Monday, August 12, 2013

FeedaMail: Pits News Paper

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हेल्थ टिप्स – त्वचा क्यों पड़ जाती है नीली?

कभी कभी हमारे शरीर के किसी हिस्से का रंग नीला दिखाई देता है इसके पीछे कारण है आक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति ना होना. यह सामान्यत उन बच्चों में देखा जाता है जिनमें हृदय संबंधी जन्मजात असमान्यताएं होती हैं और उन लोगों में भी जिन्हें श्वास संबंधी समस्याएं होती हैं. शरीर पर नीले दाग के निशान कुछ दवाओं के साइड इफैक्ट्स की वजह से भी हो सकता है और कुछअन्य कारणों से भी. इसलिए यदि आपकी त्वचा नीली पड़ जाती है तो आपको तुरंत मैडीकल जांच तथा संभव उपचार की आवश्यकता है. ऐसा होने पर लापरवाही ना करें बल्कि उचित समय पर डॉक्टर को दिखाएं.

अधिकतर लोग मानते हैं कि जब त्वचा नीली पड़ती है तो ऐसा सांस लेने मेंअसामर्थ्य के कारण होता है. यह सच है कि शरीर को आक्सीजन की आपूर्ति तुरंत रोक देने से त्वचा नीली हो जाती है परन्तु कुछ अन्य कारण भी हैं जिनके कारण आपकी त्वचा नीली पड़ती है. आईए जानते हैं उन वजहों को.

सामान्य तौर पर आपकी लाल रक्त कोशिकाओं में मौजूद हीमोग्लोबिन नामक प्रोटीनसे आक्सीजन जुड़ती है. ऐसा तब होता है जब आपके फेफड़ों में रक्त वाहिनियोंके माध्यम से रक्त प्रवाहित होता है. इसके बाद रक्त पूरे शरीर के सभीअंगों द्वारा इस्तेमाल के लिए प्रवाहित होता है. यह काकेशियन्स तथा म्यूक्स मैम्ब्रेन्स की त्वचा को(मुंह, नाक, आंखों) एक आम गुलाबी रंग देता है. यदि रक्त में आक्सीजन की आपूर्ति किसी कारण कट जाए तो हीमोग्लोबिन बिना आक्सीजन के प्रवाहित होता है, इससे त्वचा की रंगत नीली पड़ जाती है.

कई रोग रक्त में आक्सीजेनेशन को कम कर सकते हैं जिनमें हृदय संबंधी जन्मजात असमान्यताएं या फेफड़ों का रोग शामिल है. इसके साथ ही कुछ निश्चित दवाओं के सेवन या व्याधियां भी लाल रक्त कोशिकाओं में हीमोग्लोबिन को परिवर्तित कर सकती हैं ताकि वे आक्सीजन ले जाने में अक्षम हो जाएं और आपकी त्वचा नीलेरंग की हो जाती है.
यदि आपकी त्वचा या होंठ नीले होते हैं तो आपको इसका छिपा कारण ढूंढने हेतु तुरंत डाक्टर से अपनी जांच करवाने की जरूरत है. इसके पीछे कारण ह सकता है कि आपके अंग पर्याप्त आक्सीजन न प्राप्त कर रहे हों जिसका आपके स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक प्रभाव हो सकता है. ऐसे मामलों में लापरवाही ना करें बल्कि डॉक्टर को दिखाए. इलाज से इस व्याधि को दूर किया जा सकता है.

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रोजलिन खान 'सविता भाभी'के अवतार में

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : 'सविता भाभी'नामक पॉर्न कार्टून करेक्टर ने लाखों लोगों को अपनादीवाना बनाया हुआ है. इस कंट्रोवर्सी से भरे ऐनीमेटेड कार्टून करेक्टरको पर्दे पर जो अभिनेत्री निभाने जा रही हैंउनका भी विवादों से चोली दामन का साथ है. जी हां हमेशा विवादों से घिरीं रोजलिन खान अब सविता भाभी के अवतार में नजर आएंगी. हालांकि अभी तक यह पता नहीं चला है किइसका वास्तविक स्वरूप क्या होगा.

आपको बता दें कि यह फिल्म राम गोपाल वर्मा बनाएंगे जिसमें रोजलिन 'सविता भाभी' का किरदार निभाएंगी.सविता भाभी के इस एनीमेटेड करेक्टर को जिंदा कर रामू एक एडल्स सेक्सकॉमेडी फिल्म बनाने की तैयारी में है.

हालांकि यह तो वक्त ही बताएगा कि रोजलिन अपने हॉट और सेक्सी जलवों सेसविता भाभी को जिंदा कर पाएंगी या दर्शकों को निराश करेंगी.

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नरेंद्र मोदीने बधाई दी जूनियर महिला हॉकी टीम को

नई दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने जर्मनी के शहरमोंचेनग्लादबाक में आयोजित विश्व कप में कांस्य पदक हासिल करने वाली भारतकी जूनियर महिला टीम को बधाई दी है. इतना ही नहीं मोदी ने इस टीम की जमकर तारीफ की.

गौरतलब है कि भारतीय लड़कियों ने गत रविवार को कांस्य पदक के लिए हुए प्लेऑफ मुकाबले में इंग्लैंड को पेनाल्टी शूटआउट के माध्यम से 3-2से हराया. मोदी ने ट्विट किया कि, 'बधाई….यह एक ऐतिहासिक उपलब्धि है.'युवा खिलाडिय़ों की इस साहसिक जीत से खुश होकर हॉकी इंडिया ने प्रत्येकखिलाड़ी और मुख्य कोच को एक-एक लाख और सहयोगी स्टाफ को 50-50हजार रुपये कापुरस्कार देने की घोषणा की है.

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घर परिवार – बच्चों की देखभाल

प्रश्न: बच्चों की आदतों को सही दिशा कैसे दी जाए?

उत्तर: जन्म के बाद तीन वर्ष तक बच्चे जो कुछ मिले उसे मुंह में डालते हैं और हर वस्तु को स्पर्श करने की चेष्टा करते हैं. ऐसे में मां का उत्तरदायित्व बहुत बढ़ जाता है. उसे बच्चे की रक्षा के साथ उसके स्वास्थ्य और उसमें अच्छे संस्कार डालने की जिम्मेदारी भी उठानी पड़ती है.

बच्चे में सर्जनात्मक क्रियाओं को बढ़ावा देने के लिए चित्ताकर्षक खिलौने, रंगीन चॉक, पेंसिल, प्लास्टरकिट आटा आदि के दर कुछ बनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. घर के काम करते समय बीच बीच में बच्चों को खेल में लगा कर उन्हें व्यस्त रख सकती हैं. स्लेट, पाटि पर रंग आदि लगाने में बच्चों को बहुत आनंद आता है.

बच्चे जब 5-6 वर्ष के हो जाएं तो उन्हें क्रयॉन से यहां न करो, वहां न छुओ आदि नहीं कहना चाहिए. यदि नाकारात्मक आदेश देना कि वह दीवारें आदि गंदा करता है तो उसे सही जगह बतानी चाहिए. जैसे पेपर या प्लेट जिस पर वह रंग लगा सकता है. यदि वह बहुत कुदता है और शोर मचाता है तो उसे यहां पर शोर मत करो कहने के बजाय उसे सही जगह बता देनी चाहिए जहां वह खेले, कूदे.

रात को सोने के समय मां और पिता का साथ बहुत आवश्यक होता है. उस समय उसे कोई कहानी पढ़कर सुनाए. गीत गाए या लोरी आदि सुनाए जिससे उसका मन शांत और प्रसन्न होगा. कुछ भी बात करें ऐसे में बच्चा बहुत ग्रहणशील स्थिति में होता है और ऐसे में कही गई बातें, बच्चे के मन पर गहरा प्रभाव डालती है.

खाना एक महत्वपूर्ण कार्य है. खाने में जूठा नहीं छोड़ना, उंगलियों को न चाटना ऐसे नियम ना लादें जाएं. खाना यदि थाली में रह भी जाए तो बच्चों को जबरदस्ती, कठोरता से खिलाने के बजाय उनको कहना चाहिए कि चलो इसमें से थोड़ा चिड़िया को, कौए को खिलाओ इससे वह अपना हिस्सा बांटना सीखेगा जो एक महत्वपूर्ण बात है.

प्रश्न: 6 से 10 वर्ष के बच्चों को रोज के जीवन में अनुशासन कैसे सिखाया जाए?

उत्तर: सबसे पहले तो माता-पिता को स्वंय अनुशासन में रहना होगा. जो नियम वे बच्चे को सिखाना चाहते हैं उनका पालन वे पहले स्वंय करें. बच्चे कहने से इतना नहीं सीखते जितना देख कर अनुकरण करते हैं. उनके सामने एक आदर्श होगा तब भी वे उसको देखकर उसके जैसा बनना चाहेंगे. उनके साथ खेलना, साथ प्रार्थन करना, भोजन करना आदि से वे 'पारिवारिक संबंधों' से जुड़ते हैं. आपस में एक मैत्री भाव विकसित होता है.

प्रश्न: बच्चों को सिखाने के समय किस तरह का व्यवहार करना चाहिए?

उत्तर: बच्चों के साथ व्यवहार करने के उन्हें कुछ सिखाने में चार तरीके अपनाने पड़ते हैं.

साम: किसी भी बात को पहले बच्चों क प्यार से समझाना चाहिए. अगर आप ऐसा करेंगे तो मुझे(मां/पिता) को अच्छा लगेगा. अच्छे कार्य के परिणाम अच्छे होंगे उन्हें यह प्यार से समझाना चाहिए. उनकी भावनाओं को समझ कर बात समझानी पड़ेगी. बच्चे ऐसी बातें यदि तर्क दे कर सच्चाई से समझाई जाए तो अवश्य समझ लेते हैं.

दाम: इस तरीके से बच्चों को जो अच्छा लगता है उसकी याद दिलाकर मां उनके लिए वह चीजें बना कर देनी चाहिए. दूध पियोगे तो तुम जल्दी खेलने जा सकोगे. अच्छी तरह स्कूल का काम पूरा करोगे तो पुरस्कार मिलेगा. वह पुरस्कार चॉकलेट या उसकी पसंद के खाने की चीज कुछ भी हो सकती है. इस प्रकार अच्छा कार्य करने पर सच्चाई से प्रशंसा करें. बच्चों के मन में यह बात बैठ जाती है कि मुझे अच्छा काम करना है और उससे फायदा होता है.

दंड: इसका अर्थ है कुछ सजा मिलनी या दुखद स्तिथी आनी. बच्चों को कमरे में बंद करना, पीटना आदि नाकारात्मक स्थितियां इनसे दंडित होकर उनमें क्रोध बढ़ता है.

दंड का उपयोग इस तरह करें कि आप उससे कुछ देर तक बात ना करें, मां कहे कि मैं उपवास करूंगी या उसे किसी पसंद की चीज से थोड़े समय के लिए वंचित कर दें. ऐसी स्तिथी में मां को कष्ट उठाते देख कर वो दुखी होता है. उन्हें यह समझ आती है कि कोई बुरा कार्य करने पर उसका परिणाम भुगतना पड़ता है. वे फिर ऐसी स्थिति से बचते हैं, उन्हें समझ आती है.

भेद: अर्थात विवेक बुद्धि से सोच समझकर बदलाव लाने के लिए कड़ी नियमों का पालन करना जैसे जहां उसके अच्छे मित्रों का संग न हो वहां से स्कूल बदल देना. उस परिस्थिति को ही बदल देना.

12 वर्ष के बाद अनुशासन के लिए कोई सीधे आदेश न देकर बच्चों के अच्छे कार्यों की प्रशंसा करें. उनकी गलतियों को बार बार टोकने के बजाय उन्हें ऐसी जगहों पर ले जाईए जहां के वातावरण में उन्हें अच्छे संस्कार मिले. घर पर अच्छी पुस्तकें ला कर, अच्छी चीजे दिखा, बताकर उनमें ऐसी रूचियां विकसित करने से घर का वातावरण ही उन्हें बहुत कुछ सीखा देगा. माता पिता का अच्छा आचरण उनके लिए एक आदर्श बन जाता है जिसका वे अनुकरण करते हैं.

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शत्रुघ्न सिन्हाशामिल होंगे नीतीश की सेना में?

पटना : जेडी(यू) ने गत रविवार, 4 जुलाई को भाजपा नेता शत्रुघ्न सिन्हा को पार्टी से जुडऩे कानिमंत्रण दिया. गत शनिवार को ही भाजपा ने शत्रुघ्न सिन्हा को नीतीश कुमार कीतारीफ करने को लेकर कहा था कि ऐसे बयानों से पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचरहा है. जेडी(यू) के प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी के दरवाजेसिन्हा के लिए हमेशा खुले हुए हैं.

सिंह के अनुसार सिन्हा जब चाहे जेडी(यू) से जुड़ सकते हैं. वह उनका स्वागतकरेंगे. गौरतलब है कि शत्रुघ्न बिहार के पटना साहब से भाजपा के एमपी हैं. सिन्हा ने बीते मंगलवार को कहा था कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बनने के लिए सही इंसानहैं और इतना ही नहीं उन्होंने नीतीश की तारीफों के पुल भी बांधे थे.

वहीं दूसरी ओर शत्रुघ्न सिन्हाके इस बयान से भाजपा के दिग्गज नेता काफी नाराज हैं. उन्होंने शत्रुघ्नसिन्हा से कहा कि उन्हें नीतीश कुमार की तारीफ करने की जरूरत नहीं है. साथही पार्टी ने कहा कि शत्रुघ्न गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफभी कोई बयान न दें.

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हाफिज सईद ने दी दिल्ली में आतंकी हमले की धमकी

नई दिल्ली : दिल्‍ली पुलिस को आईबी का अलर्ट आया है कि हाफिज सईद हमला कर सकता है। चिट्ठी मिलने के बाद दिल्ली में हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है।  लश्कर चीफ और मुंबई हमले के आरोपी हाफिज सईद ने शुक्रवार को लाहौर के गद्दाफी स्टेडियम में खुलेआम ईद की प्रार्थना सभा की अगुआई की।

सईद के संगठन जमात-उद-दावा ने यह प्रार्थना सभा बुलाई थी। इसके पोस्टर शहर भर में लगाए गए थे। पुंछ में चकान दा बाग चौकी पर हमले से दो दिन पहले ही सईद ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) का दौरा किया था। सूत्रों के मुताबिक, 3 अगस्त को सईद पाकिस्तान के गुरुंड पोस्ट पर पहुंचा और पाक सेना की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) से मुलाकात की। बताया जा रहा है कि 5 भारतीयों जवानों की जान लेने वाले हमले में पाक सेना की टुकड़ी शामिल थी।

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मोरारी बापू बोले, शरीफ साहब, शराफत दिखाओ, सिंह साहब, दहाड़ो

इंदौर: जम्मू के पुंछ में हुए पाकिस्तानी हमले में मारे गए पांच भारतीय सेना के जवान पर प्रसिद्ध संत मोरारी बापू ने गुरुवार को राम कथा छोड़कर बीच में कहना पड़ा- ‘शरीफ साहब, शराफत दिखाओ, सिंह साहब, दहाड़ो।’ उनका आशय पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से था।

पाकिस्तान के हमले से व्यथित मोरारी बापू ने कहा-’मुझे पता है, मेरा बस नहीं चलेगा। पर अगर मेरा बस चले तो मैं रक्षा मंत्री का दफ्तर बॉर्डर पर बनवा दूं। बिलकुल सीमा पर। अगर उन्हें संसद या दिल्ली में आना है किसी काम से, बेशक सेना के विमान से आ जाएं। मेरी समझ में नहीं आता कि रक्षा मंत्री का दिल्ली में क्या काम है? वहां सीमा पर फौज के साथ रहें रक्षा मंत्री।’

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पद्मश्रीअनुप जलोटाऔरपं.किरन मिश्रका अनोखा पेंटिंग एक्जीबिशन

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : हमने अक्सरयह सुना है कि एक गायक नए नए गाने अनोखे तरीके से गा सकता हैऔर एक गीतकार अपने मन से अनेक विषयों पर गीत लिख सकता है. परंतु क्या एक गीतकार और एक गायक पेंटिंग में भी रूची रखते हैं? यह कभी आपने सुना है. जी हां, गत सोमवार को मुंबई में काला घोड़ाके आर्टिस्ट सेंटर में यह पेंटिंग एक्जीबिशन बड़ी धूमधाम से संपन्न हुआ. गीतकार पं.किरन मिश्र ने अपने मनधारणा से अनेक पेंटिंग बनाए जो कि बहुत खूबसूरत हैं. उनके पेंटिंग को पद्मश्री अनुप जलोटा ने प्रस्तूत किया. इस प्रदर्शनी में मुंबई के बड़ी-बड़ी हस्तियों ने शिरकत किया. जिसमें थे श्री.नंदकिशोर नौटियाल(पूर्वअध्यक्ष, महाराष्ट्रहिंदी साहित्य अकादमी), श्री मनमोहन सरल(कला समीक्षक और पत्रकार)श्री.सागर प्रसादतिब्रेवाल(उद्योगपति), श्रीराजेंद्र तुलशीयाद(राजस्थानी मंडल, गोकुलधाम) श्री प्रदीप कैना(मैनेजिंग डायरेक्टर,शक्ति हार्डवेयर) औरश्री दीपक सुल्तानिया(उद्योगपति) उपस्थित थे. इस प्रदर्शनी को देखने के लिए मुंबई भर से कई लोग आए थे. लोगों ने इस प्रदर्शनी को देखाऔर इसे सराहा. इसप्रदर्शनी के बारे में पिट्स प्रतिनिधि से बात करते हुए पं.किरन मिश्र ने कहा कि इस तरह पेंटिंग एक्जीबीशन करके हम लोगों के चेहरे पर आनंद देखना चाहते हैं.पद्मश्री अनुप जलोटाने कहा किहमारा मकसद लोगों का दिल जीतना है और पेंटिंग एक्जीबीशन के जरिए इस तरह की कला को बढावादेनाहै.

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