Friday, November 1, 2013

FeedaMail: Pits News Paper

feedamail.com Pits News Paper

जद(यू) नेता शिवानंद तिवारी ने बांधे मोदी के तारीफों के पुल

राजगीर : जद(यू) के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने पार्टी के एक सम्मेलन में गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की बार-बार तारीफ कर आफत मोल ले ली.

गौरतलब है कि राज्यसभा में जद(यू) के नेता शिवानंद तिवारी ने नालंदा जिले में पार्टी के दो दिवसीय सम्मेलन में कहा कि, 'एक साधारण से परिवार में जन्म, चाय बेचने की पृष्ठभूमि वाले व्यक्ति के लिए इस मुकाम पर पहुंचना बड़ी उपलब्धि है. उस व्यक्ति के खिलाफ लडऩे के लिए उसके बारे में जानना महत्वपूर्ण है. वह एक दिग्गज हैं और उनसे डरने का कारण है.' इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि देश के सामने एक चुनौती है जिससे मजबूती के साथ मुकाबला करने की जरूरत है.

जदयू नेता के अनुसार पहले आरएसएस अटल बिहारी वाजपेयी का उसी तरह समर्थन करताथा जैसे नरेंद्र मोदी का कर रहा है. हालांकि वाजपेयी ने प्रधानमंत्री बननेके बाद संघ से दूरी बना ली जबकि यह सज्जन मौका मिलने के बहुत पहले से ही संघ के इशारे पर काम कर रहे हैं. वहीं तिवारी द्वारा बार बार मोदी का जिक्र करने से पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं ने उठ कर विरोध जताया, जिससे तिवारी नाराज हो गए. उन्होंने जदयू अध्यक्ष शरद यादव और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर मुड़ कर कहा मेरे खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं को क्यों प्रोत्साहित किया जा रहा है?

मुख्यमंत्री की ओर कटाक्ष करते हुए उन्होंने सवाल किया कि पार्टी मेंउन्हें अपमानित क्यों किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को शीर्षपद प्रधानमंत्री पद पर आने के लिए बड़े दिल की जरूरत है और चापलूसी करनेवालों को संरक्षण देने के बजाय उनके पास सक्षम लोगों की एक टीम होनी चाहिए. तिवारी ने आगे कहा कि, 'मैं राज्यसभा में जद(यू) का नेता हूं लेकिन किसी और व्यक्तिको मुझे सूचित किए बिना पार्टी की ओर से संसदीय समिति का सदस्य बना दिया गया. मेरी बढ़ती लोक प्रियता से आपको डर क्यों है?'

इतना ही नहीं नीतीश कुमार को 'तुम' कह कर संबोधित करते हुए तिवारी ने कहा कि वह दोनों पुराने मित्र हैं. उन्होंने कहा कि, 'तुम्हारा कद उठेगा तो अच्छा लगेगा.' उन्होंने नीतीश कुमार से कहा कि, 'मैंने हमेशा ही खरी बात की है और 70 साल की इस उम्र में पुरानी आदतें जाना मुश्किल होगा. आप यह अच्छी तरह जानते हैं.'

उल्लेखनीय है कि अपना भाषण पूरा करने के बाद तिवारी ने कुमार और शरद यादव की ओर देखा तक नहीं और मंच पर अपनी सीट की ओर चले गए. बाद में मुख्यमंत्री उनके पास गए और हाथ मिलाया. गौरतलब है कि तिवारी राजद छोड़ कर जद(यू) में आए थे और नीतीश कुमारने उन्हें राज्यसभा सदस्य बनाया था.

Read More »

सरकार पूरी करे यह शर्त तब निकलेगा स्वर्ण

जब तक सोनेका रिजर्व बैंक में पहुंचेने का इंतजाम नहीं, तब तक नहीं निकलेगा 'स्वर्ण'- शोभन सरकार

उन्नाव : उत्तर प्रदेश के उन्नाव स्थित डौडिय़ाखेड़ा में राजा राव राम बख्श सिंह के किले में खजाना होने का दावा करने वाले साधु शोभन सरकार के शिष्य स्वामी ओम ने कहा कि जब तक सोने को भारतीय रिजर्व बैंक में पहुंचाने की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक खुदाई में सोना नहीं निकलेगा. स्वामी ओम ने संवाददाताओं से कहा कि राज्य और केन्द्र सरकारें खुदाई में निकलने वाले सोने पर कब्जे की फिराक में हैं. वह सोना देश की डांवाडोल आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिये  है लेकिन बार-बार निवेदन के बावजूद सरकार ने भारतीय निधि अधिनियम के तहत कार्रवाई पूरी नहीं की है.

उन्होंने यह भी कहा कि जब तक सोने को भारतीय रिजर्व बैंक में पहुंचाने की कार्रवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक खुदाई में सोना नहीं निकलेगा. ओम ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने उन्नाव के जिलाधिकारी विजय किरन आनंद को खुदाई पर पैनी नजर रखने के लिये बाध्य कर रखा है ताकि जो भी खजाना मिले उसे अपने कब्जे में ले लिया जाए. इस बीच, उपजिलाधिकारी विजय शंकर दुबे ने बताया किराजा राव राम बख्श सिंह के किले में आज 10 सेंटीमीटर खुदाई की गई. अब तक कुल चार मीटर 90 सेंटीमीटर यानी करीब 16 फुट खुदाई हो चुकी है. हालांकि अभीतक खजाने का कोई सुराग नहीं मिला है.

Read More »

काय राव, शरादचंद्रजी पवारसाहेब ऊस गोड लागला म्हणून मुळासहित खाउ नका – विनुचौगले

काय राव, शरादचंद्रजी पवारसाहेब ऊस गोड लागला म्हणून मुळासहित खाउ नका – विनुचौगले (किसान और कम्प्यूटर इंजीनियर, कोल्हापुर)

दोन दिवसापासून दिवाळी च्या गडबडीत असल्यामुळे सरकार कडे लक्ष्य देण्यास जरा वेळ झाला.
दोन दिवसापूर्वी शरादचंद्रजी पवार साहेबानची बातमी वाचली, खूप वाईट वाटले. ज्या शरद पवारानि स्वत: ला कधीच मराठा म्हणून घेतले नाही, मराठ्यासाठी कधी लढले नाहीत, “मराठा आरक्षणा” च्यावेळी ही आली मिली गुप चिली ची भूमिका घेतली त्या शरदपवारानि उस आंदोलकाना मराठा कार्ड वापरुन आंदोलनापासून दूर जाण्याचे केवीलवाने आव्हान केले, याचे मला आश्चर्य वाटले नाही, कारण याचा मी विचार केल्यावर मला असे दिसून आले की, जेव्हा मनुष्य अडचणीत येतो, त्याच्या पोटा पाण्याचा प्रश्न येतो तेव्हा माणसाला आपली जात आठवते, मग शरद पवार तर त्याला कसे अपवाद असतील. महाराष्ट्रातील ९०% साखर कारखाने हे मराठा समाजातील एकूण लोकसंख्येच्या प्रस्थापित असणार्‍या फक्त १०% मराठा नेत्याचे आहेत, तर उस शेती असणारे ७०% शेतकरी हे मराठा आहेत, अन् ह्या ७०% शेतकर्‍याना जैन असणारे राजू शेट्टी, माळी असणारे सदाभाउ खोत, धनगर असणारे रघुनाथ पाटील आपले नेते वाटत आहेत म्हणून तर शरद पवाराना यावेळी जातीचा आधार घेणे भाग पडले, परंतु जातीचे नाव घेऊन ह्या मागे त्याना प्रस्थापित असणार्‍या १०% मराठा नेत्यांची रोजी-रोटी संभाळायची आहे. त्याना सामान्य असणार्‍या ७०% मराठा शेतकरी जनतेशी काही ही देणे घेणे नाही असेच ह्यावरून दिसून येते… असो…

दुसरा मुद्दा आहे मराठा गृहमंत्री असणार्‍या आर. आर. पाटील ह्यांचा,.. आर. आर ह्यानी मुंबईत हिंसाचार करणार्‍या ५०-६०,००० च्या लोकसंख्येने व सशश्त्र असणार्‍या मुस्लिम समाजाच्या जमावावर ह्याना गोळीबार करावसा वाटला नाही, परंतु, मावळ-सांगली-सातारा-सोलापूर येथील निसश्त्र असणार्‍या मराठा समाजाच्या शेतकर्‍यावर मात्र ह्याना गोळीबार करावा वाटला.. कारण का तर ह्या सर्वानि मराठा समाजाला गृहीत धरले आहे… म्हणूंच तर ह्यांची इतकी मोगलाई चालली आहे…
ह्याला काय म्हणावे, शरद पवार साहेब आणि आर. आर. पाटील, फक्त आणि फक्त अजब तुझे सरकार…… अजब तुझे सरकार…

शरद पवार, पृथ्वीराज चव्हान आणि आर. आर. पाटील ह्या मराठा नेत्या पेक्ष्या माळी असणारे छगन भुजबळ, दलित असणारे रामदास आठवले शंभर पटीने चांगले आहेत, की जे भर जाहीरसभेत, विधानसभेत आणि शक्य त्या सर्व ठिकाणी जाहीररित्या कुणाची ही पर्वा न करता आपल्या समाजाची निदान बाजू तरी मांडतात…असो शेवटी खूप काही आहे लिहाण्यासारखे, परंतु जास्त काही लिहीत नाही…

Read More »

मोदी हमारे बड़े भाई, सिर्फ साइज का फर्क है – मोहम्मद आजम खान

आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री और सपा नेता मोहम्मद आजम खान ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से उनकी इन टिप्पणियों पर स्पष्टीकरण देनेके लिए कहा कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने मुजफ्फरनगर के दंगापीड़ित युवकों से संपर्क किया. आजम ने एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि, 'राहुल गांधी ने कहा था कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई मुजफ्फरनगर के दंगा पीड़ित युवकों के संपर्क में है, राहुल इस पर स्पष्टीकरण दें.'

इतना ही नही आजम ने राहुल गांधी पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि, 'राहुल न तो मंत्री हैं और न ही अधिकारी हैं, फिर उन्हें खुफिया विभाग की सूचनाओं का पता कैसे चला? खुफिया अधिकारीको इसके लिए जेल की सजा होनी चाहिए और अगर उसने राहुल को कुछ नहीं बताया तो हमारी मांग है कि राहुल को करोड़ों भारतीयों, खास कर मुस्लिमों सेयह झूठा बयान देने के लिए माफी मांगनी चाहिए.'

आपको बता दें कि आजम खान ने गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की भी एक साक्षात्कार में की गई ''कुत्ते के बच्चे'' वाली टिप्पणी को लेकर आलोचनाकी. आजम ने कहा कि, 'हम कुत्ते के बच्चे हैं लेकिन मुझे बुरा नहीं लगता क्योंकि यह कहने वाला व्यक्ति हमारा बड़ा भाई है. अंतर केवल आकार का है.' उल्लेखनीय है कि जून में मोदी ने एक साक्षात्कार में कथित तौर पर कहा था कि अगर वह कारकी पिछली सीट पर बैठे हों और कुत्ते का बच्चा भी कार के पहिए के नीचे आ जाए तो उन्हें दुख होगा. यह बात मोदी ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान कार्रवाई न करने और कथित संलिप्तता के आरोपों को लेकर अपने बचाव में कही थी.  आजम खान के अनुसार एक हत्यारे के साथ समझौता किया जा सकता है लेकिन मानवता के हत्यारे के साथ नहीं.

Read More »

अब पुलिसवाले भी नहीं लिख सकेंगे 'पुलिस'

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : पुलिसवालों को निर्देशदिया गया है कि वह अपने प्राइवेट वाहनों पर पुलिस शब्द न लिखें. इस आदेश के पीछे यह वजह बताई गई है कि आतंकवादी इसका कभी बेवजह फायदा उठा सकते हैं. पुलिसवालों के लिए पुलिस शब्द लिखने का यह बैन पुलिस के साप्ताहिक नोटिस में लिखा गया है. गौरतलब है कि इस नोटिस में वही आदेश व बातें लिखी होती हैं, जिसे पुलिस कमिश्नर ओके करते हैं.

मुंबई पर आतंकवादी खतरा हमेशा से रहा है लेकिन पुलिसवालों के प्राइवेट वाहनों पर पुलिस शब्द लिखने का यह बैन हाल के वर्षों में पहली बार लागू हुआ है. 26/11 केस के जांच अधिकारी रमेश महाले पुलिस कमिश्नर के इस आदेश से बेहद खुश हैं. महाले के अनुसारपुलिस शब्द सिर्फ उन्हीं वाहनों पर लिखा होना चाहिए जिन्हें सरकार पुलिसवालों को दे. बहुत से पुलिस वाले अपने प्राइवेट वाहनों पर सिर्फ इस वजह से पुलिस शब्द लिखवा लेते हैं क्योंकि इसके पीछे उनके अपने स्वार्थ होते हैं. कई बार बांद्रा सी लिंक या एक्सप्रेस हाईवे पर टोल टैक्सन देने के लिए पुलिसवाले अपने प्राइवेट वाहन पर पुलिस शब्द लिख देते हैं.

महाले का कहना है कि बॉम्बे पुलिस एक्ट, जो अब महाराष्ट्र पुलिस ऐक्ट बन गया है उसमें पुलिस शब्द लिखने वाले पर कार्रवाई के कुछ नियम दिए गए हैं. ट्रैफिक पुलिस के नियमों में भी इसका विस्तार से जिक्र है. इस संबंध में एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि नाकाबंदी के दौरान चूंकि पुलिस शब्द लिखी हुई गाड़ियों की चेकिंग अक्सर नहीं की जाती इस लिए आतंकवादी कभी भी हमें धोखा दे सकते हैं इस लिए प्राइवेट गाड़ियों पर पुलिस शब्द लिखनेवालों पर वाकई सख्त कार्रवाई की जरूरत है.

Read More »

'ग्रैंड मस्ती' की सफलता के बाद अब बनेगा मस्ती का तीसरा संस्करण

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड के जाने-माने फिल्मकार इंद्र कुमार की फिल्म 'ग्रेंड मस्ती' ने बॉक्स ऑफिस पर बहुत अच्छी कमाई की, जिसे देखते हुए फिल्म 'मस्ती' का तीसरा संस्करण भी अब बनाया जाएगा.

गौरतलब है कि वर्ष 2004 में इंद्र कुमार ने कॉमेडी फिल्म 'मस्ती' बनाई थी और अभी हालही में प्रदर्शित फिल्म 'ग्रैंड मस्ती' इसकी सीक्वल है. 'ग्रैंड मस्ती' की ब्लॉकबस्टर सफलता के बाद ही यह फैसला किया गया है. सूत्रों के अनुसार 'ग्रैंड मस्ती' के लेखक मिलाप जवेरी 'मस्ती' का तीसरा संस्करण की स्क्रिप्ट लिखने में व्यस्त हो गए हैं. 'मस्ती' की सीक्वल जहां 9 वर्ष में बनी थी वहीं इस फिल्म को अगले 9 महीने में ही बनाकर प्रदर्शित करने की योजना है.

आपको बता दें कि 'ग्रैंड मस्ती' अब तक 75 करोड़ से अधिक का कारोबार कर चुकी है जिसको देखते हुए इसके तीसरे संस्करण की भी योजना बनाई जा रही है.

Read More »

दिल्ली पुलिस को मिली इंडियन मुजाहिद्दीन आतंकी यासीन भटकल की हिरासत

नई दिल्ली : स्थानीय अदालत ने 2011 में अवैध हथियार फैक्टरी स्थापित करने के आरोप में दर्ज मामले में इंडियन मुजाहिदीन के सह संस्थापक यासीन भटकल और उसके करीबी सहायक को 15 दिन के लिए दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेज दिया गया है. अदालत ने इस मामले में भटकल और उसके करीबी सहयोगी को गिरफ्तार करने का जांच एजेन्सी के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है.

गौरतलब है कि जिला न्यायाधीश आई.एस.मेहता ने दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ को यासीन भटकल और उनके सहायक असदुल्ला अख्तर को गिरफ्तार करने की अनुमति दे दी, जब एनआईए हैदराबाद ने उन्हें अदालत के समक्ष पेश किया. एनआईए हैदराबाद ने कहाकि आरोपियों से हिरासत में पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है. जिला न्यायाधीश ने विशेष प्रकोष्ठ के जवानों से भटकल और अख्तर को विशेष अदालत के समक्ष उन मामलों में मुकदमा चलाने के लिए पेश करने को कहा जिसकी जांच दिल्ली पुलिस की विशेष प्रकोष्ठ कर रही है ताकि वे उनकी हिरासत मांगसकें.

आपको बता दें कि इसके बाद आरोपियों को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दया प्रकाश के समक्ष पेश किया गया जिन्होंने दोनों आरोपियों को 12 नवंबर तक 15 दिन के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया. दोनों आरोपियों की तरफ से पेश अधिवक्ता एम.एस.खान ने पुलिस हिरासत की याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि आरोपियों से पहले ही एनआईए पूछताछ कर चुकी है और विशेष प्रकोष्ठ के पास नए सिरे से उनकी हिरासत मांगने का कोई अधिकार क्षेत्र नहीं है.

उल्लेखनीय है कि भटकल और अख्तर को इससे पहले 21 और 17 सितंबर को गिरफ्तार किए जाने के बाद एनआईए की हैदराबाद इकाई दिलसुखनगर विस्फोट मामले में पूछताछ के लिए हैदराबाद ले गई थी. उन विस्फोटों में 16 लोगों की जान गई थी. इस साल 21फरवरी को कोणार्क और वेंकटादिरी थिएटरों के निकट रखे गए आईईडी के जरिए विस्फोट को अंजाम दिया गया था.

Read More »

जनरल वी.के. सिंह भी लड़ेंगे लोकसभा चुनाव?

ग्वालियर : पूर्व थल सेना अध्यक्ष जनरल वी.के.सिंह ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव लडऩे के संकेत दिए हैं. सिंह ने संवाददाताओं से बात करने के दौरान लोकसभा चुनाव लडऩे के बारे में पूछे जाने पर ये संकेत दिए. उन्होंने कहा कि यदि लोग चाहेंगे तो वह लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे. एक अन्य प्रश्न के उत्तर में सिंह ने कहा कि, 'यदि ग्वालियर के लोग चाहेंगे तो वह यहां से भी चुनाव लडऩे को तैयार हैं. हालांकि उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं बताया कि वह किस दल की ओर से चुनाव लड़ेंगे.

जब सिंह से यह पूछा गया कि वह अन्ना हजारे के साथ हैं अरविंद केजरीवाल के साथ? तो उन्होंने कहा कि वह केजरीवाल के साथ कभी नहीं रहे बल्कि वह अन्ना हजारे के साथ उस समय आए जब केजरीवाल उन्हें छोड़कर जा चुके थे. 'पूर्व सैनिकों की मांगों का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार को उनकी मांगों को अवश्य मानना चाहिए. सिंह के अनुसार वह इस बात का प्रयास कर रहे हैं कि पूर्व सैनिकों के जितने संगठन हैं, वे एक मंच के नीचे आ जाएं. उल्लेखनीय है कि सिंह ने बताया कि देश में पूर्व सैनिकों के 360  संगठन कार्यरत हैं.

Read More »

जीवन में हमेशा रहेगा आपके पास धन

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : भारतमें लक्ष्मी पूजन की परंपरा प्राचीन काल से होती चली आ रही है. शास्त्रों ने भगवती महालक्ष्मी को धन, ऐश्वर्य-राज्यकृपा व्यापार, व्यवसाय-उद्योग, कीर्ति तेज, कान्ति-राज्य कृपा, व्यापार-व्यवसाय-उद्योग धंधे में उन्नति और नौकरी में प्रगति प्रदान करनेवाली देवी माना है. तंत्र शास्त्र के अंतर्गत कई ऐसे उपाय बताए गए हैं जिन्हें करने से धन की चाह पूरी हो जाती है और जीवन में फिर कभी धन की कमी नहीं होती. ऐसे ही कुछ उपाय नीचे लिखे हैं-

  • अगर किसी जातक को अशुभ ग्रह दशा से व्यापार व्यवसाय में भंयकर आर्थिकहानि या नुकसान हो रहा हो, आप पर अन्य विघ्न बाधाएं उपस्थित हो रही हो तो अशुभ ग्रह का जन हर वर्ष करवाएं उसके बाद ही लक्ष्मी साधना करें, इससे अवश्य सफलता मिलेगी.
  • रोजाना घरमें फर्शको पानी से साफ करें, इस पानी में पूर्वसमुंदरी नमकमिलाएं इससे घरमें फैली नकारात्मक उर्जा समाप्त होती है.
  • ब्रहम मूर्हत में उठ कर घर की लक्ष्मी मुख्य द्वार पर एक लोटा पानी डाले तो मां लक्ष्मी के आने का मार्ग प्रशस्त होता है.
  • घर में सुख शांति के संचार व आर्थिक रूप से सक्षम होने के लिए अमावस्याके दिन घर को अच्छे से साफ करें व बेकार की वस्तुएं कबाड़ीवाले को बेच दें या फिर किसी गरीब को दे दें. सफाई के उपरांत पांच अगरबती घर के देवालय में जलाएं.
  • शुक्रवार के दिन घर में श्रीसूक्त अथवा श्री लक्ष्मी सूक्त का पाठ करने से मां लक्ष्मी उस घर में निवास करती है.

Read More »

दिल्ली – मुंबई मार्ग पर अब चलेगी स्पेशल ट्रेंनें

नई दिल्ली : यात्री कारोबार में नुकसान को कम करनेके लिए रेलवे ऊंचे किराएवाली विशेष ट्रेनें चलाने की योजना बना रहा है. इसके साथ ही यह कदम इस लिए भी उठाया जा रहा है ताकि 'कन्फर्म' टिकटों की बढ़ती मांग को पूरा किया जा सके. इसे रेलव ने 'डायनैमिक प्राइसिंग' का नाम दिया है. इसके तहत कुछ विशेष रेलगड़ियों की एसी-2 तथा एसी-३ श्रेणी में केटरिंग सुविधा के साथ अधिक दर की टिकटें उपलब्ध कराई जाएंगी. रेलवे का इरादा इस तरह की योजना को दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-कोलकाता जैसे व्यस्त मार्गों पर लागू करने का है.

रेलवे सूत्रों के अनुसार विमान किरायों में डायनैमिक किराया योजना पहले से लागू है. रेलवे बोर्ड की बैठक में रेल अधिकारियों ने इसी तरह की योजना पायलट आधार पर दिल्ली-मुंबई मार्ग पर लागू करने का सुझाव दिया है. आपको बता दें कि प्रस्ताव के अनुसार आईसीआरटीसी की टिकट वेबसाइट पर एक अलग पोर्टल के जरिए ऊंचे किराए वाली टिकटें उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके अलावा त्योहारी सीजन का लाभ उठाने के लिए क्रिसमस से पहले राजधानी जैसी सुविधाओं वाली विशेष ट्रेन शुरूकी जाएगी. फिलहाल मुंबई के लिए दो राजधानी ट्रेनें हैं. यदि डायनैमिक किराया प्रस्ताव को मंजूरी म लजाती है तो यह इस मार्ग पर तीसरी राजधानी ट्रेन होगी.

उल्लेखनीय है कि अभी यह सिर्फ एक प्रस्ताव है और आमदनी बढ़ाने के लिए  विभिन्न विकल्पों पर विचार किया जा रहा है. इसके अलावा ऊंची मांगवाले मार्गों पर सीटों की संख्या बढ़ाने की भी योजना है. वहीं माल ढुलाई पर 'डायनैमिक प्राइसिंग' व्यवस्था पहले से लागू है.

बता दें कि अप्रैल-सितंबर की तिमाही में रेलवे की आमदनी 4,000 करोड़ रूपये की गिरावट आई है और उसने अपने गैर मुख्य परिचालन खर्चों में कटौती की है.इस तरह के प्रस्ताव के पीछे वजह पूछे जाने पर रेलवे बोर्ड के सदस्य(यातायात) डी.पी.पांडे का कहना है कि बहुत से लोग सुरक्षित तथा आरामदायक यात्रा के लिए अधिक खर्च करने को तैयार है.'

Read More »

पटना सीरियल ब्लास्ट : तीन संदिग्ध हिरासत में, एक आरोपी की हालत गंभीर

रांची : झारखंड पुलिस ने पटना में हुए विस्फोटों के संबंध में यहां छापेमारी के दौरान तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया है. 27 अक्टूबर को हुए इन विस्फोटों में पांच व्यक्ति मारे गए और 83 घायल हो गए. एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार बिहार पुलिस से मिली सूचना के आधार पर उन्होंने धुर्वा इलाके में छापा मारा और तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया. उन्होंने कहा कि संदिग्धों से पूछताछ की जा रही है.

उन्होंने बताया कि, 'छापेमारी के दौरान एक प्रेशर कुकर, चरम पंथीसाहित्य, विस्फोटक और आईईडी बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली अन्य सामग्री मिली है. अन्य जगहों पर भी छापेमारी की गई है. पटना सीरियल ब्लास्ट में रांची से पकड़े गए 3 संदिग्धों के पास से 7 नंबर मिले हैं. 'ब्लास्ट के एक आरोपी की हालत गंभीर बताई जा रही है.

आपको बता दें कि इससे पहले झारखंडके अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक(कानून व्यवस्था) एस.एन.प्रधान ने कहा था कि विस्फोटों के आरोपियों में से कुछ के झारखंड से होने की रिपोर्ट मिलने के बाद राज्य में चौकसी बढ़ा दी गई है. उल्लेखनीय है कि पटना में कम क्षमता वाले सात सिलसिलेवार धमाके हुए जिनमे पांच लोग मारे गए और 83 घायल हो गए. इनमें से छह बम धमाके नरेन्द्र मोदी की विशाल रैली के आयोजन स्थल गांधी मैदान में और इसके आसपास हुए. यह धमाके मोदी के संबोधन से कुछ ही समय पहले हुए.

Read More »

झुकरबर्गला मिळाला 2.3 अब्ज डॉलर्स पगार

फेसबुकचा मार्क झुकरबर्ग जगातील सर्वाधिक पगार घेणारा सीईओ
झुकरबर्गला मिळाला 2.3 अब्ज डॉलर्स पगार

आपल्याकडे एखाद्या व्यवसायाच्या किंवा कंपनीच्या प्रमुखाला जास्त पगार मिळतो हे माहिती असतं तरी आकड्याविषयी उत्सुकता असते. भारतातील अब्जाधीशांची यादी जेव्हा फोर्ब्स मासिक जाहीर करतं तेव्हाही आपल्याकडे कोमाचा नंबर कितवा ते जाणून घेण्याची उत्सुकता वाढते. आताही असंच एक सर्वेक्षण जाहीर झालंय. जगभरातल्या नावाजलेल्या कंपन्यांच्या मालकांचे किंवा मुख्य कार्यकारी अधिकाऱ्यांचे म्हणजे मालक कोणीही असला तरी प्रत्यक्ष ती कंपनी चालविणाऱ्यांचे पगार किती ते उत्तर देण्याचा प्रयत्न या सर्वेतून करण्यात आला आहे.

जीएमआय रेटिंग नावाच्या या सर्वेक्षण कंपनीने ही यादी तयार केलीय आणि सार्वत्रिकही केलीय. एखाद्याकडे कोट्यवधी किंवा अब्जावधी रूपयांची संपत्ती असते हे तर आपल्याला माहिती आहे. ही संपत्ती त्यांनी आजवरच्या आयुष्यात कमावलेली असू शकते. पण असे अब्जावधी डॉलर्स जर कुणाला वर्षाला पगारीपोटी मिळायला लागले तर तुम्हाला नक्कीच असे कोण नोकरदार आहेत, ते जाणून घ्यायला नक्कीच आवडेल.तर या जगभरातील दहा सर्वाधिक पगार घेणाऱ्या म्हणजे अब्जावधी डॉलर्सचं वार्षिक पॅकेज असलेल्यांच्या यादीत पहिलं नाव पटकावलं आहे, आपण ज्या फेसबुकवर तासनतास पडून असतो… त्याचा कर्ता करविता मार्क झुकरबर्ग… मार्क झुकरबर्गला त्याच्या फेसबुक या कंपनीने 2012 या एका वर्षात तब्बल 2.3 अब्ज डॉलर्स एवढा पगार दिला आहे.जीएमआय रेटिंग या सर्वे कंपनीने जाहीर केलेल्या यादीत मार्क झुकरबर्ग पहिल्या स्थानावर आहे. तो अमेरिकेतील सर्वाधिक पगार घेणारा सीईओ बनला आहे. तर एक अब्ज डॉलर्सपेक्षा जास्त पगार घेणारे या यादीत दोन सीईओ आहेत. त्यापैकी फेसबुकचा झुकरबर्ग एक.

तर दुसऱ्या स्थानावर आहेत किंडर मॉर्गन या उर्जा कंपनीचे सीईओ रिचर्ड किंडर… त्यांचं गेल्या वर्षभरातील पगार आणि कंपनीने दिलेल्या इतर भत्त्यांमधून मिळालेलं उत्पन्न होतं तब्बल 1.1 अब्ज डॉलर्स..रिचर्ड किंडर याची वार्षिक कमाई ही मार्क झुकरबर्गच्या एकूण वार्षिक कमाईपेक्षा निम्म्यापेक्षाही कमी आहे, तरीही ते दुसऱ्या स्थानावर आहेत.त्यानंतर 225 दशलक्ष डॉलर्स एवढा वार्षिक पगार घेणारे सिरीयस एक्सएम रेडिओचे सीईओ आहेत. त्याचं नाव मेल कर्माझिन आहे.

जीएमआय रेटिंग या सर्वे कंपनीने उत्तर अमेरिकेतील शेअर बाजारात नोंदणी झालेल्या 2200 कंपन्यांच्या सीईओंना मिळणाऱ्या पगाराच्या आकडेवारीतून ही माहिती जमवण्यात आली आहे. 2011 आणि 2012 या दोन वर्षांचा विचार करता सीईओंच्या मूळ पगारात 2.9 टक्क्यांची वाढ तर पगार, भत्ते आणि इतर लाभ यामध्ये साडे आठ टक्क्यांची वाढ झाल्याचा निष्कर्षही जीएमआयने काढला आहे. मात्र सर्वसामान्य अमेरिकी जनतेच्या उत्पन्नात मात्र एवढी वाढ झालेली नाही. 2011 आणि 2012 या दोन वर्षांची तुलना करता अमेरिकी नागरिकांच्या उत्पन्नात काहीच फऱक पडलेला नाही.

1978 ते 2011 या दोन वर्षांचा विचार केला तर तेव्हाच्या तुलनेत आताच्या सीईओंना मिळणारा पगार साडेसातशे टक्क्यांनी जास्त आहे. तर याच दोन वर्षातील सर्वसामान्य कामगारांच्या वेतनमानात मात्र फक्त साडेपाच टक्क्यांची वाढ झालीय.

Read More »

पुनीत इस्सर की फिल्म में कैमियों करेंगे सलमान

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बालीवुड के दंबग स्टार सलमान खान पुनीत  इस्सर की फिल्म में कैमियो करते नजर आएंगे. बता दें कि मशहूर चरित्र अभिनेता पुनीत इस्सर एक फिल्म बनाने जा रहे है. उनकी यह फिल्म वर्ष 2007 में प्रदर्शित मलयालम फिल्म 'हैप्पी डेज' की रिमेक होगी.

फिल्मकी कहानी इंजीनीयिरिंग कॉलेज में पढऩे वाले छात्रों पर आधारित होगी. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004 में पुनीत इस्सर, सलमान खान को लेकर गर्व बना चुके है. पुनीत इस्सर के अनुसार अभी फिल्म की स्क्रिप्ट पर काम चल रहा है और इस फिल्म के बारे में बात करना अभी जल्दबाजी होगी.

Read More »

राहुल गांधी हिंदू कार्ड खेल रहेहैं : शाही इमाम सय्यद अहमद बुखारी

इंदौर : इंदौर में राहुल गांधी द्वारा दिए गए मुजफ्फरनगर दंगों पर भाषण को लेकर राजनीतिक गलियारों में काफी हलचल देखी गई. इस पर दिल्ली की जामा मस्जिद के शाही इमाम सय्यद अहमद बुखारी ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, 'एक तरफ गृहमंत्री जेल में ठूंसे गए मुस्लिम दंगा पीड़ितों को रिहा करने के लिए राज्यों को पत्र लिख रहे हैं और ऐसा करनेवाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कह रहे हैं. दूसरी तरफ पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी मुस्लिमों को लेकर संदेह जताते हुए आईबी अधिकारीकी बात कर रहे हैं. ऐसा लगता है जैसे वह हिंदू कार्ड खेल रहे हैं.'

बुखारी ने यह भी कहा कि, 'कांग्रेसको यह विश्वास हो गया है कि मुस्लिम अब किसी पर भरोसा नहीं करते, खास तौरसे उत्तर प्रदेश में जहां उनके पास विकल्प मौजूद है. ऐसे में राहुल ने अबअपनी निगाह हिंदू वोट पर टिका दी है.' वहीं राहुल के बयान की आलोचना करते हुए ऑलइंडिया इमाम ऑर्गेनाइजेशन के अगुवा इमाम उमैर इलियासी ने कहा कि, 'यह साफ है कि उन्होंने यह बयान हिंदुओं को कांग्रेस की तरफ आकर्षित करने के लिए दिया है. ऐसी मजहबी सियासत अब काम नहीं आएगी क्योंकि लोग समझदार हैं. विकासकी राजनीति से काम बनेगा. जो उन्होंने कहा और जिस तरह कहा, वह केवल मुस्लिम नहीं, बल्कि देश भर के लिए शर्म और दुख की बात है.'

Read More »

मुशर्रफ ने रची शरीफ के तख्तापलट की साजिश : पूर्व जनरल शाहिद अजीज

इस्लामाबाद : पाकिस्तानमें 1999 में प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का तख्तापलट तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल परवेज मुशर्रफ की ओर से पूर्व नियोजित था क्योंकि उन्हें सरकार द्वारा खुद के हटाए जाने का डर सता रहा था. यह बातें किसी और ने नहीं बल्कि एक पूर्व जनरल ने दावे के साथ कही है.

गौरतलब है कि लेफ्टिनेंट जनरल शाहिद अजीज ने अपनी किताब ‘यह खामोशी कहां तक’ में खुलासा किया है कि 12 अक्टूबर 1999 को तख्ता पलट करने के अभियान के लिए तैयार होने से पहले सेना की 111 ब्रिगेड की इकाइयों को इस बारे में लिखित दिशानिर्देश दे दिए गए थे. तख्तापलट के समय अजीज सैन्य अभियान महानिदेशक और मुशर्रफ के निकट सहयोगी थे.

अखबार ‘द न्यूज’के अनुसार शरीफ सरकार को हटाने के लिए सही समय पर कार्रवाई करने को लेकर सेना भवन में कई बैठकें हुई थीं. किताब में कहा गया है कि सेना भवन में कई दौर की बैठकें हुईं और इनमेंही सरकार को हटाने की रणनीति तैयार की गई. तख्तापलट की साजिश को अंजाम देने में तत्कालीन सीजीएस लेफ्टिनेंट जनरल अजीज खान, तत्कालीन कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल महमूद, तत्कालीन सैन्य खुफिया महानिदेशक मेजर जनरल अहसनुल हक शामिल थे. हक बाद में आईएसआई के महानिदेशक बनाए गए थे. उर्दू में लिखी किताब में अजीज ने दावा किया है कि मुशर्रफ ने श्रीलंका दौरे के लिए रवाना होने से पहले लेफ्टिनेंट जनरल महमूद, लेफ्टिनेंट जनरल हक और खुद अजीज को मौखिक निर्देश दिया था कि, 'मैं आप तीन लोगों को सरकार को हटानेकी जिम्मेदारी देता हूं.

आपको बता दें कि मुशर्रफ ने शरीफ सरकार को हटाने की साजिश रची क्योंकि उन्हें यह डर सता रहा था कि उन्हें सेनाप्रमुख के पद से हटाकर तत्कालीन आईएसआई प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल जियाउद्दीन बट्ट को सेना प्रमुख बनाया जा सकता था.

Read More »

मलाला यूसुफजई हैं दुनिया की सबसे बहादुर बच्ची

मलाला यूसुफजई को किसी पहचान की जरूरत नहीं है. मलाला एक ऐसी लड़की जिसने तालिबान को चुनौती दी और साहस, निर्भयता की एक मिसाल पेस की. आज मलाला दुनिया की तमाम लड़कियों के लिए प्रेरणा बन गई हैं. गौरतलब है कि ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ ने 18 अक्टूबर को अपने राजनिवास बकिंघम पैलेसपर इस निर्भय और निडर लड़की मलाला को आमंत्रित किया है जिसे संसार की सबसे बहादुर बच्ची माना जा रहा है. मलाला को संयुक्त राष्ट्रसंघ की महासभा तथा अनेक अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा सम्मानित किया जा चुका है.

इतनी उम्र में किसी भी देश के किसी बच्चे को आज तक इतना सम्मान नहीं मिला जितना पाकिस्तान के खैबर पख्तूनखवा प्रांत की स्वात घाटी के एक छोटे से गांव मिंगोरा में जन्मी 16  वर्षीय मलाला युसुफजई को मिल रहा है. यूरोपियन यूनियन ने मलाला को एक बड़े ही उच्च पुरस्कार 'सखारोव प्राइज' से सम्मानित करने की घोषणा की है. इससे पहले यह पुरस्कार दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नैल्सन मंडेला और जनाधिकारों के लिए संघर्ष करने वाली बर्मा की विश्व प्रसिद्ध नेत्री आंग सांग सू की को दिया जा चुका है. लग भग 50 लाख रुपए की धनराशि का यह पुरस्कार जनाधिकारों के लिए लडऩे वाले एक सोवियत नेता सखारोव की याद में अन्याय के खिलाफ निर्भीकता से आवाज उठाने की आजादी के लिए लडऩे वालों को दिया जाता है.

आपको बता दें कि दुनिया भर में मलाला को साहस और निडरता की प्रेरणा शक्ति की प्रतिष्ठा प्राप्त हो चुकी है. शायद ही कोई ऐसा प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय नेता होगा जिसने मलाला की बहादुरी की उन्मुक्त प्रशंसा न की हो. 11 साल की उम्र में मलाला ने अन्याय और अत्याचार के विरुद्ध आवाज उठानी शुरू की. आतंकी तालिबान ने स्वात घाटी में काफी दहशत फैला रखी थी और लड़कियों को शिक्षा के अधिकार से भी वंचित कर रखा था. तालिबान ने महिलाओं से उनके जीने की इच्छा भी छीन रखी थी. जिससे वहां भयानक स्थिति थी, इसी के वजह से मलाला के हृदय में विद्रोह की आग सुलगी. उसने तालिबान के इस हुक्म को मानने से इंकार किया कि लड़कियों को शिक्षा नहीं दी जानी चाहिए, उन्हें स्कूल भेजना बंद किया जाए. इस हुक्म के खिलाफ मलाला ने पहले तो अपने स्कूल में, फिर स्थानीय सामाजिक स्तर पर आवाज उठाई और फिर एक आंदोलन शुरू किया जो धीरे-धीरे जोर पकड़ता गया. उसे व्यापक स्तर पर समर्थन प्राप्त होने लगा. उसकी आवाज दूर-दूर तक फैलने और सराही जाने लगी. मलाला का यह संदेश ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंच सके इसलिए बी.बी.सी. ने उसका एक ब्लॉग शुरू किया. अमरीका के विश्व प्रसिद्ध समाचार पत्र 'न्यूयार्क टाइम्स' ने उसकी डॉक्यूमैंट्री जारी की. पाकिस्तानी सरकार ने उसके साहस की प्रशंसा में उसे उच्च शांति पुरस्कार दिया. इस समय से ही मलाला तालिबान की नजर में खटक रही थी और वे उसे धमकियां भेज रहे थे लेकिन इन धमकियों की पहवाह न करते हुए मलाला ने लड़कियों को शिक्षा देने केपक्ष में अपना आंदोलन जारी रखा. बढ़ते अत्याचार के खिलाफ मलाला का प्रचार तालिबान से सहन नहीं हो पा रहा था.

आपको बता दें कि अपने 15 वें जन्मदिन के 2 दिन बाद हर रोज की तरह 8 अक्तूबर 2012 को भी मलाला स्कूल से छुट्टी के बाद सहेलियों के साथ स्कूल की बस में घर वापस लौट रही थी. बगल वाली सीट पर बैठी एक लड़की ने तालिबान की बढ़ती खून-खराबे की वारदातों का जिक्र किया. थोड़ी देर बाद सड़क पर खड़े किसी आदमी ने रास्ता रोक कर ड्राइवर से बस रोकने का इशारा किया और उसका दूसरा साथी बस का दरवाजा खोल कर अंदर दाखिल हो गया. उसके हाथ में पिस्तौल था. पहले उसने गरजती आवाजमें पूछा कि मलाला कौन है? जान लेने के बाद उसने अगले ही पल मलाला को 3 गोलियां मारी. एक गोली मलाला की बाईं आंख के पास कनपट्टी पर लगी और बाकी 2 गोलियों से दूसरी 2 छात्राएं जख्मी हुईं. मलाला बुरी तरह घायल हुई थी. इस घटना से सारे पाकिस्तान में तो दहशत और हाहाकार फैलनी ही थी, विश्व भर में इसकी भरपूर निंदा की गई.

मलाला की दशा चिंताजनक थी. हालत में सुधार न होते देख इलाज के लिए मलाला को इंगलैंड के शहर बॄमघम के प्रसिद्ध क्वीन एलिजाबेथ अस्पताल लाया गया जहां से उपचार के बाद अब वह अपने परिवार के साथ बॄमघम में रह रही है और सार्वजनिक गतिविधियों में भाग ले रही है. मलाला के सम्मान में अनेक संस्थाएं समारोहों का आयोजन कर रही हैं. उल्लेखनीय है कि संयुक्तराष्ट्र महासभा द्वारा आयोजित स्वागत समारोह में मलाला ने अपने भाषण में घोषणा की कि उसके जीवन का उद्देश्य लड़कियों की शिक्षा है. उसने कहा कि लड़कियों की दशा एक ही हालत में सुधर सकती है वह है शिक्षा. प्रमुख दैनिक 'द टाइम्स' के एक विशेष लेख ने मलाला को 'संसार की सबसे बहादुर बच्ची' कहकर संबोधित किया.

मलाला ने उन सभी लोगों का धन्यवाद किया है जिन्होंने उसके लिए प्रार्थनाएंकीं और शुभकामनाएं प्रकट कीं. उसने कहा है कि वक्त आने पर वह वतन लौटेगी और राजनीति में भाग लेगी. लड़कियों के लिए शिक्षा प्रसार, उन्हें विद्या देना मेरे जीवन का लक्ष्य रहेगा. मलाला ने दृढ़ होकर कहा कि, 'मैं अपने पथ से हटूंगी नहीं.'

Read More »

त्योहारों में स्वास्थपर दें ध्यान

कई बार त्योहारों में खाने पीने और मौज मस्ती की वजह से लोग अपने स्वास्थ पर ध्यान देना भूल जाते हैं जिससे उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही यदि व्रत के दौरान फलाहार कर रहे हैं तो दिन में एक ही बार बैठकर ढेर सारेफल खाने की बजाए 5-6 बार फल खाएं. इससे रक्त में शर्करा स्तर स्थिर रहेगा और शरीर को ऊर्जा मिलती रहेगी. सूखे फलों या मेवों आदि की अपेक्षा रसीले फलों का सेवन करें जैसे पपीता, संतरा, अंगूर, सेब आदि. अगर एक समय खाना खारहे हों तो ज्यादा मिर्च-मसाले वाला, तला-भुना हुआ खाना न खाएं बल्कि सादा-सुपाच्य-सात्विक आहार ही लें.

थोड़ा-सा हल्का व्यायाम आपका ऊर्जा स्तर ठीक बनाए रखने में बहुत ज्यादा मददगार साबित हो सकता है. इससे आपकी  मांसपेशियों को आराम मिलता है और रक्त संचार अच्छी तरह होता है जो आपको अतिरिक्त ऊर्जा भी देता है.

इसके साथ ही ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं. पानी शरीर के तापमान और ऊर्जा स्तर को नियंत्रित रखता है. पानी की कमी से कमजोरी हो सकती है, इस लिए व्रत के दौरान पर्याप्त पानी पिएं जिससे ऊर्जा स्तर सामान्य बना रहे.ध्यान रखें प्यास लगने से पहले पानी पिएं. कम से कम दिन भर में 10-15 गिलास पानी पिएं. पानी में यदि आप नींबू का रस व शक्कर मिला कर पी सकें तो ज्यादा अच्छा है. यह घोल आपको ज्यादा ऊर्जा प्रदान करेगा.

Read More »

शिल्पा शेट्टी नहीं करेंगी अगले 18 महीनों तक एक्टिंग

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिध) : बॉलीवुड की जानी मानी अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी ने अपनी जिंदगी में नया मोड़ लिया है. गौरतलब है कि वो अपनी अपकमिंग फिल्म 'ढिस्कियाऊं' को प्रोड्यूस करनेवाली हैं. इस फिल्म में सनी देओल और हर्मन बवेजा बतौर अभिनेता होंगे. शिल्पा के इस नए रोल को देखते हुए लगता है कि उनका जल्द ही कैमरे के सामने वापस नज़र आने का इरादा नहीं है.

आपको बता दें कि राज कुंद्रा की बुक; हाऊ नॉट टू मेक मनी' की लॉन्चिंग के दौरान जब शिल्पा से उनके कमबैक के बारे में पुछा गया तो उन्होंने कहा कि कम से कम एक साल और छह महीने. उन्होंने कहा कि जब तक मेरे बच्चे विआन को मेरे काम की समझ नही आ जाती, तब तक मैं अपने काम के बारे में सोच भी नहीं सकती.'

Read More »

दिवाली की धूम अमेरिका में भी

वाशिंगटन : इसमें कोई शक नहीं कि दिवालि भारत में बड़े धूम धाम से मनाई जाती है और पूरा भारत उसकी रोशनी में जगमग करता है. लेकिन दिवाली की रोशनी अब अमेरिका को भी रोशन करती है. गौरतलब है कि अमेरिकी कांग्रेस में हिंदू पुजारियों के वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच अमेरिकी कांग्रेस में पहली बार दीवाली मनाई गई. जाने माने भारतीय अमेरिकियों समेत दो दर्जन से अधिक सांसदों ने कैपिटल हिल पर पारंपरिक 'दीए' जलाए.

आपको बता दें कि कांग्रेशनल कॉकस ऑन इंडिया एंड इंडियन अमेरिकन्स के दो सह अध्यक्षों एवं सांसदों जोए क्राउले और पीटर रोसकॉम ने भारतीय अमेरिकी समुदाय की बढ़ती मौजूदगी को ध्यान में रखते हुए कैपिटल हिल में अपनी तरह का यह पहला कार्यक्रम आयोजित किया. इस अवसर पर भारत-अमेरिकी साझेदारी की महत्ता पर भी प्रकाश डाला गया. प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता नैन्सीपेलोसी ने कहा कि, 'मैं यहां दीवाली की शुभकामनाएं देने आई हूं. अमेरिका भारत का बहुत आभारी है क्योंकि हमारा नागरिक अधिकार आंदोलन भारत के अहिंसा आंदोलन से प्रेरित था.' क्राउले ने यह भी कहा कि, 'यह वास्तव में एक ऐतिहासिक घटना है.' रोसकॉम ने कहा कि, 'जब हम भारत और अमेरिका के मज़बूत होते संबंधों को देखते हैं तो हम पाते हैं कि ये बेहतरीन संबंध हैं और भविष्य के लिए फायदे मंद हैं.'

Read More »

इस दिवाली में लोग कसम खाएं, बुराई पर अच्छाई की जीत हो…

नया सवेरा लाना है !!!
इस दिवाली में लोग कसम खाएं, बुराई पर अच्छाई की जीत हो…

मुंबई(चंदन पवार)Email:chandanpawar.pits@gmail.com

महाराष्ट्र बोलते ही मनमें महान-राष्ट्र यानि महाराष्ट्रका शंखनाद घूमता है. ऐसा लगता है कि हम जिस राज्य में रह रहे हैं, यह हमारा नसीब है कि हम महाराष्ट्र के रहवासी हैं क्योंकि इस महाराष्ट्र की महान भूमि पर कई राजाओं का जैसे कि छत्रपति शिवाजी महाराज और संतो का जैसे संत ज्ञानेश्वर, संत तुकाराम, संत नामदेव, संत एकनाथ, साईबाबा, स्वामी समर्थ, गजानन महाराज इस तरह के महान संतो से महाराष्ट्र पवित्र हुआ है. उनके दिखाए गए मार्ग पर अगर हम सच में चलेंगे तो हमारे साथ हमारे परिवारका भी कल्याण होगा.

परंतु आज महाराष्ट्र के साथ साथ भारत देश में जो असमंजस और अस्थिरता की स्थिति पैदा हुई है उससे लोग भयभीत या विचलित हो गए हैं. फिर वह स्थिति चुनाव में खूनी रंजिशे की हों, महंगाई, भ्रष्टाचार, कुपोषण, भुखमरी, बेरोजगारी और कोई प्राकृतिक आपदा हो आज सामान्य आदमी से लेकर बड़े आदमी तक हर कोई परेशान है. परंतु इन सबकी मार ज्यादातर सामान्य आदमी ही झेलता है. अगर प्राकृतिक आपदाछोड़ दें तो बाकी सभी मनुष्य निर्मित आपदा है. आज बहुत से लोग अपने परिवार और अपनों तक ही सिमित हो गए हैं.

हम स्वार्थ में इतने अंधे हो गए हैं कि दूसरों का भला सोचना और उसे मदद करना शायद भूल ही गए हैं. क्या यह कलियुग का असर है? या मनुष्य जानबूझकर इस सोच से उठना ही नहीं चाहता है. मेरा बेटा, मेरी बेटी, मेरा परिवार, मेरी संपत्ति, मेरा मेरा करके क्या हम सामाजिक जिम्मेदारी से मुंह तो नहीं मोड़ रहे हैं. जब ईश्वर ने इंसान की निर्मिती की तब उसने सोचा होगा कि यह इंसान एक दूसरे के सहारे और मददसे अपना काम चलाएंगे और मनुष्यजाती का नया किर्तिमान स्थापित करेंगे. परंतु क्या हम सच में ऐसा कर रहे हैं, यह संशोधन का विषय बन गया है.

आज हमारे लोकप्रतिनिधि जिसे जनता अपना मसीहा मानती है उनको सर आंखों पर बिठाए अपने राज्य का कारोबार बड़े विश्वास से इन्हें सौंपती है. क्या यह लोकप्रतिनिधि आज सही में अपना कर्तव्य ईमानदारी से निभा रहे हैं? आज चुनाव के दौरान रंजिसों के चलते खून की होली खेली जारही है. एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए हर एक कवायत की जाती है. क्या सही में राजनीति में ऐसा करने की जरूरत है? क्योंकि अगर कोई राजनेता पांच सालों में सिर्फ लोगों के विकास कामों पर ध्यान देकर अपना कर्तव्य निभाता हैतो मुझे नहीं लगता है कि उसे कोई भी गलत रास्ता अपनाकर चुनाव जीतने की जरूरत महसूस होगी क्योंकि जनता विकास करनेवाले लोकप्रतिनिधियों को सर आंखोंपर बिठाती है और चुनाव जिताती भी है. तो यह लोग ऐसी सोच क्यों नहीं रखते हैं.

आज सामान्य आदमी भी अपना जीवन व्यतीत करते वक्त अपनी स्वार्थ की परछाई से पीछा नहीं छुड़ा पाता है. उसे भी स्वार्थ ने जकड़ा हुआ है. क्या हम सब यह बात भूल गए हैं कि समाज में और इस पृथ्वी पर सिर्फ हमारा नाम रहने वाला है. संपत्ति आज है कल नहीं क्योंकि राजा का रंक कब हो जाता है यह तो निती ही तय करती है और यह इतिहास लोग अपने आंखों से देख चुके हैं. यहां जो हमने कमाया यहीं पर ही छोड़कर चले जानेवाले हैं. तो यह त्रिकाल सत्य हम स्विकार क्यों नहीं करते हैं? क्यों हम एक दूसरे के दुश्मन बने हुए हैं? क्या कभी किसी ने इसबारे में सोचा है कि हम क्या कर रहे हैं?

भगवान कहें या अल्लाह, इन्होंने पृथ्वी पर सिर्फ मनुष्य जाति बनाई थी परंतु लोगों ने इसे अनेक जातियों में बदल दिया है. कुछ लोग जात-जात की लड़ाई में इतने निर्दयी हो गए हैं कि एक दूसरे के परिवारवालों के सामने एक दूसरे को तलवार से मार देते हैं. यह जो खूनी होली खेल रहे हैं, क्या उसे देख भगवान या अल्लाह खुश हो रहे हैं? क्यों हम इस तरह एक दूसरे के खून के प्यासे हो रहे हैं? क्या किसी ने इस पर सोचा है और अमल में लाया है?

आज हमें एक दूसरेके सहारे और एक दूसरे की मदद से आगे बढ़ना चाहिए, जात-पात के ऊपर उठकर मनुष्य जाति को ही अपना धर्म मानना चाहिए. 'क्या लाया था क्या लेकर जाएगा' इस पंक्ति को अपने जहन में बिठाकर समाज के प्रति अपना कर्तव्य निभाना चाहिए. जीवन में पैसा ही सबकुछ नहीं है. किसी भी व्यक्ति के बहकावे में ना आकर अपना संतुलन डगमगाने नहीं देना चाहिए क्योंकि आज राजनीति में अपना प्रतिनिधित्व कर रहे कुछ राजनेता एक दूसरे की जाति-पातिमें तनाव पैदा करके सामान्य आदमी को लड़वा रहे हैं. और इसमें मरनेवाला सामान्य आदमी ही होता है क्योंकि यह कुछलोग तो कई दूरसुरक्षा में बैठे होते हैं. इसलिए इन सब बातों पर गौर करना आज आम आदमीको बहुत जरूरी हो गया है. क्योंकि उसे अपने बच्चों का भविष्यबनाना है. अपने परिवार केसाथ साथ सामाजिक जिम्मेदारी का भी ख्याल रखना है इसलिए हमें आज संयम, शांति, सोच और जिम्मेदारी का एहसास होना बहुत जरूरी है. सभी व्यसनों से दूर रहकर तंदुरुस्त रहना समय की मांग है परंतु हमें आज भी एक सच्चे इंसान की तलाश है, यह बहुत दुर्भाग्यपुर्ण है. बस इस व्यवस्था को बदलना आज हमारे हर एक व्यक्ति का कर्तव्य है. जिसे करने के लिए अपने आपसे शुरूआत करनी होगी, तभी जाकर हम एक नए भारत का नया सवेरा देख सकेंगे.

Read More »

नवी मुंबई एयरपोर्ट के लिए प्रधानमंत्रीके साथ बैठक

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : प्रधानमंत्री मनमोहन सिंहने नवी मुंबई एयरपोर्ट मुद्दे पर 13 नवंबर को नई दिल्ली में एक मीटिंग बुलाई है. इस मीटिंग में नवी मुंबई एयरपोर्ट के निर्माण में आ रही बाधाओं और भू संपादसन जैसे मुद्दों पर चर्चा की जाएगी.

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पृथ्वीराजचव्हाण ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि, 'इस एयरपोर्टका निर्माण राज्य के लिए मील का पत्थर साबित होगा.' चव्हाण ने उम्मीद जताईकि एयरपोर्ट से जुडी सभी समस्याओं का समाधान इस मीटिंग के द्वारा निकाला जा सकेगा. उन्होंने स्थानीय रहिवासियों से इस काम में सरकार को सहयोग देने की अपील की और विश्वास जताया कि एयपोर्ट से इलाके का विकास होगा और निवासियोंका जीवन स्तर उन्नत होगा.

गौरतलब है कि यह प्रस्तावित नवी मुंबई एयरपोर्ट मुंबई के सहार स्थित इंटरनैशनल एयरपोर्ट का विकल्प होगा.

Read More »

दुनिया के सबसे लंबे इंसान को आखिरकार मिल ही गई जीवन साथी

अंकारा : किसीने सच ही कहा है किजोड़ियां ऊपर से बनकर आती हैं और ऊपरवाले ने हर किसी के लिए उसका जीवनसाथी बनाया है. वहीं दूसरी ओर यह बात भी सच है कि दो विपरीत गुणों वाले लोग अकसर एक-दूसरे के प्रति आकर्षित होते हैं. शायद यही वजह है कि दुनिया के सबसे लंबे शख्‍स को उनकी हमसफर मिल गई. 8 फीट 3 इंच लंबे सुल्‍तान सेन को उनका प्‍यार मिल ही गया. हालांकि इसके लिए सुल्तान को कड़ा इंतजार करना पड़ा.

आपको बता दें कि सुल्‍तान की नई दुल्‍हन का नाम डीबो है और वह उनसे 2 फीट 7 इंच छोटी हैं. सुल्‍तान के अनुसार उन्‍हें उनकी हमसफर मिलना किसी चमत्‍कार से कम नहीं है. तुर्की के रहने वाले 30 वर्षीय किसान सुल्‍तान ने शनिवार, 26 अक्टूबर को 20 वर्ष की अपनी दुल्‍हन के साथ धूमधाम से शादी की. उनकी शादी में बहुत सारे लोग और मीडियाकर्मी शामिल हुए. डीबो के मिलने से पहले सुल्तान को अपना जीवन साथीचुनने में बहुत मुश्किले आ रही थीं. उन्होंने जितनी भी लड़कियों देखी, वह उनसे लंबाईमें बहुत छोटी होती थीं. लेकिन कहते है न कि अंत भला तो सब भला.

अपने शादी के दिन सुल्‍तान ने शादी का सूट और 28 इंच के जूते पहने. सुल्तान के अनुसार वह अपना प्‍यार पाकर बेहद खुशी महसूस कररहे हैं. उन्होंने कहा कि, 'यह मेरा दुर्भाग्‍य था कि मैं अपने लिए अपनी लंबाई जितनी लड़की नहीं ढूंढ पाया थालेकिन अब मेरा अपना परिवार और निजी जिंदगी होगी.' आपकोबता दें कि सुल्‍तान उन 10 लोगों में से एक हैं, जिनकी लंबाई 8 फीट से अधिक है. यह एक तरह का रेयर डिस्‍ऑर्डर है. इस बीमारी के शिकार लोगों के शरीर में ग्रोथ हॉर्मोन्‍स लगातार बनते रहते हैं. उल्लेखनीय है कि सुल्‍तान वर्ष 2009 में दुनिया के सबसे लंबे शख्‍स बने और वर्ष 2011 में आखिरकार उनके शरीर ने बढ़ना बंद कर दिया.

Read More »

हेल्थ टिप्स – तोंद से अगर हैं परेशान तो नमक कम खाइए…

किसी व्यक्ति का जब पेट निकल आता है तो उसका व्यक्तित्व आकर्षक नहीं रह जाता. इसके साथ ही कई लोग इस वजह से तनाव में आ जाते हैं. हालांकि पेट का निकल आना कई बीमारियों को न्योता देने वाला साबित हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि आप अपने व्यक्तित्व को निखारने के साथ साथ स्वास्थ को भी सेहतमंद रखें इसलिए जरूरी है कि आप तोंद निकलने से पहले ही कुछ उपाय कर लें. एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार प्रतिदिन अपने भोजन में नमक की मात्रा घटाकर और पोटैशियम से भरपूर फाइबर युक्त भोजन का अधिकाधिक उपयोग कर हम तोंद के निकलने से बच सकते हैं.

गौरतलब है कि अमेरिका के वॉशिंगटन में डाइजेस्टिव सेंटर की स्थापना करने वाले गैस्ट्रोइंट्रोलॉजिस्ट रॉबिन चुटकन ने अपनी नई पुस्तक में कहा है कि पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में तोंद निकलने की शिकायत अधिक होती है. इसका मुख्य कारण यह है कि औरतों के आंत की लंबाई अधिक होती है. वेबसाइट फीमेलफर्स्ट डॉट को डॉट यूके के अनुसार चुटकन ने अपनी इस नई पुस्तक में बताया है कि महिलाओं एवं पुरुषों के पाचन तंत्र में कुछ मूल अंतर होते हैं इसलिए पेट को निकलने से बचाने के लिए कुछ परहेज बरते जाने चाहिए.

आपको बता दें कि चुटकन के सुझाव इस प्रकार हैं-

नमक कम खाएं : भोजन में नमक का अधिक प्रयोग करने से भी पेट फूल सकता है. एक दिन में अधिकतम 1500 मिलीग्राम नमक ही खाएं.

अधिकतर रेशेयुक्त भोजन लें : घुलनशील एवं अघुलनशील रेशेयुक्त भोजन की मिश्रित मात्रा का प्रयोग करना चुस्त-दुरुस्त एवं छरहरा रहने का सबसे अच्छा तरीका है. पेट के अत्यधिक भरे होने से बचें क्योंकि इससे कब्ज होती है.

पोटैशियम से भरपूर भोजन लें : सोडियम चूंकि शरीर में जल के स्तर को बनाए रखता है,  वहीं पोटैशियम अतिरिक्त जल से निजात दिलाने में मददगार होता है. केले और शकरकंद जैसे पोटैशियम से भरपूर खाद्य पदार्थ का सेवन करने से कमरके मध्य हिस्से को पतला करने में मदद मिलती है.

शरीर में जल की मात्रा बरकरार रखें : पर्याप्त मात्रा में जल का सेवन करनेसे भोजन के रेशे अपना कार्य कहीं बेहतर तरीके से कर पाते हैं और कब्ज की शिकायत को दूर रखते हैं.

पाचन के तनाव से बचें : ऐसे खाद्य पदार्थों से दूर रहें जो पचने में मुश्किल हों, जैसे चीनी या वसायुक्त खाद्य पदार्थ.

कृत्रिम मिठास वाले पदार्थों से बचें : फ्लेवर्ड पेय पदार्थों,  कमकार्बोहाइड्रेट वाले एवं चीनी रहित खाद्य पदार्थों को हमारा शरीर आसानी से नहीं पचा पाता.

बड़ी आंत में पाए जाने वाले जीवाणु उन्हें फर्मेंट करने की कोशिश करते हैं, जिसके कारण पेट में गैस बनती है और पेट फूल जाता है. हालांकि ऊपर दिए सुझाव को अगर आप अपनाती हैं तो जल्द ही राहत मिलेगा.

Read More »

लाईफ स्टाइल – दिवाली में रंगोली से करें खुशियों का स्वागत

भारतीय संस्कृति में शुभ कामों एवं रंगोली का अनन्य संबंध है. होली हो या दीवाली, रंगोली के बिना अधूरी ही मानी जाती हैं. रंगोली संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है 'रंगों के द्वारा अभिव्यक्ति.' रंगों से सजी रंगोली वास्तव में खुशियों की अभिव्यक्ति है. रंगोली बनाना भले ही घर की सुन्दरता को बढ़ाने का एक जरिया हो लेकिन गुजरे वक्त में खुशियों के स्वागत के लिए घर के दरवाजे या आंगन में इसे प्राकृतिक फूलों और रंगों से बनाया जाता था.

आपको बता दें कि घर के प्रवेश द्वार पर रंगोली बनाने की परंपरा भारत में सदियों से चली आ रही है. दिवाली पर मुख्य द्वारकी देहरी पर आकर्षक रंगोली बनाने का रिवाज़ है. यदि घर के सामने खूबसूरत और रंग-बिरंगी रंगोली सजी हो तो मां लक्ष्‍मी सबसे पहले आपके ही घर पर पधारेंगी. किंवदंतियों के अनुसार रंगोली का उद्भव भगवान ब्रह्मा के एक वचन से जोड़ा जाता है. इसके अनुसार एक राज्य के प्रमुख पुरोहित के पुत्र की मृत्यु से दुखी राजा व प्रजा ने भगवान ब्रह्मा से प्रार्थना की कि वह उसे जीवित कर दें. ब्रह्मा जी ने कहा कि यदि फर्श पर कच्चे रंगों से मुख्य पुरोहित के पुत्र की आकृति बनाई जाएगी तो वह उसमें प्राण डाल देंगे और ऐसा ही हुआ. इस मान्यता के अनुसार तब से ही आटे, चावल, प्राकृतिक रंगों एवं फूलों की पंखुड़ियों के द्वारा ब्रह्मा जी को धन्यवाद स्वरूप रंगोली बनाने की परंपरा आरंभ हो गई.

हालंकि वक्त के साथ तरीका भी बदला है. आजकल रंगोली कई तरीकों से बनाई जाती है. इसमें कई तरह के इनोवेशन भी किए जा रहे हैं. कहीं फूलों से रंगोली बनाई जारही है, कहीं पानी पर रंगोली बनाई जा रही है तो कहीं पारंपरिक ढंग से रंगोली बनाई जा रही है. आज रंगोली बनाने में बालू, फूल, चावल से लेकर अबीरतक का इस्तेमाल किया जाता है. यही नहीं बल्कि बाजार में बनी बनाई कागज या प्लास्टिक की रंगोली भी मौजूद है. आइएजाने के आज कौन-कौन सी रंगोली चलनमें है और इसे कैसे बनाया जा सकता है. आप रंगोली चाहे जैसे बनाइये लेकिन उसके बीच में दिया सजाना बिल्‍कुल मत भूलिएगा वरना वह अधूरी रह जाएगी.

अगर आपको रंगोली बनानी नहीं आती तो उदास होने की कोई जरूरत नहीं है. बाजारमें रंगोली के रंगों के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के डिजाइन भी उपलब्ध हैं जिसकी मदद से चंद मिनटों में मन को लुभा लेने वाली रंगोली बनाई जा सकती है.

स्प्रे पेंट की रंगोली:
बाजार में सभी रंगों के स्प्रे पेंट उपलब्ध हैं. आप कोई भी स्टेंसिल लेकरउसे चाहें तो मल्टी कलर स्प्रे पेंट से या फिर एक ही फैमिली के अलग-अलगरंगों से डिजाइन क्रिएट कर सकते हैं. इससे आप चुटकियों में बड़े से बड़ाडिजाइन बना सकती हैं.

क्ले की रंगोली:
क्ले की रंगोली को किसी भी सतह पर उभारकर बनाया जाता है. इसमें पेपर मैशक्ले का यूज़ होता है. इससे फूल, पत्तियां या फिर किसी भी तरह का आकारबनाया जा सकता है. क्ले के काम के बाद इसे मनचाहे रंगों से पेंट कर सकतेहैं.

फ्लोटिंग रंगोली:
इस रंगोली को ओएचपी शीट पर बनाया जाता है. शीट को मनचाहे आकार में काट लें, फिर उस पर गिलटर और कुंदन व मोती से सजाएं. ये रंगोली पानी पर तैरती रहतीहै.

पानी पर रंगोली:
घर छोटा है तो छोटे बाउल में पानी में रंगोली बना सकती हैं. पानी की रंगोलीके लिए बाउल में पानी लें. पानी ठहर जाने पर इसमें चारकोल पाउडर बुरक दें. अब रंगोली के रंग बिखेरें. फूलों की पंखुडियों और फ्लोटेड कैंडल्स से इसेखूबसूरत बनाएं. पानी की सतह पर रंगों को रोकने के लिए चारकोल की जगहडिस्टेंपर या पिघले हुए मोम का भी प्रयोग किया जाता है.

फूलों की रंगोली:
सिर्फ फूलों से भी रंगोली बना सकती हैं. आप चाहें तो फूलों की पंखुडियों काप्रयोग कर सकती हैं या छोटे व बड़े आकार के अलग अलग फूलों का भी इस्तेमाल कर सकती हैं. तो क्यों न इस दिवाली अपने घर-द्वार को रंगबिरंगी फूलों कीडिजाइन से सजाएं और त्योहार का लुत्फ उठाएं.

सैंड की रंगोली:
सैंड की मल्टी कलर रंगोली आप चाहें तो हाथ से या फिर स्टेंसिल से बना सकतीहैं. चाहे तो कार्बन से फ्लोर पर डिज़ाइन ट्रेस करके भी यह रंगोली बना सकती हैं. इसमें आप ब्राइट कलर्स और कन्ट्रासट कलर्स का यूज़ कर सकती हैं.स्टे्ंसिल से यदि सैंड डालनी हो तो स्प्रे कलर्स का यूज़ करें और आउट लाइन बनाने के लिए व्हाइट सैंड को रंगोली पैन से भरें और किसी भी बड़ी रंगोलीमें डिटेल वर्क कर सकते हैं.

Read More »

त्योहारों में बढ़ेगी 5 से 12 प्रतिशत नौकरियां

नई दिल्ली : त्योहारों के मौसम में यूं तो सभी खुश होते हैं लेकिन इस बार त्योहार लोगों की खुशियों को दुगुना कर देगा. क्योंकि यह अपने साथ नौकरी भी लेकर आरहा है. बता दें कि मौजूदा त्योहारी मौसम में विशेष तौर पर खुदरा और अन्य उपभोक्ता केंद्रितक्षेत्रों में नियुक्ति की प्रक्रिया बढ़ने की उम्मीद है और देश में रोजगारके मौकों में 5 से 12 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी.  विशेषज्ञों का मानना है कि आर्थिक हालात में नरमी का असर बोनस के भुगतान पर हो सकता है क्योंकि कंपनियां बिक्री और विपणन पर और खर्च अधिक करना चाहती हैं.

गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में कम नियुक्तियां हुईं और कुछ कंपनियों ने आर्थिक अनिश्चिततके बीच नई नियुक्तियों पर लगाम लगा रखी थी. हालांकि त्योहारी मौसम में कारोबार बढ़ाने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को नियुक्त करने पर नए सिरे से ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है. करियर बिल्डर इंडिया के प्रबंध निदेशक प्रमलेश मचामा ने कहा कि, 'साल के शेष हिस्से में नियुक्ति 10 से 12 प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद है.'

नई नियुक्तियां मुख्य तौर पर सूचना प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी सेवाएं, हार्डवेयर, निर्माण और इंजिनियरिंग क्षेत्र में होंगी. नए रोजगारों के निर्माण में मुख्य योगदान प्रमुख महानगरों का होगा. भारत में हालांकि साल भर त्योहार मनाए जाते हैं लेकिन साल के आखिरी चार महीने सबसे ज्यादा व्यस्त अवधि होती है जिसकी शुरूआत गणेश चतुर्थी और दशहरा से होती है. नवबंर में दिवाली और फिर क्रिसमस और नए साल की धूमधाम रहेगी.

रैंडस्टैड इंडिया व श्रीलंका के मुख्य कार्यकारी मूर्ति के उप्पलुरी ने कहा कि, 'आमतौर पर त्योहारी मौसम में ग्राहक की मांग और खर्च बढ़ जाता है इसलिए हमें विशेष तौर पर दुकानों में बिक्री के मामले में पांच प्रतिशत वृद्धिकी उम्मीद है.' टीमलीज सर्विसेज की सह-संस्थापक और वरिष्ठ उपाध्यक्ष संगीतालाला के मुताबिक कुल मिलाकार इस त्योहारी मौसम में भी नियुक्ति बढ़ेगी हालांकि सिर्फ ऐसा बहुत कम अवधि के लिए होगा.

फॉर्मा क्षेत्रमें नियुक्ति 24 प्रतिशत बढ़ी : भारत के फॉर्मा क्षेत्र में कारोबार विस्तार जारी रहने के बीच चालू वित्तवर्ष में इस क्षेत्र में नियुक्तियां 24 प्रतिशत की दर से बढ़ी हैं. निकट भविष्य में इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर खुलते रहने का अनुमान लगाया गयाहै. विशेषज्ञों ने कहा कि फॉर्मा क्षेत्र जिसे नरमी से अपेक्षा कृत अप्रभावित माना जाता है जहां नियुक्तियों के मोर्चे पर सक्रियता है नियुक्ति की रफ्तार उल्लेखनीय रूप से बढ़ी हैं. कार्य कारियों की नियुक्तिका अध्ययन करनेवाली फर्म स्पेक्ट्रम टैलेंट मैनेजमेंट के मुताबिक फार्मा उद्योग में नियुक्ति 2013-14 में अब तक करीब 24 प्रतिशत बढ़ी है.

Read More »

क्या जरूरत है बेटा पाने की चाह रखने की?

''जहां बेटा-बेटी हो एक समान, उस घर का सब करें सम्मान।''

लड़की और लड़के में शारीरिक तौर पर बहुत-सी भिन्नताएं होती हैं। लड़की नाजुक, सुन्दर तथा भावुक होती है। लड़का मजबूत और ताकतवर होता है। ईश्वर ने दोनों को भिन्न इसलिए बनाया है कि वे एक-दूसरे के पूरक बनें। कुछ गुण पुरुष में हैं तो बहुत से गुण नारी में भी हैं। इनको एक-दूसरे के साथ मिल-जुल कर आगे बढऩा चाहिए। यही बात सबसे अधिक मां-बाप को समझनी चाहिए। आइए जानें कि कैसे होता है घरों में जाने-अनजाने में लड़कियों से भेदभाव और किस तरह सोच में बदलाव लाकर इस भेदभाव को खत्म किया जा सकता है।

  • कई घरों में बेटियों के पश्चात् बेटे को बहुत से गर्भपात करवाने के बाद पाया जाता है। ऐसे घरों में मां-बाप का ज्यादा आकर्षण बेटे की तरफ रहता है और बेटियों के लिए उनकी सोच भावुकता से भरी नहीं रहती और बेटियां हीन भावना की शिकार हो जाती हैं। क्या जरूरत है बेटा पाने की चाह रखने की?अपनी बेटियों में वह सुख ढूंढें, आपका मन अथाह सुकून पाएगा। सिर्फ सोच का फर्क है। आजकल खानदान का नाम बेटी के नाम से भी उतना ही चलता है जितना बेटे के नाम से । उदाहरण के तौर पर किरण बेदी, प्रियंका चोपड़ा, सायना नेहवाल आदि के मां-बाप को बेटों के नाम की क्या जरूरत है और इसलिए आपको भी नहीं। हो सकता है, बेटा अपनी जॉब की वजह से आपके अंतिम समय तक आपके पास आ कर रह ही न पाए।
  • कुछ मां-बाप बेटों को कॉन्वैंट या अंग्रेजी स्कूल में पढ़ाते हैं और बेटी को सरकारी स्कूल में। इससे लड़कियां शुरू से ही मां-बाप की दबी हुई नफरत की शिकार हो जाती हैं। मां-बाप को अपने बच्चों में भेदभाव करना बन्द करना चाहिए। जैसे बेटा पैदा हुआ वैसे बेटी, फिर ममता में फर्क क्यों? इस बात को लेकर बड़ा होने पर आपका बेटा, बहू, जमाई, रिश्तेदार, समाज आदि आपको नफरत की नजरों से भी देख सकते हैं और आपके ऊपर ताने कस सकते हैं। मां-बाप व्यवहार करते समय बेटा तथा बेटी को एक समान समझें।
  • घर में अगर बेटी बड़ी होगी तो उसे छोटे बहन-भाइयों की पढ़ाई तथा देखभाल की जिम्मेदारी दी जाती है। अगर बेटा बड़ा होगा तो उस पर कभी भी कोई इस प्रकार का बोझ नहीं डाला जाता। अभिभावकों को चाहिए कि बेटी अगर बड़ी हो तो जिम्मेदारियों का बोझ उस पर ज्यादा न डालें । उसे अपनी आजादी लेने दें क्योंकि इसी आजादी को याद करके वह ससुराल में जीवन भर रिश्तों के बन्धन में बंध कर भी खुश रहती है। अगर बेटा बड़ा हो तो उस पर छोटे बहन-भाइयों की थोड़ी-थोड़ी जिम्मेदारी डालें ताकि वह आजादी में भी अपनी हदों को पहचाने।
  • घरों में नए गैजेट जैसे मोबाइल, कम्प्यूटर, लैपटॉप, गाड़ी आदि पहले बेटों को लेकर दिए जाते हैं, बाद में बेटी को मिलते हंै।मां-बाप बच्चों को उनकी जरूरत के अनुसार गैजेट लेकर दें। इसमें पहले बेटा, फिर बेटी का सवाल ही उत्पन्न नहीं होना चाहिए।
  • कुछ घरों में बेटियों के रिश्ते किशोरावस्था में ही देखने शुरू कर दिए जाते हैं। उनकी सोच के मुताबिक बेटी एक बोझ है, जितनी जल्दी दूसरे घर चली जाए अच्छा है। वह बेटी को भी यही शिक्षा देते हैं, ”तुम्हारी जिन्दगी का असल मकसद शादी है।” मां-बाप बेटी को इतना समय भी नहीं देते कि वह भविष्य की प्लानिंग कर सके तथा शादी के लिए शारीरिक तथा दिमागी तौर पर तैयार हो सके। जो मां-बाप ऐसा सोचते हैं वे गलत हैं। ऐसे घरों से ही दहेज की मांग की जाती है। ऐसी बेटियां ससुराल पक्ष में अपनी अपरिपक्वता की वजह से घरेलू हिंसा की शिकार होती हैं, जल्दी तलाक होते हैं तथा छोटी उम्र में मृत्यु की शिकार भी हो जाती हैं। बेटियों को बेटों के समान पढऩे का समय तथा आजादी मिलनी चाहिए।
  • कुछ घरों में माताएं अपनी ऊर्जा बचाने के लिए बेटियों को बचपन से ही घर के काम पर लगा देती हैं। उनका यह कहना है कि लड़कियों को पढ़ाई के बावजूद घर का काम आना चाहिए। घर का काम सीखने के लिए एक मैच्योर लड़की को छ: महीने या एक साल से ज्यादा समय नहीं चाहिए। बचपन या किशोरावस्था से ही काम पर लगाने का मतलब है उसका बचपन छीन लेना। वह दूसरे बच्चों से पढ़ाई में पीछे रह जाएगी और अपने सपने पूरे नहीं कर पाएगी।
  • कई घरों में जब लड़की कमाने लगती है तो अभिभावक उससे बिना पूछे उसकी पूरी तनख्वाह ऐंठ लेते हैं। बेटी को भी फैसला लेने दें। अगर घर में पैसे की बहुत कमी है तो वह खुद ही कुछ हिस्सा रख कर आपको बाकी की तनख्वाह दे देगी या फिर घर के खर्चे खुद करना पसंद करेगी। जो भी कमाता तथा मेहनत करता है, सबसे पहले उसकी कमाई पर उसी का हक होना चाहिए। बेटी को फैसला लेने दें कि वह क्या करना चाहती है।
  • घर में माता-पिता जो भी पैसा-जायदाद इकट्ठी करते हैं उसमें कभी भी बेटी को हिस्सेदार नहीं समझा जाता। सब बेटे का ही माना जाता है। आजकल तो मां-बाप जीते जी वसीयत में लिख देते हैं, ”हमारे मरने के पश्चात सारी चल-अचल सम्पत्ति हमारे बेटे को मिले।”

बेटी को दिए दहेज को उसका हिस्सा बता कर पल्ला झाड़ लेते हैं जो सारी सम्पत्ति का तीन-चार प्रतिशत भी नहीं होता।
लड़की के मां-बाप बेटे की शादी पर भी तो भारी-भरकम खर्चा करते हैं, फिर बेटी की शादी पर खर्चे गए धन को उसकी जायदाद का हिस्सा कह कर बात को  टाल देना दूसरों को धोखा देने वाली बात है। विधवा या तलाकशुदा होने पर उसे अपने लिए खुद घर बनाना पड़ता है, नहीं तो दूसरी शादी का आश्रय लेना पड़ता है। मां-बाप को चाहिए कि वे बेटियों को जायदाद में से बराबर का हिस्सा दें । उसे दर-दर की ठोकरें खाने या समझौते करने पर मजबूर न करें।

Read More »

मुंबई की लाइफलाइन लोकल ट्रेन में भी ले सकते हैं एसी का मजा?

कुर्ला टर्मिनल्स के पास नए रेल्वे उद्घाटन समारोह में केंद्रीय रेल मंत्री मलिक अर्जुन, महाराष्ट्र राज्य के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, पालकमंत्री मो.आरिफ नसीम खान, सांसद प्रिया दत्त, सांसद एकनाथ गायकवाड, सांसद संजय निरूपम, सांसद संजीव नाईक, सांसदआनंद परांजपे, मंत्री पतंगराव कदम, मुंबई महापौर सुनील प्रभू, विधायक राजीव सताव, विधायक मिंलिंद कांबले तथा अन्य मानवर…  

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : मुंबई की लाइफलाइन कहे जानेवाली मुंबई लोकल का कायाकल्प होने वाला है. गौरतलब है कि महानगर की पटरियों पर अब अत्याधुनिक और लक्जरी सुविधाओं से लैस लोकल ट्रेन दौड़ेगी. इसतरह का पहला रैक मुंबई पहुंच भी चुका है. ऐसे कुल 72 रैक्स मंगाए जा रहे हैं. इन रैक्स को जर्मन कंपनी बंबार्डीयन ने तैयार किया है. इन नए रैक का उद्घाटन रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खड़गे और मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने उपनगरीय लोकमान्य तिलक टर्मिनस पर एक भव्य कार्यक्रम के दौरान किया.

इस नए रेल डिब्बों में बहुत सी की खासबातें होंगी जो लोग को काफी सुविधाएं उपलब्ध कराएंगी. इन नए रेल डिब्बे की बातों को देखकर लगता है कि अब लोगोलं का सफर बहुत आरामदायक होगा. आईए बतातें हैं नए रेल डिब्बे की बातें.

  • सभी डिब्बे स्टीलनेस स्टील के होंगे.
  • एनर्जी एफिशिएंट.
  • प्रति घंटे 16 हजार क्यूबिक मीटर हवा सप्लाई.
  • सामान रखने के लिए स्टील के रैक.
  • पॉलीकार्बोनेट लूअर्स के साथ चौड़ी खिड़कियां.
  • डिब्बों में जॉइंट पर रीजनरेटिव ब्रेकिंग.
  • गाड़ी से 35 पर्सेंट ईंधन की बचत.
  • स्टील के साइड वॉल और पेनल रूफ.
  • एयरोडायनामिक ड्राइवर केबिन.
  • गर्मी से बचाने के लिए रूफ माउंटेड वेंटीलेशन सिस्टम.
  • डिब्बे में डबल साइड सूचना डिस्प्ले प्रणाली.
  • दरवाजों में कांच के पारदर्शी दरवाजे.
  • लाइट वेट स्लाइडिंग दरवाजे.
  • स्टीलनेस स्टील की सीटें.
  • पकड़ के लिए पॉलीकार्बोनेट स्टील हैंडल.

आपको बता दें कि यह विकास कार्य एमयूटीपी(मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रॉजेक्ट) के दूसरे चरण के तहत किया जा रहा है. इसके लिए 12 कार रैक(रेल डिब्बे) के 72 नगों(864 डिब्बों) का निर्माण चेन्नै स्थित इंटीग्रल कोच फैक्टरी में किया जारहा है. इस परियोजना के कुल लागत 3041 करोड़ रुपये है.

इसकार्यक्रममेंमुंबईके 12 उपनगरीय रेलवे स्टेशनोंपर ट्रेसपास कंट्रोल लगाए जानेकी भी घोषणा की गई है. यह ट्रेसपास कंट्रोल लोगोंको पटरी पार करनेसे रोकने के लिए होगा. इसके अतिरिक्त ऊपरीमार्ग पर प्लैट फॉर्मोंके बीच इंटरकनेक्शन, चारदिवारीका निर्माण, एस्केलेटर, ग्रीनपैच, रेलवे ट्रैककी बारकेडिंग शामि लहै. इसके साथ ही मुंबई के वेस्टर्न और सेंट्रल लाइनके छह स्टेशनोंपर एस्केलेटर और लिफ्ट लगाने का प्रस्ताव है. ये स्टेशन हैं – दादर, कुर्ला, कांजूरमार्ग, ठाणे, ठाकुर्ली, कल्याण( सेंट्रललाइन) और दादर , कांदिवली , बोरिवली , भाईंदर , वसई रोड और नालासोपारा.

मुख्यमंत्रीने मंचपर उपस्थित मेयर सुनील प्रभुसे उपनगरीय रेलवे स्टेशनों पर महिला शौचालयका प्रबंध करने की भी गुजरिश की. कार्यक्रमके दौरान रेलवे इलेक्ट्रिकल बोर्ड के मेंबर सुबोधजैन, कुलभूषण, रेलवे बोर्ड अध्यक्ष अरुणेन्द्रकुमार और मंडल प्रमुख मुकेश निगम  ने मुख्यमंत्री और रेलमंत्रीको शॉल और श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया.

Read More »

संजय दत्त को नहीं मिलेगी जल्द राहत?

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : 1993 मुंबई ब्लास्ट में पुणे की येरवादा जेल में सजा काट रहे बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त की सजा माफी पर केंद्र सरकार महाराष्ट्र सरकार के पास एक अनुरोध पत्र भेजेगी. हालांकि अभी तक ऐसा नहीं हुआ है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि उन्हें अभी तक केंद्र सरकार से ऐसा कोई पत्र ही प्राप्त नहीं हुआ है जिसमें संजय दत्त की सजा कम करने कीबात कही गई हो.

आपको बता दें कि महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर.आर.‌पाटिल ने कहा कि, 'हमें अभी तक केंद्र सरकार से इस बारे में कोई भी पत्र प्राप्त नहीं हुआ. पत्र प्राप्त होने के बाद ही हम इस बारे में विचार कर सकते हैं.' उल्लेखनीय है कि आर्म्स एक्ट के तहत संजय दत्त को मई महीने में सजा सुनाई गई थी. करीब बीस दिनों पहले संजय दत्त को उनकी बीमारी की वजह से छुट्टी मिली थी। पहले यहछुट्टी 15 दिन की थी जिसे बाद में 15 दिन और बढ़ाया गया.

Read More »
 
Delievered to you by Feedamail.
Unsubscribe

No comments:

Post a Comment