Tuesday, February 11, 2014

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मुंबई में सुरक्षा व्यवस्था और शिक्षण व्यवस्था भगवान भरोसे

मुंबई में सुरक्षा व्यवस्था और शिक्षण व्यवस्था भगवान भरोसे
मुंबईके पुलिस आयुक्त और शिक्षण आयुक्त कौन है?

मुंबई(चंदन पवार)Email:chandanpawar.pits@gmail.com

महाराष्ट्र सरकार में मुंबई पुलिस आयुक्त और शिक्षण सचिव को लेकर जो टाल मटोल की भूमिका चल रही है. इसके पीछे सिर्फ और सिर्फ शुद्ध राजनीति है क्योंकि आनेवाले 2014 के लोकसभा चुनावों मेंहर एक राजनैतिक पार्टी में एक दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप होंगे. कुछ लोग जेल की यात्रा भी करेंगे ऐसे में अगर अपना पुलिस आयुक्त रहेगा तो सबकुछ आसान हो जाएगा और भविष्य में अगर उनकी जरूरत पड़ी तो जरूर अपने काम आएंगे बस यही सोच आज मुंबई पुलिस आयुक्त बनाने के लिए आड़े आ रही है.

मुंबई एक संवेदनशील शहर माना जाता है यहां पर हर पल, हर सेकंड मे क्या होगा, यह पता नहीं होता. सुबह घर से निकला हुआ आदमी शाम को घर पर सही सलामत पहुंचेगा यह पक्का कहा नहीं जाता. उस सिटी में पिछले नौ दिनों से मुंबई पुलिस को आदेश देनेवाला और जिम्मेदारी संभालनेवाला कोई नहीं है क्योंकि सत्ता में बैठी कांग्रेस और राष्ट्रवादी में अपना पुलिस आयुक्त कैसे उस सीट पर बैठेगायहसंगीत कुर्सीका खेल चल रहा है. दोनों में से किसी भी पार्टी को मुंबई की आम आदमी की सुरक्षा की कुछ नहीं पड़ी है. इन्हें बस अपनी राजनीति की दुकानचलानी है. बड़े मजे की यह बात है कि आतंकियों की हिट लिस्ट में मुंबई का नाम होने के बावजूद महाराष्ट्र सरकार पुलिस आयुक्त का पद भरने के लिए तत्परता दिखा नहीं रही है. कायदा-सुव्यवस्था कैसी बनी रहेगी, इसका अगर सरकार को ध्यानहोता तो यह ऐसा काम कभी नहीं करते परंतु इन्हें लोग मरे या जिए इसकी गंभीरता बिल्कुल भी नहीं दिख रही है? इन्हें बस अब लोकसभा चुनाव अपने सामने नजर आ रहा है.

नए पुलिस आयुक्त की रेसमें अतिरिक्त पुलिस महा संचालक जावेद अहमद, विजय कांबली, एटीएस के प्रमुख राकेश मारिया और ठाणे के आयुक्त के.पी.रघुवंशी इनके नाम चर्चा में हैं. एक दूसरे के ऊपर कीचड़ फेंकने में माहिर कांग्रेस और राष्ट्रवादी इस विषय में एक दूसरे के ऊपर आरोपलगा रहे हैं. राष्ट्रवादी ने पुलिस आयुक्त की सीट न भरने के लिए मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को दोषी ठहराया है. इस पद पर अल्पसंख्याक का आयुक्त होगा या दलित समाज का होगा इस पर चर्चा चल रही है परंतु किसी को भी यह फर्क नहीं पड़ रहा है कि इसका परिणाम पुलिस दल पर हो रहा है इस घोनौनी साजिशों की वजह से मुंबई पुलिस का मनोधैर्य खत्म हो रहा है और सब पुलिस कर्मियों मेंडर सा फैल गया है. इस संदर्भ में सरकार को अपना मकसद न्यायालय में स्पष्ट करना चाहिए इसलिए किरन तिरोडकर ने उच्च न्यायालय में अपनी याचिका दायर की है और इस विषय में जितनी भी मिटींग राज्य सरकार की तरफ से बुलाई गई है उन सबकेरिकॉर्ड न्यायालय में पेश करने के लिए सरकार को कहा जाए ऐसी मांग इस याचिका में है.

अब बात रही प्राथमिकशिक्षा विभाग की यहां पर भी सरकार अपना कामसही ढंग से नहीं कर रही है. आज प्राथमिक शिक्षा विभाग में सचिव का पद खाली पड़ा है, मतलब शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय में भी सरकार अपनी अनास्था दिखा रही है. यह बड़े दुख की बात है. पहले इस सचिव पद पर जे.एस.सहारिया थे परंतु अब उन्हें राज्य के मुख्य सचिव पद पर स्थानांतर कर दिया है फिर भी वह प्राथमिक शिक्षा विभाग का काम देख रहे हैं. प्राथमिक शिक्षा विभाग के सचिव का पद बहुत महत्वपूर्ण है परंतु जे.एस.सहारिया दो दो पदों का काम देख रहे हैं. मतलब अब आप समझ सकते हैं सरकार शिक्षा को कितना महत्व दे रही है. राजनीति की इसचक्की में सिर्फ आम आदमीही पिस्ता नज़र आ रहा हैक्योंकि वह मजबूर है. एक बार अपना वोट दे दिया तोफिर पाच साल वह कुछ नहीं कर सकता है. उसे अपना वस्त्रहरण देखने के अलावा उसके पास कोई चारा नहीं है क्यों सत्ता की चाबी एकबार चली गई बस उसको वापस लेने का कोई भी कानून देश में अब तक तो बना नहीं है परंतु कोई तो आएगा जो जनता के हाथ में सत्ता देगा…

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भारत रत्न से सम्मानित हुए सचिन और प्रो.सी.एन.आर.राव

नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर और प्रख्यात वैज्ञानिक सी.एन.आर. राव को 4 फरवरी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा. राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित एक संक्षिप्त समारोह में राष्ट्रपति ने यह सम्मान प्रदान किया.

गौरतलब है कि इस दौरान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, केंद्रीय मंत्री, तेंदुलकर की पत्नी अंजलि, बेटी सारा और कई अन्य गणमान्यव्यक्ति मौजूद थे. पिछले साल 16 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने वाले तेंदुलकर पहले खिलाड़ी हैं जिन्हें यह सम्मान प्रदान किया गयाहै. देश का सर्वोच्च सम्मान ग्रहण करने के मौके पर सचिन अपने पूरे परिवार के साथ राष्ट्रपति भवन में मौजूद रहे. भारत रत्न समारोह के दौरान राजनीतिक जगतकी तमाम हस्तियां राष्ट्रपति भवन में मौजूद थीं.

बता दें कि सचिन(40) और राव (79) को देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण भी मिल चुका है. इस तरहवे भारत रत्न से सम्मानित 41 व्यक्तियों की सूची में शामिल हो गए, जिन्हें 1954 से शुरू हुए इस सम्मान से नवाजा गया है.

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सिर्फ आंदोलन करना ही सारे समस्याओं का हल नहीं

मुंबई(रजिया निसार) : दिल्ली में प्रदर्शन करने का एक प्रकार से ट्रेंड बन गया है. आंदोलन कर अपनी बात रखना और विरोध जताना आजकल बहुत आम बात हो गई है. बड़ी से बड़ी बात हो या छोटी से छोटी, सभी प्रदर्शन कर रहे हैं और धरने पर बैठ रहे हैं. अरविंद केजरीवाल हों या विनोद कुमार बिन्नी, अपनी बात को मनवाने के लिए धरने पर बैठ रहे हैं. अब तो यह आलम है कि धरना और प्रदर्शन शब्द सुनकर लोग ज्यादा आश्चर्यचकित नहीं होते लेकिन इस पूरे मामले में जिनकी सबसे ज्यादा परेशानी बढ़ती है वह हैं दिल्ली की जनता और पुलिस.

जब भी कोई धरने पर रामलीला मैदानया जंतर मंतर पर बैठता है तो वहां पर पुलिस का काम बढ़ जाता है. उन्हें ज्यादा सतर्क रहना पड़ता है कि कहीं कोई असामाजिक तत्व तनाव ना पैदा कर दे. ऐसे में पुलिसफोर्स को अपना बाकी का काम छोड़कर इस धरने की जगह पर निगरानी करनी पड़ती है. पुलिस के सामने सबसे बड़ी समस्या होती है 'लॉ एन्ड ऑर्डर' को बनाए रखना. शांति को बनाए रखना और धरने के समर्थन में जुटे तथा वहां जुटी भीड़ को सुरक्षित रखना. ऐसी परिस्थिति में पुलिस फोर्स का बहुत सा समय चला जाता है.

गौरतलब है कि संसदीय लोकतंत्र में लोगों के पास अपनी व्यक्तिगत और सामाजिक शिकायतों के लिए एक ही रास्ता होता हैकि व उन्हें अपनी चुनी हुई सरकार के सामने उठाएं. संविधान की व्यवस्था के अनुसार भारत में कानून व्यवस्था से जुड़े मामले राज्य सरकारें देखती हैं लेकिन दिल्ली में कानून व्यवस्था के लिए जिम्मेदार पुलिस महकमा स्थानीय सरकार के अधीन नहीं है. ऐसि परिस्थिति में धरना या प्रदर्शन से जूझने के लिए क्या खासकर धरना के समय तैनात रहनेवाली पुलिस फोर्स अलग से बनाई जानी चाहिए? यह एक बड़ा प्रश्न है.

धरना देनेवालों का कहना होता है कि वह अपनी आवाज लोगों तक पहुंचाना चाहते हैं और समाज के लिए ही धरना दे रहे हैं और हम इस बात से इंकार भी नहीं करते हैं लेकिन कहीं न कहीं इस प्रदर्शन से अन्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं और इसे भी नजर अंदाज नहीं किया जा सकता.

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'आप' के सोमनाथ भारती भारत के शीर्ष तीन स्पैमर्स में से एक

नई दिल्ली : दिल्ली सरकार के कानून मंत्री सोमनाथ भारतीपर स्पैम मेल भेजने के मामले में अमरीका की एक अदालत में मुकदमा चल चुका है और उन्हें  भारत के शिर्ष तीन स्पैमर्स में से एक होने का खिताब भी मिल चुका है. हालांकि भारती ने इन सारे आरोपों को सिरेसे खारिज किया है और कहा है कि  इन आरोपों का कोई आधार नहीं है और इस गलत धंधे के पीछे फर्म के एक असोसिएट का हाथ था.

हेडलाइन टुडे को भेजे एक ईमेल में सोमनाथ भारती ने स्पैमर होने से इंकार किया है और यह भी कहा कि उनका कंपनी टॉप साइट्स एलएलसी से कोई लेना देना नहीं है. पर चैनल ने अपनी जांच पड़ताल में पाया कि भारती का कनेक्शन इन कंपनी से है.

गौरतलब है कि भारती की दिल्ली स्थित एक टेक्नोलॉजी कंपनी मैडगेनसोल्यूशन पर आरोप था कि उसने साल 2004 में अपने एक क्लाइंट टॉप साइट्स एलएलसी के नाम पर भारी संख्या में मेल भेजे थे. अमरीकी एंटी-स्पैम कार्यकर्ता और वकील डेनियल बालसम ने भारती और कंपनी पर कैलिफोर्निया की अदालत में मुकदमा दायर किया था.

इंडियन टेक्नोलॉजी प्रकाशन पीसी क्वेस्टके अनुसार अदालत की सहमति से हुए समझौते के तहत भारती ने बालसम को 5000 डॉलर(करीब 3,00,000 रुपए) का भुगतान किया था. उसी साल भारती का नाम शीर्ष स्पैमरों की एक लिस्ट में भी आया था.रजिस्टर ऑफ नॉन स्पैमिंग ऑपरेशन या आरओकेएसओमें दुनिया के शीर्ष 200 स्पैमरों का नाम प्रकाशित होता है. इस लिस्ट में भारती के अलावा दो अन्य भारतीय भी शामिल थे.लंदन और जिनेवा स्थित स्पैमहौज संगठन हर साल ये लिस्ट तैयार करता है. यह संगठन स्पैम के खिलाफ़ जागरूकता के लिए समर्पित है.दुनिया के 80 प्रतिशत स्पैम मेलों के लिए जिम्मेदार लोगों के नाम इस लिस्ट में शामिल किए जाते हैं.

बता दें कि आरओकेएसओ एक किस्म का ‘थ्री स्ट्राइक रजिस्टर’ होता है, जो केवल उन्हीं स्पैमर्स का नाम लिस्ट में शामिल करता है जिन्हेंनियमों के उल्लंघन के लिए न्यूनतम तीन बार चिह्नित किया गया हो.भारत के आईटी एक्ट 2000 के अनुसार, स्पैमिंग एक गैरक़ानूनी और दण्डनीय अपराध है जिसमें तीन वर्ष तक की सजा का प्रावधान है.

पीसीक्वेस्ट ने अपने 2005 के अगस्त अंक में रिपोर्ट प्रकाशित की थी कि भारती ने कलिफोर्निया अदालत के मुकदमे में समझौता करने का रास्ता अख्तियार किया क्योंकि अमरीका में मुकदमा लड़नाज्यादा खर्चीला होता.रिपोर्ट में भारती के हवाले से कहा गया था कि आरओकेएसओ लिस्ट में उनका इसलिए नाम शामिल किया गया क्योंकि ओपेन डायरेक्टरी प्रोजेक्ट के संपादक और स्पैम विरोधी वेबसाइट डायनामूसे जुड़े कोनराड लांगमोर ने एक स्टोरी चलाई जिसमें टापसाइट्स एलएलसी की तरफ से भेजे गए स्पैम के पीछे उनका हाथ बताया गया था.

उल्लेखनीय है कि सोमनाथ भारती ने दिल्ली आईआईटी से पोस्ट-ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की है और पेशे से वकील रहे हैं और सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर जाने जाते हैं.

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जानिए हस्ताक्षर ज्योतिष (भाग- 9)

कलमों का संग्रह करनेवाले

जो व्यक्ति कलमों का बहुत अधिक संग्रह करते हैं. तरह तरह की कलम प्रयोग म लाएं या न लाएं फिर भी इकट्ठा करते हैं ऐसे व्यक्ति कुछ रसिक स्वभाव के, चालाक, अपनी तारीफ सुननेवाले, अपने कामों को छुपानेवाले, दूसरों की सलाह नहीं मानते. काफी रोमैंटिक होते हैं. अपने से विपरीत लिंग के प्रति विशेष आकर्षण रखनेवाले, उनमें घुल-मिल जाना व उनकी मदद के चक्कर में अपना नुकसान भी करते हैं. कुछ कंजूस, दूसरों पर बिना सोचे समझें पैसा कम खर्च करते हैं. अपने स्वार्थ के लिए ठीक इसके विपरीत व्यवहार करते हैं. ये सामाजिक कम होते हैं. अपनी धुन में और अपने लोगों में घुले मिले रहनेवाले. जीवन में सफलता के कई योग आने पर भी ये लाभ नहीं उठा पाते. इस कारण समाज में जो सफलता और मान-सम्मान मिलना चाहिए वो नहीं मिल पाता. अधिक फैशन पसंद करनेवाले. खाने, कपड़े से विशेष लगाव. पिता से कम बनती है किंतु फिर भी माता-पिता का धन व सहयोग प्राप्त होता है. भाई-बहनों व दोस्तों से लाभ उठाना अच्छी प्रकार जानते हैं. कुछ आलसी स्वभाव या जो मन में आता है वही करते हैं. कम परिश्रम करने पर भी मकान, गाड़ी का लाभ सामान्य रूप में अच्छा रहता है. 22 से 28 के बीच में अपना जीवनमय स्थायी रूप से चालू कर देते हैं. अपनी आय दूसरों को कम बताते हैं. शिक्षा व संतान में बाधा के बाद सफलताएं बनती है या देरी से. कन्याएं इनको अधिक सहयोग करेंगी. स्त्री होगी तो उन्हें पुत्र अधिक सहयोग करेगा. जीवन में इनको तेज गाड़ी, चमड़ी, पेट, हड्डी, जल, गुप्त शत्रुओं से तथा विपरीत लिंग के लोगों से धोखा होता है. पत्नी के या पति के अलावा एक दो अन्य घनिष्ठ संबंध होने के कारण पारिवारिक जीवन कुछ क्लेश वाला होता है य कुछ अन्य बात. शादी के बाद जीवन में अधिक परिवर्तन आता है.

जवानी में पारिवारिक सुख 36 के बाद जीवन अधिक सुखमय देखा गया है. मुकदमे व साझे में जीवन में अच्छी सफलता बुढ़ापे में मिलती है. यात्राओं का अच्छा लाभ. विदेश यात्रा का भी योग. कानून से सलाह, साहित्य, मीडिया या सफेद व फैशन और स्त्री से जुड़े व्यवसाय से अधिक धन और सफलताएं अर्जित करते हैं. पिता के आगे कम जाते हैं. धन अच्छा संग्रह करते हैं. 50 से 54 का समय भाग-दौड़ वाला. 56 से 65 का समय अच्छा जाता है. जवानी मौजकारी. बुढ़ापा कुछ चिंतावाला. जीवन में आपको अच्छी सफलता 36 के बाद ही. पूरी आयु 70 के आस-पास.

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तुला राशि के लिए कैसा रहेगा नया साल

आने वाला नया साल आपके लिए और आपके परिवार के लिए कैसा होगा यह जानने की उत्सुकता प्रत्येक व्यक्ति को होती है।चन्द्र राशि के आधार पर आपको यह बताने की कोशिश कर रहा है कि आने वाला साल आपके लिए कैसा होगा। आमतौर पर राशि की गणना सूर्य और चन्द्र राशि के आधार पर होती है लेकिन भारतीय पराशर ज्योतिष में चन्द्र राशि को ही मान्यता है और जातक का नाम भी चन्द्र राशि के आधार पर ही तय होता है। यदि आपका नाम रा, री, रू, रे, रो, ता ति, तु, ते से शुरू होता है तो आपकी चन्द्र राशि तुला है। तुला राशि के लिए आने वाला साल कुछ ऐसा रहेगा।

जनवरी
राशि पर शनि व राहु का संचार होने से शुभाशुभ दोनों प्रकार के मिश्रित फल प्राप्त होंगे। व्यवसायिक क्षेत्रों में धन लाभ व उन्नति के विशेष अवसर प्राप्त होंगे परंतु मानसिक तनाव, बनते कामों में विध्न, धन का खर्च अधिक अवं परिवारिक परेशानी रहेगी।

फरवरी
4 फरवरी से इस राशि पर मंगल शनि राहु का संचार रहने से क्रोध एवं उत्तेजना अधिक होगी। अचानक खर्च भी बढ़ेंगे। वाहनादि सावधानी पूर्वक चलाएं दुर्घटना में चोट आदि का भय रहेगा। राशिस्वामी शुक्र 26 फरवरी तक धनु राशि में होने से स्वास्थ्य ढिला भाई बंधुओं से मतभेद एवं वृथा भागदौड़ रहेगी।

मार्च 
मासारम्भ में राशिस्वामी शुक्र बुध युक्त चतुर्थ भाव में एवं शनि की साढ़सती के प्रभाव से स्वास्थ्य ढीला शरीरिक कष्ट चोटादि का भय रहेगा परंतु व्यवसाय में विध्नों के बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। 22 मार्च के पश्चात परिवारिक एवं व्यवसायिक उलझनों के कारण मन परेशान रहेगा।

अप्रैल
शुक्र उच्चस्थ होने से परिवार में शुभ समाचार तथा व्यवसाय में धन लाभ की प्राप्ति होगी। साढ़सति के कारण स्वास्थ्य ढीला रहेगा। 24 अप्रैल से शुक्र की स्वगृही दृष्टि होने से संघर्षमयी परिस्थितियों के बावजूद समय शुभ फलदायी होगा।

मई
शनि साढ़सति के प्रभाव स्वरूप पारिवारिक एवं आर्थिक स्थिति अनिश्चित रहेगी परंतु शुक्र की स्वग्रही दृष्टी होने से परिश्रम से कोई विशेष रूका हुआ कार्य बनेगा। गुजारे लायक धन प्राप्ति होगी। 18 मई से शुक्र मानसिक तनाव व स्वास्थ्य हानि के योग हैं।

जून
शनि साढ़सति के प्रभाव स्वरूप पारिवारिक एवं आर्थिक स्थिति अनिश्चित रहेगी परंतु शुक्र की स्वग्रही दृष्टि होने से परिश्रम से कोई विशेष रूका हुआ कार्य बनेगा। गुजारे लायक धन प्राप्त होगा। 18 जून से शुक्र अष्टमस्थ होने से शारीरिक कष्ट, मानसिक तनाव व स्वास्थ्य हानि के योग हैं।

जुलाई
मासारम्भ में शनि वक्री होने से सोची योजनाओं में सफलता के लिए विशेष परिश्रम करना होगा। यद्यपि व्यवसाय में उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे परंतु किसी विशेष पदोन्नति की संभावना भी बनी रहेगी। मासांत में अड़चनों के बावजूद कुछ सफलता मिलेगी। परिवार संबंधी चिंता बनी रहेगी। अचानक खर्च बढ़ेगे।

अगस्त
मासारम्भ में शनि की उच्च स्थिति होने से सुख साधनों पर खर्च परंतु मंगल के कारण अत्यधिक परिश्रम करने पर ही आय के साधनों में वृद्धि होगी। शनि उच्चस्थ होने से घरेलू हालात में सूखद परिवर्तन होंगे। किंतु परिवार संबंधी चिंता बनी रहेगी। 23 अगस्त के पश्चात विदेशी कार्यों में प्रगति होगी।

सितम्बर
मासारम्भ में कुछ बिगड़े कामों में सुधार होगा। परिश्रम एवं पुरूषार्थ करने पर धन लाभ के विशेष अवसर मिलेंगे परंतु सांझेदारी के कामों में हानि होगी। उत्तरार्ध भाग में भाग्यवश लाभ के योग हैं परंतु वृथा मानसिक तनाव, भागदौड़ अधिक निकट बंधुओं से तनाव एवं चोटादि का भय रहेगा।

अक्तूबर
राशि स्वामी शुक्र नीच राशि में 12वें संचारित होने से व्यवसाय में संघर्षपूर्ण परिस्थितियों का सामना रहेगा। अत्यधिक भागदौड़ करने पर भी आय से खर्च अधिक रहेगा। 17 अक्तूबर से सूर्य शनि का संचार इस राशि में होने से व्यवसायिक और परिवारिक परेशानियां बढ़ेगी। कार्तिक संक्राति से कार्तिक मास माहात्मय का पाठ करना शुभ होगा।

नवम्बर
मासारम्भ में अत्यधिक परिश्रम करने पर धन लाभ अल्प एवं खर्च अधिक रहेंगे।16 नवम्बर से हालात में सुधार भूमि सवारी आदि का क्रयविक्रय भी होगा। वृथा भागदौड़, परिवारिक परेशानी एवं गुप्त शत्रु सरगर्म रहेंगे। विशेष रूप से शुक्रवार का व्रत एवं श्री गायत्री मंत्र का जप करना शुभ होगा।

दिसम्बर
मासारम्भ में व्यर्थ की दौड़धूप, आर्थिक एवं परिवारिक उलझनों के कारण मन अशांत रहेगा। उत्तराद्ध भाग में धन प्राप्ति के साधन बनेंगे। कुछ बिगड़े कामों में सुधार एवं विदेशी संबंधों से लाभ के योग हैं परंतु स्वास्थ्य कुछ ढीला रहेगा।

वृश्चिक राशि का पूरे साल का राशिफल अगले हफ्ते दिया जाएगा.

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हेल्थ टिप्स – बच्चे की पीठ पर निशान गंभीर बीमारी का संकेत

लंदन : बच्चोंकी पीठ के निचले हिस्से पर यदि किसी तरह का विचित्र निशान दिखाई दे तोजल्द से जल्द इसकी जांच कराना जरूरी है क्योंकि हाल ही में हुए एक अध्ययनके अनुसारइस तरह के निशान बच्चे की रीढ़ की हड्डी में किसी गंभीर बीमारी होने या होने की संभावना का संकेत हो सकता है.

हाल ही में ताइवान की तीन साल की बच्ची को उसके माता-पिता बच्ची की पीठ के निचले हिस्से पर बाल के एक छोटे से गुच्छे को हटवाने पहुंचे, तो चिकित्सकों ने जांच के बाद पाया कि बच्ची की रीढ़ की हड्डी मेंरिक्त स्थान बना हुआ था तथा मेरुरज्जु में कोई चिपचिपा तरल भी भरा हुआ था. मेरुरज्जु के बीच रिक्त स्थान बन जाने की इस बीमारी को डायस्टेमैटोमीलिया कहते हैं तथा मेरुरज्जु में तरल पदार्थ भरे होने की बीमारी सिरिंजोमीलिया कहलाती है.

शोध पत्रिका 'द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन' के ताजा अंकमें प्रकाशित एक शोधपत्र के अनुसारबच्ची की रीढ़ की हड्डी में भरा तरल थोड़ा-थोड़ा बाहर भी बह रहा था. नेशनल ताइवान विश्वविद्यालय ने अपने शोधमें कहा है कि ऑपरेशन के बाद हालांकि बच्ची के इस निशान को दूर कर दियागया. अब बच्ची बिल्कुल सामान्य है और अब उसे किसी भी तरह की कोई दिक्कतनहीं है.

वहीं मियामी बाल चिकित्सालय के न्यूरोसर्जन टोबा एन.नियाजी नेशोधपत्र में कहा कि, 'इस तरह के निशान के रूप में पीठ के निचले हिस्से परअत्यधिक बाल, त्वचा का बहुत पतला होना, गड्ढे जैसा या फिर पूंछ के रूप मेंहो सकते हैं.' अगर इस समस्या का जल्द निदान न किया जाए तो यह मस्तिष्क तंत्रिका संबंधित समस्या या हड्डी और मांसपेशियों से संबंधित विकृतियों को जन्म दे सकती है.

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लाईफ स्टाइल – नए जूते के काटने पर ऐसे बचें…

यह समस्या बहुत आम है कि जब भी आप कोई भी नया जूता-चप्पल लाती हैं तो वह आपके कोमल पैरों को काटते हैं और भद्दे निसान छोड़ जाते हैं. इस डर की वजह से कई लोग नए जूते-चप्पल पहनने से हिचकते हैं. हम में से बहुतसे लोगों ने जूते केकाटने का दर्द बहुत बार झेला होगा. इन्हें हम शू-बाइटके नाम से भी पुकारते हैं. ये दिखने में गंदे छाले होते हैं, जिनमें कुछ दिनों तक बहुत दर्द होता है और बाद में वे निशान के रूप में उभर आते हैं.

यह छाले ज्यादातर महिलाओं के पैरों में देखे जाते हैं क्योंकि उन्हें टाइट और गैर आरामदायक जूते पहनने का शौक ज्यादा रहता है. कई लोगऐसे भी हैं जोजूते वही खरीदते हैं जो साइज में एक इंच कम हों. ऐसे जूते और सैंडल जो पहनने में आरामदायक नहीं होते,  उन्हें पहनने से ही शू-बाइटकी शिकायत होती है. जूतों के काटने से कई बार पैरों में हमेशा के लिए निशान भी पड़ जाते हैं. उससे बचने के लिए इस तरह के जूते नहीं पहनने चाहिएं. अगर आपके पैरों में ऐसे निशान पड़े हुए हैं तो आप को कुछ घरेलू उपचार अपनाने चाहिएं जिससे आपको इन निशानों से छुटकारा मिल जाएगा.

1)      हल्दी और नीम: अगर जूते से पैरों में छाले पड़ गए हों या फिर उसके दाग रह गए हों, तो आप हल्दी और नीम का पेस्ट लगा सकती हैं. इस पेस्ट को 20 मिनट तक लगाएं. यह छाले को पूरी तरह से सुखा देगा.

2)      एलोवेरा: यदि शू-बाइट की वजह से त्वचा में जलन होनी शुरू हो गई हो, तो उस पर एलोवेरा का रस लगा लें.

3)      चावल का उपचार: चावल के आटे का पेस्ट बनाएं और उसे छाले पर लगाएं. 15 मिनट लगाए रखने के बाद जब वह सूख जाए तब पैरों को हल्के गर्म पानी से धो लें.

4)      बादाम और जैतून तेल: बादाम को पीस कर उसमें जैतून का तेल मिला कर प्रभावित स्किन पर मसाज करें. जब स्किन मुलायम हो जाए तब पैरों को धो लें.

5)      शहद: कच्ची और शुद्ध शहद जूते से पड़े छाले को एक दम से गायब कर देती हैं.

6)      कपूर और नारियल तेल: पैरोंमें छाले अगर खुजली कर रहे हैं, तो कपूर के चूरे में कुछ बूंदनारियल तेलकी डाल लें. इसे थोड़ी-थोड़ी देर में घाव पर लगाने से दर्द ठीकहो जाएगा.

इस बात पर भी दे ध्यान : कोई भी नया जूता पहनने से पहले उसके किनारों पर पैट्रोलियम जैली लगाएं, जिससे वहां का एरिया मुलायम हो जाए और अगली बार वह न काटे.

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मोनोरेल शुरू होते ही नजर आने लगी खामियां

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : मुख्यमंत्री  पृथ्वीराज चव्हाण ने मुंबई में देश की सबसे पहली मोनोरेल का उद्घाटन किया. गौरतलब है कि मोनोरेल की सेवा शुरू होते ही इसकी खामियां दिखने लगी है. रश ऑवर में ट्रेनमें सात सौ से भी ज्‍यादा लोग सवार हो जाने से लोग खिड़की की तरफ आ गए. ट्रेन में ज्यादा लोग सवार होने के कारण ऐसा लगने लगा कि ट्रेन हिच कोले खा रही है.

बता दें कि जानकारी के अनुसार चार कोचों वाली एक मोनो रेल की क्षमता एक बार में 560 सवारियां की ही होती है. इसके बारे में ऑपरेशंस मैनेजर ने कहा कि वैसे इससे किसी  भी प्रकार की कोई समस्या नहीं है लेकिन ट्रेन के हिच कोले खानेसे इलेक्‍ट्रॉनिक दरवाजे बंद न होने की मुश्किल आ सकती है. मुंबई में यह पहली मोनोरेल है.दिल्ली में नौ मोनो रेल चलाने के लिए कहा गया है लेकिन इस समय केवल चार ही मोनोरले चलाई जा रही हैं. सूत्रों का कहना है बाकि कि मोनोरेल में अभी खामियां को देखते हुए सुधार किया जा रहा है.

मोनोरेल का सफर करने के लिए इतनी बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई कि टोकन सिस्‍टम भी अच्छे से नहीं चल पाया. इसके लिए अधिकारियों को लोगों को कागजवाले टिकट बना कर देने पड़े.

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अपनों के लिए छोड़ गए नेल्सन मंडेला 41 लाख डॉलर की संपत्ति

जोहानसबर्ग : दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने अपने परिवार सत्तारूढ़ अफ्रीकन नेशनल कांग्रेस सहित कई संस्थानों के लिए 41लाख डॉलर की अचल संपत्ति छोड़ी है. उप मुख्य न्यायाधीश डी मोसेन्के ने संवाददाताओं को बताया कि श्री मंडेला की इस संपत्ति में(रायल्टी) शामिल नहीं है जिसे उनके परिवार ने आज स्वीकार कर लिया.

गौरतलब है कि मुख्य न्यायाधीश ने मंडेला की 40 पृष्ठीय वसीयत के कुछ अंश पढने के बाद कहा कि उनकी तीसरी पत्नी ग्रेक मिशेल अचल संपत्ति पर अपना दावा छोड़ सकती है. उन्होंने कहा कि मंडेला ने तीन ट्रस्ट बनाए हैं और कुछ संपत्ति इसमें विभाजित हो सकती है.

बता दें कि मंडेला का लंबी बीमारी के बाद 95 वर्ष की आयु में निधनहो गया. उनका जोहासनवर्ग में एक मकान और पैतृक गांव में मकान है, इसके अलावा किताबों की बिक्री से रायलटी के तौर पर भी अच्छी रकम मिलती है. जीवनभर सादगी से रहने और आंडबर से दूर रहनेवाले पूर्व राष्ट्रपति के परिवार के कुछ सदस्यों ने उनके कपडों से लेकर रियालिटी शो तक से पैसा कमाना शुरू कर दिया है.

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जूही को कभी प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं देखा – माधुरी दीक्षित

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : टॉप की अभिनेत्री होने की वजह से माधुरी दीक्षित और जूही चावला ने कभी साथ काम नहीं किया था लेकिनअब दोनों पहली बार फिल्म 'गुलाब गैंग' में साथ काम कर रही हैं. फिल्म में माधुरी नायिका तो जूही खलनायिका के किरदार में नजर आएंगी.

गौरतलब है कि अपने साक्षात्कारों में जूही ने कहा कि दोनों ने संभवत: इस वजह से साथकाम नहीं किया क्योंकि उस समय अभिनेत्रियों के बीच बहुत प्रतिस्पदर्धा थी. लेकिन माधुरी का कहना है कि उन्होंने जूही को कभी भी अपनी प्रतिद्वंद्वीके रूप में नहीं देखा और जूही के साथ आखिरकार काम करने का मौका प्रेरितकरने वाला था.

माधुरी ने साक्षात्कार में कहा कि, 'मैंने उन्हें कभी प्रतिद्वंद्वी केतौर पर नहीं देखा. मुझे कभी भी किसी के भी साथ काम करने में हिचक नहीं रही. मेरा मानना है कि हम कलाकार है ना कि सीमा रेखा की तरफ दौड़ते हुए घोड़े. यह एक रचनात्मक क्षेत्र है और हम कुछ किरदार पसंद करते हैं, कुछ लोगों को पसंद करते हैं और उनके साथ काम करते हैं.' माधुरी ने यह भी कहा कि, 'ऐसा नहीं है कि मैंने पहले दो नायिकाओं वाली फिल्मोंमें काम नहीं किया है. मैं प्रीति जिंटा 'ये रास्ते हैं प्यार के' ऐश्वर्या राय 'देवदास' और करिश्मा कपूर 'दिल तो पागल है' के साथ काम कर चुकी हूं.'

46 वर्षीय माधूरी के अनुसार 'गुलाब गैंग' में जूही को काम करते देखना प्रेरणादायक था और सौमिक सेन के निर्देशन में बनी इस फिल्म में दोनों के बीच कई दृश्य हैं. माधुरी ने कहा यह शानदार है कि आखिरकार हमने साथ काम किया. वह एक अच्छी अभिनेत्री हैं. एक और अच्छी अभिनेत्री को अपने साथ काम करते देखना प्रेरणादायक होता है. फिल्म में हमारे बीच तनातनी वाले दृश्य हैं और मैं उनके साथ दोबारा जरूर काम करना चाहूंगी.

उल्लेखनीय है कि 'गुलाब गैंग' 7 मार्च को रिलीज हो रही है.

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यह लड़का नहीं जा सकता गर्भवती महिलाओं के पास

नई दिल्ली : दुनिया में बहुत सारी बीमारियां ऐसी हैं जिनके बारे में शायद ही किसी को पता हो. अब इस लड़के की बीमारी को ही देखली जिए. इस लड़के को ऐसी अजीबोगरीब बीमारी है जिसके बारे में आपने कभी भी सुना नहीं होगा. पैरेंटडिश डॉट कॉम की खबर के अनुसार 14 वर्षीय ब्रयांत हैकेट को यह चेतावनी दी गई है कि वह किसी भी गर्भवती महिला के पास न जाए और यहां तक की वह अपनी प्रेगनेंट बहन के साथ भी नहीं बैठ सकते. इसका कारण यह है कि यदि वह उसके करीब जाएगा तो उनकी बहन के शरीर को नुकसान हो सकता है.

आपको बता दें कि हैकेट के शरीर में एक खतरनाक वायरस है, जिस कारण उसके संपर्क में आने वाली किसी भी गर्भवती महिला को नुकसान हो सकता है. जांच में पता चला है कि हैकेट को सिटोमैग्लो वायरस नाम की बीमारी है.  हालांकि इस वायरस का हैकेट पर तो कोई असर नहीं दिखता लेकिन उनके संपर्क में आनेवाली कोई भी गर्भवती महिला इससे संक्रमित हो सकती है.

हैकेट की मां लीन ने एक स्‍थानीय समाचार पत्र को यह बताया कि इस वायरस के कारण वह अपनी बहन के पास भी नहीं रह सकता. वह चाहता है कि उसकी बहन जल्दीसे मां बन जाए, ताकि वो उसके पास बैठ सके और बातें कर सके. उल्लेखनीय है कि पिछले साल जुलाईमें हैकेट की इस बीमारी का पता चला था जिसके कारण उसका लीवर फेल हो गया था और उन्हें दो बार अपना मज्जा ट्रांसप्लांट कराना पड़ा था. हैकेट की मां को इस बात का दुख होता है कि वह लड़कियों के पास नहीं जा सकता लेकिन उसे इस बात की राहत है कि उनका बेटा अस्पताल में नहीं है.

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