Monday, October 21, 2013

FeedaMail: Pits News Paper

feedamail.com Pits News Paper

क्या बन जाएगा डौडियाखेड़ा 'गोल्डेन विलेज'?

उन्नाव : उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 'गोल्डेन विलेज' बने डौडियाखेड़ा गांव में 'खजाने' की खोज में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआई) की टीम ने दूसरे दिनभी खुदाई का काम शुरू किया. उपजिलाधिकारी विजय शंकर दुबे ने यहां एक न्यूज एजेंसी को बताया कि एएसआई के चार-पांच सदस्यों की देखरेख में 10 स्थानीय मजदूरों द्वारा खुदाईकी जा रही है.

उन्होंने यह भी बताया कि राजा राव राम बख्श सिंह के किले में खजाने की तलाश में खुदाई से जुड़े हर कार्य को एएसआई की टीम ही अंजाम दे रही है और जिलाप्रशासन मात्र सहयोगी की भूमिका में है. इस बीच, अपर पुलिस अधीक्षक सर्वानन्द सिंह ने बताया कि खुदाई स्थल पर उमड़ी भीड़ के मद्देनजर मौके पर ज्यादा संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.

गौरतलब है कि गंगा के कछार में बसे डौडिय़ाखेड़ा गांव में स्थित राजा के किले में खुदाई के काम में एक महीने से ज्यादा का वक्त लग सकता है. बता दें कि पहले दिन खुदाई 6 घंटे चली और इसमें सिर्फ 2.5 से 4 इंच तक जमीन ही खोदी जा सकी.

वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने उन्नाव जिले में खजाने की खोज के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआई) के कदम का समर्थन किया और कहा कि इस कदम से देश को फायदा होगा और इससे कोई नुकसान नहीं होगा. कांग्रेस की प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि, 'यदि इससे देश को फायदा पहुंचता है तो इसमें बुरा ही क्या है.'

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'सोनिया बीमार' वाले होर्डिंग्स पर कांग्रेस ने अपनाया सख्त कदम

इलाहाबाद : उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने सोनिया को बीमार बता कर प्रियंका गांधी से चुनाव लड़ने की अपील करने वाले होर्डिंग्स पर इलाहाबाद के पार्टी पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया है. इन पदाधिकारियों ने शहर में होर्डिंग्स लगा कर सोनिया गांधी को बीमार बताते हुए प्रियंका को मैदान में उतारने की बात कही थी.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि होर्डिंग्स लगाने वाले इलाहाबाद जिला कमिटी के सचिव हसीब अहमद और जिला कमिटी के सदस्य श्रीशचंद दुबे को पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, बाद में इन्हें पद से निलंबित कर दिया. बता दें कि इलाहाबाद के कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने ‘मैया अब रहती है बीमार, भैया पर बढ़ गया है भार, प्रियंका बनो फूलपुर से उम्मीदवार, करो पार्टी का प्रचार’ लिखे होर्डिंग शहर में लगाए थे.

वहीं इस होर्डिंग ने इस चर्चा को फिर तेज कर दिया कि कार्यकर्ताओं के बीच प्रियंका की लोकप्रियता राहुल के मुकाबले ज्यादा है.

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मोदी का डर दिखाकर कांग्रेस मुस्लिमों को ना डराए – महमूद मदनी

नई दिल्ली : चुनाव क नजदीक आते ही राजनीतिक पार्टियों द्वारा वोटों की राजनीति शुरू हो जाती है. इस वोट बैंक में हर समय मुस्लिम वोट बैंक चर्चा का विषय रहता है. पूर्व राज्यसभा सांसद और जमियत उलेमा-ए-हिंद के नेता महमूद मदनी ने कांग्रेस  पर आरोप लगाते हुए कहा है कि कांग्रेस अल्पसंख्यकों के मन में नरेंद्र मोदी का डर बैठाना चाहती है, ताकि आगामी लोकसभा चुनावों में मुस्लिम वोट बटोर सके. इसके अलावा मदनी ने यह भी कहा कि उन्होंने न कभी नरेंद्र मोदी का समर्थन किया है और न ही भविष्य में ऐसा करेंगे लेकिन कांग्रेस मोदी का डर दिखाकर मुसलमानों का वोट हासिल करने की भी कोशिश न करे.

महमूद मदनी के अनुसार जयपुर में दिए गए उनके बयान को गलत तरीकेसे पेश किया गया. उन्होंने कहा कि, 'मैंने सिर्फ यही कहा था कि कांग्रेस यह न समझे कि मुसलमान सिर्फ उसे वोट देंगे. कांग्रेस इस भ्रम में न रहे कि मोदी का डर पैदा करने से उसे मुस्लिम समुदाय का वोट मिल जाएगा. वोट किसको देना है किसको नहीं देना है, यह फैसला लोग करेंगे. पर किसी का डर का दिखाकर वोट हासिल नहीं किया जा सकता है.'

जमीयत उलेमा-ए-हिंद प्रमुख ने कहा के अनुसार मुस्लिमों को गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार नरेंद्र मोदी से डरना नहीं चाहिए. उन्होंने कहा कि, 'धर्मनिरपेक्षता हमारे मुल्क में गहरे तक रची-बसी है और सांप्रदायिक ताकतें आवाम का दिल कभी नहीं जीत सकतीं. मुस्लिम समुदाय को घबराना नहीं चाहिए.' मदनी ने यह भी कहाकि, 'कांग्रेस को किसी एक शख्स को लेकर डर पैदा कर वोट बटोरने का प्रयास नहीं करना चाहिए और पार्टी को समुदाय विशेष के कल्याण की संभावनाएं तलाशनी चाहिए, जो अब तक उसने नहीं किया है.

आपको बता दें कि मीडिया में ऐसी खबरें आईं हैं कि मदनी ने मोदी का समर्थन किया जिसे लेकर उनपर विरोधी निशाना साधने लगे हैं. विवाद बढ़ता देख जमियतउलेमा-ए-हिंद के नेता ने इस मसले पर सफाई दी.

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अन्न सुरक्षा विधेयक नेमके गरीबांसाठी होते की पोपना दाखवायला होते – डॉ. सच्चिदानंद शेवडे (जेष्ठ विचारवंत)

अन्न सुरक्षा विधेयाकाबद्द्ल बरीच चर्चा झाली… काँग्रेस वाल्यांनी ते सोनिया गांधींचे स्वप्न असल्याची भलावण केली.. सोनियाजींनी लोकसभेत त्याच्या समर्थनार्थ जोरदार भाषण वगैरे केले.. नंतर त्या लगेच आजारी झाल्या आणि अमेरिकेत जाऊन दोन दिवसात बऱ्या होऊन आल्या हे सर्वांना ठाऊक आहेच.. संसदेचे अधिवेशन अगदी तोंडावर आले असतानाही कॉंग्रेसने घाईने या विधेयकासाठी अध्यादेश काढला होता… हे विधेयक नेमके गरीबांसाठी होते की पोपना दाखवायला होते असा प्रश्न निर्माण झालं आहे… कारण केंद्रीय अन्न आणि सार्वजनिक पुरवठा मंत्री के.व्ही.थॉमस यांनी व्हॅटिकन मध्ये जाऊन खुद्द पोपना या विधेयकाची प्रत सादर केली असल्याचे धक्कादायक वृत्त आहे…
पोप फ्रान्सिस यांनी व्हॅटिकन सिटी येथे आयोजित केलेल्या जागतिक अन्न सुरक्षा परिषदेला केंद्रीय अन्न आणि सार्वजनिक पुरवठा मंत्री के.व्ही.थॉमस हे उपस्थित होते. त्यावेळी पोपची भेट घेऊन त्यांना विधेयकाची प्रत देऊन अन्य तपशील सादर केला.. पोपने या विधेयकाचे स्वागत करून भारतातील गरिबी व भूक या समस्या दूर होण्यासाठी या विधेयकाचा उपयोग होईल असे सांगितले…
मुळात आपल्या देशातील जनतेसाठी बनविण्यात आलेले विधेयक एखाद्या धर्मगुरूला का दाखवावे..? एकीकडे धर्म आणि राजनीतीत अंतर हवे असे म्हणायचे आणि दुसरीकडे त्याच्या विपरीत वागायचे हा कुठचा न्याय..? त्यातून विदेशातील धर्मगुरूला का दाखवावे..? हेच आपल्या देशातील एखाद्या शंकराचार्यांना एखाद्या राज्याच्या मुख्यमंत्र्याने दाखवले असते तर प्रसार माध्यमांनी लगेच केवढा गहजब माजवला असता… मग आता सगळे गप्प का आहेत… देशातील बहुसंख्य गरीब जनता हिंदू आहे मग विधेयकाची मांडणी अल्पसंख्याकांच्या धर्मगुरुसमोर का झाली…? उत्तर एकच आहे, आमची बहुसंख्य असलेली जनता झोपली आहे.. किंवा मला काय त्याचे, या भावनेच्या आहारी गेली आहे… जगात एवढे कोणत्याही बहुसंख्यांकांना लाथाडले जात नसेल.. आणि आम्हाला स्वत्व उरले नाही त्यामुळे आम्ही स्वकीयांच्या लाथा बिनदिक्कतपणे खातो आहोत…
गत पोपने दिल्लीत येऊन सांगितले होते की, आगामी शतक हे आशिया खंडाला ख्रिस्ती बनवण्यासाठी प्रभुने दिले आहे… त्यावेळी दिल्लीत वाजपेयींचे सरकार होते.. श्रीलंका,चीन,पाकिस्तान आणि म्यानमारने सुद्धा पोपना आपल्या देशाच्या भेटीवर येऊ देण्यास नकार दिला होता… फक्त भारतीय नेते फार फार दिलदार असल्याने त्यांनी मात्र पोपचे स्वागत केले… आणि पोपने ख्रिस्तीकरण करण्याची ढेकर दिली… त्याच पावलावर देश चालला आहे का…??

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अनुष्का शर्मा भी तैयार है जासूसी के लिए

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : इन दिनों बॉलीवुड में नए नए एक्सपेरिमेंट किए जा रहे हैं. यही वजह है कि ना केवल फिल्मों के अभिनेता बल्कि अभिनेत्रियां भी नए नए किरदारों को जीवंत करने के लिए उत्सुक नजर आती हैं. गौरतलब है कि बॉलीवुड की हॉट अभिनेत्री अनुष्का शर्मा सिल्वर स्क्रीन पर लेडी जासूस का किरदार निभा सकती है.

आपको बता दें कि बॉलीवुड में चर्चा है कि नवदीप सिंह एनएच 10  नामक एक फिल्म बनाने जा रहे है. इस फिल्म के लिए अनुष्का शर्मा का चयन किया जा सकता है. अगर ऐसा होता है तो अनुष्का इस फिल्म में लेडी जासूस का किरदार निभा सकती हैं. बताया जाता है कि इस फिल्म के लिए पहले फ्रीडा पिंटो को साइन किया गयाथा लेकिन उन्होंने यह फिल्म छोड़ दी. इसके बाद इस सिलसिले में विद्या बालन और सोनम कपूर से भी बातचीत की गई लेकिन बात नही बन सकी थी और अब अनुष्का शर्मा से बात की जा रही है.

गौरतलब है कि दीया मिर्जा की फिल्म बॉबी जासूस में विद्या बालन लेडी जासूस का किरदार निभा रही हैं.

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अब बनेगीबिना दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट वाली दवा?

मेलबर्न : लोग बिमारियों का इलाज करने के लिए दवाओं का इस्तेमाल करते हैं लेकिन कभी कभी यहीं दवाएं अपने दुष्पप्रभाव और साइड इफेक्ट कर देती है. इससे स्वास्थ में सुधार होने कि जगह हालत और बिगड़ने लगती है. हालांकि एक खुशखबरीहै किअब बहुत जल्द बिना किसी दुष्प्रभाव और साइड इफेक्ट की दवाओं का बनाना संभव हो सकेगा. गौरतलब है कि नेचर पत्रिका में प्रकाशित खबर के अनुसार 'मोनाश इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्यूटिकल्स साइंसेज(एमआइपीएस)' के शोधकर्ताओं ने इस दिशा में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है.

आपको बता दें कि शोधकर्ताओं ने जी प्रोटीन-कपल्ड रिसेप्टर्स(जीपीसीआर) के बारे में पता लगाया है जो मनुष्य के शरीर में सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण प्रोटीन ग्राह्य है. जैविक क्रिया और बीमारियों में जी प्रोटीन-कपल्ड महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और मधुमेह, मोटापा, दिल और कैंसर जैसी बीमारियों में इसकी अहम भूमिका है. हालांकि अभी लगभग आधी दवाइयों में जीपीसीआर का प्रयोग किया जा रहा है.

एक नए शोधसे जीपीसीआर की कार्यशैली का खुलासा हुआ है कि दवाइयां ग्राह्य प्रोटीन परिवार के साथ किस तरह व्यवहार करती हैं. इसका अर्थ यह है कि आने वाले समयमें ऐसी दवाओं को बनाना संभव हो सकेगा, जो सीधे बीमारी पर प्रहार करने में सक्षम हो. एमआइपीएस के प्रोफेसर ऑर्थर क्रिस्टोपोलसने यह आशा व्यक्त की है कि इस शोधसे अधिक से अधिक लक्ष्य निर्धारित दवाओं को बनाना संभव हो सकेगा जिससे दुष्प्रभाव होने की संभावना न के बराबर होगी.

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केवल मुस्लिम ही इस्तेमाल कर सकते हैं 'अल्लाह' शब्द – मलेशियाई अदालत

कुआलालंपुर : मलेशिया की एक अपीली अदालत ने एक फैसले में कहा है कि 'अल्लाह' केवल मुस्लिम शब्द है और कैथोलिक अखबार 'द हेराल्ड' इसका उपयोग ईसाई 'गॉड' का परिचय देने के लिए नहीं कर सकता है. गौरतलब हैकि अलजजीरा के अनुसार मलेशिया के अखबारने तर्क पेश किया कि वर्ष 2009 में अखबार के मलाया भाषा संस्करण में अल्लाह शब्द के उपयोग पर सरकार द्वारा लगाया गया प्रतिबंध असंवैधानिक है.

आपको बता दें कि फैसला आने के बाद अखबार ने कहा कि उनकी योजना संघीय अदालत में अपील करने कीहै. तीन सदस्यीय पीठ के अध्यक्ष अपंदी अली ने कहा कि, 'हमारा फैसला है कि इससे किसी भी संवैधानिक अधिकार का उल्लंघन नहीं हुआ है. हमारा मानना है कि अल्लाह शब्द ईसाई धर्म की आस्था और व्यवहार का हिस्सा नहीं है.'

गौरतलब है कि विवाद 2009 में तब उठा था जब गृह मंत्रालय ने धमकी दी कि अगर अखबारने अल्लाह शब्द का उपयोग किया तो उसका लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा. इसके बाद कैथोलिक अखबार ने मुकदमा दायर कर कहा कि यह उसके संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है. एक निचली अदालत ने अखबार के पक्ष को सही ठहराया था. इसके बाद वर्ष 2010 में कई गिरजा घरों पर हमले किए गए. इससे देशमें धार्मिक संघर्ष का खतरा पैदा हो गया था.

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अदनान सामी को मुंबई पुलिस ने दिया नोटिस और वीजा विवाद पर मांगा 3 महीनों में जवाब

नई दिल्ली : पकिस्तानी गायक अदनान सामी को मुंबई पुलिस ने नोटिस भेज वीजा विवाद पर 7 दिन में जवाब मांगा है. गौरतलब है कि अदनान सामी पाकिस्तानी नागरिक हैं और उनका भारतमें रहने का वीजा खत्म हो गया है. उन्हें यह विवाद सुलझाने के लिए 30 दिन का वक्त दिया गया है.

आपको बता दें कि सामी का वीजा 6 अक्टूबर को खत्म हो चुका है फिर भी वो मुंबई में रह रहे हैं. इससे पहले महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना(मनसे) ने अदनान सामी को तुरंत भारत छोडऩे के लिए कहा था. मनसे फिल्म प्रकोष्ठ के प्रमुख अमेय खोपकर ने इंगलैंड में जन्मे पाकिस्तानी मूल के गायक 44  वर्षीय सामी को शनिवार को दोपहर बाद पार्टी कार्यालय में बुलाकर उनसे एक घंटा से अधिक समय तक बातचीत की थी.

गौरतलब है कि बातचीत के तुरंत बाद खोपकर ने कहा था कि, 'कई लोगों की यह शिकायत मिलने के बादकि सामी के वीजा की वैधता 6 अक्टूबर को खत्म हो गई है. अब उन्हें यह विवाद सुलझाने के लिए और 3 महीनों का वक्त दिया गया है.

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कोयला घोटाले में बिर्ला पर केस होने से उद्योगपति नाराज़

नई दिल्ली : कोयला घोटाले केस में उद्योगपति कुमार मंगलम बिर्ला पर केस दर्ज होने से कई उद्योगपति नाराज हैं. सीबीआई द्वारा बिर्ला के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद देश की बड़ी हस्तियां उनका समर्थन कर रही हैं. एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख और वाणिज्य और उद्योग मंत्री आनंद शर्मा इस मामले में बिर्ला के पक्ष में आएं हैं. एक न्यूज पेपर में प्रकाशित हुए आनंद शर्मा के बयान के अनुसार बिर्ला पर केस को लेकर उद्योग जगत के प्रमुख लोगों ने अपना विरोध जताया है.

शर्मा ने कहा कि, 'मेरा काम हैं कि मैं उनकी चिंताओं का संज्ञान लूं. सीएजी, कोर्ट और अन्य एजेंसियों को इस तरह से सन सनीखेज माहौल नहीं बनाना चाहिए और अगर ऐसा ही चलता रहा तो हर दस्तखत पर संदेह होगा.' आनंद शर्मा के अनुसार उनका बयान किसी खास मुद्दे पर नहीं है लेकिन रतन टाटा, मुकेश अंबानी, आनंद महिंद्रा, कुमार मंगलम बिर्ला उद्योग जगत की प्रतिष्ठित हस्तियों का दुनिया में सम्मान है और वह उनके योगदान को स्वीकार करते हैं.

वहीं उद्योगपति दीपक पारेखने भी कुमार मंगलम बिर्लापर एफआईआर को शर्मनाक कहा. एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने कहा है कि कुमार मंगलम बिर्ला साफ छवि के हैं.

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जॉन अब्राहम के साथ आइटम नंबर करेगी संभावना सेठ

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : भोजपुरी फिल्मों की जानी-मानी अभिनेत्री संभावना सेठ अब जॉन अब्राहम के साथ आइटम नंबर पर थिरकती नजर आएंगी. गौरतलब है कि संभावना सेठ, जॉन अब्राहम के साथ वेलकम बैक में आइटम नंबर पर थिरकती नजर आएंगी.

इस संबंध में संभावना सेठ ने कहाकि, 'गाने के बोल इस प्रकार है, मैं बबली हुई तू बंटी हुआ. संभावना के अनुसार यह गाना उनके करियर को नई दिशा देगा. संभावना का कहना है कि वह इस गाने को अपना डांस नंबर कह सकती हैं.

आपको बता दें कि वेलकम बैक, अनीस बज्मी निर्देशित वर्ष 2007 में प्रदर्शित सुपरहिट फिल्म 'वेलकम' की सीक्वल है. वेलकम में अक्षय कुमार, कैटरीना कैफ, नाना पाटेकर, अनिल कपूर, फीरोज खान और परेश रावल की मुख्य भूमिकाएं थी. वेलकम 2 में अक्षय कुमार की भूमिका जॉन अब्राहम निभा रहे है जबकि कैटरीना कैफ की भूमिका अब श्रुति हसन निभाने जा रही हैं.

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गूगल करेगा आपके नाम और फोटो का इस्तेमाल

गूगलअब आपके नाम और तस्वीर का इस्तेमाल अपने विज्ञापनों में करने की योजना बनाचुका है. गौरतलब है कि 11नवंबर से सेवा की नई शर्तें लागू होंगीजिनके आधार पर गूगल 'शेयर्ड एन्डोर्समेंट्स' की शुरुआत करेगा. परंतु गूगल ने इसे अनिवार्यनहीं बनाया है.

आपको बता दें कि यदि आप चाहें तो गूगल आपके नाम और तस्वीरों का इस्तेमालअपनी 'शेयर्ड एन्डोर्समेंट्स' पॉलिसी में नहीं करेगा.इसके लिए आपको बस सेटिंग्स में बदलाव करना होगा.गूगल प्लस पर लगी आपकीतस्वीर को विज्ञापन के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. यदि आप किसी प्रोडक्ट कोपसंद करते हैं और अपना रिव्यू देते हैं तो गूगल आपकी पसंद को आपके परिचितोंतक पहुंचाएगा. इसी को शेयर्ड एन्डोर्समेंट्स का नाम दिया गया है. मतलबआपके दोस्त यह जान सकेंगे कि कोई प्रोडक्टजिसे आप इस्तेमाल कर चुके हैं, कैसा है.

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आरूषि हत्या में सीबीआई ने किया खुलासा

आरूषि हत्या में सीबीआई ने किया खुलासा
नूपुर ने किया था आरुषि के गुप्तांगों को साफ

गाजियाबाद : सीबीआई ने आरुषि मामले की सुनवाई कर रही विशेष अदालत से गत मंगलवार को कहा कि अपराध स्थल की पूरी तरह सफाई की गई. सीबीआई ने यह भी दलील दी कि आरुषि का हेमराज के साथ शारीरिक संबंध था और नूपुर ने इस तथ्य को छिपाने के लिए आरुषि के गुप्तांगों को भी साफ किया था. विशेष सीबीआई अभियोजक आर के सैनी के अनुसार अपराध स्थल की सफाई की गई थी. जिस बिस्तर पर आरुषि का शव पाया गया था उसपर एक भी सिलवट नहीं थी.

बता दें कि सीबीआई ने यह भी दलील दी कि सेवा प्रदाता के अनुसार इंटरनेट राउटर को अपराधकी रात खोला-बंद किया गया था. यह दर्शाता है कि तलवार दंपति जाग रहे थे और इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे थे और वे आरुषि के कमरे में हो रही घटनाओं के बारे में जान रहे थे. मामले में अंतिम दलील के तीसरे दिन सैनी ने कहा कि जिस चादर पर आरुषि का शव पड़ा था उसपर गीलेपन का दाग पाया गया जो दर्शाता है कि उसके गुप्तांगों की भी सफाई की गई थी.

सैनी ने कहा कि, 'डा. सुनील दोहरे ने आरुषि का पोस्टमार्टम किया था और उन्होंने कहा था कि हत्या की रात उसने शारीरिक संबंध बनाया था. उनपर अपनी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका उल्लेख नहीं करने के लिए दबाव डाला गया था. राजेश के बड़े भाई दिनेश ने अपने साथी चिकित्सक सुशील चौधरी से उत्तर प्रदेश के पूर्व प्रभावशाली पुलिस अधिकारी के गौतमसे रिपोर्ट से बलात्कार शब्द हटवाने के लिए कहा था.' वहीं अदालत ने कहा कि, 'सीडीएफडी रिपोर्ट में कहा गया है कि आरुषि का डीएनए जो चादर, तकिया और उसके कमरे से जब्त की गई, अन्य वस्तुओं से लिया गया था उसका मिलान रक्त के धब्बे वाली स्कॉच बोतल से लिए गए डीएनए से मेल खा रहा था. वह बोतल टेबल पर मिली थी.' इस पर सैनी ने कहा कि, 'उसी तरह रक्त के धब्बे वाले हाथ के निशान से लिया गया हेमराज का डीएनए इस बोतल से लिए गए डीएनए से मेल खा रहा था.' उन्होंने कहा कि ये सीबीआई की कहानी का समर्थन करते हैं कि आरुषि और हेमराजका हत्यारा कोई बाहरी व्यक्ति नहीं था. उन्होंने कहा कि हेमराज का शव आरुषि के कमरे से खींचकर छत पर लाया गया, जहां इसे एक कूलर पैनल से ढंककर रखा गया था और छत को जानेवाले दरवाजे पर ताला लगादिया गया था.

अभियोजन पक्ष के अनुसार तलवार दंपति के घर पर अगली सुबह गए चिकित्सकों रोहित कोचर और राजीव वाष्र्णेय ने कहा था कि उन्होंने छत के दरवाजे के ताले, रेलिंग और सीढिय़ों पर खून के धब्बे पाए थे. उन्होंने कहा कि, ''दोनों ने सीढिय़ों पर पोछे गए रक्त के धब्बे भी देखे जो सीबीआई की कहानी का समर्थन करता है कि हेमराज का शव चादर में लपेटने के बाद तलवार दंपति खींचकर छतपर ले गए. उसके बाद नोएडा के तत्कालीन अतिरिक्त मजिस्ट्रेट संजय चौहान ने भी छत के दरवाजे पर लगे ताले और रेलिंग पर खून का धब्बा पाया था.' उल्लेखनीय है कि अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश श्याम लाल की अदालत ने सीबीआई की तरफ से अगली दलीलों की तारीख 17 अक्तूबर को निर्धारित की.

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आसाराम पोटेंसी टेस्ट से डरकर जांच में सहयोग करने से कर रहे इन्कार

अहमदबाद : आसाराम बापू की समस्याएं कम होती नजर नहीं आ रही है. यौन उत्पीडऩ के आरोपों का सामना कर रहे आसाराम ने अब सिविल अस्पतालमें पुरूषत्व जांच(पोटेंसी टेस्ट) में सहयोग करने से इन्कार कर दिया है. अस्पताल के अधीक्षक डॉ. एमएम प्रभाकर के अनुसार आसारामको जांचके लिए लाया गया लेकिन उन्होंने इसमें सहयोग नहीं किया इसलिए उन्हें पुलिस वापस ले गई.

आपको बतादें कि गांधीनगर में मजिस्ट्रेट अदालत ने गत मंगलवार को 72 वर्षीय आसाराम को चार दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया था. आसाराम को जोधपुर की एक अदालत से गत सोमवार की शाम ट्रांजिट रिमांड पर यहां लाया गया था. बता दें कि उत्तर प्रदेश की एक लड़की द्वारा लगाए गए यौन उत्पीडऩ के आरोपों के सिलसिले में अगस्त से आसाराम जोधपुर की जेल में थे.

गौरतलब है कि सूरत पुलिस ने भी दो शिकायतें दर्ज की थी. इन में एक आसाराम के और दूसरी उसके बेटे नारायण साईं के खिलाफ है. यह शिकायतें बलात्कार, यौन उत्पीडऩ, अवैध रूप से बंधक बना कर रखने और अन्य आरोपों से जुड़ी हुई हैं, जो दो बहनों ने लगाए थे. सूरत निवासी दोनों बहनों में बड़ी बहन ने आसाराम पर 1997 से 2006 के बीच अपना बार-बार यौन उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया है. उस वक्त वह अहमदाबाद शहरके बाहरी इलाके में स्थित उनके आश्रम में रह रही थी. आसाराम के खिलाफ मामला चंद्रखेड़ा पुलिस थाने में भेज दिया गया क्योंकि घटनाएं उसी थाना क्षेत्रमें हुई थीं. वहीं दूसरी ओर छोटी बहन ने आसाराम के बेटे साईं पर 2002 से 2005 के दौरान यौन उत्पीडऩ करने का आरोप लगाया है जिस वक्त वह आसाराम के सूरत आश्रम में रह रही थी.

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मेडिकल साइंस का चमत्कार – डॉक्टरों ने की मां के गर्भ में पल रहे भ्रूण की सफल हार्ट सर्जरी

लॉस एंजलिस : दुनिया में चमत्कारों की कमी नहीं है.यह भी एक चमत्कार है कि अमेरिका के डॉक्टरों ने एक दुर्लभ हार्ट सर्जरी कर एक महिला के गर्भ में पल रहे 25 सप्ताह के भ्रूण को नई जिंदगी दी. गौरतलब है कि अजन्मे शिशु के हृदय की सर्जरी में डॉक्टरों ने बाल जैसे महीन तार, बारीक सुई और छोटे गुब्बारे का प्रयोगकिया. इस सर्जरी को सफल बनाने से पहले उन्होंने अंगूर पर इसका अभ्यास किया था.

आपको बता दें कि लॉस एंजिलिस टाइम्स की रिपोर्ट में दी जानकारी के अनुसार डॉक्टरों को जांच में पता चला था कि भ्रूण ऐऑर्टिक स्टिनोसिस नाम की बीमारी से पीड़ित है जिससे हृदय का महाधमनी वॉल्व काफी बढ़ जाता है. इस कारण उसके बाएं वेंट्रकल(निलय) में खून का प्रवाह सही ढंग से नहीं हो पा रहा था. डॉक्टरोंके अनुसार उसका बायां वेंट्रकल सर्जरी के बिना ठीक से विकसित हो नहीं सकता था और जन्म के साथ हाईपो प्लास्टिक लेफ्ट हार्ट सिंड्रोम(एचएवएचएस) होनेकी संभावना थी जिससे उसके जीवन को गंभीर खतरा हो सकता था.

डॉक्टरों ने बताया कि अजन्मे शिशु के हृदय के संकीर्ण महाधमनी वॉल्व की सर्जरीको फोएटस ऐऑर्टिक वल्वुलोप्लास्टी कहा जाता है. बता दें कि सर्जरी करने के लिए शिशु और मां दोनों को बेहोश किया गया था और सर्जरी के बाद मां और शिशु दोनों ठीक हैं. इस सर्जरी को यहां सीएचए हॉलीवुड प्रेस्बिटेरियन मेडिकल सेंटर में अंजाम दिया गया है. हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. जे प्रुएत्स के अनुसार सर्जरीके कुछ सप्ताह बाद ही भ्रूण के हृदय में पहले की तुलना खून का प्रवाह ठीकसे हो रहा है.

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जिया खान की मां रबिया ने किया दावा, जिया की रूह से हुई बात

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड अभिनेत्री जिया खान की मौत का रहस्य अभी तक बरकरार है और आए दिन नए-नए खुलासे होते हैं. गौरतलब है कि जिया की मां रबिया खान ने दावा किया है कि खुद जिया की रूह ने आकर उनसे बात की है. जिया की रूह ने उन्हें बताया है कि उसने सुसाइड नहीं की, बल्कि उसे बेदर्दी से कत्ल किया गया था.

आपको बता दें कि रबिया ने यह जानकारी ट्विटर पर दी है और यह दावा किया है कि क़त्ल की ओर इशारा करने वाले सबूत होने के बावजूद पुलिस ने उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी. रबिया के अनुसार जिया ने उन्हें खुद, लंदन की एक साइकिक को माध्यम बनाकर विस्तार से उन्हें यह जानकारी दी है कि किस बेरहमी से उन्हें क़त्लकिया गया. इसके बाद ही रबिया ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपनी बेटी की मौत की सीबीआई जांच कराने की याचिका दायर की.

सोशल नेट्वर्किंग साइट ट्विटर पर अपना अनुभव बांटते हुए रबिया ने बताया किवह लंदन में एक मशहूर साइकिक से मिली थीं जो जिया और उनके बीच की बातचीत का माध्यम बनी. तब जिया ने उन्हें बताया कि उस रात उसे कत्ल किया गया था.

गौरतलब है कि 2 जून 2013 को जिया के घर से उनकी लाश पंखे से लटकी हुई मिली थी. वहीं, जिया खान के क़ानूनी सलाहकार दिनेश तिवारी के अनुसार चित्रों और मेडिकल एक्सपर्ट्स द्वारा मिली अन्य संबंधित चीज़ों की जांच के बाद पर्याप्त सबूत इकठ्ठा कर लिए गए हैं जो इस ओर स्पष्ट इशारा करते हैं कि जिया की मौत खुदखुशी नहीं है, जैसा कि मुंबई पुलिस ने दावा किया है.

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मोदी के प्रधानमंत्री बनने से सीबीआई होगी स्वतंत्र – रामदेव बाबा

सतना : योग गुरु बाबा रामदेव के अनुसार दिल्ली में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव में उनकी आम आदमी पार्टी(आप) के संस्थापक अरविंद केजरीवालकी राजनैतिक मदद करने की कोई इच्छा नहीं हैं. रामदेव ने यहां अपने एक दिवसीय शिविर कार्यक्रम में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि केजरीवाल ईमानदार है परन्तु उन पर सामर्थ का अभाव है. इतना ही नहीं बाबा रामदेव ने दावा करते हुए कहा कि अगर गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी देश के अगले प्रधानमंत्री बनते है तो केन्द्रीय जांच ब्यूरों(सीबीआई) को स्वतंत्र कर दिया जाएगा.

हमेशा की तरह रामदेव ने केन्द्र की मौजूदा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें फंसाने के लिए सीबीआई का जमकर दुरुपयोग किया गया है. उनके अनुसार दिल्ली के रामलीला मैदान पर हुई घटना का प्रतिशोध लेने के लिए वे भाजपाके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मोदी की मदद कर रहे है. एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जैसा नेतृत्व होगा वैसा ही सरकारका कामकाज होगा. संप्रगके शासनकाल के दौरान हुए घोटालों पर जोर देते हुए रामदेव ने कहा कि देश को बचाने के लिए परिवर्तन जरुरी है.

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आर.आर.पाटिल साहब आपके राज में यह क्या हो रहा है?

आर.आर.पाटिल साहब आपके राज में यह क्या हो रहा है?
क्या आम आदमी को अब एफआयआर के लिए भी सिफारिश लगेगी या बली देना पड़ेगा ?

मुंबई(चंदन पवार)Email:chandanpawar.pits@gmail.com

'एक महिला मां, बहन, बेटी पत्नी और बहुत कुछ होती है, यह शायद हम कागज पर ही लिखना और पढ़ना सीख गए हैं क्योंकि हम भूल गए हैं आज एक स्त्री को सम्मान देना. आज समाज में जिस तरह बहु-बेटियों को दहेजके लिए जिंदा जला दिया जारहा है, किसी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया जारहा है या अपनी हवस का शिकार बनाकर उसे पूरी जिंदगी भर नर्कयातना दी जाती है. क्या किसी ने सोचा है इस तरह का कोई भी हादसा आप अपने घर में अपनी बहु-बेटियों के साथ होता स्विकार कर पाएंगे, नहीं ना? यह सोचकर भी हमारी रूह काप उठती है. तो क्या उस तलेगांव-दाभाड़े के पुलिस स्टेशन में बैठे उन पुलिसवालों को यह जरा भी नहीं लगा कि हमारी ड्युटी इमानदारी से ना निभाने की सजा 11 साल की सृष्टी विजय दाभाड़े को मिलेगी. यह दिल दहला देनेवाला हादसा क्यों हुआ? क्या समाज सच में इतना असंवेदनशील हो गया है जिसे ऐसी घटनाओं से कोई भी फर्क नहीं पड़ रहा है.

जिस लड़की ने दसवी कक्षा में 83% लाए हों उस लड़की को गांव का एक गली का गुंडा आकाश सालवी ने देड़ साल में इतना परेशान किया है जिसकी वजह से उसे आत्महत्या करने के लिए मजबूर कर दिया. यह आत्महत्या नहीं है बल्कि हत्या है. ऐसा करने के लिए सिर्फ वह गली का गुंडा ही जिम्मेदार नहीं है बल्कि उस पुलिस स्टेशन के उन पुलिसवालों का भी इस घटना में बराबर का हक है. उस घर की बेटीको आज यह दुनिया छोड़नी पड़ी. उस घर का माहौल कोई अगर अपने आंख से देख ले तो उसे भी हमारे सरकार की पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर गुस्सा आएगा. जिस सृष्टी दाभाड़े को आत्मक्लेश हो के आत्महत्या करनी पड़ी उसको कई घंटोंतक पुलिस स्टेशन में बिठाए रखा था. इतना ही नहीं उसके पिता के आने के बाद भी एफआयआर नहीं लिखा गया. पुलिस के इस रवैय्ये को देखने के बाद उस सृष्टी को तो यही लगा होगा कि जिस जगह उसे न्याय की उम्मीद थी वहां ऐसे नकारे पुलिसवालों की कार्यप्रणाली को देखकर वह इसतरह टूटी कि आत्महत्या करने पर मजबूर हो गई.

पुरोगामी महाराष्ट्र की बातें करनेवाले लोक प्रतिनिधि क्या इस घटना से कोई सबक लेंगे? पूरे महाराष्ट्र को इस घटना ने दहला कर रख दिया है. यहां पर सवाल यह उठ रहा है कि एफआयआर लिखना पुलिस की प्राथमिक जिम्मेदारी है तो तलेगांव के पुलिस निरीक्षक राजेंद्र पाटिल क्यों उसे टाल रहे थे? क्या उसको गृहमंत्री आर.आर.पाटिल के नेतृत्ववाले गृहमंत्रालय का कोई डर नहीं लगता है? या वह यह समझकर बैठा है कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री में कोई दम नहीं है? या फिर वह अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इतने पैसे देता है कि उस बोझ के तले दबकर उन पुलिस अधिकारियों का उसे कोई डर नहीं है? आखिर ऐसा क्यों हुआ कि एक एफआयआर भी नहीं लिखा गया? क्या इस बात से यह संदेश जा रहा है कि आम आदमी को अगर एफआयआर लिखवानी है तो उसके लिए भी अब उन लोगों की सिफारिश लगेगी जो लोकप्रतिनिधि बनकर अपना कर्तव्य भूल गए हैं जिनको आम आदमी की जरा भी चिंता नहीं है. क्योंकि अक्सर यह देखा गया है. आम आदमी को लोकप्रतिनिधि मिलना ही नहीं चाहते हैं या मिलने की जरूरत महसूस नहीं करते है उनको सिर्फ हर पांच साल के बाद इनकी याद आती है और फिर अपने बड़बोलेपन से जुर्म को मिटाना है. बेरोजगारी कम करनी है, महंगाई खत्म करनी है इस तरह की बातें करके बिचारे आम आदमी को मुर्ख बनाया जाता है.

इस घटना में एक अनोखी बात सामने आई है जब सृष्टी दाभाड़े ने एकबजे आत्महत्या कर ली थी तब उसी दिन 2 बजे जब उसके पिता विजय दाभाड़े जो पेशे से वकील हैं उन्होंने पुलिस स्टेशन में फोन करके वहां का गली गुंडा आकाश सालवी को गिरफ्तार करने की बात की तो वहां के पुलिस निरीक्षक राजेंद्र पाटिलने उनको कहा कि उसे पुलिस स्टेशन में आने का संदेश भेजागया है. लोगों को एक बात यह समझ में नहीं आ रही है कि क्या वह गुंडा देश का प्रधानमंत्री है या महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री जिसे संदेश देकर बुलाया जाता है. क्यों उसे हथकड़ी लगाकर धरदबोचा नहीं गया. इस तरह कानून की धज्जियां उड़ानेवाले पुलिस निरीक्षक को अपने पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है क्योंकि कानून भले ही कहने के लिए आज सबके लिए एक है परंतु असल में ऐसा नहीं है. व्यक्ति के हिसाब से कानून को बदला जा रहा है. जब संजय दत्त को 30 दिनों की पैरोल पर छुट्टी दी गई है. यह छुट्टी उस तर्ज पर दी जाती है जो कैदी अपना व्यवहार शालिनता से रखता हैया मेडिकल ट्रीटमेंट लेनी होती है. महाराष्ट्र की सभी जेलों में ऐसे कितने कैदी होंगे जो अपनी सजा इमानदारी और शालीनता से काट रहे हैंतो अब तक ऐसे कितने कैदियों को छोड़ा गया है? इसलिए सवाल कई है? जिसका जवाब देना शायद किसी के बस की बात नहीं है क्योंकि जिसके पास आज संपत्ति के भंडार लगे हुए हैं उसके लिए कानून को तोड़ा मरोड़ा जा रहा है, यह बड़ी दु:खदाई बात है.

आज भले ही गृहमंत्री आर.आर.पाटिल ने पुलिस निरीक्षक राजेंद्र पाटिल, रायटर, संदीप सपकाल, कॉन्स्टेबल, आर.एच.बडबर और आरोपी आकाश सालवी, मीना सालवी, प्रकाश सालवी इन्हें भले ही सजा के लिए दोषी माना गया हो परंतु यहां पर कई सवाल उठ रहे हैं-जैसे कि

  • क्या महाराष्ट्र के गृहमंत्रालय का दबाव पुलिस विभाग पर नहीं रह गया है?
  • ऐसी घटनाओं को ना रोकनेवाले और एफआयआर ना लिखनेवाले पुलिसवालों को निलंबित करना ही काफी है?
  • पुणे ग्रामीण पुलिस अधिक्षक ने इसघटना की गंभीरता ना समझते हुए जो रटे रटाए बयान दिए हैं उन पर गृहमंत्री कार्रवाई करने का साहस दिखाएंगे?
  • आगे से महाराष्ट्र में जो पुलिस स्टेशन तुरंत एफआयआर दाखिल नहीं करेगा उस पुलिस स्टेशन के अधिकारियों को तुरंत पद से बर्खास्त करने का आदेश दिया जाएगा?
  • कानून का डर पैदा करने के लिए पुलिस अधिकारियों को आदेश का इंतजार करना पड़ता है और ऐसे में कोई अप्रिय घटना घट जाती है. इसे रोकने के लिए गृहमंत्रालय कानून में संशोधन करेगा?

गृहमंत्री महोदय, इन सबका जवाब आज महाराष्ट्र की जनता आपसे पूछ रही है.

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2014 में क्षेत्रीय दलों के पास रहेगी सत्ता की चाबी

2014 में क्षेत्रीय दलों के पास रहेगी सत्ता की चाबी
इस बार एनडीए को मिलेगी 162 और कांग्रेस को 102 सीटें: सर्वे

नई दिल्ली : हाल ही में कराए गए एक सर्वे द्वारा यह बात सामने आई है कि केंद्र में 2014 में सरकार के गठन में क्षेत्रीय दल महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहे हैं और सत्ता की चाबी इन्हीं दलों के पास होगी. इतना ही नहीं सर्वे में यह भी कहा गया है कि भाजपा की अगुवाई वाला गठबंधन राजग सत्तारूढ़ संप्रग को काफी पीछे धकेल देगा.

आपको बता दें कि 16 अगस्त से 15 अक्टूबर के बीच चुनिंदा 24, 284 प्रतिभागियों के बीच इंडियाटीवी टाइम्स नाउ सी वोटर द्वारा कराए गए राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण में आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश , राजस्थान और केरल में कांग्रेस को भारी नुकसान दिखाया गया है जहां उसे पिछली बार अच्छी खासी सीटें मिली थीं. वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार में भाजपा को अच्छा लाभ मिलने की बात कही गई है जबकि राजस्थान में भी उसके सत्ता में फिर से लौटने की भविष्यवाणी की गई है.

राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली और छत्तीसगढ़ जैसे चार राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों को एक प्रकार से अगले आम चुनाव के सेमी फाइनल के रूप में देखा जा रहा है और ऐसे में सर्वेक्षण में पहले तीन राज्यों में कांग्रेस को भारी नुकसान होने तथा केवल छत्तीसगढ़ में उसके लिए उम्मीद की किरण बचे होने की भविष्यवाणी की गई है. सर्वेक्षण के अनुसार भाजपा, शिवसेना, अकालीदल, आरपीआई, मेघालय की राकांपा और हरियाणा जनहित कांग्रेस वालेराजग को 186  सीटों जबकि संप्रग को अपने मौजूदा सहयोगियों के साथ मात्र 117 सीटें मिलने की बात कही गई है. वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में सत्तारूढ़ गठबंधन को 259 सीटें जबकि राजग को 159 सीटें मिली थीं.

सर्वेक्षण में बताया गया है कि इस बार केंद्र में सत्ता की चाबी कुछ क्षेत्रीय दलों के हाथों में होगी जिनमें अन्नाद्रमुक, सपा, बसपा, वाम मोर्चा, तृणमूल कांग्रेस, राजद, बीजद, वाईएसआर कांग्रेस औरटीएसआर का नाम शामिल है. इन सभी के लोकसभा की 543 सीटों में से 240 पर जीत हासिल करने की संभावना है. कांग्रेस और भाजपा के बीच सीटों का अंतर भी बढऩे की संभावना जताई गई है क्योंकि सर्वेक्षण में कांग्रेस को केवल 102 और भाजपा को 162 सीटें मिलने की बात कही गई है. पिछली बार कांग्रेस ने 206 तथा भाजपा ने 116 सीटें जीती थीं. इस प्रकार सर्वेक्षण कहता है कि कांग्रेस 2009 में जीती गई अपनी सीटों में से लगभग 50 फीसदी गंवा देगी और भाजपा अपने प्रदर्शन में करीब 40 फीसदी का सुधार करेगी.

दूसरी ओर अन्य दलों जैसे वाम दलों के खाते में 32  सीटें और मायावती की बसपा को31 सीटों पर कब्जाजमाने की भविष्यवाणी की गई है. उत्तर प्रदेश में बसपा की धुरप्रतिद्वंद्वी मुलायम सिंह यादव की समाजवादी पार्टी को 25, जयललिता की अन्नाद्रमुक को 28 और ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस को 23 सीटें मिलने की उम्मीद जताई गई है. इसके साथ ही लालू प्रसाद के राजद को 14 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है जो इस बात का संकेत है कि चारा घोटाले में सुनाई गई सजा के बावजूद उनके कद में कोई कमी नहीं आई है.

सर्वेक्षण के नतीजे बताते हैं कि तेलंगाना की बाजी के बावजूद कांग्रेस कोकोई बहुत बड़ा फायदा नहीं होगा क्योंकि प्रदेश से कुल 42 सीटों में से वाईएसआर कांग्रेस और तेलंगाना राष्ट्र समिति को 13-13 सीटें मिलने की भविष्यवाणी की गई है. कांग्रेस को प्रदेश में केवल सात सीटें मिलेंगी जहां पिछले लोकसभा चुनाव में उसने 33 सीटें जीती थीं. इसमें एन.चंद्रबाबू नायडू की तेदेपा को आठ सीटें दी गई हैं.

आप को बता दें कि सर्वे के आंकड़ों में नरेन्द्रमोदी को भाजपा का प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किए जाने से चार सप्ताह पूर्व और चार सप्ताह बाद के आंकड़ें एकत्र किए गए हैं. मोदी शासित गुजरात में सर्वे में भाजपा को कुल 26 सीटों में से 22 पर जीत की भविष्यवाणी की गई है जो कि पिछली बार से सात सीट ज्यादा है.

हालां कि यह देखना दिलचस्प होगा कि यह भविष्यवाणी किस हद तक सही साबित होती है.

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स्विस बैंक ने गोपनीयता खत्म करने से खुलेंगे बड़े बड़ेराज ?

नई दिल्ली : कालेधन का खुलासा बहुत जल्द होने वाला है क्योंकि स्विट्जरलैंड ने अपनी बैंकिंग के रहस्यों पर पड़ा ताला तोड़ दिया है. गौरतलब है कि टैक्स चोरों को धरने के लिए चल रही अंतर्राष्ट्रीय मुहिम के तहत हुए समझौतेपर दस्तखत के साथ स्विस बैंकों की गोपनीयता का फायदा अब टैक्स चोरों को नहीं मिलेगा. 'ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कॉपरेशन एंड डेवलपमेंड(ओईसीडी)' में टैक्स मामलों के प्रमुख पास्कर सेंट अमान्स ने समाचार एजेंसी से कहा कि इसके साथ ही ‘बैंकों की गोपनीयता खत्म’ हो गई है.

आपको बता दें कि 60 से ज्यादा देशों के बीच हुए समझौते में स्विट्जरलैंड का शामिल होना शायद इस समझौते के लिए सबसे अहम बात है क्योंकि माना जाता हैकि दुनिया भर के टैक्स चोर स्विस बैंकों में ही अपना काला धन रखते हैं. भारत और जर्मनी समेत दुनिया के तमाम देश भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई में स्विस बैंकों की गोपनीयता की वजह से परेशान हैं. उल्लेखनीय है कि भारत समेत कई देशों की सरकारें लंबे समय से स्विस बैंकों में जमा काले धन की जानकारी हासिल करने के प्रयास कर रही थीं और अब उनका यह इंतजा रखत्म हो गया है.

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हेल्थ टिप्स – स्वास्थ को रखेंप्राकृतिक तरीके से बरकरार

हरी सब्जियों को भोजन में करें शामिल : आपको अपने खाने में जितना संभव हो सके कुदरती खाद्य पदार्थों क शामिल करना चाहिए और उन्हें खाना चाहिए. प्रोसैस्ड फूड की जगह पोषक तत्वों से भरपूर हरी पत्तेदार सब्जियां, सेहतमंद व सासंयुक्त नारियल का तेल, मेवे, बीज जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए. शराब और अधिक मीठा से परहेज करना चाहिए, ऐसा करके आप सेहतमंद रह सकते हैं.

दिन की शुरूआत गुनगुने नींबू पानी और लाल मिर्च से करें : गुनगुने नींबू पानी में थोड़ी-सी लाल मिर्च छिड़कें. इसे सुबह उठने के बादखाली पेट पिएं. यह लिवर के लिए एक उम्दा पेय है जो हमारे शरीर से विषैलेतत्वों को बाहर करने वाला मुख्य अंग है. इससे लिवर यूरिक एसिड छोड़ता हैतथा बाइल पैदा करके पर्यावरणीय एवं जीवनशैली की वजह से शरीर में दाखिल होनेवाले विषैले तत्वों को सुरक्षित ढंग से शरीर से बाहर कर देता है.

ग्रीन जूस का करें सेवन: हरी सब्जियों एवं फलों आदि का रस पीना सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है. यह शरीर में क्लोरोफिल की पूर्ति नियमित स्तर पर कर सकता है.

सफर में रखें इन्हें साथ : घर पर बना भोजन, फ्रोजन, जैविक सब्जियों, काबुली चने की चटनी आदि को सफर परसाथ रखें. नाश्ते में दही या घर से लाए सैंडविच खाएं. कच्ची खाई जाने वाली सब्जियां जैसे गाजर, पत्तागोभी आदि साथ रखें. बादाम और किशमिश तो लम्बे समय तक रखे जा सकते हैं. जैविक ढंग से उगाए खजूर के अलावा नमकीन अखरोट तथा काजू भी सफर के लिए उम्दा हैं.

रखें इस बात का भी ध्यान : सही भोजन करके आप नियमित रूप से शरीर को डिटॉक्स यानी विषैले तत्वों कोशरीर से निकाल सकते हैं. डिटॉक्सिंग का मतलब सिर्फ कुछ समय के लिए स्वस्थ खान-पान के बाद फिर से प्रोसैस्ड फूड तथा मीठे से भरपूर भोजन करने से नहीं है. यह सुनिश्चित बनाना होगा कि आपका शरीर रोज शरीर से विषैले तत्वों को बाहर करता रहे. इसमें लिवर की सहायता करने वाले खाद्य पदार्थों जैसे हरी सब्जियों, पालक, चुकंदर आदि  को आहार में नियमित रूप से शामिल करें. आपको बता दें कि डैंडलाइयन टी (कुकरौंधा नामक पौधे की चाय) तुरन्त लिवर से विषैले तत्वों कोदूर करने में उपयोगी होती है.

गौरतलब है कि डेयरी उत्पाद, चाय-कॉफी, जड़ी-बूटियां, मसाले एवं चॉकलेट हमेशा जैविक ढंग से उगाया एवं तैयार किए हुए ही इस्तेमाल करें.

जूस पीते हुए रखें इन बातों का ध्यान : ताजे जूस को केवल खाली पेट पीना चाहिए, इससे विटामिन तथा खनिज सीधे खूनमें मिल जाते हैं इसलिए खाना खाने के 2 घंटे बाद ही जूस पीएं.

- ग्रीन जूस तैयार करने के बाद जल्द से जल्द पी लें क्योंकि इसके पोषक तत्व तेजी से कम होने लगते हैं.

- जूस में बहुत ज्यादा मात्रा में मीठे फलों या सब्जियों को शामिल न करें इससे शूगर का स्तर काफी बढ़ जाता है.

- जूस को भोजन का विकल्प न समझें.

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लाईफ स्टाइल – सोने से पहले त्वचा को दें कुछ समय

ज्यादातर लोग अपनी त्वचा पर केवल दिन में ही ध्यान देते हैं और रात में त्वचा का बिल्कुल भी ख्याल नहीं करते. बता दें कि रातके समय आपकी त्वचा खुद को पुनर्जीवित करती है. उम्र चाहे कोई भी हो, अपनी त्वचा को दमकती तथा तारोताजा रखने के लिए इसकी उपयुक्त देखभाल बहुत जरूरी है. त्वचा का ख्याल रखने से इसकी रंगत निखरती ही साथ ही इसपर झाइयां और पिंपल्स निकलना भी कम हो जाते हैं. त्वचा को जब नमी मिलती है तब यह तरोताजा हो जाती है.

ज्यादातर महिलाएं दिन के समय मेकअप  लगाती हैं इसलिए घर पहुंचने के बाद इसे अच्छी तरह हटाना जरूरी है. इसके लिए रूई को मेकअप रिमूवर से  भिगो कर हल्के-हल्के अपने चेहरे तथा गले पर लगाएं और मेकअप को हटाएं. आईए आपको बताते हैं कैसे आप अपने त्वचा की देखभाल कर सकती हैं और उसे दमकाएं रख सकती हैं.

फेशियल-क्लींजर जरूरी है : चेहरे पर हल्के हाथों से क्लींजर से मसाज करें और फिर गुनगुने पानी से इसेधो डालें. गुनगुना पानी त्वचा के पोरों को खोल देगा जिससे धूल तथा बैक्टीरिया उनमें से निकल जाएंगे.

मृत त्वचा को भी हटाइए : जरूरी नहीं कि आप रोज-रोज चेहरे से मृत त्वचा को हटाएं लेकिन आपकी त्वचा पर झाइयां या मुहांसे हों तो आप अपनी त्वचा पर किसी अच्छे स्क्रब का इस्तेमाल करें.

आंखो के लिए भी करें कुछ : आंखों के आस-पास कोई तैलीय ग्रंथी नहीं होती है तो आई क्रीम का इस्तेमालत्वचा तंदुरुस्त रखता है. यह आंखों के आस-पास सूजन तथा काले घेरों को भी कमकरता है. आई क्रीम की कुछ बूंदें लगाकर हल्के हाथों से मसाज करें.

होंठों का रखें खास ख्याल : गुनगुने पानी में भीगे किसी कोमल कपड़े से होंठों को हल्के-हल्के साफ करें. कपड़े से धूल-मिट्टी तथा मृत त्वचा दूर हो जाएगी. इसके बाद लिप बाम लगाएं.

मॉइश्चराइजिंग जरूरी है : सोने से पहले चेहरे पर माइश्चराइजर लगाना बहुत जरूरी है. आपके लिए आर्गैनिक माइश्चराइजर अच्छा विकल्प होगा.

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गोपीनाथ मुंडे की अपील खारिज, शरद पवार एमसीए के अध्यक्ष

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन रद्द होने के खिलाफ भाजपा नेता गोपीनाथ मुंडे की अपील आज खारिज होने के साथ ही शरद पवार निर्विरोध चुने गए है. एमसीए के उपाध्यक्ष रवि सावंतने बताया कि महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री मुंडे का आवेदन चुनाव अधिकारी ने उनकी रिहाइश के आधार पर खारिज कर दिया था. मुंडे ने इसके खिलाफ अपील की थी जिसे भी खारिज कर दिया गया.

आपको बता दें कि मुंडे के आवेदन को चुनाव अधिकारी ने खारिज कर दिया था क्योंकि उनके मतदाता पंजीकरण में पता बीड काथा. एमसीए के नियमों के तहत मुंबई का निवासी ही चुनाव लड़ सकता है. मुंडे की अपील खारिज होने के कारण के बारे में सावंत ने कहा कि मुंबई उच्चन्यायालय के 2006 के फैसले के तहत एक व्यक्ति के अलग-अलग शहरों में घर हो सकते हैं लेकिन उसे उसी स्थान का स्थायी निवासी माना जाएगा जहां मतदाता सूची में उसका नाम हो. मुडे ने अपील दायर की थी जिसके साथ उन्होंने कई दस्तावेज जमा किए थे जिसमें दिखाया गया था कि वे मुंबई के निवासी है. लेकिन उनसे सिर्फ इतना पता चलता है कि उनका मुंबई में घर है.

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मोबाइल इंटरनेट इस्तेमाल करना अब कर सकता है आपकी जेब को खाली

नई दिल्ली : इन दिनों मोबाइल रोजमर्रा की चीज बन गई है पर इस भागती दौड़ती जिंदगी में लोग अब सबकुछ सेकंड के रफ्तार में करना चाहते हैं. इसलिए ज्यादातर लोग अब मोबाइल में ही इंटरनेट इस्तेमाल करने लगे हैं. हालांकि ऐसे लोगों को यह सुनकर बुरा लगेगा कि अब मोबाइल पर इंटरनेट यूज करना महंगा हो गया है. दूरसंचार क्षेत्र की प्रमुख कंपनियां एयरटेल, आइडिया सेलुलर और वोडाफोन ने कुछ निश्चित टैरिफ प्लान के तहत टूजी नेटवर्क पर डाउनलोड किए जा सकने वाले डाटा की मात्रा लगभग आधी कर दी है. पहले कंपनियां 125 रुपये में 1024 एमबी डाउलनोड की अनुमित देती थी, लेकिन अब 525 एमबी की सीमा कर दी गई है.

आपको बता दें कि अब एक जीबी डेटा डाउनलोड करने के लिए पहले के मुकाबले 25 फीसदी अधिक फी देनी होगी. राजधानी दिल्ली में एयरटेल उपभोक्ताओं को एक जीबी डाटाडाउनलोड के लिए 156 रुपए और आइडिया सेलुलर के उपभोक्ताओं को 154 रुपए का टैरिफ प्लान लेना होगा जो 28 दिन तक वैध होगा. वोडाफोन नेटवर्क के उपभोक्ताओं को 155 रुपए का भुगतान करना होगा जो 30 दिनों के लिए वैध होगा.

उल्लेखनीय है कि कंपनियों ने अब तकयह खुलासा नहीं किया है कि इन दरों में परिवर्तन किस तारीख अथवा समय से किए गए हैं.

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घर परिवार – आयोजन आगे बढ़ने का

प्रश्न: हमारे आध्यात्मिक जीवन में आयोजन का क्या महत्व है?

उत्तर: हम आयोजन का ख्याल सिर्फ भौतिक स्तर पर करते हैं. इसलिए हम आयोजन के नैतिक, मानसिक और आध्यात्मिक जीवन में स्थान नहीं देते, शुभ कर्म है वे हमें प्रगति की और आध्यात्मिक प्रगति की ओर ले जाते हैं और कृष्ण कर्म का फल है इच्छाएं, तृष्णाएं. कर्म का फल आनंददाई हो सकता है. दुखदाई भी हो सकता है. फल की इच्छाओं के साथ किया गया कर्म दुखदायक हो सकता है. हम जीवन में दुख से बच नहीं सकते. जो मनुष्य आध्यात्मिक जीवन का आयोजन करता है वह फल की इच्छा से कभी कर्म नहीं करेगा. वह अपना कर्तव्य समझकर कर्म करता है. इस तरह से काम करनेवाले का जीवन श्रेयस्कर बनता है और उसके कर्मानुसार यथयोग्य फल उसे अवश्य मिलता है. वह तत्काल फल नहीं मिलने से विक्षुब्ध नहीं बनता. हम हमारे बच्चों से बहुत अपेक्षा रखते हैं कि जब वे बड़े हो तो हमारी सर्व आशाएं पूरी करेंगे. इस अपेक्षा से किए हुए कर्म हमारे में निराशा और दुख लाते हैं. इसलिए सिर्फ अपना फर्ज बजाओ बाकी का भगवान पर छोड़ो.

प्रश्न: हमें कर्म करते समय क्या उद्देश्य मन में रखना है?

उत्तर: तृष्णाओं के साथ कभी कर्म ना करें. जब तृष्णा हीन दिशा में सिर्फ कर्तव्यबोध से कर्म किया जाता है तब सुख ही सुख मिलता है इसलिए सुखद परिणाम की आशा से कर्म ना करें.

आयोजन करो तो सिर्फ निष्काम कर्म करने का ही करो. सुखद परिणाम की दृष्टि से किया गया कर्म का अंत दुखद होता है.

प्रश्न: प्रतिपक्ष भानवा क्या है?

उत्तर: प्रतिपक्ष भावनबा का तात्पर्य है, 'जब कभी किसी दुर्भावना से पीड़ित हो तब उसके विपरीत विचार लाना चाहिए.' 'प्रति' का तात्पर्य है 'विपरीत' एवं भावना का तात्पर्य है अनुभूति. जब कभी कोई व्यक्ति दुर्भावना से पीड़ित हो और मस्तिष्क में बुरे विचार आते हों जो कि उसे गलत दिशा में ले जाते तब उसे उसके विपरीत विचार लाने चाहिए.

उदाहरणस्वरूप अगर आपको क्रोध आता हो तो आप ऐसे विचार की कल्पना करें जो प्रेम व करूणा उत्पन्न करें. कहावत है 'सतर्कता, स्वतंत्रता की कीमत है'. व्यक्ति को अपने विचार एवं भावुकता के प्रति सदैव सतर्क रहना चाहिए. तब वह ऐसी पट्टिका को उभारता हुआ देखेगा जिससे वह स्वंय जान सकेगा कि वह ऐसी परिस्थिति में क्यों आया है.

मैत्री, करूणा, मुदिता और उपेक्षा

योग सूत्र के हिसाब से चार परिकर्मा द्वारा हम अपने मन को नियंत्रण व पवित्र बनाए रख सकते हैं. ऐसा देखा गया है कि शारीरिक रूप से हम इतने अस्वस्थ और मैले नहीं होते जितने मानसिक रूप से. अगर हाथ मैले हो तो उन्हें साबून से धोकर साफ कर सकते हैं पर अगर चित्त मैला हो तो उसे कैसे साफ कर सकते हैं? राग-द्वेष गुस्से से चित्त-मल एकत्र होता है. इस एक विचार को बाहर करने के लिए शरीर को बहुत ही परिश्रम करना होता है. जब मन मैल हो तो शरीर भी मैला होता है क्योंकि मन व शरीर का संबध जो ठहरा.

प्रश्न: मन की सफाई कैसे होती है?

उत्तर: जैसे शरीर की सफाई रगड़-रगड़ के नहाने से होती है वैसे ही मन की सफाई ये चार परिकर्मा से होती है.

पातंजलि जानते थे मानव स्वभाव कैसा है? इसलिए उन्होंने योग सूत्र में बहुत ही सुंदर ढंग से इन चार परिकर्माओं के बारे में बताया है. ये हैं- मैत्री, करूणा, मुदिता और उपेक्षा.

प्रश्न: मैत्री क्या है?

उत्तर: अच्छे लोगों के साथ सब मैत्री कर सकते हैं. परंतु जो अच्छा नहीं हो उसके प्रति मैत्री भाव लाना ही महत्वपूर्ण है. अगर किसी के प्रति गलत भावना आती है तो भी उसे अच्छे विचारों से बदल लो.

हिंदू शास्त्रों में एक कहानी है. एक आदमी ने बहुत तपस्या की तो भगवान प्रसन्न हुए व आकर उसे मनचाहा वरदान देने लगे. उस व्यक्ति ने कहा, प्रभु, जो भी मैं चाहूं वो मुझे इस दुनिया में मिला-धन, दौलत, पत्नी, घर इत्यादि. प्रभु ने हंसकर कहा, ठीक है, पर जो तुम्हें मिलेगा, तुम्हारे पड़ोसी को उसका दुगुना मिलेगा. उस व्यक्ति ने उसे स्वीकार किया. फिर उसने देखा कि उसके पड़ोसी के दो मकान हो गए. तो वह विचलित हो गया उसके अंदर नाकारात्मक भावना आने लगी. उससे दूसरे का सुख नहीं देखा गया. पड़ोसी दोनों आंखों से अंधा हो इसलिए उसने अपनी एक आंख खो दी. फिर उसने एक कुंआ बनवाया और अंधेपन के कारण उसमें गिरकर मर गया. ऐसा होता है मानव स्वभाव. कहा गया है कि जो औरों का नाश करवाता है उसका नाश पहले होता है.क्रमश:

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सचिन के बिना दिवालिया और दरिद्र हो जाएगा क्रिकेट – डॉन अखबार

बैंगलूर : मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के संन्यास की खबरना केवल भारत में छाई हुई हैं बल्कि इंटरनेशनल मीडिया में भी सुर्खियों में है. गौरतलब हैकि पाकिस्तान की अंग्रेजी प्रेस ने सचिन के बारे में तारीफो के पुल बांधे हैं और लिखा है कि सचिन के बिना भारत का क्रिकेट दिवालिया और दरिद्र हो जाएगा. अंग्रेजी के अखबारों ने सचिन के अगले महीने 200 वां टेस्ट खेलने के बाद अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के बारे में काफी कुछ लिखा और उनकी उपलब्धियों की तारीफ की है.

आपको बतादें कि 'डॉन' ने लिखा कि तेंदुलकर के संन्यास से सचमुच उनके यादगार करियर का अंत हो जाएगा जो लगभग 25 साल तक चला. अखबार ने लिखा कि, 'आलोचकों और समकालीन क्रिकेटरों ने उन्हें क्रिकेट का महान खिलाड़ी माना है. तेंदुलकरने 1989 में पाकिस्तान में कराची में अपने पदार्पण मैच के बाद शानदार बल्लेबाजी कौशल से रिकार्ड बुक पर अपना नाम लिखाना जारी रखा.' इसके अनुसार, 'उनके 100 अंतर्राष्ट्रीय शतक और 15,000 टेस्ट रन रिकार्ड हैं जिनके कई वर्षों तक टूटने की संभावना नहीं है. तेंदुलकर अब 40 वर्ष के हैं और भारत में उन्हें भगवान का दर्जा हासिल है. उन्होंने कभी भी इस सफलता को अपने सिर पर नहीं चढऩे दिया और वे विवादों से भी दूर रहे. उनकी छवि मैदान के अंदर और बाहर बेहतरीन है. जब क्रिकेट विवादों से भरा होतब इस उम्र में उनकी यह उपलब्धि दुर्लभ है.'

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फैलिन पीड़ितों के लिए सितारों ने की दुआ

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : प्रकृति के कहर के आगे किसी की कोई मर्जी नहीं चलती. चक्रवाती तूफान फेलिन में प्रकृति का प्रकोप देखने के बाद इसके कहर से प्रताड़ित लोगों के लिए सभी दुआएं कर रहे हैं जिनमें बॉलीवुडके सितारे भी शामिल हैं. गौरतलब है की माधुरी दीक्षित और अमिताभ बच्चन जैसी हस्तियों ने ट्विटर पर सभी प्रभावितों की हानि और दुख बांटने की कोशिश की.

गौरतलब है कि फेलिन 14 वर्षों में भारत के तट पर आने वाले सबसे बड़े चक्रवातों में से एक है. अधिकारिक सूत्रों के अनुसार मूसलाधार बारिश और तेज हवाओं वाले चक्रवाती तूफान में ओडिशा में गत शनिवार की रात को कम से कम सातलोगों की मौत हो गई. चक्रवाती तूफान के कहर का सामना करने वालों के प्रति बॉलीवुड ने संवेदना जताई है.

उल्लेखनीय है कि अमिताभ बच्चन ने कहा कि फेलिन चक्रवात भगवान का प्रकोप है. सावधान रहिए, होशियार रहिए, सुरक्षित रहिए और दुआ कीजिए. वहीं माधुरी दीक्षित ने कहा कि फेलिन चक्रवात से प्रभावित हुए सभी लोगों तक मेरी दुआएं पहुंचें. भगवान उन्हें इस अग्निपरीक्षा में सफल होने की शक्ति दे. अक्षय कुमार ने कहा कि प्रकृति के इस प्रकोप से प्रभावित हुए लोगों केसाथ मेरी दुआएं हैं. ओडिशा में शांति की आशा करता हूं, दुर्भाग्य से हम सभी यही कर सकते हैं. मीरा नायर ने कहा कि फेलिन से मेरी सांसें रुकी हैं, मेरी जन्मभूमि उड़ीसा के लोगों के लिए मेरी दुआएं और प्रोत्साहन.

टिस्का चोपड़ा दुआएं करते हुए कहा कि हालांकि हमारी दुआएं फेलिन प्रभावितों के साथ हैं लेकिन यह कहना जरूरी है कि भारत सरकार ने बेहतर काम किया है. इतने सारे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना छोटा काम नहीं है. अनुपम खेर ने कहा कि हर समय प्रकृति अपना रोष दिखाती है, हमारे अस्तित्वकी कमजोरी बुरी तरह उजागर होती है. यह 'मैं' शब्द की महत्ता को नगण्य बनादेती है. बोमन ईरानी ने कहा कि लगता है हम सामान्य की अपेक्षा अधिक तैयारथे. लगता है प्रकृति ने भी इसका सम्मान किया और अनुमान से क्रूर रही.

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डॉ.सत्यपाल सिंह की पुस्तक 'तलाश इंसान की' का हुआ विमोचन

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बांद्रा के रंगशारदा सभागृह में मुंबई के पुलिस कमिश्नर डॉ. सत्यपाल सिंह की पुस्तक 'तलाश इंसान की' के उर्दु संस्करण का लोकर्पण किया गया. इस पुस्तक का विमोचन बॉलीवुड के शाहंशाह अमिताभ बच्चन ने किया. अमिताभ के इस समारोह में पहुंचने से समारोहमें और भी चार चांद लग गए. इस अवसर पर प्रसिद्ध गीतकार जावेद अख़्तर, मुंबई के पालकमंत्री जयंत पाटिल और मायनोरिटी एज्युकेशन फाऊंडेशन के सोहेल लोखंडवाला भी मौजूद रहे.

इस अवसरपर अमिताबबच्चन ने मुंबई के ट्रैफिक और यातायात पर सवाल खड़े किए और नाराजगी भी व्यक्त की. उन्होंने कहा कि कोई भी किसी भी तरह से सिग्नल तोड़ देता है और जेब्रा क्रॉसिंग कानियम सही तरह से इस्तेमाल नहीं करता. इसे देखकर बहुत दुख होता है. वहीं अमिताभ ने यह भी कहा कि आम नागरिकों को पुलिस का साथ देना चाहिए और मिलकर सब कुछ ठीक करने की कोशिश करनी चाहिए.

'तलाश इंसान की' का जन्म कैसे हुआ : इसके बारे में बताते हुए डॉ.सत्यपाल सिंह ने पुस्तक के जन्म के बारे में बताया"मैं जब नागपुर सिटी में डीआयजी था तब एक ट्रक ने जब टू व्हीलर पर सवारएक युवा को धक्का मारा तो वह सड़क पर गिर गया. उसे गहरी चोट लगने के कारण उसका बहुत खून बह रहा था. दस-पंद्रह लोग वहां इकट्ठे हो गए और आने-जाने वाले लोगों से मदद की गुहार करने लगे. जब वहां से एक कार चालक गुजरने लगा तब उसे मदद करने के लिए कहा गया तो उसने मेरी पत्नी बीमार है इसलिए मुझे जल्दी घर जाना है, ऐसा कहकर वह चला गया परंतु नियती का खेल देखिए. जब वह आदमी घर पहुंचा तब उसे मालुम पड़ा कि उसके बेटे का एक्सीडेंट हो गया है. जब वह अस्पताल पहुंचा तो डॉक्टरों ने कहा कि अगरइस युवाको 15 मिनट पहले लाया गया होता तो शायद इसकी जान बच सकती थी. जिस समय लोग इस व्यक्ति से विनंती कर रहे थे तब उसने मदद करने से इंकार कर दिया और बहाना बनाकर चला गया. उसे जब यह मालूम हुआ कि वहां खूनमें लथपथ अपना ही बेटा था. इस घटना के बाद 'तलाश इंसान की' इस पुस्तक का जन्म हुआ"

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