Monday, February 10, 2014

FeedaMail: Pits News Paper

feedamail.com Pits News Paper

उठा आणि उचला अहिंसक सत्त्याग्रहाचे अमोघ शस्त्र – डॉ.विश्वंभर चौधरी

जनतेचा मोठा विरोध असतांना डाॅ.श्रीकर परदेशी यांची बदली करणे हा जनताद्रोह आहे. सत्तेची नशा दारूच्या नशेपेक्षा जास्त चढत असावी. मात्र जी जनता निवडून देते त्या जनतेशी विद्रोह केला तर तीच जनता आपल्याला आस्मान दाखवू शकते हे मंत्रालयात बसलेल्या दुर्योधन-दु:शासनांनी पक्के लक्षात ठेवावे…. डाॅ श्रीकर परदेशींची बदली हा आता आपल्या सगळ्यांच्या म्हणजे जनतेच्या प्रतिष्ठेचा प्रश्न आहे. आपल्याच मतावर पोसलेली परजीवी बांडगुळे जेंव्हा आपलेच रक्त शोषून आपल्याच पोटात त्यांची भ्रष्ट नखे खुपसण्यास सज्ज होतात तेंव्हा त्यांना उखडून फेकणे भागच असते. पिंपरी-चिंचवडच्या जनतेने आता तरी शहाणे व्हावे आणि या गुंडांना, भ्रष्टांना, दरोडेखोरांना, मवाल्यांना मतपेटीद्वारे उखडून फेकावे ! ते होईल तेव्हा होईल, तूर्तास बदली विरोधात लोकशाही मार्गाने रस्त्यावर उतरावे. आदरणीय अण्णांनी संपूर्ण पाठिबा आणि वेळ आल्यास स्वतः रस्त्यावर उतरण्याचा निर्धार आधीच व्यक्त केला आहे.. पुणे-पिंपरी चिंचवड येथील सर्व सामाजिक कार्यकर्ते या प्रश्नी आपली एकजूट दाखवणार आहेत, त्याच बरोबर भाजप, सेना, मनसे, आप असे सर्व राजकीय पक्ष देखील या एकजुटीत सामील होत आहेत. सर्व पक्षांच्या वरिष्ठ नेत्यांशी मी याबाबत बोलत आहेच. पूर्वनियोजित कार्यक्रमानुसार पुण्याबाहेर आहे. सोमवारी गडचिरोलीहून परतलो की मी आंदोलनात पूर्ण वेळ सहभागी होणार आहेच. जनतेने आता घरात बसून प्रसंगाची शोभा बघत बसू नये. असे केले तर हे दुष्ट तुमची आणि तुमच्या पुढच्या पिढ्यांची शोभा केल्याशिवाय राहणार नाहीत ! त्यासाठी घरातून बाहेर पडा. आंदोलनात सामील होऊन त्यांना आपली ताकद दाखवा. अहिंसात्मक सत्त्याग्रह करून असा धडा शिकवा की भविष्यात प्रामाणिक अधिकार्यांच्या अन्याय्य बदली आदेशावर सही करतांना त्यांना जनतेच्या धाकाचा लकवा भरला पाहिजे !! मदांधांना कळू द्या की त्यांचा माज कितीही मोठा असो, तो माज उतरवण्याची ताकद जनता बाळगून आहे.

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पत्रकारांच्या आंदोलनास अण्णा हजारे यांचा पाठिंबा – एस.एम.देशमुख (पत्रकार हल्ला विरोधी कृती समितीचे निमंत्रक)

राळेगणशिंदी( प्रतिनिधी) : समाजासाठी काम करणाऱ्या पत्रकारांना कायद्याने संरक्षण मिळालेच पाहिजे, सरकारने तातडीने तसा कायदा केला पाहिजे अशी आग्रही मागणी करीत ज्येष्ठ समाजसेवक अण्णा हजारे यांनी 17 फेब्रुवारीच्या डीआयओ कार्यालयांना घेराव घालण्याच्या पत्रकार हल्ला विरोधी कृती समितीच्या आंदोलनास आपला पाठिंबा जाहीर केला.

पत्रकार हल्ला विरोधी कृती समितीचे निमंत्रक एस.एम.देशमुख यांच्या नेतृत्वाखाली समितीच्या एका शिष्टमंडळाने आज राळेगणशिंदी येथे जाऊन अण्णा हजारे यांच्याशी अ र्धा तास र्चाा केली.गेल्या वर्षात महाराष्ट्रात 73 पत्रकारांवर हल्ले झाले,दोन पत्रकारांचे खून झाले,एका महिला पत्रकारावर अत्याचार झाले,आणि माध्मयांच्या पाच कार्यालयावर हल्ले केले गेल्याची माहिती अण्णांना सांगितल्या नंतर अण्णा संतप्त झाले. ङ्गकाय चाललंय हे ङ्ग ? असा सवाल करून लोकहिचाचे कायदे न करणाऱ्या सरकारला सत्तेवर राहण्याचा अधिकार नाही अशी भावना व्यक्त केली.आरटीआय चे कार्यकर्ते असोत किंवा समाजासाठी काम करणारे सामाजिक कार्यकर्ते किंवा पत्रकार असोत यांना कायद्याचं सरक्षण असलंच पाहिजे आणि या संबंधीचा कायदा केवळ राज्यानेच नव्हे तर केंद्रानेही करायला हवा अशी मागणी त्यांनी केली.गेली काही वर्षे पत्रकार कायद्याची मागणी करीत आहेत पण ती मागणी पूर्ण केली जात नाही याचे कारण हा कायदा कोणत्याच राजकीय पक्षाला नको आहे कारण त्यामागे राजकीय पक्षांचे हितसंबंध असल्याचे अण्णा हाजारे यानी स्पष्ट केले.

पत्रकारांना संरक्षण देणारा कायदा करावा अशी मागणी करणारे एक पत्र आपण यापुर्वीच राज्य सरकारला पाठविले होते आणि पत्रकारांच्या या लढ्यास पाठिंबाही दिला होता अशी माहिती देत कायद्याच्या मागणीसाठी पत्रकारांना रस्त्यावर उतरावे लागते ही बाब चांगली नाही असे मतही त्यांनी व्यक्त केले.

अण्णा हजारे यांना आज भेटण्यास गेलेल्या शिष्टमंडळात समितीचे समन्वयतथा मराठी पत्रकार परिषदेचे अध्यक्ष किरण नाईक,पुणे जिल्हा मराठी पत्रकार संघाचे अध्यक्ष शरद पाबळे,उपाध्यक्ष सुनील वाळुंज,संदीप खेडेकर यांच्यासह नगर,पुणे येथील पत्रकार उपस्थित होते.

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बढ़ सकती है 'आप' की समस्या, दिल्ली कांग्रेस जनलोकपाल के विरोध में

नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि कांग्रेस एक मजबूत लोकपाल के पक्ष में है लेकिन दिल्ली कैबिनेट ने जिस तरीके से जन लोकपाल विधेयक पारित किया है, वह संविधान के खिलाफ है. लवली के अनुसार दिल्ली कांग्रेस जनलोकपाल के विरोधमें है. उन्होंने कहा कि हम लोकपाल बिल पेश नहीं होने देंगे, जरूरत पड़ी तो स्पीकर को खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएंगे.

लवली ने कहा कि कांग्रेस की मंशा संविधान के खिलाफ कार्य करने की नहीं है. वहीं लवली के इस बयान के बाद आप पार्टी और कांग्रेस के बीच तल्खी बढऩी लाजिमी है. दिल्ली कैबिनेट ने सोमवार को जन लोकपाल विधेयक को मंजूरी दी. इस विधेयकके दायरे में चपरासी से लेकर मुख्यमंत्री को रखा गया है और विधेयक में आमऔर खास सभी लोगों के लिए एक जैसे प्रावधान रखे गए हैं. किसी को भी विशेषाधिकार नहीं दिया गया है.

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए 13 से 16 फरवरी तक विधान सभा के विशेष सत्र का आयोजन किया है. इसके लिए केजरीवाल सरकार ने स्पोट्स अथॉरिटी आफ इंडिया(एसएआई) से इंदिरा गांधी स्टेडियम उपलब्ध कराने की मांग की थी लेकिन एसएआई ने यह कहते हुए केजरीवाल सरकार की मांग खारिज कर दी है कि उक्त समय के लिए स्टेडियम खाली नहीं है और स्टेडियम पहले ही बुक हो चुका है.

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अबोध बालिका सेदुष्कर्म के आरोपी को 10 साल की कैद

नर्इ दिल्ली : दिल्ली की एक अदालत ने तीन साल की एक अबोध बालिका का अपहरण कर उसका बलात्कार करनेवाले युवक को 10 साल की सजाए कैद सुनाई. गौरतलब है कि अदालत ने दोषी मोहम्मद मोइन के प्रति कोई ढिलाई बरतने से इनकार करते हुए कहा कि समूचे राष्ट्र में बच्चियां खतरे में हैं.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय गर्ग ने कहा कि, 'बलात्कार की हाल की भयावह घटनाओं ने समाज में हंगामा पैदा किया है. ऐसा प्रतीत होता है कि देश भर में बच्चे खतरे में है. इस उम्र के बच्चे खतरे में हैं और यौन हमले के आसान शिकार हैं. इन हालात के मद्देनजर दोषी किसी ढिलाई का हकदार नहीं है.' अदालत ने मोइन पर 3 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया. उसने निर्देश दिया कि फैसले की एक प्रति दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकार, पूर्वी दिल्ली इसनिर्देश के साथ भेजी जाए कि पीड़ित मुआवजा योजना के तहत दिल्ली सरकार के दिशानिर्देश के प्रावधानों के अनुरूप पीड़िता को दिया जाए.

बता दें कि पुलिस के अनुसार यह घटना नवंबर 2011 को हुई. बच्ची अपने घर के बाहर खेल रही थी. बच्ची के पिता के घर से जाने के बाद, युवक उसे अपने साथ एक पार्क मेंले गया और उसका बलात्कार किया. दो होमगार्ड ने पीड़िता के साथ दोषी को पकड़ा और दोनों को पुलिस थाने ले गए जहां मोइन को गिरफ्तार कर लिया गया.

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एली की मदद करेंगे सलमान

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : फिल्म 'मिकी वायरस' से बॉलीवुड में डेब्यू कर चुकी एली अवराम अब अपने करियर को गति प्रदान करने के लिए काफी प्रयास कर रही है. अपने खूबसूरत चेहरे तथा कामुक काया के लिए मशहूर एली, बॉलीवुड में पुख्ता पहचान बनाना चाहती है और इस क्रम में वह सलमान खान से भी पूरी मदद ले रही हैं.

बता दें कि रिएल्टी शो 'बिग बॉस' में शामिल होने के दिनों से ही एली की इस शो के होस्ट रहे सलमान से अच्छी दोस्ती है और सलमान भी एली के करियर को बढ़ावा देने के लिए उसके नाम की सिफारिश करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं. इतना ही नहीं, हाल ही में सलमान ने कहा था कि अपनी एक फिल्म के लिए भी वह एली के नाम पर विचार कर रहे हैं. सूत्रों की मानें तो सलमान ने अपनी प्रोडक्शन कम्पनी से कह दिया है कि वह एली के साथ एक फिल्म करना चाहते हैं और उनकी ख्वाहिश पर काम शुरू भी हो गया है.

लेकिन बता दें कि एली ने अभी सलमान के साथ फिल्म साइन करने की अटकलों को न तो स्वीकार किया है और न ही नकारा है. यह बात भी दिलचस्प है कि अपने करियर को संवारने के लिए वह उसी मैनेजमैंट टीम की सेवाएं ले रही है जो सलमान का काम सम्भालती है. गत दिनों एली सलमानके जन्मदिन की पार्टी में भी शामिल हुई थी और एली ने सलमान को एक क्रिस्टलएंजल उपहार में दिया था जिसके भीतर एक लैम्प बना था.

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दीप्ति नवल ने कला फिल्मों में बनाई खास पहचान

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड में दीप्ति नवल को एक ऐसी अभिनेत्री के तौर पर शुमार किया जाता है जिन्होंने अपने सशक्त अभिनय से कला फिल्मों में खास पहचान बनाई है. गौरतलब है कि 3फरवरी को जन्मी दीप्ति नवल ने अपने कैरियर की शुरूआत वर्ष 1977 में प्रदर्शित फिल्म ‘जालिया वाला बाग’ से की. इस फिल्म में दीप्ति नवल ने छोटीसी भूमिका निभाई थी. इसके बाद दीप्ति नवल को वर्ष 1978 में प्रदर्शितश्याम बेनेगल की फिल्म ‘जूनून’ में काम करने का अवसर मिला.

वर्ष 1980 में प्रदर्शित फिल्म एक बार फिर बतौर अभिनेत्री दीप्ति नवल के कैरियर की पहली फिल्म साबित हुई. इसी वर्ष दीप्ति नवल को हम पांच में काम करने का अवसर मिला लेकिन इन फिल्मों से उन्हें कोई खास फायदा नहीं मिला. वर्ष 1981 में प्रदर्शित फिल्म ‘चश्मेद्दूर’ दीप्ति नवल के कैरियर की पहली सुपरहिट फिल्म साबित हुई. इस फिल्म में दीप्ति नवल की जोड़ी फारूख शेख के साथ काफी पसंद की गई. चश्मेबद्दूर की सफलता के बाद फिल्मकारों ने कई फिल्मों में दीप्ति नवल और फारूख शेख की सुपरहिट जोड़ी को दर्शकों के सामने पेश किया. इन फिल्मों में कथा, साथ साथ, किसी से ना कहना, रंग बिरंगी और लसन अमया आदि शामिल है.

वर्ष 1985 में दीप्ति नवल ने प्रकाश झा के साथ शादी कर ली हालांकि आपसी मतभेदों के कारण वर्ष 2002 में दोनो अलग हो गए. वर्ष 2009 में दीप्ति नवलने मनीषा कोईराला को लेकर ‘दो पैसे की धूप चार आने की बारिश’ नामक फिल्म का निर्देशन किया. हालांकि यह फिल्म अभी तक रिलीज नहीं हो पाई है. उल्लेखनीय है कि दीप्ति नवल ने अपने सिने कैरियर में लगभग 70 फिल्मों में अभिनय किया है. उनके कैरियर की अन्य उल्लेखनीय फिल्मों में ‘श्रीमान-श्रीमती’, ‘अंगूर’, ‘मोहन जोशी हाजिर हो’, ‘कमला’, ‘हिप-हिप’,'हुर्रे’, ‘फासले’, ‘दामुल’, ‘मिर्च-मसाला’, ‘दुश्मनी’,'लीला’, ‘यात्रा’ आदि शामिल है.

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नीडो की मौत पर दिल्ली पुलिस को हाई कोर्ट की फटकार

लाजपत नगर का एसएचओ सस्‍पेंड

नई दिल्ली :अरुणाचल के छात्र नीडो के पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट में देरी के कारण हाईकोर्ट ने दिल्‍ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई है. हाईकोर्ट का कहना है कि दिल्ली पुलिस 7 फऱवरी तक स्टेटस रिपोर्ट दे. गौरतलब है कि हाइकोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि पुलिस की रिपोर्ट में पोस्टमार्टम रिपोर्ट को शामिल नहींकिया गया. हाईकोर्ट ने शुक्रवार तक पुलिस को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ नई जांच रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया.

बता दें कि हाईकोर्ट ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि राजधानी दिल्ली में अगर 15 दिन में पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलेगी तो दूसरी जगहों का हाल क्या होगा? वहीं इससे पहले बतां दें कि दिल्ली पुलिस ने अरुणाचल के छात्र निडो तानियाकी मौत की जांच के लिए विशेष जांच दल(एसआईटी) का गठन किया है.

लाजपत नगरमें कथित रूप से दुकानदारों ने छात्र को पीटा था जिसके कारण उसकी मौत हो गई. पुलिस के अनुसार दक्षिण-पूर्व के पुलिस उपायुक्त पी.करूणाकरण के प्रत्यक्ष निरीक्षण में एसआईटी का गठन किया गया है. पुलिस ने इस मामले मेंतीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है. पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने छह लोगों की पहचान की है. उनमें से दो किशोर हैं. वहीं इस मामले के तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है.

वहीं दूसरी ओर यह मामला दिन ब दिन बड़ा होते जा रहा है. नीडो की हत्या के मामले में लाजपत नगर के एसएचओ रमेश को सस्पेंड कर दिया गया है. लोकसभा के सभी सदस्यों ने पार्टी लाइन से ऊपर उठते हुए अरुणाचल प्रदेश के इस युवककी मौत के मामले पर गत बुधवार को अपनी चिंता प्रकट की. वहीं लोकसभा अध्यक्ष मीराकुमार ने कहा कि पूरा सदन पूर्वोत्तर के बच्चों की सुरक्षा के लिए एकजुट है.

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प्यार के लिए विदेशी गोरी गांव में धो रही है बर्तन

करनाल : कहते हैं प्यार जो करा ले वह कम ही है. प्यार ने बड़े बड़ों को उनका घर बार छुड़ा दिया है. प्यार करनेवाले किसी की परवाह नहीं करते और अपने आप को बदलने से भी पीछे नहीं हटते. गौरतलब है कि हरियाणा के करनाल जिले में एक छोटे से गांव पोपड़ा ने रचा इतिहास. गांव पोपड़ा के एक युवक का एक अमेरिकन औरत के साथ फेसबुक पर शुरू हुआ दोस्ती का सफर धीरे-धीरे प्यार में बदल गया.

बता दें कि एड्रिना नाम की यह लड़की मुकेश के प्यार में इतनी दीवानी हो गई कि वह अपना सबकुछ छोड़ने के लिए तैयार हो गई. ऐसी जिंदगी के लिए जिसे उसने कभी नहीं जिया, ऐशोआराम के नाम पर कुछ नहीं यहां तक के घर में शौच जाने के लिए टॉयलेट तक नहीं है, फिर भी मुकेश के प्यार में पागल एड्रिना छ: महीनों से न सिर्फ यहां रह रही है बल्कि इस जिंदगी में पूरी तरह से रच बस गई है.

कैलिफोर्निया में अपने दोस्‍तों के साथ पार्टी करनेवाली, बेटी लूसी के साथ खूब शॉपिंग करनेवाली और जिम जानेवाली एड्रियाना अब अपने ससुराल में झाडू लगाती हैं, खाना बनाती है और खेतों में भी काम करती हैं. जिंदगी में आए इस बड़े बदलाव से एड्रियाना बेहद खुश हैं, कैलिफोर्निया के एक एक्‍यूपंक्‍चरसेंटर में बतौर रिसेप्‍शनिस्‍ट काम कर चुकीं एड्रियाना का कहना है कि उन्हें मुकेश का साथ बहुत अच्‍छा लग रहा है और वह इसके बदले दुनिया की कोई भी चीज कुर्बान कर सकती हैं.' एड्रियाना कहती हैं कि पिछले साल फरवरी में अपने से 16 साल छोटे मुकेश से फेसबुक के जरिए बातचीत करनी शुरू की, धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे के करीब आगए और एक शाम मुकेश का फोन आया. फोन पर ही मुकेश ने अपने प्‍यार का इजहार किया, मुझे मालूम नहीं था कि मैं कैसे प्रतिक्रिया दूं और पहले तो मैं बस हंस पड़ी, लेकिन जब हमने थोड़ी और बात की तो मुझे एहसास हुआ कि वह रिश्‍ते को लेकर गंभीर है, मैंने उससे कहा कि अगर वह मेरा दिल जीत लेगा तो मैं उससे शादी करलूंगी.

इसके बाद हमने तीन और हफ्तों तक बातचीत की और उसी दौरान मैंने तय कर लिया कि मुझे मुकेश के साथ रहना है और वह भारत जाने के लिए तैयार हैं. उल्लेखनीय है कि अब एड्रियाना भारत की ग्रामीण जिंदगी को जी रही हैं. खेतों में काम करती है, मिटटी के चूल्हे पर खाना पकाती है, चूल्हा जलाने के लिए उपले बनाती है और बैल गाड़ी भी चलाती है. यह सब काम करने में उसे खुशी महसूस होती है. बता दें कि मुकेश और एड्रियाना की शादी नवंबर 2013 में पूरे हिंदू रीति-रिवाजों के साथ हुई, मुकेश टूटी-फूटी अंग्रेजी बोल लेते हैं और उनका कहना है, ‘एड्रियाना एक अच्‍छी पत्‍नी हैं’ ,वो हमेशा घर के कामों में लगी रहती हैं और जब मेरी मांबर्तन धोती है वो कहती हैं, नहीं मैं करूंगी, ये मेरा काम है, मैं एड्रियाना के साथ घर बसाकर बेहद खुश हूं, यह सच्‍चा प्‍यार है.’

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करदाशियां को अपने रंगे हुए बालों की वजह से आया गुस्सा

लॉस एंजिलिस : रीयलिटी टीवी स्टार किम करदाशियां ने हाल ही में अपने ब्लॉन्ड लुक को बदलने के लिए अपने बाल रंगवाए लेकिन करदाशियां अपने इस नए और बदले रूप से संतुष्ट नहीं हैं. उनके अनुसार उन्हें खुद को इस रूप में देखकर काफी गुस्सा आता है.

ऑनलाइन की खबर के अनुसार 33 वर्षीय अभिनेत्री और समाजसेवी ने पिछले साल अपने बालों को ब्लॉन्ड लुक दिया था और हाल ही में उन्हें 2 फरवरीको घने काले रंग के बालों में देखा गया था. करदाशियां ने ट्वीट किया कि, 'मुझे काफी गुस्सा आ रहा है क्योंकि मैंने अपने बालों को बेहद गहरे काले रंगों में रंगवा लिया है. मैं इससे जल्द से जल्द उबरना चाहती हूं क्योंकि हम जल्द ही 'कीपिंग अप विद करदाशियंस' के अगले संस्करण की शूटिंग शुरू करने वाले हैं. इस वक्त मुझे मेरे हल्के रंग के बालों की बहुत याद आ रही है.'

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बच्चों को रखो रहस्यमय कॉमिक्स एवं कार्टून फिल्मों से दूर

संस्कृतिसभ्यता का ज्ञान प्रदान करने वाली दादी, नानी की परियों, राजा रानी एवंपंचतंत्र की कहानियों की जगह लूट, हत्या, डकैती, भूतप्रेत एवं रहस्य रोमांचसे भरपूर कॉमिक्स पढकर और टीवी पर रहस्मय कार्टून फिल्में देखकर बच्चोंमें हिंसा की प्रवृत्ति तथा कई तरह की मानसिक कुंठाएं पनप रही हैं. यह बातें नजरअंदाज करनेवाली नहीं बल्कि इन पर ध्यान देने की जरूरत है.

मनोवैज्ञानिकों का मानना है कि बच्चे जो पढते हैं और जो उनको समझाया औरपढाया जाता है उसको वह हकीकत में देखना चाहते हैं इसलिए उनका कोमल मन हमेशाकल्पनालोक में विचरण करता रहता है. कॉमिक्स के इन्द्रजाल में फंसे बच्चे, अभिभावकों और अध्यापकों के डर से उन पुस्तकों को अपने स्कूल की किताबों केबीच में छुपाकर यों तो साल भर पढते रहते हैं लेकिन छुट्टियां आते हीकॉमिक्स का भूत एवं कार्टून फिल्मों का असर सिर चढ़कर बोलने लगता है.

प्रसिद्ध कहानीकार एवं पत्रकार विनोद थपरियाल ने कॉमिक्स के मौजूदा स्वरूपपर खिन्नता प्रकट करते हुए कहा कि बाल पुस्तकों में व्यवसायिकता का अधिकध्यान दिया जा रहा है. जिससे ऐतिहासिक, धार्मिक ज्ञान और विज्ञान से सबंधितबाल पुस्तकों की जगह घटिया एवं स्तरहीन पुस्तकों को बढावा मिलता है. थपरियाल के अनुसार हमारे देश में अच्छी बाल साहित्य की कमी खलती हैइसका एक व्यवसायिक पहलू भी है. आज प्रकाशकों के सामने भी समस्याएं हैं. इसकाम में सरकारी मदद की आवश्यकता है. अभिभावकों की शिकायत है कि अच्छेकॉमिक्स तथा बाल पुस्तकें आज बाजार में उपलब्ध नहीं हैं, खासकर हिन्दी मेंइसका बहुत अभाव है.

गौरतलब है कि कई लोगों का मानना है कि घटिया दर्जे केकॉमिक्स और कार्टून फिल्में बच्चों का मनोरंजन करने के बजाए उनकी हंसी छीनरहे हैं. वे इन पुस्तकों को पढते समय और देखते समय हंसने के बजाए तमतमाएनजर आते हैं. यदि बच्चों का भविष्य बनाना है और आदर्श भारत कानिर्माण करना है तो अच्छे साहित्य की पुस्तकों के प्रकाशन पर जोर देनाचाहिए. इस कार्य में प्रकाशकों लेखकों, संपादकों, शिक्षाविदों और मनोवैज्ञानिकों का सहयोग लेना चाहिए.

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युगांडाई महिलाओं को दिया झांसा, नौकरी के बदले कराया गया 'धंधा'

नई दिल्ली : दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती के आधी रात के छापे पर जारी विवाद केबीच तीन युगांडाई महिलाओं ने गत मंगलवार को दिल्ली पुलिस के समक्ष बयान देकरखुलासा किया कि प्लेसमेंट एजेंसी ने नौकरी दिलाने का झांसा देकर उन्हें सेक्स और नशे के दलदल में धकेल दिया. विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा किउसने इस मुद्दे पर युगांडा के उच्चायोग को पत्र लिखा है.

महिलाओं ने पुलिस उपायुक्त(दक्षिण और दक्षिणपूर्व) नीला मोहन के पास शिकायत दर्ज कराई है. इस शिकायत में उसने कहा है कि इस तरह की कई प्लेसमेंटएजेंसियां दिल्ली में और आसपास संचालित हो रही हैं जो अफ्रीकी महिलाओं को रोजगार मुहैया कराने का झांसा देकर नशा और देह व्यापार के दलदल में धकेल देती हैं. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि उन्होंने युगांडा के उच्चायोगको तीनों युगांडाई महिलाओं को परामर्श सेवा मुहैया कराने का सुझाव दिया है.

उनके अनुसार उन्हें दिल्ली सरकार की ओर से एक संदेश प्राप्त हुआकि 17 जनवरी को भारत आई तीन युगांडाई महिलाओं ने युगांडा वापस भेजने की गुजारिश की है क्योंकि उन्हें झांसा देकर भारत लाया गया. दिल्ली महिला आयोग ने भी दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी.एस.बस्सी को तीनों युगांडाई महिलाओं द्वारा किए गए खुलासे की जांच करने की सिफारिश की है.

वहीं दूसरी ओर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष बरखा सिंह ने भी इस मामले की जांच की मांग की है. उनका कहना है कि मैंने अपने पत्र में पुलिस आयुक्त से कहा है कि इस मामले की जांच उनके द्वारा की जानी चाहिए. उल्लेखनीय है किये तीनों महिलाएं मालवीय नगर इलाके उसी खिड़की एक्सटेंशन में ठहरी हुई हैं, जहां दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती ने आप के कुछ सदस्यों के साथनशे और देह व्यापार के खिलाफ पिछले महीने आधी रात को छापा मारा था. अपने बयान में महिलाओं ने कहा है कि नशीले पदार्थों के कारोबार के माफिया ने उन्हें बंधक बनाए रखा और उन्हें देह व्यापार और ड्रग बेचने के धंधे में धकेल दिया. उन्होंने यह भी कहा कि वे सरकार से संरक्षण चाहती हैं.

पुलिस ने कहा कि महिलाओं को मंगलवार को सरकार संचालित पश्चिमी दिल्ली के नारी निकेतन में भेज दिया गया है. इस छापे के दौरान पुलिस के असहयोगी रवैए के खिलाफ दिल्ली की आम आदमी पार्टी(आप) की सरकार ने धरना दिया और छापे में कथित रूप से ज्यादती की शिकार बनी युगांडाई महिलाओं ने अदालत में मंत्री के साथ आए लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. शिकायत दर्ज होने के बाद दिल्ली की 'आप' सरकार और कानून मंत्री सोमनाथ सभी विपक्षी दलों के निशाने पर रहे.

इतना ही नहीं, दिल्ली महिला आयोग के साथ भीदिल्ली सरकार का टकराव भी हुआ. तीन युगांडाई महिलाओं के बयान आने के बाद सोमनाथ की छापेमारी को सार्थक बताकर 'आप' एक बार फिर विरोधियों को घेर सकती है.

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सलमान नें किया 'जय हो' के प्रोडक्शन टीम को खुश, दिया 1.14करोड़ का बोनस दिया

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड के दबंग स्टार सलमान खान की फिल्म 'जय हो' भले ही बॉक्सऑफिस पर बड़ा धमाल नही मचा रही हो लेकिन उन्होंने अपनी दरियादिली दिखाते हुए अपनी प्रोडक्शन टीम को 1.14 करोड़ रूपए का बोनस दिया है. गौरतलब है कि सलमान खान की फिल्म 'जय हो' 24 जनवरी को प्रदर्शित हुई है.

बता दें कि ऐसा कहा जा रहा है कि 'जय हो' के प्रोडक्शन टीम में 114 लोग हैं. चर्चा है कि सलमान खान 'जय हो' केप्रोडक्शन टीम के प्रमुख को फोन कर बुलाया  और टीम के सभी सदस्यों को बोनस देने को कहा. बताया जाता है कि 'जय हो' के प्रोडक्शन टीम के काम से सलमान बेहद खुश है इसलिए उन्होंने सभी को एक एक लाख रूपया बोनस के तौर पर दिया है. उल्लेखनीय है कि 'जय हो' का निर्माण-निर्देशन सलमान खान के भाई सोहैल खानने किया है.

उल्लेखनीय है कि 'जय हो' में सलमान खान के अलावा डेजी शाह, तब्बू, सना खान, डैनी, सुनील शेट्टी की भी अहम भूमिकाएं हैं. 'जय हो' वर्ष 2006 में प्रदर्शित चिरंजीवी की तेलगु फिल्म स्टॉलिन की रीमेक है.

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दिल्ली कैबिनेट ने 1984 सिख दंगों की एसआईटीजांच को दी मंजूरी

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार ने 1984 के सिख दंगों की विशेष जांच दल(एसआईटी) से जांच कराने का फैसला किया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में एसआईटी गठित करने तथा उसकेकार्य क्षेत्र को मंजूरी दी गई. गौरतलब है कि सरकार एसआईटी के गठन के लिए दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग को औपचारिक प्रस्ताव भेजेगी.

बता दें कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि एसआईटी को एक वर्ष में अपनी जांच पूरी करने के लिए कहा जाएगा. इसमें दिल्ली पुलिस का एक भी अधिकारी नहीं होगा क्योंकि उसकी भूमिका पहले से ही शक के घेरे में है. एसआईटी को उन मामलों को भी खोलने का अधिकार होगा जिन्हें बंद किया जा चुका है.

केजरीवाल ने कुछ दिन पूर्व उप राज्यपाल से मुलाकात कर सिख दंगों की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग उठाई थी. उनका कहना था कि इस बारे में उपराज्यपाल का रूख सकारात्मक है. उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी के घोषणापत्र में भी यहमुद्दा शामिल था.

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स्विट्जरलैड की खूबसूरत पर्वत श्रंख़लाओं की सैर के लिए नई पास सेवा

नई दिल्ली : पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्विस ट्रैवल सिस्टम ने स्विट्जरलैंडकी आठ पर्वत चोटियों की यात्रा के लिए 'स्विस पीक पास'  सेवा की शुरुआत की है. गौरतलब है कि स्विट्जरलैंड टूरिज्म इंडिया के निदेशक स्टीफन ह्यूबर्जर ने एक सम्मेलन में पास की शुरुआत करते हुए कहा कि स्विट्जरलैंड के पर्यटकस्थलों तक भारतीय पर्यटकों की पहुंच को आसान बनाने के उद्देश्य से यह सेवाशुरू की गई है.

बता दें कि इसके तहत यात्री रेल, बस, नाव और केबल कार के जरिये यहां की आठ पर्वत चोटियों की यात्रा कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि स्विट्जरलैंड टूरिज्म ने वर्ष 2014 को 'ईयर आफ व्यूज' घोषित किया है. पर्वत चाटियों की यात्रा पास खरीदने के लिए पर्यटकों कोकरीब 20750 रुपए का भुगतान करना होगा. उन्होंने यह भी कहा कि, 'यह पास एक जनवरी सेलेकर 23 दिसंबर 2014 तक वैद्य माना जाएगा. चार दिन की यात्रा के लिएपर्यटकों को पास के अलावा 2030रुपए और आठ दिनों के लिए करीब 4150 रुपए खर्च करने होंगे. भारतीय पर्यटकों के लिए यात्रा टिकट और पास 'स्विस ट्रैवलसिस्टम डाट काम' पर उपलब्ध हैं.'

स्विट्जरलैंड टूरिज्म इंडिया की उप निदेशक रितु शर्मा के अनुसार स्विट्जरलैंड जानेवाले भारतीय पर्यटकों के पर्यटन के प्रति बदलते रूझानोंको ध्यान में रखकर ही इस सेवा को शुरू किया गया है. वर्ष 2014 में भारतीयपर्यटकों की संख्या में 10% की बढोतरी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.

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क्या समाप्त हो चुका है चुनाव प्रचार में राम मंदिर मुद्दा?

फैजाबाद : लोक सभा चुनाव हो या विधानसभा वोट के लिए मंदिर मुद्दे की बात न हो ऐसा होनही सकता. भारतीय इतिहास में यह पहली बार हो रहा है कि लोक सभा चुनाव में मंदिर मुद्दे पर कोई भी पार्टी कुछ भी बोलने को तैयार नही है. राम मंदिर आंदोलन पिछले कई चुनावों में भले निर्णायक रहा हो पर इस बार के लोकसभा चुनाव के मोर्चे पर इस आंदोलन की भूमिका नगण्य है.

न केवल भाजपा के मौजूदा प्रतीक पुरुष नरेंद्र मोदी राम मंदिर मुद्दे काजिक्र करने से परहेज कर रहे हैं, बल्कि राम मंदिर आंदोलन के वाहक भी चुनावको लेकर उत्सुकता नहीं दिखा रहे हैं. कुछ भी हो एक बात तो साफ है कि अबअगर कोई भी पार्टी इस मुद्दे पर बात करती है तो वह खुद ही इसमें घिर जाएगी क्योंकि ये सब मुद्दे कट्टर साम्प्रदायिकता को बढ़ावा देते हैं और कट्टर साम्प्रदायिकता के मुद्दे हमारे समाज के  लिए हितकर नही हैं.

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भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर शांति नहीं – ए.के.एंटनी

नई दिल्ली : रक्षा मंत्री ए.के.एंटनी ने कहा कि भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा की कीमत पर शांति नहीं आ सकती है. साथ ही इस बात पर जोर दिया कि सशस्त्र बलों को आधुनिक बनाने के लिए सभी कदम उठाए जा रहे हैं ताकि वे सर्वश्रेष्ठ हथियार प्रणाली और प्रौद्योगिकी से सुसज्जित हों.

गौरतलब है कि चार दिवसीय रक्षा प्रदर्शनी 2014का शुभारंभ करते हुए एंटनी ने रक्षाउद्योग के स्वदेशी करण पर भी जोर दिया और कहा कि यह निजी क्षेत्र को नया अवसर प्रदान करता है. रक्षा प्रदर्शनी में 624 घरेलू और अंतरराष्ट्रीय कंपनियां हिस्सा ले रही हैं. रक्षा मंत्री ने कहा कि, 'भारत हमेशा शांति में विश्वास करता है. हालांकि शांति हमारी सुरक्षा चिंताओं की कीमत पर नहीं आ सकती है. हम अपनी क्षेत्रीय सम्प्रभुता और अखंडता के लिए किसी भी चुनौती का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं.'

रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत रक्षा खरीद प्रक्रिया की नियमित समीक्षा करता है और निजी क्षेत्रों को बढ़ावा देता है. उन्होंने कहा कि खरीद में तेजीलाने, स्वदेशी रक्षा क्षेत्र के विकास और उच्चकोटि की पारदर्शिता, शुचिताएवं जवाबदेही के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है. एंटनी ने कहा कि भारत अपनेरक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए स्वदेशीकरण में तेजीलाने की दिशा में प्रयास कर रहा है. उन्होंने कहा कि, 'हम सार्वजनिक, निजी क्षेत्र की हिस्सेदारी में विकास देखते हैं और हम निजी क्षेत्र को मौका दे रहे हैं ताकि वे रक्षा क्षेत्रमें अर्थपूर्ण और पर्याप्त योगदान दे सके.'

एंटनी के अनुसार विदेशी मूलउपकरण निर्माताओं को प्रोत्साहित करने के लिए लचीलापन दिखाया जा रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि रक्षा प्रदर्शनी गठजोड़ और कारोबारी सहयोग की प्रक्रिया में नए अध्याय की शुरूआत करेगी.

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पत्नियों का ऐसा खौफ कि बन रहे हैं पति संन्यासी

जबलपुर : महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए बनाए गए कड़े कानूनों से उल्टे पुरुषों के प्रताडि़त होने के कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें ये कानून पतियों के लिए ही मुसीबत का सबब बन गए. कुछ मामलों में तो आलम यह है कि पत्नियों द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद पतियों ने संन्यास ही ले लिया. मध्य प्रदेश के जबलपुर में इस तरह के कई मामले सामने आए हैं.

मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में पत्नियों द्वारा दर्ज कराई गई शिकायतों के बाद बीते पांच वर्ष में 4,500 पति ऐसे फरार हुए कि अब तक उनका पता ही नहीं चल सका तथा उनमें से कई तो संन्यासी ही बन गए. पत्नियों द्वारा कानून की चाबुक चलाए जाने के बाद संन्यासी बने ऐसे ही कई पति नर्मदा तट पर पूजाअर्चना व मंदिरों मे अपनी सेवाएं दे रहे हैं. महिलाओं पर बढ़ते अत्याचारों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्र से लेकर प्रदेशस्तर पर सरकारों ने पिछले वर्षों में काफी सजगता दिखाई और महिलाओं को सुरक्षा एवं उनके अधिकारों को संरक्षण देने के लिए कई कड़े कानून बनाए और कई कानूनों में संशोधन कर उन्हें सख्त बनाया. इसकी वजह से छोटी-मोटी बातों परभी महिलाएं पुलिस का दरवाजा खटखटा देती हैं, जिससे जीवन में खलल तो पैदा हो ही जाता है, पारिवारिक अशांति भी बढ़ जाती है.

पति-पत्नी के बीच विवादों के चलते परिवार टूटने व पतियों के भाग जाने के जो मामले जबलपुर में आए हैं, वे चौंकाने वाले हैं. परिवार परामर्श केंद्र के परामर्शदाता अंशुमान शुक्ला के अनुसार जबलपुर में बीते पांचवर्ष में आई पारिवारिक विवाद की शिकायतों के बाद से लगभग 4,500 पति लापता हैं. अंशुमान ने बताया कि, 'जो पति घर छोड़ गए हैं, उनमें से कई तो संन्यासीबन गए हैं.' अंशुमान ने बताया कि शिकायतकर्ता महिलाओं ने ही आकर उन्हें अपने पति के संन्यासी बनने की खबरें दी हैं.

बता दें कि पत्नियों द्वारा दर्ज कराई जानेवाली शिकायतों के बाद गिरफ्तारी से बचने के लिए पति भाग जाते हैं और आने वाली मुसीबत से बचने के लिए फिर उनके पास शेष जीवन संन्यासी बनकर बिताने का ही विकल्प रह जाता है. हालां कि यह सोचने की बात है कि जबलपुर में यदि पतियों के पत्नी से प्रताडि़त होकर भागने और संन्यासी बनने का सिलसिला इसी तरह जारी रहा, तो आने वाले समय में नर्मदा के तट और मंदिरों में पत्नियों से दूर भागकर संन्यासी बननेवालों की भरमार हो जाएगी.

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राहुल और शिंदे ने की मुलाकात, पूर्वोत्तर के लोगों के मुद्दे पर की चर्चा

नई दिल्ली : राहुल गांधी ने गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे और पूर्वोत्तर के सांसदोंसे मुलाकात कर इस क्षेत्र के लोगों को परेशान किए जाने की घटनाओं को रोकने के संबंध में चर्चा की. सरकार ने पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षासे संबंधित चिंताओं के समाधान के लिए उचित सुधारात्मक उपाय सुझाने के लिए छह सदस्यीय समिति गठित की.

गौरतलब है कि राहुल गांधी के समक्ष शिष्टमंडल का नेतृत्व कांग्रेस महासचिव और पूर्वोत्तर राज्यों के प्रभारी लुइझिनो फलेरियो ने किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस उपाध्यक्ष न केवल अरूणाचल प्रदेश के छात्र निदो तानियम के मामले में न्याय चाहते हैं बल्कि पूर्वोत्तर राज्य के लोगों के खिलाफ भेदभाव के मुद्दे काभी समाधान चाहते हैं. यह बैठक कुछ दिन पहले लाजपत नगर में कुछ दुकानदारों द्वारा कथित तौर पर पिटाई किए जाने से 19 वर्षीय छात्र तानियम की मौत की पृष्ठभूमि में हुई है. फलेरियो ने कहा कि गृह मंत्रालय ने छह सदस्यीय समिति का गठन किया हैजिसका नेतृत्व सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी एमपी बेजबरूआ करेंगे और यह दो महीने के भीतर रिपोर्ट देगी.

बता दें कि बेजबरूआ पूर्वोत्तर परिषद के भी सदस्य हैं. इस समिति में गृह मंत्रालय के उप सचिव एस साहा, सेवानिवृत आईएएस अधिकारी एच डब्ल्यू टी सेइयम, एलन तेमशीजमीर, तापे बागरा और पी भरत सिंह सदस्य हैं. दिल्ली पुलिस के संयुक्त सचिवरोबिन हिबू भी गृह मंत्रालय के दल में शामिल है और वे समिति का सहयोग करेंगे. हिबू इसी क्षेत्र से आते हैं. समिति के अध्यक्ष त्रिपुरा, मिजोरम और सिक्किम जैसे अन्य पूर्वोत्तरराज्यों से एक-एक सदस्य को शामिल कर सकेंगे. गृह मंत्रालय की पूर्वोत्तरशाखा के उप सचिव अजय कनौजियो ने अपने आदेश में कहा कि, 'पूर्वोत्तरक्षेत्र के लोगों की विभिन्न चिंताओं को ध्यान में रखते हुए एक समिति गठितकरने का निर्णय किया गया है जो देश के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं,विशेष तौर पर मेट्रोपालिटन क्षेत्रों में. इस समिति को उपयुक्त उपचारात्मक कदम सुझाने को कहा गया है जिस पर सरकार आगे बढ़ेगी.'

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मजीठिया वेज बोर्ड की सिफारिशें लागू हों – सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने पत्रकारों और गैर पत्रकारों के वेतन के पुर्निधारण केलिए गठित मजीठिया वेतन बोर्ड की सिफारिशों को बरकरार रखते हुए कर्मचारियों को परिवर्तित वेतन देने का निर्देश दिया. गौरतलब है कि प्रधान न्यायाधीश पी.सदाशिवम की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने कहा कि कर्मचारियों को परिवर्तित वेतन 11 नवंबर, 2001 से मिलना चाहिए. सरकार ने इसी तारीख कोबोर्ड की सिफारिशें अधिसूचित की थीं.

बता दें कि न्यायालय ने कहा कि कर्मचारियों कोनया वेतन अप्रैल, 2014 से मिलेगा और नियोक्ता को एक साल के भीतर चार किश्तों में बकाया राशि का भुगतान करना होगा. न्यायाधीशों ने कहा कि, 'हम सिफारिशों को वैध ठहराते हैं.' न्यायाधीशों ने कहा कि बोर्ड ने अपनी सिफारिशें देने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन कियाथा और उसके तथा उसके गठन के बारे में लगाए गए आरोप सही नहीं हैं. न्यायालय ने बोर्ड के गठन की वैधानिकता और इसकी सिफारिशों को चुनौती देनेवाली विभिन्न समाचार पत्रों के प्रबंधकों की याचिकाएं खारिज कर दीं. न्यायाधीशों ने कहा कि, 'हम पूरी तरह संतुष्ट हैं कि बोर्ड द्वारा अपनायी गई प्रक्रिया वैध है और उसने एकतरफा और मनमाने तरीके से कोई निर्णय नहीं किया और प्रक्रिया में कोई अनियमितता नहीं है.'

न्यायालय ने कहा कि अतिरिक्त वेतन(वेरियेबल पे) के बारे में बोर्ड की सिफारिशें भी उसके अधिकार क्षेत्र में थीं. न्यायालय ने कहा कि, 'यह नहीं कहाजा सकता कि वेतन संरचना अनुचित है.' उल्लेखनीय है किन्यायालय ने इस साल जनवरी में समाचार पत्रों की याचिकाओं पर सुनवाई पूरी करने के बाद कहा था कि निर्णयबाद में सुनाया जाएगा. श्रम मंत्रालय ने समा़चार पत्र उद्योग की आपत्तियों के बावजूद 2007 में मजीठिया वेतन बोर्ड का गठन किया था और इसकेबाद जनवरी, 2008से कर्मचारियों को मूल वेतन का 30 फीसदी तदर्थता के आधारपर अंतरिम राहत देने की घोषणा की गइ थी.

भारतीय वित्तीय बोझ के बावजूद समाचार पत्र उद्योग ने इसे लागू किया था. वेतन बोर्ड ने 31 दिसंबर, 2010 को अपनी सिफारिशें सरकार को सौंपी थीं जिन्हें केन्द्र ने कुछ संशोधनों के साथ 11 नवंबर, 2011 को अधिसूचित किया था.

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सॉलिसिटर जनरल और उपराज्यमपाल की बातें लीक कैसे हुईं – आशुतोष

नई दिल्ली : आप के नेता आशुतोष ने दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल नजीब जंग पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं. आशुतोष का कहना है कि उपराज्‍यपाल आप पार्टी की छवि खराब करने में जुटे हुए हैं क्‍योंकि वह कांग्रेस के एजेंट हैं. अगर ऐसा नहीं है तो सॉलिसिटर जनरल और उपराज्‍यपाल की बातें लीक कैसे हुईं?

आशुतोष ने कहा कि हम उनसे अपील करते हैं कि वो कांग्रेस के एजेंट के रूपमें काम करने बंद करें. इस पूरे मसले पर सॉलिसिटर जनरल का मशवरा, उनकी अपनी राय है लेकिन हमारी राय में ये संवैधानिक है. इसके साथ ही आशुतोष ने यह भी कहा कि कांग्रेस-भाजपा को लगता है कि जितने भी दिन आप की सरकार रहेगी, भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के फंसने की गुंजाइश है. अपने चुनावी वायदों को पूरा करने की हमारी कोशिश जारी रहेगी.

वहीं दूसरी ओर सॉलिसिटर जनरल मोहन परासरन ने कहा कि हमें पॉलिटिक्स से मतलब नहीं है. हमने संवैधानिक रूप से अपनी राय दी है. ये अब सरकार पर निर्भर करता है कि वो क्या करती है और उसे क्या ठीक लगता है. वहीं अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वह जनलोकपाल पर सोलिसिटर जनरल के सुझावों पर उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखेंगे.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग ने देश के सॉलिसिटर जनरल मोहन पारासरन से इस संबंध में राय मांगी थी कि क्या दिल्ली की सरकार बिना केंद्रीय गृहमंत्रालय के अनुमति के ऐसा बिल विधानसभा में पेश कर सकती है लेकिन अब पारासरन ने दिल्ली के उपराज्यपाल को अपनी राय भेज दी है. सूत्रोंके अनुसार इस राय में कहा गया है कि बिना गृह मंत्रालय की पूर्वानुमति केइस प्रकार से विधानसभा में बिल पेश करना अवैध होगा.

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