Saturday, October 26, 2013

FeedaMail: Pits News Paper

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इंदिरा गांधी ने अपनी करतूतों की कीमत चुकाई है – हरसिमरत कौर

नई दिल्ली : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने चुरू में भाषण के दौरान अपनी दादी भूतपूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी तथा पिता राजीव गांधी की हत्याओं का जिक्र किया था. राहुल के इसी बयान पर पंजाब के उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की पत्नी हरसिमरत कौर बादल ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई. सांसद हरसिमरतने कहा कि, 'श्रीमती इंदिरा गांधी उस समय कर क्या रही थीं, जब वह दूसरों के बेटों और पतियों को मार रही थीं? वह क्या सोच रही थीं? एक पूजा की जगह, जिसके लिए हर सिख के दिल में श्रद्धा है. वह वहां जाती हैं, उस जगह को तबाह कर देने और लोगों को मार डालने का हुक्म देती हैं. उन्होंने क्या सोचा था, वह इसके बाद बचकर निकल जाएंगी?'

गौरतलब है कि हरसिमरत का इशारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा अमृतसर के स्वर्णमंदिर में छिपे उग्रवादियों को खदेडऩे के लिए सेना को भेजे जाने का आदेश देने की ओर था. हरसिमरत कौर बादल ने इसके अलावा यह भी कहा कि वर्ष 1984 के दंगों में हजारों बेकसूर सिखों की हत्या की गई और उसके 29 साल बाद भी दंगाइयों को उकसाने के आरोपी खुलेआम आज़ाद घूम रहे हैं. इतना ही नहीं हरसिमरत  ने साफकहा कि, 'आप लोगों ने सिर्फ अपनी करतूतों की कीमत चुकाई है.'

बता दें कि राहुल ने रैली में कहा था कि बेअंत सिंह और अन्य लोग मेरी दादी इंदिरा गांधी पर एक हथगोला फेंकना चाहते थे, इस बात का एहसास मुझे बाद में हुआ. मेरा गुस्सा शांत होने में 10-15 साल लग गए. इसके साथ ही राहुल ने कहा था कि, 'मुझे लगता है कि ये लोग पापा राजीव गांधी और दादी की तरह शायद एक दिन मुझे भी मार सकते हैं.'

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डॉ.हर्षवर्धन होंगे दिल्ली भाजपा के मुख्यमंत्रीपद के उम्मीदवार

नई दिल्ली : दिल्ली में भाजपा संसदीय बोर्ड की बैठक खत्म होने के बाद भाजपा ने दिल्ली में शीला के सामने भाजपा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में हर्षवर्धन को खड़ा कर दिया है. गौरतलब है कि बैठक में राजनाथ सिंह ने कहा कि सर्वसम्मति से हर्षवर्धन के नाम का ऐलान किया गया है. विजय गोयल ने भी हर्षवर्धन के नाम पर अपनी सहमति जताई हैं. लालकृष्ण आडवाणी ने हर्षवर्धन को मुख्यमंत्री प्रत्याशी बनाए जाने पर बधाई दी और कहा कि विजय गोयल ने भी पार्टी के संसदीय बोर्ड का फैसला माना है.

आपको बता दें कि हर्षवर्धन को मुख्यमंत्रीपद के लिए खड़ा करने के पीछे भाजपा का मकसद दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की उम्मीदवारीके लिए एक ऐसा व्यक्ति चुनना था, जिसकी इमेज क्लीन हो और जिसकी ईमानदारी पर विरोधी दल भी उंगली न उठा पाएं. इसलिए भाजपा ने इसके लिए हर्षवर्धन को लाने का फैसला किया है. दूसरी ओर ऐसा भी माना जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से महज डेढ़ महीने पहले भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित करने के फैसले के पीछे दो बड़ी वजहें हो सकती हैं. जिसमें से पहली आम आदमी पार्टी(आप) के असर को कम करना और दूसरी क्लीन इमेज के नेता को पार्टी के चेहरे के रूप में पेश करना.

सूत्रोंसे मिली जानकारी के अनुसार भाजपा मान रही है कि अरविंद केजरीवाल सीधे-सीधे कांग्रेस को फायदा पहुंचाएंगे. इसलिए कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की लड़ाई के बीच भाजपा पिछड़ती लग रही थी. ऐसे में ईमानदार छवि वाले हर्षवर्धन के नाम पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और नरेंद्र मोदी ने भी सहमति जता दी है.

उल्लेखनीय है कि हर्षवर्धन राष्ट्रीय स्वयं संघ के पुराने कार्यकर्ता रहे हैं. 1993 में दिल्ली की कृष्णानगर सीट से हर्षवर्धन ने चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी. हर्षवर्धन दिल्ली की पहली विधानसभा के सदस्य बने और भाजपा सरकार में स्वास्थ्य और कानून मंत्री रहे. 1996 में उन्हें शिक्षा मंत्रालयकी जिम्मेदारी मिली. इसके बाद 1998, 2003 और 2008 में हर्षवर्धन कृष्णानगर सीट से ही चुनाव जीते हैं. नेता के साथ-साथ एक डॉक्टर के तौर पर भी हर्षवर्धन खासे कामयाब हैं. बता दें कि हर्षवर्धन ने ही सबसे पहले दिल्ली में पोलियो रोकने के कार्यक्रम की शुरुआत की थी. पोलियो कार्यक्रम पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भी हर्षवर्धन की तारीफ कर चुके हैं.

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…..त्यांच्या मुलांनी 'पापा को मार डाला' म्हणून भिक्षांदेही सुरू केली नाही – भाऊ तोरसेकर

डॉ. नरेंद्र दाभोळकरांची ही दोन मुले. त्यांच्या पित्याची भर रस्त्यावर हत्या झाली आणि त्या समाजेसेवकाचे कुणाशीही वैर नव्हते. इतके होऊनही त्यांच्या मुलांनी 'पापा को मार डाला' म्हणून भिक्षांदेही सुरू केली नाही. आज दोन महिने उलटून गेल्यावरही त्या हत्याकांडाचा तपास मार्गी लागू शकलेला नाही. त्यांच्या वेदना, घुस्सा राहुलना कधी उमगला आहे काय? कुठल्या सत्ता वा अधिकार पदासाठी ना पिता धावला ना मुलांनी अपेक्षा केली. खुनाचा तपास व्हावा आणि गुन्हेगारांना शिक्षा व्हावी; इतकी त्यांची माफ़क अपेक्षाही राहुल कृपेने मुख्यमंत्रीपदी बसलेले सत्ताधारी पुर्ण करू शकलेले नाहीत. त्या मुलांनी काय करावे? की त्यांच्या पित्याच्या संघर्ष, समर्पणाला हौतात्म्य म्हणत नाहीत?

तुकाराम ओंबळे यांची ही विशीतली कन्या वैशाली. तिने कधी 'मेरे पापा को मार डाला' म्हणत कोणासमोर टाहो फ़ोडला नाही, की सहानुभूतीचा वाडगा नाही फ़िरवला. शेकडो निरपराध लोकांचे जीव घेत सुटलेल्या कसाबला पकडताना तिचा पिता शहीद झाला. वैशालीसह त्यांचे सारे कुटुंब उघड्यावर पडले आहे. डोक्यावरचे पितृत्वाचे छत्र तिने गमावले आहे. त्यांनी कधी जाहिरसभेत येऊन टाहो फ़ोडला नाही, की आपल्या मनात घुस्सा आहे म्हणून कुठे भाषणबाजी केली नाही. तिचा पिता कुठली निवडणूक लढवताना किंवा सत्तेचे उपभोग घेताना बळी गेलेला नाही.

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आधार कार्ड जारी करने को संसद की मंजूरी नहीं मिली है – भाजपा

नई दिल्ली : हाल में विवादों का सामना कर रहे यूआईडीएआई पर भाजपा ने प्रहार करते हुए कहा कि नागरिकों को जारी किए जा रहे आधार कार्ड को संसद की मंजूरी नही मिली है और संसद की स्थायी समिति इस योजना को नामंजूर कर चुकी है.

आपको बता दें कि भाजपा की उपाध्यक्ष स्मृति ईरानी ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि वास्तविकता यह है कि इस विशेष कार्ड को जारी करने की अनुमति देनेवाले भारतीय राष्ट्रीय पहचान प्राधिकरण विधेयक, 2010 को वित्त संबंधी संसद की स्थायी समिति अस्वीकार कर चुकी है. उन्होंने कहा कि, 'आश्चर्य की बात यह है कि जिस विशिष्ट कार्ड को जारी करने के विचार को संसद ने अनुमति नहीं दी वह बायो-मेट्रिक आंकड़े एकत्र कर रहा है जोकि निजता के संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन है.'

आधार कार्ड योजना का विरोध करने वाली भाजपा का कहना है कि जिनके पास प्रामाणिक दस्तावेज या नागरिकता नहीं है, उन्हें आधार कार्ड जारी नहीं किए जाने चाहिए. उसके अनुसार कई अवैध प्रवासियों को आधार कार्ड जारी हो रहे हैं. ईरानी के अनुसार संप्रग सरकार अपनी महत्वकांक्षी योजनाओं में आधार कार्ड को गिनाती है जब कि हकीकत यह है कि इसे संसद की मंजूरी नहीं है और उच्चतम न्यायालय में भी इस पर विवेचना हो रही है और शीर्ष अदालत के फैसले का सबको इंतजार है.

उल्लेखनीय है कि इसी कार्यक्रम में ईरानी से पहले यूआईडीएआई के अध्यक्ष नंदन नीलेकणि ने कहाकि प्राधिकरण अगले कुछ महीनों में लक्ष्य से पहले ही 60 करोड़ आधार नंबरजारी कर देगा. उन्होंने कि, 'अभी तक 46 करोड़ आधार नंबर जारी हो चुकेहैं. 2014तक 60 करोड़ आधार नंबर जारी करने का लक्ष्य रखा गया था, हालांकि इसे समय से पहले ही पूरा कर लिया जाएगा.'

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सलमान खान करेंगे 10 हसीनाओं के साथ रोमांस

मुंबई(पिट्स फिल्मप्रतिनिधि) : बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान अपनी सुपरहिट फिल्म ‘नो एंट्री’ के सीक्वल में 10 हसीनाओं के साथ रोमांस लड़ाते नजर आएंगे.
बॉलीवुड प्रसिद्ध निर्माता बोनी कपूर अपनी सुपरहिट फिल्म ‘नो एंट्री’ का सीक्वल ‘नो एंट्री में एंट्री’  बनाने जा रहे हैं. इस फिल्म में सलमान खान और अनिल कपूर पिछली फिल्म की तरह ही अपने किरदार को साकार करते नजर आएंगे.

आपको बता दें कि इस फिल्म में सलमान 10 हसीनाओं के साथ सिल्वरस्क्रीन पर रोमांस करते नजर आएंगे. इस फिल्म की शूटिंग अगले वर्ष शरू की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2005 में प्रदर्शित बोनी कपूर निर्मित और अनीस बज्मी निर्देशित ‘नो एंट्री’ में सलमान खान और अनिल कपूर के अलावा लारा दत्ता, फरदीन खान, बिपाशा बसु, एशा देओल और सेलीना जेटली ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

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बिहार में दो सहेलियां बंधी शादी के बंधन में

पटना : जो चीजें भारत में नामुमकिन नज़र आती थीं अब वह मुमकिन नज़र आ रही है.जी हांज बातें अब तक हम फिल्मों में देखा करते थे अब वह असल जिंदगी में भी होने लगी है. गौरतलब है कि दीपा मेहता की फिल्म 'फायर' में जिस तरह से समलैंगिक प्रेम को दिखाया गया था उसी तरह बिहार के राजधानी पटना में भी एक घटना घटी है. पटना की दो सहेलियोंने एक दूसरे के प्रेम में साथ रहने का फैसला कर लिया और विवाह के बंधन में बंध गईं.

आपको बता दें कि यह दोनों सहेलियां घर से भागकर न केवल पति-पत्नी की तरह जी रही हैं, बल्कि पत्नी बनी सहेली अपने कथित पति की लंबी आयु के लिए प्रतिदिन मांग में सिन्दूर भी लगा रही है. यह मामला तब प्रकाश में आया जब दोनों सहेलियां सीता और गीता(बदला हुआ नाम) अपने घर से लापता हो गईं और मामला पुलिस के सामने पहुंच गया. पुलिस ने दोनों सहेलियों को रोहतास जिले के सासाराम के एक धर्मशाला से पकड़ लिया, जहां एक के मांग में सिन्दूर था और एक पुरुष की पोशाक में थी.

पटना के एक पुलिस अधिकारी के अनुसार फुलवारी शरीफ  थाना में सीमा के पिताने 6 अक्टूबर को एक मामला दर्ज कराया था जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी पुत्री को महुआबाग की उसकी दोस्त रीमा और उसके परिजन भगा कर ले गए. इस मामले में छानबीन के बाद पुलिस ने दोनों को सासाराम के एक धर्मशाला से पकड़ा. फुलवारी शरीफ  के थाना प्रभारी एन.के. रजक ने बताया कि दोनों को मोबाइल टावरलोकेशन द्वारा पकड़ा जा सका. दोनों ने नर्सरी से लेकर 12 वीं तक की पढ़ाई साथ में की थी और इसी दौरान उनमें गहरी दोस्ती हो गई. सीमा शुरू से ही पुरुषों के लिबास पहनती थी, बाद में दोनों के परिजनों को यह दोस्ती खटकनेलगी और दोनों पर परिजनों ने मिलने पर पाबंदी लगा दी. इसी बीच दोनों सहेलियां 4 अक्टूबर को घर से भाग गईं और सासाराम में विवाह कर एक साथ रहने लगीं. रजक के अनुसार दोनों का कहना है कि वे एक-दूसरे के बगैर नहीं रह सकतीं.

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चुनाव प्रसार के लिए पार्टियां घरों पर नहीं लगा सकेंगी पोस्टर और झंडे

नई दिल्ली : चुनाव के नजदीक आते ही सभी पार्टियां प्रचार-प्रसार में जुट गई हैं लेकिन आपको बता दें कि दिसंबर में होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रचार के दौरान उम्मीदवार लोगों के घरों पर उनकी अनुमति के बावजूद भी पोस्टर और झंडे नहीं लगा सकेंगे. यह फैसला दिल्ली चुनाव आयोग द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों में शामिल है.

बता दें कि इससे पहले प्रत्याशी अपने इलाके में लोगों के घरों की छत और बालकनियों में अपनी पार्टी के पोस्टर और झंडे लगाकर खूब जोर-शोरसे प्रचार करते थे. मकान मालिकों की अनुमति नहीं मिलने के बाद भी उनके घरों पर पोस्टर और झंडेलगाए जाते थे. लेकिन इस बार प्रत्याशियों द्वारा ऐसा करना उनके लिए हानिकारक साबित हो सकता है. ऐसा करने पर उसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा.

आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के नोडल अधिकारी(चुनाव आचारसंहिता) अंकुर गर्ग ने यह जानकारी दी है. इसके अलावा सभी प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार के खर्च पर आयोग पैनी नजर रखेगा. साथ ही खर्च का छाया रजिस्टरभी बनाया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि एक प्रत्याशी अपने प्रचार पर अधिक से अधिक 14 लाख रुपए तक ही खर्च कर सकता है. 14 लाख रुपए के लिए उम्मीदवार को बैंक में अलग से खाता खोलना होगा जिस खाते का प्रयोग सिर्फ प्रचार के खर्च के लिए ही किया जा सकेगा. इस खाते पर आयोग भी अपनी नजर रखेगा.

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यश चोपड़ा पुरस्कार से सम्मानित हुईं लता मंगेशकर

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि): संगीत की दुनिया में ऐसा कौनसा खिताब होगा  जिससे लता मंगेशकर को नहीं नवाजा गया होगा. सुर की देवी, स्वर कोकिला जैसे कई नामों से विख्यात हैं महानगायिका लता मंगेशकर. गौरतलब है कि लता मंगेशकर को पहला यश चोपड़ा स्मृति पुरस्कार दिया गया. सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी द्वारालता को यह पुरस्कार सिनेमा के क्षेत्र में उनके अद्भुत योगदान के लिए दिया गया है.

बता दें कि पुरस्कार मिलने के बाद लता मंगेशकर ने कहा कि मैं तीन दिनों से बीमारहूं और डॉक्टरों में मुझे आराम करने और कहीं बाहर नहीं जाने की सलाह दी है लेकिन मैं यहां आना चाहती थी इसलिए खुद आकर ये सम्मान प्राप्त किया और मुझे यहां आकार बहुत अच्छा लगा. उन्होंने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मैं पुरस्कार या 10 लाखरुपए के लिए यहां नहीं आई. यश जी विशेष थे और मेरे हृदय के करीब थे. लता जी ने यहभी कहा कि पिछले साल वो यशजी से उनके निधन से पहले नहीं मिल पाईं और इसका उन्हें दुख है.

उल्लेखनीय है कि इस कार्यक्रम में अनिल कपूर, जितेंद्र, रानी मुखर्जी, हेमा मालिनी, अक्षय कुमार, सुभाष घई, सिमी ग्रेवाल, सोनाली बेंद्रे, श्रीदेवी, बोनी कपूर, अनुष्का शर्मा, जैसी कई बालीवुड हस्तियां मौजूद थीं.

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मैं ही हूं 'कृष 3′ की हिरोइन – प्रियंका चोपड़ा

मुंबई(पिट्सफिल्म प्रतिनिधि) : हाल ही में हुई एक साक्षात्कारके दौरान प्रियंका चोपड़ा ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि 'कृष 3′ की हिरोइन कोई और नहीं, वही हैं. गौरतलब है कि कृष-3 में अभिनेत्री कंगना रनावत भी हैं और प्रियंका का कोई और से मतलब कंगना रनौत से ही है.

गौरतलब है कि प्रियंका ने इस फिल्म में डबल रोल किए हैं जो कि काफी इंटरेस्टिंग वेज़ से उभर के नजऱ आ रहे हैं. फिल्म में वे ऋतिक की वाइफ बनी है लेकिन बीच में उनके करैक्टर के साथ कुछ होता है और फिर उनका करैक्टर बेड में तब्दील हो जाता है. प्रियंका का मानना है कि कंगना का रोल भी काफी रोचक है और यदि उन्हें ऐसा करने का मौका मिलता, तो वह उसे जरुर करतीं.

प्रियंक का कहना है कि कंगना ने गजब का काम किया है. वह बहुत स्टनिंग और सुंदर दिख रही है अपने कैरेक्टर में. हालांकि इस फिल्म की हेरोइन मैं ही हूं. उल्लेखनीय है कि हिंदी सिनेमा के लिए 'कृष-3'बेहद नई चीज लेकर आया है, जो की दर्शकों को देखने से पता चल ही जाएगा.

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हाफिज सईद आतंकवादियों को उकसा रहा है – सुशील कुमार शिंदे

जम्मू : केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कुख्यात आतंकवादी हाफिज सईद को मोस्ट वांटेड अपराधी करार दिया और पाकिस्तान को उसे भारत को सौंपने के लिए कहा. गौरतलब है कि शिंदे ने सांबा में सीमा सुरक्षा बल की 68 वीं बटालियन के मुख्यालयमें सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि, 'आतंकवादी संगठन जमाउत दावा का प्रमुख हाफिज सईद भारत के लिए मोस्ट वांटेड अपराधी है और हम चाहते हैं कि पाकिस्तान उसे हमें सौंप दे. सईद के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस पहले ही जारी किया जा चुका है.'

शिंदे के अनुसार उन्हें जानकारी मिली है कि हाफिज सईद सीमा पार से भारत में प्रवेश के लिए आतंकवादियों को उकसा रहा है. वहीं दूसरी ओर शिंदे ने पाकिस्तान के साथ बातचीत के बारे में कहा कि, 'वार्ताके लिए सौहाद्र पूर्ण माहौल आवश्यक है और इसके लिए पहले पाकिस्तान को पहलकरनी होगी. वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए अच्छा माहौल बनाना होगा. '

गृहमंत्री के अनुसार भारत और पाकिस्तान के महानिदेशक  सैन्यसंचालन के बीच होनेवाली बैठक में दोनों देशों के सभी संबंधित मुद्दों को उठाया जाएगा. यह बैठक शीघ्र होने वाली है. उल्लेखनीय है कि शिंदे एक दिन के दौरे पर यहां आए. वह सीमा की स्थिति की समीक्षा के अलावा जम्मू, कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के साथ सुरक्षा संबंधी एक बैठक की अध्यक्षता भी की.

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सोनाक्षी अब थिरकेंगी बंगाली लोक नृत्य पर

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड में सोनाक्षी सिन्हा ने अपने अभिनय से बहुत ही कम समय में अच्छी पहचान बनाली है. उनकी इस कामयाबीके पीछे उनकी मेहनत नज़र आती है. वह हमेशा अपने किरदार के लिए नई-नई चीजें सीखती हैं. गौरतलब है कि जल्द ही सोनाक्षी फिल्म 'बुलेट राजा' में दर्शकों का मनोरंजन एक नए रूप में करती दिखाई देंगी. फिल्म में वह पहली बार एक बंगाली महिला की भूमिका निभा रही है जिसके लिए उन्होंने बाकायदा पारम्परिक बंगाली नृत्य भी सीखा है.

सोनाक्षी ने हमेशा से ही अपने प्रशंसकों को अपनी सादगी तथा सुंदरतासे दीवाना बनाए रखा है और एक बार फिर वह उन्हें अपने रूप तथा अभिनय से मदहोश करने की पूरी तैयारी कर चुकी है. फिल्म में अपनी भूमिका के लिए सोनाक्षी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है. इसमें वह एक बंगाली लोक नृत्य 'झूमर नृत्य' करती भी दिखाई देगी. यह एकपारम्परिक बंगाली नृत्य है जो सारे बंगाल में किया जाता है.

फिल्म में उनके लुक के बारे में पूछने पर सोनाक्षी का कहना है कि ,'दूसरी बार मैंबंगाली महिला की भूमिका निभा रही हूं. इससे पहले फिल्म 'लुटेरा' में भीमैं बंगाली बनी थी परंतु 'बुलेट राजा' में मैं आज की बंगाली महिला बनी हूं. इस भूमिका में मुझे पूर्णत: पारम्परिक अनुभव हुए हैं. मुझे वह परिधान बहुतपसंद आए.' सोनाक्षी ने यहभी कहा कि फिल्म में अपने बंगाली लुक में मुझेबहुत मजा आया.बंगाली परिधानों को पहनने के बाद हर कोई हैरान था कि मैं सच में किस हद तकबंगाली लगती हूं.' लेकिन यह तो वक्त हीबताएगा किसोनाक्षी को इस लुक में उनके फैंस कितना अपनाते हैं.

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क्या डॉ.हर्षवर्धन दिल्ली में भाजपा के मनमोहन सिंह हैं?अरविंद केजरीवाल

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी(आप) के सांस्थापक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा कि भ्रष्टाचार में डूबी भाजपा ने हर्षवर्धन को अपना चेहरा बनाया है. हालांकि इतने सालों तक एमसीडी में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए हर्षवर्धनने क्या किया? गौरतलब है कि आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली भाजपा पर जमकर निशाना साधा.

उन्होंने ट्वीट किया कि सभी में मुख्यमंत्री बनने की होड़ मची है क्योंकि पैसा कमाना है. हर्षवर्धन भाजपा के मनमोहन सिंह है. साफ छवि, ईमानदार और कम बोलते हैं, जिस तरह कांग्रेस में मनमोहन के नाम पर भ्रष्टाचार होता है, उसी तरह भाजपामें भी होगा.

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प्रियंका चोपड़ा ने कैंसर वार्ड के लिए दिए 50 लाख रूपए

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा ने अपने पिता की याद में एक उपनगरीय अस्पतालमें कैंसर वार्ड बनवाने के लिए 50 लाख रूपए दान में दिए हैं. गौरतलब है कि 31 वर्षीय प्रियंका के पिता डॉक्टर अशोक चोपड़ा का निधन कैंसर के कारण इस साल जून में हो गया था. प्रियंका ने यह राशि नानावती अस्पताल में हैल्थ केयर ग्लोबल एंटरप्राइजेज कैंसर सेंटर के कैंसर रोगियों की मदद के लिए दिए हैं. प्रियंका ने अस्पताल में कैंसर रोगियों के लिए बनाए गए क्षेत्र का उद्घाटन मंगलवार की शाम को अपनी मां की मौजूदगी में किया.

इस मौके पर प्रियंका काफी भावुक हो गईं और कहाकि, 'यह बहुत भावनापूर्ण कार्य है क्योंकि कुछ ही माह पहले इसकी वजह से मेरे पिता का निधन हो गया. मुझे उनकी कमी बहुत खलती है. ऐसा किसी के साथ नहीं होना चाहिए. इस कार्य के साथ जुड़कर मैं गर्व महसूस कर रही हूं.'

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मुझे जान-बूझकर परेशान किया जा रहा है – अशोक खेमका

चंडीगढ़ :  हरियाणा सरकार द्वारा दूसरी चार्जशीट थमाने की तैयारी के बीच आई.ए.एस. अधिकारी अशोक खेमका ने आरोप लगाया है कि उन्हें परेशान किया जा रहा है और ‘खुली सार्वजनिक लूट’ को उजागर करने के मामले में उनका पक्ष सुने बगैर उन्हें सरेआम अपमानित किया जा रहा है. बता दें कि खेमका कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के विवादित जमीन संबंधी सौदों पर सवाल उठानेके बाद चर्चा में आए थे.

गौरतलब है कि हरियाणा के मुख्य सचिव पी.के.चौधरी को लिखे गए 11 पन्नों के एक पत्र में खेमका ने मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के प्रधान सचिव एस.एस.ढिल्लन पर कटाक्ष किया और आरोप लगाया कि वह वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मिलकर उनके खिलाफ एकजुट हो गए हैं. खेमका का कहना है कि राजनीतिक आकाओं के मन के मुताबिक नहीं चलने की वजह से उन्हें कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि, 'मेरा सबसे बड़ा गुनाह यह है कि मैंने 15 अक्टूबर 2012 को रॉबर्ट वाड्रा की स्काइलाइट हॉस्पिटैलिटी और डीएलएफ यूनिवर्सल के बीच दाखिल-खारिज को रद्द कर दिया.'

बता दें कि हरियाणा कैडर के इस अधिकारी ने पिछले साल सोनिया गांधी की बेटी प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा और रियल इस्टेट क्षेत्रकी जानी-मानी कंपनी डीएलएफ के बीच जमीन करार के दाखिल-खारिज को रद्द कर दिया था. हरियाणा सरकार अब खेमका को दूसरा आरोप पत्र थमाने की तैयारी में है. खेमका पर इस बार आरोप है कि 15 अक्तूबर 2012 से 4 अप्रैल 2013 तक हरियाणा बीज विकास निगम के प्रबंधक निदेशक के तौर पर अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने गेहूं के बीजों की बिक्री में कथित अनियमितता की.

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लाईफ स्टाइल – गोरा रंग किसे नहीं भाता!

यूं तो रंग सभी खूबसूरत होते हैं लेकिन जब बात हो रंगत की तो लड़कियों को गोरी रंगत सबसे ज्यादा भाती है. वैसे भी वर्तमान समय में खूबसूरतीके साथ गोरापन हर क्षेत्र में ज्यादा आकर्षण का केंद्र रहती है. इसलिए बाजार में ज्यादा से ज्यादा सभी ब्रैंड लड़कियों की इस चाहत को भुनाना चाहते हैं. इसी तर्ज पर साबुन से लेकर क्रीम तक बड़े पैमाने पर बाजार में उपलब्ध है.

शादी-ब्याह में हर लड़की अपने कपड़े, जेवर से ज्यादा गोरा दिखने पर तवज्ज देती है. ज्यादातर लड़कियों के नैन-नक्श बहुत खूबसूरत होते हैं फिर भी वह गोरा दिखने के लिए ना जाने क्या क्या करती नजर आती है और कभी कभी इनकी यही ताम झाम उन्हें बहुत भारी पड़ जाती है.

वास्तव में देखा जाए तो इन लड़कियों को बचपन से ही यह समझाया जाता है कियदि वे और गोरी होतीं तो फिर लाइफ में कोई टैंशन ही नहीं थी. करियर से लेकर पसंदीदा जीवन साथी तक उन्हें आसानी से मिल जाता. यही नहीं यदि किसी की शादी मात्र सांवली रंगत के चलते टूट जाए तो उसकी सहेलियां अपना गोरापन बढ़ाने की तरफ और अधिक ध्यान देना शुरू कर देती हैं. मानो सांवला होना बुरी किस्मत, जबकि गोरा होना अच्छी किस्मत का प्रतीक हो. गोरे रंग को लेकर अक्सर लड़कियों में यह भ्रांति देखी जाती है.

ऐसा नहीं है कि गोरे रंग की चाहत केवल लड़कियों में ही पाई जाती है बल्कि लड़के भी ऐसा रंग पाने क आतुर नजर आते हैं. यदि बात करें गोरा बनाने वाली क्रीमों की तो महिलाएं ही नहीं पुरुषों तक केलिए भी अब गोरा बनाने वाली क्रीमें मार्कीट में उपलब्ध हैं. एक नामी क्रीम बनाने वाली कम्पनी का विज्ञापन तो सीधा दावा करता है कि छह सप्ताह में आप गोरी हो ही जाएंगी तथालव लाइन से लेकर करियर लाइन तक सब चमक उठेगा. सालों लगाने के बाद भी किसीका भ्रम नहीं टूटता और इन्सान गोरा होने की चाहत दिल में समेटे हुए मानो वहीं खड़ा रह जाता है जहां से वह चला था.

इन बातों पर भी नज़र डालें:
- यदि रूटीन में गोरा करने वाली क्रीम का प्रयोग किया जाए तो कई बार चेहरेपर सफेद धब्बे होने की शिकायत भी हो जाती है. यहां तक कि जब यह क्रीम लगानी छोड़ी जाती है तो चेहरे की रंगत कई बार पहले से भी अधिक सांवली हो जाती है.

-सांवले बेटेके लिए गोरी पत्नी ढूंढना, खूबसूरत गोरे रंग की  सैक्रेटरी ढूंढना, दोस्त भी चाहिए तो वह भी गोरी रंगत की हो, यहां तक कि कोई शख्स तभी काबिल माना जाता है, जब वह गोरा और खूबसूरत हो.  जब तक यह मानसिकता नहीं बदली जाएगी, तब तक इसका लाभ गोरा बनाने वाली क्रीमों को ही मिलता रहेगा.

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मुस्लिमों को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की सिफारिश – डॉ. महेमुदूर रहमान कमिटी

मुंबई(िट्स प्रतिनिधि) : महाराष्ट्र सरकार की डॉ. महेमुदूर रहमान कमिटी ने राज्य में मुसलमानों के लिए सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आठ से 10 प्रतिशत आरक्षण देने की सिफारिश की है. गौरतलब है कि समिति की रिपोर्ट गत सोमवार को मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को सौंपी गई. मुसलमानों की शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन का कारणों का पता लगानेके लिए समिति का गठन दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के कार्यकालमें किया गया था.

सरकारी सूत्रों के अनुसार, समिति ने सरकारी नौकरियों में मुस्लिम युवकों की स्थिति, दलित मुसलमानों के हालात, वक्फबोर्ड की जमीन पर प्राइवेट कब्जे की समस्या और समुदाय के शैक्षिक, सामाजिक और आर्थिक पिछड़ेपन की वजह जैसे मुद्दों पर अपनी सिफारिशें दी हैं. डॉ.रहमान ने मुख्यमंत्री चव्हाण को अपनी 200 पन्नों की रिपोर्ट सौंपी. इस समय उनके साथ अल्पसंख्यक विकास मंत्री आरिफ नसीम खान और अल्पसंख्यक विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव टी. एफ.थेक्केकारा साथ थीं.

आपको बता दें कि मई 2008 में केंद्र सरकार के रिटायर्ड सेक्रेटरी और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के पूर्व कुलपति डॉ.रहमान की अध्यक्षता में ‘स्टडी ग्रुप’ का गठन किया गया था. टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस(टीआईएसएस) के प्रो.डॉ.अब्दुल शबान, सरसैय्यद कॉलेज(औरंगाबाद) के पूर्व प्रिंसिपल प्रो.मोहम्मद तिलावत अली, निर्मला निकेतन की डेप्युटी प्रिंसिपल डॉ.फरीदा लांबे, टीआईएसएस की प्रो.डॉ.राणू जैन, एसएनडीटी वीमेंस यूनिवर्सिटी की प्रो.विभूती पटेल व डॉ.वीणा पुनाचा सदस्य के तौर पर शामिल थे.

उल्लेखनीय है कि राजनीतिक, सामाजिक और काफीहद तक आर्थिक तौर पर मजबूत माना जानेवाला मराठा समुदाय जाति के आधार पर महाराष्ट्र में आरक्षण की मांग कर रहा है. उनकी 25 प्रतिशत आरक्षण की मांगपर फैसला किए बिना इस मामले में आगे बढ़ना मुश्किल होगा. लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दल इसका समर्थन करते दिखाई दे रहे हैं. इसको लेकर उस पश्चिम महाराष्ट्र में लहर सी उठती दिखाई दे रही है, जो सत्ताधारी कांग्रेस और एनसीपी का राजनीतिक गढ़ रहा है. मराठों को नजर अंदाज करके किसी भी दूसरेवर्ग को आरक्षण देना आसान नहीं कहा जा सकता. वहीं महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ी जातियों और वीजेएनटी का आरक्षण मिलाकर 52 प्रतिशत पहुंच गया है. इसमें मुसलमानों और मराठा आरक्षण का फैसला करना पड़े तो इसके लिए संविधान में संशोधन करना पड़ेगा. सत्ताधारी पार्टी के पास संसद में इस तरहका बहुमत नहीं है. हालांकि अब देखना यह होगा कि कमिटी के इस सिफारिश के बाद सरकार क्या कदम उठाती है.

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मन्ना डे का हुआ निधन

मन्ना डे का हुआ निधन
नेता से अभिनेता सभी ने जताया शोक

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : जाने-माने गायक मन्ना डे का 24 अक्टूबर की सुबह एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. 94 वर्षीय मन्ना डे को सांस लेने में तकलीफ और गुर्दे की बीमारी के बाद नारायण हृदयालय में भर्ती कराया गया था जहां उनका 3 बजकर 45 मिनट पर निधन हो गया. गौरतलब है कि मन्ना डे के निधन पर देशभर में शोककी लहर सी जाग उठी है. इसके साथ ही नेता से लेकर अभिनेता सभी ने शोक जताया.

आपको बता दें कि मन्ना डे के चले जाने से फिल्म इंडस्ट्री को बहुत बड़ा नुक्सान हुआ है. मनीष तिवारी और नरेंद्र मोदी ने उनके निधन को बड़ा नुकसान बताया है. बॉलीवुड गायिका उषा उत्थप ने कहा मन्ना डे की निधन की खबर से गहरा धक्का लगा है. जावेद अख्तर ने कहा ऐसी जादुई आवाज का मिलना मुश्किल है. मन्ना डे के जाने पर नरेंद्र मोदी ने कहा हमने एक महान गायक को खो दिया है. बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने कहा संगीत संसार का महारथी चला गया, मन्ना डे हमेशा याद रहेंगे. मनोज वाजपेयी ने कहा उनका संगीत एक हजार साल तक जिंदा रहेगा. महेश भट्ट ने कहा मन्ना डे चले गए लेकिन उनकी आवाज हमेशा जिंदा रहेगी. पंडित जसराज ने कहा  मन्ना डे की मखमली आवाज का जादू हमेशा अमर रहेगा.

आपको बता दें कि मन्ना डे ने देश की कई भाषाओं में करीब चार हजार गानों को अपनी आवाज दी है. पद्मभूषण से सम्मानित मन्ना डे ने अपने जीवन में संगीत के विभिन्न आयामों को देशमें एक मजबूत आधार प्रदान किया था. संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये उन्हेंपद्मश्री, पद्मभूषण और दादा साहेब फालके पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

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अब देश के प्रधानमंत्री का दामन भी नहीं रहा साफ?

अब देश के प्रधानमंत्री का दामन भी नहीं रहा साफ?
कोयला घोटालेकी कालिख अब प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचती दिख रही है
सीबीआई ने मांगी पीएमओ से हिंडाल्को की फाइलें

नई दिल्ली(पिट्स प्रतिनिधि) : किसी ने क्या खूब कहा है कि; ईमानदार व्यक्ति सिर्फ वही है जिसे कभी बेईमानी करने का मौका ना मिला हो', हालांकि यह एक बड़ा प्रश्न बनते जा रहा है कि भारत में भ्रष्टाचार से किसका दामन बचा हुआ है?कोयला घोटाले की कालिख अब प्रधानमंत्री के दामन को भी दागदार कर सकती है क्योंकि देश के सबसे बड़े घोटाले की सीबीआई द्वारा की जा रही जांच की आंच अब प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह के कार्यालय तक पहुंचती दिख रही है. गौरतलब है कि कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री पूरे मामले में सकारात्मक सहयोग देने को तैयार हैं. जायसवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री खुद चाहते हैं कि पूरे मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए.

आपको बता दें कि सीबीआई ने गत मंगलवार को प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर हिंडाल्को को कोयला ब्लॉक आवंटन से संबंधित सभी रिकॉर्ड मांगे. प्रधानमंत्री कार्यालय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि प्रधानमंत्री ने इस आवंटन को मंजूरी मामले की पात्रता के आधार पर दी थी, जो उनके समक्ष रखी गई थी. सीबीआई सूत्रों के अनुसारयह कदम उच्चतम न्यायालय में स्थिति रिपोर्ट दायर करने के बाद उठाया गया जिसमें जांच एजेंसी ने आदित्य बिर्ला समूह के अध्यक्ष कुमार मंगलम बिर्ला और पूर्व कोयला सचिव पीसी पारेखके खिलाफ दर्ज नवीनतम मामले के बारे में न्यायालय को जानकारी दी. सीबीआई ने प्राथमिकी में सक्षम प्राधिकार का भी उल्लेख किया है, जिसे प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने बयान में बताया है कि वह सक्षम प्रधानमंत्री थे जो यह निर्णय लेते समय वर्ष 2005 में कोयला मंत्रालय का प्रभार संभाल रहे थे.

गौरतलब है किकोयला खदान आवंटन कांड की जांच में हुई प्रगति के सिलसिले में उच्चतम न्यायालय में गत मंगलवार को केंद्रीय जांचब्यूरो ने सीलबंद लिफाफे में नई रिपोर्ट दाखिल की. कोयला कांड की इसजांच की चपेट में अनेक कंपनिया, प्रमुख उद्योगपति और नौकरशाह आ गए है. उम्मीद है कि जांच ब्यूरो इस रिपोर्ट में शीर्ष अदालत को 14 वीं प्राथमिकी के बारे में जानकारी देगा, जो उसने हाल ही में उद्योगपति कुमार मंगलम बिर्ला, उनकी कंपनी हिंडाल्को और पूर्व कोयला सचिव पी.सी.पारेख के खिलाफ दर्ज की थी.जांच ब्यूरो ने कोयला खदान आवंटन से संबंधित दूसरे मामलों की प्रगति के बारे में भी इस रिपोर्टमें न्यायालय को अवगत कराएगा.

उल्लेखनीय है कि न्यायालयने 29 अगस्त को इस मामले की ढुलमुल जांच के लिए सीबीआई को आड़े हाथ लिया था. कोयला खदान आवंटन कांड की धीमी जांच के लिए सीबीआई की आलोचना करते हुए न्यायाधीशों ने कहा था कि जांच एजेंसी अभी भी पहले ही गियर मेंहै और उसे गति प्रदान करनी होगी. शीर्ष अदालत ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि उन सभी कंपनियों को खिलाफ दिसंबर तक जांच पूरी की जाए जिन्हें कोयला खदाने आवंटित की गई थी.न्यायमूर्ति आर.एम.लोढ़ा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा था कि, 'आपको कुछ गति पकड़नी होगी. जांच की रफ्तार अच्छी नहीं है. आप अभी भी पहले ही गियर में चल रहे हैं. आपके पास बड़ी जिम्मेदारी है और इस सभी को अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचना होगा.'

भारत जैसे देश में भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत ज्यादा मजबूतहो गईं है और दूर-दूर तक फैली हुई हैं. हर दूसरा व्यक्ति भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरा हुआ है? ऐसे में प्रधानमंत्री पर उठती उंगलियां कई प्रश्न खड़े कररहे हैं.परंतु जल्द ही दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा और सच्चाई दुनिया के सामने आजाएगी.

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सोनिया को नेहरू को 'मौत का महासौदागर' कहना चाहिए – रामदेवबाबा

इंदौर : भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को वर्ष 1947 में देश के बंटवारे के वक्त के सांप्रदायिक दंगों में लाखों लोगों की मौत का 'गुनाहगार' बताते हुए योग गुरु रामदेव ने कहा कि अगर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को 'मौत का सौदागर' कहती हैं, तो उन्हें नेहरू को 'मौत का महासौदागर' कहना चाहिए.

रामदेव ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि, 'मोदी को मौत का सौदागर कहते वक्त क्या सोनिया भूल गईथीं कि 1947 में जब देश का विभाजन हुआ, तब दंगों मे करीब 10 लाख बेगुनाह लोगों की मौत हुई थी. इन मौतों के गुनाहगार नेहरू हैं इसलिए वह जब मोदी को मौत का सौदागर कहती हैं, तो नेहरू को मौत का महासौदागर कहना चाहिए.'

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घर परिवार – आयोजन आगे बढ़ने का

प्रश्न: करूणा क्या है?

उत्तर: दूसरों के करूणा को स्वंय: भी महसूस करें. अपने आप को उसकी परिस्थिति में रखकर देखोगे तो उसके प्रति करूणा भाव जागेगा. पर ज्यादातर जब कोई दुखी होता है तो हम अक्सर सोचते हैं कि अच्छा हुआ वह ऐसा ही है, बेवकूफ है. उसे तो अपने कर्मों की सजा मिलनी चाहिए वगैरे, वगैरे. यदि हम दूसरों के दुख में भागीदार बनते हैं तो हम अपने आपको ही मदद करते हैं. हमारा अपना स्वभाव परिवर्तित होता है. उस परिस्थिति में रखकर देखने कानरिय समजझतैं व अपने ही को शुद्ध व शांत बनाने का कार्य करते हैं.

कोई व्यक्ति कैसा भी व्यवहार करें वह अपने स्वभाव से ही करता है. हमें उसकी परिस्थिति को समझना चाहिए और हमें अपना संतुलन बनाए रखना चाहिए. यह एक बहुत प्रसिद्ध उदाहरण फ्लॉरेंस नाइटिंगल का है. जिन्होंने विश्व युद्ध के समय निस्वार्थ भाव से सैनिकों की सेवा की.

यहां हमें सीखना है कि अपनी जागृता के कारण नकारात्मक भावनाओं को सकारात्मक रूप देना है. यही सच्चे अर्थ में योग का मार्ग है.

प्रश्न: मुदिता क्या है?

उत्तर: यहां हमें औरों की खुशी महसूस करनी है. किसी भी वस्तु, व्यक्ति या परिस्थिति के कारण अपना संतुलन नहीं खिना है, यहां पर एक और गौतम बुद्ध की कहानी से समझ में आता है. एक बार बुद्ध एक जगह से जा रहे हैं. उन्हें एक डाकू मिला जिसने यह तय किया था कि वह 1000 उंगलियों को काटकर उसकी माला अपने गले में डालेगा. उसे अब आखिरी उंगली चाहिए थी. वह बुद्ध के पीछे दौड़ा. पर बुद्ध विचलित नहीं हुए. डाकू को बहुत आश्चर्य हुआ. आजतक उसे ऐसा शांत व संतुलित व्यक्ति नहीं मिला था. मौत का नाम सुनकर लोग कांप जाते थे. पर यहां पर तो दृश्य ही अलग था. डाकू ने जब गौतम बुद्ध से पूछा, तुम्हें मुझसे डर नहीं लगता', तो बुद्ध बोले, तुम तो अच्छे आदमी हो. डर कैसा?' डाकू ने कहा, 'मैं तुम्हें मारनेवाला हूं. इस पर बुद्ध ने कहा, तुम अपना काम करो मैं अपना कर रहा हूं. कुछ समय डाकू ने उनका पीछा किया फिर उसने जीवन के सही मार्गदर्शन के लिए बुद्ध से विनंती की व उनका परम भक्त बन गया. मुदिता का अर्थ है कि हम किसी भी परिस्थिति में अपना संतुलन नहीं बिगाड़ेंगे. हर एक महापुरूष के चेहरे पर एक तेज झलकता है व परम सुख की किरने बिखरी होती है.

प्रश्न: उपेक्षा क्या है?

उत्तर: हर व्यक्ति अपने जीवन में सुख दुख दोनों देखता है. पर एक योगी के अनुसार दूसरों की बुराईंयों को अनदेखा कर लो व सिर्फ उनकी अच्छाईयों पर ध्यान दो. कहा जाता है कि जो जैसा होता है उसे वैसा ही दिखता है. 'महाभारत' की एक उदाहरण है- जहां दुर्योधन और युधिष्टर दोनों को उनके गुरू द्रोणाचार्य ने एक प्रश्न पुछा था, 'जाकर देखों दुनिया में कितने बुरे लोग हैं? युधिष्टर गए और लौटक बोलें कि उन्हें एक भी बुरा आदमी नहीं मिला. सब लोग अच्छे थे. दुर्योधन गए और लौटकर बोले कि वाकई सब लोग बहुत बुरे हैं. यहां संभलकर सब लोगों से मिलना होगा. एक ही घटना को देखने का अपना अपना अलग दृष्टिकोण है.

जीवन में ऐसा ही होता है. अगर हम बुरा देखेंगे तो बुरा मिलेगा और अगर अच्छा देखेंगे तो अच्छा ही मिलेगा. इसलिए किसी ने सच ही कहा है हम अपनी दुनिया स्वय: बनाते हैं. अच्छी या बुरी. चुनना हमें ही है. इसलिए यह जरूरी है कि हम अपना जीवन यह चार परिकर्मा से परिपूर्ण कर लें कि हम हमेशा आनंद में ही रहे व औरों को भी आनंदमय बनाने में सहायता करें. इससे हम अपने जीवन कले उतार-चढ़ाव में स्वंय को संतुलित व संतोषमय स्थिति मे रख पाएंगे.

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आईसीआईसीआई बैंक की चंदा कोचर हैं नंबर वन इंडियन बिजनेस वूमन

वॉशिंगटन : भारत की महिलाएं अब हर क्षेत्र में आगे नज़र आरही हैं. पहले जिस क्षेत्र में  केवल पुरूषों का वर्चस्व रहता था अब वहां भी महिलाएं बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं. गौरतलब है कि अमेरिकी पत्रिका ‘फॉर्चून’के ताजा अंक में जारी विश्व की 50 शक्तिशाली महिलाओं की सूची में चार भारतीय महिलाएं शामिल हैं. इनमें आईसीआईसीआई बैंककी मुख्य कार्यकारी अधिकारी चंदा कोचर चारों भारतीय महिलाओं में शीर्ष परहैं, जबकि एक पृथक अमेरिकी सूची में पेप्सिको की अध्यक्ष इंद्रा नूई को दूसरा स्थान दिया गया है.

फॉर्चून में जारी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शक्तिशाली महिलाओं की सूची के अनुसार चंदा कोचर को चौथी वरीयता दी गई है और उनके बाद नेशनलस्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की अध्यक्ष चित्रा रामकृष्णा को 17वें, एक्सिस बैंककी शिखा शर्मा को 32वें और एचएसबीसी बैंक की नैना लाल किदवई को 42वें स्थान पर रखा गया है.

आपको बता दें कि पिछले साल जारी सूची में कोचर को पांचवें स्थान पर रखा गया था, जिसमें इससाल एक स्थान का इजाफा हुआ है. वहीं दूसरी ओर एनएसई की रामकृष्णा को इस सूची मेंपहली बार शामिल किया गया है. शिखा शर्मा और नैना लाल किदवई को पिछले साल की सूची में क्रमश: 37 वें और 40वें स्थान पर रखा गया था. चित्रारामकृष्णा को वैश्विक शक्ति की स्थिति में परिवर्तन लाने वाली 12 नई महिलाओं की सूची में शामिल किया गया है. चित्रा रामकृष्णा भारत में किसी शेयर बाजार की पहली महिला अध्यक्ष बनकर इतिहास रचा है.

उल्लेखनीय है कि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के बोर्ड सदस्यों ने देश के सबसे बड़े और विश्व के सातवें नंबर के एक्सचेंज मार्केट का कार्यभार सौंपने के लिए चित्रा के 20 साल के अनुभव को तरजीह दी. एनएसई में सूचीबद्ध उद्योगों की कुल पूंजी लगभग 1,000 अरब डॉलर है. पेप्सिको की इंद्रा नूई पिछले साल भी सूची में दूसरे स्थान पर थीं. फॉर्चून के अनुसार खाद्य और पेय पदार्थो की सबसे बड़ी अमेरिकी कंपनी पेप्सिको के शेयरों में इस साल भी भारी उछाल रहा. पत्रिका में कहा गया है कि नूई ने सिर्फ सोडा पेय का व्यापार करनेवाली कंपनी को तेजीसे खपत होने वाले अन्य उत्पादों जैसे दही और हुमस में भी कंपनी की दखल बढ़ाई. पेप्सी आज 22 अरब डॉलर का ब्रांड बन चुका है.

आपको बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर शक्तिशाली महिलाओं की इस सूची में ब्राजील की ऊर्जाकंपनी पेट्रोब्रास की सीईओ मारिया दास ग्रासास फॉस्टर को दुनिया की सबसे शक्तिशाली महिला का गौरव प्रदान किया गया है. सूची के अनुसार तुर्की की समूह कंपनी साबांकी होल्डिंग्स की ग्यूलर साबांकी विश्व की दूसरी सबसे शक्तिशाली महिला हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया के सबसे बड़े बैंक वेस्टपैक की सीईओगेल केली को दुनिया की तीसरी सबसे शक्तिशाली महिला करार दिया गया है. अमेरिकी की सबसे शक्तिशाली महिलाओं की सूची में फिर से आईबीएम की गिन्नीरोमेट्टी को शीर्ष स्थान दिया गया है.

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हेल्थ टिप्स – भरपूर नींद लेना बहुत जरूरी

भरपूर नींद लेना बहुत जरूरी
नींद के दौरान दिमाग की को शिकाओं की होती है सफाई

जानकारों का कहना है कि एक अच्छी जिंदगी जीने के लिए भरपूर नींद  लेना जरूरी होता है. अच्छी नींद से न सिर्फ दिमाग चुस्त रहता है बल्कि डिमेंशिया तथा अन्यदिमागी बीमारियों से बचाव भी होता है. गौरतलब है कि वैज्ञानिकों ने एक नए शोध में पाया हैकि नींद के दौरान मृत कोशिकाएं दिमाग की रक्त वाहिकाओं के जरिए शरीर कीरक्त प्रवाह प्रणाली में जाती है और अंत में जिगर में पहुंच जाती है. इसतरह नींद में इन कोशिकाओं की सफाई हो जाती है.

आपको बता दें कि अमेरिका के रोचेस्टर विश्वविद्यालय में हुए एक शोध में वैज्ञानिकों ने पायाकि क्यों लोग अपने जीवन का एक तिहाई भाग सोने में बिताते हैं? वैज्ञानिकोंने प्रयोगशाला में एक चुहिया पर प्रयोग कर पाया कि नींद की प्रक्रिया केदौरान मस्तिष्क की रक्त वाहिकाओं के जरिए निर्जीव कोशिकाएं निष्क्रिय होकरशरीर से बाहर निकल जाती है और ताजगी प्रदान करती है. शोधकर्ताओं ने इस प्रयोग के बाद पाया कि इन निर्जीव कोशिकाओं में एक खासकिस्म का प्रोटीन तत्व एमीलोइड बीटा भी शामिल होता है जो भूलने की बीमारीअल्जाइमर को बढाने में सहायक होता है. वैज्ञानिकों ने इस प्रक्रिया कोतर्कसहित स्पष्ट करते हुए कहा कि नींद लेते समय मस्तिष्क की कोशिकाएं 60प्रतिशत तक सिकुड जाती हैं जिसके कारण शरीर में मौजूद अन्य द्रव तथा रसायनपहले से कहीं अधिक तेजी से निर्जीव कोशिकाओं को शरीर से बाहर करने में मददकरते हैं.

रोचेस्टर विश्वविद्यालय के शोधकर्ता मैकन नेडरगार्ड ने कहा नींद लेते समयमस्तिष्क शरीर को ताजगी प्रदान रकता है तथा इन निर्जीव कोशिकाओं की भूमिकाका अंत कर वह दोनों कार्य एक साथ करता है. उन्होंने यह भी बताया कि नींद के समयमस्तिष्क यह कार्य दस गुना अधिक तेजी से करता है.

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तालिबान से नहीं, भूतों से लगता है डर – मलाला

नई दिल्ली : बहादुरी और निर्भयता की प्रेरणा देनेवाली पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई के हौसले आज भी बुलंद हैं. वह आज भी एक चट्टानकी तरह खड़ी हैं और तालिबानियोंको लोहे के चने चबाने पर मजबूर कर सकती हैं. गौरतलब है कि एक टीवी चैनल की पत्रकार से बात करतेहुए मलाला ने कहा है कि बेशक उसकी दुनिया बदल गई है, परंतु उसके इरादे और हौसले आज भी वैसे ही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि उसे तालिबानियों से नहीं, भूतोंसे डर लगता है.

आपको बता दें कि मलाला के अनुसार कट्टरपंथी तालिबानी यह नहीं चाहते कि पाकिस्तान में लड़कियां स्कूल जाएं, क्योंकि वह डरते हैं. मलाला ने कहा कि, 'उसका सपना पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनना है और तब वह ह रलड़की को स्कूल भेजेंगी.'

गौरतलब हैं कि गत वर्ष 9 अक्टूबर को तालिबान ने मलाला को इसलिए गोली मार दी थी कि क्योंकि मलालाने तालिबानियों का विरोध करते हुए स्कूल न जाने की बात से मना कर दिया था. इस हादसे के बाद ब्रिटेन के बर्मिंघम शहर के क्वीन एलिज़ाबेथ अस्पताल में मलाला का इलाज हुआ, जिसके बादसे अब मलाला ठीक हैं.

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सिंचाई घोटाला : बैलगाड़ी भरकर पहुंचाए घोटाले के सबूत

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : महाराष्ट्र में हजारों करोड़ रुपए के सिंचाई घोटाले से संबंधित 14000 हजार पन्नोंके कथित सबूत, मामले की जांच कर रही माधव चितले समिति के हवाले किए गए. विरोधी दल नेता विनोद तावड़े और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र फडणवीस गत सोमवार को औरंगाबाद में समिति मुख्यालय तक ये कागजात बैलगाड़ी में लेकर पहुंचे.

गौरतलब है कि गाजे-बाजे के साथ फाइलों से भरे चार बैग बैलगाड़ी में लादे गए. तावड़े और फडणवीस पीछे-पीछे बैगों पर हाथ धरे चल रहे थे. सांसद रावसाहे बदानवे समेत भाजपा कार्यकर्ता एक जुलूस की शक्ल में साथ थे. यह पूरा समूह जलसंपदा विभाग के मुख्य अधीक्षक कार्यालय तक उनके साथ था. मीडिया के लोग भी काफी संख्या में उसके साथ थे.

आपको बता दें किसमिति के अध्यक्ष चितले ने बताया कि जांच के लिए निर्धारित दायरे में अगरकागजात आएंगे, तभी इनकी जांच पड़ताल की जाएगी. सिंचाई घोटाले की जांच केलिए गठित चितले समिति की रिपोर्ट नागपुर में शुरू होनेवाले शीत सत्र में रखी जानी है. इस सत्र के दौरान अगर इसका कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाता तो समिति को इन नए कागजातों समेत सभी दस्तावेजों की जांच करने के लिए ढाई महीने का समय मिलेगा.

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श्रद्धा बेलसरे इनकी पुस्तक 'डबल बेल' का हुआ शानदार विमोचन

श्रद्धा बेलसरे इनकी पुस्तक 'डबल बेल' का हुआ शानदार विमोचन
'डबल बेल' में इंसानियत और कर्तव्यपालन की सीख….

मुंबई(चंदन पवार) : एक इंसान को अगर अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाना होता है तो उसे अपनी नोकरी में अच्छे और सबके भलाई के लिए कुछ निर्णय लेने पड़ते हैं. जिससे कुछ लोगों को दुख होता है परंतु अगर एक अच्छे निर्णय की वजह से बहुत सारे लोगोंका भला होता है इसलिए कठिन निर्णय लेने पड़ते हैं, बस उसीकी परछाई 'डबल बेल' में नज़र आएगी. गत गुरूवार को चर्चगेट स्थित जय हिंद कॉलेज में 'अमेय प्रकाशन' ने इस पुस्तक को प्रकाशित किया है.

इस पुस्तिक की लेखिका और प्रशासकीय अधिकारी श्रद्धा बेलसरे अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभाते हुए आज भी निडरता से आगे बढ़ रही हैं. इनके पुस्तक में इन्होंने जब किसी सरकारी अफसरको कठिन निर्णय लेने पर कितनी कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है फिर उसे स्वीकारते हुए किस तरह से आगे बढ़ना है और लोगों की मदद करनी है. इस तरह के उनके अपने अच्छे और बुरे अनुभवों का मिश्रण 'डबल बेल' के माध्यम से प्रकाशित किया क्योंकि वह एक ईमानदार अफसर होने की वजह से ही 'डबल बेल' को लिख पाई हैं, इस पुस्तक की खासियत यह भी है कि महिलाओं को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए किस तरह अपने आपको साबित करना है, इस तरह की प्रेरणा भी मिलती है.

इस शानदार समारोह में महाराष्ट्रराज्य के उद्योगमंत्री नारायण राणे, सांसद भरत कुमार राऊत,विधायक यशोमती ठाकुर, मुंबई विद्यापीठ के कुलगुरू डॉ.राजन वेलुकर, डॉ.उज्ज्वल उके, एस.टी. कामगार सेना के अध्यक्ष हनुमंत तारे और निलमताई नारायण राणे उपस्थित थे. इस समारोह में उपस्थित मान्यवरों ने 'डबल बेल' के बारे में अपनी प्रतिक्रिया दी. जिसमें हैं

नारायण राणे(उद्योगमंत्री,महाराष्ट्रराज्य) : 'सरकारी अधिकारी को अपनी ड्युटी निभाते समय कठोर होना पड़ता हैउसे अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से निभाते हुए इंसानियत को भी ध्यान मेंरखना जरूरी है. बस इसी की परछाई 'डबल बेल' है.'

डॉ.राजनवेलुकर(कुलगुरू,मुंबई विद्यापीठ) : 'दूसरेलोगों का दुख जब हम अपना मानते हैं तब हम सच्चे दिल से काम करते हैं. यह पुस्तक महिलाओ को किस तरह कठिन समय में आगे बढ़ना है, इसकी प्रेरणा देता है.'

 

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