|  मोदी को प्रधानमंत्री बनने नहीं दूंगी – मायावती  |
नई दिल्ली : भाजपा पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के आलोचकों में मायावती भी शामिल हो गई हैं और इसका ऐलान भी उन्होंने कर दिया. गौरतलब है कि बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि उनकी पार्टी गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए हर संभव प्रयास करेगी. मायावती ने तीसरे मोर्चे को भी 'कमजोर मोर्चा' करार देते हुए कहाकि इससे देश को फायदा नहीं होगा. बता दें कि मायावती ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि, 'हम नरेन्द्र मोदी को प्रधानमंत्री बनने से रोकने के लिए पूरी ताकत लगा देंगे. भाजपा को सत्ता में आने से रोकना देशहित में होगा.' मायावती ने यह दावा भी किया कि अल्पसंख्यक समुदाय के लोग मोदी को लेकर आशंकित हैं और यदि मोदी जीतते हैं तो इससे देश में सांप्रदायिक ताकतों को बल मिलेगा. भाजपा विश्वसनीय नहीं है क्योंकि वह कहती कुछ है और करती कुछ और ही है. भ्रष्टाचार रोधी छह लंबित विधेयकों के बारे में मायावती ने कहा कि, 'हम विधेयकों का समर्थन करते हैं. ये विधेयक काफी पहले ही आ जाने चाहिए थे. अब सरकार जो खुद भ्रष्टाचार के दलदल में धंसी हुई है, विधेयकों के जरिए अपनी छवि बदलने की कोशिश कर रही है.' | Read More »  राजीव गांधी की हत्या पर ड्रामाकर रहे हैं राहुल गांधी – कुमार विश्वास  |
नई दिल्ली : इन दिनों पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्याकांड ऋअझणईटइख गलियारों में खूब चर्चा का विषय बना हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले से तो मानो सियासी भूचाल आ गया है. गौरतलब है कि वहीं आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अपने पिता राजीव गांधी को न्याय न मिलने को लेकर जो टिप्पणी की है, वह कुछ और नहीं बल्कि भ्रष्टाचार जैसे अहम मुद्दों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए रचा गया ड्रामा है. गौरतलब है कि राहुल गांधी ने अपने पिता राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई पर खेद जताया था और कहा था कि तमिलनाडू सरकार का निर्णय सही नहीं है. इसके साथ ही राहुल फेसबुक पर भी राजीव गांधी के लिए कैंपेन शुरू किया है. | Read More »  हिंदू देश की राष्ट्रीय पहचान – मोहन भागवत (आर.एस.एस प्रमुख)  |
भोपाल : लोकसभा चुनाव की भाजपा की तैयारियों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत गत गुरुवार को मध्यप्रदेश में उपस्थित रहे औरयहां संघ की महत्वपूर्ण समन्वय बैठक में भाग लिया. गौरतलब है कि रष्ट्रीय स्वयंसेवक संघके सरसंघचालक मोहनराव भागवत ने बैठक में कहा कि समाज की यह दृष्टि संघ की साधना एवं तपस्या के कारण बनीं है. अब आवश्यकता इस बात कि है इसके मुताबिकहम अपने आचरण एवं व्यवहार से निर्णायक बल प्राप्त करें. बता दें कि भागवत ने बैठक में कहा कि, 'क्रांति के माध्यम से कुछ समय के लिए उथल-पुथलआ सकती है इसके दुष्परिणाम भी शायद सामने आएं.' वहीं भागवत ने देश की जनता के सामने आने वाली चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहा कि इस देश की पहचान हिन्दू पहचान है और यही राष्ट्रीय पहचान है. उल्लेखनीय है कि भोपाल में तीन सत्रोंमें चली इस बैठक में स्वयंसेवकों ने अपनी जिज्ञासाएं भी सबके सामने भी रखीं जिनका समाधान सरसंघचालक ने किया. | Read More »  सेना कूच मामले में एक और खुलासा  | जनरल वी.के.सिंह के सेना प्रमुख के रूप में दो साल के विवादों से भरे कार्यकालसे जुड़े प्रकरण के फिर से सिर उठाने पर रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी ने सफाईदी कि दिल्ली की ओर सेना की दो टुकडियों के कूच करने को सेना ने नियमित अभ्यास का हिस्सा बताया था. एंटनी ने सेना की मूवमेंट के बारे में हाल हीमें अवकाश प्राप्त एक सैन्य अधिकारी के साक्षात्कार पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि, 'वह संसद में रिकार्ड पर कह चुके हैं कि सेना से इस बारे में रिपोर्ट मांगी गई थी जिसने सैन्य मूवमेंट को नियमित अभ्यास का हिस्सा करार दिया था.' गौरतलब है कि जनरल सिंह के कार्यकाल के दौरान सेना की दो टुकडियों के मथुरा और आगरा से दिल्ली की ओर कूच करने के बारे में तत्कालीन सैन्य संचालन महानिदेशक लेफ्टीनेंट जनरल ए.के.चौधरी ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया है कि उन्हें वाकई 16 जनवरी 2012 को रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा ने तलब किया था और उनसे सेना की टुकडियों के दिल्ली आने का सबब पूछा था. शर्मा अब भारत के नियंत्रणएवं महालेखा परीक्षक बन चुके हैं. सेना की ये टुकडियां ऐसे समय दिल्ली भेजी जा रही थीं जब सेना प्रमुख की उम्र का विवाद अपने चरम पर था और वहसुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटा रहे थे. बता दें कि जनरल वी.के.सिंह ने ट्विटर पर इस साक्षात्कार पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए रिपोर्ट देने वाले इंडियन एक्प्रेस के पत्रकार को(प्रेस्टीट्यूट)बताया और इस के संपादक शेखर गुप्ता को ‘कूपता’ कहा. दूसरी ओर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन ने कहा कि सेना और सरकारके बीच कोई गलत फहमी कभी थी ही नहीं तो वह क्या प्रतिकिया जाहिर करें. जनरल चौधरी हाल ही में बंगाल एरिया के कमांडर पद से सेवा निवृत हुए हैं. उन्होंने 15 और 16 जनवरी 2012 के दिनों के बारे में कहा कि, 'मुझे एक 15 जनवरीकी रात साढे ग्यारह बजे दिल्ली एरिया को देख रहे एक सीनियर आफिसर ने फोन किया और पूछा कि सैनिकों की मूवमेंट के बारे में पूछा. उन्हें जरूरी किसी खुफिया अधिकारी से कुछ जानकारी मिली होगी. मैंने उनसे कहा कि मुझे पता नहीं है, मैं इसके बारे में जानकारी हासिल करता हूं, इसके बाद मैंने एक कोर के कमांडरको फोन मिलाया तो उन्होंने कहा कि पहले से तय एक अभ्यास किया जा रहा है. अगले दिन सैन्य संचालन महानिदेशक को रक्षा सचिव ने तलब कर लिया, इसके बारेमें जनरल चौधरी ने बताया कि, 'मुझे अगले दिन रक्षा सचिव के आफिस से फोन आया, मुझे रक्षा सचिव ने बुलाया था. मैंने पहले सेना प्रमुख को इसकी जानकारी दी और फिर मैं रक्षा सचिव से मिलने गया. उन्होंने कहा कि वह सत्ता के शीर्ष से मिलकर आए हैं और वे चिंतित हैं. उन्होंने पूछा.. बताइये क्या हो रहा है. जनरल चौधरी ने कहा, 'मैंने उसने से कहा कि एक अभ्यास चल रहा है और मैं उन्हें पहले ही कह चुका हूं कि इसे रोक दिया जाए और कोई दूसरा लिया जाए. उन्होंने मुझसे कहा कि इसे तत्काल रोका जाए और उन्हें वापस जाने का कहा जाए. मैंने उनसे कहा कि अभ्यास का एक तौर तरीका होता है और आखिरकार उन्हें वापस जाना ही है. फिर रक्षा सचिव ने सैन्य संचालन महानिदेशक से आगरा सेपैरा कमांडो की अुकडी के दिल्ली कूच के बारे में पूछा. इस बारे में जनरल चौधरी ने बताया कि रक्षा सचिव के साथ बैठक के बाद उन्होंने हिदायत दी किआगे कोई मूवमेंट नहीं होनी चाहिए और उन्हें छोटे छोटे गुटो में लौटना चाहिए. | Read More »  आमिर खानचा असर कुठवर झाला आहे? – भाऊ तोरसेकर  | स्त्रीभृणू हत्येचे आकडे किंवा बालकशोषणाची टक्केवारी बघून ऐकून आपण खुप अस्वस्थ झालो आहोत काय? हे आपण म्हणजे तरी कोण आहे? वाहिन्या व वृत्तपत्राच्या वातानुकुलीत कचेर्यां मध्ये बसणारे, संध्याकाळी बाहेर हॉटेलात जेवायला जाऊन दोन चार हजार रुपये सहज खर्च करणारेच आहोतना? त्यांची एकू्ण टक्केवारी भारतीय लोकसंख्येच्या प्रमाणात किती आहे? एका आकडेवारी नुसार आमिरच्या त्याखुप गाजत असलेल्या कार्यक्रमाला ३.४ इतकी टीआरपी मिळाली म्हणे. त्याचा नेमका अर्थ मला ठाऊक नाही. पण आजवर यातला मोठा विक्रम अमिताभच्या केबीसीचा आहे. त्याला १९ हुन अधिक टीआरपी मिळाली होती. म्हणजेच तुलनेने आमिरच्या कार्यक्रमाचा प्रेक्षक खुपच मर्यादित आहे. पण तरीही त्याने संपुर्ण देशात खळबळ उडवून दिली, असे सांगितले जात आहे. मग हा संपुर्ण देश नेमका किती लोकसंख्येचा व कुठे आहे असा प्रश्न पडतो. कुठल्याही बाजूने हिशोब केला तरी देशातल्या पाच टक्के लोकांनी आमिरचा कार्यक्रम बघितला असण्याची शक्यता नाही. मग अवघा देश हादरून गेला, गहिवरून गेला; ही भाषा फ़सवीना ही काय? की ज्यांच्या हाती माध्यमे आहेत ते म्हणतील तो देश असतो. त्यांचा प्रभाव जिथेपर्यंत पडतो तेवढाच देश असतो काय? उरलेल्या देशाला किंवा लोकसंख्येला हे माध्यम वाले देशच मानत नाहीत काय? त्या उर्वरित देशातली लोकसंख्या ९० टक्क्यांच्या पुढे जाणारी आहे. त्यांची दखल कोणी घ्यायची? त्यांच्या भावना, संवेदना यांना काहीच मोल नाही काय? इथून अन्यायाला सुरूवात होत असते. देशवादेशाच्या भावना म्हणजे मुठभर लोकांची टोळी, असेच आजचे समिकरण झाले आहे. बाकी करोडो लोकांना, भारतीयांना काय वाटते याची दखल सुद्धा घ्यायची कोणाला गरज वाटत नाही. आणि हे मी बिनबुडाचे मतप्रदर्शन करत नाही. याच दरम्यान युपीए सरकारने तीन वर्षाची मुदत पुर्ण केली. त्यासाठी काही वाहिन्या व माध्यमांनी मत चाचण्या घेतल्या. त्यात आताच निवडणूका झाल्या तर कोणाला मतदान करणार व पंतप्रधान म्हणून कोण आवडेल; असे प्रश्न विचारण्यात आले होते. त्यातली उत्तरे चर्चा रंगवणार्यांना आवडणारी नव्हती, म्हणुन त्यावर प्रतिकुल चर्चा रंगवण्यात आल्या. सर्वात लोकप्रिय पंतप्रधान पदाचा उमेदवार नरेंद्र मोदी व सर्वात अधिक प्राधान्य भाजपाला मिळणार म्हटल्यावर, चर्चा रंगवणारे विचलित झाले होते. तिथे त्यांची भूमिका स्पष्ट होते. ज्यात खरोखर लोकमताचे प्रतिबिंब पडते, त्याला किंमत नाही. पण जिथे या मुठभरांच्या इच्छांचे समाधान होते, त्यालाते देशाचे मत ठरवू बघतात. त्याप्रमाणेच त्यांनी आमिरच्या कार्यक्रमाने देश हेलावून गेल्याचा जावई शोधलावला. पण प्रत्यक्षात देशातल्या नव्वद टक्क्याहुन अधिक लोकांनी आमिरचा कार्यक्रम बघितला सुद्धा नसेल. मुद्दा इतकाच की अशा विषयात मन हेलावून जायला आमिर हवाच कशाला? आपण उघड्या डोळ्यांनी व कानांनी जगात वावरत असलो, तर या पेक्षा भयंकर गोष्टी आपल्याला दिसू शकतात. बालक शोषणाचाच विषय घ्या. त्यातला लैंगिक शोषणाची गोष्ट बाजूला ठेवा. बाल मजूर कुठे नसतो? जेव्हा कुणी एनजीओ अशा मजुरांची सुटका करते, तेव्हाच वाहिनांच्या कॅमेरावाल्याना ती बालके दिसतात काय? तेच कुठे बातमीच्या मागे भरकटत असताना टपरीवर चहा घेतात, भाजीपाव, वडापाव खातात, तिथे भांडीघासणारे, चहा देणारे मजूर काय वयाचे असतात? ते यांना दिसत नाहीत काय? की ते दाखवायला आमिरनेच पुढाकार घ्यायला हवा? हुंडाबळी, हुंड्यासाठी छळ, स्त्रीगर्भाची भृणूहत्या, असे विषय खरेच चर्चेत रंगलेल्यांना कधीच ठाऊक नव्हते काय? पण तिकडे संवेदना पुर्वक बघायची नजरच हे लोक हरवून बसले आहेत. जो बधीरपणा त्यांनी माध्यमातून समाजाच्या अंगी बाणवायचा उद्योग चालवला आहे, तो त्यांच्याही अंगी चांगला रुजला आहे. म्हणूनच समोर अन्याय, अत्याचार दिसतो, पण तो बघायची नजरच आपण हरवून बसलो आहोत. कुठलाही अन्याय, अत्याचार, हिंसा, रक्तपात, छळवाद, पिडा बघून निष्क्रिय बसणे म्हणजे उत्तम नागरिक; ही शिकवण कोणी दिली व समाजाच्या अंगी बाणवली? समाजाचेअसे बधीरी करण कोणी केले? किंबहूना अन्याय अत्याचाराचे उदात्तीकरण कोणी केले आहे? संवेदना म्हणजे जाणिव. जाणीव म्हणजे जिवंतपणा. जे जाणवले त्यावर प्रतिक्रिया देणे, ही जिवंतपणाची खुण असते. जेव्हा कोणी एका मुलीवर बलात्कार होताना बघतो व त्यातुन तिला सोडवायला पुढे धाव घेतो, त्याला संवेदनाशील म्हणतात. जो बलात्कार होऊ देतो आणि नंतर तक्रार करायला जातो, त्याला संवेदनाशील म्हणता येईल काय? जो अन्याय, अत्याचार बघत बसतो आणि नंतर त्यावर पांडित्य सांगतो, तो काय कामाचा? सांगलीच्या रस्त्यावर भरदिवसा अमृता देशपांडे नावाच्या तरूणीवर एका गुंडाने चाकूने हल्ला चढवला. ती रक्ताच्या थारोळ्यात पडली, तरी कोणी त्या हल्लेखोराला रोखायला पुढे सरसावले नाही. मुंबईत बॉम्बेसेंट्रल भागात विद्या पट्वर्धन नामक एकातरूणी वर रॉकेल ओतून तिला पेटवून देणारा, आरामात जमावा समोरून निघून गेला. कोणी त्याला का अडवू शकले नाही? उल्हासनगरच्या परिक्षाकेंद्रात रिंकू पाटिल नामक मुलीवर वर्गातच रॉकेल ओतून पेटवण्यात आले, तेव्हा तिथले शिक्षक, पोलिस पळूनगेले. हे का होऊ शकते? आपल्या म्हणजे समाजाच्या व नागरिकांच्या संवेदना बोथटल्याच्या त्या खुणा व लक्षणे नाहीत काय? एक दोन गुंड गुन्हेगार राजरोस कुणाला असे मारू, जाळू शकतात, कारण आजचा समाज हतबल झाला आहे. तो अन्याय निमुट पणे बघतो, पण प्रतिकार करणार नाही, याची खात्री आहे आणि तेच अशा अन्याय अत्याचार करणार्यांचे बळ झाले आहे. कुठून आला हा बधीरपणा? आपणचिडणे, रागावणे, प्रक्षुब्ध होणे, संतापुन जाणेच विसरून गेलो आहोत. पर्यायाने आपल्यातला सामुदायिक पुरूषार्थच निद्रिस्त झाला आहे. अगतिकता आपला स्वभाव धर्म झाला आहे. किंब हूना त्यालाच आज काल सुसंस्कृत पणा म्हणून गौरवले जात असते. षंढपणाला आजकाल शौर्य म्हटले जाते, त्याचे हे परिणाम आहेत. आठवते तुम्हाला पावणे चार वर्षा पुर्वी मुंबईत कराची हून एक हल्लेखोरांची टोळी आली. त्यांनी सरसकट माणसे मारायचा खेळ केला. दोन दिवस त्यांचा धुमाकुळ चालू होता. तो संपल्यावर जणू काही झालेच नाही अशी मुंबई कामाला लागली. किती कौतुक झाले मुंबईकरांचे त्यासाठी? “मुंबई स्पिरिट” याच शब्दात प्रत्येक वाहिनी त्यासाठी मुंबईकरांचे गुणगान करत होती ना? मुंबईला कसाबच्या टोळीने इतके रक्त बंबाळ केले, इतक्या जखमा दिल्या, तरीमुंबईची तक्रार नव्हती. याला मुंबईची बधीरता म्हणता येईल. पण त्याचे कौतुक झाले. मग जो मुंबईकर स्वत:ची सुरक्षा धोक्यात आल्यावर ही प्रतिकाराची भाषा बोलत नसेल, तो कुणा स्त्रीभृणूहत्या, हुंडाबळी वा बालशोषणा साठी कसा पुढे येणार? ज्याला आपल्याच अंगावर होणार्या जखमांच्या वेदना कळत नाहीत, भेडसावत नाहीत, तो दुसर्या कुणाच्या जखमांसाठी भांडणार कसा व कशाला? जोनिरपराधांचे हत्या कांड करतो, तो त्याचा विशेषाधिकार आहे, जो कुणावर अत्याचार करतो तो त्याचा अधिकार आहे आणि होतील ते अन्याय अत्याचार निमुत पणे सोसणे, ही आपली नागरिक म्हणून जबाबदारी आहे, असेच आता लोकांना वाटू लागले आहे. त्यातून ही बधीरता आलेलीआहे. लढायची, प्रतिकाराची इच्छा व हिंमत समाज आज गमावून बसला आहे. त्याच्या त्या संवेदना व हिंमतीचे खच्चीकरण कोणी केले? कसाबचे ते पाप नाही. माध्यमांनी जे नपुंसकतेचे कौतुक सातत्याने चालविलेले आहे, त्यातून हे बधीरी करण झालेले आहे. किंवा त्यांनी पद्धतशीर रितीनेते केलेले आहे. शिकारी श्वापदाशी लढायची इच्छा व हिंमतच जशी अन्य जनावरे गमावून बसलेली असतात, तशी आज समाजाची अवस्था आहे. समाजाला ज्यांनी असा बनवला तेच त्याला जबाबदार आहेत. जो समाज कसाबच्या टोळीशी दोन हात करण्यापेक्षा जीव वाचवायला पळत सुटतो, त्याच्या कडून लैंगिक शोषण करणारे, हुंडाबळी घेणारे यांचा प्रतिकार कसा होईल? आपला काय संबंध? उगाच कशाला दुसर्याच्या भानगडीत पडायचे? ही मनोवृत्ती कुठून आली? समाजाच्या सामुहिक पुरूषार्थाला ज्यांनी खच्ची केले, त्यांनीच ही वेळ आणली ना? रक्तपाता नंतर मेणबत्त्या पेटवून समाजाच्या हिंमतीचे खच्चीकरण होत असते. नपूंसकतेला प्रोत्साहन दिले जात असते. त्याचे हे दुष्परिणाम आहेत http://bhautorsekar.blogspot.in/2012/05/blog-post_2689.html | Read More »  जम्मू-कश्मीर को राष्ट्रीय पर्यटन में सर्वश्रेष्ठ राज्य का पुरस्कार  |
जम्मू : देश भर में 'पर्यटन के समग्र विकास वाले सर्वश्रेष्ठ राज्य' का राष्ट्रीय पुरस्कार जम्मू कश्मीर को मिला है. एक आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार लगातार दूसरे साल भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय ने जम्मू कश्मीर पर्यटन विभाग के कामकाज की सराहना करते हुए उसे वर्ष 2012-13 के लिए राष्ट्रीय पर्यटन पुरस्कार दिया है. राज्य को यह पुरस्कार 'पर्यटन के समग्र विकास वाले सर्वश्रेष्ठ राज्य' की श्रेणी में दिया गया है. गौरतलब है कि राज्य के पर्यटन मंत्री गुलाम अहमद मीर को यह पुरस्कार मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री शशि थरूर ने नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान दिया. मीर ने कहा कि, 'पर्यटन के समग्र विकास वाले सर्वश्रेष्ठ राज्य का यह पुरस्कार प्राप्त कर हम खुश हैं. राज्य में पर्यटन के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए मैंने और मेरे दल ने हर मोर्चे पर काम किया है.' मीर ने यह भी कहा कि गोल्फ, एरो स्पोट्स, वाटर स्पोट्स और स्कीइंग आदि के क्षेत्र में पर्यटन की गतिविधियां विकसित करने के लिए राज्य को काफी प्रसिद्धि मिली है. | Read More »  उम्र मेरे लिए मायने नहीं रखती – माधुरी दीक्षित  | नई दिल्ली : माधुरी दीक्षित बॉलीवुड की अभिनेत्रियों की उम्र से जुड़ी धारणा से सरोकार नहीं रखतीं. बॉलीवुड अभिनेत्रियों के बारे में धारणा है कि अभिनय के क्षेत्र में अभिनेत्रियों का कार्यकाल अल्प अवधि का होता है और वे शादी के बाद काम नहीं कर सकतीं. हालांकि माधुरी इस संबंध में जुदा राय रखती है. माधुरी का कहना है कि, 'उम्र मेरे लिए सिर्फ एक संख्या के समान है. प्रतिभा हर उम्र में एक समान होती है चाहे आप 10, 20 या 100 के हों. मेरा मानना है किउम्र के साथ यह और निखरती जाती है. अभिनेत्रियों की शादी शुदा अभिनेत्रियोंको लेकर धारणा को नहीं मानती.' माधुरी के अनुसार शर्मीला टैगोर, राखी जी ने शादी के बाद भी काम किया. हां, ये सच है कि इनमें कुछ ने इससे दूरी बना ली और वह उनका खुद का फैसला था. कई ऐसी अभिनेत्रियां हैं जिन्होंने काम किया. बता दें कि 80 और 90 के दशक में माधुरी बॉलीवुड की चमकता सितारा थीं और इस दशक में उन्होंने बॉलीवुड पर राज किया था. हालांकि श्रीराम नेने से शादी के बाद वे अमेरिका चली गई थीं और वर्ष 2011 में वे देश लौटी थीं. अमेरिका प्रवास के दौरान भी वे दर्शकों से दूर नहीं रह पाईं क्योंकि वे देश आती जाती रहीं और 'देवदास' और 'आजा नच ले' जैसी फिल्मों में काम किया. वापसी के बाद माधुरी कई टीवी कार्यक्रमों, विज्ञापनों और फिल्मों में व्यस्त रहीं और अब वर्ष 2014 में फिल्म 'डेढ़ इश्किया' की सफलता के बाद वे अपनी दूसरी फिल्म 'गुलाब गैंग' की रिलीज को लेकर तैयार हैं. गौरतलब है कि माधुरी का मानना है पहले की अपेक्षा फिल्म नगरी में महिलाएं कहीं अधिक सक्रिय हैं. पहले बहुत कम महिला निर्देशक हुआ करती थीं लेकिन अब कई महिलाएं फिल्म निर्माण के कार्य से जुड़ी हैं. | Read More »  क्या हमारा भविष्य ग्रह निश्चित करते हैं?  |
आकाश मण्डल में बहुत से ग्रह हैं मगर ज्योतिष शास्त्र में सात ग्रह व दो छाया ग्रहों का ही उल्लेख मिलता है और यही ग्रह हमारे जीवन को जन्म लग्न की स्थितिनुसार फल देते हैं. मान्यता है कि किसी भी जातक का जीवन नव ग्रहों के शुभ और अशुभ फलों के प्रभाव पर ही निर्भर करता है. कुंडली में नव ग्रहों की स्थिति के अनुरूप ही मानव जीवन में आने वाले सुख-दुख, खुशी-गम, सफलता-असफलता देते हैं. लेकिन बड़ा प्रश्न यह है कि क्या वास्तव में सभी ग्रह हमारी राशि के अनुसार फल प्रदान करते हैं? यह सब मान्यता के उपर आधारित है. इस संसार में हरेक वस्तु चाहे वह ग्रह हो, पेड़-पौधे हो, मानव हो, खनिज तत्व हो. सब अपनी-अपनी तरंगों से एक-दूसरे को प्रभावित कर रहे हैं. हम निश्चय रूप से केवल नवग्रहों से ही नहीं संपूर्ण तारामंडल से प्रभावित होते हैं नवग्रह तो ब्रह्मांड का कुछ प्रतिशत हिस्सा भी नहीं है. तो क्या ये सब हमारे भविष्य को प्रभावित करते हैं, र्निमित करते हैं?अगर आपकी शारीरिक-मानसिक क्षमताएं अपनी गलत धारणाओं और आहार-विहार से कमजोर हो गई है तो आप निश्चय ही इससे प्रभावित होते हैं. क्या ग्रहों के प्रभाव से बच सकते हैं? हम सभी जानते हैं कि जब हम कमजोर होते हैं तो गर्मी, सर्दी, बरसात, कोलाहल हल्की आवाजें भी हमसे सहन नहीं होती. जब हम मजबूत होते हैं तो इन सब को लंबे समय तक झेल सकते हैं. अगर आप प्राकृतिक आहार-विहार, योग-ध्यान, रेकी, तनाव रहित जीवन से या सकारात्मक धारणाओं से अपने आपको सशक्त रखते हैं तो ग्रहों के कोई भी प्रभाव आपको विचलित नहीं करते आपको पता भी नहीं चलता कि कौन-सा ग्रह कब आया और कब गया, कौन सा मौसम कब आया कब गया, क्योंकि आपके अपने शरीर मन में कोई परिवर्तन नहीं आता. | Read More »  जम्मू-कश्मीर में पिछले 5 साल में उग्रवाद में 71% गिरावट – उमर अब्दुल्ला  | जम्मू : जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाके अनुसार राज्य में नेशनल कॉफ्रेंस नीत सरकार के पांच साल के कार्यकाल में उग्रवाद में अब तक 71 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है. गौरतलब है कि उमर ने विधान परिषद में कहा कि, 'पिछले पांच साल में उग्रवाद में 71% की गिरावट दर्ज की गई है. सुरक्षा बलों के उग्रवाद निरोधक अभियानों में दोनों पक्षों का कोई नुकसान नहीं हुआ है.' जम्मू कश्मीर विधानसभा के संयुक्त सत्र में राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब देते हुए उमर ने दावा किया कि सुरक्षा हालात में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है. वहीं मानवाधिकार उल्लंघन लगभग शून्य हो गए हैं. चुनौतीपूर्ण हालात से निपटने में सुरक्षा बलों की तारीफ करते हुए उमरने सेना के काफिले पर और बेमिना में बीएसएफ पर उग्रवादी हमलों का जिक्र किया और कहा कि ये घटनाएं इस बात का उदाहरण हैं कि सैनिक बेगुनाह लोगों की जान बचाने के लिए अंधाधुंध गोलीबारी नहीं कर रहे हैं. बता दें कि इस बीच उमर ने माछिल के कथित फर्जी मुठभेड़ मामले में जांच के लिए सेना की तारीफ की. हालांकि उन्होंने पथरीबल फर्जी मुठभेड़ कांड की जांच बंद करने के फैसले पर निराशा जताई. उन्होंने राज्य में शांति की धीरे धीरे वापसी केलिए राज्य की जनता को श्रेय दिया. उमर ने इस तरह के आरोपों को खारिज करदिया कि राज्य में मौजूदा शांति भ्रामक है और सेना ने इसे प्राप्त किया है. उन्होंने कहा कि, 'कुछ लोग दुष्प्रचार करके दिखाना चाहते हैं कि सरकार ने जेलों को भर रखा है और लोगों पर शांतिपूर्ण तरीके से रहने के लिए दबाव बनाया है. | Read More »  देश में मोदी की सरकार नहीं आएगी – ममता बनर्जी  | नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि देश में नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं आएगी और न ही मोदी प्रधानमंत्री बनेंगे. गौरतलब है कि जहां एक तरफ मोदी के प्रशंसक हैं वहीं दूसरी ओर उनके आलोचक भी बड़े पैमाने पर मौजूद हैं. ममता ने एक निजी न्यूज चैनलसे बातचीत करते हुए कहा कि आम चुनाव में हम न कांग्रेस का समर्थन करेंगे और न भाजपा का. अण्णा हजारे द्वारा ममता को समर्थन करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं अण्णा हजारे की बहुत इज्जत करती हूं. एक बजुर्ग होने के बावजूद भी वो समाज के उद्धार में व्यस्त हैं. उन्होंने सही कहा है कि अगर 100 सीट भी आ जाती है तो हमारे लिए सही होगा. हम अण्णा के नाम का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं. बता दें कि भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को समर्थन देने के सवाल पर ममता ने कहा कि हमने अटल बिहारी वाजपेयी का एक साल तक आउटसाइड साथ दिया था. उस दौरान वाजपेयी ने कोई गलत काम नहीं किया था लेकिन जब राम जन्म भूमि की बात आई तो हम अलग हो गए. हम कांग्रेस या भाजपा किसी भी पार्टी का सपोर्ट नहीं करेंगे. | Read More »  निर्भया कोष के लिए 1000 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटित  |
नई दिल्ली : वित्तमंत्री पी.चिदंबरम ने महिलाओं की सुरक्षा तथा सशक्तिकरण के लिए गठित निर्भया कोष के लिए 1000 करोड़ रूपये का अतिरिक्त आवंटन करने की घोषणाकी. गौरतलब है कि चिदंबरम ने संसद में अंतरिम आम बजट पेश करते हुए यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि, 'यह स्पष्ट करने के लिए कि निर्भया कोष प्रमुख कोष होगा, मैं 1000 करोड़ रूपये के अनुदान की घोषणा करना चाहूंगा जो कि बजट अवधि खत्म होने के बाद भी लैप्स नहीं होगी और इस संबंध में और अधिक प्रस्तावों के समर्थनमें मैं अगले साल कोष को और 1000 करोड़ रूपये के योगदान का प्रस्ताव करताहूं.' चिदंबरम ने पिछले साल बजट में 1000 करोड़ रूपये के कोष के साथ निर्भयाकोष बनाने की घोषणा की थी. बता दें कि कैबिनेट ने दो प्रस्तावों को पहले ही मंजूरी दे दी है जिन्हें इस कोष से धन मिलेगा. आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों में महिलाओं की सुरक्षा के लिए निगरानी और निगाह रखने तथा अलार्म बटन के लिए 1405 करोड़ रपये की परियोजना को मंजूरी दी थी. इसके तहत सार्वजनिक परिवहन वाहनों में सीसीटीवी तथा जीपीएस लगाना शामिल है. सरकार ने 10 लाख से उपर की आबादी के शहरों में सार्वजनिक बसों में जीपीएस प्रणाली लगाने के लिए 20 फरवरी 2010 तक का समय रखा है. | Read More »  बेटी के एग्जाम तक इसी घर में रहूंगा – अरविंद केजरीवाल  | नई दिल्ली : अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि उनके पास कोई घर नहीं है इसलिए जब तक उनकी बेटी के एग्जाम नहीं हो जाते, वह इसी घर में रहेंगे. गौरतलब है कि केजरीवाल को कुछ ही समय पहले तिलक मार्ग पर एक 5 कमरे का एक फ्लैट दिया गया था. बता दें कि केजरीवाल का अपना घर कौशांबी में है जो उनकी पत्नी के नाम है. उनकी पत्नी आई.आर.एस. अफसर है. कौशांबी वाला घर भी काफी बड़ा है. इसमें 3 बेडरूम है. उल्लेखनीय है कि अरविंद केजरीवाल ने जनलोकपाल विधेयक विधानसभा में पेश नकरा पाने के बाद कल रात अपने पद से इस्तीफा दे दिया था तथा विधानसभा भंगकर राजधानी में तुरंत चुनाव कराने की मांग की थी. | Read More »  भाजपा के पास विज्ञापन के लिए 400 करोड़ कहां से आए- आशुतोष (प्रवक्ता-आप)  |
नई दिल्ली : अखबार में एक विज्ञापन छपने के बाद 400 करोड़ के बजट पर आप नेता आशुतोष ने सवाल उठाए हैं. आप के नए नेता आशुतोष ने बताया कि भाजपा के पास विज्ञापनके लिए 400 करोड़ का बजट है. आशुतोष ने भाजपा से पूछा है कि इतने पैसे कहां से आए और इसमें कितना पैसा काला धन है? बता दें कि एक अंग्रेजी अखबार में छपी खबर के मुताबिक भाजपा के 400 करोड़ के विज्ञापन कैम्पेन से मशहूर संगीतकार प्रसून जोशी, पीयूष पांडे जैसे लोग जुडऩे वाले हैं. आशुतोष ने आगे पूछा है, क्या आम आदमी इतना खर्च कर सकता है? ये चुनावमें पैसों का अश्लील प्रदर्शन है जो लोकतंत्र को आम आदमी से दूर करेगा. उल्लेखनीय है कि आशुतोष ने जोशी, पांडे से अपील की है कि वो लोकतंत्र को हाईजैक करने की कोशिशों का हिस्सा न बनें. इससे पहले ये खबर आई थी कि कांग्रेस ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाने के लिए 500 करोड़ का बजट बनाया है लेकिन कांग्रेस ने इस खबर को खारिज कर दिया. | Read More »  अंक 5, 6 व 8 वाला व्यक्ति बनेगा प्रधानमन्त्री  |
भारत की सूर्य राशि सिंह है. भारत के मूलांक-भाग्यांक में अंक 6 व अंक 8 की भ्रष्ट शुक्र की युति है. अंक 6 व अंक 8 में समभाव सम्बन्ध है. यहां भाग्यांक 8 का वृहदंक बनाता है-35. अंक 3 व अंक 5 में परस्पर प्रबल विरोधीभाव है. यहां अंक 3, अंक 5 व अंक 8 के त्रिकोण में अंक 3 व अंक 8 में मित्रता भाव है और अंक 5 व अंक 8 में परस्पर विरोधी भाव है. यह युति अस्थिरता की है. अंक 8 लोकतंत्र का है. अतः इस बार के लोकसभा चुनाव के बाद अस्थिर राजनीतिक स्थिति देखने को मिल सकती है। इसका तात्पर्य यह है कि नसिर्फ़ त्रिशंकु लोकसभा देखने को मिल सकती है, बल्कि सरकार बनाने को लेकर भी विचित्र या खींचातानी की स्थिति बन सकती है. चुनावी वर्ष का अंक 7 है. यह स्त्री अंक है, जो कि साझेदारी, गठबंधन, तालमेल, सहयोग और स्त्री का प्रतीक है. अंक 3, अंक 5 व अंक 8 के साथ इस अंक 7 की युति यह बताती है कि लोकसभा चुनाव के सन्दर्भ में यानि चुनावों सेपहले और (विशेषकर) बाद में राजनीतिक दलों में गठबंधन, साझेदारी, तालमेल वसहयोग को लेकर विचित्र स्थितियां बन सकती हैं. ये स्थितियां रोचक होने केसाथ आज के परिदृश्य के दृष्टिकोण से आश्चर्यजनक भी हो सकती हैं यानिऐसे-ऐसे दल भी साथ आ सकते हैं कि अभी जिनका साथ आना असम्भव या आश्चर्यजनक माना जा रहा है. साथ ही स्त्री अंक 7 की उक्त अंकों के साथ युति यह भी बताती है कि इन चुनावों के बाद अगली सरकार के गठन में किसी स्त्री राजनेता(या स्त्री अंकवाले पुरुष राजनेता) की भूमिका बहुत ख़ास रह सकती है. बहुत सम्भव है कि वहख़ुद प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में आ जाए, या फिर उसी की राय, सुझाव, सहमति, प्रस्ताव या समर्थन से देश को अगला प्रधानमंत्री मिले. देश के आयु अंक 4 की चुनावी वर्षांक 7 के साथ युति भी यह दर्शाती है कि अगली सरकार की पितृ भूमिका में कोई स्त्री राजनेता(या स्त्री अंक वालेपुरुष) का प्रभुत्व रहना है. यहां इस बात को दो भागों में बांट लें तो अधिक सरलता से समझा जा सकता है. पहली तो यह कि स्त्री राजनेता के अंतिम रूप सेसमर्थन या सहमति से ही प्रधानमंत्री बनना तय हो और दूसरी यह कि निर्णायक दौर में प्रधानमंत्री का नाम तय करने में स्त्री अंक वाले पुरुष राजनेता यास्त्री राजनेता की भूमिका प्रधान हो जाए. भारत के मूलांक 6 और आयु अंक 4 में विरोधी युति बनती है. यह पितृ सुख भंगकी युति है. इसका मतलब यह है कि आगामी लोकसभा चुनाव के बाद देश का पितृपुरुष यानि प्रधानमंत्री दु:खी/पीड़ित रहेगा. उसे ढंग से शासन करने को नहीं मिलेगा और वह अपना कार्यकाल भी पूरा नहीं कर सकेगा. स्त्री अंकों की प्रधानता के कारण वह साथ/सहयोग/गठबंधन के दलों के कारण परेशान रहेगा. देश का आयु अंक 4 इसके भाग्यांक 8 के साथ प्रबल विरोधी युति बनता है. यह विखंडन युति है, जो कि देश की पितृ अवस्था के लिए बहुत हानिकारक है. यहयुति नेतृत्व के विरुद्ध जाती है. यह प्रतिकूलता तीन तरह की होती है -(1) व्यक्तिपरक, (2) दलपरक और (3) समूहपरक. व्यक्तिपरक का तात्पर्य सरकार केनेता यानि प्रधानमंत्री से है; दलपरक से तात्पर्य शासक दल से है और समूहपरक से तात्पर्य शासक गठबंधन से है. अगले लोकसभा चुनाव के बाद ये तीनों ही प्रतिकूलताएं अपने प्रतिफलित रूप मेंहोंगी यानि देश के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह नहीं होंगे, शासक दलभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नहीं होगा और शासक गठबंधन ‘यूपीए’ नहीं होगा. इसका तात्पर्य यह हुआ कि अगली बार ग़ैर यूपीए सरकार आएगी. एक ख़ास बात की तरफ़ बराबर ध्यान रखना होगा और वह यह कि देश का अगला प्रधानमंत्री जो भी होगा, उसके यहां अंक 5, 6 व 8 की बहुत महत्त्व पूर्ण भूमिका होगी. इतना ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री तय करने में निर्णायक लोगों के यहां भी अंक 5, अंक 6 व अंक 8 की भूमिका विशिष्ट रहेगी. साथ ही स्त्री अंक 2 भी प्रमुखता से रह सकता है. जब देश को इसके मूलांक 6 व भाग्यांक 8 की युति का वर्ष यानि 68 वां वर्ष चल रहा होगा, तब तत्कालीन सरकार को ख़तरा होगा. इस वर्ष सरकार नहीं गिरी तो जबदेश को स्वाधीनता का 69 वां वर्ष चल रहा होगा, तब दो परस्पर विरोधी अंक (6 व 9) साथ होंगे. इनकी युति राजनीतिक अस्थिरता को जन्म/बढ़ावा दे सकती है. तब तत्कालीन सरकार गिर सकती है. कहने का मतलब यह है कि इन लोकसभा चुनावोंके बाद बनी सरकार अपनी उम्र के 13 वें महीने से 26 वें महीने में गिर सकती है यानि वर्ष 2015 के उत्तरार्द्ध से वर्ष 2016 में देश को मध्यावधि चुनाव झेलने पड़ सकते हैं. इस आर्टिकल मेंनिहित जानकारी, भविष्यवाणी, विचारया राय पूरी तरह से लेखक के हैं. यह जरूरी नहीं कि पिट्स न्यूज लेखक के विचारों से सहमत हो. हम इसकी वास्तविकता और विश्वसनीयता की नुमाइंदगी नहीं करते. डॉ कुमार गणेश (अंक ज्योतिषी एवं बॉडी लैंग्वेज-विशेषज्ञ) | Read More »  शीला दीक्षित के खिलाफ प्राथमिकी मामले में 26 को हाई कोर्ट करेगा सुनवाई  | नई दिल्ली : दिल्ली उच्च न्यायालय भ्रष्टाचार के एक मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निचली अदालत के आदेश के विरूद्ध दायर अपील को वापस लेने के केजरीवाल सरकार(अब पूर्व) के अनुरोध पर 26 फरवरी को सुनवाई करेगी. गौरतलब है कि न्यायमूर्ति वी.पी.वैश की पीठ ने पहले इस अनुरोध पर सुनवाई की तारीख तय कर रखी थी लेकिन दिल्ली सरकार ने न्यायालयमें कहा कि इस मामले में उसका पक्ष रखने के लिए अतिरिक्त सॉलीसिटर जनरल उपलब्ध नहीं हैं. न्यायालय ने इस तथ्य के मद्देनजर सुनवाई 26 फरवरी के लिए स्थगित कर दी. अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार ने 14 फरवरी को उच्चन्यायालय से कहा था कि वह इस मामले में दायर अपील वापस लेना चाहती है. मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद ने जन लोकपाल विधेयक पेश करने को लेकर उपजे विवाद पर इस्तीफा दे दिया था. भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना रूख जोरशोरसे रखते हुए निवर्तमान आप सरकार ने अपने आवेदन में कहा था कि अपील वापसलेने के मंत्रिमंडल के फैसले पर उपराज्यपाल की मंजूरी मिल गई है. सरकार का कहना था कि शीला दीक्षित को अब स्वयं ही अपना बचाव करना होगा क्योंकि वह मुख्यमंत्री नहीं है, ऐसे में आप सरकार के लिए पूर्वमुख्यमंत्री का बचाव करने का कोई तुक नहीं है. पिछली कांग्रेस सरकार ने यह अपील दायर की थी. बता दें कि आवेदन में कहा गया है कि वैसे भी सरकार ने भ्रष्टाचार के मामले में फंसे अपने किसी भी कार्यपालक बचाव नहीं करने का फैसला किया है. भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने शिकायत की थी कि शीला दीक्षित प्रशासन ने 2008के विधानसभा चुनाव से पहले विज्ञापन अभियान पर 22.56 करोड़ रूपए के सरकारी धनका दुरूपयोग किया था. इस शिकायत पर निचली अदालत ने शीला दीक्षित के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था. उसके बाद पिछले साल सितंबर में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उच्च न्यायालय ने उस आदेश पर स्थगन लगा दिया था. | Read More »  सचिन से भी लोकप्रियता में आगे निकल गईं सनी लियोन  |
मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : सनी लियोन को बॉलीवुड में आए अभी बहुत दिन नहीं हुए हैं लेकिन उन्होंने सचिनको भी पीछे कर दिया है. गौरतलब है कि अभिनेत्री सनी लियोन सर्च की जानेवाली सबसे लोकप्रिय सेलेब्रिटीबन गईं हैं. इतना ही नहीं, सनी ने इस मामले में न सिर्फ बॉलीवुड की हसीनाओं को पछाड़ा, बल्कि मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर को भी पीछे छोड़ दिया. फ्री वीडियो ऑन डिमांड मोबाइल सर्विस प्रदान करने वाली कंपनी जेंगा टीवी ने सनी लियोन और सचिन तेंदुलकर के एप्प को लॉन्च किया था. एप्प लॉन्च होने के एक महीने के भीतर सनी लियोन का फ्री मोबाइन डाउनलोड एप्प हर रोज 10 हजार से 12हजार बार देखा गया है और अब तक इसे तीन लाख सेज्यादा लोग डाउनलोड कर चुके हैं. वहीं, दूसरी ओर सचिन का एप्प नवंबर में लॉन्च होने के बाद प्रतिदिन तीन हजार बार देखा गया है और अभी तक इसे सिर्फ 1 लाख लोगों ने ही डाउनलोड किया है. कंपनी के पास सचिन और सनी दोनों के एक्सक्लूसिव कंटेंट के अधिकार है. सनी के एप्प को डाउनलोड करने वाले जो लोग एडल्ट कंटेंट देखने की उम्मीद करते है उन्हें निराशा ही हाथ लगती है. भारतीय कानून के अनुसार एडल्टकंटेंट बैन होने के कारण कंपनी सिर्फ सनी के इंटरव्यू और मूवी प्रमोशन के वीडियो ही दिखाती है. जेंगा टीवी के सीईओ अभिषेक जोशी बताते हैं कि सनीलियोन का एप्प बहुत ही शानदार और सनी लियोन लोगों को अपनी ओर आकर्षित करनेमें कामयाब हैं. | Read More »  हरमन बावेजा ने सरेआम किया बिपाशा से प्यार का इकरार  | मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुडमें जो कुछ भी होता है वह किसी से छुपा नहीं रह जाता चाहे बॉलीवुड के कलाकार उसे कितना ही छुपाना क्यों ना चाहें. गौरतलब है कि एक्टर हरमन बावेजा एक्ट्रेस बिपाशा बसु की डेट करने की बात को लेकर काफी खबरें आ रही थी पर हाल ही में हरमन ने एक साक्षात्कार में इस बात का खुलासा किया है कि वह बॉलीवुड एक्ट्रेस बिपाशा बसु को डेट कर रहे हैं. हरमन से जब पूछा गया कि क्या आप बिपाशा को डेट कर रहे हैं. तो वह बोले, ‘हां. हम एक दूसरे को काफी पहले से जानते हैं लेकिन कभी बातचीत नहीं की थी. पहली बार एक जन्मदिन पार्टी में मिले थे.' हरमन ने यह भी बताया कि, 'फिटनेस फैक्टर को छोड़कर, हमारी बाकी सभी बातें एक दूसरे से काफी मिलती हैं. वह बहुत सिंपल और ऑनेस्ट हैं. साथ ही वे बहुत ही केयरिंग और दूसरों से प्यारकरने वाली भी हैं.' | Read More »  नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनकर भी रहेंगे हिटलर – कपिल सिब्बल  |
नई दिल्ली : लगता है इन दिनों कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के आदेशों को नज़र अंदाज कर रहे हैं. क्योंकि कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले दिनों कहा था कि उनके नेता विरोधियों खासकर नरेंद्र मोदी पर व्यक्तिगत हमले न करें लेकिन रहुल की इस नसीहत का कई नेताओं पर अभी भी असर नहीं हुआ है. बता दें कि मणिशंकर अय्यर की चाय बेचनेवाली टिप्पणी पर कांग्रेस को काफी टिप्पणियों का सामना करना पड़ा था लेकिन उससे भी सबक न लेते हुए केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम के दौरान भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्रमोदी की तुलना हिटलर से कर डाली. बता दें कि सिब्बल ने कहा कि अगर मोदी देश के प्रधानमंत्री बनते हैं तो ये देश का दुर्भाग्य होगा. सिब्बल ने कहा कि, 'क्या हुआ अगर मोदी चुनाव जीत गए तो हिटलर भी तो जीता था.' वहीं मोदी को 2002 के दंगं से क्लीन चिट मिल गई है लेकिन इस पर भी सिब्बल ने कहा कि वे मोदी को पाक साफ मानने के लिए तैयार नहीं हैं. वहीं केजरीवाल को निशाने पर लेते हुए सिब्बल ने कहा कि केजरीवाल को खड़ा करने के पीछे भाजपा का हाथ रहा है. जब सिब्बल से पूछा गया कि आम आदमी पार्टी को समर्थन तो कांग्रेस ने ही दिया तो इस पर सिब्बल ने कहा कि हम लोग आप पार्टीको बेनकाब करना चाहते थे. सिब्बल के अनुसार मीडिया अगर साथ दे तो कांग्रेस की सच्चाई सामने आएगी कि उसने देश के लिए कितना काम किया है. सिब्बल ने कहा कि वे चांदनी चौक लोकसभा सीट से ही चुनाव लड़ेंगे अगर पार्टी ने टिकट दिया तो. बता दें कि आखिर में सिब्बल ने कहा कि पॉलिसी पैरालिसिस सरकार में नहीं, संसद के अंदर है. सरकारतो कानून बनाती है लेकिन विपक्ष उसे पास नही होने देता. | Read More »  अब बिना आधार कार्ड के खरीद सकते हैं सिलेंडर – पेट्रोलियम मंत्री  |
नई दिल्ली : एलपीजी सिलेंडर के उपभोक्ता अब बिना आधार कार्ड के सिलेंडर खरीद सकते हैंऔर इसके बारे में एक हफ्ते के अंदर आदेश जारी कर दिया जाएगा.गौरतलब है कि पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली ने एलपीजी सिलेंडर को आधार कार्ड से अलगकरने पर स्थिति स्पष्ट करते हए कहा कि एक हफ्ते के अंदर स्पष्टीकरण सेसंबंधित सर्कुलर जारी कर दिया जाएगा. आपको बता दें कि जहां तक सीधे नकद अंतरण(डीबीटी) का सवाल है, कैबिनेट ने आधार खाते कोएलपीजी सिलेंडर दिए जाने से अलग करने का निर्णय किया है. अब सब्सिडीआधारित एलपीजी सिलिंडर बिना आधार के ही मिल सकेगा. | Read More »  आम आदमी पार्टी ने मुंबई में बजाया चुनाव का बिगुल  |
एक तरफ संकट और एक तरफ अवसर है,आपको चुनना है-योगेंद्र यादव,नेता, आप आम आदमी पार्टी ने मुंबई में बजाया चुनाव का बिगुल पहली ही रैली में शामिल हुए हजारो लोग आम आदमी पार्टी की महारैली को संबोधित करते हुए आपके नेता योगेंद्र यादव और रैली में शामिल हुए नाशिकसे श्री.पवार मुंबई(रजिया निसार):आम आदमी पार्टी ने मुंबई में लोकसभा चुनाव-2014 का बिगुल बजा दिया है. अंधेरी के चकाला से अंधेरी वेस्टमें चली रैली में बड़ी तादाद में लोक साथ चले. आम आदमी पार्टी के पहले ही शक्ति प्रदर्शन में हजारों लोगों ने हिस्सालिया. दिल्ली के आप के नेता योगेंद्र यादव की अगुवाई में यह रैली हुई. इस रैली का समापन सभा में हुआ. पहली बार मुंबई में आप चुनाव लड़ रही है इसमें. मुंबई से मयंक गांधी, मेधा पाटकर, मीरा सन्याल को उतारा गया है और महाराष्ट्र में नाशिक से विजय पांढरे, नागपुर से अंजली दमानिया और पुने से सुभाष वारे. प्रचार सभा को संबोधित करते हुए प्रा.योगेंद्र यादव ने भाजपा और कांग्रेस के उपर निशाना साधा उन्होंने नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि रिलायंस के गैर व्यवहार पर नरेंद्र मोदी चुप क्यों हैं? इससे एक बात साफ है भाजपा और मुकेश अंबानी एक दूसरे से कैसे मिले हुए हैं. राहुल गांधी पर भी निशाना साधते हुए उन्होंने कहा किटू जी स्पेक्ट्रम, राष्ट्रकुल घोटाला, आदर्श घोटाला इसके ऊपर राहुल गांधी क्यों नहीं बोलते हैं. आदर्श घोटाला में एक मुख्यमंत्री पर कार्यवाई की परंतु बाकी सभी मंत्रियों को बचाया जा रहा है यह सब राहुल गांधी कैसे देख पा रहे हैं? कांग्रेस और भाजपा एक सिक्के के दो पहलू है. नरेंद्र मोदी दावा करते हैं कि वह कभी उद्योगपतियों से एकभीरूपया नहीं लेते हैंतोगुजरात का'अदानी' ग्रूप कैसे बड़ा हुआ है, यह बड़े रहस्य की बात है.
इस प्रथम सभा में मयंक गांधी, अंजलि दमानिया, मेधा पाटकर, विजय पांढरे, मीरा सन्याल, सुभाष वारे, अजितसावंत,मारूति भापकर, संजीव साने(उत्तर महाराष्ट्र संयोजक) ललित बाबर, मोहन अडसुल, उल्का महाजन, गजानन खातु, राजू भिसे, पंकज गुप्ता ऐसे कई कार्यकर्ता भीउपस्थित थे. इस सभा में आपके सभी उम्मीदवारो ने लोगों के साथ बात की किसने क्या कहा.
स्लम बस्तियों को जब तक घर नहीं मिलता है तब तक हम लड़ते रहेंगे चाहे मेरेप्राण ही न चले जाए. सरकार को पहले घर बनाने चाहिए परंतु महाराष्ट्र सरकार इसके विपरीत कर रही है. यह सभी राजनेता आपके सेवक है मालिक नहीं, हमारे पार्टी में लोगों की सेवा करने के लिए कई लोगों ने अपनी नोकरी छोड़ दी है, ऐसे देशभक्तों की हमें जरूरत है. व्यवस्था परिवर्तन ही हमारा लक्ष्य है
जात-पात और मजहब पर चुनाव नहीं जीता जाना चाहिए. जन आंदोलन कामार्ग राजनीतिमें नहीं आता परंतु हमें मजबूर कर देनेवाले हैं इसलिए हमें राजनीति में आना पड़ा. समाज मेंपरिवर्तनकरने के लिए हम अथक परिश्रम करेंगे.आज राजनीति मेंराजऔर निती दोनों होने चाहिए परंत आज कहीं पर भी निती दिखाई नहीं दे रही हैं. हम लड़ेंगे और जितेंगे.
आम आदमी पार्टी ने आमलोगों कोसत्ता में आने का प्लेटफॉर्म दिया है. सत्ता में सहभागी होकर आपको अपने लिए कौन से काम करने है यह आपसे ज्यादा कोई समझ नहीं सकता है. हम इस चुनाव में दिल्ली से भी ज्यादा सीटे महाराष्ट्र सेदेंगे और जो भ्रष्टाचार, प्रांतवाद,घरानेशाही चल रही है उसका हमें विरोध करना है. मेरा सबसे पहला शत्रू है राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी. इनको हराकर ही हम चैन की नींद लेंगे. ऐसा करते वक्त मेरा क्या होगा. मैं नहीं जानतीपरंतु मैं लोगों के काम आवुं यह मेरा मकसद है. पृथ्वीराज चव्हाण, मनमोहन सिंह और देवेंद्र फडवणीसभ्रष्टाचारी नहीं हैं परंतु यहलोगअपने कर्तव्य से भटक गए हैं.
हम आतंकवाद से लड़ चुके हैं तो अब भ्रष्टाचार से लड़ना कोई बड़ी बात नहीं हैं. हम लड़ना सीख गए हैं. हमारे साऊथ मुंबई में कई अच्छे लोग हैं जो भ्रष्टाचार से मुक्ती पाना चाहते हैं. | Read More »  सप्ताह की खास मुलाकात – श्री. विजयपांढरे  |
भ्रष्टाचार को उजागर करके व्यवस्था परिवर्तन करना चाहता हूं और नाशिक के लोगों को जीने का मकसद देना चाहता हूं विजय पांढरे मेरी में चीफ इंजीनियर के पद पर काम कर रहे थे उन्होंने अपना काम करते हुए यह पाया कि सभी जगह बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार चल रहा है. उनसे यह भ्रष्टाचार देखा नहीं गया, वह जिस जिले में जाते वहां के अपने डिपार्टमेंट में भ्रष्टाचार को पाते थे बस इसी भ्रष्ट व्यवस्था को उजागर करने का उन्होंने ठान लिया और 35 हजार करोड़ का डॅम घोटाला महाराष्ट्र के जनता के सामने रख दिया. ऐसे ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ व्यक्ति से हमारे सहा.संपादक चंदन पवार ने कुछ प्रश्नों पर उनसे जवाब तलब किया. आप'मेरी' में मुख्य अभियंता पद पर कार्यरत थे, कैसा अनुभव महसूस किया जब आप काम कर रहे थे?' मैंने अपनी पूरी नोकरी के काल में जहां भी गया वहांभ्रष्टाचार पाया और भ्रष्टाचार करनेवाला एक आदमी नहीं था पूरा का पूरा सिस्टम ही इसमें लिप्त पाया जाता था. मैंने अपनी पूरी जिंदगी में ईमानदारी से काम किया. जब मुझे अपने विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार का पता चला तो मुझसे रहा नहीं गया फिर मैंने अपने मन में ठान लिया अब मैं इसे बर्दाश्त नहीं करूंगा. मैंने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इस भ्रष्टाचार के बारे में बताया तो उन्होंने मुझे ही सलाह दे डाली कि आप इस मैटर में ना पड़े तो यह आपके लिए अच्छा रहेगा. यह सुनकर मैं सुन्न रह गया. आपने जलसंपदा विभाग में चल रहे 35 हजार करोड़ रूपयों के भ्रष्टाचार को सामने लाकर महाराष्ट्र की राजनीति में भुकंप मचा दिया, क्या कहेंगे इस विषय में? 35 हजार करोड़ का यह जल संपदा विभाग में जो भ्रष्टाचार हुआ है इसको बाहर लाने के लिए मुझे कड़ी मेहनत करनी पड़ी क्योंकि जब आप किसी अनीती से लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं तब आपके सामने कई दिग्गज राजनेता और भ्रष्ट अधिकारी खड़े हो जाते हैं परंतु सच्चा इंसान वही होता है जो बिना डर के सच्चाई को लोगों के सामने लाए. परंतु यह सब करने के बावजूद आज भी वही लोग बड़े शान से अपने पद पर बने हुए हैं और जनता को मुर्ख बना रहे हैं. लेकिन आम आदमी जाग गया है इसलिए वह भ्रष्ट राजनेताओं को अपनी कुर्सी के नीचे खींचने के लिए तैयार है. आपको आम आदमी पार्टी की तरफ से लोकसभा उम्मीदवार बनाया गया है तो क्या आप जलसंपदा विभाग के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाएंगे? मैं अरविंद केजरीवाल, योगेंद्र यादव और उनकी टीम का आभारी हूं. उन्होंने मुझपर जो विश्वास दिखाया है मैं उसे सार्थ बनाके रहूंगा. जलसंपदा विभाग के भ्रष्टाचार को मैं जरूर मुद्दा बनाऊंगा इतना ही नहीं जिस तरह सिस्टम ऊपर से लेकर नीचे तक भ्रष्टाचार में लिप्त है इसकी भी जानकारी मैं अपने नाशिक और महाराष्ट्र की जनता को दूंगा. नाशिक के विकास के बारे में बहुत सारी बाते हैं जो मैं बोलकर नहीं बल्कि करके दिखानेवाला हूं. नाशिकमें आज भी राजनीति विकास के मुद्दे पर नहीं बल्कि एक दूसरे को कम आंकने में की जाती है, आप ऐसी राजनीति को कैसे सुधारेंगे? जीहां. आपने सही कहा आज नाशिक में ही नहीं बल्कि पूरे देश में राजनीति विकास के मुद्दे पर नहीं लड़ी जाती. कोई भी नेता इस बात पर एक दूसरे से नहीं लड़ता कि मैने 10 करोड़ का काम कर दिया है. तुमने कितने करोड़ का काम किया? बस इसका उल्टा हो रहा है. जात, पात, धर्म की राजनीति चल रही है. यह मेरे समाज का है यह उसके समाज का है. मेरे समाज में से मेरे वोट फिक्स है. मतलब यह नेता लोगों को अपनी दुकानदारी का खिलौना समझते हैं. लोगों से भी मेरी विनंती है कि आप विकास को मत दें सच्चे ईमानदार आदमी को वोट दें. यह आपके बच्चे के भविष्य से जुड़ा प्रश्न है.यह सब समझने का प्रयास करूंगा. नाशिककेराष्ट्रवादीसासंद इनके कामों से आप एक नागरिक के हिसाब से खुश हैं? बिल्कुल भी नहीं. आज पूरे नाशिक में काम ना के बराबर है. ट्रैफिककी समस्या, ड्रेनेज लाईन्स, आरोग्य, बेरोजगारी और नाशिक के उद्योग ठप्प पड़ गए हैं क्योंकि यहां पर उद्योग लगाने के लिए या चलाने के लिए उद्योगपतियों से पर्सेंटेज की बात की जाती है. मतलब यहां के युवाओं को और कई छोटी-मोटी फैक्टरी को रोजगार मिलेगा इसका बिल्कुल सोचा नहीं जा रहा है. सब पैसे का खेल चल रहा है. नाशिकमहानगरपालिका जबसे मनसे के पास आई है, क्या आपको लगता है यहां पर विकास हुआ है? मुझे कहीं भी विकास का काम हुआ है यह दिख नहीं रहा है. बस अपनी रोजी रोटी कैसे चलेगी, कम समय में कितना पैसा जेब में आएगा यही काम नाशिक महानगरपालिका में हो रहा है. विकास वह होता है जिसे लोग अपने मुंह से कहे कि विकास हुआ है. आज आप नाशिक के कोई भी क्षेत्र में चले जाओ यहां विकास हुआ है ऐसा कोई भी आम आदमी नहीं कहेगा. अरविंदकेजरीवाल ने मुख्यमंत्री पद का इस्तीफा देकर लोगों के साथ धोखा किया है, इस पर आप क्या टिप्पणी करना चाहेंगे? मैंइसबात को नहीं मानता क्योंकि जनलोकपाल पास नहीं होगा तो मैं इस्तीफा दे दुंगा यह पहले से ही केजरीवाल ने कहा था. उन्होंने लोगों के हित के लिए काम करना चाहा परंतु कांग्रेस और भाजपा ने जनलोकपाल पर दोस्ती कर ली और जनलोकपाल पेश नहीं होने दिया. हम अगर आम आदमी के कामों के लिए लड़ रहे हैं तो वह होने चाहिए अगर नहीं होते तो हमारी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि हमें उस पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है और मुझे आप बताईए आज तकदेश के कितने मुख्यमंत्रियों ने काम ना होने के तर्ज पर इस्तीफे दिए हैं? कोई ऐसा करके दिखाए तो मान जाए. भविष्यमें अगर आप नाशिक से लोकसभा का चुनाव जीत जाते हैं तो क्या आप जल संपदा विभाग के भ्रष्टाचार को संसद में उठाएंगे? बिल्कुल उठाएंगे यही मुद्दा नहीं बल्कि यहां के उद्योग से जुड़े युवाओं के रोजगार, गरीब झुग्गी झोपड़ियों में रहनेवालों के आवास और ऐसे कई समस्या है जिनको मैं उठाउंगा. अगर आपके पास काम करने की इच्छाशक्ति है तो आपको कोई काम मुश्किल नहीं लगता है. एक काम में 60% भ्रष्टाचार करके पैसा कैसे अपने जेब में किया जाता है यह मैने खुद देखा है. बाकी तो कई काम सिर्फ कागज पर दिखाकर पूरा का पूरा पैसा गायब हो जाता है. महाराष्ट्र में ऐसा कौन सा व्यक्ति है जिसे आम आदमी पार्टी में आना चाहिए? महाराष्ट्रमेंकईऐसे समाजसेवक और ईमानदार अधिकारी है जिन्हें अगरलगता है कि इस भ्रष्ट व्यवस्था को खत्म करके समाज में परिवर्तन लाना है वह सभी इस पार्टी में आ सकते हैं. यह उनका अपना फैसला है और आपके माध्यम से लोगों को यह भी कहना चाहता हूं कि चुनाव में वोट डालने के लिए कोई भी पैसा ना ले क्योंकि इन्होंने दिया हुआ पैसा आपके कितने दिन काम आएगा. अगर आप पैसा लेते हैं तो फिर पांच साल विकास भूल जाईए. आप कौन से चेहरे के साथ उस व्यक्ति से विकास की मांग करेंगे. इसलिए भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए हम सबको एक साथ, एक आवाज में खड़ा रहना पड़ेगा. आमआदमीपार्टी को नाशिक डिस्ट्रिक्ट में बढ़ाने के लिए आप कौन से कदम उठा रहे हैं? हम कई गांवो तथा शहरों में जाकर अच्छे ईमानदार और जो इस भ्रष्ट व्यवस्था से ऊब गए हैं उनको हम दरख्वास्त कर रहे हैं कि देश की दूसरी लड़ाई में हमारा साथ दें परिवर्तन करना ही हमारा मकसद है. आज जो सत्ता में हैं उनके पास पहले क्या था और आज क्या है? जरा इस पर सोचें, हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं इसलिए छोटे-छोटे गांव में हम कमिटियां स्थापन करके जिम्मेदारी सौंपना चाहते हैं. धन्यवाद. | Read More »  हेल्थ टिप्स – अच्छी आदतों से मिल सकता है अच्छा स्वास्थ्य  |
अगरआप अच्छा स्वास्थ चाहती हैं तो कुछ अच्छी आदतों का पालन करें. इसकेलिए स्वयं को एक मिनटका समय देना भी काफी होगा क्योंकि किसी भी आदत कोसीखने के लिए समय हीकितना चाहिए. कार में सीट बेल्ट लगा कर बैठना हो याहाथों को नियमित रूप सेधोना हो जैसी आदतें कम समय में ज्यादा स्वास्थलाभ प्रदान करती हैं. आपहर दिन कुछ अच्छी और गंदी आदतों से गुजरती हैं. कोशिश करें कि हमेशा अच्छीआदतों को अपनाएं और अच्छा स्वास्थ्य लाभ पाएं. आईए बताते हैं कुछ ऐसी ही अच्छी आदतें. दरवाजे पर ही जूते-चप्पल उतारें: बाहरसे आते समय घर के दरवाजे पर ही जूते-चप्पल उतार दें. इससे बाहरीगंदगी औरधूल घर में नहीं आती. घर भी साफ-सुथरा ही रहता है. इसके लिए आपदरवाजे केपास एक शू-रैक भी रख सकती हैं. वैसे तो यह काफी प्राचीन परंपराहै जिसेसिर्फ एक रूढि़वादिता नहीं माना जा सकता बल्कि यह साइंटिफिक फैक्टहै. छींकते समय ध्यान दें: अगरआपको छींक आ रही है और उस समय आपके पास रुमाल या टिशु पेपर नहीं है तोमुंह के आगे हाथ ही रख लें. खुले तरीके से छींकने पर संक्रमण फैलने का डररहता है. रुमाल का प्रयोग हमेशा करें, इससे बाकी लोग भी संक्रमण से बचेरहेंगे. आंखों को आराम दें: ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी औरकई छात्र घंटों तक कम्प्यूटर के सामनेबैठकर काम करते हैं. इससे उनकी आंखेंखराब हो सकती हैं. ऐसे में उन्हेंथोड़ी-थोड़ी देर में आंखों को स्क्रीनसे हटा कर रिलेक्स करना चाहिए. इसतरह से सिर में भी दर्द नहीं होगा औरआंखें भी खराब नहीं होंगी. रसोई में रखें सफाई: घर में आपको सबसेगंदी जगह टॉयलेट सीट लग सकती है लेकिन एक अध्ययन से पताचला है कि किचन मेंसफाई के लिए इस्तेमाल होने वाला कपड़ा सबसे ज्यादागंदा होता है. इससे आपकिचन की हर चीज को साफ करती हैं और लगातार इस्तेमालकरती हैं इसलिए इसकपड़े को हर दिन साफकरें या माइक्रोवेव में 45सेकंडतक रखें ताकि इसकेजर्म्स खत्म हो जाएं. इसे साफ करने के लिए गर्म पानीका इस्तेमाल करनाज्यादा फायदेमंद रहता हैं. जब भी गुस्सा आए: जब कभी आपको बहुततेज गुस्सा आए तो गहरी सांस लें और मन ही मन 20 तक गिनतीगिनें और रिलेक्सहोने की कोशिश करें. यह बात जान लें कि गुस्से से बॉडीऔर नर्वस सिस्टम कोनुक्सान पहुंचता है. ऐसा करने से आपको आराम भी महसूसहोगा. अपनी जीभ नियमित रूप से साफ करें: आपअपने दांतों को रोज साफ करते हैं और सोचते हैं कि आपका मुंह साफहोगया. ऐसा नहीं है बल्कि दांतों के अलावा आपको जीभ की भी नियमित सफाई करनीचाहिए. रिसर्च के अनुसार जीभ की सफाई न रखने पर मुंह, गले और पेट की कईबीमारियांहोने का डर तो रहता ही है, साथ ही मुंह से बदबू भी आने लगती है. शरीर कोस्वच्छ रखने के लिए जीभ की सफाई रखनी जरूरी होती है. | Read More »  लाईफ स्टाइल – होंठों को खूबसूरत बनाएं नारियल तेल से  |
ठंडी के मौसम में हमारे नाजुक, कोमल और मुलयम होंठ सूखने लगते हैं और उन्हें सामान्य बनाए रखने के लिए काफी कुछ करना पड़ता है. गौरतलब है कि होंठों को नाजुक बनाने के लिए नारियल का तेल बहुत उपयोगी है. आईए आपको बताएं कि कैसे नारियल के तेल का उपयोग कर आप अपने होंठों की खूबसूरती बनाएं रख सकते हैं. 1) यदि आपभी अपने होंठों को सुंदर और मुलायम बनाना चाहती हैं तो होंठोंपर नारियल तेल लगाएं. 2) रात को नारियल तेल से होंठों की मसाज करें और सो जाएं. इस प्रकार आपकेहोंठ फटने से बचेंगे. सुबह उठ कर गुनगुने पानी से होंठों को धो लें, दिनमें लिप बाम अवश्य लगाएं. 3) आप अपने होंठों पर नारियल फ्लेवर वालालिप बाम लगाएं. यदि आप कहीं बाहरहैं या आपके पास नारियल तेल नहीं है तो इनलिप बाम का इस्तेमाल आसानी सेकिया जा सकता है. इनका इस्तेमाल नियमित रूपसे भी कर सकती हैं. इसे शेड्सवाला न खरीद कर सिंपल लें ताकि आपके होंठोंपर कम केमिकल लगे. 4) पिघले हुए तेल की अपेक्षा जमा हुआ नारियल कातेल ज्यादा फायदेमंद होताहै. यह होंठों पर लंबे समय तक टिका रहता है औरनमी प्रदान करता है. रातमें सोते समय हार्ड ऑयल लगा लें. 5) आपचाहें तो सिर्फ नारियल तेल लगाने की अपेक्षा उसमें जैतून का तेल भीमिलालें. मिश्रित तेल भी होंठों को नमी प्रदान करता है और उन्हें फटने सेबचाताहै. इस मिश्रण को आप बना कर भी रख सकती हैं, सर्दियों में इसे नियमित रूपसे लगाएं. | Read More »  | |