Tuesday, December 17, 2013

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समलैंगिक संबंधके बारे में सुप्रीम कोर्टका फैसला कितना उचित?

मुंबई(रजिया निसार) : सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक समुदाय को झटका देते हुए समलैंगिक संबंधों को उम्रकैद तक की सजावाला जुर्म बनानेवाले दंड प्रावधान की संवैधानिक वैधता को 11 दिसंबर को बहाल रखा. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से एक बार फिर चर्चा का माहौल बनगया हैं जहां व्यक्तिगत अधिकारों और संस्कृति के बीच बहस होती हुई दिखाई दे रही है. वहीं धारा 377 पर फैसला सुनाते हुएसुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार कानून में बदलाव कर सकती है और अटॉर्नी जनरलसे सरकार राय ले. गौरतलब है कि न्यायमूर्ति जी.एस.सिंघवी और न्यायमूर्ति एस.जे.मुखोपाध्याय की पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा 2009 में दिए गए उस फैसले को दरकिनार कर दिया जिसमें वयस्कों के बीच पारस्परिक सहमति से बननेवाले समलैंगिक संबंधों को अपराधकी श्रेणी से बाहर कर दिया गया था.

बता दें कि पीठ ने विभिन्न सामाजिक और धार्मिक संगठनों की उन अपीलों को स्वीकार कर लिया जिनमें उच्च न्यायालय के फैसले को इस आधार पर चुनौती दी गई थी कि समलैंगिक संबंध देश के सांस्कृतिक और धार्मिक मूल्यों के खिलाफ हैं. हालांकि न्यायालय ने यह कहते हुए विवादास्पद मुद्दे पर किसी फैसले के लिए अपना पल्ला झाड़लिया कि मुद्दे पर चर्चा और निर्णय करना विधायिकापर निर्भर करता है. समलैंगिक संबंधों को लेकर बड़े पैमानेपर चर्चाएं होनी शुरू हो गई हैं. इस संबंध में समाज दो भागों में बंटता हुआ नज़र आ रहा है. एक तरफ इस समुदाय तथा इसके समर्थक भारतीय संविधान के अनुसार मानवाधिकारों और एक समान अधिकार की बातें कर रहे हैं तो दूसरी ओर समलैंगिक संबंधो का विरोध करनेवाले और सुप्रीम कोर्ट के आदेश की सराहना करनेवाले भारतीय संस्कृति और सभ्यता की दुहाईदे रहे हैं.

समाज का एक बड़ा तबका सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का विरोध कर रही है. कुछ लोगों का कहना है की लकीर के फ़कीर लोग अब जीत गए हैं. वहीं कुछलोग यह भी कह रहे हैं कि यह एक विचित्र और हैरान कर देनेवाला फैसला है. कोई अदालत किस तरह से लोगों का मौलिक अधिकार छीन सकती है, ख़ासकर वो अधिकार जो उन्हें पहले से ही दे दिया गयाथा. वहीं दूसरी ओर धार्मिक संगठनों के लोगों का मानना है कि इससे समाज में अप्राकृति प्रवृत्ति के बड़े पैमाने पर फैलसे से रोका जा सकेगा और इससे भारत की संस्कृति भी सुरक्षित रहेगी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से समाज के उन लोगों की सुरक्षा होगी जो ऐसे प्रकृति के नहीं है लेकिन जान बुझकर ऐसा बनना चाहते हैं. हालांकि अभी भी यह मुद्दा गरमाया हूआ है और इसपर समलैंगिक समुदाय के लोग जहां काफी हैरान और परेशान हैं वहीं इसके विरोधी काफी खुश हैं.सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले बारे में देश के कई बड़ी हस्तियों ने हैरानी जताई है औरइसका विरोध भी किया है.

आईए जानते हैं इस पर आम जनता और देश के जानेमाने लोगों की क्या प्रतिक्रिया है.

शिवानंद तिवारी(सांसद, जेडीयू)
समलैंगिकता तो आदिकाल से चला आ रहा है, इसे नजर अंदाज करना गलत होगा. महाभारत में भी इसकी चर्चा थी. जबपांडवों को अज्ञातवास मिला तो इस दौरान अर्जुन पुरुष होने के बावजूद महिलाकी वेशभूषा में उत्तरा को नृत्य सिखाते थे. ये आदिकाल से चला आ रहा है, इसे नहीं कबूल करना नादानी है. दुनिया के अन्य देशों में समलैंगिक विवाहों को कानूनी मंजूरी मिली है. सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए.
सोनिया गांधी(कांग्रेस अध्यक्ष)
दिल्ली हाइकोर्ट का फैसला सहीं था, दुख है कि हाइकोर्ट का फैसला पलटा गया. उम्मीद है कि इस संबंध में संसद गंभीरता से विचार करेगी.
पी.चिदंबरम(वित्तमंत्री)
इस फैसले से काफी निराश हूं. इस फैसले के पीछे जो तर्क दिए गए हैं वह काफी चिंता पैदा करने वाले हैं. समलैंगिकता एक असलियत है जो सदियों से चली आ रही है. 2013 में यह कहना कि सभी का लैंगिक झुकाव एक जैसा हो बेहद बेतुका है, यूपीएसरकार इस सिलसिले में सभी विकल्पों पर विचार कर रही है. विधायी विकल्प में अभी वक़्त लगेगा, लेकिन इस विकल्प को खारिज नहीं किया जा रहा है.

इस बारे में आम जनता की राय :

बिंदू भोसले(अध्यक्ष, महान शक्ति संस्था,एनजीओ)
भारत में सुप्रीम कोर्ट का अपना महत्व है इस लिए हम उसके फैसले की इज्जत करते हैं. लेकिन अगर भावनात्मक रूप में मुझसे पूछा जाए तो मैं यही कहुंगी कि अगर यह लोग प्राकृतिक रूप से ऐसे ही हैं तो इन्हें भी अधिकार हैं कि यह साथ रहें. अगर दो सामान्य लोग एक साथ भावनात्मक रूप से जुड़े है और उन्हें भारत का संविधान साथ रहने की इजाजत देता है तो समलैंगिक लोगों को भी यह अधिकार मिलना चाहिए. इन्हें भी न्याय मिलना चाहिए.
प्रमोद सावंत(सीईओ,युक्ती मीडिया, मुंबई)
यह अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर रोक है जिसका अधिकार हमारे संविधान ने प्रत्येक भारतीय को दिया है. दुनिया के बहुत से देशों में समलैंगिक विवाह को कानूनी रूप से मान्यता मिली हुई है और यह एक व्यस्क व्यक्ति की अपनी पसंद है कि वह क्या चाहता या चाहती है. अगर दो ऐसे लोगों को एक साथ रखा जाए जिसमें से एक समलैंगिक हो तो उनका रिश्ता कितना टिक पाएगा? यह एक बड़ा प्रश्न है क्योंकि इससे अन्य समस्याएं उत्पन्न होंगी. इसके साथ ही इसका जिम्मेदार कौन होगा?
सविता सातपुते(एंकर एंड प्रोड्युसर, न्यूज एक्सप्रेस, मुंबई)
मैं मानती हूं कि सुप्रीमकोर्ट को अपने फैसले को बदलनाचाहिए क्योंकि समलैंगिक लोग भी इंसान है और उन्होंने कोई गुनाह नहीं किया है. उन्हें भी जीने का हक है.
नाना महाजन(सहा.संपादक, पुण्यनगरी, मालेगांव)
यह बात सही है किप्रत्येक व्यक्ति को मानवाधिकार का अधिकार है और उनको उनका पूरा हक मिलना चाहिए. लेकिन वहीं दूसरी ओर भारतीय संस्कृति संरक्षकों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि इससे भारतीय संस्कृति को आघात पहुंचेगा. इस समुदाय के लोग जन्म से ही ऐसे होते हैं, इसलिए उनको रोका नहीं जा सकता इसलिए हमारे संविधान को दोनों तब्कों को ध्यान में रखकर कोई बीच का रास्ता निकालना चाहिए.
सना खान(लेक्चरर, एसएनडीटी कॉलेज, माटुंगा)
हाईकोर्ट का फैसला जब समलैंगिक लोगों के पक्ष में आया, उस समय इस समुदाय के बहुत से लोग बाहर आए और अपनी पहचान बताई. अब सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बादवह तो खुद को ठगा हुआ महसूस करेंगे और उन्होंने जो हिम्मत दिखाई उसका तो कोई मतलब ही नहीं रहेगा और अब उनके लिए जीना काफी मुश्किल हो जाएगा. समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी में रखना बिल्कुल अन्याय है.
विनायक चौगले(कंप्युटर इंजीनीयर, कोल्हापुर)
सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिकनिर्णय दिया है उसका सम्मान होना चाहिए. देश की सरकार सुप्रीम कोर्ट के ऊपर नही है. हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई हिंदुस्तान में जितने भी धर्म हैं वह सभी धर्म समलैंगिकता का विरोध करते हैं.

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राहुल नहीं निलेकणि होंगे कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार?

नई दिल्ली : विधानसभा चुनावों में चारों राज्यों( दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश,छत्तीसगढ़) में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद कांग्रेसअध्यक्ष सोनिया गांधी को लोकसभा चुनावों की चिंता सताने लगी है क्योंकि जनता ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जिस तरह से नकारा है इससे तो सोनिया की परेशानी बढ़ना स्वभाविक है. कांग्रेस को मिली करारी हार के बादजहां पार्टी के नेता इस हार पर मंथन कर रहे हैं वहीं कांग्रेस के प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं क्योंकि मनमोहन सिंह को उनके ही नेता अस्वीकार कर रहे हैं.

गौरतलब है कि वहीं राहुल गांधी लोकसभा चुनाव में खुद को प्रधानमंत्रीपद के लिए घोषित करने से मना कररहे हैं, इस पर सोनिया गांधी ने कहा कि सही वक्त पर एक सही उम्मीदवार का नामघोषित किया जाएगा. बता दें कि पहले पी.चिदंबरम, रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी और गृह मंत्रीसुशील कुमार शिंदे का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस में उछाला गया था लेकिन अब एक वाइल्ड कार्ड एंट्री हुई है,वह हैं आधार योजना के संजोयक नंदन निलेकणि की.

सूत्रों के अनुसार नंदन निलेकणि कांग्रेस के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए नया चेहरा हो सकते हैं. हालांकि निलेकणि ने इन खबरों को सिरे से बकवास करार देते हुए कहा कि इनमें कोई सच्चाई नहीं है. लेकिन सियासत से उठता यह धुंआयूं ही नहीं है, बिना चिंगारी के धुआं नहीं उठता है. बता दें कि निलेकणि को कांग्रेस का नरेंद्र मोदी कहा जारहा है क्योंकि निलेकणि के नाम न तो कोई घोटाला है और न ही कोई विवाद, ऐसे में निलेकणि कांग्रेस के लिए संजीवनी बूटी का काम कर सकते हैं.

उल्लेखनीय है कि साफ-सुधरी छविवाले बिजनेसमैन निलेकणि काफी धनी भी हैं और उन्होंने काफी धनलोगों की भलाई में खर्चा है. वहीं सूत्रों के अनुसार निलेकणि बेंगलुरुदक्षिण से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे और उनकी टीम तैयार हो चुकी है और काम भीशुरू कर दिया गया है. अब आगे यह देखना दिलचस्प होगा कि इन अफवाहों में सचमें कोई दम है या यह सिर्फ अफवाहें ही हैं.

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आज के दौर में महिला होना बहुत कठिन- काजोल

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि): वर्तमान समय में जहां एक ओर महिलाओं के अधिकार को लेकर इतनी चर्चाएं हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर यह भी एकसत्य है कि महिला होना अपने आप में एक चुनौती है. गौरतलब है कि बॉलीवुड अभिनेत्री काजोल का मानना है कि आज के दौर में देश में गिरते लिंगानुपात को देखते हुए किसी पुरुष के लिए जीवन जीना और आगे बढऩा एक महिला की अपेक्षा कहीं ज्यादा आसान हो गया है. 39 वर्षीय अभिनेत्रीने कहा कि, 'तंत्रतापूर्ण जीवन जीने में पुरुष हमेशा से ही महिलाओं केलिए मुश्किलें पैदा करते रहे हैं,इसके लिए पुरुषों की मानसिकता को बदलना होगा.'

काजोल का कहना है कि कानून का क्रियान्वयन जरूरी है लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि क्या स्थानीय पुलिस स्टेशन अपना काम सही से कर रहे हैं या नहीं. कई अवसरों पर हमें यह भी सुनने को मिलता है कि पुलिस प्राथमिकी दर्जनहीं करना चाहती और पीड़िता की मदद की गुहार को अनसुना कर देती है.

आपकोबता दें कि काजोल राजधानी दिल्ली में 'वूमैन ऑफ प्योर वंडर'नामक पुस्तक के विमोचन के मौके परआई थीं. पुस्तक में 60 असाधारण महिलाओं के अस्तित्व और उनकी सफलता कावृतांत है. इनमें तेजाब हमले की शिकार हुई और जीवित बची लक्ष्मी का भी जीवनवृतांत है. लक्ष्मी 7 साल से खुदरा दुकानों पर तेजाब बिक्री को प्रतिबंधित करने के लिए लड़ाई लड़ रही हैं.

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आप से सीखने की जरुरत – राहुल गांधी

नई दिल्ली : चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने शानदार प्रदर्शन करते हुए कांग्रेस को करारी मात दी है. पार्टी ने चारों राज्य में भारी बहुमत से विजय हासिल की और सत्ता बरकरार रखने के साथ ही दिल्ली में सरकार बनाने के करीब पहुंच गई. वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी(आप) ने उम्मीद से ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया. अपनी हार को स्वीकार करते हुए राहुल गांधी ने कहा किकांग्रेस पार्टी को आपसे सीखने की जरूरत है.

कांग्रेस उपाध्यक्ष  राहुल गांधी ने सोनिया गांधी के साथ लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, 'कांग्रेस हार के कारणों की समीक्षा करेगी. हमने जनता की बात दिलसे सुनी है. हमारे हौंसले अभी भी बुलंद है ओर हम, वापसी करेंगे.'

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अंधश्रद्धेची 'पिडा' टळणार!

अंधश्रद्धेची 'पिडा' टळणार!
नरबळी, अमानुष, अनिष्ट, दुष्ट व अघोरी प्रथांना पायबंद

नागपूर : पुरोगामी म्हणवणाऱ्या महाराष्ट्रात अजूनही असलेली अंधश्रद्धेची ‘पिडा’ टळावी, यासाठीचे जादूटोणाविरोधी विधेयक अखेर वि‌धानसभेत शुक्रवारी आवाजी मतदानाने मंजूर झाले. गेली अठरा वर्षे हे विधेयक प्रलंबित होते. नरबळी, अमानुष, अनिष्ट, दुष्ट व अघोरी प्रथांना पायबंद घालण्यासाठी कडक तरतुदी विधेयकात करण्यात आल्या आहेत. त्याचवेळी भजन, कीर्तन, होमहवन, पूजा, यात्रा आणि वाऱ्या अशाहानीकारक नसलेल्या अनेक गोष्टींना कायद्याच्या कचाट्यातून वगळण्यात आले आहे.

डॉ. नरेंद्र दाभोळकर यांनी जादूटोणाविरोधी कायदा बनावा, यासाठी १८ वर्षे संघर्ष केला. राज्य सरकारकडे त्यांनी सातत्याने पाठपुरावा केला. त्यांच्या या लढ्याला शुक्रवारी यश मिळाले. त्यांना अभिप्रेत असलेला कायदा जरी राज्य सरकारने मंजूर केला नसला तरी अनिष्ट व दुष्ट प्रथापासून लोकांचे संरक्षण करण्यासाठी कायद्यात कडक तरतुदी करण्यात आल्या आहेत. दाभोळकर यांच्या हत्येनंतर राज्य सरकारने हा कायदा बनण्यासाठी धावपळ केली असून, निवडणुका तोंडावर असल्यामुळे हिंदुत्ववादी पक्षांकडून या कायद्याचा अपप्रचार होऊ नये, म्हणून विरोधकांच्या सुधारणांनाही कायद्यात वाव दिला आहे.

त्रयस्थ व्यक्तीला तक्रार करता येणार नाही

नरबळी, अमानुष, अघोरी प्रथांना पायबंद घालण्यासाठी कडक तरतुदी विधेयकात असल्या, तरी अशा प्रथांना बळी पडलेल्या कुटुंबातील व्यक्तीलाच त्याबाबत तक्रार करता येणार आहे. अशा कृत्यांची तक्रार त्रयस्थ व्यक्तीही करू शकेल, अशी तरतूद आधी विधेयकात होती. ‌त्यासाठी अंधश्रद्धा निर्मूलन समितीचाही आग्रह होता. परंतु, या तरतुदीचा गैरवापर होऊ शकतो असे सांगत, ती वगळण्याची मागणी विरोधकांनी केली होती. ती सरकारने मान्य केली.

यापुढे काय…

अनिष्ट, अघोरी कृती, प्रथा व जादूटोणा करणाऱ्या तसेच त्यांची जाहिरात, आचरण करणाऱ्यांना किमान सहा म‌हिने ते कमाल सात वर्षांच्या कारावासाची शिक्षा.

५ हजार ते ५० हजार रुपयांपर्यंत आर्थिक दंडही ठोठावला जाणार.

तक्रार नोंदवून घेण्यासाठी प्रत्येक पोलिस ठाण्यात एक दक्षता अधिकारी नेमला जाईल. हा अधिकारी कुठेही आणि कधीही संबंधित गुन्हा केलेल्यांची झाडाझडती घेऊ शकेल.

या बाबी वगळल्या…

प्रदक्षिणा, यात्रा, परिक्रमा, पंढरपूर वारी आणि अन्य वाऱ्या.

हरिपाठ, कीर्तन, प्रवचने, भजने, पारंपारिक शास्त्रांचे तसेच, प्राचीन विद्या व कलांचे शिक्षण, आचरण, प्रचार व प्रसार.

दिवंगत संतांचे चमत्कार सांगणे, त्यांचा प्रसार व साहित्य वितरण करणे, तसेच शारीरिक व आर्थिक नुकसान न करणारे धर्मगुरूंचे चमत्कार सांगणे किंवा त्यांचा प्रचार करणे.

शारीरिक व आर्थिक नुकसान न करणारे भूत घालवण्यासाठी केले जाणारे मंत्र, प्रार्थना, उपासना व भजन.

सर्व प्रार्थना, हरिनाम, सप्ताह, आरत्या, भजन, गायत्री मंत्रपठण आणि सत्यनारायणाची पूजा असे धार्मिक उत्सव.

नवरात्र किंवा इतर वेळी अंगात येणे, व्रतवैकल्ये, उपवास, नवस बोलणे, मन्नत मागणे, मोहरम मिरवणूक.

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केजरीवाल की जीत की खुशी में फुले नहीं समा रहीं पूनम पांडेय

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी(आप) की शानदार जीत में जहां देश केलोग खुश नज़र आ रहे हैं वहीं बॉलीवुड अभिनेत्री पूनम पांडेय भी खुशी के मारे फुले नहीं समा रही हैं. पूनम ने दिल्ली में आप की जीत की खुशी में ट्विटकिया कि 2014 का बॉलीवुड का बिग रिलीज होगा 'तेरा झाडू चल गया' जिसमें अरविंद केजरीवाल मुख्य भूमिका में होंगे.

गौरतलब है कि पूनम पांडेय ने दिल्ली चुनाव को देखकर लिखा है कि यह रिजल्ट तो गायक हिमेश रेशमिया ने बहुत पहले ही बता दिया था जब उनका एक गाना रिलीज हुआ था 'आप का सुरूर'. आप यानि(आम आदमी) वह यह सोचकर हैरान हैं कि अगर भाजपा आपको समर्थन दे देती है तो इनका गठबंधन 'बाप' होगा. पूनम ने तो इतना तक कह डाला क अब लोग डांस की जगह 'मैंगो मैन पार्टी' के जादू का डांस देखने के लिए बेताब हैं.

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कांग्रेस ने जितनी सीटें जीती, भाजपा की एक राज्य में उससे अधिक – नरेंद्र मोदी

नई दिल्ली : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदीने कांग्रेस पर व्यंग्य करतेहुएकहा कि सोनिया गांधी की अध्यक्षतावाली पार्टी की चारों राज्यों में आई कुल सीटें भाजपा द्वारा एक राज्य में जीती गई सीटों के बराबर भी नहीं है. गौरतलब है कि नरेंद्रमोदी ने ट्विट किया कि, 'चारो राज्यों में कांग्रेस ने जितनी कुल सीटें जीती हैं वे भाजपा द्वारा एक राज्य में जीती गई सीटों के बराबर भी नहीं है.'

आपको बता दें कि अंतिम परिणाम आने तक कांग्रेस राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और दिल्ली में कुल मिलाकर केवल 74 सीटें जीत पाई है जबकि 55 अन्य पर वह आगे थी. भाजपा नेकेवल राजस्थान में 151 सीट जीत चुकी है, इसके अलावा उसने मध्य प्रदेश में 99, छत्तीसगढ़ में 21 और दिल्ली में 31 सीटों पर जीत दर्ज की. मोदी ने कहा कि, 'जिन 589 सीटों के परिणाम उपलब्ध हैं, उनमें 392 सीटों पर भाजपा या तो जीती या फिर आगे चल रही है. गजब काप्रदर्शन, लगभग 66 फीसदी सीटें जीतना. कांग्रेस सिकुड़ गई है और 23 फीसदी सीटें पा सकी है.'मोदी ने इन चुनावों में भाजपा के प्रदर्शन को असाधारण बताया.

मोदी ने कहा कि मैं राजनाथ जी, पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को चुनावों में उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई देता हूं. शिवराज सिंह चौहान, वसुंधरा, रमन राजे, हर्षवर्धन और उनकी टीमों को प्रयास के लिए बधाई, जिससे भाजपा का भव्य प्रदर्शन सुनिश्चित हुआ.

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केजरीवाल की सफलता कुशल प्रबंधन का नतीजा

लखनऊ : अपने अलग ही अंदाज और अदब-तहजीब के लिए लखनऊ शहर जाना जाता है और यहां के युवा दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी(आप) और उसके मुखिया अरविंद केजरीवाल की सफलताको अप्रत्याशित नहीं बल्कि कुशल प्रबंधन का नतीजा मानता है. बता दें कि लखनवी युवा मनका मानना है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने जिस तरीके से अपने उत्पादन को आमआदमी तक पहुंचाने के लिए पाउच का इस्तेमाल किया, उसी तरह आप ने अपने मकसदको पूरा करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में घर घर तक अपनी पहुंचबनाई.

गौरतलब है कि राजनीतिक पाटियों के लिए भले ही यह एक गहन चिंतन का विषय है कि एक नवजात पार्टी ने उन्हें पटकनी देने में कोई कसर नहीं छोडी लेकिन युवा वर्गका मानना है कि यह एक लक्ष्य के साथ दृढ़ निश्चय एवं ठोस प्रबंधन है.

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'फास्ट एंड फ्यूरियस 7′ छोडऩे का मलाल नहीं – दीपिका पादुकोण

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि)  :बॉलीवुड की डिंपल गर्ल दीपिका पादुकोण का कहना है कि उन्हें हॉलीवुड की फिल्म 'फास्ट एंड फ्यूरियस 7′ छोडऩे का मलाल नहीं है. गौरतलब है कि दीपिका पादुकोण को फास्ट एंड फ्यूरियस में काम करने के प्रस्ताव मिला था लेकिन दीपिका ने इस फिल्म में काम नहीं किया. इस संबंध में दीपिका पादुकोण ने कहा कि, 'फास्ट एंड फ्यूरियस 7′ में काम नहीं करने का मुझे कोई मलाल नहीं है. मैने अपनी प्रतिबद्धता रामलीला के साथ निभाई है.'

आपको बता दें कि दीपिका का कहना है कि उन्हें जब 'फास्ट एंड फ्यूरियस'में काम करने का प्रस्तावमिला तो उस समय वह 'रामलीला' कर रही थी और उस फिल्म को बीच में नही छोड़सकती थी. उनकी पहली प्रतिबद्धता बॉलीवुड है और यहां पहले काम करना चाहतीहैं. रामलीला को जिस तरह दर्शकों की प्रतिक्रिया मिली है, उससे वह बेहद खुशहैं और उनकी मेहनत रंग लाई है.

दीपिका पादुकोण ने कहा कि, 'मैं हॉलीवुड फिल्मों में भी काम करना चाहती हूँ लेकिन भूमिका प्रभावशाली होनी चाहिए. हॉलीवुड की फिल्मों में चाहे मेरी भूमिका छोटी हीं क्यों न हो लेकिन वह अपनी छाप छोडऩे वाली होनी चाहिए.' हम तो यही उम्मीद करेंगे कि दीपिका की यह इच्छा जल्द ही पूरी हो जाए.

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वही करूंगा जो पसंद होगा – जस्टिस गांगुली

नई दिल्ली  :यौन शोषण के आरोपी सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस व वर्तमान में पश्चिम बंगाल मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन ए.के.गांगुली को तत्काल बर्खास्त व गिरफ्तार करने की मांग को लेकर महिलाएं सड़क पर उतर आईं. बता दें कि अपने खिलाफ लगे आरोपों और इस्तीफे की मांग को लेकर गुस्साए जस्टिस गांगुली ने मीडिया से कहा कि, 'मैं किसी सवाल का जवाब नहीं दूंगा. मैं वही करूंगा जो पसंद होगा.’

गौरतलब है कि इससे पहले इस मामले में दिल्ली पुलिस ने पीड़ित लड़की से ई-मेल के जरिए संपर्क किया. बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस पीड़ित लड़की का बयान लेना चाहती है. वहीं भाजपा ने गत शनिवार को कहा था कि वह न्यायमूर्ति ए.के.गांगुली का मुद्दा संसद में उठाएगी, जिनके खिलाफ यौन उत्पीडऩ के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के पैनल ने प्रतिकूल टिप्पणी की है.

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संसद के चालू सत्र के दौरान लोकपाल विधेयक पारित कराएगी सरकार – नारायणसामी

नई दिल्ली : गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे के लोकपाल विधेयक को पारित करनेके लिए 10 दिसंबर से आमरण अनशन शुरु करने पर सरकार ने कहा कि वह इस विधेयक कोसंसद के चालू सत्र में ही पारित करेगी. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने संवाददाताओं से कहा कि सरकार लोकपाल विधेयक पर चर्चा कराने और इसे पारित कराने के लिए तैयार है और इसके लिए राज्यसभा में नोटिस दिया जा चुका है लेकिन इसके लिए संसद चलना भी चाहिए.

आपको बता दें कि हंगामे के कारण लगातार दूसरे दिन संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी. अण्णा हजारे ने जन लोकपाल विधेयक पारित करने की मांग को लेकर महाराष्ट्र में अपनेगांव रालेगण सिद्धी में मंगलवार यानि 10 दिसंबर से सुबह आमरण अनशन शुरु कर दिया. उल्लेखनीय है कि उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने लोकपाल विधेयक पारित नहीं कर उन्हें धोखा दिया है. हालांकि भारी जन दवाब के चलते सरकार ने लोकपाल विधेयक लोकसभा में पारित करा लिया था लेकिन राज्य सभा में यह अटक गया था.

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मुझे कॉफी पसंद है लेकिन करन के साथ नहीं – शाहरुख खान

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान और करन जौहर की दोस्ती जगजाहिर है और इसके किस्से भी आए दिनसुनने को मिलते हैं. पर लगता है दोनों की दोस्ती में अब दरार आ गई है. गौरतलब है कि हाल ही में मीडिया ने शाहरुख खान से पूछा कि क्या वो निर्देशक औरअपने बेस्ट फ्रेंड करन जौहर के शो 'करन विथ काफी' में जाना चाहते है, तोउन्होंने साफ-साफ जाने से इंकार कर दिया और कहा कि, 'आई लव कॉफी बट नॉट विथ करन.'

आपको बता दें कि करन के इस शो के नए सीजनके पहले एपिसोड मेंसलमान खान को बुलाया गया था जिससे किंग खान काफी नाराज हैं. इससे पहले भी शाहरुख के साथ करन के रिश्ते में खटास की खबरें सार्वजनिक हो रही थीं और अब शाहरुख के इस बयान से यह साफ हो गया है कि दोनों के रिश्ते में दरार आ गई है.

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सिर्फ संवैधानिक पद वालों को ही मिले लाल बत्ती – सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने वाहनों पर लाल बत्ती और सायरन के दुरुपयोग को रोकने केलिए सख्त रवैया अपनाते हुए व्यवस्था दी है कि संवैधानिक पदों पर बैठेव्यक्तियों के अलावा कोई अन्य लाल बत्ती का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा. गौरतलब है कि न्यायमूर्ति जी.एस.सिंघवी की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने उत्तर प्रदेश केनिवासी अभय सिंह की एक जनहित याचिका पर व्यवस्था देते हुए केंद्र और राज्यसरकारों को तीन माह के भीतर ऐसी सूची जारी करने का निर्देश दिया जिसमें लालबत्ती का इस्तेमाल करने के लिए पात्र लोगों का उल्लेख किया गया हो.

आपको बता दें कि न्यायालय ने साथ ही यह भी स्पष्ट कर दिया कि इस सूची को बेवजह लंबा नहींकिया जा सकेगा. खंडपीठ ने इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कठोरसजा का प्रावधान करने के लिए मोटर वाहन अधिनियम में आवश्यक संशोधन करनेका सरकार को निर्देश दिया. न्यायालय ने कहा कि वाहनों में प्रेसर हार्न,विभिन्न प्रकार की आवाज वाले हार्न और संगीतमय हार्न नहीं लगाए जाएंगे.

वहीं न्यायालय ने पुलिस और आपातकालीन  वाहनों पर घूमने वाली नीली बत्ती लगाने केनिर्देश दिए हैं. साथही खंडपीठ ने पुलिस को इस व्यवस्था को निष्पक्ष तरीके और कड़ाईसे पालन कराने की हिदायत भी दी. बता दें किन्यायालय ने गत अगस्त में कहा था कि वाहनोंपर अवैध तरीके से लाल बत्ती लगाई जा रही हैं, जो समाज के लिए एक समस्याहै. इन लाल बत्तियों का दुरुपयोग हो रहा है. याचिकाकर्ता ने लाल बत्ती औरसायरन के दुरुपयोग का मामला न्यायालय के समक्ष उठाया था.

उल्लेखनीय है किअभय सिंह की दलील थी कि लाल बत्ती का व्यापक पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है. अपराधी भी लाल बत्ती लगे वाहन से पुलिस को चकमा देने में सफल रहते हैं. इसबीचकेंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने न्यायालय के इस आदेश पर कुछबोलने से यह कहते हुए मना कर दिया कि वह संबंधित आदेश का अध्ययन करने केबाद ही अपनी प्रतिक्रिया देंगे. हालांकि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम  रमेश और राष्ट्रवादीकांग्रेस पार्टी(राकांपा) नेता तारिक अनवर सहित कई व्यक्तियों ने शीर्षअदालत की इस व्यवस्था को सही ठहराया है. रमेश और अनवर ने कहा कि शीर्षअदालत का आदेश बिल्कुल जायज हैक्योंकि इससे लाल बत्तियों के दुरुपयोग पररोक लग सकेगी. जनता दलनेता साबिर अली ने न्यायालय के आदेश पर हैरानी जताई है.

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सनी लियोन ने पॉर्न फिल्मों को कहा टाटा – बाय बाय

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : सनी लियोन जो कि भारत और कनाडा के पॉर्न स्टार के नाम से जानीजाती है लेकिन अब उन्होंने पॉर्न फिल्मों में काम करने से मना कर दिया है. गौरतलब है कि सनी ने बातचीत करते हुए कहा है कि अब वह बी-टाउन से हमेशा के लिए जुड़ना चाहती हैं.

आपको बता दें कि सनी कड़ी मेहनत कर रही हैं कि वह बॉलीवुड में खुद को स्थापित कर सकें. एक अभिनेत्री के रूप में वह खुद को साबित करना चाहती हैं. गौरतलब है कि बॉलीवुड में सनी ने जिस्म-2 से अपने फिल्मी करियर की शुरूआत की थी और जल्द ही उनकी फिल्म 'जैकपॉट' प्रदर्शित होनेवाली है.

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'2013 के 100 वैश्विक विचारकों' में केजरीवाल, बुटालिया, कृष्णन शामिल

न्यूयार्क : आम आदमी पार्टी(आप) के संस्थापक अरविंद केजरीवाल अमेरिकी पत्रिका फॉरेनपॉलिसी के वर्ष 2013के 100 शीर्ष वैश्विक विचारकों में शामिल हैं. गौरतलब है कि इस सूचीमें उन लोगों को शामिल किया गया है जिन्होंने दुनिया में 'महत्वपूर्ण अंतर' लानेमें योगदान दिया और 'असंभव की सीमा को पीछे धकेल दिया.' इस सूची में उर्वशी बुटालिया और कविता कृष्णन जैसी कार्यकर्ताओं ने भी अपने नाम दर्ज करवाएं. इस सूची में पहला स्थान अमेरिकी खुफिया सूचनाओं का खुलासा करनेवाले एडवर्डस्नोडन को मिला है.

आपको बतादें कि 45 वर्षीय केजरीवाल को सूची में 32वां स्थान मिला है. उन्हें वैश्विक विचारक माना गया है क्योंकि उन्होंने भारत की राजधानी में भ्रष्टाचार को हटानेके लिए एक अभियान का नेतृत्व किया और देश का 'संभ्रांत' वर्ग की चिंता का कारण बने. पत्रिका के अनुसार केजरीवाल 'एक क्रांति को हवा दे रहे हैं.' वह नई दिल्लीको भ्रष्टाचार से मुक्ति दिलाने के लिए एक प्रभावशाली अभियान का नेतृत्वकर रहे हैं और जनता की जरूरतों की तरफ सरकार का ध्यान दोबारा आकर्षित कररहे हैं.

इस सूची में बुटालिया और कृष्णन दोनों ही 77वें स्थान पर हैं. पत्रिका के अनुसार दोनों 'ना केवल विचारशील कार्यकर्ता हैं बल्कि दोनों भारत में यौन हिंसा की समस्या के खिलाफ खड़े अगुआ विरोधियों में से हैं.' सूची में शामिल अन्य भारतीयों में स्वास्थ्य अधिकार को लेकर संयुक्तराष्ट्र के विशेष दूत आनंद ग्रोवर, गिवडायरेक्टली नाम के गैर सरकारी संगठनके सह संस्थापक रोहित वांचू, स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में महामारी विशेषज्ञ एवं चिकित्सक संजय बसु और ऑनलाइन संगठन एजेंलिस्ट के सह संस्थापक नवल रविकांत के नाम शामिल हैं. सूची में अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जापानी प्रधानमंत्री शिंजो अबे, फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और अमेरिकी मानवाधिकार उच्चायुक्त नवी पिल्लई के नामों का समावेश भी है.

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स्कूल जानेवालोंबच्चों के लिए यौन शिक्षा बहुत महत्वपूर्ण है – लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी

मुंबई : 'मैं उन लोगों में से एक हूं जिनकी जिंदगी कमाठीपुरा से शुरू हुई। मैं इस जगह और यहां रहनेवालों लोगों से बहुत अच्छी तरह से परिचित हूं। यह ज़रूरी है कि सेक्स वर्कर, ट्रांसजेंडर समुदाय के लोगों के अधिकारों के बारे में लोगों को जानकारी हो और साई एनजीओ इस दिशा में विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों को संचालित करता है। यह भी आवश्यक है कि विभिन्न समाजिक संस्थाओं और सरकारी योजनाओं के द्वारा सुरक्षा और जागरूकता की दिशा में उठाएजा रहेकदमों को सराहा जाए और उसको प्रयोग में लाया जाए। पर सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि स्कूल में यौन शिक्षा दीजाए',ऐसा कहना है' मैं हिजड़ा…मैं लक्ष्मी' से शोहरत पा चुकी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी का।

साई एनजीओ ने विश्व एड्स दिवस पर,कमाठीपुरा के 11वीं गली में एक सामाजिक कार्यक्रम का आयोजन किया. साई एचआईवी/एड्सप्रभावित लोगों, ट्रांस जेंडर, सेक्स कार्यकर्ताओं और उनके बच्चोंके उत्थान के लिएकाम करता है. इस समारोह मेंगीता गवली(अध्यक्ष, स्वास्थ्य समिति, बीएमसी),विनय वास्ता(निदेशक,साई), डॉ.राज तेंडुलकर(कार्यकारी अध्यक्ष) और डॉ.मीनल पेंडकरतथा अन्य उपस्थित थे।

'एड्स और सरकारी योजनाओं के बारे में जानना और उसके बारे में जागरूकता फैलाना बहुत आवश्यक है', ऐसा कहना था गीता गवली का जो बीएमसी में स्वास्थ्य समिति की अध्यक्ष हैं।

'रेड लाईट एरिया में एचआईवी से संक्रमित महिलाओं का अनुपात50% से घटकर 8% हो गया है। साई संस्था इस बात के लिए गौरान्वित महसूस करती है कि यहां के 60% विद्यार्थियों ने अपनीडिग्री शिक्षा सफलता पुर्वक पूरी कर ली है', ऐसा कहना है साई संस्था के निदेशक विनय वास्ता का.यहां सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए जिनसे सामाजिक संदेशों का प्रचार हो सके।

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कांग्रेस की प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारी के लिए भी किरकिरी

नई दिल्ली : चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की बुरी तरह हार हुई है. इसके बाद पार्टी में यह बहसबाजी हो रही है कि भाजपा के नरेंद्र मोदी की टक्करमें प्रधानमंत्री उम्मीदवार के तौर पर वो कांग्रेस से किसे मैदान में उतारे? इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मीडिया के सामने यह कहा था कि चुनावों से पहले प्रधानमंत्री उम्मीदवार का ऐलान कर दिया जाएगा. अब कांग्रेस के लिए यह बड़ा सवाल उठता है कि पार्टी का पीएम उम्मीदवार कौन होगा?

गौरतलब है कि अगर राहुलगांधी एक बार फिर प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनने से इनकार कर देते हैं तो इस स्थितिमें किसके नेतृत्व में कांग्रेस लोकसभा चुनाव लड़ेगी? कांग्रेस के प्रधानमंत्री पदके उम्मीदवारों की लिस्ट में वित्त मंत्री पी.चिदंबरम, रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी और गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे का नाम पहले से है ही, लेकिन हाल ही में इस लिस्ट में एक और नया नाम जुड़ा है. एक अंग्रेजी अखबार के अनुसार सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस आधार योजना के कर्ता-धर्ता नंदन नीलेकणि को लोकसभा चुनावों में उतार सकती है. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस की इन सब चर्चाओं पर विरोधियों को बयानबाजी करने कामौका मिल गया है.

उल्लेखनीय है कि जाने-माने लेखक चेतन भगत ने ट्वीट कर कहा कि, 'कांग्रेस के नए प्रधानमंत्री उम्मीदवार को लेकर कई अफवाहें हैं. रेस में नंदन नीलेकणि भी हैं. रोचक! असली पीएम या कठपुतली पीएम.' वहीं फिल्म निर्माता प्रीतीश नंदी ने ट्वीट कर कहा कि,’पीएम उम्मीदवार केतौर पर नंदन नीलेकणि बेहतरीन च्वाइस हैं. वो कांग्रेस को पूरी तरह खत्म कर देंगे जैसा आधार स्कीम के साथ किया. गांधी परिवार बार-बार हारे हुए शख्सोंको ही क्यों चुनता है?’ प्रीतीश नंदी ने आगे लिखा कि, 'अगर कांग्रेस पीएम उम्मीदवार की तलाश कर रही है तो पूर्व युवा कांग्रेस नेता सुशील शर्मा क्यों नहीं जो तंदूर में अपनी पत्नी को टुकड़ों-टुकड़ों में काटकर जलाने के लिए तिहाड़ में सड़ रहा है?’ उन्होंने आगे यह भी लिखा कि,'अगर आप ‘प्रदर्शन’को ही ईनाम देना चाहते हो तो पीएम पद के लिए दीपिका पादुकोण क्यों नहीं?  उसने लगातार चार हिट फिल्में दी हैं.’ जेडीयू सांसद शिवानंद तिवारी ने कहा, ‘कांग्रेस ऐसे फैसले करती है तो ये आत्महत्या ही होगा.’

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तरुण तेजपाल को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

पणजी : तहलका के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल को गुरूवार को यानि 12 दिसंबरको गोवा कोर्ट ने 12 दिन के लिएजेल भेज दिया है. गौरतलब है कि तेजपाल की चार दिन की पुलिस हिरासत की रिमांड अवधि इसी दिन समाप्त हो चुकी थी. तरुण तेजपाल पर अपनी ही पत्रिका की महिला पत्रकार का यौन शोषण करने का आरोप है. तेजपाल को इस आरोप में पुलिस ने  30 नवंबर को गिरफ्तार किया था.

आपको बत दें कि तेजपाल पर आईपीसी की धारा 354- ए(अशोभनीय व्‍यवहार) और 376 (बलात्‍कारकरने) और धारा 376(2) (महिला से यौन उत्पीड़न) की धाराएंलगाई गई हैं. हालांकि तरुण तेजपाल ने अपना गुनह कबूल नहीं किया और तरुण नेकहा था कि जो हुआ वो आपसी सहमति से हुआ था. पुलिस ने इस केस संबंधी  तहलकाकी पूर्व मैनेजिंग एडिटर शोमा चौधरी से भी पूछताछ की थी.

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भारत ब्लैकमनी के मामले में दुनिया के टॉप-5 देशों में

नई दिल्ली : वर्तमान समय में भारत में भ्रष्टाचार, महंगाई, बेरोजगारी और ब्लैकमनी का मामला काफी बड़े पैमाने तक फैला हुआ है. इस बात की पुष्टि अब दुनिया में भी हो गई है. गौरतलब है कि ब्लैकमनी को लेकर भारत में राजनीति तो बहुत होती है, कई बार आंदोलन भीहुए, लेकिन इसे देश में लाने के लिए कोई ठोस कार्रवाई कभी नहीं की गई. यही वजह हैकि देश का अरबों डॉलर आज भी विदेशी बैंकों में पड़ा हुआ है. ब्लैक मनीका मुद्दा आज भी जस का तस बना हुआ है.

बता दें कि चुनाव आते ही यह मामला जोरों शोरों से उठाया जाता है फिर चुनाव के समाप्त होते हीयह ठंडे बस्ते में चला जाता है. राजनेता हो या बिजनेस मैन सभी अपनी ब्लैकमनी को छिपाने के लिए उसे विदेशों में जमा करातेहैं. उल्लेखनीय है कि ब्लैकमनी देश से बाहर भेजने के मामले में भारत दुनिया के टॉप 5 देशों में है. जी हां, एक नई रिपोर्ट से यह बात सामने आई है.

इस रिपोर्ट में कहा गया हैकि 2002से 2011के बीच भारत ब्लैकमनी का दुनिया में पांचवां सबसे बड़ा एक्सपोर्टर रहा. इस दौरान 343.04 अरब डॉलर के बराबर ब्लैकमनी देश से बाहर भेजी गई. यही नहीं 2011में तो भारत ने टॉप तीन में जगह बना ली. इस साल 84.93 अरब डॉलर ब्लैकमनी देश से बाहर गई और भारत ब्लैकमनी का तीसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्टर बन गया. विकासशील देशों से 2002-2011के बीच बाहर गए ब्लैक मनी पर तैयार इस रिपोर्टको वॉशिंगटन बेस्ड रिसर्च ऐंड एडवोकेसी ऑर्गनाइजेशन ग्लोबल फाइनैं शलइंटी ग्रिटी(जीएफआई) ने तैयार किया है. 2011में विकसित देशों से कुल 946.7 अरब डॉलर की रकम क्राइम, क्रप्शन और टैक्स चोरी के चलते ब्लैकमनी के रूपमें देश से बाहर गई.यह रकम 2010 की तुलना में 13.7फीसदी ज्यादा थी. । 2010में 832.4 अरब डॉलर ब्लैक मनी विकासशील देशों से बाहर गई.

जीएफआई के प्रेजिडेंट रेमंड बेकर के अनुसार ब्लैकमनी के दुनिया के टॉप 15 एक्सपोर्टरों में से 6 एशियाई देश हैं, ये हैं – चीन, मलेशिया, भारत, इंडोनेशिया, थाइलैंड और फिलिपींस. वहीं अफ्रीका के दो देश नाइजीरिया औरसाउथ अफ्रीका भी ब्लैकमनी एक्सपोर्ट में काफी आगे हैं. यूरोप के चार देश-रूस, बेलारूस, पोलैंड और सर्बिया भी इस लिस्ट में शामिल हैं. पश्चिमी गोलार्द्ध से दो देश- मेक्सिको और ब्राजील हैं. वहीं मिडिल ईस्ट और नॉर्थअफ्रीकी इलाके से सिर्फ एक देश इराक का नाम इसमें शामिल है. गौरतलब है कि पिछले 10 साल में चीन ब्लैक मनी एक्सपोर्ट करने के मामले में दुनिया मेंशीर्ष स्थान पर रहा है. भारत से ऊपर ब्लैकमनी का एक्सपोर्ट करनेवाले देशों में पहले से चौथे स्थान पर क्रमश: चीन(107.56 अरब डॉलर),  रूस(88.10 अरब डॉलर),  मेक्सिको(46.19 अरब डॉलर) और मलेशिया(37.04 अरब डॉलर) हैं.

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पत्नी से पूछकर बनाए 'साधिका' से संबंध – नारायण साईं

नई दिल्ली : लगता है अब सूरत रेप केस में बुरी तरह फंसे आरोपी नारायण साईं की मुश्किलें उसकी पत्नी ही बढ़ाएगी. गौरतलब है कि पुलिस नारायण की पत्नी को गवाह बना सकती है. सूरत रेप केस के संबंधमें गत सोमवार को सूरत पुलिस नारायण साईं की पत्नी जानकी उर्फ शिल्पा सेपूछताछ कर रही है. सूरत पुलिस की ओर से जारी समन के आधार पर जानकी सोमवार की सुबह सूरत क्राइम ब्रांच पहुंची जहां तकरीबन आधे घंटे की पूछताछ के बादउन्हें सूरत पुलिस मुख्यालय लाया गया. यहां सूरत पुलिस के आला अधिकारी सहित डीसीपी शोभा भूतड़ा जानकारियां जुटा रही हैं. बता दें कि जानकी पिछले छहसाल से नारायण से अलग रह रही है.

सूत्रों के अनुसार सूरत की जिस पीड़िता ने नारायण पर बलात्कार और यौन शोषण का आरोप लगाया है वो लड़की और जानकी काफी समय तक गुजरात के गमभोई आश्रम में साथ रहे हैं. जानकी भी पीड़िता को अच्छी तरह से जानती हैं और माना जा रहा है कि पुलिस जानकी से इस मामले में पूछताछ कर उसे अपना एक मजबूत गवाह बना सकती है.

वहीं दूसरी ओर रेप के आरोपी नारायण साईं ने पहली बार यह कुबूल किया कि उसका अपनी पत्नी जानकी के अलावा भी कई लड़कियों से शारीरिक संबंध हैं. साईं ने बलात्कार की रिपोर्ट लिखाने वाली लड़की को पहचानने की बात कबूली और वहीं उसने यह भी कहाकि उसने उसका बलात्कार नहीं किया, बल्कि वह तो उससे प्यार करता था. नारायणसांई का कहना है कि उसने यह सब अपनी पत्नी जानकी से पूछकर किया. उसने माना है कि वह अपनी साधिका जमुना के बेहद करीब है. हालांकि नारायण साईं की पत्नी जानकी ने साईं के इस नए दांव को सिरेसे खारिज कर दिया है. उसने कहा है कि जमुना से रिश्तों को लेकर नारायण साईं झूठ बोल रहा है. नारायण साईं के हर एक बयान को देखते हुए सूरत पुलिस उससे हो रही पूछताछ की वीडियो ग्राफी भी करवा रही है.

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'राजीव गांधी जीवनदायी आरोग्य योजना' चलाना शायद सरकार की ही इच्छा नहीं

नाशिक(पिट्स प्रतिनिधि): 'कांग्रेस का हाथ, गरीबों के साथ' यह भले कांग्रेस सरकार कह रही है परंतु असल में वह गरीबों के लिए चलाएजानेवाली योजनाओं के इम्पलीमेंट के तरीकों को देखकर नहीं लग रहा है कि वह गरीबों का सच में भला चाहती है क्योंकि'राजीव गांधी जीवनदायी आरोग्य योजना'कांग्रेस सरकार ने गरीबों के लिए बनाई है. परंतु क्या सच में इसका फायदा गरीबों के लिए हो रहा है?

अगर किसी बीपीएल परिवार के व्यक्ति का बायपास सर्जरी का इलाज करवाना है तो उसेनिजी अस्पताल में लगभग 2 से 3 लाख और ऍन्जीयोप्लास्टी का लगभग 1 से 2 लाख तक खर्चा आता है. जब सरकार ने यह योजना अमल में लाई तब बायपास सर्जरी के लिए 1,25,00 रूपये और ऍन्जीयोप्लास्टी के लिए 60हजार रूपये सरकार द्वारा चुने हुएअस्पतालों के लिएदिया जाता था परंतु अब इस दिए जानेवाली रकम को घटाकर सरकार ने 90 हजार और 45 हजार कर दिया है. जो कि किसी भी अस्पताल के लिए इतने कम पैसों में इलाज करना मुमकिन नहीं है. इस प्रश्न को लेकर भाजपा के नेता एकनाथ खडसे ने भी आवाज उठाई. उनका भी यही कहना था कि इतना कम पैसा देकर अगरसरकारगरीबों का इलाज करवाना चाहती हैतो यह मुमकिन नहीं है. अगर सरकारउनअस्पतालों को कम से कम आनेवाला खर्चा भी नहीं दे पाई तो भविष्य में कोई भी अस्पताल इस योजना को अमल में लाने से इंकार कर सकता है?

सरकार की मनशा अगर गरीबों का इलाज जल्द से जल्द हो और इस योजना में कोई बाधा ना लानी हो तो सरकार को अस्पताल के लिएदिए जानेवालीफीस मेंबढ़ोत्तरी करनी होगीवर्ना एक के बादएकअस्पताल इलाज करने को मना करेगा तो 'राजीव गांधी जीवनदायी आरोग्य योजना' का क्या होगा?ऐसी योजनाओं को अगर सफल बनाना है तो सरकार को अस्पताल प्रशासन की सुननी होगी तभी जाकर यह योजना सफल होती दिखेगी. इस योजना के बारे में जानने के लिए कुछ डॉक्टरों से बात की.

डॉ.अनिरुद्ध धर्माधिकारी(संचालक,श्रीसाईबाबा हार्ट इंस्टीट्यूट,नाशिक) : सरकार ने इस योजना को लाकर गरीबों की भलाई का जो काम किया है उसके लिए मैं सरकार का धन्यवाद करना चाहता हूं परंतु हम सच से भी भाग नहीं सकते हैं ना,क्योंकि सरकार 'राजीव गांधी जीवनदायी आरोग्य योजना' के अंतर्गत बायपास सर्जरी और एंजीयोप्लास्टी के लिए अब सिर्फ 90 हजार और 45 हजार रूपये दे रही है जो कि किसी भी अस्पताल के लिए इतने कम पैसों में इलाज करना मुमकिन नहीं है. अगर हमने अपने अस्पताल की फीस, कर्मचारियों की सैलरी, लाईट बिल, डॉक्टरों की फीस यह सभी चार्जेस अगर माफ भी कर दिएतो भी इन सर्जरियों के लिए कम से कम 1,40,000 रूपये का खर्च आता है तो आप ही बताईए कि 90 हजार कहां और लगनेवाला खर्च1 लाख 40 हजार कहां. इस योजना के अंतर्गत लगभग 70-80% बीपीएलपरिवार आते हैंजो की बहुत बड़ी संख्याहै. तो सरकार निजी अस्पतालों पर दबाव बनाकर, जो हो नहीं सकता वह करने के लिए क्यों मजबूर कर रही है. यह प्रश्न हमारे सामने आज भी है.

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कांग्रेस का हाथ आप के साथ?

कांग्रेस का हाथ आप के साथ?
केजरीवाल द्वारा धुतकारने के बाद भी कांग्रेस लगी है आप को समर्थन देने में शीला दीक्षित पर क्या गुजरेगी यह भी नहीं सोचा

मुंबई(चंदन पवार)Email:chandanpawar.pits@gmail.com

सत्ता का नशा ऐसा है जो उतरे उतरता नहीं है, ऐसी ही स्थिति आज कांग्रेस की है क्योंकि कांग्रेसको सत्ता की आदत पड़ी हुई है मगर जब कुछ दिनों पहले आए निकालोंसे उनकी नींद छिन गई है. जिसकी वजह से उनकी तड़पड़ाहट साफ नज़र आ रही है. राजस्थान,मध्य प्रदेश औरछत्तीसगढ़ में तो वह सत्ता बना नहीं पाए मगर दिल्ली में उनको अपना सत्ता का नशा लगातार पूरा करने का मौका आप पार्टी के साथ दिख रहा है जिसे वह छोड़ना नहीं चाहते हैं. मगर केजरीवाल ने 25 मुद्दों का साथ जो देगा वही हमारे साथ सत्ता में शामिल होगा, मगर जो मुद्दे ऐसे हैं वह पूरे करनाना कांग्रेस औरना भाजपा के बस में हैं.

आप पार्टी ने भाजपा और कांग्रेस कोलेकर सत्ता बनाने के लिए मना कर दिया है, जिस तरह चुनाव के दौरान आम पार्टी के सभी नेताकांग्रेस की नीतियों को भला बुरा कहकरजिस तरह लोगों के सामने पेश कर रहे थे उसे देख कोई भी पार्टी उनके साथ जाना पसंद नहींकरती परंतु कांग्रेस यह ऐसी पार्टी है जिसे आम आदमी पार्टी द्वारा उनका पोस्टमार्टम करने के बाद भीवह सत्ता की लालचसे अपने आप को रोक नहीं पा रहीहै इसलिए कांग्रेसआप पार्टी केसमर्थन देने के लिए इतनी उतावली हो रही है कि वह आप पार्टी के केजरीवाल कोबार-बारसमर्थन देनेकी बात कर रही हैऔर केजरीवाल उनको नाबाबा ना बोलते जा रहे हैं. इनसे तो अच्छे भाजपावाले हैं जो कि अपना स्टैंड बनाए हुए है. आज जिस तरह कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी आप पार्टी को समर्थन देने की बात कर रहे हैं उसे देख ऐसा शायदलग रहाहै कि अबइनकेपास वह ताकत वह नेता नहीं बचे हैंजो लोगों को अपने दम पर अपने पास वोटों द्वाराखींच सके. अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का चैलेंज स्विकार कर चुनाव में शीला दीक्षित को हराया और अपने पार्टी को एकमजबूतपार्टी का ओहदा दिया. जिस शीला दीक्षितने 15 साल दिल्ली विधानसभा में कांग्रेस का झंडा लहराया उस शीला दीक्षित का भीकांग्रेस को ख्याल नहीं रहा. शायद शीला दीक्षित चुनाव हारने के बाद यह सोच रही होंगी कि कांग्रेस अब मुझे किसी राज्य का राज्यपाल बनाकर मेरी नाराजगी दूर करेगी? और मुझे राजनीति में पुन:स्थापित करेगी परंतु शीला दीक्षित का यह सपना शायद कांग्रेस ने तोड़ दिया है, जिस तरह कांग्रेस आम पार्टी को समर्थन देने के लिए खुद आगे आ रही है. उसे देखक्या कांग्रेस में बुजुर्ग नेताओं का यही हाल होगा, यह इशारा शायद राहुल गाधी पार्टी कोदे रहे हैं? क्या कांग्रेस सिर्फ बलि लेना जानती है?बली देना शायद उनके पार्टी के उसूलों में ही नहीं है क्योंकि कांग्रेस का इतिहास देखा जाए तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को हमेशाअपमानित होकर ही अपने आपको संभालना पड़ रहा है इसलिए कहा जाता है कि कांग्रेस में सिर्फ एक ही लेडी की चलती है जो सबको अपने उंगली पर नचातीहै.

कांग्रेस को अगर सच में भविष्य में अपनी पार्टी को बचाना है तो उसे 'कांग्रेस का हाथ गरीबोंके साथ' यह सिर्फ बोलकर नहीं चलेगा. उसे सचकर दिखाने के लिए महंगाई, भ्रष्टाचार, कुपोषण, भुखमरी, बेरोजगारी और आतंकवाद को दूर करके दिखाना होगा, यही जीवन मरन के प्रश्न हैं जो आप पार्टी ने उठाए और दिल्ली का दिल जीत लिया. क्या कांग्रेस पार्टी इनसे सबक लेगी या अपने ही धौंस में पार्टी चलाएगी, अगर ऐसा ही हाल रहा तो शायद नरेंद्र मोदीजो बोलते हैं 'भारतमुक्त कांग्रेस' वो सच ना हो जाए. क्योंकि आम आदमी तब तक सहन करता है जब तक पानी सरके ऊपर से ना गुजर जाए. बस कांग्रेस ने यही किया. आम आदमी को अपना गुलाम या वोटर समझा यही गलती उनसे हो गई जिसका परिणाम अभी हुए चुनावों के निकालों में दिखाई दिया. इनके पास अब भी वक्त है, नहीं तो जब एक सामान्य इंसान जागता है तो बड़ी बड़ी सलत्नत हिल जाती है इसलिए कांग्रेस को अपनी नितियों में बहुत सारे बदलकरने होंगे. तभी जाकर वह सत्ता का सपनादेख सकती है.

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धर्मेन्द्र अब भी बच्चे जैसे लगते है : हेमा मालिनी

मुबंई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड की ड्रीमगर्ल हेमा मालिनी का कहना है कि उनके पति धर्मेन्द्र अभी भी बच्चे जैसे हीं लगते हैं. बॉलीवुड के ही मैन धर्मेन्द्र ने अपना 78 वां जन्मदिन 8 दिसंबर को मनायाहै. इस अवसर पर हेमा मालिनी ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट टवीटर पर लिखा कि, 'उम्र कोई मायने नही रखती है. कोई भी चाहे तो धरमजी जैसा बच्चा बना रह सकता है. जन्मदिन परमुझसे गिफ्ट पाकर धरमजी बेहद रोमांचित हुए.'

आपको बता दें कि धर्मेन्द्र और हेमा मालिनी की जोड़ी को बॉलीवुड की सदाबहार जोडिय़ों में शुमार किया जाता है. यह जोंडी सबसे पहले फिल्म 'शराफत' से चर्चा में आई. वर्ष 1975 में प्रदर्शित फिल्म 'शोले' में धर्मेन्द्र ने वीर और हेमा मालिनी ने बसंती की भूमिका में दर्शकों का भरपूर मनोंरजन किया और यह किरदार अमर हो गए.

हेमा और धमेन्द्र की यह जोड़ी इतनी अधिक पसंद की गई कि फिल्म इंडस्ट्रीमें ड्रीम गर्ल के नाम से मशहूर हेमा मालिनी उनके रीयल लाइफ की ड्रीम गर्लबन गई. बाद में इस जोड़ी ने ड्रीम गर्ल, चरस आसपास, प्रतिज्ञा, राजा जानी, रजिया सुल्तान, अली बाबा चालीस चोर, बगावत, आतंक, द बर्निंग ट्रेन औरदोस्त आदि फिल्मों में एक साथ काम किया.

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एलपीजी सिलेंडरों के दाम में बढ़ोतरी

महंगाई ने लोगों का जीवन दुश्वार कर दिया है, आलू, प्याज और टमाटरके दामों से लेकर यात्रा, घूमना-फिरना सब महंगा और आम आदमी के पहुंच के बाहर हो गया है. इतने पर भी महंगाई कम होने का नाम नहीं ले रही है और अब तो चुल्हे पर भी महंगाई की मार पड़नेवाली है.इसे कहते हैं करेला ऊपर से नीम चढ़ा.

गौरतलब है कि सरकार ने घरेलू एलपीजी सप्लाई से जुड़े डीलरों के कमीशन में बढ़ोत्तरी काऐलान किया है. बिना सब्सिडी वाले सिलेंडरों की कीमतों में 3.50 रुपयेबढ़ोतरी की गई है, कमीशन की बढ़ी दरों को तत्काल प्रभाव से लागू किए जानेके निर्णय के बाद घरेलू श्रेणी(14.2 किग्रा) के सब्सिडी व नॉन सब्सिडीसिलेंडर मंगलवार से 3.46 से 4.21 रुपया प्रति सिलेंडर महंगे हो जाएंगे. तेलकंपनियों ने अंतिम गणना के बाद घरेलू सिलेंडरों के नए दामों का ऐलानऔपचारिक तौर पर मंगलवार सुबह तक किए जाने की बात कही है.

आपको बता दें कि ऑल इंडिया एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर फेडरेशन की मांग पर डीलरों के कमीशन मेंप्रस्तावित बढ़ोत्तरी लागू किए जाने पर केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालयदीपावली के समय ही सहमति बना चुका था. लेकिन चार राज्यों में घोषित विधानसभा चुनाव के कारण इसकी औपचारिक घोषणा का ऐलान रोक दिया गया था. चुनाव आचारसंहित खत्म होते ही सोमवार दोपहर बाद केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालयन नेघरेलू एलपीजी सप्लाई से जुड़े डीलरों के कमीशन में बढ़ोत्तरी का ऐलान कर आमउपभोक्ताओं को झटका दिया है. क्योंकि तेल कंपनियां पहले ही कमीशन की बढ़ी हुई दरों को वहन न करने की बातकह चुकी थी. इसके चलते ही प्रति सब्सिडी सिलेंडर बढ़े हुए 3.46 रुपया व 14.2 किग्रा नॉन सब्सिडी श्रेणी के सिलेंडर पर 4.21 रुपया का कमीशन वर्तमानकीमतों में शामिल कर उपभोक्ताओं से ही वसूला जाएगा.

उल्लेखनीय है कि घरेलू एलपीजी वितरण सेजुड़े डिस्ट्रीब्यूटर बीते लंबे समय से वर्तमान में निर्धारित घरेलू वव्यवसायिक सिलेंडरों पर तय कमीशन दर को नाकाफी बताते हुए इस बढ़ाने की मांगकर रही थी. फेडरेशन पदाधिकारियों का कहना था कि वर्तमान में घरेलू सिलेंडरों पर प्रतिसिलेंडर 37 रुपया और व्यवसायिक पर 45 रुपया तक ही कमीशन मिलता है. लगातारबढ़ रही महंगाई व अन्तर्राष्ट्रीय बाजार के आधार पर तय होनेवाले घरेलूएलपीजी सिलेंडर की वर्तमान कमीशन दर से एजेंसी संचालन का खर्च तक निकालनामुश्किल हो रहा है. डीलरों ने वर्तमान कमीशन दर को एकमुश्त 60 रुपया तकबढ़ाने की मांग केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय से की थी.

हालांकि इसे नकारते हुए फिलहाल मंत्रालय ने घरेलू एलपीजी के सब्सिडी व नॉनसब्सिडी 14.2 किग्रा की वर्तमान कमीशन दर को प्रति सिलेंडर 3.46 और 4.21 रुपया एवं पांच किग्रा के छोटे सब्सिडी सिलेंडर पर 1.73 और नॉन सब्सिडी पर 2.10 रुपया की बढ़ोत्तरी को ही लागू किया है. फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष डी.पी.सिंह ने डीलर कमीशन की वर्तमान दरों मेंतत्काल प्रभाव से बढ़ोत्तरी की जानकारी देते हुए बताया कि इसका भारसिलेंडरों की वर्तमान कीमतों पर भी पड़ेगा. तेल कंपनियां कमीशन की बढ़ी हुईदर के बाद निर्धारित होने वाली घरेलू एलपीजी सिलेंडरों की नई दर कानिर्धारण मंगलवार सुबह तक घोषित करेगी.

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हेल्थ टिप्स – अगर सांस लेने में तकलीफ हो, तो हो जाईए सचेत, हो सकता है अस्थमा का संकेत

यदि आपके बच्चों को बार-बार सांस लेने में तकलीफ होती है, विशेष कर तब जब उसेजुकाम हुआ हो या रात के समय उसे बार-बार खांसी आती हो तो सचेत हो जाईए क्योंकि यह संकेत अस्थमा के हैं और उसे अस्थमा होसकता है. इस स्थिति में रोग की जांच करवा कर उचित उपचार करवाया जाना चाहिए. वर्ना मुसीबत बढ़ भी सकती है.

गौरतलब है कि अस्थमा एक एलर्जिक स्थिति है. कुछ कारक फेफड़ों में मौजूद छोटी  'वायुनलियों'(एयर पाइप्स) में सूजन पैदा कर देते हैं जिससे सांस लेनी औरमुश्किल हो जाती है. ऐसे में रोगी को सांस लेने में तकलीफ होती है, वहखांसता है और स्थिति गंभीर होने पर सांस लेने के लिए उसे संघर्ष करना पड़ताहै. बच्चों में आमतौर पर अस्थमा का कारक जुकाम होता है. स्कूल जाने वाले बच्चों में कसरत तथा एलर्जन्स(जैसे बिल्ली, कुत्ते, घर कीधूल-मिट्टी तथा कुछ निश्चित प्रकार के खाद्य) इस समस्या का कारण हो सकतेहैं.

आपको बता दें कि अस्थमा आज बहुत आम हो गया है. कई मामलों में तो यह उन परिवारों में भीहो जाता है जिनमें एलर्जी का पहले से ही कोई रोगी न हो. कई बार बच्चों कोरात में रुक-रुक कर खांसी होती हो और अस्थमा की जांच में देरी हो जाए तोपरिणाम बहुत घातक होते हैं. अस्थमा लगातार परिवर्तित होने वाली अवस्था है. अधिकांश बच्चों में हल्कीव्याधियां होती हैं जिनका सामान्यतरोजाना सांस के माध्यम से ली जाने वालीदवाओं से इलाज किया जाता है. कई तो इससे बच जाते हैं पर कुछ बच्चों में यहजिंदगी के लिए एक बड़ा खतरा हो सकता है. इसलिए अपने बच्चों के उचित उपचारहेतु जितनी जल्दी संभव हो सके डाक्टर से जांच करवाएं. बच्चों में अस्थमा केदौरे के कारकों को रोकने के लिए आपको सावधान रहना सीखना चाहिए.

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लाईफ स्टाइल – दुल्हन सजे तो क्याखूब लगे

किसी भी व्यक्ति के जीवन में शादी सबसे महत्वपूर्ण होती है. यदिकिसी लड़की को संस्कृति, परंपरा और संस्कारों की जीती-जागती तस्वीर के रूपमें देखना हो तो वे पल उसकी शादी के होते हैं. यही वो लम्हें होते हैं, जो उसका रूपनिखारते हैं. लेकिन वक्त के साथ-साथ दुल्हनों के तैयार होने के अंदाज में बहुत फर्क आया है. अब वह केवल पारंपरिक अंदाज में ही नहीं तैयार होती बल्कि आज की दुल्हन वेस्टर्न और इंडियन लुक के बैलेंस में स्वयं कोसंवारना चाहती है. पारंपरिक साड़ी और लहंगे को हर बार नए अंदाज मेंप्रस्तुत कर उसकी इस ख्वाहिश को पूरा करते हैं डिजाइनर्स. यही कारण है किआऊटफिट तैयार करते हुए दुल्हन के कांप्लैक्शन और फिगर का खास ख्याल रखाजाता है.

दुल्हन को संवारते समय उसके कांप्लेक्शन का ध्यान रखना जरूरी:

यदि दुल्हन का रंग गोरा है तो कोई भी रंग बेधड़क पहना जा सकता है. इस मौकेपर आप पिंक, फिरोजी, ग्रीन, रैड, सिल्वर या गोल्डन किसी भी कलर को पसंद करसकती हैं. यदि कॉम्प्लेक्शनगेहुएं रंग का है तो आप पर रूबी, रैड, ऑरेंज, नेवी ब्ल्यू, फिरोजी और ब्ल्यू कलर ज्यादा अच्छे लगेंगे. गोल्ड बेस वर्क केसाथ मैरून, मैट गोल्ड वर्क के साथ एमेराल्ड ग्रीन या कॉपर के शेड्स अच्छेलगते हैं. सांवली रंगत वालों को ब्राइट कलर में यैलो,ऑरेंज,रेड एवं ब्ल्यूकलर्स में अपना आऊटफिट तैयार करवाना चाहिए.

शरीर के साइज का भी दे ध्यान: 
सिर्फ कम्प्लेक्शन के हिसाब से ही नहीं बल्कि बॉडी शेप के अनुसार से भी लहंगेऔर साड़ी का चुनाव किया जाना बहुत जरूरी है, तभी तो इस दिन आप सबसे अलग नजर आपाएंगी. परफैक्ट शेपवाली लड़कियों पर हर तरह के स्टाइल का लहंगा जंचता है, इसलिएजो भी फैशन में हो आप बिना टेंशन के पहन सकती हैं. लहंगे के साथ स्ट्रेपी, वन शोल्डर, ऑफ -शोल्डर, डीप बैक में से जिस तरह की भी चोली आपको पसंद हो, वैसी ही बनवाएं. आप एंब्रायडरी फैशन के अनुरूप चुन सकती हैं अर्थात अपना आऊटफिटचुनने में आपको किसी प्रकार की टेंशन नहीं और अपने पसंद के अनुसार भी बहुत कुछ चुन सकती हैं  जो मार्केट में उपलब्ध है.

पतली और लंबी लड़कियों पर कोई भी फैब्रिक अच्छा लगता है. लहंगे के साथ डीपनेक वाली छोटी चोली पहनें तथा दुपट्टा लंबा रखें. आप लंबे स्लीव और हाई नेकलाइन को मत पसंद करें. चौड़ी बॉडी वाली लड़कियों को क्रेप या जॉर्जेट अच्छालुक देगा. स्लिम लुक के लिए डॉर्क शेड में डीप नेक वाली चोली लें. लहंगे काबार्डर पतला और एम्ब्रायडरी वर्टिकल डिजाइन में रखें, आप एलिगेंट नजरआएंगी.

इन बातों का भी रखें ध्यान:

-    नएट्रेंड में फिटेड और खूबसूरत कट के लहंगों का फैशन है. फिश कट लहंगा औरफिटेड चोली के साथ ए-लाइन घाघरा भी खूब पसंद किए जा रहे हैं.

-    दुल्हनके लिए बनारसी एवं सिल्क की गोल्डन और सिल्वर वर्क के साथ साडिय़ां हीपहली पसंद में शामिल रहती हैं. हालांकि हैवी वर्क के साथ शिफॉन, क्रेप औरजॉर्जैट की साडिय़ों का चलन भी बढ़ा है.

-    साड़ी एवं लहंगा दोनों में  मिरर, गोटा एवं पर्ल वर्क इन फैशन है. एंटीकगोल्ड, क्रिस्टल वर्क ज्यादा पसंद किए जा रहे हैं. कुंदन वर्क एवं सितारावर्क के साथ थ्रैड वर्क, क्लासिक वर्क तथा कटैंपरेरी वर्क का खूबसूरतकॉम्बीनेशन भी बेहद पसंद किया जाता है.

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लोकतंत्र से धोखा कर रही है सरकार – अण्णा हजारे

रालेगणसिद्धि : जनलोकपाल बिल पारित करने की मांग को लेकर पिछले तीन दिनों से अनशन कर रहेअण्णा हजारे ने इस मुद्दे पर सरकार के रूख को ‘लोकतंत्र के साथ धोखा’ करार दिया. अण्णा ने गत गुरुवार को इस बात से संबंधित एक चिट्ठी पीएमओ को लिखी. गौरतलब है कि पीएमओ में राज्यमंत्री वी.नारायणसामी को संबोधित पत्र में हजारे ने कहा कि, ‘बिल पर सरकार का रूख काफी गैर-जिम्मेदाराना है और यह लोकतंत्र के साथ धोखा है.' अण्णा ने घोषणा की,’बिल पारित होने तक मैं अपना अनशन नहीं तोड़ूंगा. मैं देश के लिए कुर्बानी देने को तैयार हूं.'

आपको बता दें कि अण्णा का पत्र उसदिन आया है जब संसदीय मामलों के मंत्री कमलनाथ ने कहा कि सरकार राज्यसभामें शुक्रवार को लोकपाल बिल को पेश करेगी क्योंकि यह सरकार की प्राथमिकताहै. नाथ ने दिल्ली में रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहाकि, 'हमारी प्राथमिकता लोकपाल बिल है. लोकपाल बिल को राज्यसभा में लाया जाना है और फिर यह लोकसभामें आएगा.' उन्होंने इन खबरों से इनकार किया कि सरकार शुक्रवार तक संसद कोअनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के बारे में सोच रही है.

हजारे ने पत्र में लिखा है कि, 'संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हुआ है और बिल अजेंडे में नहीं है. इसका साफमतलब है कि सरकार मुझसे और देश के लोगों से छल कर रही है.’उन्होंने कहा कि, 'आपके छल के कारण ही लोगों ने चार राज्यों के विधानसभाचुनावों में आपको सबक सिखाया.’ इसके अलावा उन्होंने चेतावनी दी कि अगर वर्तमान सत्रमें बिल नहीं लाया गया तो लोग लोकसभा चुनावों में भी कांग्रेस और यूपीएसरकार को सबक सिखाएंगे. नारायणसामी द्वारा सामाजिक कार्यकर्ता से अनशन खत्म करने की अपील के तुरंत बाद हजारे का पत्र आया है.

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भारतीय महिलाओं ने जीता कबड्डी विश्व कप

जालंधर : अनु रानी, प्रियंका और खुशबू के शानदार खेल की बदौलत भारतीय टीम ने खेले गए कबड्डी विश्वकप फाइनल में न्यूजीलैंड को 49-21से हराकर महिला वर्ग का खिताब जीत लिया. मैच की शुरुआत सेही भारतीय लड़कियों ने बेहतरीन खेल दिखाया और न्यूजीलैंड की टीम पर हावी रहीं. हालांकि कई मौकों पर न्यूजीलैंडने बेहतरीन प्रदर्शन किया और अंक बटोरे लेकिन भारत के सामने यह काफी नहीं था. भारत की अनु रानी, प्रियंका और खुशबू और कप्तान सुखविंदर ने शानदार प्रदर्शन किया.

आपको बता दें कि इनके बेहतरीन खेल के सामने टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन करनेवाली न्यूजीलैंड की टीम कहीं नहीं टिक सकी और उसे दूसरे स्थान से ही संतोष करनापड़ा. ठंड के बावजूद जालंधर के गुरू गोबिंद सिंह स्टेडियम में खेले गए फाइनल मैच में भारतीय लड़कियों ने विपक्षी टीम को एक तरफा मुकाबले में पराजित कर दिया. भारतीय महिला टीम को एक करोड़ रुपये की ईनामी राशि और न्यूजीलैंड की टीम को 51 लाख रुपए की राशि पुरस्कार के रूप में दी गई.

उल्लेखनीय है कि अनुरानी को बेस्ट स्टापर और राम बटेरी को बेस्ट रेडर घोषित किया गया. दोनों को मारूती आल्टो कार मिली है. इससे पहले टूर्नामेंट में डेनमार्क को तीसरा और पकिस्तान को चौथा स्थान मिला.

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जानिए हस्ताक्षर ज्योतिष – भाग 1

स्याही के रंग से जानें अपना भविष्य

आप इस बात की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं कि आप अपने दैनिक जीवन में लिखने-पढ़ने में जिस रंग की स्याही का प्रयोग अधिक करते हैंउसमें आप के जीवन का वो पहलू छिपा हुआ है जिससे आप अनभिज्ञ हैं.

हर मनुष्य की अपनी एक अलग पसंद होती है वो अपनी पसंद की स्याही का अधिकउपयोग करना चाहेगा…..यह एक सोचने की बात है कि ऐसी कोन सी धारणा होती है कि अमुक रंग की स्याही का ही प्रयोग अधिक व्यक्ति करता है. इसी विषय के रहस्यों को खोलते हुए हम आपको इस खण्ड में कुछ ऐसी जानकारी देने जा रहे हैं जिससे आपके लिखने की स्याही का रंग आपके स्वभाव, भविष्यकीजानकारी मिलती है कि आपको किस दिशा में अपना करियर, व्यवसाय करना चाहिए जिससे आपको अधिक से अधिक सफलता मिले. इसे 5 खण्डों में बांटा गया है जो निम्न प्रकार से हैं. अब आप भी अपनी पसंद की स्याही से अपने बारे में उन रहस्यों को जान पाएंगे जिससे आप अनभिज्ञ हैं

१)     लाल स्याही का उपयोग

२)     हरी स्याही का उपयोग

३)     काली स्याही का उपयोग

४)     नीली स्याही का उपयोग

५)     अन्य तरह की किसी विशेष स्याही का उपयोग नहीं करते

लाल स्याही का उपयोग

जो व्यक्ति लाल रंग की स्याही का अधिक उपयोग करते हैं ऐसे व्यक्ति कुछ रसिक स्वभाव क कलाकार, धार्मिक शासन करने की विशेष लालसा रखनेवाले होते हैं. समाज में प्रसिद्ध, अलगहटकरनाम औरपहचान बनानेवाले, दूसरों पर अपने रोबदाब सेकिस प्रकार से काम निकालना है, अच्छी तरह से जानते हैं. समाज और परिवार से अलग हटकर काम करनेवाले अपने बल से अपने कुल(परिवार) का नाम रोशन करनेवाले होते हैं.

ऐसे व्यक्ति को नौकरी, व्यवसाय में कोई उतार-चढ़ाव का सामना जरूर करना पड़ता है. नौकरी छूटे या झूठे विवाद, दोषारोपण या मुकदमा भी चलता है. ये व्यक्ति अपने बल से धीरे-धीरे आगे जाते हैं, समाज में स्वंय के लिए उत्तम स्थान बना लेते हैं. इनके व्यक्तित्व में कुछ ऐसा आकर्षण होता हैकिविपरीत लिंग के लोग इनसे आकर्षित होते रहते हैं. पैतृक धन और कामों की तरफ कम मोह रखते हैं. स्वंय के द्वारा अर्जित धन का भोग करते हैं. दूसरों को दिया गया धन वापस नहीं आता या गारंटी लेते हैं तो फंस जाता है. वाणी के स्पष्ट और दबंग लोग होते हैं. अपने घर-परिवार, बहन-भाईसे इनका जीवन अच्छा जाताहै. अच्छा मकान और अच्छी गाड़ी का सुख प्राप्त करते हैंतथा इनमें जन्मजात नेतृत्व की क्षमता होती है.शासन में दखल रखते हैं. शिक्षा और संत नमें बाधाएं, देरी स लाभ होता है. बुढ़ापे में सहयोग या दूसरे लोग सहयोग करते हैं. खाने, कपड़ों के प्रति विशेष शौक रखते हैं. समाज में कैसे उठना बैठना है अच्छी तरह जानते हैं. भावना में आकर ऐसे व्यक्तियों को कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए. हड्डी, पेट ऑपरेशन, तेज वाहन चालन, दुर्घटना व ह्रदय संबंधी रोग बाधा आतीहै. ऐसे लोगों को पत्नी की ओर से कम सुख प्राप्त होता है. विचारो में तनाव,बीमार रहे या दोस्ती या एक शादी टूट सकती है(अपवाद नहीं).मुकदमें और साझे के कामों में इनको धोखा होता है. यात्राओं का लाभ जीवन में विशेष होता है. देश-विदेश का योग अच्छा होता है. 26 से 28 की आयु में जीवन में कुछ नया तथा भाग्य का उदय होता है. व्यक्ति कुछ विद्रोही तथा तार्किक स्वभाव का होता है. इनका 33 वर्ष के बाद पूर्ण भाग्योदय होता है. जीवन में आकस्मात धन प्राप्त करते हैं,अपनेजीवन में पैसा खूब कमाते हैंतथा वैसे ही खर्च करते हैं. आयु के 36 से 56 का समय अच्छा समय देखा गया है. 42 वर्ष की अवस्था में शारीरिक बाधा का सामना करना पड़ता है. ऐसे लोगों को नशा, लड़कियों व तेज गाड़ियों तथा उधारी से बचना चाहिए. 57 से 60 के आस-पास शारीरक बाधा आती है.

बचपनकुछसंघर्ष वाला होता है. जवानी काफी अच्छी, बुढ़ापा काफी आराम का होता है. अपनी जिम्मेदारी पूरी करनेके बादऐसे व्यक्ति की मृत्यु होती है. अपनी जन्मभूमि से जितना अधिक दूर जाता है, स्वंय का काम सलाह देने का, देश-विदेश, अस्त्र-शस्त्र और नेतृत्व की क्षमता में जाए तो ज्यादा अच्छा होगा. सामान्यत: इनका जीवन आराम का पाया जाता है. क्रमश:

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मोदी के प्रधानमंत्री बनने पर अमेरिका को ऐतराज नहीं

वॉशिंगटन : एक समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार में राज्य अमरीका की पूर्वविदेश मंत्री कों डोलीजा राइस ने भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) और उसके प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी का पक्ष लेते हुए कहा कि 2002में गुजरात दंगा अब कोई मुद्दा नहीं रह गया है और अगर मोदी प्रधानमंत्रीबनते हैं तो अमरीका को ऐतराज नहीं होगा.

आपको बता दें किइसके साथ ही राइस ने कहा कि मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद अमरीका को उनके साथ काम करने में कोई दिक्कत या हर्ज नहीं होगा. न्यूज चैनल द्वारा राइस सेमोदी के बारे में उनकी राय पूछने पर उन्होंने बड़ा चौंकाने वाला बयान देते हुए कहा कि, 'हमें पुरानी बातों को पीछे छोड़ दिया है और भविष्य के लिए नींव तैयार करना चाहिए.'

गौरतलब  है कि इससे पहले अमेरिका ने कहा था कि भाजपा के नरेंद्र मोदी को लेकर वीजा नीति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा. दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की सहायक विदेश मंत्री निशा देसाई बिस्वाल ने संवाददाताओं से कहा थाकि मैं यह कहना चाहती हूं कि वीजा नीति के संदर्भ में अमेरिका के नियमोंमें कोई कोई बदलाव नहीं हुआ है. सभी लोगों को आवेदन करना होगा और उन्हें समीक्षा प्रक्रिया से गुजरना होगा.

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दिल्ली के बाद अब आम आदमी पार्टी मुंबई में मचाएगी हड़कंप

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : दिल्ली विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन से उत्साहित आम आदमी पार्टी(आप) नेआने वाले लोकसभा चुनावों और मुंबई एवं बाकी महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है.

गौरतलब है कि आप के पदाधिकारी मयंक गांधी ने कहा कि, 'हमारा नारा है 'आप का संदेश, आज दिल्ली, कल पूरा देश.'उन्होने यह भी कहा किहम मुंबई की 36 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवार खड़े करेंगे. हमने अभी यह तय नहीं किया है कि हम मुंबई की कितनी लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेंगे.

आपको बता दें कि गांधी के अनुसार दिल्ली के चुनावी नतीजों ने आप सदस्यों का मनोबल बढ़ा दिया है. आप की योजना मुंबई में खुली जगहों और झुग्गी बस्ती के पुनर्वास योजनाओं जैसे मुद्दे उठाना है. पार्टी साथ ही आवास, बिजली और जल आपूर्ति के मुद्दों पर भी ध्यान देगी.

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Delievered to you by Feedamail.
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