सेफ सिटी बनते जा रही है रेप सिटी??? दिल्ली दामिनी रेपकांड की तरह मुंबई में 23 वर्षीय फोटोपत्रकार के साथ गैंगरेप महाराष्ट्र सरकार अब पत्रकारों की भी सुरक्षा नहीं करसकती है?
मुंबई(चंदन पवार)Email:chandanpawar.pits@gmail.com कहा जाता है कि पूरे देश में मुंबई से ज्यादा सुरक्षित जगह कोई नहीं है. यहां महिलाएं आधी रात को भी निडर होकर ऑफिस से घर जा सकती हैं या घूम फिर सकती है. लेकिन पिछले कुछ दिनों सेमुंबई में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते वारदातों को देखते हुए लगता है कि अब मुंबई भी सेफ नहीं है. गौरतलब है कि मुंबईके परेल इलाके में 22 अगस्त की रात को23 वर्षीय महिला फोटो पत्रकार के साथ हुएसामूहिक बलात्कार के मामलेनेमुंबई के सुरक्षित होने और महाराष्ट्र सरकारके सुरक्षा कीसारी पोल खोल दी है. इस घटनाके बाद पुलिस काफी सतर्क हो गई है औरआरोपियों को पकड़नेकेलिएजुटगई है. पुलिस ने पांचों आरोपियों के स्केच भी जारी किए हैं. आरोपियों की धरपकड़ के लिए पूरे शहर में छानबीन करने के अलावा पुलिस नेकरीब 20ग्रूप बनाए हैं. आपको बता दें कि पीड़िता एक अंग्रेजी पत्रिका में बतौर ट्रेनी काम कररही थी और अपने एक मित्र के साथ शाम6 बजे के समय फोटोग्राफ लेने के लिए लोअर परेल स्थितशक्ति मिल्स इलाके में गई थी.जहां आरोपियों ने पीड़िता के मित्र को बांधदिया और फिर युवती से बलात्कार किया.पीड़िता 'चॉल' पर एक रिपोर्ट तैयार कर रही थी. पीड़िता के मित्र ने पुलिस को आरोपियोंका जो विवरण बताया था,उसी आधार पर स्केच बनाए गए हैं.जिस तरह पिछले साल दिसंबर में दिल्ली में दामिनी पर अत्याचार किए गए बस उसी तरह मुंबई के फोटोपत्रकार के साथ घटना घटी है.गौरतलब है कि इन सभी आरोपियों की उम्र 24 से 30वर्ष के बीच बताई गई है. पुलिस के अनुसार पीड़िता को जसलोक अस्पताल में भर्ती कराया गया है जहां उसकी हालत स्थिरबनी हुई है.रिपोर्ट केअनुसार युवती को अंदरूनी तौर पर काफी चोट आई है.इस वारदात के बाद चारों तरफ आक्रोश का माहौल है. इस गंभीर मुद्दे को अब संसद में भी उठाया गया है.
सत्यपाल सिंह, पुलिस कमिश्नर, मुंबई पुलिस कमिश्नर सत्यपाल सिंहका कहना है कि दो आरोपी को स्कैच केआधार पर गिरफ्तार कर लिया गया है. आरोपी घटनास्थल के पास के रहनेवाले हैं. इसके अलावा उन्होंने कहा कि बाकी आरोपियों की शिनाख्त हो चुकी है. हालांकि वह आरोपियोंका नाम नहीं बताना चाहते क्योंकि मामला संवेदनशील है.
सैय्यद शाहनवाज हुसैन, भाजपा प्रवक्ता इस सामुहिक बलात्कार को जघन्य घटना करार देते हुए भाजपा प्रवक्ता सैय्यद शाहनवाज हुसैन ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओंसे बात करते हुए कहा कि, 'सरकार कानून बना रही है लेकिन इसे लागू करने में कमजोर दिख रहीहै. इतने कड़े कानून के बाद भी अपराधियों में डर पैदा नहीं होरहा है. इस प्रवृति पर विचार किये जाने की जरूरत है.' उनके अनुसार ऐसीघटनाओं पर लगाम लगाने के लिए राजनीतिक व्यवस्था और इच्छाशक्ति को मजबूतबनाए जाने की जरूरत है.
राज ठाकरे राज ठाकरे ने कड़ा रूख अपनाते हुए राज्य के गृहमंत्री आर.आर. पाटिल से इस्तीफे की मांग की है. इतना ही नहीं उन्होंने दबाव बनाने के लिए प्रदेश की सारी महिलाओं से पाटिल को चूडिय़ां भेजने की अपील की है. ठाकरे ने यह भी कहा कि पाटिल ने अगर इस्तीफा नहीं दिया तो उनके जैसा बेशर्म कोई नहीं होगा.
उद्धव ठाकरे इस मामले में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का कहना है कि ऐसे बलात्कारियों को गधे पर बिठाकरसड़क पर घुमाया जाना चाहिए.
जयाप्रदा सांसद औरअभिनेत्रीजयाप्रदा ने कहा कि पीड़ित लड़कीके साथ जोहुआवह शर्मनाक है और इस घटना ने देश को शर्मिंदा किया है. जयाप्रदा ने यहभीकहा कि सरकार को पीड़िता के अकाउंट में एक करोड़ रूपये जमाकरवानेचाहिएजिससेपीड़ित लड़की अपना जीवन अच्छी तरह से जी सके.
अमिताभ बच्चन बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन ने इस गैंगरेप पर कहा कि इस तरह की हरकत ने पूरे मुंबई को शर्मसार कियाहै.उन्होंने कहाकि मुंबई शहर को महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित मानाजाता थालेकिन अब लगताहै कि मुंबई भी अब सुरक्षित नहीं रहा. अमिताभ बच्चन ने दोषियों के लिए कड़ी से कड़ी सजाकी मांग की है और सख्त कानून लागू करने की अपील की है. मुंबई में इस तरह की वारदात आम औरतों के साथ रोजाना होते हुए दिख रही हैक्योंकि कुछ वारदातें सामने आती है कुछ नहीं. परंतु इन आरोपियों को यहपत्रकार है, यह मालूम होते हुए भीआरोपियों कोकोई डर नहीं लगा क्योंकि उनकोविश्वास है कि कानून हमारा कुछ नहीं कर सकता है और अगरहम किसी राजनेता को हमारे साथ ले लेते हैं तो इस गंभीर मुद्दे पर राजनीति चल जाएगी और उन्हें कोई बड़ी सजा नहीं मिलेगी. आज महाराष्ट्र के कई जिलोंमेंपत्रकारों के ऊपर जानलेवा हमले हो रहेहैंफिर भी महाराष्ट्र सरकार पत्रकारों की सुरक्षा के विषय में बिल्कुल गंभीर नहीं है. इसका महत्वपूर्ण कारण यह भी हैकि पत्रकार इनके भ्रष्टाचार और इनकी बेईमानी की कहानियां बाहर लाते हैं. अगर इनपत्रकारों का सुरक्षा विषयक विधेयक पास कर लिया तो यह हमारे सर परबैठकरभरतनाट्यम करेंगे. इसीडर कीवजह से आजतक पत्रकारों की सुरक्षा के ऊपर कोई विचार नहींकिया गया है. बड़ी दुख की बात है जो देश के लोकतंत्र का चौथा हिस्सा है उसी के साथ अन्याय होरहा है. |
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