Tuesday, August 27, 2013

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2जी मामले में, कुछ याद नहीं- अनिल अंबानी

नई दिल्ली : 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले मामला अभी भी सुर्खियों में हैं हालांकि इस संबंध में रिलायंस एडीएजी के अध्यक्ष अनिल अंबानी की तरफ से जो बयान आया है वह चौंका देनेवाला है. गौरतलब है कि अनिल अंबानी 2जी स्पेक्ट्रम मामले की सुनवाईकर रही दिल्ली की एक अदालत के समक्ष अभियोजन पक्ष के गवाह के तौर पर पेशहुए और कहा कि उन्हे आरएडीएजी की सहयोगी कंपनी कहे जाने वाली एक कंपनी कीविभिन्न बोर्ड बैठकें 'याद'नहीं क्योंकि उसके विवरण उन्होंने 'तैयारनही' किए थे.

आपको बता दें कि सीबीआई के  गवाह के तौर पर पेशी से बचने को लेकर उच्चतम न्यायालय से कोई भीराहत नहीं मिलने के बाद अंबानी पहली बार गवाह के तौर पेश हुए हैं. विशेष लोकअभियोजक यू.यू. ललित ने कंपनी की वर्ष 2005-2006की बैठकों का विवरण दिखायातो अंबानी ने कहा कि उन्हें एएए कंसल्टेंसी सर्विसेस प्राइवेटलिमिटेड कीप्रत्येक बैठक याद नहीं.

अनिल ने विशेष सीबीआई न्यायाधीश ओ.पी. सैनी से कहा कि,'मैं काफी संख्या मेंबैठकों में शामिल होता हूं और मुझे याद नहीं. मैं रिकार्ड के अनुसार ही आगेबढ़ रहा हूं.' इस पर न्यायाधीश ने अंबानी से कहा कि यद्यपि उन्हे इनबैठकों के बारे में याद नहीं जिसमें वह मौजूद थे लेकिन रिकार्ड झूठे नहींहो सकते.  न्यायाधीश ने अंबानी से पूछा कि ,'लेकिन आप झूठे रिकार्ड तो नहींबनाते होंगे. आपके रिकार्ड तो सही होंगे.' अंबानी ने न्यायाधीश के सवालके जवाब में कहा, 'रिकार्ड सही होने चाहिए.' अब देखना यह कि अनिल को बाकी बातें याद आतीहैंया नहीं.

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लाईफ स्टाइल – नोज़ रिंग के जादू से खिल उठेंगी आप

आप जब नाकमें चमचमाती नगों से जड़ी नोज़ रिंग और नोज़ पिन पहनती हैं त यह आपको खास लुक तो देती ही हैसाथ ही आपको परंपरा को बनाए रखने का भी एहसासकराती है.नोज रिंग चेहरे पर काफी जंचता है लेकिन आपको सही नोज रिंग चुनने की जरूरत होती है. भारत में नथ सुहागऔर सौभाग्य का प्रतीक मानी जाती है. नोज़ रिंगयानी नथ के बिना दुल्हन काश्रृंगार अधूरा माना जाता है.

वर्तमान समय नोज़रिंग फैशनमें है और सबके सिर चढ़कर बोल रहा है इसका जादू. युवालड़कियों में तो नोज़ रिंग का क्रेज़ बढ़ता ही जा रहा है.नोज रिंग का क्रेज इतना बढ़ गया है कि अब यह कॉलेज जानेवाली लड़कियों में भी फेमस हो चुका है. पहले महिलाएं सिर्फ विवाह समारोहों के दौरान ही नोज़ रिंग्स पहनती थीं, लेकिन आजकल जिस लड़की को देखो नोज़ रिंग पहनने में लगी है. नोज रिंग अब सुहाग की निशानी के साथ-साथलड़कियों का डिफरेंट स्टाइल स्टेटमेंट भी बन चुकी है.

नोज रिंग है फैशन स्टेटमेंट:फैशन के नएट्रैंड्स सेट करने में बॉलीवुड अभिनेत्रियों का भी बड़ायोगदान रहता है. वह जो कुछ भी नई चीज़ ट्राई करती हैं वही फैशन स्टेटमेंटऔर लेटेस्ट ट्रेंड बनजाता है. नोज रिंग को प्रचलित करने में माधुरी दीक्षित का बड़ा हाथ है. उन्होंने भी अपनी कई फिल्मों मेंनोज़ रिंग पहन करदर्शकों पर अपने हुस्न का जादू चलाया था. छम्मक छल्लोगीत में करीना कपूरने जब मराठी नोज़ रिंग पहनी तो लड़कियों ने उसे कॉपीकरने में जरा सी भीदेर नहीं की. सोनाक्षी तो अपनी नोज़ रिंग को अपना लकमानती हैं.

66वेंकांस इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में विद्या बालन और सोनम कपूरअपनी खूबसूरतनोज़ रिंग पहने हुए लोगों का ध्यान बरबस हीअपनी ओर आकर्षितकर रहीं थीं.बॉलीवुड की ही तरह हॉलीवुड स्टार्स जैसेलेडी गागा, मिलीसाइरस और जेसिका बेल भी अपनी नाक में नोज़ रिंग पहन चुकीहैं.

समय के साथ नहीं बदला यह फैशन:समय के साथचीज़ों में बदलाव आना स्वभाविक होता है पर नोज़ रिंग के लिए लड़कियोंका प्यार आज भीवैसे ही कायम है जैसे पहले था. डिज़ाइनर्स मानते हैं कि नोज़ एसैसरी काट्रैंड कभीखत्म नहीं हो सकता है.

नोज़ रिंग साड़ी पर सबसेप्यारी लगती है. आप किस तरह कीसाड़ी पहन रही हैं नोज़ रिंग भी उसकेअनुसार ही पहनी जाती है. चूंकिनोज़ रिंग पहन कर लड़कियां कूल दिखतीहैं इसलिए वे इन्हें पारंमपरिकपरिधानों के अलावा वैस्टर्न या फ्यूजन ड्रेसेज के साथ भी पहनती हैं. यह हर परिधान के साथ मैच हो जातीहैं.

क्यों है यह इतनी खास:नोज़ रिंग यानीनथ पहनने की प्रथा बहुत पुरानी है. पारंपरिक नथ पहननेका रिवाज़ 16वींशताब्दी में मिडल-ईस्ट देशों से शुरू हुआ जो मुगल काल मेंभारत में भीप्रसिद्ध हुआ. भारतीय संस्कृति और परम्परा में नोज़ रिंग कोसुहाग और शादीसे जोड़ कर देखा जाता है. शादी में तो नथ को ही स्पेशल मानाजाता है. हिंदुओं में किसी भीधर्मिकउत्सव पर सुहागन द्वारा नथ ज़रूर पहनी जाती है. मुस्लिम समुदायमें लड़केवालों की तरफ से लड़की को कपड़े और गहनों के साथ नथ भी भेजीजाती है औरनिकाह की रस्म नथ पहनने के बाद ही अदा की जाती है.

नोज़ रिंग के मामले में सबकीअपनी अलग-अलगपसंद है इसलिए वह अलग-अलग अंदाज के नोज रिंग पहनती हैं. अलग-अलग एजग्रुप के हिसाब से अबकई वैरायटी औरडिज़ाइन में नोज़ रिंग व नोज़ पिन मार्केट में आपको मिल जाएंगे.

नोज़ रिंग: आजकल लड़कियां स्टाइलिश नोज़ रिंग पसंद करतीहैं. आज के फैशन ट्रैंडके अनुसार नोज़ रिंग के आकार भी बदल रहे हैं. नसिर्फ गोल बल्किज्योमैट्रिकल डिजाइंस में भी नोज़ रिंग्स आकर्षक दिखतीहैं. वहीं आध्यात्मिकमानसिकता वालीलड़कियां यंत्र, गणेश, त्रिशूल और किसी देवी या देवता कीप्रतिमा के आकारकी नोज़ रिंग चुन सकती हैं. नथ पैटर्न की नोज़ रिंग में तीन-चार नगों की लड़ीजैसे डिजाइन भी आरहे हैं, जो दिखने में नथ की तरह लगते हैं. आजकल लड़कियांपारंपरिक ट्राइबलज्यूलरी से प्रेरित नोज़ रिंग चुन रही हैं. यय नोज़ रिंग्स आकार मेंथोड़ी बड़ी होती हैं और आमतौर पर चांदी से बनाईजाती हैं. व्हाइट गोल्ड, पिंक गोल्ड या ऑक्सीडाइज्ड व प्लैटिनम की नोज़रिंग के अलावा कुंदन, पोलकी, और डायमंड, रूबी, पन्ना व दूसरे कीमती स्टोंससे जडि़त नोज़ रिंग्स युवालड़कियों में खासी लोकप्रिय हो रही हैं.

नोज़ पिन या लौंग:कईलड़कियां नोज़ रिंग की जगह नोज़ पिन यालौंग पहनती हैं. यह भी उनपर खूब जंचता है. सिंपल लड़कियों कोछोटी राउंड नोज़ पिन अच्छी लगती हैफिर यह चाहे गोल्ड में हो या डायमंडमें. इसके अलावा स्टार, थ्री स्टोन, कैरी, पत्ती, हार्ट, हाफ मून, स्टार, बतख, चिडिय़ा, रोज जैसे कुदरत से प्रेरितडिजाइंस कॉलेज गोइंग गर्ल्स ज्यादापसंद कर रही हैं.

मराठी नथ:नोज़ रिंग पहनने का फैशन नया नहीं है. महाराष्ट्र की नथों में आम के आकार में पिरोया गया मोतियों का गुच्छा इसकी विशेषता है.

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हेल्थ टिप्स – फ्लैट टमी चाहिए तो रखें अपना ख्याल

इन दिनों प्रत्येक व्यक्ति अपने लुक को लेकर काफी सतर्क रहते हैं ऐसे में अगर उनका टमी फ्लैट हो तो सोने पर सुहागा. आज कल सभी को फ्लैट टमी की चाहत होती है और फैट कम करने के लिए वे हर रास्ता अपनाते हैं. लेकिन फिर भी कई बार लोगों को ज्यादा जानकारी ना होने की वजह से उन्हें पूरा फायदा नहीं मिलता. हालांकि फ्लैट टमी पाना इतना मुश्किल नहीं है, अगर आप थोड़ा ध्यान देंगी तो फ्लैट टमी पा सकती हैं. आईए आपको बताते हैं कि कैसे आप आसानी से फ्लैट टमी पा सकेंगी.

वर्तमान समय में हमारा रहन-सहन कुछ ऐसा हो गया है कि हम चाहकर भी अपने शरीर का वजनबढ़ने से रोक नहीं पाते. कुछ लड़कियों का पूरा शरीर देखने में पतला लगता हैपर पेट काफी ज्यादा निकला होता है. हालांकि पेटकी चर्बी घटाना और फ्लैट टमी पाना कोई मुश्किल काम नहीं है इसके लिए आपकोसही खान-पान और रैगुलर एक्सरसाइज पर ध्यान देना होगा.

जब बैठें तो कुछ बातों का रखें ध्यान: जो लोग सारा दिन कंप्यूटर के सामनेबैठकर काम करते हैं उनका पेट निकलने की संभावना अधिक रहती है. टमी कम करनेका सबसे पहला टिप यह है कि आप अपना पोश्चर हमेशा सही रखें. कभी भी झुक कर या कंधे झुका कर न बैठें. जब भी बैठें अपनी बैक को स्ट्रेट रखें, साथ हीकंफर्टेबल पोजीशन में बैठें. चलते समय भी सीधे होकर ही चलें. ऐसे में आपका पेट भी नहीं निकलेगा और आप स्मार्ट भी नज़र आएंगी.

ऑफिस में स्ट्रेचिंग: अगर आपका सारा दिन ऑफिस में ही कामकरते बीत जाता है तो कुर्सी पर बैठे हुए कुछ देर के लिए पेट को अंदर खींचकर रखें. सांस को थोड़ी देर रोकें और फिर छोड़ें. कुर्सी पर बैठे-बैठे शरीर को दोनों ओर घुमाएं. कुर्सी पर बैठ कर पैरों को स्ट्रेट करें और उन्हें मूवमैंट दें. साथ ही लगातार ज्यादा देर तक कुर्सी पर न बैठे रहें बल्कि हर घंटेकुछ मिनट के लिए थोड़ा टहल लें या बीच-बीच में इधर-उधर काम के लिए खुद जाती रहें.

थोड़ी सी एक्सरसाइज करना भी जरूरी: पेट की फैट, बॉडी फैट का ही पार्ट है पर यह ज्यादा दिखाई देता है और आपकी पर्सनैलिटी को भी डाऊन करता है. खुद को फिट रखने के लिए एक्सरसाइज तो जरूरी है ही, यह बात टमी को भी फ्लैट करने पर लागू होती है. इस फैट से छुटकारा पाने के लिए एब्डोमिनल एक्सरसाइजपर फोकस करना जरूरी है. इसके अलावा आप चाहें तो योग का भी सहारा ले सकती हैं वरना किसी विशेषज्ञ की निगरानीमें जिम में पसीना बहा सकती हैं. अपनी कार्डियों रूटीन में बॉक्सिंग को जरूर शामिलकरें. इसको लगातार करने से आपके पेट पर बहुत फर्क पड़ेगा क्योंकि इससे कैलोरीका बर्न होती हैं. हफ्ते में केवल तीन दिन और 15 मिनट बॉक्सिंग कीजिएऔर आप देखते ही देखते चार हफ्तों में दो इंच कमर कम कर लेंगी.
इसके साथ ही यदि आपका ऑफिस घर से ज्यादा दूर नहीं हो तो पैदल ही ऑफिस जाएं. अगर संभव हो तो साइकिलिंग करें, यह भी आपके पेट को फ्लैट रखने में काफी मदद कर सकता है.

संतुलित खान-पान: विशेषज्ञों का मानना है कि टमी या वजन को कम करने केलिए लो फैट डाइट लेना एक बड़ी गलती हो सकती है. लो फैट डाइट्स बहुत देर तक काम नहीं कर पातीं. विशेषज्ञों के अनुसार अगर आप सचमुच टोंड एब्स चाहते हैं तो आपको बैलेंस्ड डाइट भी बहुत फायदा करेगी. लो फैट डाइट की जगह फिश, चिकन, मीट, वेजीटेबल और नट्स वगैरह ले सकतीहैं.

कम से कम 2 लीटर पानी हर रोज पिएं: भोजन को ज्यादा पका कर न खाएं, इससे उसमें मौजूद पोषक तत्व खत्म या कम हो जाते हैं. बहुत ज्यादा फैट वाला नॉनवैज न ही लें तो बेहतर होगा. पोषक आहार के साथ-साथ आप दिन में 2 लीटर पानी ना पीना भूलें. इससे आपकी सेहत काफी अच्छी रहेगी.

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घर परिवार – रजोनिवृत्ति(मेनोपॉज)

प्रश्न: कार्यालय में काम करते समय एकदम से जो चिड़चिड़ाहट आती है उसको कैसे ठीक करें?

उत्तर: ऐसे समय में बाहर काम करनेवाली आरतों को ज्यादा समस्याएं आती हैं. परिवार में शांति से वक्त व्यतीत किया जाए और अगर ऐसा करना संभव नहीं है तो जब भी समय मिले निष्पदभाव कर लें. जब भी मौका मिले आंखें बंद करके थोड़ी लंबी लंबी सांसे लें और छोड़ें.

खाना कार्यालय में कभी भी तुरंत न लें. खाना खाने से पहले थोड़ा चल फिर लें उसके बाद ही खाना खाएं. आप अपने विचार देना बंद करें. तर्क, वितर्क ना करें और क्रोध करने से भी बचें. शांति से सांस लें. समय का पूरा उपयोग करें. मन लगाकर कार्य करें और परिणाम को छोड़ दें.

प्रश्न: रात में नींद नहीं आती तो क्या करें?

उत्तर: सोने से पहले पांच मिनट पैर गरम पानी में भिगोकर रखें फिर तलुवों को रगड़ों पत्थर से. मसूढ़ों की मसाज करो कोई भी अच्छे टुथपाउडर से. जलती हुई मोमबत्ती क लो और उसको एकटक देखो. फिर बिस्तर पर जाकर धीरे-धीरे अनुलोम-विलोम प्राणायाम करो.

प्रश्न: रजोनिवृत्ति में अक्सर कमजोरी महसूस होती है और मन में उतार चढ़ाव बहुत होता है तो क्या करें?

उत्तर: ताकत का सीधा संबंध मनस्थिति से है. सकारात्मक सोच हो तो ताकत अपने आप बढ़ जाती है और ताकत को संभाल कर रखें. नकारात्मक सोच से उसे खर्च ना करें तो मूड स्विंग होगा ही नहीं. इसके लिए थकने से पहले ही आराम लर ले. हर दो घंटे में तरल खाद्य पदार्थ लेना चाहिए.

प्रश्न: रजोनिवृत्ति में पेट पर चर्बी बढ़ता है, मोटापा आ जाता है तो उसके लिए क्या करना चाहिए?

उत्तर: ऐसे समय में हॉर्मोन्स में परिवर्तन होते हैं जिससे मोटापा बढ़ जाता है.Lool conscious होना जरूरी नहीं है. तले हुए पदार्थ कम खाओ. मांसाहारी आहार नहीं लेना और समय पर खाना है. तुलना करना आना चाहिए. सात्विक खाना खाने से अच्छी मन की स्थिति रहती है.

प्रश्न: रजोनिवृत्ति के समय दांपत्य संबंधों को कैसे संभाले?

उत्तर: ज्यादातर महिलाओं में संभोग की इच्छा कम होती है. पर दूसरे ढंग से इसे व्यक्त कर सकती हैं. एक दूसरे को साथ देना, प्यार से सहलाना, गरमाहट प्यार की अपनेपन की देना ज्यादा जरूरी है. पति की इच्छा के लिए करें लेकिन व्यक्त ना करें.

'स्त्री घर की विशेष स्तंभ होती है.'

अगर वह अपना किरदार ठीक तरह से नहीं करेगी तो घर बिखर जाएगा. इसके लिए हर स्त्री का कर्तव्य है कि अपने आप को ठीक स्थिति में रखने की जिम्मेदारी उसकी स्वंय की है. उसे स्वावलंबी बनना बहुत जरूरी है.

इस आयु में आते आते हमारे शरीर की मांस पेशियां ढीली पड़ जाती है. हमारी व्यायाम क्रिया भी कम या बंद हो जाती है इसलिए मोटापा बढ़ जाता है. भारतीय नारी की एक सोच रही है कि इस आयु में आकर अपने स्वास्थ का ध्यान रखना जरूरी नहीं है. खाना भी सबको खिलाकर अंत में जो बचा है वह खा लेती है. अपना धर्म अपने स्वंय की देखभाल करना आवश्यक है.

भावनात्मक संतुलन: इस समय में भावनात्मक संतुलन बिगड़ने की संभावना कुछ ज्यादा हो जाती है. इसलिए विशेष ध्यान दें. खाली बिलकुल ना बैठें. हम उम्र स्त्रियों से बातचीत करें. आपको एहसास होगा कि इस तरह की मनस्थिति करीब करीब सब महिलाओं की हो जाती है.

अपना विशेष ध्यान रखें. अपनी दिनचर्या में उन सब चीजों के लिए समय निश्चित करें जो आप करना चाहते तथेपर समय के अभाव के कारण नहीं कर पाए. जैसे संगीत सीखना, कागज और कपड़े की कुछ वस्तुए बनाए. अपने समय के सदुपयोग के लिए कुछ तो नया तरीका अपना सकते हैं. निराशा के लिए वक्त ही नहीं मिलेगा.

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चीनी सेना के बढ़ते हौसले, लद्दाख के बाद की अरुणाचल में घुसपैठ

नई दिल्ली : चीनी सैनिकोंके दिन ब दिन हौसले बुलंद होते जा रहे हैं क्योंकि चीन ने एक बार फिर भारतीय भूभाग में प्रवेश किया. गौरतलब है कि वह 13 अगस्त कोअरूणाचल प्रदेश के चागलागम इलाके में घुस आए और दो दिन से अधिक समय तकवहां रहे. गौरतलब है कि चागलागम इलाका भारतीय भूभाग में 20 किमी से अधिक अंदर है. हालांकि सेना मुख्यालय ने इस घुसपैठ को अधिक महत्व न देने की कोशिश करतेहुए कहा कि चीनी सैनिक अपने इलाकों में वापस चले गए.

मुख्यालय के अनुसारऐसी घटनाएं अक्सर हो जाती हैं क्योंकि विवादितवास्तविक नियंत्रण रेखा पर गश्त के दौरान दोनों पक्ष एक दूसरे के इलाकों परअपना दावा करते हुए बढ़ जाते हैं. सूत्रों के अनुसार अरूणाचल प्रदेश केचागलगाम इलाके में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी(पीएलए) के जवान भारतीय भूभाग केअंदर 20 किमी से अधिक अंदर आ गए थे. इसके बाद भारतीय जवानों ने उन्हेंरोका. दोनों पक्षों ने एक दूसरे को इलाके से चले जाने के लिए एक दूसरे कोबैनर दिखाए. उन्होंने बताया कि फिर दोनों पक्ष अपनी अपनी स्थिति पर आ गए औरचीनी सैनिक दो तीन दिन बाद चले गए.

आपको बता दें कि यह इलाका सेना की सेकंड डिवीजन के अंतर्गत आता है औरमुद्दे के हल के लिए बल के उप कमांडर ने भी हस्तक्षेप किया. उन्होंने बतायाकि वास्तविक नियंत्रण रेखा की निगरानी के लिए अर्धसैनिक बल भारत तिब्बतसीमा पुलिस भी इलाके में मौजूद है.

गौरतलब है कि गत अप्रैल में चीनी सैनिक भारतीय भूभाग में 19 किमी अंदर तक घुस आए थे औरलद्दाख के देसपांग में अपने तंबू लगा लिए थे. दोनों देशों के बीच तीनसप्ताह के गतिरोध और शीर्ष अधिकारियों के बीच बातचीत के कई दौर के बाद यह सैनिक वापस गए. सेना के सूत्रों के अनुसारपिछले 8 महिने मेंचीनी पक्षकी ओर से 150से अधिक बार घुसपैठ की गई और भारतीय सैनिक भी गश्त के दौरानउन इलाकों में चले गए जिन पर वह दावा करते हैं.

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प्याज रूला रही है

नई दिल्ली : इस महंगाई केसमय में आम जनता कैसे अपना गुजारा कर रही है यह वही जानती है.इतनी महंगाई क्या कम थी कि प्याज के दाम इतने बढ़ा दिए कि आम जनता अपनेहीआंसुओं में डूबी जा रही है. इतना ही नहींइस प्याज को लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई. गौरतलब है कि दिल्ली में कई जगह प्याज के स्टाल लगे हैंजिनमें एक में शीला सरकार 50 रु किलो प्याज बेच रही है तो दूसरी तरफ विपक्षी दलभाजपा और अभी अस्तित्व में आई केजरीवाल की आम आदमी पार्टी 40 रु किलोप्याज बेच रही है.

लेकिन कहते हैं ना कि ये पब्लिक सब जानती है.' जनता भी अब समझने लगी है कि यह सब राजनीति है और कुछ नहीं. इन सबके बीच जनता भी अपना रास्ता चुन रही है और जहां से सस्ता प्याज मिल रहा है वहीं से खरीद रही है. हां,यह बात अलग है कि जैसा दामलोग दे रहे हैं वैसा ही प्याज लोगों को मिल रहा है. लेकिन यहां प्रश्न यह उठता है कि अगरयह सब राजनीति है तो गरीब जनता किसके पास जाए. जिसे वह अपना प्रतिनिधि चुनकरसत्ता पर बिठाती है वहीं जनता को सिर्फ अपने इस्तेमाल करने का मोहरा भर समझ रहे हैं.

आप को बता दें कि मोदी को चुनाव अभियान समिति का अध्यक्ष बनाए जाने के बाद भले हीभाजपापार्टी के अंदर मनमुटाव हो लेकिन भाजपा जीत के लिए पूरे दम खम से चुनाव प्रचार कर रही है. मोदी सबकोनए-नए गुण सिखाने में लग हुए हैंऔर आंध्र प्रदेश में मोदी के भाषण के बाद मोदी केप्रधानमंत्री बनने के सपने में तेजी आई है.

आपको बता दें कि गत रविवार को मोदी के नेतृत्व में दिल्ली में चुनाव प्रचार समिति की बैठकहुई जिसमे लोकसभा चुनाव के साथ-साथ 5 राज्यों में होने वाले चुनाव पररणनीति पर बात की गई. वहीं लोगों का मानना है कि आज के प्याज की राजनीती भी मोदी के दिमाग की उपजलगती है.वहीं सवाल यह भी उठता है कि प्याज पर ही सियासत क्यों?देश में पेट्रोल बिजली केसाथ साथ और भी काफी कुछ है जो जनता सस्ते में चाहती है तो क्या देश कीसरकार महंगाई के इस दौर में बढ़ी सभी चीजों के स्टाल लगाना शुरू करेगीऔर भाजपा या कोई और पार्टी उसमें सरकार की बराबरी करेगी?

गौरतलब है कि 1998में भी एक बारप्याज की ही वजह से भाजपा सरकार दिल्ली की सत्ता से बेदखल हो गई थी. कांग्रेस इसघटना को अपने साथ दोबारा नहीं होते देखना चाहती लिहाजा प्याज की बढ़ीकीमतों से घबराई कांग्रेस ने दिल्ली के लोगों को राहत देने के लिए प्याज केआउटलेट खोलने का फैसला किया है. देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस का यह फैसला कितना कारगर साबित होता है.

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सोने का दाम दिसंबर तक 31,000 रुपए प्रति 10 ग्राम रहने का अनुमान

मुंबई : सोने का दाम चालू वर्ष के अंत तक करीब 31,000 रुपए प्रति 10 ग्राम रहने काअनुमान है. विशेषज्ञों के अनुसार आयात कम करने के लिए सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों के बावजूदमांग 860 टन पर बने रहने की संभावना है.

एंजल ब्रोकिंग के प्रमुख(जिंस) नवीन माथुर के अनुसार कमजोररुपया तथा उच्च शुल्क से सोने की लागत उंची रहेगी. दिसंबर के अंत तक सोनेका दाम 30,500 से 31,000 रुपए प्रति 10 ग्राम के दायरे में रह सकता है.एमसीएक्स सोने का दाम 28,600रुपए है जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इसकाभाव 1,376.70 डॉलर प्रति औंस है. माथुर ने कहा कि अगर सरकार सोने का आयातहतोत्साहित करने के लिए और कदम उठाती है तो इससे इसकर आपूर्ति प्रभावितहोगी और इसकी कीमत पर दबाव बढ़ेगा.

आपको बता दें कि अमेरिकी डॉलर में मजबूती तथा अमेरिकी अर्थव्यवस्था सुधार कीखबर से अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने में फिलहाल मंदी का परिदृश्य है.उन्होंने कहा कि, 'साल के अंत तक सोना 1,375-1,400 डॉलर प्रति औंस के करीबरहेगा.' माथुर के अनुसार सोने की मांग पिछले साल के समरूप रहने की संभावनाहै. उन्होंने कहा कि बेहतर मानसून से उम्मीद है कि चौथी तिमाही में सोनेकी मांग अच्छी रहेगी लेकिन उच्च सीमा शुल्क के साथ कीमत में तेजी तथाआपूर्ति की कमी से यह नियंत्रित रहेगी.

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प्रधानमंत्री बनते ही दाऊद को फांसी पर लटका देंगे मोदी- उद्धव ठाकरे

मुंबई : उद्धव ठाकरे ने नरेंद्र मोदी को केंद्र में रखते हुए कहा कि उसे उम्मीद है कि भाजपा नेता जब शीर्षपदपर बैठेंगे तब वह भगोड़ा माफिया सरगना दाउद इब्राहिम को भारत लाएंगे और उसे फांसी देंगे. गौरतलब है कि स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री को निशाना बनाने वाले भाषण के लिएनरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने यह बातें कही.

आपको बता दें कि पार्टी के मुखपत्र'सामना' में प्रकाशित संपादकीय में शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा, 'जिस मुद्दे पर मोदी ने प्रधानमंत्री की आलोचना की, उसका कल उन्हें समाधानकरना होगा.अगर मोदी दिल्ली मेंसरदार पटेल की तरह सत्ता पाते हैं तो वह उन सबको जेल में डाल देंगे जो देशको लूट रहे हैं.वह हाफिज सईद,दाऊद इब्राहिम और टाइगर मेमन को पाकिस्तान से खींच लाएंगे औरउन्हें फांसी देंगे.'

इतना ही नहीं उन्होंने यह भीकहा, 'वह मालवाहक विमान में स्विस बैंकोंसे काला धन भरकर उसे वापस भारत ले आएंगे. गरीब और किसान खुश होंगे और कर्जमुक्त जीवन गुजारेंगे. जो रूपया डॉलर की तुलनामें आज गिर रहा है उसमें बिल्कुल विपरीत रूझान दिखने लगेगा. हम आश्वस्तहैं कि अगर मोदी सत्ता में आएंगे तो पाकिस्तानी हमारी सीमा को पार नहींकरेंगे और हमारे सैनिकों की हत्या नहीं करेंगे. सिंधुरक्षक जैसी हमारीपनडुब्बियों में आग नहीं लगेगी. मोदी इन सबको कर दिखाएंगे और किसी को इसपरसंदेह नहीं है.'

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नसीरउद्दीन शाह को अपने बेटों के काबिलियत पर पूरा भरोसा

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि):बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता नसीरउद्दीन शाहने हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी एक अलग ही जगह बनाई है और अब उनके बेटे भी इसी इंडस्ट्री का हिस्सा बनेंगे. हालांकि नसीरउद्दीन शाहका कहना है कि उनके दोनों बेटे फिल्म इंडस्ट्री में अपना रास्ता खुद बनाएगें.

आपको बता दें कि नसीरउद्दीन शाह के दो बेटे इमाद शाह और विवन शाह ने भी बॉलीवुड में बतौरअभिनेता कदम रखा है.इस संबंध में नसीरउद्दीन शाह ने कहा कि, 'मेरे दोनों बेटे अपना रास्ताखुद तलाशेगें. मैनें उन्हें अपना फैसला लेने के लिए स्वतंत्र कर रखा है. यदि उन्हें मेरी सलाह की जरूरत होगी तो अवश्य मैं उनकी मदद करूंगा.'

गौरतलब है कि इमाद शाह ने वर्ष 2006में प्रदर्शित फिल्म 'यूं होता तोक्या होता' से बॉलीवुड में कदम रखा था. इसके बाद इमाद ने  'दिल दोस्तीएक्स्ट्रा' जैसी कुछ फिल्मों में काम किया. वहीं विवन शाह ने वर्ष 2011 मेंप्रदर्शित फिल्म 'सात खून माफ' से इंडस्ट्री में अपने करियर की शुरूआत कीथी. विवन ने अभी हाल में शाहरूख खान की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'हैपी न्यूइयर' साइन की है.उल्लेखनीय है कि इमाद और विवन फिल्म इंडस्ट्री में अपना मुकाम पाने केलिए संघर्ष कर रहे है.

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