Monday, December 2, 2013

FeedaMail: Pits News Paper

feedamail.com Pits News Paper

अण्णा ने फिर से निकाला अनशन का हत्यार

लोकपाल विधेयक के लिए 10 दिसंबर से अनशन पर बैठेंगे रालेगण सिद्धी में

नई दिल्ली : सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे मजबूत लोकपाल विधेयक के लिए 10 दिसंबर से यादव बाबा मंदिर में अनिश्चतकालीन अनशन करेंगे. अपने आंदोलन का ऐलान करते हुए हजारे ने केंद्र से 5 दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाने के लिए साहस दिखाने को कहा है. गौरतलब है कि हजारे ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक खत लिखकर भ्रष्टाचार विरोधी विधेयक लाने में केंद्र सरकार की नाकामी पर नाराजगी जाहिर की थी.

आपको बता दें कि सामाजिक कार्यकर्ता ने आरोप लगाया है कि 'राजनीतिक इच्छाशक्ति'के अभाव में यह विधेयक लटका हुआ है. हजारे को अपने जवाबी पत्र में संसदीय मामलों के मंत्री वी.नारायण सामी ने लोकपाल विधेयक लाने की दिशा में सरकार की ओर से उठाए गए विभिन्न कदमों के बारे में बताया. हजारे ने कहा कि उन्हें मंगलवार को नारायणसामी का पत्र मिला. सरकार की कोशिशों पर नाखुशी जाहिर करते हुए हजारे ने कहा, 'पिछले दो वर्षोंसे संवाद हो रहा है लेकिन उसका कोई नतीजा नहीं निकला. इससे पहले केंद्रने आश्वस्त किया था कि विधेयक संसद के बजट सत्र में पेश किया जाएगा. प्रवर समिति ने इसे 23 नवंबर 2012 को मंजूरी दे दी थी लेकिन मानसून सत्र में भीकुछ नहीं हुआ.'

अन्ना हजारे ने कहा कि, 'अब देश परिणाम चाहता है. वजह नहीं और इसलिए मैं भूखहड़ताल करने जा रहा हूं.' हजारे ने यह भी बताया कि आंदोलन यादव बाबा मंदिर में होगा, दिल्ली के रामलीला मैदान में नहीं. उन्होंने लोगों से विधेयक का रास्ता बनाने के लिए अहिंसक तरीके से सरकार पर दवाब बढाने का भी आह्वान किया.

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2011 में जनलोकपाल आंदोलन की पृष्ठभूमि में बढते जन दबाव के बीच केंद्र ने लोकसभा में लोकपाल विधेयक को पारित कर दिया था. राज्यसभा से यह अब तक पारित नहीं हुआ है. गौरतलब है कि हजारे ने कहा था कि लोकसभा द्वारा पारित विधेयक और जनलोकपाल विधेयक के मसौदे में काफी अंतर है.

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बिना गार्ड वाले एटीएम होंगे बंद

बेंगलुरू : बेंगलुरू में पुलिस ने शहर के उन 1,050 एटीएम को बंद कर दिया, जिनमें 24 घंटों के लिए सुरक्षा गार्ड नियुक्त नहीं किए गए थे और न सीसीटीवी कैमरे थे और न एटीएम के बाहर सुरक्षा अलार्म लगाया गया था. एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. शहर के पुलिस आयुक्त राघवेंद्र और डकरने आईएएनएस को बताया कि एटीएम में सुरक्षा निर्देशों को पूरा करने के लिए तीन दिन का समय दिया गया है. यह समय समाप्त होने के बाद पूरे शहर में सभी पुलिस थानों को निर्देश दिए गए कि अपने अधिकारक्षेत्र में आनेवाले बिना सुरक्षा गार्ड वाले एटीएम को बंद करवा दिया जाए.

बता दें कि बीते 19 नवंबर को शहर के एक एटीएम में एक महिला पर हमला और लूटपाट की घटना के दो दिन बाद 21 नवंबर को शहर के  सभी एटीएम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के अनिवार्य निर्देश जारी किए गए थे. और डकर के अनुसार एटीएम की सुरक्षा के लिए जारी किए गए अनिवार्य निर्देशों को पूरा करने के बाद ही बैंक बंद एटीएम का पुन: संचालन कर सकेंगे. एटीएम में ग्राहकों की सुरक्षाबैंकों की पहली प्राथमिकता है.

उल्लेखनीय है कि एटीएम में होने वाले अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण में पुलिस को पता चला कि शहर भर के 2,580 एटीएम में से 600 एटीएम में सुरक्षा गार्ड नहीं हैं. इनमें से कई एटीएम में सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं और बाहर सुरक्षा अलार्म भी नहीं है. और डकर का कहना है कि सभी सरकारी और निजी बैंकों के साथ पिछले दिनों हुए तीन बैठकों में हमने एटीएम में होनेवाले अपराधों को रोकने के लिए सुरक्षा बढ़ाने को कहा था. चाहे एटीएम बैंक की शाखा के साथ हों या शहर में किसी भी जगह पृथक एटीएम हो. पुलिस 19 नवंबर की घटना के संदिग्ध अपराधी की तलाश में जुटी हुई है.

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आरूषी – हेमराज मर्डर केस : तलवार दंपती पर लटकी उम्रकैद की तलवार

केंद्रीय जांज ब्यूरो(सीबीआई)की विशेष अदालत ने पांच साल से अधिक समय तक देश के सबसे बड़े रहस्यमय हत्याकांड के रूप में चर्चित रहे आरूषि-हेमराज हत्याकांड में आरूषि के पिता डॉ.राजेश तलवार और उसकी मां नूपुरतलवार को गत मंगलवार को उम्र कैद की सजा सुनाई. अदालत ने सोमवार को उन्हें इस हत्याकांड के लिए दोषी करार दिया था. उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद की सीबीआई के विशेष न्यायाधीश श्याम लाल ने तलवार संपति को हत्या और सबूत मिटाने का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई. अदालत ने उन्हें भारतीय दंड संहिता की धारा 302 तथा धारा 201 के तहत दोषी करार दिया है. अदालत ने डॉ.राजेश तलवार को धारा 203 के तहत जांच को गुमराह करने का भी दोषी ठहराया है.

विशेष सीबीआई कोर्ट ने आरुषि और हेमराज मर्डर केस में तलवार दंपती को दोषी मानने के लिए इन कारणों और सबूतों को आधार माना हैः

  • 15-16 मई की जिस रात आरुषि और हेमराज की हत्या हुई थी, उन दोनों को आखिरीबार आरोपियों डॉ.राजेश तलवार और नूपुर तलवार के साथ देखा गया था. आखिरीबार आरुषि-हेमराज को जलवायु विहार के फ्लैट नं.L-32 में डॉ.राजेश तलवारके ड्राइवर उमेश शर्मा ने रात 9.30 बजे दोनों आरोपियों के साथ देखा था.
  • 16 मई की सुबह 6.00 बजे आरुषि अपने बेडरूम में मरी हुई मिली. आरुषि और उसके पैरंट्स का कमरा बिल्कुल सटा हुआ था और दोनों कमरों के बीच में सिर्फएक दीवार थी.
  • 17 मई 2008 को नौकर हेमराज का शव खून से लथपथ हालत में डॉ.राजेश तलवार के टेरस पर मिला. टेरस का दरवाजा अंदर से बंद था.
  • कोर्ट ने माना कि तलवार दंपती के फ्लैट में घटना की रात मात्र 4 लोग थे-तलवार दंपती, आरुषि और हेमराज. आरुषि-हेमराज की हत्या हो गई. बाहरी व्यक्तिके प्रवेश की घर में कोई गुंजाइश नहीं थी. ऐसे में तलवार दंपती के अलावा हत्यारा और कोई नहीं हो सकता.
  • आरुषि के बेडरूम का दरवाजा में ऑटोमैटिक लॉक लगा था. नोएडा के एसपी(सिटी) महेशकुमार मिश्रा ने बताया था कि 16 मई की सुबह जब उन्होंने राजेश तलवार से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि 15 मई की रात करीब 11 बजे आरुषि का दरवाजा बाहर से लॉक करके सोने चले गए थे. दोनों आरोपियों ने माना कि आरुषि के बेडरूम के दरवाजे में ऑटोमैटिक लॉक था, जैसा फाइव स्टार्स होटलों में होता है, जिसे लॉक होने के बाद अंदर से तो बिना चाबी के खोला जा सकता है, लेकिन बिना चाबी के बाहर से खोलना मुश्किल है. इस बारे में दोनों आरोपी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए कि जब बाहर से ताला बिना चाबी के नहीं खुल सकताथा, तो फिर दरवाजा कैसे खुला और किसने खोला?
  • हत्या की पूरी रात इंटरनेट चालू था जो इस बात की पुष्टि करता है कि कम से कम दोनों में से एक आरोपी पूरी रात जगा हुआ था.
  • घटना की रात बिजली गुल होने की बात इससे झूठ साबित होती है कि सुबह तक इंटरनेट चल रहा था.
  • उस रात फ्लैट के आसपास किसी अवांछित व्यक्ति के नज़र आने या पाए जाने की बात पता नहीं चली.
  • हत्या की रात किसी बाहरी व्यक्ति के घर में जबरन घुसने का भी कोई सबूत नहीं मिला.
  • फ्लैट में किसी तरह की चोरी की वारदात या सामान के गायब होने का साक्ष्य नहीं था.
  • नौकरानी भारती ने गवाही में कहा था कि डॉ. नूपुर ने उसे बताया कि हेमराज आरुषि की हत्या कर भाग गया है, जब कि हेमराज की हत्या कर शव को टेरिस पर छुपा दिया था. इसे कोर्ट ने ठोस सबूत माना है.
  • नौकरानी भारती ने अपनी गवाही में कभी इस बात को नहीं कहा कि जिस समय वह उनके घर में गई उस समय तलवार दंपती बेटी की हत्या होने की बात पर रो रहे थे.
  • भारती के बयान से यह बात साबित हुई कि जब वह फ्लैट पर गई और डॉ. नूपुर तलवार से बात की तो नूपुर ने उसे नहीं बताया कि उनकी बेटी की हत्या हो गई है बल्कि उन्होंने नौकरानी से कहा कि हेमराज बाहर से दरवाजा बंद करके शायद दूध लेने मदर डेयरी गया है.
  • आरुषि के माता-पिता के कपड़ों पर कहीं भी खून लगा नहीं मिला था. यह काफी अजीब था कि जिन मां-बाप को सुबह अपनी बेटी की हत्या का पता चला हो उन्होंने उसे गले न लगाया हो.
  • किसी बाहरी व्यक्ति के लिए यह संभव नहीं था कि वह हेमराज की हत्या कर खून से लथपथ शव को टेरस परले जाए और फिर टेरस का दरवाजा अंदर से लॉक करके निकल जाए.
  • तलवार दंपती के खाने की मेज पर बिना गिलास स्कॉच की बोतल मिली थी. इस बोतलपर खून के निशान थे. ऐसा माना जा रहा है कि दोनों हत्याओं के बाद खूनी ने घर के अंदर शराब पी थी. ऐसा व्यक्ति घर का सदस्य या कोई नजदीकी ही हो सकता है.
  • किसी बाहरी व्यक्ति के लिए हेमराज की हत्या कर शव टेरस पर घसीट कर ले जाना संभव नहीं था. कम से कम किसी एक व्यक्ति के लिए तो नहीं.
  • हमेशा टेरस का खुला रहने गेट में पहली बार 16 मई की सुबह ताला लगा देखा गया. डॉ.राजेश तलवार के टेरस पर लगे ताले को खोलने के लिए चाबी मांगने पर भी पुलिसको टाल देते हैं, जबकि टेरस के दरवाजे पर खून के धब्बे दिखाई दे रहे थे.
  • आरोपियोंने अपने बयान में कहा था कि घर में पेंटिंग का काम शुरू हुआ था और काम करनेवाले मजदूर टेरस पर रखी टंकी से पानी लेते थे. इसके बाद से ही हेमराजने टेरस का दरवाजा लॉक करना शुरू किया और उसी के पास उसकी चाबी रहती थी. अगर ऐसा था तो किसी बाहरी व्यक्ति के लिए यह संभव नहीं था कि वह हेमराज की हत्या करता उसके बाद चाबी खोजकर उसका शव टेरस पर फेंककर टेरस का दरवाजा लॉक कर देता.
  • छत पर हेमराज के शव को घसीटकर उसे कूलर के पैनल से ढ़कने के साथ ही सामने की लोहे की रेलिंग पर एक चादर फैला दी गई थी.
  • सीढ़ियों पर गिरे खून को साफ करने की कोशिश की गई थी.
  • अपराध करने का मकसद साबित हो चुका है.
  • टेरसपर हेमराज के शव को पहचानने से भी डॉ.राजेश तलवार से इनकार कर दिया था. बाद में अन्य नौकर ने उसकी शिनाख्त की.
  • गोल्फ स्टिक जिसे डॉ. राजेश तलवार गायब बता रहे थे. उन्हीं के अनुसार, कुछ दिन बाद ही वह घर में मिल गई और उन्होंने इसकी सूचना नहीं दी, बल्कि एक साल बाद जांच के दौरान अधिकारियों को दी गई.
  • परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के अनुसार गोल्फ स्टिक से हत्या की गई. जिसका संकेत है कि हत्या अचानक किसी बात से उत्तेजित होकर की गई.
  • आरुषि-हेमराज का गला जिस सफाई के सर्जिकल औजार से काटा गया, वैसा प्रशिक्षित व्यक्ति ही कर सकता है. तलवार दंपती चिकित्सक होने के नाते ऐसा कर सकते हैं.

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आप जान सकते हैं कि कब तकजीएंगे आप

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रक्त परीक्षण से पता चलेगा जीवनकाल

वाशिंगटन : अभी तक रक्त परीक्षण से विभिन्न रोगों और शरीर में पोषक तत्वों की मात्राके बारे में ही जान सकते थे लेकिन अब एक सस्ते रक्त परीक्षण से जीवनकाल का पता भी लगाया जा सकेगा. हाल ही में हुए एक अध्ययन में बताया गया है कि एक सस्ते से रक्त परीक्षण से पता चल सकता है कि किस व्यक्ति को दिल की बीमारी बढऩे का खतरा है, यहां तक कि इससे भावी जीवनकाल का भी पता चल सकता है.

गौरतलब है कि उटा के मुरे स्थित इंटरमाउंटेन मेडिकल सेंटर हार्ट इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने हारवर्ड के ब्रिघम और बोस्टन के महिला अस्पताल के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर संपूर्ण रक्त गणना(सीबीसी) के रिस्क स्कोर का एकनया अध्ययन किया जिसका प्रयोग सामान्य रक्त परीक्षण में होता है. साइंस डेली के अनुसार इंटरमाउंटेन मेडिकल सेंटर हार्ट इंस्टीट्यूट में हृदय और आनुवांशिक रोग विज्ञान के निदेशक और मुख्य शोधकर्ता बेंजामिन हॉर्न ने बताया कि चिकित्सक सालों से सीबीसी लैब परीक्षण का प्रयोग करते आ रहे हैं, लेकिन वे यह नहीं जान पाए कि इसके सभी घटक जीवन प्रत्याशा की जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि, 'सीबीसी को मानक विधि के तौर पर प्रयोग करके चिकित्सक भविष्य में रोगी की मौत का कारण बननेवाली बीमारियों का आकलन करके उन्हें बेहतर चिकित्सा उपलब्ध करा सकते हैं.' उनके अनुसार स्वस्थ लोगोंके अलावा यह रिस्क स्कोर अधिक जोखिम वाले मरीजों की पहचान करने के साथ-साथ किस मरीज पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए, इसकी पहचान करने में भी चिकित्सकों की मदद करेगा. स्कोर से चिकित्सक उन मरीजों की भी पहचान कर सकेंगे जिन परज्यादा ध्यान देने और गहन परीक्षण की जरूरत नहीं है.

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जिया खान की मौत का खुला एक और राज

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : अभिनेत्री जिया खान की मौत के मामले में एक के बाद एक सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं. अभी हाल ही में एक और नया खुलासा हुआ है. गौरतलब है कि जियाके फिंगर प्रिंट्स की रिपोर्ट से संकेत मिले हैं कि यह मामला हत्या का हो सकता है. रिपोर्ट में बताया गया है कि जिया खान की उंगलियों के निशान न तो पंखे पर और न ही खिड़की या पानी के बोतल पर मिले. इस रिपोर्ट को मामले में अहम माना जा रहा है.

बता दें कि इस ताजा रिपोर्ट के आधार पर सवाल उठता है कि यदि पंखे, खिड़की और पानी की बोतल पर जिया की उंगलियों के निशान नहीं हैं तो फिर उसने आत्महत्या कैसे की? वहीं इसी महीने की शुरुआत में इससे पहले आई एक फोरेंसिक रिपोर्टमें कहा गया था कि जिया खान के नाखून में किसी इंसान के मांस के टुकड़े मिले हैं. इसके अलावा उनके इनरवीयर पर खून के दाग भी मिले थे. जिया खान की मां राबिया खान ने तब मांग की थी कि जिया के शव को कब्र से बाहर निकाला जाए और जांच की जाए.

उल्लेखनीय है कि जिया खान की मौत के करीब चार महीने बाद उनके परिवार ने आरोप लगाया था कि जिया ने आत्महत्या नहीं की, बल्कि उनकी हत्या हुई है. तब जिया के परिवार ने सीबीआई जांच की मांग भी की थी. परिवार ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने किसीके प्रभाव में आकर जांच की और कई वैज्ञानिक तथ्यों को अनदेखा कर दिया. परिवार के वकील दिनेश तिवारी ने बताया था कि उनके पास जिया की मौत से पहले और बाद की 150 तस्वीरें हैं. इन तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है कि जिया के गले, कंधे और हाथ पर चोट के गहरे जख्म थे.

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चित्रांगदा भी हो चुकी हैं यौन शोषण की शिकार

नई दिल्ली : बॉलीवुड में रिश्तों का बनना या टूटना कोई नई बात नहीं है. आए दिन किसी न किसी अभिनेता और अभिनेत्री के रिश्तों में खट्टास की खबरे आती रहती हैं. हाल ही में बॉलीवुड की सेक्सी अभिनेत्रियों में से एक चित्रांगदा सिंह अपने पति ज्योति रंधावा के साथ हुए तलाक को लेकर चर्चा में है. चित्रांगदा ने एक बार पहले मीडिया के सामने अपने करियर के शुरुआती दौर में यौन शोषण की शिकार होने की बात की थीहालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया.

आपको बता दें जानकारी मिली है कि अभिनेत्री चित्रांगदा सिंह और उनके पति ज्योति रंधावा(गोल्फर) ने तलाक ले लिया है. गुडग़ांव की अदालत में दोनों ने तलाक की अर्जी दी हुई थी, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया है. हालांकि अब अदालत से तलाक होने से पुष्टि हो गई है. उल्लेखनीय है कि ज्योति रंधावा एक गोल्फर हैं और इन दोनों का एक बेटा भी है पर अभी फिलहाल तय नहीं है कि बेटा जोरावर रंधावा किस के पास रहेगा.

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नारायण साई की और एक पापलीला

सूरत : एक के बाद नारायण साई की करतूतों का काला चिट्ठा खुल रहा है. गौरतलब है कि सूरत सेशन कोर्ट की फास्ट ट्रैक अदालत के एक फैसले में पता चला है कि नारायण लड़कियों की ब्‍लू फिल्म बनवाता था. इस बात का जिक्र अदालत ने नारायण के साधक हनुमान उर्फ कौशल ठाकुर की अग्रिम जमानत याचिका के फैसले में किया है. अदालत में पीड़ित पक्ष की तरफ से सरकारी वकील ने नारायण साई के साथ कई वर्षों तक रहने वाले दो गवाहों की गवाही के आधार पर अपनी दलील में कहा कि हनुमान और मोनिका अग्रवाल नारायण साई के लिए लड़कियों का इंतजाम करते थे.

वहीं सूरत के सरकारी वकील, नयन सुखडवाला ने कहा किसूरत की अतिरिक्‍त सेशन कोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के बाद कोर्ट ने हनुमान की अग्रिम जमानत याचिका को रद्द कर दिया है. सुनवाई के दौरान जांच और गवाहों के बयानों को कोर्ट के समक्ष पेश किया गया. इसमें दो गवाहों का बयान भी कोर्ट को दिया गया है. इस बयान में कहा गया है कि नारायण साई जब कहीं सत्संग के लिए जाता था तो रात को ये हनुमान लड़कियों का ब्रेन वाश करता था और लड़कियों को लाने का काम हनुमान ही करता था. ऐसा तफ्तीश के दौरान दो गवाहों ने पुलिस को बताया था.

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ऐश्वर्या राय ससुराल छोड़ सकती है?

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड में सबसे चर्चित सास – बहू की जोड़ी ऐश्वर्या राय बच्चन और जया बच्चन की है जो इन दिनों सुर्खियों में है. गौरतलब है कि बच्चन परिवार की भी घर की बातें बाहर आ रही है. सुत्रों के अनुसारहर सास – बहू की तरह इन दोनों सास – बहू में भी आपसी मतभेद पैदा हो रहे हैं.

ऐश्वर्या और उनकी सास जया बच्चन के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा. इसी कारण वह दोनों एक साथ नहीं रहना चाहते. ऐश का कहना है कि उनकी लाइफ में जया का कुछ ज्यादा ही दखलंदाजी है. ऐश के अनुसार उन्हें हर काम के लिए उनसे पूछना पड़ता है. यहां तक कि छोटे – मोटे काम की जानकारी देनी पड़ती है.

बता दें कि हाल ही में एक इवेंट के दौरान जयाने फोटोग्राफर्स को डांट तक लगा दी थी क्योंकि फोटोग्राफर ऐश्वर्या को उनके नाम से बुला रहे थे. यह बात जया को पसंद नहीं आई और उन्होंने पत्रकारों को यह कहते हुए डांट लगादी. उन्होंने डांटत हुए कहा कि, 'क्या ऐश्वर्या ऐश्वर्या कर रहे हो? तुम्हारी क्लास में पढ़ती थी क्या?’ सूत्र बताते हैं कि इस घटना के बाद ऐश भी काफी अपसेट हुई थीं. वहीं दूसरी ओर ऐश को अपने पति अभिषेक बच्चन और ससुर अमिताभ बच्चन से कोई शिकायत नहीं है।

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भारतीय सामग्री दिखाने वाले पाक टीवी चैनलों पर 10 लाख का जुर्माना

इस्लामाबाद : पाकिस्तान के दस मनोरंजन टीवी चैनलों पर अधिक मात्रा में भारतीय एवं विदेशी कार्यक्रमों का प्रसारण करने के लिए एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया गया है. द न्यूज की खबर के अनुसार पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण(पीईएमआरए) ने टीवी चैनलों पर जुर्माना लगाया और उन्हें चेतावनी जारी करते हुए भविष्य में इससे बचने के लिए कहा.

गौरतलब है कि प्राधिकरण ने सूचना, प्रसारण एवं राष्ट्रीय विरासत मंत्रालय के एक दस्तावेज के हवाले से बताया कि स्थानीय चैनल तय सीमा से बहुत अधिक मात्रा में भारतीय कार्यक्रम प्रसारित कर रहे हैं. आचार संहिता एवं विज्ञापन के नियमोंका पालन सुनिश्चित करने के लिए पीईएमआरए की निगरानी प्रणाली 24 घंटे काम करती है.

बता दें कि देश के निजी टीवी चैनलों को अपने कुल कार्यक्रमों में से केवल 10% विदेशी कार्यक्रम प्रसारित करने के निर्देश मिले हुए हैं. इस 10% में 60% कार्यक्रम भारतीय या अन्य कार्यक्रम जबकि 40% अंग्रेजी के कार्यक्रम हो सकते हैं. उल्लेखनीय है कि जिन चैनलों पर जुर्माना लगा है, उनमेंहम टीवी, ऑक्सीजन टीवी, प्ले टीवी, कोहिनूर इंटरटेनमेंट, टीवी वन इंटरटेनमेंट, एनटीवी इंटरटेनमेंट, जीक्सएम इंटरटेनमेंट और जलवा इंटरटेनमेंट शामिल हैं.

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मंगलयान पृथ्वी की अंतिम कक्षा में पहुंचा

बेंगलुरू : मंगलयान गत बुधवार पृथ्वी की अंतिम कक्षा में पहुंच गया. वहां से मंगलयान रविवार को सूर्य की कक्षा की ओर रवाना होगा. मंगल ग्रह पर पहुंचने में इस मंगलयान को नौ महीने(280 दिन) लगेंगे. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन(इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंगलयान बुधवार को तड़के पृथ्वीकी कक्षा के सबसे नजदीक(भूमध्य रेखा के सबसे नजदीक) से गुजरा और इसने पृथ्वी के चारो तरफ सुबह 7.10 बजे परिक्रमा करनी शुरू कर दी. यह अगले चार दिनों तक पृथ्वी का चक्कर लगाएगा और रविवार को मध्यरात्रि के करीब 12.49 बजे मंगल की ओर रवाना होगा.

इसरो के सचिव वैज्ञानिक वी.कोटेश्वर राव ने शहर में स्थित इसरो के दूरमापी, निगरानी एवं नियंत्रण केंद्र में बताया कि मंगलयान को मंगल की ओर रवाना करने के लिए 648 मीटर प्रति सेकेंड का बढ़ता हुआ वेग देने करने के लिए 440 न्यूटन तरल इंजन को 23 मिनट तक जलाया जाएगा. इसमें 190 किग्रा ईंधनकी खपत होगी. शहर में स्थित इसी केंद्र से मंगलयान के पृथ्वी से जुड़े चरणका संचालन किया जाएगा. सब कुछ ठीक रहा तो मंगलयान मंगल की ओर रवाना होनेके दौरान सूर्य की कक्षा में 68 करोड़ मील के अंतग्रहीय मार्ग से गुजरेगा.

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'इक्वेलिटी एंड नान डिस्क्रिमीनेशन' पुरस्कार से मलाला कोकिया जाएगा सम्मानित

मैक्सिको सिटी : पाकिस्तान में महिला शिक्षा की वकालत के कारण तालिबानी हमले की शिकार मलाला यूसुफजई को 'इक्वेलिटी एंड नान डिस्क्रिमीनेशन' का अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार दिया जाएगा. गौरतलब है कि मैक्सिको में भेदभाव निरोधक राष्ट्रीय परिषद की ओर से जारी बयान में यह जानकारी दी गई है.

बता दें कि बयान में कहा गया है कि मलाला को यह पुरस्कार मानवाधिकारों की रक्षा के लिए उसके प्रयासों विशेषतया, जाति, उम्र, लिंग में भेदभाव किए बिना शिक्षा के अधिकार के लिए संघर्ष, को देखते हुए दिया जा रहा है. इस बहादुर लडकी को समानता तथा गैर भेदभाव का अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार 2014 के शुरूआत में दिया जाएगा.

उल्लेखनीय है कि सोलह वर्षीया मलाला द्वारापाकिस्तान में लड़कियों की शिक्षा पर जोर देने के कारण 2012 में तालिबान ने मलाला पर जानलेवा हमला किया था. हमले के बाद से मलाला ब्रिटेन में रह रही है फिलहाल वह बाल अधिकारों के लिए वैश्विक राजदूत हैं. बता दें कि मलाला को यूरोपीय संघ का प्रतिष्ठापूर्ण सखारोव ह्यूमन राइट पुरस्कार से नवाजा जा चुका है.

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सलमान खान कोली महोत्सव में

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड के दबंग यानि सलमान खानआज कल महोत्सवो में भी जाने लग गए है. जीहां,हाल ही में सलमान खान को मुंबई के मूल निवासी कोली समाज के महोत्सवमें एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे के साथ देखा गया.

आपको ये भी बता दे कि येफेस्टिवल तीन दिनों का होता है, जो कि अपना रिच कल्चर दिखाता है. इस में सलमान खान को गेस्ट के तोर पर बुलाया गया. जिसमें कि उनको आमंत्रित किए जाने पर विवाद भी खड़ा हो गया और तो और सलमान ने इस दोरान वहां उपस्थित लोगों को हिंदी में संबोधित किया, जिसने सबको रोमांचित किया.

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गोवा में सिर्फ 50 रूपये में सेक्स के लिए बच्चेा उपलब्धु?

पणजी : फिल्म निर्माता प्रमोद सलगावकरके एक दावे ने लोगों को चौंका दिया है और आश्चर्यचकित कर दिया है. गौरतलब है कि फिल्म निर्माता ने दावा किया है कि गोवा में मात्र 50 रुपये में सेक्स के लिए बच्चे मुहैया कराए जाते हैं.

आपको बता दें कि फिल्‍म निर्माता प्रमोद सलगावकर अपनी नई फिल्‍म 'बागा बीच' का निर्देशन कर रहे हैं. सलगावकर की फिल्म गोवा के पर्यटन उद्योग पर आधारित है. उन्होंने कहा कि एक बार हंगरी के एक पर्यटक ने उनसे शिकायत की थी कि उसे कथित तौर पर 50 रुपये में सेक्स के लिए बच्चे की पेशकश की गई थी. एक संवाददाता सम्मेलन में सलगावकर ने शिकायत का उल्लेख करते हुए कहा कि, 'आज के युग में 50 रुपये में आप मुर्गा भी नहीं खरीद सकते.'

गौरतलब है कि गोवा में ही देश का पहला पैडोफीलिया का मामला सामने आया था. एक जर्मन नागरिक फ्रेडी पेट्स को 1980 के दशक में कई बच्चों का सेक्स के लिए इस्तेमाल करने का दोषी पाते हुए सजा दी गई थी. शेतगांवकर ने कहा कि, 'हर रोज गोवा में चार बच्चे यौन हिंसा के शिकार होते हैं और यह सरकारी आंकड़ा है.' उल्लेखनीय है कि लक्ष्मीकांत सेतगांवकर निर्देशित 'बागा बीच' में गोवा में बाल यौन शोषणके अलावा पर्यटन से जुड़े विभिन्न पहलुओं को उजागर किया गया है.

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सोनम की ख्वाहिश : स्टीवन स्पीलबर्ग के साथ काम करना चाहती है

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड की जानीमानी अभिनेत्री सोनम कपूर हॉलीवुड के मशहूर निर्देशक स्टीवन स्पीलबर्ग के साथ काम करना चाहती है. वर्ष 2007 में प्रदर्शित फिल्म 'सांवरिया' से अपने करियर की शुरूआत करनेवाली सोनम कपूर की इस वर्ष रांझना और 'भाग मिल्खा भाग' जैसी सुपरहिट फिल्में प्रदर्शित हुई हैं.

गौरतलब है कि सोनम कपूर अब हॉलीवुड में भी काम करना चाहती हैं. सोनम कपूर के पिता अनिल कपूर ने हॉलीवुड की कुछ फिल्मों में काम किया है और अब सोनम भी उन्हीं की राह पर चलना चाहती हैं. सोनम कपूर का कहना है कि मैं स्टीवन स्पीलबर्ग के साथ काम करना चाहती हूं. उल्लेखनीय है कि ऐश्वर्याराय, शबाना आजमी और तब्बू ने हॉलीवुड की फिल्मों में काम किया है.

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सचिन बने यूनिसेफ के ब्रांड एम्बेसडर

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : क्रिकेट के भगवान कहेजाने वाले महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को यूनिसेफ ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए अपना ब्रांड एम्बेसडर चुना. एक अधिकारी ने गत गुरुवार को यह जानकारी दी. गौरतलब है कि सचिन यूनिसेफ के इस क्षेत्र में स्वच्छता एवं सफाई को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे कार्यों के समर्थन में प्रचार-प्रसार करेंगे.

सचिन को अपने साथ जोडऩे के लिए यूनिसेफ द्वारा आयोजित समारोह में सचिनने कहा कि, 'मैं इस क्षेत्र के बच्चों और समाज के लिए कार्य का हिस्सा बनने जा रहा हूं तथा अनुरोध करता हूं कि शौचालय का इस्तेमाल करें और अपने हाथोंको साफ रखें. यह कुछ साधारण सी आदते हैं, जिनसे आपएक स्वस्थ जीवन गुजार सकते हैं. यह पूरी दुनिया में बच्चों एवं महिलाओं के स्वास्थ्य लिए बहुत जरूरी है.'

यूनिसेफ के दक्षिणी एशिया के क्षेत्रीय निदेशक करीन हुल्शोफ ने कहाकि शौचालय का इस्तेमाल करने और अपने हाथों को साबुन से स्वच्छ रखने पर आप एक स्वस्थ एवं सम्मानभरा जीवन जी सकते हैंतथा इससे बच्चों का विकास तेजी से होता है.

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ऑफिस में काम करनेवाली महिलाएं मेहरबानी से बचें !

ऑफिस में काम करनेवाली महिलाएं मेहरबानी से बचें !
यह शुरूआत हो सकती है आपका अनुचित फायदा उठाने की….

मुंबई(चंदन पवार):

अक्सर देखा जाता है कि कुछ अधिकारी अपनी अधीनस्थ महिला कर्मियों, विशेष कर युवतियों की आर्थिक हालत का पता लगा कर  उनकी स्थिति का नाजायज फायदा उठाते हैं. वे पहले तो उनसे सहानुभूति के शब्द कह कर अपनत्व भरा व्यवहार करते हैं. इतना ही नहीं कई बार तो वे उनकी हर तरह से मदद भी करते हैं और जब वह उनकी सहानुभूति भरी मदद की आदी हो जाती है तो अपना असली रूप दिखाना शुरू कर देते हैं. उनके एहसानों  तले दबी महिला उनका चाहकर भी विरोध नहीं कर पाती.

हम यहां यह नहीं कह रहे कि  सभी व्यक्ति ऐसा ही करते हैं. कुछ व्यक्ति अपने सच्चे मन और साफ दिल से भी युवतियोंकी मूसीबत में उनकी मदद करते हैं. हालांकि महिलाओं को यह सोचने की जरूरत है और सावधान रहने की भी जरुरत है.पूरी तरह जांच-परख कर ही मदद लें वरनापहले ही इंकार कर दें. सहानुभूति के दो बोल सुनकर उन्हें महान समझने की  बजाए वास्तविकता को जानने का प्रयास करें. अंधविश्वास  कभी न करें. यह आपके लिए काफी नुकसान देह साबित हो सकता है. आईए आपको बताते हैं कुछ बातें जिसे आप ध्यान में रख सकती हैं और आनेवाली मूसीबत से बच सकती है.

आपकी घरेलू स्थिति कैसी भी हो, आपको कितनी भी बड़ी विपत्ति का सामना क्यों  न करना पड़े, आप स्वयं को दीन-हीन न समझें. किसी ऑफुस के व्यक्ति के समक्ष अपनी मुसीबतों का रोना न रोएं. कई युवतियां आत्मविश्वास की कमी के चलते जरा-सी मुश्किल आने पर भी बॉस केसामने उसका रोना लेकर बैठ जाती हैं. कई बार तो इसके पीछे उनका मकसद तनख्वाह बढ़वाना या छुट्टी लेना भी हो सकता है. हालांकि ऐसे स्वभावकी वजह से कुछ महिलाओं को बाद में पछताना भी पड़ सकता है.

अत: बेचारी बनने की भूल  कभी न करें. इससे पहले कि किसी विपत्ति में कोई भी सहानुभूति जताकर आपके हालात का अनुचित फायदा उठाने का प्रयास करे, स्वयं ही पूरे आत्मविश्वास से अपनी समस्या को दूर करने की कोशिश करें. यदि आप विषम परिस्थितियों से गुजर रही हैं और  कोई व्यक्ति आपसे सहानुभूति जताता है या आपकी मदद करना चाहता है और  आप सब कुछ जानते हुए भी सब स्वीकार कर रही हैं तो याद रखें, यह सब आपकी पूरी जिंदगी तबाह कर सकता है. जब आप अपनी कठिनाइयों से ही जूझ नहीं पा रही हैं तो इस तरह का समझौता करने पर आपके समक्ष जो परिस्थितियां बनेंगी उन्हें कैसे दूरकर पाएंगी? इसमें आपका पूरा जीवन दाव पर लग सकता है.

बेहतर यही है कि अपनी समस्याओं को स्वयं ही निपटाना सीखें. स्वयं को इतना कमजोर न समझें कि आप अकेली कुछ नहीं कर सकतीं. साहसी व निडर बनें ताकि परिस्थितियों से जूझ सकें. आपके साहस का प्रभाव व्यक्तियों पर भी पड़ेगा और वह आपका नाजायज फायदा उठाने के बारे में सोच भी नहीं सकेगा.

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बुरे फंसते नजर आ रहे हैं तेजपाल

बुरे फंसते नजर आ रहे हैं तेजपाल
तहलका का अंत बस कगार पर

एक तरफ जहां देश के सारे न्यूज पेपर और टीवी चैनल महिलाओं के साथ हो रहे यौन शोषण और बलात्कार के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं वहीं दूसरी ओर देश के एक प्रसिद्ध पत्रिका 'तहलका' के संपादक अपनेही जूनियर कॉलीग महिला सहकर्मी के यौन शोषण में बुरी तरह फंसते नज़र आ रहे हैं

CCTV फुटेज में विक्टिम को लिफ्ट में खींचते दिखे तेजपाल : महिला पत्रकार के यौन उत्पीड़न के आरोपों में फंसे तहलका के संपादक तरुण तेजपाल की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. दरअसल गोवा पुलिस को होटेल से मिली सीसीटीवी फुटेज ने पीड़िता के बयान में बताए गए तथ्यों की पुष्टि की है. फुटेज की जांच कर रही टीम में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपना नाम गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि जिस लिफ्ट में कथित रूप से यौन उत्पीड़न की घटना हुई थी, उसके बाहर की सीसीटीवी फुटेज विक्टिम के बयान की पुष्टि करती है. इस फुटेज से तेजपाल की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं. पीड़िता ने बुधवार को मैजिस्ट्रेट के सामने अपना बयान दर्ज कराया था.

अधिकारी ने कहाहोटेल के ब्लॉक-7 की लिफ्ट के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे की सात नवंबर की फुटेज में यह साफ है कि लिफ्ट में कुछ गलत हुआ था. उनकनुसार फुटेज में शुरुआत में दिखाई देता है कि तेजपाल और पीड़िता हॉलिवुड ऐक्टर रॉबर्ट डीनीरो को उनके कमरे तक छोड़ते हैं. तेजपाल रात लगभग नौ बजे लिफ्ट में युवा पत्रकार के साथ प्रवेश करते दिखाई देते हैं और इस दौरान उनके हाथ महिला के कंधों पर हैं.

अधिकारी ने कहा कि, 'डेढ़ घंटे बाद रात करीब साढ़े 10 बजे तेजपाल ग्राउंड फ्लोर पर उसी लिफ्ट के पास महिला को अंदर खींचते दिखाई दे रहे हैं. अधिकारी ने बताया कि फुटेज में लिफ्ट लगभग दो मिनट बाद दूसरी मंजिल पर खुलती दिखाई देती है. महिला अपने कपड़े ठीक करते हुए लिफ्ट से बाहर आती है और सीढ़ियं से नीचे उतरती नज़र आ रही है तथा तेजपाल उसका पीछा करते दिखाई देते हैं. महिला पत्रकार ने तेजपाल पर आरोप लगाया है कि उसने तहलका द्वारा आयोजित ‘थिंक फेस्ट’के दौरान सात और आठ नवंबर को उसका उत्पीड़न किया था. पत्रकार ने तहलका की मैनेजिंग एडिटर (जिन्होंने गुरुवार को पद से इस्तीफा दे दिया) शोमा चौधरी को पिछले सोमवार को इस संबंध में ई-मेल भेजकर शिकायत की थी. इस मामले का संज्ञान लेते हुए गोवा पुलिस ने तेजपाल के खिलाफ बलात्कार और शील भंग करने का मामला दर्ज किया. हालांकि तेजपाल ने शुरुआत में इस घटना के लिए महिला से माफी मांगी थी, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि यहशराब के नशे में किया गया हंसी मजाकथा और सबकुछ ‘सहमति’ से हुआ था. पत्रकार ने तेजपाल के दावों का खंडन किया है.

वहीं दूसरी ओर तहलका की मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरीने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया.तरुण को बचाने के आरोप का सामना कर रहीं मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी ने पद से इस्तीफा दिया है. गुरुवार तड़के ईमेल से भेजे गए इस्तीफे में शोमा ने कहा है कि वह नहीं चाहतीं कि कोई उनकी सत्यनिष्ठा पर सवाल उठाए. शोमा का इस्तीफा पीड़ित पत्रकार द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत के 10 दिनों बाद आया है. इसके साथ ही पीड़त पत्रकार समेत कुल सात पत्रकार पिछले 5 दिनों में तहलका से इस्तीफा दे चुके हैं.

गुरुवार सुबह 6 बजे के करीब भेजे गए अपने इस्तीफे में शोमा ने कहा है कि, 'तहलका से जुड़े लोगों के लिए मौजूदा वक्त काफी कठिन है. पीड़ित कलीग की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए मैंने कुछ कदम उठाए थे. मेरी समझ के मुताबिकमैंने तुरंत कार्रवाई की और एक महिला व अपनी सहमकर्मी के साथ एकजुटता दिखाई.' तेजपाल को बचाने और मामले को दबाने की कोशिशों के आरोपों को खारिज करते हुए शोमा ने मेल में लिखा है, ‘उस समय जो तुरंत किया जा सकता था किया गया. इसके बाद मामले की जांच के लिए ऐंटि-सेक्शुअल हरासमेंट कमिटी बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई. मामले की शिकायत के बाद कदम उठाने के लिएहमें दो ही दिन मिले थे और स्टोरी प्रेस में आ गई. उसके बाद आधे-अधूरे तथ्यों और चुनिंद हिस्सों के लीक होने की वजह से यह मामला तूल पकड़ता गया.’शोमा चौधरी ने आगे लिखा है, ‘पिछले एक हफ्ते से मुझ पर इस मामले पर पर्दा डालने की कोशिश और महिलावादी रुख नहीं अपनाने के आरोप लग रहे हैं. मैं स्वीकार करती हूं कि मैं कई चीजों को अलग और नपे-तुले ढंग से कर सकती थीलेकिन मैं लीपापोती के आरोपों को खारिज करती हूं. उन्होंने कहा, ‘अपने महिलावादी रुख को लेकर मेरा मानना है कि मैंने हर चीज पर अपनी कलीग की बात को प्राथमिकता देकर उसी के अनुरूप काम किया.'

शोमा ने इस्तीफे में लिखा है, ‘हालांकि, इसके बावजूद पिछले कुछ दिनों के घटनाक्रम को लेकर मेरी ईमानदारी पर हमारी बिरादरी के लोगों द्वारा बार-बार सवाल उठाया जाता रहा है और बड़े पैमाने पर जनता द्वारा भी. मैं इसका संज्ञान लेना चाहूंगी. मैंने कई साल तक तहलका के लिए कड़ा परिश्रम किया है. मैं तहलका की छवि को कलंकित होने से बचाने के लिए अपनी ईमानदारी पर सवाल नहीं उठने देना चाहती. इसलिए, मैं तत्काल प्रभाव से मैनेजिंग एडिटर के पद से इस्तीफा देती हूं.’शोमा चौधरी ने मेल के अंत में लिखा है, ‘बीच रास्ते में चुनौती को छोड़ देना मेरी आदत नहीं है. मैं पसंद करती कि इस कठिन दौर में तहलका से जुड़ी रहूंलेकिन मैं आश्वस्त नहीं हूं कि मेरी मौजूदगी तहलका को नुकसान पहुंचाएगी या मदद करेगी.’

बता दें कितरुण तेजपाल और उन पर आरोप लगाने वाली जूनियर कॉलीग की नई मेल्स लीक हो गई हैं. ये वे शुरुआती ई-मेल्स हैं, जिनमें दोनों उस घटना के बारे में बात कर रहे हैं. एक ब्लॉग पर वह मेल पब्लिश की गई है, जो तरुण तेजपाल ने पीड़ित पत्रकार को 19 नवंबर को भेजी थी. यह उस घटना के बाद की पहली ई-मेल है. तरुण तेजपाल ने लड़की को भेजी मेल में माफी मांगते हुए कहा कि वह घटना हल्के-फुल्के और फ्लर्टी मूड में हुई थी और हो सकता है कि उन्होंने हालात को समझने में गलती की हो. मगर 20 नवंबर को तेजपाल की इस मेल का जवाब देते हुए लड़की ने तेजपाल को बुरी तरह से लताड़ा है.

घटना के बाद दोनों में क्या बात हुई थी, इसके कुछ अंश यहां मौजूद है. तेजपाल की मेल और उस पर लड़की के जवाब वाली मेल में दोनों के बीच जिन पॉइंट्स पर बात हुई. इन ई-मेल्स में जिन बाकी लोगों का जिक्र किया गया था, उनके नाम हटा दिए गए हैं.

तरुण तेजपाल : जहां तक उस मनहूस रात की बात है, तुम याद करो तो हम नशे में, हंसी-मजाक और फ्लर्टी अंदाज में इच्छाओं और सेक्स के बारे में बात कर रहे थे. हम उस तूफानी शाम को हुई मुलाकात को याद कर रहे थे, जब मैं ऑफिस में बादलों को देख रहा था. मैं यह भी बताना चाहता हूं कि एक मौके पर तुमने कहा था कि आप बॉस हैं. इस पर मैंने कहा कहा था कि इससे तब तो और भी अच्छी बात हैलेकिन उसी दौरान मैंने कहा था कि इससे मेरे और तुम्हारे बीच के किसी रिश्ते का कोई लेना-देना नहीं है.

पीड़ित लड़की : उस रात बातें न तो फ्लर्ट से भरी थीं और न नशे में की गई थीं. आप सेक्स और इच्छाओं के बारे में बात कर रहे थेक्योंकि आप मुझसे बात करते वक्त अक्सर वही सब्जेक्ट चुनते हैं. अफसोस कि आपने कभी मेरे काम के बारे में बात नहीं कीऔर अगर आपने उसे पढ़ने के लिए वक्त निकाला होतातो आपकी हिम्मत नहीं होती मेरा यौन उत्पीड़न करने की कोशिश करने की. आपको इस बात का भी अंदाजा होता कि इस सब के बाद मैं चुप बैठने वाली नहीं हूं. उस रात हमने किसी ‘तूफानी शाम के बादलों’ की चर्चा भी नहीं की थी. मैं तो आपके साथ अपनी उस पहली स्टोरी के बारे में बात करना चाहती थी, जो एक रेप से बचने वाली लड़की के बारे में आपके साथ लिखी थी. ##### ने मुझे आपके ऑफिस में बुलाया.मैं अंदर गई, जहां बत्ती बंद करके काउच पर बैठे हुए थे. मैंने लाइट ऑन करने को कहा था तो आपने मना कर दिया था. आप काउच पर लेटे रहे. मैं आपके सामने चेयर पर बैठी रही और उस लड़की की कहानी आपको सुनाई. आपने भी उस प्रफेशल वजह को ही याद किया था, न कि तूफान और बादलों को.

तरुण तेजपाल : जब यह सब कुछ हुआ, उस दौरान मूड मस्ती और खुशमिजाजी भरा था. मुझे एक पल के भी नहीं लगा कि तुम नाराज हो. मुझे तब तक नहीं लगा कि यह सब तुम्हारी सहमति से नहीं हुआ, जब तक अगली रात #### ने मुझे नहीं बताया. मैं शॉक में था और पूरी तरह से हिल गया था. ऐसा इसलिए, क्योंकि तुम्हें लगा था कि मैंने तुम्हारे साथ जबर्दस्ती की है(जो कि मेरा इरादा नहीं था). मैं शॉक में था क्योंकि मैंने अपनी बेटी की करीबी दोस्त के साथ गैरजिम्मेदाराना और बेवकूफी भरा कुछ किया था. उस वक्त मैं बहुत शर्मिंदा हुआ और अब भी शर्मिंदा हूं. (जो बात सच नहीं है वह ये कि मैंने कभी धमकी का एक शब्द नहीं कहा.)'

पीड़ित लड़की : मेरी अहमति इससे जाहिर होती हैजैसे ही आपने मुझ पर हाथ रखा, मैंने आपको रुकने के लिए कहा था. मैंने हर उस शख्स और उसूल की दुहाई दी, जो हमारे लिए अहमियत रखते थे(आपकी बेटी, पत्नी, शोमा, मेरे पापा). मैंने यह भी कहा कि आप मेरे एम्प्लॉयर हैंलेकिन आप सुन नहीं रहे थे. आप रुके नहीं और मेरा उत्पीड़न करते रहे. अगली रात भी आपने ऐसा ही किया. तहलका की एडिट मीटिंग्स में हमने उन पुरुषों की बात की है जो दरिंदे बन जाते हैं. आपने भी अपनी स्टोरीज़ में इसका जिक्र किया है।. क्या यही है उस सब की हकीकत, न को न नहीं समझना?आपने सिर्फ मुझे #### को इस घटना के बारे में बताने पर न सिर्फ डांटा थाबल्कि अगली सुबह टेक्स्ट मेसेज भी भेजा था जिसमें लिखा था, ‘मुझे यकीन नहीं हो रहा कि तुमने उसे इतनी मामूली बात बता दीं.’ ‘तरुण, मुझे भरोसा नहीं होता कि तुम अपनी बेटी की दोस्त और उसकी उम्र की एम्प्लॉयी का उत्पीड़न के बारे में सोच भी सकते हो. क्या यह मामूली बात थी?

तरुण तेजपाल : तुमने साफ कर दिया है कि मुझे समझने में ही गलती हुई. मैं तुम्हें आ रहे गुस्से और तुम्हें पहुंची ठेस को समझता हूं और इसपर कोई बात नहीं करूंगा. यह मेरी जिंदगी का सबसे बुरा पल है. जो कुछ हंसी-मजाक में हो रहा था, नहीं पता था कि उसका नतीजा इतना बुरा रहेगा. मुझे माफ कर दो और इसे भूल जाओ. मैं तुम्हारी मां से मिलूंगा और उनसे माफी मांगूंगा. तुम चाहोगी तो #### से भी माफी मांगने को तैयार हूं. मैं चाहता हूं कि तुम पहले की तरह ही तहलका के लिए काम करो और शोमा को रिपोर्ट करती रहो. तहलका और शोमा ने तुम्हें कभी निराश नहीं किया है. मेरी सजा मुझे मिल गई है और शायद मेरी जिंदगी के आखिरी दिन तक मुझे मिलती रहेगी.

पीड़ित लड़की :  आपकी #### से माफी मांगने की इच्छा रखने से लग रहा है कि आप मुझे उसकी प्रॉपर्टी समझते हैं और खुद को उसके प्रति जवाबदेह मानते हैं. इससे तो आपकी उस पुरुषवादी सोच की बू आ रही है, जिसमें यह माना जाता है कि महिलाओं के शरीर पर पुरुषों का अधिकार है.  अगर आपको किसी से माफी मांगनी है, तो तहलका के उन कर्मचारियों से मांगिए, जिनके दिलों में आपने अपना सम्मान गिरा दिया है. प्लीज, आगे से मुझसे पर्सनल मेल करने की कोशिश मत करना. आपने यह अधिकार उसी वक्त खो दिया था, जब आपने मेरे विश्वास और शरीर पर हमला किया.

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मुंबई में बढ़ रहे हैं रेप के मामले…

मुंबई में बढ़ रहे हैं रेप के मामले…
नाबालिग से टेंपो में किया गैंगरेप

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि): मुंबई में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अत्याचार के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं. एक के बाद एक अत्याचार और बलात्कार के मामले सामने आ रहे हैं. मंगलवार को बोरिवली में एक नाबालिग लड़की से चार लोगों ने गैंगरेप किया जबकि महालक्ष्मी इलाके में एक महिला को कोल्डड्रिंक में नशे की दवा पिलाकर उसके साथ रेप किया गया. यही नहीं, शहर के बीचों-बीच नायर हॉस्पिटल में एक नर्सिंग स्टूडेंट के साथ अस्पताल की लिफ्ट में ही अश्लील हरकत की गई. बीएमसी की एक पार्षद ने भी छेड़ छाड़ का आरोप लगाया है.

बढ़ रहे हैं किडनैप करके गैंगरेप के मामले : बोरिवली वेस्ट में एक नाबालिग लड़की के साथ देर रात तक खुली सड़क पर एक टेंपो में गैंगरेप होता रहा. पुलिस ने इनमें से तीन को गिरफ्तार कर लिया जबकि चौथा आरोपी फरार है. गिरफ्तार आरोपियों के नाम सोनू कांबले(21), जयप्रकाश पाल(22) और असलम खान(23)  हैं. सोनू,  जयप्रकाश और आरोपी ऑटोरिक्शा ड्राइवर फरार हैं.

एमएचबी पुलिस स्टेशन के सीनियर पीआई एस.बी. किलजे ने बताया कि सोमवार की शाम करीब साढ़े नौ बजे पीड़िता खाना लाने के लिए घर के नजदीक के एक होटेल जा रही थी. इस दौरान लिंक रोड पर ऑटोरिक्शा में बैठे सोनू और उसके दोस्तों ने उसेजबर्दस्ती पकड़कर असलम के मिनी टेंपों में बंद कर दिया. उन्होंने वहां से टेंपो को थोड़ी दूर ओंबले गार्डन के पास मौजूद अवैध पार्किंग ले जाकर लड़कीसे बारी-बारी से रेप किया.

नशीली दवा पिलाकर रेप:
महालक्ष्मी में एक महिला के साथ रेप का मामला सामने आया है. यह महिला स्माल सेविंग स्कीम के लिए लोगों से घरों व दुकानों में मिलती थी. ऐसी ही एक मुलाकात के दौरान उसकी दोस्ती एक अनजान शख्स से हो गई 19 नवंबरको इस व्यक्ति ने उसे नौकरी दिलाने के बहाने पहले एक मंदिर बुलाया. वहां सेउसे पास में ही एक खाली घर में ले जाकर उसने महिला के कोल्डड्रिंक में नशीली दवा डाल दी. आरोप है कि फिर उसने महिला के साथ रेप किया.

नायर में नर्स से छेड़छाड़:
नायर हॉस्पिटल में नर्सिंग की तीसरे साल की स्टूडेंट के साथ छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. हॉस्पिटल की प्रिवेंशन ऑफ सेक्शुअल हरैसमेंट कमिटी ने जांच शुरू कर दी है. अस्पताल से प्राप्त जानकारी के अनुसार गत गुरुवार को अस्पताल की लिफ्ट में इस स्टूडेंट के साथ एक पेशंट के रिश्तेदार ने छेड़छाड़ की. नर्सिंग यूनियन की सेक्रेट्री त्रिशिला कांबले ने बताया कि अस्पताल के वॉर्ड नंबर 14 में ऐडमिट एक पेशंट के बेटे ने इस लड़की के साथ लिफ्ट में छेड़छाड़ की है. आरोपी जलगांव का रहने वाला है.

पार्षद ने लगाया छेड़छाड़ का आरोप:
वॉर्ड नंबर 222 की पार्षद अंसारी वकारन्निसा जाहिर हुसैन ने आरोप लगाया कि अबू वकार वाहिद खान ने उनके साथ छेड़छाड़ की.

इस तरह के बढ़ते मामले काफी चिंतनीय है जिन्हे जल्द से जल्द काबू में लाना जरूरी है. वर्ना हालात बद से बदतर होते जाएंगे.

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लाईफ स्टाइल – दही का सेवन करने से होते हैं कई लाभ

दही का प्रयोग प्राचीन काल से ही होता आया है. भारत में विभिन्न भोजनों के साथ लोग दही खाना पसंद करते हैं. यह भारत में एक बहुत ही आम चलन रहा है. गौरतलब है कि दही में विभिन्न प्रकार के विटामिन्स, मिनरल्स, फैटी एसिड्स, कार्बोहाइड्रेट्स तथा नाइट्रोजन के तत्व मौजूद होते हैं. दक्षिण भारत में दही-चावल एक लोकप्रिय व्यंजन है. यहां तक कि लोग लंबे सफर पर जाते वक्त अपने साथ दही ले जाते हैं ताकि पेट थंडा रहे और वह कई बिमारियों से बच सकें. इसमें ऐसे एन्जाइम्स होते हैं जो शरीर को थंडा रखते हैं.

आपको बता दें कि उत्तरभारत में इसे रायता या लस्सी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. पर हम चाहें इसे किसी भी रूप में इस्तेमाल करें, स्वास्थ्य संबंधी इसके लाभ बहुत अधिक हैं. इसको बहुत ही प्रभावी ढंग से एक सौंदर्य उत्पाद के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है. दही को दूध के खमीर से तैयार किया जाता है और ऐसा माना जाता है कि इसमें दूध के मुकाबले अधिक पोषक मूल्य होता है. यदि भोजन बहुत मसालेदार हो तो पानी के स्थान पर थोड़ा-सा दही लें. यह आपको त्वरित राहत पहुंचाता है.

इसके अलावा मसालेदार भोजन में से मसाला कम करने के लिए भी दही को इसमें मिलाया जा सकता है. आप दही या बटर मिल्क को अपने दोपहर के खाने के साथ भी ले सकते हैं. कई ऐसे व्यंजन हैं जो दही से बनते हैं और उनमें सबसे अधिक लोकप्रिय हैं दही चावल यानी थिरु सडम तथा दही वड़ा. इसके अन्य कई लाभ हैं जो हम आपको बताते हैं:-

दही दिल को जवं रखता है: ऐसा माना जाता है कि दही शरीर में अच्छे कोलैस्ट्रॉल को बढ़ाता है और इस तरह रक्तचाप को कम करता है. साथ ही शरीर में ट्राइग्लिसराइड के स्तरों को सुधारता है. हृदय रोगों के लिए दही प्रोटीन तथा कैल्शियम की आपूर्ति को यकीनी बनाता है और उनके लिए भी लाभदायक होता है जिनमें सोडियम की कमी होती है. आपको कम फैट वाले दही का सेवन करना चाहिए क्योंकि उच्च फैट वाले दही का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

दही होता है पाचन में सहायक:दही पाचन में बहुत सहायक रहता है. दही में मौजूद लैक्टोबैसिलस बैक्टीरिया बीमारी के बढऩे को रोकता है और यह पाचन के लिए जरूरी लाभदायक बैक्टीरिया को बढ़ाता है. हमारा मित्र यह बैक्टीरिया खनिजों की खपत में हमारी सहायता करता है और बी समूह  के विटामिनों के संश्लेषण में भी सहायक होता है.

रोग प्रतिरोधक प्रणाली का सहायक: दही में मौजूद लैक्टोबैसिलस नामक बैक्टीरिया फंगस से संबंधित संक्रमणों से लड़ता है और विभिन्न रोगों से लडऩे में हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बनाए रखने में सहायक होता है. दही की सही खपत शरीर को ताकत देती है.

पेट की समस्याएं को रखता है दूर:पेट की विभिन्न समस्याओं का इलाज करने के लिए दही एक बहुत ही आसान और सस्ता तरीका है. इसमें बड़ी संख्या में जीवाणु मौजूद होते हैं जो पचने पर गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल नली में अपना रास्ता बनाते हैं. यह अच्छा बैक्टीरिया इस नली में अन्य अच्छे सूक्ष्म तत्वों के साथ मिल जाता है और आपके शरीर के लिए बहुत ही सहायक कार्य करता है जैसे भोजन को तोडऩा और इसे पचाना. इसके साथ ही यह पाचन प्रणाली में बाइल साल्ट्स के स्वस्थ स्तर को बनाए रखता है. यह कोलैस्ट्रॉल को कम करता है. ट्यूमर के विकास को रोकता है. इसी तरह खतरनाकपैथोजैन्स इत्यादि के विकास को धीमा करता है.

दही होता है डायरिया में लाभदायक:डायरिया की अवधि कम करने में भी दही बहुत ही महत्वपूर्ण ढंग से प्रभावी देखा गया है. डायरिया से पीड़ित बच्चों को बटर मिल्क देना एक परम्परा रही है क्योंकि दही आंतडिय़ों से पानी को सोख लेता है और पेशाब को बांधे रखने का काम करता है.

ओस्टियोपोरोसिस में लाभ: कई डाक्टरों द्वारा दही का सुझाव ओस्टियोपोरोसिस में भी दिया जाता है क्योंकि यह कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन बी-2, विटामिन-12, मैग्नीशियम तथा पोटाशियम जैसे पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत है. इन्हीं तत्वों के कारण दही को भोजन का हिस्सा बनाने की सलाह दी जाती है ताकि ओस्टियोपोरोसिस को रोका जा सके.

इसके साथ ही यह हमारे दांतों तथा हड्डियों को मजबूत बनाता है क्योंकि इसमें कैल्शियम की अधिक मात्रा होती है. दही से हमारी प्यास भी मिटती है. जब दही को चीनी के साथ लिया जाता है तो जलन कम होती है. शोधकर्ताओं ने पाया है कि दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स नामक बैक्टीरिया बहुत प्रभावशाली ढंग से दिमाग की कैमिस्ट्री को बेहतर बना सकते हैं.

वहीं दही एक सौंदर्य उत्पाद के रूप में भी प्रयोग किया जाता है :

  • प्ताह में एकबार सिरकी त्वचा पर यानी बालों की जड़ों के आसपास दही लगाने से रूसी को पैदा होने से रोका जा सकता है. हरे चनों के पाऊडर के साथ दही को मिला कर लगाने से रूसी और साथ ही बालों को झडऩे से भी को रोका जा सकता है.
  • सूखे तथा पाऊडर बनाए हुए संतरे के छिलकों को दही में मिला कर चेहरे तथा गर्दन पर लगाया जा सकता है. यह एक क्लींजर के तौर पर काम करता है और बंद रोम छिद्रों को साफ करता है. इस प्रकार कील-मुहांसों के पैदा होने से बचा जा सकता है.
  • एक चम्मच दही में दो या तीन बूंदें शहद की मिलाएं और इसे अपने चेहरे पर लगाएं. दस मिनट तक इंतजार करें और फिर इसे धो दें इससे चेहरा चमक उठता है.

आयुर्वेद के कुछ सुझाव

  • दही का सेवन रात के समय नहीं किया जाना चाहिए.
  • दही को कभी भी उबाला या गर्म नहीं किया जाना चाहिए.
  • दही के सेवन के वक्त इसमें चीनी या शहद मिला लें.
  • अच्छी तरह से तैयार किया हुआ दही ही इस्तेमाल करें.

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सप्ताह की खास मुलाकात : श्री. राजदीपक मिश्रा (हस्ताक्षर ज्योतिष)

हस्ताक्षर ज्योतिष से मृत्यू का समय पता चलसकता है

राजदीपक मिश्रा हस्ताक्षर ज्योतिष के बहुत बड़े ज्ञानी हैं. इन्होंने आज तक नेता से लेकर अभिनेता तक सबके हस्ताक्षरों से उनके राजनीतिक तथा फिल्मी करियर के बारे में जो भी भविष्यवाणी की है, वह आजतक सही हुई है. बहुत कम लोगों को इस तरह के हस्ताक्षर ज्योतिष के बारे में पता है इसलिए सामान्य लोगों को इसकी जानकारी हो इस उद्देश्य से हमारे सहा. संपादक चंदन पवार ने इनसे मुलाकात की, जिसके कुछ अंश वाचकों के लिए प्रकाशित कर रहे हैं.

हस्ताक्षर ज्योतिष क्या होता है, विस्तार से बताईए?

हस्ताक्षर ज्योतिष को मैने ही ईजाद किया है. हस्ताक्षर को मैने पूरी तरह से ज्योतिष से जोड़ दिया है. हर इंसान का हस्ताक्षर अलग अलग होता है, उनकी लिखावट और लिखावट के इंप्रेशन भी अलग अलग होते हैं. कुंडलियां तो आपको एक जैसी मिल जाएंगी लेकिन दुनिया में हस्ताक्षर लोगों के अलग अलग होते हैं. मैं पिछले 25 सालों में 7 लाख लोगों से ज्यादा लोगों का भविष्य बता चुका हूं और यह भविष्यवाणी सही भी हुई है. हस्ताक्षर ज्योतिष आपके हस्ताक्षर पढ़कर आपका संपूर्ण भविष्य बता सकते हैं.

इसकी शुरूआत आपने कब से की और इसमें सच्चाई कितनी हैं?

जब मैं 15 साल का था तबसे मैंने इकसा अध्ययन करना शुरू कर दिया था. फिर मैंने अपने काम को विस्तार देने के लिए 'हस्ताक्षर बोलते हैं' नामक पुस्तक भी लिखी. यह पुस्तक अंग्रेजी और हिंदी दोनों भाषाओं में उपलब्ध है और इसमें दुनिया के तमाम हस्ताक्षरोंका समावेश है जिसे पढ़कर लोग हस्ताक्षर विद्या का ज्ञान भी ले सकते हैं. इसके माध्यम से आप अपने भूतकाल, वर्तमान और भविष्य, करियर, शादी इत्यादी के बारे में जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं. जो एक फलित ज्योतिष नहीं बता सकते वह हस्ताक्षर ज्योतिष बता सकता है.

हस्ताक्षर भविष्य और हाथ देखकर बताया गया भविष्य इसमें क्या फर्क होता है?

हाथ देखकर जो भविष्य बताते हैं उनकी बातें 60-65% सच ही होती है लेकिन हस्ताक्षर ज्योतिष से 90% सही जानकारी मिल जाती है. हाथ दिखाने के लिए खुद व्यक्तिको ज्योतिष के पास जाना पड़ता है लेकिन हस्ताक्षर ज्योतिष बिना व्यक्ति को मिले बस उसके हस्ताक्षर से ही उसका भविष्य बता सकता है. वह हस्ताक्षर की फोटो कॉपी देखकर भी भविष्य बता सकता है.

अगर कोई व्यक्ति अपना हस्ताक्षर दो तरीके से करता है, तो क्या उसका भविष्य हस्ताक्षर ज्योतिष के नियमों के तहत अलग होगा?

इंसान के लिखने का तरीका एक ही होता है, वह एक ही स्टाइल में लिखता है इसलिए वह एक हस्ताक्षर करे या पांच उसका हस्ताक्षर का दबाव और फ्लो एक ही रहेगा. जिस तरह से इंसान का किरदार बदलता है, कभी बेटा, कभी पिता और कभी पति पर वह इंसान खुद नही बदलता, उसी तरह जैसे डीएनए नहीं बदलता. इसलिए इंसान के हस्ताक्षर बदलने से भी कोई फर्क नहीं पड़ता है.

क्या हस्ताक्षर ज्योतिष में मृत्यू का समय पता चल सकता है?

देखिए, जीवन-मृत्यु को तो कोई भी सटीक नहीं बता सकता लेकिन हां एक अनुमान लगाया जा सकता है कि इस व्यक्ति की आयु कितनी हो सकती है. जैसे अगर इंसान बीमार होने वाला होता है तो उसके हस्ताक्षर में लड़खड़ाहट आ जाती है और हस्ताक्षर ब्रेक होने लगती है. इसी तरह अगर किसी व्यक्ति के साथ कोई अक्समात दुर्घटना होनेवाली होती है इस बात की जानकरी भी हस्ताक्षर ज्योतिष से हो जाती है. 100% तो कोई नहीं बतासकता लेकिन हस्ताक्षर ज्योतिष से 80-90% बता सकते हैं. वैसे भी जीवन-मृत्यू का मामला बहुत ही ज्यादा विवादित मामला है.

भविष्य और कर्म में क्या अंतर है?

इंसान का कर्म थोड़ा होता है लेकिन भविष्य सब कुछ होता है. अगर आप कर्म कितना भी कर लें लेकिन आपका भविष्य नहीं रहा तो आपका काम नहीं बनेगा. जैसे सचिन तेंडुलकर अगर एक पेप्सी पीते हुए दिखाए जाए तो वह करोड़ों रूपये कमालेते हैं लेकिन एकआम आदमी ऐसा करे तो उसे 15 रूपये देने पड़ते हैं. यह भविष्य की बात है. अगर आपका भविष्य अच्छा रहा तो आपका कर्म भी होता जाएगा लेकिन अगर आपका भविष्य आपका साथ नहीं दे तो आप कितना भी कर्म कर लें वह सफल नहीं होगा.

क्या हम कर्म से भविष्य बना सकते हैं? या भविष्य ही अपनी दशा तय करता है?

(मुस्कुराते हुए) देखिए यह बता पाना तो बहुत मुश्किल है. यह प्रकृति का नियम है. जिस तरह से भगवान ने तय किया है कि कटहल के पेड पर कटहल, आम के पेड़ पर आम और इमली के पेड़ पर इमली रहे उसी तरह भविष्य भी प्रकृति का नियम है. प्रकृति ने जो तय कर दिया है वह तय है उसमें इंसान चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता.

भविष्य पर हम कितना निर्भर रह सकते हैं?

हमारा तो यही कहना है कि अगर आप अपना भविष्य जानते हैं तो उसी क्षेत्र में कर्म करें तो अच्छा रहेगा. जैसे अगर आपके हस्ताक्षर से पता चलता है कि आप व्यवसाय से जुड़े हैं तो अच्छा होगा की आप व्यवसाय ही करें, इसमें आपको लाभ मिलेगा लेकिन अगर आप अन्य क्षेत्र से जुड़ेंगे तो आपको लाभ नहीं मिलेगा. ज्योतिष आपको सिर्फ सलाह दे सकता है वह आपका भाग्य बदल नहीं सकता.

साइंस के युग में भविष्य का भविष्य कब तक रहेगा ऐसा आपको लगता है?

आप देखेंगे कि जब मंगलयान को छोड़ा गया तो उन्होंने भी पूजा पाठ की और यह मीडिया में भी देखा है. ज्योतिष सर्वोपरि है, उसे सभी स्वीकार करते हैं लेकिन लोग यह कहने में हिचकिचाते हैं. जब मंत्रियों से पूछा जाता है कि कब विकास होगा, महंगाई कब कम होगी तो वहभी कहते हैं कि हम कोई ज्योतिष नहीं हैं, मतलब वह मानते हैं कि ज्योतिष सब जानते हैं. ज्योतिष भविष्य की राह दिखाता है, इस बात को बड़ेसे बड़ा अधिकारी मानता है. जब तक इस पृथ्वी पर मनुष्य है तब तक ज्योतिष और धर्म की बात चलती रहेगी इसको कोई नकार नहीं सकता.

हस्ताक्षर ज्योतिष को बढ़ाने के लिए और इसका प्रचार-प्रसार करने के लिए आपके पास कोई योजना है?

इसके प्रचार-प्रसार के लिए मैंने हिंदी और अंग्रेजी में पुस्तक लिखी है. यह पुस्तक जल्द ही मराठी भाषा में भी उपलब्ध होगी. मैंने एक वेबसाइट भी खोली हुई है 'हैलोजीमिश्राडॉटकॉम' उसमें लोग हस्ताक्षर ज्योतिष के बारे में पढ़ सकते हैं. तरह तरह की जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं और हम हस्ताक्षर विज्ञान को पूरी दुनिया में फैलाना चाहते हैं.

संपर्क मेल:

rajdeepakmishra@hotmail.com

www.signaturetodestiny.com

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माधुरी दीक्षित नसीरूद्दीन के साथ इंटीमेट सीन देते वक्त शर्म महसूस कर रही थी

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : फिल्म 'डेढ़ इश्किया' में अभिनेता नसीरूद्दीन शाह बॉलीवुड की धक धक गर्ल माधुरी दीक्षित के साथ रोमांस करते नजर आएंगे. अपने अनुभव के बारे में माधुरी का कहना है कि नसीरूद्दीन शाह के साथ काम करनेमें उन्हें कोई परेशानी महसूस नहीं हुई लेकिन उनके साथ इंटीमेट सीन देते समय वह शरमा जरूर गईं.

गौरतलब है कि माधुरी ने बताया, ''मैं उनके साथ काम करने में सामान्य थी. मैं किरदार निभा रही थी, किरदार और पटकथा को देखने के बाद ही मैंने इस फिल्म के लिए हामी भरी थी.'

बता दें 'डेढ़ इश्किया' में माधुरी ने बेगम पारा की भूमिका निभाई है. यह 2010 में आई फिल्म 'इश्किया' का सीक्वल है. नसीरूद्दीन शाह और अरशद वारसी पिछली फिल्म के अपने किरदार में ही हैं जबकि माधुरी और हुमा कुरैशी इसमें नए चेहरे हैं.

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हेल्थ टिप्स – मोटापे पर करें कैसे कंट्रोल

ओबिसिटी अर्थात मोटापा अपने-आप में एक बीमारी है, यह न केवल आपकी सुंदरता को ही प्रभावित करता है बल्कि कई समस्याएं भी उत्पन्न करता है. यही वजह है कि महिलाएं अपने बढ़ते वजन को कंट्रोल करने के लिए कई तरीके अपनाती हैं. हालांकि कई महिलाओं को इसका सही उपचार नहीं पता. गौरतलब है कि मोटापा जहां कई बीमारियों का लक्षण है, वहीं अनेक बीमारियां मोटापे के कारण ही आती हैं.

मोटापे को काबू में लाने के लिए महिलाएं जिन उपचारों का इस्तेमाल करती हैं उससे वह अन्य समस्याओं में घिर जाती हैं. बता दें मोटापे पर काबू पाने के लिए महिलाएं डॉक्टर की सलाह के बिना ही एंटी-ओबिसिटी पिल्स का इस्तेमाल करने लगती हैं जिससे कि हार्ट अटैक की संभावना भी बढ़ जाती है. मोटापा भी कई प्रकार का होता है जैसे- पेट का मोटापा जिसे सैंट्रल ओबिसिटी कहा जाता है जो पूरे शरीर के मोटापे से कहीं ज्यादा हानिकारक होता है. शरीर के किसी विशेष भाग के मोटापे को लोकेलाइज्ड ओबिसिटी तथा पूरे शरीर में समान रूप से मोटापे को जनरलाइज्ड ओबिसिटी कहा जाता है.

इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जैसे कि-

-    प्रसवके बाद लिए जाने वाले गरिष्ठ भोजनसे भी महिलाओंका मोटापा बढ़ता है.

-    मोटापा आनुवांशिक भी होता है.

-    भूख के बिना खाने या ज्यादा खाने से भी मोटापा बढ़ता है.

-    एड्रिनल ग्रंथि की बीमारियां भी मोटापे की वजह बनती हैं.

-    हार्मोन की कमी के कारण ही वजन बढऩे के साथ-साथ कब्ज, स्किन की ड्राईनैस और मासिकस्राव ज्यादा होता है जिसे हाइपोथॉयराइडिज्म कहा जाता है.

-    अंडाशय की एक आम बीमारी है पोलीसिस्टिक ओवरी जिसमें मोटापे के साथ-साथ मासिक धर्म में अनियमितता, बांझपन तथा हाई ब्लड प्रैशर जैसी प्रॉब्लम्स हो जाती हैं.

-    स्किन एवं श्वास रोगों में प्रयोग होने वाली दवाएं भी मोटापे का कारण बनती हैं.

शरीर में ऊर्जा की खपत 
यदि बात करें 70 किलोग्राम वाले व्यक्ति के वजन की तो आराम करते समय उसके शरीर की ऊर्जा कीखपत 1.3 किलो कैलोरी प्रति मिनट के अनुसार होती है. साइकिल चलाते हुए 8.2 किलो कैलोरी प्रति मिनट, चलते हुए 5.2 किलो कैलोरी प्रति मिनट, तैरते हुए 11.2 किलो कैलोरी प्रति मिनट तथा भागते हुए 15.4 किलो कैलोरी प्रति मिनट के हिसाब से खर्च होती है.

ऐसे होता है मोटापा

-    जब शरीर में ऊर्जा जरूरतसे ज्यादा होतो वह वसामें बदल जाती है और वसाही चर्बी के रूपमें शरीर में एकत्रित होती है. लगभग एक किलोग्राम वजनके बराबर होती है 7,000 किलोग्राम कैलोरी.

-    पुरुषों के पेट, कमर, पीठ, गर्दन के पिछले हिस्से, जांघों और हाथों पर तथा महिलाओं के कूल्हों, पेट, गर्दन, जांघों एवं हाथों पर यह चर्बी एक निश्चित क्रम में जमा होने लगती है.

मोटापे का उचित इलाज मौजूद है: 
मोटापे के सही कारणों का पता तो एक डॉक्टर ही लगा सकता है और यदि बिना कारण जाने आप मोटापे को कम करने का प्रयास करते हैं तो वह कम होने की अपेक्षा बढ़ भी  सकता है क्योंकि अनेक गंभीर बीमारियों का एक मात्र लक्षण ही मोटापा होता है. इस प्रकार के मोटापे को सकारण मोटापा अथवा सैकेंडरी ओबिसिटी कहा जाता है तथा इलाज कारण जानने के बाद ही संभव हो पाता है.

सामान्य मोटापा या प्राइमरी ओबिसिटी का कारण ज्यादा खाने तथा कम व्यायाम करने के कारण होता है. इस प्रकार के मोटापे से अधिकांश लोग ग्रसित पाए जाते हैं. यदि डॉक्टरी जांच में प्राइमरी ओबिसिटी पाई जाए तो उसे कम करने के लिए स्वयं के प्रयास ज्यादा रहते हैं.

-    सबसे पहले दिनकी रूटीन एवं ऊर्जा की खपत पर नजर रखेंता कि दोनोंको नॉर्मल रूटीन पर लाया जा सके.

-    अपने 15 दिन के खाने के समय तथा अन्य संबंधित स्थितियों तक की डिटेल बनाएं, इससे यह पता लगाने में आसानी होगी कि आप कब कम और कब ज्यादा खा सकते हैं.

-    अक्सर मोटे लोग यह कहते सुने जा सकते हैं कि वे बहुत कम खाना खाते हैं, फिर भी पतले नहीं होते. यह सही है कि वे लोग खाना कम खाते हैं परंतु उसके अलावा भी वे कई प्रकार के स्नैक्स खा जाते हैं या टी.वी. देखते हुए 4-6 कप चाय पी जाते हैं जिससे शरीर में वसा तो एकत्रित होनी ही है.

-    इस बात पर भी नजर रखें कि टी.वी. देखते हुए या दोस्तों और भाई-बहनों के साथ बैठे हुए आप कितना खाते हैं, यदि आप इन तीनों स्थितियों में खाना ज्यादा खा जाते हैं तो कोशिश करें कि अकेले ही खाएं तथा टी.वी. देखते हुए तो बिल्कुल भी न खाएं क्योंकि उस समय इन्सान भूख से ज्यादा खा जाता है.

-    खाने से पहले सलाद खाना एवं पानी पीना एक अच्छी आदत है जिससे कि भोजन की भूख कम लगती है. आप सप्ताह में एक दिन का उपवास भी रख सकती हैं किंतु वह उपवास की तरह ही होना चाहिए, यह नहीं कि सारा दिन कुछ न कुछ खाते-पीते रहें.

-    कम खाने का मतलब यह नहीं कि आप बिल्कुल ही भूखे रह जाएं. एक ही बार में ज्यादा खाने की अपेक्षा जब भी भूख लगे आप थोड़े से हैल्दी स्नैक्स ले सकते हैं. इससे जहां भूख संतुष्ट रहती है वहीं शरीर में ऊर्जा भी बरकरार रहती है.

-    सुबह का नाश्ता अवश्य करें जिसमें फैट्स कम तथा प्रोटीन एवं फाइबर ज्यादा हो. अधिक कैलोरी वाली चीजों के अलावा वह भोजन जिसमें हाई ग्लाइसिमिक इंडैक्स हो, नहीं खाना चाहिए क्योंकि यह शरीर में जाकर जल्दी ही ग्लूकोज में बदल जाते हैं और शरीर में खाना जितनी जल्दी शूगर में बदलेगा, उतनी ही अधिक चर्बी बनेगी.

ऑप्रेशन होना चाहिए लास्ट ऑप्शन या बहुत जरूरी होने पर:
यूं तो मोटापे पर काबू ऑप्रेशन से भी पाया जा सकता है परंतु जब तक बहुत अधिक जरूरी न हो, ऑप्रेशन नहीं कराना चाहिए. इसमें विशेष है गैस्ट्रोप्लास्टी जिसमें ऑप्रेशन से आमाशय की क्षमता कम कर दी जाती है ताकि थोड़ा खाने पर पेट भर जाए.

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शरद पवार को एमसीए अध्यक्ष पद का कामकाज करने से रोका

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : एनसीपी प्रमुख शरद पवार को करारा झटका देते हुए शहर की एक अदालत ने उनके मुंबई क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के रुप में काम करने पर अस्थायी रोक लगा दी है.पवार को हालांकि इस आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गयाहै.

गौरतलब है कि न्यायाधीश एम.एस.शर्मा ने भाजपा के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडेकी याचिका पर सुनवाई करते हुए यह अंतरिम आदेश सुनाया. मुंडे ने पवार कोएमसीए अध्यक्ष का कामकाज करने से रोकने की अपील की थी क्योंकि एनसीए प्रमुखके इस पद पर चुनाव को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर अभी सुनवाई होनीहै. मुंडे ने हर दो साल में होने वाले चुनावों में अपना नामांकन रद्द किए जाने को भी चुनौती दी है.. मुंडे के वकील विवेकानंद गुप्ता ने कहा कि, 'अदालतने मुंडे के अंतरिम राहत देने के आवेदन पर गौर करते हुए पवार को एमसीएअध्यक्ष का कामकाज करने से रोक दिया. अदालत ने इसके साथ ही मुंडे कोनिर्देश दिया कि मामले की सुनवाई रोजाना होगी और तीन महीने के भीतर इस परफैसला कर लिया जाएगा. अदालत ने हालांकि पवर को शीर्ष अदालत में एक सप्ताहके भीतर अपील करने की अनुमति दे दी है.

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'फिएट 500 वॉटरक्राफ्ट' समुद्र के पानी में दौड़ती नजर आई

फ्लोरिडा  : यह सपने की बात लगती है कि कोई कार पानी पर चलती हो. लेकिन यह सपना नहीं बल्कि हकीकत है. अब तक आपने फिएट कार को जमीन पर ही चलते देखा होगा, लेकिन अब यह कार पानी परभी भागती नजर आने लगी है. फिएट 500 के मॉडीफाइड वर्जन को इस तरह से तैयार किया गया कि यह पानी पर स्टीमर की तरह तेज रफ्तार से चल सके. इस कार को फिएट 500 वॉटरक्राफ्ट का नाम दिया गया है. अमेरिका के फ्लोरिडा में एक क्रूज शिप के स्वागत के लिए इन कारों को तैयार किया गया.

बता दें कि इटली की ऑटोमोबाइल कंपनी फिएट ने इस शो को अमेरिका में अपनी छोटी कारों को प्रमोट करने के लिए आयोजित किया था. इसके लिए फिएट कंपनी की 500कारें एमएससी डिवीना नाम के क्रूज शिफ को मियामी के समुद्री तट पर पानी के अंदर अगवानी के लिए पहुंचीं. यह शानदार दृश्य गत मंगलवार को सामने आया. इससे पहले अमेरिका के और भी कई हिस्सों में यह खास डिजाइन की गई कारें शोकेस की गईं हैं.

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मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु कौन है?

एक बार पंचतत्वों की आपस में वार्ता चल रही थी.

आकाश ने कहा, 'मैं छाया करता हूं.'पृथ्वी बोली, 'मैं धारण करती हूं.' वायु ने कहा, 'मैं सप्राण रखती हूं.' जल बोला, 'मैं स्फूर्तिवान बनाता हूं.' अग्नि ने कहा, 'मैं सतेज बनाता हूं.' वहीं इन सबकी सुनकर मानव ने भी कुछ कहना चाहा. मैं का पुतला औरमैं बस इतनाकहकर ही सिर खुजलाता हुआ चुप रह गया. जिस बेचारे के पास कुलजमा कुंजी केवलमैं ही हो वह और कहता भी क्या करता भी क्या. गौरतलब है कि मनुष्य का सबसेबड़ा शत्रु यहमैं ही है. इससे बड़ी बला और कोई नहीं है. इस रूई लपेटीआग से जितनी जल्दीहो निकल भागना चाहिए.

बता दें कि अहंकार या अभिमान ही मैं का रूप धारण करता हैएवं यहीरागात्मिकता वृति को जन्म देता है. आत्मप्रशंसा के मूल में भीआहंकार हीविद्यमान रहता है. जिन्हें कहीं से प्रशंसा नहीं मिलती वे स्वंयआत्मप्रशंसा करते हैं. हीनताबोध की ही यह प्रतिकिया है. रहीम कहते हैं कि, 'जोवास्तव में बड़े हैं, वे कभी बड़े बोल नहीं बोलते. हीरा कभी भी अपनीप्रशंसा स्वंय नहीं करता.

जब तक हम साधक, भक्त और परोपकारी आदि केनामों से प्रसिद्धहोने के लिएसाधन, भक्ति और परोपकार करते रहेंगे तब तकहमारी स्थितिछिद्रों वाले पात्र के समान बनी रहेगी, जिसमें कभी भी कुछसंचित नहीं होसकता. आत्मप्रशंसा से व्यक्ति की लघुता ही प्रगट होती है. अगुणी भीगुणवन्त हो जाता है यदि उसकी प्रंशसा दूसरे करते हैं, किंतु अपनेमुख सेअपनी प्रशंसा इन्द्र को भी हेय बना देती है.

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फेसबुक की दीवानगी बढ़ती ही जा रही है

यूं तो कहा जाता है कि दीवानगी और जुनून सिर्फ मोहब्बत में बढ़ती है जिसे रोकना बहुत मुश्किल होता है लेकिन इन दिनों फेसबुक का क्रेज बढ़ते ही जा रहा है. गौरतलब है कि फेसबुक का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा हैं और हर किसी पर इसका जुनून छाया हैं. इसका सदुपयोग कम और दुरुपयोग ज्यादा होने लगा हैं. इसके माध्यम से ऐसी सामग्रीयां फेसबुक पर अपलोड की जा रही हैं, जो किसी को ठेस पहुंचाने के लिए काफी हैं.

आपको बता दें कि इससे जुड़े अपराध भी बढ़ते जा रहे हैं. कई दिन तक कथित रूप से सोशल नेटवर्किग बेबसाईट फेसबुक पर परेशान किए जाने के कारण मुम्बई में 9 वीं कक्षा की छात्रा ने आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा हैं कि लड़के ने लड़की के अकाऊंट पेज पर आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट की थी. इस तरह की दुखद घटनांए बढ़ती जा रही हैं जो समाज के लिए शर्मनाक हैं और समाज का कलकिंत कर रही हैं.

गौरतलब है कि जिस तरह से खाना-पीना और सोना जीने के लिए आवश्यक हो गया है उसी तरह से सोशल नेटवर्किंग साईट भी लोग के जीवन काअभिन्न हिस्सा बनतेजा रहा है. आज हर कोई फेसबुक पर चिपका रहता हैं. फेसबुक विचारों का अदान प्रदान करने का अच्छा माध्यम हैं लेकिन यदि हम शालीनता से एक दुसरे को सुचनाओं का अदान प्रदान करें तो ठीक हैं अन्यथा यह गलत हैं. इसके अलावा हर कोई इंटनेट पर कनेक्ट होकर इसके माध्यम से चैंटिग करता हैं लेकिन कई बार इसके माध्यम से ऐसी सामग्रीयां अपलोड कर ली जाती हैं जो दूसरों के लिए मुसीबत बन जाती हैं.

फेसबुक दोस्ती करने, जानकारी इकट्ठा करने और विचारों के अदान-प्रदान करने का एक अच्छा साधन बन सकता है लेकिन कुछ गलत प्रवृत्ति के लोग अश्लील व आपत्तिजनक टिप्पणियां भी करने से परहेज नहीं करते और ऐसे साधनों का गलत इस्तेमाल करते हैं. इसके अलावाफेसबुक पर ज्यादातार फेक आई डी भी बनाई जाती हैं और इसके माध्यम से ऐसी सामग्री अपलोड कर दी जाती हैं जो देखने में पढ़ने में अर्थहीन तो होती ही हैं साथ ही अश्लीललता भी परोसी जाती हैं जिससे कई बार तो फेसबुक के अच्छे युर्जस भी मुसीबत में पड़ जाते हैं और सोचने पर मजबुर हो जाते हैं कि काश वे फेसबुक ना ही युज करते. इसके साथ ही छोटी उमर के बच्चों में इंटरनेट का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा हैं और फेसबुक का प्रयोग भी वह बड़े पैमाने में करने लगे हैं. इसलिए यह जरूरी है कि पहले फेसबुक जैसे सोशल नेटवर्किंग साईट का सही ढ़ंग से इस्तेमाल करना सीखें और मूसीबत में पड़ने से बचें.

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पाक अदालत ने भारतीय फिल्मों पर लगाई रोक

लाहौर : पाकिस्तान की एक अदालत ने देशभर में भारतीय फिल्में दिखाए जाने पर प्रतिबंध लगा दिया और उनकी रिलीज के लिए कुछ शर्ते भी निर्धारित की हैं. बता दें कि लाहौर हाई कोर्ट के न्यायाधीश खालिद महमूद ने विवादास्पद टीवी टाक शो के प्रस्तोता मुबशीर लुकमान द्वारा दाखिल की गई याचिका पर अंतरिम आदेश जारी किया. लुकमान पूर्व फिल्म निर्माता हैं और भारत विरोधी रूख के लिए जाने जाते हैं.

लुकमान ने दावा किया कि पाकिस्तानी नियमों के तहत पूरी तरह भारत में फिल्माई गई और किसी भारतीय द्वारा प्रायोजित फिल्म को देश में नहीं दिखाया जा सकता. उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान में भारतीय फिल्में दिखाने के लिए प्रायोजकों की पहचान बदलने के लिए 'फर्जी दस्तावेजों' का इस्तेमाल किया जाता है. इतना ही नहीं उन्होंने अपने दावे के समर्थन में एक अदालती आदेश भी पेश किया. अदालत ने फिल्म सेंसर बोर्ड और बोर्ड ऑफ रेवेन्यू को भी याचिका पर अगलीसुनवाई 25 नवंबर तक जवाब देने को कहा.

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साखर उत्पादकांच्या समस्येवर तोडगा काढण्यासाठी पंतप्रधानांकडून तीन सदस्यीय समिती जाहीर- मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण

नवी दिल्ली : महाराष्ट्रातील ऊस उत्पादक, साखर कारखानदारी यांच्यापुढे उभ्या ठाकलेल्या सर्व समस्या या केवळ राज्याच्याच नसून देशाच्या आहेत. त्यामुळे देशातील शेतकऱ्यांच्या आणि कारखानदारांच्या समस्यांवर तोडगा काढण्यासाठी कृषी मंत्री शरद पवार यांच्या नेतृत्वात तीन सदस्यीय समितीचे गठण करण्यात आल्याची घोषणा पंतप्रधान डॉ.मनमोहन सिंह यांनी मंगळवारी केली. मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण यांच्या नेतृत्वातील सर्वपक्षीय शिष्टमंडळाच्या समस्या ऐकून घेतल्यानंतर त्यांनी हा निर्णय जाहीर केला.

राज्यातील साखर उद्योगासमोरील विविध प्रश्न तातडीने सोडविण्याच्या मागणीसाठी महाराष्ट्राचे मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण यांच्या अध्यक्षतेखालील सर्वपक्षीय शिष्टमंडळाने मंगळवारी सायंकाळी 5 वाजता पंतप्रधानांची त्यांच्या निवासस्थानी भेट घेतली. ऊस प्रश्नाबाबत नेमण्यात आलेली उच्च स्तरीय समिती लवकरच आपला अहवाल देणार असल्याचे आश्वासन पंतप्रधानांनी यावेळी दिले.

जवळपास एक तास चाललेल्या बैठकीनंतर प्रसार माध्यमांच्या प्रतिनिधींशी बोलताना मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण यांनी सांगितले की, आजची बैठक सकारात्मक झाली आहे. पंतप्रधानांनी आमच्या शिष्टमंडळाचे म्हणणे ऐकून घेत साखर उद्योगासमोरील प्रश्नांवर उचित तोडगा काढण्यासाठी कृषीमंत्री शरद पवार यांच्या अध्यक्षतेखाली एक समिती नेमण्यात आली आहे. केंद्रीय अर्थमंत्री पी.चिदंबरम आणि नागरी विमान वाहतूक मंत्री अजित सिंह यांचा समावेश असलेली ही समिती सर्वबाबींचा अभ्यास करून लवकरच आपला अहवाल सादर करेल.

या शिष्टमंडळात महाराष्ट्राचे उपमुख्यमंत्री अजित पवार, सहकार मंत्री हर्षवर्धन पाटील, ग्रामीण विकासमंत्री जयंत पाटील, वनमंत्री पतंगराव कदम, कामगार मंत्री हसन मुश्रीफ, विधान परिषदेचे विरोधी पक्ष नेते विनोद तावडे, लोकसभेत विरोधी पक्षाचे उपनेते तथा खासदार गोपीनाथ मुंडे, स्वाभिमानी शेतकरी संघटनेचे अध्यक्ष तथा खासदार राजू शेट्टी, शिवसेना नेते तथा आमदार दिवाकर रावते, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेनेचे आमदार बाळा नांदगांवकर, महाराष्ट्र राज्य साखर संघाचे अध्यक्ष विजयसिंग मोहिते-पाटील, राष्ट्रीय सहकारी साखर संघाचे अध्यक्ष कलप्पा आवाडे, शेतकरी संघटनेचे नेते रघुनाथ पाटील आणि वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित होते.

यावेळी मुख्यमंत्र्यांनी पंतप्रधानांना एक निवेदन दिले. यात म्हटले आहे की, सन 2012-13 च्या गळीत हंगामाच्या सुरुवातीला साखरेचे खुल्या बाजारातील दर 3300-3400 रुपये प्रति क्विंटल होते. सध्या ते 2600-2650 रुपये प्रति क्विंटल एवढे खाली आहे. साखरेचे दर मोठ्या प्रमाणात घसरल्याने साखर उत्पादनाचा खर्च वसूल करण्यामध्येही राज्यातील साखर कारखान्यांना अडचणीचे होत आहे. अत्यल्प नफ्यामुळे ऊस उत्पादक शेतकऱ्यांना उसाची बिले वेळेवर देणे आणि बँकेची कर्जे फेडणे साखर कारखान्यांना अशक्य होऊ लागले आहे. यावर वेळीच उपाय योजले नाहीत तर साखरेचे दर अजूनही घसरतील आणि साखर कारखान्यांना मोठा तोटा सोसावा लागेल. यामुळे राज्यातील साखर उद्योग आजारी होण्याचा मोठा धोका उभा राहिला आहे.

श्री.चव्हाण यांनी यावेळी पंतप्रधानांना त्वरित लक्ष घालून धोरणात्मक निर्णय घेणे आवश्यक असल्याचे त्यांच्या निदर्शनास आणून दिले. यावेळी श्री.चव्हाण यांनी पुढील 8 प्रस्ताव पंतप्रधानांसमोर मांडले.

(1) इथेनॉल ब्लेंडींग प्रोग्राम : इथेनॉल ब्लेडिंगचे प्रमाण 5 टक्क्यांवरुन 10 टक्क्यांपर्यत करण्याचा प्रस्तावित योजनेची प्रभावी अंमलबजावणी करावी.
(2) साखर निर्यातीला प्रोत्साहन द्यावे.
(3) साखरेच्या आयात शुल्कात वाढ : देशांतर्गत उत्पादित साखरेच्या विक्रीला प्रोत्साहन देण्यासाठी सध्या साखर आणि कच्च्या साखरेवरील आयात कर 15 टक्क्यांवरुन 40 टक्क्यांपर्यत वाढवावी आवश्यक आहे.
(4) एक्साईज कर्ज : ऊस नियंत्रण आदेश 1966 (सुधारणा 2006) नुसार ऊस उत्पादकांना ऊसाचा रास्त भाव देता येणे शक्य व्हावे यासाठी साखर कारखान्यांना त्यांनी गेल्या दोन वर्षात सरकार जमा केलेल्या उत्पादन शुल्काच्या रकमेएवढी कर्ज अत्यंत माफक व्याज दरात पुरविण्यात यावे साखर नियंत्रण अधिनियम 1966 नुसार ऊस उत्पादक शेतकऱ्यांना वेळीच मोबदला देण्यासाठी साखर कारखान्यांना कर्ज उपलब्ध करून देण्यात यावे.
(5) मुदत कर्ज उभारणीबाबत पुनर्रचना : साखर उद्योग सध्या ज्या आर्थिक संकटातून जात आहेत ते पाहता साखर कारखान्यांना कर्ज मिळवण्यात अडचणी येत आहेत. दरम्यानच्या काळात कर्ज पुनरउभारणी व पुनर्रचना करून राज्य शासनाने तोडगा काढला होता. त्याचाच भाग म्हणून कर्ज परत फेडीची मुदत 7 वर्ष करण्यात यावी.
(6) डॉ.रंगराजन समितीच्या शिफारशींची अमंलबजावणी : रंगराजन समितीने साखर क्षेत्र नियंत्रण मुक्त करण्याची शिफारस केली आहे. सरकारने त्यांच्या काही शिफारशी मान्य केल्या आहेत त्यांच्या उर्वरीत शिफारशी केंद्राने स्वीकाराव्यात.
(7) ऊस विकास निधी कर्ज : केंद्र शासनामार्फत ऊस विकास निधीचे व्यवस्थापन केले जाते. हा निधी शुगर सेस अॅक्ट 1982 च्या कलम 3 नुसार उत्पादन शुल्कानुसार गोळा केला जातो. या निधीतील सर्व पैसा हा साखर उद्योगांकडून आला असल्याने तो याच उद्योगाच्या कल्याणावर खर्च व्हावा. या निधीतून साखर कारखान्यांना व्याजरहित ब्रिज लोन उपलब्ध करुन द्यावे.
(8) बफर स्टॉकची निर्मिती : सध्या देशात साखरेचा अतिरिक्त साठा शिल्लक आहे. त्यामुळे कारखान्याच्या स्तरावरच 50 लाख टन साखरेचा बफर स्टॉक करणे गरजेचे झाले आहे. कारखान्यांना हा साठा किमान 6 महिने त्यांच्याकडे ठेवू द्यावा.

महाराष्ट्र सदनात मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण यांच्या अध्यक्षतेखाली पार पडलेल्या सर्वपक्षीय बैठकीत विविध संघटना व साखर उत्पादक संस्थांचे प्रतिनिधी सहभागी झाले होते. यामध्ये अजित नरदे, गुणवंत पाटील, पृथ्वीराज जाचक, हरूण मल्लिक, श्यामराव देसाई, अशोक पाटील, अमित प्रभाकर कोरे, सुजाता देसाई आदी सहभागी झाले होते.

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