में लागू करने की है. इस समय देश में पक्ष तंत्र, पार्टी तंत्र, सरकार तंत्र और भ्रष्ट तंत्र चल रहा है. राजनीतिक दल चरित्र देखकर नहीं बल्कि धनबल और बाहुबल देखकर चुनाव का टिकट तय करते हैं. यही वजह है कि आज देश में 163 दागी सांसद हैं और 15 मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं.' उन्होंने यह भी कहा कि, 'हमारी गलती यह है कि पार्टियां जिसे भी टिकट दे देती हैं, हम उसे चुन लेते हैं इसीलिए नतीजे भुगत रहे हैं. हम सबको प्रतिज्ञा लेनी होगी कि गुंडे, भ्रष्टाचारी और व्याभिचारी को वोट नहीं देंगे. तभी लोकतंत्र सही मायने में ठीक हो पाएगा.'
आपको बता दें कि हजारे ने स्वयं द्वारा गठित इंडिया अगेंस्ट करप्शन का नाम बदलकर 'जनतंत्र मोर्चा' करने का एलान किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि   जन लोकपाल के लिए दिसम्बर में फिर से दिल्ली के रामलीला मैदान में अनशन किया जाएगा. इस बार नारा होगा 'जनलोकपाल लाओ या जाओ.' उल्लेखनीय है कि हजारे के अनुसार उन्होंने समाज और देश के लिए लड़ते हुए मरने का व्रत लिया है. जनलोकपाल विधेयक पारित नहीं होने तक वह डटे रहेंगे चाहे जान ही क्यों ना देनी पड़े.

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राहुल बाबा की शादी कराओ – रामदेव बाबा
लखनऊ : रामदेव बाबा के निशाने पर कांग्रेस पार्टी या उसके सदस्य समय समय पर आते ही रहते हैं. एक बार फिर रामदेव बाबा ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए सोनिया गांधी को सलाह तक दे दी.
गौरतलब है कि सत्ता एवं व्यवस्था परिवर्तन द्वारा राष्ट्र निर्माण में युवाओं की भागीदारी पर आयोजित प्रान्तीय गोष्ठी में हिस्सा लेने पहुंचे बाबा रामदेव ने कांग्रेस सरकार की खूब आलोचना की. रामदेव बाबा के अनुसार सोनिया गांधी का रायबरेली में वही हाल होगा जो इंदिरा गांधी का हुआ था.
इसके साथ ही साथ रामदेव ने सोनिया गांधी को सलाह दी कि यदि वह राहुल गांधी से जातिगत राजनीति कराना चाहती हैं तो सबसे पहले दलित, मुसलमान, ईसाई, फारसी या हिंदू से उनकी शादी करा देनी चाहिए.

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सलमान और शाहरुख में दोस्ती ?

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : यूं तो बॉलीवुड में हमेशा ही खान बंधुओं की चर्चाएं होती रहती है लेकिन फिलहाल बॉलीवुड की गलियों और मीडिया में सलमान खान और शाहरूख खान के पैचअप को लेकर बहस हो रही है. दोनों खानों का गले मिलना मीडिया की सुर्खियां बन गई हैं.
आपको बता दें कि गत रविवार शाम को मुंबई के बांद्रा वेस्ट से कांग्रेस एमएलए बाबा सिद्दीकी ने इफ्तार पार्टी दी थी. इस पार्टी के लिए दोनों सितारों को बुलाया गया था और दोनों खानों ने इस पार्टी में शिरकत की थी. इस पार्टी के दौरान सलमान ने शाहरुख की तरफ हाथ बढ़ाया और शाहरुख ने भी बिना किसी हिचक के सलमान से हाथ मिला लिया. इसके बाद शाहरूख अपनी कुर्सी से उठकर सलमान की तरफ आए और सलमान ने शाहरुख को गले लगा लिया. इस पूरे क्रम में दोनों के बीच बाबा सिद्दीकी भी मौजूद रहे.
गौरतलब है कि सलमान के साथ गले मिलने के बाद शाहरुख ने ट्वीट भी किया कि, 'आखिरकार पलटा पन्ना.' उल्लेखनीय है कि 5 साल पहले 2008 में शाहरुख खान और सलमान खान में कैटरीना कैफ की पार्टी में झगड़ा हुआ था. इसके बाद से दोनों एक दूसरे के बारे में बात तक करना पसंद नहीं करते थे.

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संजय दत्त को नहीं मिली राहत
मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : संजय दत्त की मूसीबतें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. बॉलीवुड के संजू बाबा यानी संजय दत्त को सुप्रीम कोर्ट ने फिर करारा झटका दिया है. कोर्ट ने 1993 मुंबई बम विस्फोट मामले में 53 वर्षीय संजू बाबा को सुनाई गई सजा पर पुनर्विचार करने का उनका अनुरोध ठुकरा दिया है इससे लगता है संजय की मुश्किले फिलहाल आसान नहीं होंगी.
आपको बता दें कि संजू द्वारा रिव्यू पिटीशन खारीज होने के बाद क्युरेटिव पिटीशन फाइल की थी जिसे 23 जुलाई को कोर्ट ने नकार दिया. आपको बता दें कि संजय दत्त को 1993 के मुंबई विस्फोट मामले में गैरकानूनी तौर पर हथियार रखने के दोषी हैं और फिलहाल पुणे की येरवदा जेल में हैं. 2007 में संजू को बम विस्फोट की साजिश में शामिल रहने संबंधी आरोपों से मुक्त कर दिया था लेकिन वह गैरकानूनी हथियार रखने का दोषी पाया गया.

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गरीबों के मुंह पर कांग्रेस ने मारा जोरदार चांटा
नियोजन आयोग का ' अंधेर नगरी चौपट राजा'
गरीबों के मुंह पर कांग्रेस ने मारा जोरदार चांटा
अब इनकी चुनावी हार कोई नहीं रोक सकता है…

मुंबई(चंदन पवार):chandanpawar.pits@gmail.com
देश के गरीबों की मां बाप सरकार कही जानेवाली कांग्रेस सरकार अब की 'सोनिया कांग्रेस' शायद 'इंदिरा कांग्रेस' को भूल गई है क्योंकि गरीबों की कद्र करनेवाली उनके लिए घर और रोटी का इंतजाम करनेवाली इंदिरा गांधी सरकार ने गरीबों के मन को जीत लिया था. गरीबों के यही प्यार की संपत्ति को सोनिया सरकार के मंत्रियों ने दिन दहाड़े लूट लिया है और इस सरकार के मंत्री बारी बारी से जनता की इज्जत को उछाल उछाल कर आनंद ले रहे हैं. सरकार ने गरीबो के लिए जो व्याख्या की है उसे देख गरीब और मर गया है. नियोजन आयोग के इतने बड़े ओहदे पर बैठे सरकार के अंधे अफसरों को यह दिखाई नहीं दे रहा है कि एक वक्त की रोटी के लिए एक गरीब अपना दिन किस कठिनाई से गुजारता है.
गरीबों की थाली की कीमत लगानेवालों में सबसे आगे हैं यूपीए सरकार के राज बब्बर ने कहा कि मुंबई में सिर्फ 12 रूपये में खाना मिलता है. अगर यह सच में मुंबई के सड़कों पर घूमते और लोगों का दुख देखते तो उन्होंने जो 12 रूपये में खाना मिलने की बात कही है वह कभी नहीं करते क्योंकि आज मुंबई में वड़ापाव की कीमत 12 रूपये है जिसमें एक वड़ा और एक पाव मिलता है. वहीं मुंबई में रहनेवाले राज बब्बर को क्या यह भी नहीं पता कि आज कई सरकारी दफ्तरों में सब्सिडी की दर पर मिलनेवाले खाने की कीमत भी 20 से 25 रूपये के बीच में है उस पर एक सामान्य आदमी को 12 रूपये में कौन खाना देगा? अगर एक परिवार में चार सदस्य हैं तो इस हिसाब से 48 रूपये एक वक्त के सिर्फ वड़ा पाव खाने में खर्च हो जाते हैं तो राज बब्बर साहब ने मुंबई के कौन से इलाके में जाकर 12 रूपये में खाना मिलनेवाली जगह को खोज निकाला है, यह जरा बताएं. और अगर इनकी बातों को सच भी मान लेते हैं तो 12 रूपये का खाना अगर मुंबई के बोरीवली में मिलता है तो चर्चगेट में रहनेवाला गरीब आदमी 15 रूपये खर्च करके बोरीवली में खाना खाने जाएगा? इसलिए इन जैसे लोकप्रतिनिधियों को अपने पद की गरिमा का ख्याल रखते हुए बयानबाजी करनी चाहिए. क्योंकि इस तरह के डायलॉग सिर्फ फिल्मों में अच्छे लगते हैं. भले ही इन्होंने अब माफी मांग ली हो परंतु एक बार धनुष से तीर छूट जाने के बाद उसे वापस नहीं लिया जा सकता है.
इस विषय में हद तब हो गई जब कांग्रेस के दो लोकप्रतिनिधि रशीद मसूद ने पांच रूपये और केंद्रीय मंत्री फारूक अब्दुल्ला ने एक रूपये में भरपेट खाना मिलने की बात कही है. फारूक अबदुला को यह बात 60 साल पहले कहनी थी लेकिन शायद उनको अब याद आया हो? क्योंकि एक रूपये को बहुत साल पहले ज्यादा माना जाता था और उससे उस समय खाना मिल भी जाता होगा परंतु आज एक रूपये में एक चॉकलेट भी मुश्किल से मिलती है तो इस तरह की बयानबाजी करनेवालों को अगर दिन में 34 रूपये दिए जाए तो क्या वह उनके लिए बहुत है? क्यों यह लोग गरीबों का मजाक उड़ान में लगे हैं. फाइव स्टार रहन सहन, नौकर चाकर, बंगला गाड़ी और ऐशो आराम की जिंदगी बसर करनेवालों को गरीब लोग अपनी पूरी जिंदगी किस तरह मर मर के जीते है यह इनको मालूम भी है.
देश के प्रधानमंत्री एक अर्थशास्त्री और नियोजन आयोग के अध्यक्ष हैं उन्होंने ही गांव में रहनेवाले आदमी को 27 रूपये और शहर में रहनेवालों को 34 रूपये दिन में खर्च करने के लिए बहुत होते हैं, इस तरह का संशोधन किया है और यह निर्णय लेकर यहां पर ही नहीं रूके आगे जाकर उन्होंने कहा कि देश में सात सालों में 15% गरीबी कम हुई है और अब देश में सिर्फ 21.92% गरीब बचे है. इस तरह की बीना प्लैनिंग किए और सर्वे ना करते हुए बनाई सोच को उन्होंने गरीब जनता के सामने जाहिर तो कर दी मगर यह निर्णय उन्होंने किस आधार पर बनाया यह संशोधन का विषय है. जब नियोजन आयोग अपने टॉयलेट पर जनता के 35 लाख खर्च कर सकती है और एक नेता के एक बार के खाने पर 7200 रूपये खर्च करनेवाले नियोजन आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलुवालिया को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है. ऐसी आवाज लोगों से उठनी शुरू हो गई है. इस पद पर ऐसे आदमी की नियुक्ति होनी चाहिए जो गरीबों का दुख जानता हो, उनकी तकलीफों से वाकिफ हो और एक अच्छा तर्कशास्त्री हो क्योंकि आज की महंगाई के दौर में 27 और 34 रूपये में क्या होनेवाला है, यह तर्क होना चाहिए. हाथी पर बैठकर भेड़ बकरीयां नहीं हाकी जाती हैं जो इस तरह का काम आज नियोजन आयोग कर रहा है. इनके ही कमेटी के सदस्य डॉ.नरेंद्र जाधव ने इस निर्णय को गलत ठहराया है, यह बात बहुत महत्वपूर्ण है.
इससे एक बात का अंदाजा जरूर लगाया जा सकता है कि यह सरकार को गरीबी नहीं बल्कि गरीबों को हटाना चाहती है क्योंकि आज पूरे देश में कुपोषण और भूखमरी से लोगों की मौत हो रही है. अगर यह सरकार इसी तरह गरीबों की कीमत लगाता रहा तो भविष्य में गरीब और गरीब होता जाएगा और वह एक दिन अपने पूरे परिवार समेत आत्महत्या का मार्ग स्वीकार करेगा जिससे देश से गरीबों की संख्या कम होती जाएगी. शायद यही इस सरकार का मकसद है? लेकिन सरकार किसके बलबूते पर बनती है शायद यह नशे में धुत और संसद जैसी महान वास्तु पर पॉर्न वीडियो देखनेवाले कुछ लोकप्रतिनिधि भूल गए हैं लेकिन जनता आनेवाले 2014 के चुनाव मे जरूर उनको याद दिला देगी. बस अब सिर्फ इंतजार है जनता के जागने का इसलिए जागो जनता जागो, आपके सर के ऊपर पानी आ गया है.

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लाईफ स्टाइल – आंखों को मेकअप से बनाएं और खूबसूरत

इंसान की आंखें सबसे ज्यादा आकर्षित करती हैं इसलिए जरुरी है कि आप अपने आंखों को खूबसूरत बनाए रखें. भागदौड़ भरी जिंदगी में इतना तनाव है कि डार्क सर्कल्स, आंखों के नीचे सूजन, थकी हुई दिखनी वाली आंखें, लाल डोरों से भरी आंखें तथा आंखों के आसपास उम्र से पहले की झुर्रियां आ जाना आम बात हो गई है. हम इनमें से किसी न किसी समस्या से परेशान हैं. यह समस्याएं हमारी आखों की सुंदरता को खत्म को खत्म कर देते हैं इसलिए जरूरी है कि हम अपनी आंखों पर ध्यान दें और उन्हें खूबसूरत बनाए रखें.
आईए आपको बताते हैं कैसे बचा जाए इन समस्याओं से…
1) अपने लिए एक ऊंचे सिरहाने का चुनाव करें क्योंकि यह आपके सिर को ऊंचा रखने में सहायक होगा और सुबह उठते ही आंखों में आई  सूजन को दूर करेगा. वहीं तकिए का रेशमीपन झुर्रियों तथा आंखों के नीचे सिकुड़ने  से आपका बचाव करेगा.
2) आप अपने आंखों के आसपास के क्षेत्र पर एक हल्की सनसक्रीन लगाएं इससे यू.वी. किरणें कोलाजैन को कमजोर बनाती हैं और यह उम्र से पहले ही झुर्रियों तथा सूजन का कारण बनती हैं.
3) धूम्रपान से परहेज करें क्योंकि इससे न सिर्फ आपकी दृष्टि पर दुष्प्रभाव पड़ता है बल्कि आंखों के आसपास सूजन भी पैदा होती है. सिगरेट में मौजूद निकोटीन चेहरे की रक्त वाहिनियों में रुकावट पैदा करती है और आंखों के नीचे पोषक तत्व के जज्ब होने को मुश्किल बनाती है.
4) आपको बता दें कि आपकी सोने की पोजीशन भी आंखों की सूजन में अपना योगदान देती है. एक करवट लेकर सोने या पेट के बल लेटने से तरल आपकी आंखों के नीचे इकट्ठे हो जाते हैं इसलिए कोशिश करें कि पीठ के बल सोएं और अपने सिर के नीचे एक अतिरिक्त तकिया रखें.
5) लगातार अपनी आंखों को रगडऩे से परहेज करें. इसके साथ ही मेकअप किए ही सोने न जाएं क्योंकि इनसे आपकी आंखों की सूजन बढ़ सकती है. रोज रात को आंखों के आसपास के क्षेत्र पर एक अच्छी आई क्रीम या मॉइश्चराइजर लगाएं.
आंखों को खूबसूरत बनाने के लिए मेकअप का प्रयोग करें:
आंखों को कभी अनदेखा ना करें. हम सब जानते हैं कि हमें आंखों की देखभाल करनी चाहिए लेकिन कैसे करनी चाहिए यह नहीं जानते. वहीं आप मेकअप से भी आंखों को सजा सकती हैं. बाजार में मेकअप उत्पादों की कोई कमी नहीं है और अक्सर हम मेकअप के मामले में गलत चुनाव कर लेते हैं. सबसे पहले आपको यह जानने की जरूरत है कि कौन-से उत्पाद आपकी त्वचा को सूट करेंगे विशेषकर आपकी आंखों के आसपास के क्षेत्र को.
- आंखों के नीचे बने डार्क सर्कल्स को छुपाने के लिए एक पीले रंग वाले तथा दो टोन हल्के कंसीलर का प्रयोग करें।
- अपनी आंखों के अंदरूनी कोनों को खोलने के लिए व्हाइट पैंसिल का इस्तेमाल करें ताकि वे बड़ी दिखाई दें और डार्क क्षेत्र एकदम चमक जाए.
- अपनी आंखों को एक हल्की-सी लिफ्ट देने के लिए बढिय़ा आई लाइनर और साथ ही एक एंटीड्रूप इल्यूजन का प्रयोग करें.
- अपने आईलैश कर्लर को एक हेयर ड्रायर से 15 सैकंड के लिए गर्म करें जब भी आपने अपनी बरौनियों को कर्ल करना हो। कर्ल करने के बाद अपनी आंखों को एकदम खुला दिखाने के लिए मस्कारा लगाएं.
आईलाइनर का चुवान करते समय ध्यान दें:
लिक्विड आईलाइनर: यह नाटकीय लुक्स के लिए बहुत बढिय़ा रहता है क्योंकि इससे बनाई गई अच्छी तरह परिभाषित लाइन बरौनियों को घना दिखाने में सहायता करती है.
पैंसिल आईलाइनर: यह लगाने में बहुत आसान है और विभिन्न रंगों में उपलब्ध है.
जैल आईलाइनर: इनका टैक्सचर भरपूर क्रीमी होता है और यह स्मोकी आईड लुक के लिए बहुत बढिय़ा है.

आईलाइनर के तौर पर आई शैडो का प्रयोग: ये भी विभिन्न रंगों में उपलब्ध हैं और दिन के समय की लुक्स के लिए बहुत ही आश्चर्यजनक काम करते हैं.
 
आपकी त्वचा की किस्म के अनुसार कंसीलर्स
- कंसीलर्स तीन किस्मों में उपलब्ध हैं-लिक्विड, पाऊडर तथा क्रीम.
- जब आपको हैवी कवरेज की जरूरत हो तो क्रीम कंसीलर्स का प्रयोग करें.
- जब चेहरे के बड़े क्षेत्र को कवर करने की जरूरत हो तो लिक्विड कंसीलर बढिय़ा काम करते हैं. इन्हें ब्लैंड करना आसान होता है.
- जब भी बहुत कम क्षेत्र को कवर करने की जरूरत हो तो पाऊडर कंसीलर बहुत बढिय़ा विकल्प साबित होता है. हल्के धब्बों तथा कम नजर आने वाले डार्क सर्कल्स के लिए यह बहुत बढिय़ा काम करता है.
वहीं जब भी आप कोई उत्पाद खरीदने जाएं तो पहले उत्पाद के बारें में अच्छी तरह से जान लें. यह इसलिए जरूरी है क्योंकि थोड़ी-सी जागरूकता आपकी त्वचा को सुंदर दिखाने में सहायक होगा. अंडर आई क्रीम में विटामिन 'के' तथा रैटीनोल होना चाहिए, यह त्वचा की बाहरी परत की कोशिकाओं के नवीकरण में बहुत सहायक होती है.
हमेशा अपनी आंखों को ध्यानपूर्वक साफ करें. मस्कारा तथा आईलाइनर को पूरी तरह पोंछ दें और निरंतर अंतरालों के बाद अपनी आंखों के मेकअप उत्पादों को बदलती रहें. दूसरों के साथ कभी भी अपने आई कॉस्मेटिक्स को शेयर न करें. इससे आपकी आंखें किसी भी नुक्सान से सुरक्षित रहेंगी और आपके आंसू छिद्र भी बाधित नहीं होंगे.

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बीएमसी से गायब 10,000 फाइलों की होगी जांच

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : मुंबई महानगरपालिका के बिल्डिंग प्लानिंग डिपार्टमेंट से गायब हुई हजारों फाइलों की अब जांच होगी और इसके लिए महाराष्ट्र सरकार ने उच्च स्तरीय समिति के गठन की घोषणा की है. गौरतलब हे कि राज्य विधानसभा में गत मंगलवार को विधायकों के हंगामे के बाद मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने समिति की घोषणा की.
मुख्यमंत्री ने सदन को बताया कि आरटीआई में दी गई शुरूआती जानकारी में 9157 फाइलें लापता होने की जानकारी दी गई थी. इसके बाद की गई जांच के बाद पता चला कि डिपार्टमेंट से गायब फाइलों की संख्या 10 हजार 531 हैं. आपको बता दे कि सभी दलों के विधायकों ने मिलकर यह मामला सीआईडी या सीबीआई को सौंपने की मांग करते हुए काफी हंगामा किया. हालांकि इस हंगामे के बीच मुख्यमंत्री ने बताया कि मुंबई के अग्रीपाडा, बांद्रा, कांदिवली और पंतनगर यह चार पुलिस स्टेशन मामले की जांच कर रहे हैं. इनकी जांच संतोषजनक ना होने पर मामला सीआईडी या सीबीआई को सौंपने का फैसला करेंगे. हालांकि मुख्यमंत्री के फैसले से असंतुष्ट एमएनएस विधायक सदन से बाहर चले गए. सदन मे इस बात को लेकर काफी नाराजगी दिखी कि तीन अलग अलग जगहों पर रखीं फाईलें एक साथ कैसे गायब हो जाती हैं? वहीं मुख्यमंत्री ने भी इसे गंभीर मामला बताया.
मुख्यमंत्री ने बताया कि 87% फाइलें 1991 से पहले की हैं और बची हुई 13% इसके बाद ही हैं. 1991 में बिल्डिंग निर्माण संबंधी नियमावली में परिवर्तन किया गया था. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के अनुसार उच्च स्तरीय समिति में अतिरिक्त मुख्य सचिव और एक अन्य सचिव होंगे. इसके साथ ही तीन महीने में समिति की रिपोर्ट सदस के पटल पर रखी जाएगी. फाइलों को सुरक्षित रखने के लिए इन्हें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से भी स्टोर जाएगा. आपको बता दें कि बीएमसी की 1 लाख फाइलों को स्कैन किया जा चुका है.

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घर-परिवार – गर्भावस्था (भाग 1)

प्रश्न: क्या मैं गर्भवती हूं?
उत्तर: जब एक स्त्री को एक महीने में मासिक धर्म नहीं होता तो वह सोचती है 'क्या मुझे गर्भ ठहरा है?' उसकी यह शंका एक लेडी डॉक्टर पेशाब की जांच व योनिमार्ग की जांच के बाद पूर्ण रूप से कह सकती है.
प्रश्न: गर्भवती महिला के मन में प्रश्नों का भंडार?
उत्तर: शारीरिक बदलाव: स्तनों में भारीपन होना, चूक का रंग और गहरा होना, गर्भाशय के बढ़ने से त्वचा का खिंचाव होना व खुजली होना, निशान पड़ना, चेहरे पर काले धब्बे दिखना. अपच होना, कब्ज का रहना. कभी कभी एसीडिटी होना, जी मिचलाना व उल्टी होना. यह सब साधारण चिन्ह हैं.
गर्भवती स्त्री का खुश रहना जरूरी है. तनाव मुक्त रहना भी उतना ही जरूरी है जितना समय पर खाना पीना व सोना.
कुछ असाधारण चिन्ह होते हैं जैसे बहुत ज्यादा उल्टी होना, योनिमार्ग से रक्त आना या रक्तचाप बढ़ना. ऐसी परिस्थिति होने से अपने डॉक्टर को संपर्क करना जरुरी है. गर्भवस्था कोई रोग नहीं है बल्कि एक स्त्री के जीवन का महत्वपूर्ण व सुखद अनुभव है.
श्वास में तकलीफ होना: जैसे जैसे गर्भवस्था बढती है वैसे वैसे गर्भ का श्वास पर असर पड़ता है. डायफ्राम ऊपर की तरफ जाना व उसका दबाव फेफड़ों पर होता है. इससे श्वास लेने में तकलीफ होती है. ऐसे समय ज्यादातर पेट से सांस लेना लाभदायक होता है. बढ़ते गर्भाशय का असर लिगामेंट पर पड़ता है जिससे उस पर खिंचाव महसूस होता है व इसी कारण दर्द महसूस होता है. इसमें घबराने की बात नहीं है. दर्द अपने से चला जाएगा. एक ही स्थिति में ज्यादा देर ना बैंठे. दर्द आते ही बैठने की स्थिति बदल लें. चिंता ना करें. यह एक सामान्य स्थिति है जो अपने से ठीक हो जाएगी.
प्रश्न: गर्भावस्था में व्यायाम का महत्व?   
उत्तर: एक स्वस्थ महिला बच्चा पैदा होने के समय और बाद में बहुत आसानी से अपनी देखरेख कर सकती है. योगशास्त्र के अनुसार शारीरिक व मानसिक स्वास्थ दोनों ही जरूरी हैं. योगशास्त्र एक मध्यम मार्ग अपनाता है. देखा गया है कि जिस महिला का ह्रद्य, फेफड़े व मांसपेशियां स्वस्थ हैं और श्वसन क्रिया सही है और वह अपने आप को शिथिल रख सकती है, उनकी डिलिवरी सरल होती है. इन मांसपेशियों का सही इस्तेमाल जानना जरूरी है.
शरीर के अंगों में काफी बदलाव आता है. गर्भाशय 10 गुणा बड़ा हो जाता है. आंते अपनी जगह से उठ जाती हैं. ह्रदय का कार्य बढ़ जाता है. हार्मोन में भी बहुत बदलाव आते हैं यानि के गर्भवती स्त्री में शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक बदलाव आते हैं. व्यायाम करने से गर्भवती महिला संतुलित रह सकती है. व्यायाम से गर्भावस्था में अधिकतर आप निरोगी रहते हैं, वह स्त्री के मन में एक आत्मविश्वास जगाता है. इस समय मेरूदण्ड को सीधा रखना बहुत जरूरी है. इससे पेट व कमर की मांस पेशियों को ताकत मिलती है.
ध्यान करनेवाले आसन जैसे सुखासन, पद्मासन, वज्रासन से योगासन की शुरूआत होनी चाहिए. यह शरीर और मन को संतुलित बनाए रखते है.
गर्भवती की 3 अवस्था है. पहले तीन महीने को फर्स्ट ट्रीमेस्टर कहते हैं. इस समय हॉर्मोन में बदलाव आते हैं-शारीरिक व मानसिक बदलाव. मितली व उल्टी होना, स्तनों में भारीपन आना, कभी कभी पेशाब भी जल्दी होता है. गर्भवती महिला को अपना ख्याल रखना चाहिए. सही व पौष्टिक भोजन करना चाहिए. इस समय गर्भपात की संभावना ज्यादा होती है.
दूसरे तीन महीने में होनेवाली मां को अपने बच्चे की हलचल का अहसास होने लगता है. अब गर्भावस्था में महिला तैयार हो जाती है. 5 महीने में बच्चे की ह्रदय की ध्वनि डॉक्टर को सुनाई देती है. बाहरी वातावरण का असर अंदर बच्चे को महसूस होता है. इसलिए तेज आवाज, लड़ाई वगैरह से दूर रहना चाहिए. इस वक्त बच्चे को मां द्वारा ज्ञान की बातें बतानी चाहिए. 6 महीने में बढ़ते गर्भाशय का जोर पेट पर पड़ता है व पाचन क्रिया असंतुलित हो जाती है. गर्भवास्था के आखरी तीन महीनों में पेट के ऊपर खिंचाव के निशान दिखने लगते हैं. पैरों में सूजन आने लगती है. वेरीकोज वेन्स भी हो सकता है. नियमित रूप से आसन करने से काफी हद तक यह तकलीफें कम हो सकती हैं. आठवे महीने में गर्भाशय बढ़कर ऊपर की तरफ दबाव देता है. कमर दर्द अक्सर बढ़ जाता है. श्वास में तकलीफ महसूस होती है. यहां पर सही आराम व सही पोश्चर से काफी मदद मिलती है. आखिरी कुछ हफ्ते बच्चे के लिए होते हैं. उसके जन्म की तैयारी हो रही है. नौवे महीने में बच्चे का सिर पोल्विक केविटी में आ जाता है. मां को श्वास लेने में एक हल्कापन महसूस होता है. यहां पर प्रसव क्रिया शुरू होती है. अनियमित मांसपेशियों के सिकुडन से प्रसव शुरू होता है जिसे बच्चे का सिर आगे की तरफ बढ़ता है.
आपको शिथिल होना चाहिए. शिथिलिकरण स्वस्थ है व तनाव अस्वस्थ है-ऐसा योग में कहा जाता है, गर्भवती महिला के लिए यह बहुत जरूरी है एक आरामदायक प्रसव के लिए व ब दमें स्वंय व बच्चे की देखरेख के लिए भी. यह एक मानसिक स्थिति है. कुछ योगासन इसमें मदद करते हैं जैसे-श्वासन, निष्पंदभाव.
गर्भवस्था के समय अपचन, छाती में जलन, उल्टी की शिकायत रहती है, उसके लिए हमें भिन्न बातों का ध्यान देना आवश्यक है.
-उल्टी व छाती की जलन कम करने के लिए तीन बार ज्यादा मात्रा में भोजन के स्थान पर थोड़ा थोड़ा भोजन दिन में कई बार खाएं.
- खाने के साथ पेय पदार्थ ना लें
- अधिक चिकनाई व मिर्च मसालेवाला भोजन मत लें
- भोजन जिसमें अधिक रेशे व चौकरवाला लेना चाहिए. कब्ज दूर करने के लिए अंजीर का फल बहुत लाभदायक है.

उल्टी:
गर्भावस्था के समय उल्टी की विशेष शिकायत रहती है. उसके लिए निम्नलिखित बातों पर ध्यान दें:
-    दिन में 5-6 बार थोड़ा थोड़ा खाएं
-    अगर भोजन पकाते समय उल्टी महसूस हो तो किसी और को भोजन पकाने दें या फिर ठंडा भोजन जैसे फल, दलिया, दही आदि खा सकती हैं.
-    खाने के तुरंत बाद मत लेटें
-    सुबह उठने पर या रात में बीच में उठे तो कुछ हल्का अन्न से बना क्रेकर आदि खाने के लिए अपने पास रखें.
यदि कठोर भोजन न पचे तो फलों ला रस, सोया मिल्क, पानी आदि का सेवन करें.
कब्ज: गर्भावस्था के समय हारमोन परिवर्तन के कारण व कैल्शियम व लोहतत्व खाने के कारण यह शिकायत हो जाती है. इसके लिए अधिक मात्रा में पेय पदार्थ लें, रोज पैदल चले. उसके साथ बेर, फल, किशमिश व सब्जिंयों का प्रयोग अधिक मात्रा में करें.
निम्नलिखित चार्ट में आपके लिए गर्भवस्था के समय केलरी व पौष्टिक भोजन की उचित मात्रा आवश्यकतानुसार दी गई है.
हरी सब्जी: किसी भी प्रकार के विटामिन या जड़ीबूटी य खान-पान में बदली करने से पहले अपने डॉक्टर की अनुमति अवश्य लेनी चाहिए. मां का दूध बढ़ाने के लिए कोई विशेष खाद्य पदार्थ नहीं है. किंतु अमुक ढंग उसमे सहायता कर सकते हैं. आप क्या खाते पीते हो वो इतना महतर्वपूर्ण नहीं है जितना कि बेबी क्या खाता पीता है वो ज्यादा महत्वपूर्ण है. सही ढंग से बेबी को छाती से लगाकर शांति से लंबे समय तक दूध पिलाते रहने से दूध उत्पादन की मात्रा अवश्य बढ़ती है. मां का दूध बढ़ाने का ये सबसे उत्तम इलाज है. खान पान एवं पोषक तत्व की दृष्टि से दूध की मात्रा बढ़ाने में दो बाते विशेष मायना रखती है. एक हो सके जितना, ज्यादा से ज्यादा प्रवारी लें. 20 से 40 औंस दूध बनता है व काफी माना जाता है. इसमें कमी हो सकती है. कमी के प्रमाण अनुसार उपाय करना चाहिए. प्यास मिटन के बाद भी थोड़ा और पानी अवश्य पीएं. बच्चे को दूध पिलाते वक्त, खुद भी धीरे धीरे पानी पीओ. ऐसा करने से दूध का उत्पादन नहीं बढ़ेगा किंतु आपके शरीर में प्रवारी कीमात्रा सही रहेगी.
दूध पिलानेवाली मां को एक दिन में सामान्य से अधिक 500 केलरी की आवश्यकता है. वजन कम करने के लिए या तो पतला बने रखने के उद्देश्य से मां अगर खुद कम खाती है तो उनकी दूध उत्पादन क्षमता कम हो जाती है और ज्यादा थकान महसूस होती है.
तनाव होने पर भी मां की दूध उत्पादन क्षमता कम हो जाती है. बीयर, शराब आदि पदार्थ तनाव घटाने या मिटाने का सही रास्ता नहीं है. सो यह मार्ग न लें.  दूसरा कोई सही उपाय ढुंढो.
वजन बढ़ने की मात्रा: यदि गर्भवती बनने के समय आपका वजह सही है और आप उससे खुश हैं तो 25 रतल(अंदाज 11 किलो) वजन बढ़ना योग्य माना जाता है. शुरूआत में यह सिर्फ 2 या 4 रतल(1 या 2 किलो) बढ़ेगा और धीरे धीरे बढ़ता जाएगा. ¾ रतल एक हफ्ते में बढ़ने की सीमा होनी चाहिए. यदि आपका वजन सही मात्रा में कम है(गर्भवती बनने के समय) तो 28 से 40 रतल वजन बढ़ना सही माना जाएगा. इतना तो बढ़ना ही चाहिए.
यदि गर्भधारण के समय, आपका वजन सही मात्रा से बहुत अधिक है तो वजन बढ़ने की मात्रा 15 से 25 तरल तक सीमित रखने का प्रयत्न अवश्य करें. पहले 14 सप्ताह में खाने-पीने की इच्छा न होने के कारण यदि वजन खास नहीं बढ़े तो ये चिंता का विषय नहीं है. उसके बाद कुदरत के नियमानुसार वजन बढ़ोत्री होती रहेगी.क्रमश:
अगले हफ्ते जानिए आहार के बारे में…

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साइना बिकीं 1 लाख 20 हजार डॉलर में
नई दिल्ली : साइना नेहवाल का हर एक सपना पूरा होता हुआ नज़र आ रहा है. अब साइना का इंडियन बैडमिंटन लीग में अपनी होम टीम की तरफ से खेलने का सपना पूरा हो गया है. गौरतलब है कि प्लेयर्स ऑक्शंस के दौरान हैदराबाद हॉटशॉट्स ने इंडियन स्टार खिलाड़ी साइना को 1,20000 डॉलर(करीब 71 लाख 66 हजार रूपये) में खरीद लिया.
आपको बता दें कि दुनिया की नंबर 1 खिलाड़ी ली चोंग वेइ के नाम पर सबसे ऊंची बोली लगी. मुंबई ने उन्हें 1,35000 डॉलर(करीब 80 लाख 62 हजार रूपये) में खरीदा. उल्लेखनीय है कि साइना उन 6 आइकन प्लेयर्स में थीं जिनका बेस प्राइस 50 हजार डॉलर रखा गया था. वहीं साइना ने भी इच्छा जाहिर की थी कि वह हैदराबाद या लखनऊ की तरफ से खेलना पसंद करेंगी. कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतनेवाले परूपल्ली कश्यप भी आइकन प्लेयर थे जिन्हें बेंगलुरू की टीम बंगा बीट्स ने 75 हजार डॉलर यानि करीब 44 लाख 79 हजार रूपये में खरीदा. राइजिंग स्टार पी.वी. सिंधु को लखनऊ वॉरियर्स ने 80 हजार डॉलर यानी 47 लाख 77 हजार डॉलर में खरीदा. नीलामी का संचालन लंदन के जानेमाने नीलामीकर्ता बॉब हेटन ने किया. आपको बता दें कि आईबीएल का पहला मुकाबला 14 अगस्त को खेला जाएगा.

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रोजा सीखाता है बुराईयों पर काबू पाना
मुंबई (रजिया निसार) : यूं तो इस्लाम धर्म में रमजान के महीने को सबसे पाक महीना माना जाता है, लेकिन यह महीना अपने आप में बहुत ज्यादा रहमत वाला महीना है. सबसे पहले आपको बता दें कि इस्लामी कैलेंडर(हिजरी) के अनुसार रमजान नौंवे महीने में आता है और सबसे ज्यादा पाक और अफजल महीना माना जाता है. रमजान के महीनों को तीन भागों में बांटा गया है जिसे अशरा कहते हैं. अरबी में अशरा का मतलब 10 होता है. पहला अशरा रहमत का, इसका मतलब रमजान के शुरू के 10 दिनों में खुदा की रहमत उसके बंदों पर होती है. दूसरा अशरा मगफिरत का यानी माफ कर देनेवाला, ऐसा कहा जाता है इस समय अपने रब से अगर कोई बंदा माफी मांगे तो उसका रब उसे माफ कर देता है और तीसरा अशरा आग से बचाव का है. रमजान महीने के आखिरी दस दिनों में बंदा अपने रब से जहन्नुम(नर्क) की आग से बचने की दूआ करता है.
रमजान के महीने में लोग रोजा रखते हैं और सूरज निकलने से पहले से सूरज डूबने तक बीना कुछ खाए पीए रहते हैं और रब की इबादत करते हैं. हालाकिं  रोजा सिर्फ भूखे प्यासे रहने का नाम नहीं है बल्कि हर तरह की बुराईयों पर काबू पाने का नाम है. रोजा रखकर आप गलत और अश्लील हरकत करने से बचें. इसके साथ ही शारीरिक एवं मानसिक कार्यों पर भी काबू रखें, यही रोजा आपको सीखाना चाहता है. रोजा का महीना शांति, एकता और मुहब्बत का पैगाम देता है. ऐसा कहा जाता है कि इस महीने में आप एक दूसरे से अपने गिले शिकव दूर कर लें और एकता बनाने की कोशिश करें. किसी को दुख पहुंचाया हो तो मांफी मांग लें इससे अच्छे रिश्तों की शुरूआत होती है और आपका रब आपसे राजी होता है. रमजान लोभ, माया, मोह, काम और क्रोध जैसी बातों पर काबू करना सीखाता है. इस मुबारक महीने में रोजा, नमाज, फितरा और जकात निकालने का विशेष महत्व होता है.
रोजा रखने से आपको भूख और प्यास का एहसास होता है जिससे आप उन जरूरतमंदों की तकलीफ को समझ सकते हैं जिनके पास खाने के लिए रोटी नहीं है. इसलिए खुदा ने संपत्ति खर्च करने के भी निर्देश दिए हैं. जो संपत्ति आपके पास है वह सिर्फ भोग का साधन है. आपके संपत्ति में गरीब, दुखियो का भी हिस्सा होता है. इसलिए आप उनपर थोड़ा खर्च करें और नेकीयां कमाएं. रमजान महीने के खत्म होने पर ईदुल फितर मनाया जाता है.
रोजा आप अपने रब को खुश करने के लिए रखते हैं इसलिए इसमें किसी प्रकार का कोई दिखावा ना करें. पूरे मन से रोजा रखें और किसी को सताना, परेशान करना, गाली गलौज करना इन सब नियंत्रण करें. ऐसा करने से आपको अपने ऊपर विश्वास होने लगता है. आपका आत्मविश्वास भी बढ़ता है. आप समझने लगते हैं कि आप अपने जरुरतों पर काबू रख सकते हैं. आप अपने ख्वाहिशों के गुलाम नहीं हैं. दूसरों की जरूरत का ख्याल रखनेवाला बंदा अपने खुदा के सबसे नजदीक होता है. जिस्म के हर हिस्से पर नियंत्रण रखने का मतलब रोजा है.

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'कैटरीना' ने रोका, मोदी का वीजा?

नई दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका वीजा देने का मामला तूल पकड़ते जा रहा है. गौरतलब है कि एक अंतर्राष्ट्रीय टीवी चैनल से अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक स्वतंत्रता पर नजर रखने वाली संस्था की अध्यक्ष कैटरीना लैंटोस स्वेट का मोदी पर रुख कड़ा है. उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि भारतीय जनता जब भी वोट डालने जाए तो वो मोदी को लेकर जो अंतरराष्ट्रीय दुविधाएं हैं उनको ध्यान में रखे.
कैटरीना ने यह भी कहा है कि, 'कुछ महीनों पहले जब हिलेरी क्लिंटन विदेश मंत्री थी तो  उन्हें पत्र लिखकर इस संस्था ने मोदी के वीज़ा पर रोक लगाए रखने की सिफ़ारिश की थी और वर्तमान विदेश मंत्री जॉन केरी का रुख क्या होगा इसका उनके पास कोई संकेत नहीं है. हमारे पास ऐसी कोई जानकारी अभी तक नहीं मिली जिसके बाद हम अपना फैसला बदल सकें क्योंकि नरेंद्र मोदी के ऊपर न केवल 'गुजरात में हुए बर्बर दंगों की जिम्मेदारी का दाग है, बल्कि उन्होंने दंगें बीत जाने के दस साल बाद भी पीड़ितों के राहत और पुनर्वास के लिए कुछ ख़ास नहीं किया है.'
कैटरीना ने अपने एक बयान से अमेरिकी सरकार को भी चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार हमारे विरूद्ध कभी फ़ैसला लेने की सोचती है तो हम उनकी खुलकर आलोचना कर सकते हैं और उन पर नैतिक दबाव डाल सकते हैं.
गौरतलब है कि संघीय क़ानून के तहत बनाई गई धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा करने वाली ये संस्था स्वतंत्र मानी जाती है. इसमें अमेरिकी रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों ही पार्टियों का प्रतिनिधत्व होता है. उल्लेखनीय है कि इस संस्था के फैसले स्वीकार करने के लिए अमेरिकी सरकार बाध्य नहीं है.

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एक लाख में खरीदिए टाइगर को
नागपुर : आपने लोगों को कुत्ता, बिल्ली, तोता, कबूतर और खरगोश पालते हुए देखा होगा लेकिन अब आप टाइगर भी पाल सकते हैं. टाइगर के साथ साथ आप भालू और इसी प्रकार के अन्य जानवर भी पाल सकते हैं. जी हां, नागपुर का महाराजगंज चिड़ियाघर आपको ऐसा ही एक सुनहरा मौका दे रहा है जिसमें आप तर फीस देकर टाइगर, भालू, तेंदुए, भेड़िए और सियार जैसे जानवरों को गोद ले सकते हैं. गौरतलब है कि एक लाख रूपये देकर टाइगर को गोद लिया जा सकता है.
इस चिड़ियाघर ने अपने यहां मौजूद 365 जानवरों को गोद देने की यह खास योजना शुरू की है. इनमें 4 बाघ, 8 तेंदुए, भेड़िए, भालू, नील गाय, काला हिरन, मोर महरमच्छ, बंदर और कई तरह के पक्षी शामिल हैं. आपको बता दें कि यह अनोखी योजना एक खास मकसद से शुरू किया गया है. चिड़ियाघर के प्रभारी सुनील बावस्कर के अनुसार इस योजना का उद्देश्य पैसा कमाना नहीं बल्कि पशुओं की संरक्षण प्रक्रिया से लोगों को जोड़ना है. उनका कहना है कि अगर लोग पशुओं के खाने की व्यवस्था करें या फिर किसी अन्य तरीके से भी उससे जुड़ना चाहें तो भी उनका स्वागत है. पशुओं को 3 से 6 महीने के लिए भी गोद लिया जा सकता है और इसका शुल्क अवधि के अनुसार भरना होगा. आप एक काले हिरन को एक साल के लिए 4000 रूपये में गोद ले सकते हैं. साल भर में इसके रखरखाव पर लगभग 1 लाख का खर्चा आएगा.
बावस्कर के अनुसार स्थानीय लोग इस कार्यक्रम में रूची ले रहे हैं और अधिकारियों से प्रश्न पूछ अपनी उलझनों को हल कर रहे हैं. इस योजना के अंतर्गत गोद लेनेवालों के लिए कुछ पारितोषिक की घोषणा भी की गई है. पारितोषिक में गोद लिए गए पशु की तस्वीर, उसके बारे में व्यापक जानकारी, पांच लोगों के लिए एक साल का कॉम्पलिमेंट्री पास, फ्रेम किया हुआ आधिकारिक प्रमाणपत्र, उस पशु के बाड़े के बाहर गोद लेनेवाले का नाम पट्टिका लगाना आदि शामिल है.

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अमर्त्य सेन राजनीति में दखल ना दें – उद्धव ठाकरे
नई दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अमेरिका का वीजा नहीं दिए जाने का मामला तूल पकड़ते ही जा रहा है. इसी तर्ज पर अब अमर्त्य सेन भी निशाने पर हैं. गौरतलब है कि एक अंग्रेजी चैनल को दिए साक्षात्कार में मशहूर अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा था कि, 'एक भारतीय नागरिक होने के नाते मैं नहीं चाहता कि मोदी देश के प्रधानमंत्री बनें. उन्होंने अल्पसंख्यकों को सुरक्षित महसूस कराने के लिए कुछ नहीं किया है.' सेन के इस बयान के बाद राजनीति के गलियारों में बहस नए सिरे से शुरू हो गई.
आपको बता दें कि सेन के इस बात से झल्लाए भाजपा सांसद चंदन मित्रा ने कहा कि, 'अमर्त्य सेन नहीं चाहते हैं कि मोदी देश के प्रधानमंत्री बने. क्या सेन भारत में मतदाता हैं? अगली एनडीए सरकार को उनसे भारत रत्न वापस ले लेना चाहिए.' वहीं दूसरी ओर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी सेन को सलाह दी है. उद्धव ठाकरे ने मोदी का पक्ष लेते हुए लिखा कि मोदी एक राज्य के मुख्यमंत्री हैं. किसी आतंकी संगठन के मुखिया नहीं जो उनके वीजा का विरोध किया जा रहा है. उद्धव ठाकरे ने अपने मुखपत्र सामना में लिखा कि अमर्त्य सेन से भारत रत्न लेने की मांग गलत है लेकिन उन्हें राजनीति में दखल नहीं देना चाहिए.
उल्लेखनीय है कि नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने नरेंद्र मोदी के विकास मॉडल की भी आलोचना की और कहा कि वह मोदी के मॉडल के पक्ष में नहीं हैं.

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बेकसूर हूं मैं – सलमान खान
मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : सलमान खान पर कसा शिकंजा और मजबूत होता दिखाई दे रहा है. मुंबई की एक अदालत ने हिट एंड रन मामले में सलमान खान के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या सहित अन्य आरोप तय किए, जिससे इस मामले की अदालत में सुनवाई का रास्ता साफ हो गया. गौरतलब है कि सलमान खान को इस मामले में 10 साल के कारावास तक की सजा हो सकती है. वहीं दूसरी ओर सलमान ने सुनवाई के दौरान जज से कहा कि, 'मैं बेकसूर हूं.'
आपको बता दें कि सलमान पर भारतीय दंड संहिता(आईपीसी) की धारा 304 (2) (गैरइरादतन हत्या) के अलावा धारा 279 (लापरवाही से मौत), धारा 337(चोट पहुंचाना), धारा 338(गंभीर चोट पहुंचाना), धारा 427 (संपत्ति को नुकसान पहुंचाना) और मोटर वाहन अधिनियम तथा बंबई निषेध अधिनियम के कई प्रावधानों के तहत आरोप तय किए गए हैं. न्यायाधीश यूबी हजीब ने 19 जुलाई को सलमान से 11 साल पुराने इस मामले में आरोप तय होने के संबंध में पेश होने के लिए  कहा ताकि सुनवाई शुरू हो सके. सलमान ने सुनवाई के दौरान निजी रूप से उपस्थित होने की छूट मांगी जिसे मंजूर कर लिया गया है हालांकि उन्हें निर्देश दिया कि अदालत को जब भी जरूरत हो वह उसके सामने पेश होंगे.
गौरतलब है कि सुनवाई की शुरूआत में न्यायाधीश ने तबादला होने का हवाला देते हुए आरोप तय करने के लिए इस मामले पर विचार करने में अपनी अक्षमता जाहिर की लेकिन अभियोजक शंकर इरांडे ने कहा कि आरोप आज ही तय होने चाहिए क्योंकि अभिनेता दो महीने के लिए विदेश जा रहे हैं जिससे सुनवाई में और देरी हो सकती है. उनके आग्रह पर न्यायाधीश ने सलमान पर लगे आरोप पढ़कर सुनाए. हालांकि सलमान ने इन आरोपों में जुर्म कबूल करने से इंकार कर दिया.
उल्लेखनीय है कि 28 सितंबर 2002 को उपनगर बांद्रा में एक बेकरी के बाहर फुटपाथ पर सो रहे लोगों को एक लैंडक्रूजर गाड़ी से कुचल दिया गया था जिसमें एक व्यक्ति की मौत हुई थी जबकि चार अन्य घायल हुए थे. यह गाड़ी कथित रूप से सलमान खान चला रहे थे. सलमान के वकील श्रीकांत शिवाडे ने अदालत से अनुरोध किया कि मीडिया को संयम बरतने का निर्देश दिया जाए क्योंकि इस मामले को बहुत ज्यादा उछाला जा रहा है और कार्यवाही के बारे में सही तरह से खबर नहीं दी जा रही है.
सत्र न्यायालय ने 24 जून को एक मजिस्ट्रेट के आदेश को बरकरार रखा था जिसमें कहा गया था कि बालीवुड अभिनेता के खिलाफ गैरइरादतन हत्या का अपराध बनता है और इस फैसले के खिलाफ सलमान की अपील खारिज कर दी गई थी. इससे पहले अभिनेता के खिलाफ एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में लापरवाही से मौत(आईपीसी की धारा 304ए) के मामले में सुनवाई हुई थी जिसमें केवल दो साल की अधिकतम सजा का प्रावधान है. सलमान के खिलाफ अब गैरइरादतन हत्या के आरोप में मामला चलेगा जिसमें उन्हें अधिकतम 10 साल की सजा हो सकती है.

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