Monday, February 3, 2014

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हम भारत को विनिर्माण के नक्शे पर चाहते हैं – राहुल गांधी

नई दिल्ली : कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के लिए अपने सपने का खुलासा करते हुए कहा कि वह भारत को वैश्विक विनिर्माण के केंद्र के रूप मेंचीन के बराबर देखना चाहते हैं. गौरतलब है कि एक चैनल को दिए साक्षात्कार में राहुल ने कहा कि , 'मैं भारत को विनिर्माण के नक्शे पर देखना चाहता हूं. मैं इसे विश्वमें विनिर्माण का केंद्र बनाना चाहता हूं. मैं इसे कम से कम चीन के बराबरीका विनिर्माण केंद्र बनाना चाहता हूं.'

बता दें कि राहुल ने तीन बातों का उल्लेख किया, 'पहली बात यह कि हमें पहले खुद को बदलने की जरूरत है, हमने युवाओं को शामिल किया है, हमें उन्हें उनकी जगह देनी है. दूसरी बात हमें विनिर्माण की तरफ देखना है, हमने पहले उत्तर, दक्षिण, पूरब  और पश्चिम गलियारा बनाया है, जिसका मकसद यह देखना है कि कैसे हम भारत की जनताकी ऊर्जा लेकर विनिर्माण के सुपरहाउस बन सकते हैं. मुझे लगता है कि यही सबसे बड़ा मसला है.

उनके अनुसार असली सवाल लाखों भारतीयों के लिए रोजगार उपलब्ध कराना है. राहुल ने प्रश्न किया कि हम कैसे लाखों लोगों को रोजगार उपलब्ध कराएं? उदाहरण के लिए हर व्यक्ति जो जापान, फ्रांस, जर्मनी और अमेरिका जैसे देश से मेरे पास आता है और कहता है कि हमें चीनी विनिर्माण का विकल्प चाहिए. हम चीन की चीजों से खुश हैं, लेकिन हमें दूसरा मार्ग भी चाहिए.

वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा कि, 'वैश्विक ऊर्जा कहती है कि हम विनिर्माण को भारत की तरफ मोडऩा चाहते हैं. कांग्रेस पार्टी, संयुक्त प्रगतिशाली गठबंधन(संप्रग) सरकार ने ऐसा गलियारा बनाया है, हमने उत्तर-दक्षिण, पूरब-पश्चिम गलियारा बनाया है. हमने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) के मुकाबले तीनगुना ज्यादा सड़कें बनाई हैं.'

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योगेंद्र यादव ने गूगल हैंगआउट के माध्यम से जुटाए 18 लाख रुपए

वाशिंगटन : आम आदमी पार्टी(आप) के वरिष्ठ नेता योगेंद्र यादव ने देश के 65वें गणतंत्रदिवस के मौके पर गूगल हैंगआउट के माध्यम से दुनिया भर में पार्टीके समर्थकों से 18 लाख रुपए जुटाए. गूगल हैंगआउट ऑनलाइन मैसेजिंग एवं वीडियो द्वारा बातचीत की सेवा देता है. गूगल कंपनी की इसका विकास किया है.

गौरतलब है कि यादव नेगूगल हैंगआउट के माध्यम से लंदन, एम्सटर्डम, टोक्यो, बोस्टन, वाशिंगटनडीसी, शिकागो और फिलाडेल्फिया समेत दुनिया भर के 17 शहरों में अपने समर्थकों के सवालों का सीधे-सीधे जवाब दिया. पार्टी ने कैलिफोर्निया के सिलिकॉन वैली से एक विज्ञप्ति जारी कर बताया कि हैंगआउट सत्र से कुल 18 लाख रुपए की राशि जुटाई गई. विज्ञप्ति के अनुसार, 'इस साल की शुरुआत से एक दिन में जुटाई गई यह दूसरी सबसे बड़ी राशि है. नए साल के पहले दिन पार्टी ने 40 लाख रुपए जुटाएथे.'

इस संबंध में यादव ने कहा कि, 'अपने वैश्विक समुदाय की प्रतिक्रिया देखना शानदार था. स्पष्ट रूप से आप से बहुत उम्मीदे हैं. भारतीय राजनीतिके इतिहास में सत्ता में आने के बाद किसी भी सरकार ने इतना कुछ हासिल नहीं किया. असल में निष्पक्ष पर्यवेक्षक सलाह दे रहे हैं कि हम अपनी गति धीमी करदें.' हैंगआउट में शामिल हुए न्यूजर्सी निवासी हिमांशु शर्मा के अनुसार योगेंद्र यादव को सुनना बहुत प्रेरणादायक था. आप को भारत में मिल रहेजोरदार समर्थन को देखते हुए आम आदमी पार्टी को भारत के लोगों की उम्मीदोंपर खड़ा उतरना चाहिए और उन्हें 2014 के लोकसभा चुनावों में एक वैकल्पिक राजनीति उपलब्ध करानी चाहिए.

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गुजरात में कौन होगा नरेंद्र मोदी का उत्तराधिकारी?

नई दिल्ली : भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी जिस गति के साथ आनेवाले लोकसभा चुनाव के लिए पूरे देश में चुनाव प्रचार में लगे हैं, उसे देखकर लगता है कि चाहे लोकसभा चुनाव के नतीजे जो भी हों, लेकिन ये तय है कि चार बार गुजरात के मुख्यमंत्री रहनेवाले नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता दिल्ली हो जाएगी. अब सवाल ये उठता है कि नरेंद्र मोदी के बाद गुजरात में उनकी जगह कौन लेगा? क्या गुजरात के मुख्यमंत्री ने सेकेंड लाइन का नेतृत्व तैयार कर लिया है? या इसका फैसला अप्रैल-मई में होने वाले आम चुनाव के बाद पार्टी केंद्रीय नेतृत्व को करना होगा?

विशेषज्ञों और राजनीतिक जानकारों का मानना है कि भाजपा में सेकेंड लाइन का ऐसा कोई नेता नहीं है, जो मोदी की जगह ले सके. वहीं भाजपाको भरोसा है कि उसके कैडर आधारित सिस्टम में ऐसे कई नेता हैं, जो इस शीर्ष  जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकते हैं. हालांकि पार्टी नेतृत्व इन शीर्ष दावेदारों के बारे में हमेशा चुप रहा है, लेकिन राजस्व मंत्री आनंदीबेन पटेल, वित्त मंत्री नितिन पटेल, ऊर्जा मंत्री सौरभ पटेल और विधानसभाके स्पीकर वजू वाला का नाम समय-समय पर इस जिम्मेदारी के लिए सामने आता रहा है. कुछ दिन पहले गुजरात भाजपा के अध्यक्ष आर.सी फलदू ने कहा था कि राज्यसरकार और पार्टी की कार्यपद्धति इस तरह से व्यवस्थित है कि नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति में भी राज्य सरकार सामान्य तरह से ही काम करेगी. हमारे नेताओंने प्रतिनिधित्व की शक्ति को विकेंद्रीकृत किया हुआ है.

राजनीतिक मामलों के जानकार विद्युत जोशी कहना है कि गुजरात भाजपा यूनिटके साथ जो हुआ वह ठीक वैसा ही जैसे इंदिरा गांधी के आने के बाद कांग्रेस के साथ हुआ था. तब गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल के कार्यकालके दौरान नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की मजबूत संगठनात्मक संस्कृति के साथ मिलकर बेहतर प्रदर्शन किया. उस वक्त राज्य में भाजपा पार्टी कम व्यक्तिवादी ज्यादा हो गई थी, जो भविष्य में प्रजातंत्र को नुक्सान पहुंचाने के साथ ही पार्टी को भी तोड़कर रख देता. सविद्युत जोशी का कहना है कि अगर नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं, तो गुजरात भाजपा को इसका खामियाजा उठाना पड़ेगा.

गुजरात में मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार आनंदीबेन पटेल, वजू वाला और सौरभ पटेल हैं. वजू वाला ने 2001 के उपचुनाव के दौरान मोदी के लिए अपनीसीट राजकोट को छोड़ा था. वाला तभी से ही मोदी के पसंदीदा हैं. इसके साथ सौराष्ट्र क्षेत्र में वाला की पकड़ काफी अच्छी है. सौराष्ट्र को भाजपा का गढ़ माना जाता है. जहां तक बात आनंदीबेन और सौरभ पटेल की है, तो सौरभ पटेलका चयन ज्यादा ठीक होगा. ऐसी भी संभावना है कि मोदी इन सभी दावेदारों को छोड़ किसी तीसरे व्यक्ति का नाम आगे बढ़ाकर सभी को आश्चर्य में डाल दें. वहकिसी ऐसे व्यक्ति को इस पद की जिम्मेदारी सौंपना चाहेंगे, जिसे वह दिल्लीसे आदेश दे सकें.

आईए बताते हैं कौन हैं प्रमुख दावेदार-

आनंदीबेन पटेल : इन सभी दावेदारों में 71 वर्षीय आनंदीबेन पटेल का नाम सबसे अहम हैं, इन्हें नरेंद्र मोदी के काफी करीब माना जाता है. हालांकि इन्हें जनता में लोकप्रिय लीडर के तौर पर नहीं देखा जाता, पर पार्टी के भीतर और नौकरशाहोंके जोड़ के रूप में उनकी चर्चा है. वह शक्तिशाली पटेल समुदाय से आती हैं और अहमदाबाद में उनका गहरा प्रभाव है. आनंदीबेन पटेल वर्ष 1998 से विधानसभाकी सदस्य हैं और फिलहाल गुजरात सरकार में राजस्व, सूखा राहत, भूमि सुधार और पुर्नवास जैसे कई विभागों का कार्यभार संभाल रही हैं. वहीं मुख्यमंत्री पदके लिए अगर कोई बात उनके खिलाफ जा सकती है, तो वह है, उनका स्पष्टवादी स्वभाव. अपने इस स्वभाव की वजह से कई पार्टी सदस्यों से उनकी अनबन भी होचुकी है, जिसमें अमित शाह का नाम प्रमुख है. ये सार्वजनिक तौर पर तो आनंदीबेन का समर्थन करते हैं, पर उनकी कार्यशैली को पसंद नहीं करते.

नितिन पटेल : नितिन पटेल को 2012 के विधानसभा चुनाव के बाद वित्त मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है. पटेल को राजनीति और प्रबंधन दोनों का खासा अनुभव है. वह वर्ष 1995 में केशुभाई पटेल के शासनकाल में भी स्वास्थ्य और परिवारकल्याण मंत्री रह चुके  हैं.

सौरभ पटेल : उद्यमी से राजनेता बने 55 वर्षीय सौरभ पटेल सभी दावेदारों में सबसे कम उम्रके हैं और करीब एक दशक से उर्जा और पैट्रोकेमि कल विभागों को संभाल रहे हैं. गुजरात सरकार में उर्जा मंत्री सौरभ मोदी के वफादार माने जाते हैं. इसके अलावा वह मशहूर बिजनेसमैन धीरूभाई अंबानी के बड़े भाई रमणिक भाईअंबानी के दामाद हैं.

वजू वाला : 6 बार विधानसभा सदस्य रह चुके वजू वाला के पास 14 बार राज्य का बजट पेशकरने का रिकॉर्ड है. 2013 में विधानसभा अध्यक्ष बनने से पहले वह वित्तमंत्री रह चुके हैं.

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केजरीवाल ने बनाई 'बेईमान' नेताओं की लिस्ट

नई दिल्ली : आम आदमी पार्टी (आप) ने जोर-शोर से लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। ‘आप’ की राष्ट्रीय परिषद में पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हम सभी पार्टियों के बेईमान नेताओं के खिलाफ आम आदमी पार्टी मजबूत कैंडिडेट खड़ा करेगी। उन्होंने अपनी तरफ से ‘बेईमान’ नेताओं की एक लिस्ट जारी की और पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि इस लिस्ट में वह शाम तक और भी नेताओं को जोड़कर फाइनल लिस्ट बनाएं।

अरविंद केजरीवाल ने पार्टी की राष्ट्रीय परिषद में कई बड़े नेताओं के नाम लिए और उन्हें सरेआम बेईमान करार दिया। केजरीवाल की इस सूची में शरद पवार, नितिन गडकरी, अनंत कुमार, सुशील कुमार शिंदे, पवन बंसल और चिदंबरम जैसे नेताओं के नाम शामिल हैं। इस मौके पर केजरीवाल ने कहा कि हम 2014 के चुनाव को क्रांति में बदल देंगे।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी लोकसभा चुनावों की रणनीतियों के बारे में कहा कि हम सत्ता की राजनीति करने नहीं आए हैं, बल्कि राजनीति बदलने आए हैं। उन्होंने कहा कि संसद में करप्ट नेता बैठे हैं और इस पर कुछ परिवारों का कब्जा है, इसलिए संसद की सफाई जरूरी है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने जो लोकपाल बिल पास किया है, उससे एक चूहा भी नहीं मरसकता।

अरविंद केजरीवाल ने नितिन गडकरी, सुरेश कलमाड़ी, वीरप्पा मोइली, सुशील कुमार शिंदे, पी. चिदंबरम, अलागिरी, कनिमोई, सलमान खुर्शीद, मायावती, मुलायम सिंह यादव, श्रीप्रकाश जायसवाल, जगनमोहन रेड्डी, कपिल सिब्बल, कमलनाथ, अनुराग ठाकुर, पवन बंसल, फारूक अब्दुल्ला सहित कई अन्य नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में इन नेताओं को हराना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इस सब पर भ्रष्टाचार के दाग है। उन्होंने कहा कि अभी और नेताओं की सूची तैयार की जा रही है।

‘आप’ की राष्ट्रीय परिषद में केजरीवाल ने कहा कि हम ऐसे लोगों की लिस्ट तैयार कर रहे हैं, जिन पर करप्शन के बड़े आरोप हैं। उन्होंने लोगों से कहा कि आप आम आदमी पार्टी को भले मत जिताइए, लेकिन करप्ट और भ्रष्ट लोगों को चुनकर मत भेजिए। उन्होंने मीडिया के सामने कई बड़े नेताओं के नाम लिए और उन्हें सरेआम बेईमान कहा। साथ ही केजरीवाल ने अपने सहयोगियों से कहा कि वे ऐसे नेता जिन पर करप्शन के दाग हैं उनकी सूची को आगे बढ़ाएं।

केजरीवाल ने कहा कि मोदी और राहुल गांधी की इमेज चमकाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहै है। अगर ऐसे नेता चुनाव जीत कर आते हैं देश का भला नहीं होगा। उन्होंने मीडिया के माध्यम से कहा कि अगला लोकसभा चुनाव देश को बचाने के लिए हो रहा है। हमें बेईमान नेताओं से देश को बचाना है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आम आदमी पार्टी रहे या न रहे, केजरीवाल रहें या न रहें लेकिन इस देश को रहना है। इसे बचाना है।

गौरतलब है कि गुरुवार को आप नेता संजय सिंह ने कहा था कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में 350 उम्मीदवारों उतारने जा रही है। उन्होंने कहा था कि पार्टी का ध्यान 162 वैसे नेताओं पर खासतौर पर है, जिन पर करप्शन के दाग हैं।

केजरीवाल ने करप्ट नेताओं की जो सूची बताई वह इस प्रकार है (हालांकि बकौल खुद केजरीवाल यह सूची अभी पूरी नहीं हुई है। इसमें और नाम जोड़े जाने हैं। जैसे-जैसे नाम आएंगे सूची आगे बढ़ती जाएगी।)
1) राहुल गांधी
2) पी चिदंबरम
3) शरद पवार
4) सुशील कुमार शिंदे
5) वीरप्पा मोइली
6) सलमान खुर्शीद
7) कपिल सिब्बल
8) कमलनाथ
9) नितिन गडकरी
10) बी एस येदयुरप्पा
11) अनंत कुमार
12) अनुराग ठाकुर
13) मायावती
14) मुलायम सिंह यादव
15) फारुक अब्दुल्ला
16) जगन मोहन रेड्डी
17) सुरेश कलमाड़ी
18) श्रीप्रकाश जायसवाल
19) पवन बंसल

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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण समस्याओं से भागो नहीं

<span style="color:#F00;font-weight:bold;line-height:20px;font-size:16px;"महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण समस्याओं से भागो नहीं
<span style="color:#F00;font-weight:bold;line-height:20px;font-size:16px;"आप टोल मुद्दे पर जनता के सवालों के जवाबदेही हो…

चंदन पवार(मुंबई) : महाराष्ट्र की राजनीति में टोल और बिजली को लेकर घमासान मचा हुआ है. यह घमासान अभी ही क्यों तो उसका जवाब है लोकसभा चुनाव 2014. क्योंकि लगबग सभी पार्टियां अपनी किस्मत को चमकाने के लिए और लोगों को गुमराह करने के लिए मैंदान में उतर चुकी है. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना और संजय निरूपम ने जो फिलहाल में टोल और बिजली को लेकर आंदोलन किया भले ही वह स्टंटबाजी हो परंतु यह सामान्य लोगों से जुड़ा प्रश्न जरूर है. ऐसे में अगर महाराष्ट्र के मसीहा पृथ्वीराज चव्हाण इन प्रश्नों को लेकर जवाब नहीं दे रहे हैं तो यह बहुत दुर्भाग्यपुर्ण बात है.

टोल विरोधी आंदोलन को लेकर श्रेय लेनेवाले में शिवसेना भी आ गई है. उन्होंने कहा कि पहले हमने इस आंदोलन की शुरूआत की है और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना भी यही कह रही है परंतु कांग्रेस और राष्ट्रवादी इन दोनों को पछाड़ने में लगी है. महाराष्ट्र के गृहमंत्री आर.आर.पाटिल ने कहा कि विरोध करनेवालोंके राज में ही टोल की शुरूआत की गई है परंतु यहां पर आर.आर आबा शायद इतिहास भूल गए है. क्योंकि शरद पवार जब मुख्यमंत्री थे तब 1989 को टोल लेनी की शुरूआत हुई थी परंतु मुद्दा यहां पर यह नहीं है कि किसने शुरूआत की और कौन खत्म करेगा परंतु जब यह प्रश्न महाराष्ट्र की जनता के सामने आया तो इसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री क्यों ध्यान नहीं दे रहे हैं, यह बड़ा सवाल पैदा हो रहा है. पिछले दिनों मंत्रीमंडल की बैठक में भी टोल और बिजली के मुद्दों पर कुछ भी निर्णय नहीं लिया गया. बिजली की दरों को कम करने के लिए कांग्रेस के सांसद संजय निरूपम ने भी आंदोलन किया परंतु उनके आंदोलन से जनता के सामने वह हंसी के पात्र हो गए क्योंकि राज्य में कांग्रेस की सत्ता और आंदोलन करनेवाला भी कांग्रेस का तो यह लोग किसको गुमराह कर रहे हैं, ऐसी स्टंटबाजी करने की जरूरत नहीं है. इससे कोई फायदा होने वाला नहीं है क्योंकि जनता अब सब दांवपेंच जानने लगी है. अब तक इन्होंने आम आदमी को मुर्ख बनाया परंतु अब नहीं.

मुख्यमंत्री की छबी साफ सुथरी है परंतु क्या सिर्फ साफ सुथरी छबी से राज्य चलेगा? नहीं उनको लोगों के हित के लिए सभी प्रश्नों पर बोलना पड़ेगा, परंतु अगर वह टोल और बिजली पर बोल नहीं रहे हैं तो क्या जनता यह समझे रिलायंस, टोल माफिया और कांग्रेस के केंद्र के वरिष्ठ नेताओं की दबाव में काम कर रहे हैं? अगर पृथ्वीबाबा आपको इतनी तकलीफ सहन करनी पड़ रही है तो आप बोलते क्यों नहीं हैं. एक बार जनता को भी समझ में आए कि आप कितने और किसके दबाव में काम कर रहे हैं. यह जो काटों का मुकुट आपने पहन रखा है ना इसे जब तक आप उतारते नहीं है शायद तब तक आपको चैन नहीं मिलनेवाला है. इसलिए अगर आप अपना दुख थोड़ा हल्का करना चाहते हैं तो आपको जनता के प्रश्नों का सामना करना पड़ेगा यह सिर्फ आप की पार्टी का सवाल नहीं है यह आपका कर्तव्य और जवाबदारी भी है.

जनता आपको टोल के विषय में कुछ सवाल पूछ रही है इसका जवाब दीजिए-

1)    राज्य में टोल को लेकर कोई नीती बनाई है?

2)    राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण के अनुसार दो टोल के बीच का अंतर 80 कि.मी. होना चाहिए तो महाराष्ट्र में दो टोल के बीच का अंतर 35 से 40 कि.मी. क्यों?

3)    टोल के संदर्भ में तीन साल पहले दिया गया सी.पी. जोशी का अहवाल क्यों अभी तक स्वीकारा नहीं जा रहा है?

4)    पीडब्ल्युडी डिपार्टमेंट के अधिकारी टोल माफियों केलिए काम कर रहे या जनता के लिए?

5)    हर साल टोल किस आधार पर बढ़ाया जाता है?

6)    राज्य के 165 टोल में से 31 टोल बंद की सिफारिश करने के बावजूद अब तक उन टोल नाकों पर वसूली किसकी मेहरबानी से हो रही है?

7)    टोल टेंडरिंग कैसे और कब होती है इसकी जानकारी चाहिए?

8)    नियमित वाहनों की आवाजाही का सर्वे कब और कितने समय में होता है?

9)    टोल का चार्ज कितना रखना चाहिए, इसके लिए कौन सा रिसर्च किया जाता है?

10)   बीओटीके माध्यमसे बनाए गए रस्ते के लिए कितने साल तक टोल भरना पड़ता है?

11)   उदाहरण के रूप में देखा जाए तो सांगली में अशोका बिल्डाकॉन को रस्ते का खर्च 7 करोड़ आया, उसके बाद उन्होंने लोगों से 63 करोड़ वसूला तो यह जो उपरी सब पैसा किसकी जेब में जा रहा है?

12)   कई टोल नाकों का खर्चा वसूल होने के बावजूद फिर भी टोल वसूला जा रहा है , यह लोगों की लूट महाराष्ट्र सरकार कब बंद करेगी?

13)   मुख्यमंत्री महोदय सब प्रश्नों के लिए आंदोलन ही करना पड़ेगा, अधिकारी और मंत्री महोदय कब जनता के काम करेंगे?

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लाईफ स्टाइल – सर्दियों में कैसे रखें डैंड्रफ फ्री बाल?

बालों में डैंड्रफ की समस्या सर्दियों में अधिक बढ़ जाती है क्योंकि सर्दियों में त्वचा और बालों में खुश्की ठंडी हवाओं के कारण ज्यादा आ जाती है. पानी कम पिया जाता है और गर्म पानी से स्नान और गर्म पेयों का सेवन भी बढ़ जाता है. इससे शरीर की त्वचा और बालों में खुश्की बढ़ जाती है और बाल भी अधिक गिरने लगते हैं. गर्म पानी से सिर धोने के कारण सिर की त्वचा की तैल ग्रंथियां ज्यादा तेल निकालती हैं जिससे रूसी बनती है.

अगर आप भी परेशान हैं इस समस्या से तो ध्यान दें कुछ बातों पर जिससे आपके बाल भी डैंड्रफ से मुक्त हो जाएंगे.

1)  बालों में बार-बार कंघी करने से तैल ग्रंथियां सक्रिय हो जाती हैं और तेल अधिक निकलता है जिससे रूसी बनती है. बालों में कंघी दिन भर में तीन-चार बार ही करें.

2)  आपके बाल अधिक खुश्क हैं तो बालों में कुनकुने तेल की मालिश सप्ताह में एक बार अवश्य करें और गर्म पानीसे भीगा तौलिया बालों पर लपेट लें. ठंडा होने पर माइल्ड शैम्पू से बाल धो लें.

3)  बालों को गंदा न रहने दें. सप्ताह में दो बार बाल अवश्य धोएं.

4)  रूसी होने पर नारियल तेल में एक नींबू का रस मिलाएं और सिर पर लगाएं. 30-40 मिनट पश्चात शैम्पू कर लें.

5)  जैतून के तेल में अदरक के रस की कुछ बूंदें मिलाएं और बालों की जड़ों में लगाएं. 30-40 मिनट पश्चात बाल शैम्पू से धो लें.

6)  धोने के बाद बालों की कंडीशनिंग अवश्य करें ताकि बालों की नमी खत्म न होने पाए.

7)  अगर आप बालों में मेहंदी लगाते हैं तो उसमें एक चम्मच तेल अवश्य मिलाएं.

8)  बालों को धोने से पहले बालों में ब्रश या कंघी अवश्य कर लें ताकि तेल ग्रंथियां सक्रिय हो सकें. इससे डैड सैल्स भी खत्म होते हैं. तेल ग्रंथियों से तेल बालों को धोते समय निकल जाता है.

9)  दो कप पानी में दो चम्मच थाइम डालकर उसे बालों की जड़ों में लगा लें. बाद में बाल शैम्पू कर लें. थाइम एंटीसेप्टिक होता है जो डैंड्रफ रोकने में मदद करता है.

इसके अलावा बालोंकी शाइनिंग बरकरार रखनेके लिए इनका इस्तेमाल कर सकते हैं.

1)  बालों पर अच्छे हेयर प्रोडक्ट्स का प्रयोग करें.

2)  बालों में आयरनिंग और पमिंग करने से बचें.

3)  बालों की सप्ताह में एक बार तेल से मसाज अवश्य करें.

4)  कोई भी हेयर कलर लगाने से पूर्व उसकी पूरी जानकारी ले लें. आंख मूंदकर प्रयोग में न लाएं.

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सप्ताह की खास मुलाकात – श्री.मयंक गांधी (सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी, आमआदमी पार्टी)

महाराष्ट्र सरकार के मंत्री इतने निर्लज्ज हो गए हैं कि इन्होंने भ्रष्टाचार में कोई कमी नहीं छोड़ी है

मयंक गांधी ने अपने सामाजिक कार्य की शुरूआत अण्णा हजारे के आंदोलन से की. इन्होंने पूरे देश में भ्रष्टाचार के विरोध में अण्णा जी का साथ दिया परंतु जब सत्ताधारी पक्ष इनके आंदोलन की दखल नहीं ले रहा था तब इन्होंने अरविंद केजरीवाल के 'आम आदमी पार्टी' का साथ दिया. 26 नवंबर 2012 को स्थापित हुई'आम आदमी पार्टी' में तब से काम कर रहे हैं. मयंक गांधी आज मुंबई और महाराष्ट्र की राजनीति में 'आम आदमी पार्टी' को प्रमुख दावेदार पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं. इनके साथ हमारे सहा.संपादक चंदन पवार ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर बात की. उसके कुछ अंश. 

'आम आदमी पार्टी' में आने के बाद आज आप कैसा महसूस कर रहे हैं?

जब 'आम आदमी पार्टी' की शुरूआत हुई तब यह उम्मीद नहीं थी कि इतना अच्छा समर्थन मिलेगा लेकिन यह ठान लिया था कि सच्चाई की लड़ाई लड़नी है. इतने लोगों का समर्थन मिलना हमारी शूरआत को वाजिब ठहराती है. इस देश की जनता को ऐसी सोच आगे लानेवाला कोई चाहिए था इसलिए लोगों ने हमारा इतना बड़े पैमाने पर समर्थन किया.

विनोदकुमार बिन्नी को आपने बाहर का रास्ता दिखाया क्या उनको अरविंद केजरीवाल ने समझाने का प्रयास किया?

बिन्नी का अपना स्वभाव है, उन्हें सत्ता की इच्छा थी. इसके पहले भी जब उन्हें मिनिस्टर बनाया गया तब भी उन्हें दिक्कत आई थी और अरविंद जी ने उन्हें समझाया था. इस बार भी उन्हें लगा कि जब उनका नाम नहीं आएगा तो उन्होंने यह सब बवाल किया. वो इतना महत्वकांक्षी इंसान है कि वह देश का नहीं सोच रहे और ना पार्टी का. वह सिर्फ अपने बारे में सोच रहे हैं और कल को वह बड़ी समस्या ना उत्पन्न कर दें इसलिए मुझे लगता है कि जो हुआ वह अच्छा हुआ.

बिन्नी को पार्टी से निकालने से पहले आप ने जनता से कोई राय क्यों नहीं ली?

यह किसने कहा है कि हम हर चीज  केलिए जनता से राय लेंगे. हम जनता के पास राय लेने के लिए सिर्फ एक बार ही गए थे कि सरकार कांग्रेस के समर्थन में बनानी चाहिए या नहीं? यह बड़ा मुद्दा है, देश का मुद्दा है. बिन्नी के बारे में जनता से पूछने की कोई जरूरत नहीं है.

'आम आदमी पार्टी' आज कई आरोपोंसे घिर रही है, क्या आप पार्टी के नेता भविष्य में पार्टी को मजबूत स्थान दे पाऐंगे?

35 साल से कांग्रेस गरीबी हटाओ की बात कर रही है, 22 साल से राम जन्म भूमि बनाने की बात कर रहे हैं, उस पर कोई सवाल नहीं करता है और एक महीने पहले आई सरकार से ऐसी उम्मीद? हमने सिर्फ एक महीने के अंदर 18 में से 10 वादे पूरे कर दिए हैं

आपलोकसभा चुनाव कहां से लड़ना चाहते हैं?

हमारे यहां एक सिस्टम है उसके अनुसार ही उम्मीदवार चुने जाते हैं. मैंने और बहुत सारे लोगों ने उत्तर-पश्चिम मतदार संघ में अपनी उम्मीदवारी दी है. अब कमिटी तय करेगी कि मैं कहां से उम्मीदवार बनूंगा या नहीं.

 

'आम आदमी पार्टी' महिलाओं का पक्ष मजबूती से रखती हैं परंतु सोमनाथ भारती के केस में आपका कोई स्टेटमेंट नहीं आया? और ना ही पार्टी की तरफ से कोई जांच करवाई गई?

'आम आदमी पार्टी' ने सोमनाथ भारती को पब्लिकली कहा कि उनकी भाषा बहुत गलत है. लेकिन अगर आप ने वह रॉव फुटेज देखी हो जिसमें सोमनाथ भारती एक विधायक के रूप में उस एरिया में गए हैं और कार्यवाई की है उसमें वह कहीं भी गलत नहीं हैं. रॉ फुटेज देखने से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है.

अगर समाजसेविका श्रीमती मेधा पाटकर आम आदमी पार्टी में प्रवेश  करती है और आम आदमी पार्टी महाराष्ट्र में बहुमत से आती है तो क्या आप मेधा पाटकर को महाराष्ट्र की पहली महिला मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहेंगे ?

उन्होंने पार्टी को सपोर्ट किया है उसका हम स्वागत करते हैं. वह सांसद का चुनाव मध्य प्रदेश से लड़ना चाहती है, इसलिए विधानसभा का चुनाव वह नहीं लड़ना चाहती. तो महाराष्ट्र की मुख्यमंत्री बनने का कोई सवाल ही नहीं आता है.

आदर्शघोटाले में फंसे राजनेताओं को भ्रष्टाचार के आरोपों से बाहर किया जा रहा है. क्या आप मानते हैं महाराष्ट्र सरकार लोगों को गुमराह कर रही है?

मुझे लगता है कि सरकार के मंत्री इतने निर्लज्ज हो गए हैं और सभी पार्टियां मिलकर इतना भ्रष्टाचार कर रही हैं कि हमें लगता है कि लोगों के बीच में जाकर ही इन्हें सबक सिखाना पड़ेगा.

महाराष्ट्रसरकारने 67 सालकेइतिहासमेंपहलीबारएकहीदिनमेंलोगोंकेहितमें 13 फैसलेकिएहैं, क्या यह 'आप' का डर है?

'आम आदमी पार्टी' लोगों के दिल में जगह बना चुकी है और जो भ्रष्टाचारी हैं उन्हें डर लग रहा है. इसलिए आजकल ऐसे फैसले लिए जा रहे हैं, कोई सिक्योरिटी कम कर रहा है, कोई बिजली कम करने की बात कर रहा है, यह सब  'आम आदमी पार्टी' की नकल हो रही है. लेकिन हम कह रहे हैं कि नकल में भी अकल होनी चाहिए. जैसे संजय निरूपम कह रहे हैं कि 20% बिजली बिल कम करनी चाहिए, लेकिन इन्होंने ना कोई रिसर्च किया ना होमवर्क. इनकी ऐसी बातों पर बहुत शर्म आती है. तो यह डरे और बौखलाए हुए हैं. इस मुद्दे को लेकर संजय निरूपम पर लोग हंस रहे हैं. कोई उनकी रिस्पेक्ट नहीं करता. उन्होंने अपनी पोजिशन ही ऐसी बना ली है.

आमआदमीपार्टीमहाराष्ट्रमें कितनी लोकसभा और विधानसभा की जगह पर अपने उम्मीदवार खड़ा करनेवाली हैं?

लोकसभा का तो मैं कह सकता हूं, विधानसभा अभी काफी दूर है. लोकसभा में हम कोशिश करेंगे कि सारी जगह अपने उम्मीदवार खड़े करें. अच्छा उम्मीदवार है तो हम जरूर खड़ा करेंगे.

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में जो आंदोलन किया जिससे जनता नाराज हो गई है, क्या हमेशा आंदोलन का रास्ता अपनाना सही है?

जहां पर नाइंसाफी हो रही है वहां पर आप जाकर बात कर सकते हैं और अरविंद केजरीवाल ने भी गृहमंत्री को समझाया. उन्होंने कहा कि हमें अधिकार दीजिए हम बिना पुलिस सरकार चला नहीं पाएंगे, 10 साल से शीला दीक्षित भी यही कह रही थी और सुना नहीं जा रहा था तो कोई मार्ग नहीं बचता है. अहिंसक आंदोलन करना हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है तो हम करेंगे. कोई भी आंदोलन होता है उसमें थोड़ी बहुत परेशानी होती है लेकिन फायदा बहुत बड़ा होता है.

दिल्लीमेंमहिलाओंकीसुरक्षाकेलिएकमांडोफोर्सबनानेकीबातअरविंदकेजरीवालनेकीथीउसकाक्याहुआ?

वहां सिटीजन कमांडो बनाई है और जोर शोर से काम चल रहा है. अभी तो एक ही तो महीना हुआ है. सारे काम एक महीने के अंदर नहीं हो सकते. इसमें जन लोकपाल का भी मुद्दा है उसमें राष्ट्रपति की सहमति चाहिए थी और कुछ टेक्निकल मुद्दे आ गए जिसकी वजह से इसमें थोड़ा समय लग गया.

महाराष्ट्रमेंआजभ्रष्टाचार, कुपोषण, बेरोजगारी और किसानों से जुड़ी कई बड़ी समस्याएं हैं, क्या आम आदमी पार्टी इन मुद्दों को उठाएगी?

बिल्कुल. हम भ्रष्टाचार, कुपोषण, बेरोजगारी और किसानों से जुड़े सभी समस्याओं को बड़े पैमाने पर उठाएंगे. शिक्षा और आवास का मामला भी है जिसपर हम काम करेंगे. इसके साथ ही पानी और बिजली का भी मुद्दा सबसे बड़ा है.

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कन्या राशि के लिए कैसा रहेगा नया साल

आने वाला नया साल आपके लिए और आपके परिवार के लिए कैसा होगा यह जानने की उत्सुकता प्रत्येक व्यक्ति को होती है।चन्द्र राशि के आधार पर आपको यह बताने की कोशिश कर रहा है कि आने वाला साल आपके लिए कैसा होगा। आमतौर पर राशि की गणना सूर्य और चन्द्र राशि के आधार पर होती है लेकिन भारतीय पराशर ज्योतिष में चन्द्र राशि को ही मान्यता है और जातक का नाम भी चन्द्र राशि के आधार पर ही तय होता है। यदि आपका नाम टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो से शुरू होता है तो आपकी चन्द्र राशि कन्या है। कन्या राशि के लिए आने वाला साल कुछ ऐसा रहेगा।

जनवरी
शनि साढ़सति का प्रभाव तथा मंगल का संचार होने से बनते कामों में विध्न बाधांए उत्पन्न होंगी। 8 जनवरी से बुध भी पंचम भाग में होने से सोची हुई योजनाओं में रूकावटें एवं विलम्ब पैदा होंगे। ग्रह कलह के कारणमानसिक तनाव एवं उलझनें बढ़ेंगी।

फरवरी
18 फरवरी तक बुध षष्ठस्थ संचार करने से अत्यधिक संघर्ष के बावजूद धन लाभ अल्प रहेंगे।अधिकांश समय व्यर्थ के कामों में व्यतीत होगा। उदर विकार एवं आंखों में कष्ट का भय है। 18 फरवरी से व्रकी पुन पंचमस्थ होने से धन लाभ के अवसर, सोची हुई योजनाओं में कुछ प्रगति और शुभ कार्यों में खर्च होगा।

मार्च 
मासारम्भ में व्यवसाय की स्थिती मध्यम रहेगी। वृथा भागदौड़, आय कम और खर्च अधिक एवं परिवार में कुछ निजी समस्याओं का सामना रहेगा। 12 मार्च से राशि स्वामी बुध छठे भाव में संचार करने से स्वास्थ्य ढीला, पेट विकार एवं गुप्त चिंता बनी रहेगी। सांझेदारी के कार्यों में परेशानी होगी।

अप्रैल
4 अप्रैल से बुध सप्तम भाव में (नीचराशि) संचार करने से पारिवारिक परेशानी, घरेलू उलझनें वृथा भागदौड़ मानसिक तनाव एवं धन का खर्च अधिक होगा। शनि की साढ़सती के कारण मन अशांत एवं उचाट रहेगा। 20 अप्रैल से बुध अष्टम में संचार करने से शुभ कार्यों में विघ्न एवं व्यस्तताओं के बावजूद संतान के विशेष सहयोग से आय के साधन बनेंगे।

मई
विशेष परिश्रम एवं भागदौड़ से किसी विशेष कार्य में सफलता मिलेगी। अधिक व्यय से मानसिक तनाव होगा। शनि साढ़सति के प्रभाव स्वरूप पारिवारिक एवं आर्थिक स्थिति अनिश्चित रहेगी। व्यवसायिक क्षेत्र में उथल पुथल के हालात बनेंगे।

जून
राशि पर मंगल का संचार शनि साढ़सति होने से आय कम व खर्च अधिक होगा। स्वभाव में तेजी एवं उत्तेजना से बनते कामों में विध्न उत्पन्न होंगे। घरेलू उलझनों के कारण मन गुप्त परेशानियों से संतप्त रहेगा।

जुलाई
बुध दशम स्थान में है। कार्य व्यवसाय संबंधि नवीन योजना बनेगी। कुछ बिगड़े काम बनेंगे। उच्च प्रतिषिठत लोगों के साथ सम्पर्क बनेंगे। घर परिवार में मंगल कार्य का आयोजन होने के संकेत हैं। 29 जुलाई से बुध लाभ स्थान एवं कर्क राशि में होगा। मान सम्मान में वृद्धि एवं धन लाभ के चांस बनेंगे परंतु खर्च भी बढ़ेंगे।

अगस्त
शनि की साढ़सति के कारण बनते कामों में विघ्न बाधाएं उत्पन्न होंगी। व्यवसाय में संघर्ष एवं कठिन हालात के बावजूद निर्वाह योग्य आमदन के साधन बनते रहेंगे। उत्तराद्ध भाग में भूमि जायदाद संबंधी सुख साधनों पर खर्च अधिक होगा और स्वास्थ्य ढिला रहेगा। शिव उपासना करना कल्याणकारी होगा।

सितम्बर
राशि स्वामी बुध उच्च स्थिति में संचार करने से मान प्रतिष्ठा में वृद्धि एवं नौकरी में पदोउन्नति के योग हैं। धन प्राप्त करने के मार्ग प्रशस्त होंगे। 16 अगस्त से सूर्य का संचार होने से क्रोध की अधिकता, वृथा यात्राएं, परिवार में मन मुटाव एवं सिरदर्द आदि से परेशानी होगी।

अक्तूबर
राशिस्वामी बुध 4 से 25 अक्तूबर के मध्य वक्रिहोने से व्सवसाट में उलझनें एवं परिवारिक चिंता रहेगी। स्वभाव में तेजी वक्रोध की भावना अधिक रहेगी। उत्तराद्ध में धर्म कर्म के कामों में रूचि एवं शुभ कार्यों पर धन का घर्च अधिक होगा। श्री दुर्गा कवच का पाठ करना शुभ होगा।

नवम्बर
इस मास में मिश्रित प्रभाव होंगे। धन लाभ साधारण, परिश्रम व दौड़ धूप अधिक रहेगी। दाम्पत्य जीवन में सुखद माहौल के बावजूद आर्थिक समस्या के कारण परेशानी होगी। मासान्त में निकट बंधु द्वारा धोखे मिलने के योग हैं। सावधानी बरतें।  श्री दुर्गा सप्तशति का पाठ करना शुभ होगा।

दिसम्बर
पूर्वार्द्ध भाग में कुछ सोची योजनाओं में सफलता प्राप्ति केयोग हैं। धन लाभ एवं सवारी आदि सुख मिलेगा।  उत्तराद्ध में अचानक शरीर कष्ट शत्रु भय, वृथा भागदौड़ एवं धन का खर्च व्यर्थ के कामों पर होगा। श्री दुर्गा कवच का पाठ करना शुभ होगा।

तुलाराशि का पूरे साल का राशिफल अगले हफ्ते दिया जाएगा.

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हेल्थ टिप्स – थकान और बीमारी को न करें नजर अंदाज

अगर आप हमेशा थकी-थकी महसूस करती हैं तो इस थकावट को नजर अंदाज न करें बल्कि इसकी वजह जानें और इस थकान को दूर करने के उपाय निकालें. हो सकता है कि ऐसा शायद काम के अतिरिक्त बोझ के कारण होता हो, ऐसे में आपको अपनी जीवन शैली में कुछ परिवर्तन लाने होंगे. आराम करें, अपनी नींद में कुछ और घंटे जोड़ें, पौष्टिक भोजन करें, ताजा तरलों का सेवन करें और अस्वस्थकर चीजों के सेवन से दूर रहें

यदि आपको लगे कि आपकी ऊर्जा में बढ़ौतरी हुई है तो ऐसा सिर्फ आपकी जीवन शैली के कारण था. यदि ऐसा नहीं है तो इसे महज थकान मान कर छोड़ देने की बजाय आपको डाक्टरी सहायता की जरूरत है क्योंकि ऐसा किसी छुपी हुई बीमारी का संकेत हो सकता है. आइए जानें ऐसी ही कुछ बीमारियों, उनके लक्षणों तथा उपचार के बारे में-
1) रियूमेटॉयड आर्थराइटिस: यह तब होता है जब हमारी रोग प्रतिरोधक प्रणाली खुद पर ही हमला करती है और यहां तक कि हमारे स्वस्थ जोड़ों के ऊतक प्रभावित होते हैं जिसके परिणामस्वरूप हड्डियों तथा कार्टीलेज को नुक्सान पहुंचता है.

लक्षण: रियूमेटोलॉजिस्ट्सजो लक्षण देखते हैं उनमें सुबह के समय जोड़ों में या उनके आसपास कठोरता, ऊतकों में सूजन, त्वचा के नीचे ऊतकों की गांठें तथा हड्डियों का क्षरण आदि शामिल हैं.

उपचार: रियूमेटॉयड फैक्टर की मौजूदगी का टेस्ट काफी सहायक हो सकता है. रियूमेटॉयड फैक्टर हमारे रक्त में पाया जानेवाला एक एंटीबॉडी है. इस रोग का उपचार पूरी तरह दर्द को कम करने तथा जोड़ों की कार्य प्रणाली को बढ़ाने में ही मौजूद है.

2) एनीमिया: एनीमिया के परिणामस्वरूप थकान होती है क्योंकि इसमें लाल रक्त को शिकाओं की कमी होती है जो हमारे फेफड़ों से ऑक्सीजन को ऊतकों तथा कोशिकाओं तक पहुंचाते हैं. डॉक्टरों के अनुसार जो महिलाएं गर्भवती होने की उम्र में हैं उनमें इसका खतरा अधिक रहता है क्योंकि उनके शरीर को गर्भावस्था तथा स्तनपान के दौरान अतिरिक्त आयरन की जरूरत होती है.

लक्षण: इस रोग के अन्य लक्षणों में कमजोरी तथा सांस में तेजी आदि शामिल है.

उपचार: एनीमिया के वृहद मूल्यांकन में शारीरिक जांच तथा ब्लड टैस्ट शामिल है जिसमें आपका पूरा ब्लड काऊंट किया जाता है. आयरन से भरपूर खाद्यों जैसे सेब, केले, अलूचे, पालक तथा मेवों का सेवन करें.

3) थाइरायड मैलफंक्शन: यह एंडोक्राइन से संबंधित व्याधि है जो तब होती है जब आपकी चयापचय प्रणाली को नियंत्रित रखने में सहायक हार्मोन्स गलत राह पर चले जाते हैं और इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप थकान पैदा होती है. ऐसा हाइपोथाइरॉयडिकम में होता है. जब आपकी मांसपेशियां बहुत ज्यादा थक जाती हैं और जांघों में कमजोरी शुरू हो जाती है.

लक्षण: इस बीमारी के अन्य लक्षणों में वजन कम होना, ध्यान केंद्रण में कमी, माहवारी में बहुत कम रक्त आना तथा प्यास का बढ़ऩा शामिल है.

उपचार: इसके लिए एक सामान्य ब्लड टैस्ट जरूरी है. यदि आपको थाइरॉयड मैलफंक्शन है तो आपको जीवन भर दवाई लेने की सलाह दी जाएगी. नियमित तौर पर कसरत तथा संतुलित भोजन जिसमें आयोडाइज्ड नमक शामिल हो इस बीमारी में निश्चित तौर पर लाभ पहुंचाएगा. हाई ब्लड प्रैशर वाले लोगों को अपने भोजन में नमक के सेवन के प्रति चौकन्ने रहना चाहिए.

4) डायबिटीज: डायबिटीज से पीड़ित लोगों में थकान उनकी प्रणाली में ब्लड शूगर के असंतुलन के कारण होती है. डायबिटीज में इंसुलिन का घटिया निर्माण होता है और परिणामस्वरूप ग्लूकोज को कोशिकाओं द्वारा सही ढंग से इस्तेमाल नहीं किया जाता.

लक्षण: इसके अन्य लक्षणों में अत्यधिक प्यास, वजन कम होना, धुंधली दृष्टि तथा भूख शामिल है.

उपचार: आवश्यक तौर पर डायबिटीज के लिए दो तरह के टेस्ट होते हैं. पहला फासिंटग प्लाजमा ग्लूकोज टेस्ट तथा दूसरा ओरल ग्लूकोज टोलरैंस टेस्ट. नियमित तौर पर दवाई लेने के अतिरिक्त डायबिटीज से पीड़ित व्यक्ति के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह नियमित कसरत, तनाव को कम रखने, सही मात्रा में तरलों का सेवन करने, आदर्श वजन बनाए रखने तथा संतुलित पोषण को यकीनी बनाए.

5) डिप्रेशन: हमेशा तनाव में रहने से आपकी नींद की प्रक्रिया, भोजन की खपत और सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है. उपचार से पहले अपने तनाव के कारण को जान लेना बहुत महत्वपूर्ण है.

लक्षण: डिप्रेशन के अन्य लक्षणों में कम होती ऊर्जा, निद्रा तथा खाने के तरीके में परिवर्तन, स्मृतिनाश, ध्यानकेंद्रण में कमी तथा निराशा शामिल हैं.

उपचार: डिप्रेशन की रोकथाम तथा उपचार के लिए जीवनशैली में परिवर्तन बहुत जरूरी हैं. नियमित कसरत, पर्याप्त नींद, सामाजिक सपोर्ट, तनाव को कम रखना और अच्छा पोषण इससे पीड़ित व्यक्ति के लिए बहुत जरूरी है. दवाइयों के अतिरिक्त साइकोथैरेपी(जब एक व्यक्ति अपनी जिंदगी के अंदर तथा उन कारकों पर नजर डालता है जो इस समस्या का कारण हैं), कोग्रीटिव थैरेपी तथा हिप्नोथैरेपी भी सहायक होते हैं.

6) विटामिनों की कमी: विटामिन डी या बी-12 के स्तरों में कमी होने से आप कमजोर भी हो सकते हैं. यदि ऊर्जावान महसूस करना हो तो आठ बी विटामिन्स का सेवन बहुत महत्वपूर्ण है. विटामिनों की कमी को जानने का एक ही तरीका है कि आप अपनी जांच करवाएं.

लक्षण: वजन बढऩा, शरीर में दर्द रहना, नींद में अनियमितता तथा रोग-प्रतिरोधक क्षमता में कमी.

उपचार: विटामिन की कमी के लिए अपनी जांच करवाएं. विटामिन बी से भरपूर खाद्यों का सेवन करें जैसे मेवे, अंडे, चिकन तथा पनीर. विटामिन डी के लिए सूर्य की रोशनी की अच्छी मात्रा और दूध का उचित मात्रा में सेवन तथा सालमन मछली का सेवन बहुत बढिय़ा रहता है.

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फोर्डने सस्ती की क्लासिक

नई दिल्ली : कार के चाहनेवालों के लिए खूशखबरी है. गौरतलब है कि फोर्ड इंडिया कंपनी ने ने कहा किक्लासिक सेडान कार अब दिल्ली शोरूम में शुरूआती कीमत 4.99 लाख रूपए में उपलब्ध होगी.

बता दें कि कंपनी ने एक बयान जारी कर कहा कि संपूर्ण फोर्ड क्लासिक की कीमत 4.99 लाख रूपए से 7.59 लाख रूपए की कीमत दायरे में उपलब्ध होगी. उन्होंने बताया कि फोर्ड क्लासिक 1600 सीसी के ड्यूराटेक पेट्रोल और 1400 सीसी के टीडीसीआई ड्यूराटोर्क डीजल इंजन के साथ उपलब्ध होगी.

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20 रुपए में बिक रहे हैं 'मोदी आयटम' और 10 में 'केजरीवाल आयटम' की धूम

भोपाल : मध्‍य प्रदेश के विदिशा जिले के निकासा में चल रहे रामलीला मेले में ‘नरेंद्र मोदी आयटम’ और ‘अरविंद केजरीवाल आयटम’ नाम से स्‍टॉल लगे हुए हैं, संजय प्रजापति के द्वारा दिए इस शानदार आइडिए ने मेले में अपनी अलग हीविशेषता बनाई है, और इस स्टॉल की काफी धूम मची हुई है.

हालांकि प्रजापति का किसी पार्टी से विशेष संबंध नहीं है, लेकिन उनका कहनाहै कि मेले में आए सबसे ज्‍यादा लोग ‘नरेंद्र मोदी आयटम’ स्‍टॉल में उमड़रहे हैं. प्रजापति के मुताबिक ‘नरेंद्र मोदी आयटम’ स्‍टॉल में बिकने वालेसामान की कीमत 20 रुपये रखी गई है जबकि ‘अरविंद केजरीवाल आयटम’ स्‍टॉल में बिकने वाले सामान की कीमत 10 रुपये निर्धारित की गई है. इन दोनों हीस्‍टॉलों से साबुन, तेल, पावडर आदि की बिक्री हो रही है.

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जानिए हस्ताक्षर ज्योतिष भाग- 8

किसी विशेष प्रकार की पेन का प्रयोग न करनेवाले

जो व्यक्ति कोई विशेष प्रकार की पेन प्रयोग नहीं करते, जो भी कलम मिली, सामने रखी है उसी का उपयोग करने लगते हैं, ऐसे व्यक्ति अपने क्षेत्र के अच्छे जानकार, उच्च महत्वकांक्षी, जल्दबाज तथा अपने काम के प्रति अधिक जागरूक न होते हुए भी अधिक जागरूक होने का अभिनय करते हैं. बड़ी-बड़ी योजनाएं बनानेवाले उस कार्य को पूरा करने के अंतिम समय में अपना विवेक खो बैठते हैं जिसकी वजह से बनते कामों में असफलता होती है और अपना दोष दूसरों के माथे पर लगानेवाले. घर परिवार से विचारों में तनाव बना रहता है. एक बात को पकड़ कर बैठ जानेवाले किंतु जीवन में 26 से पहले अपना जीवकोपार्जन करनेवाले पाए गए हैं. इनको जीवन में सफलता अचानक मिल जाती है. ये आशावादी होते हैं, अंतिम समय तक अपनी आस छोड़ते नहीं. स्वंय के निर्णय की अपेक्षा दूसरों का निर्णय अधिक लाभकारी होगा. पिता के धन, जमीन, जायदाद की तरफ से सामान्य लाभ किंतु अपने बल से अच्छा मकान, अच्छी गाड़ी और अच्छा पद अर्जित करते हैं. भाई-बहनों को मदद करनेवाले. उनकी तरफ से सहयोग कम मिलता है. शिक्षा व संतान में एक दो बाधाएं अवश्य(अपवाद), खाने, कपड़ों के प्रति विशेष शौक रखनेवाले. इस कारण कभी-कभी लोग इनको दिखावा वाला व्यक्ति समझ लेते हैं. ऐसा व्यक्ति लोगों में लोकप्रिय होता है तथा इनमें नेतृत्व की क्षमता होती है. यह दूसरों के लिए न करें तो अधिक सफलता व नाम मिलता है. इनको रोजगार, रक्त, सांस, चर्म, जोड़ों, ऑपरेशन आदि की तरफ से कुछ न कुछ बाधाओं का सामना करना पड़ता है. पत्नी की तरफ से सामान्य चिंता.

27-35 का समय लाभ परिवर्तन वाला. 36-38 का समय उतार-चढ़ाव वाला, मानसिक, पारिवारिक. 40 से तनाव का समय जो 51 तक चलता है. लेकिन धन, मान-प्रतिष्ठा बनी रहती है. जीवन में झूठे मुकदमें, विवाद बने रहते हैं. 55 से 58 के समय में शासन से कष्ट. अपनी जन्म-भूमि से दूर रहनेवाले. मुकदमे व साझे के कामों म बाधा के बाद सफलताएं मिलती है. विदेश का योग भी जीवन में बनता है. पिता का सुख कम बनता है और सहयोग भी. जो भी अर्जित करते हैं स्वंय अपने बल से ही. धन जीवन में अचानक आता भी है और जाता भी है. किंतु पैसे की कमी जीवन में नहीं होती है. जवानी में काफी उतार-चढ़ाव बना रहता है. बुढ़ापा संतोषजनक आराम का. 70 के आस-पास आयु.

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शिवसेना अगले चुनाव में राखी सावंत को अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री कैंडीडेट बनाए – आप

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : बॉलीवुड की बिंदास गर्ल राखी सावंत को अरविंद केजरीवाल से बेहतर बतानेवाले शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे पर आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय सिंहने पलटावर करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे को सचमुच ऐसा लगता है तो उन्हेंअगले चुनाव में राखी सावंत को अपनी पार्टी का मुख्यमंत्री प्रत्याशी घोषितकर देना चाहिए.

गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखे संपादकीयमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का मजाक बनाते हुए आइटम गर्लराखी सावंत को उनसे हर मामले में बेहतर बताया था. वहीं राखी ने भी टीवी चैनलों पर उद्धव ठाकरे के इस दावे का समर्थन करते हुए केजरीवाल को मुकाबलेकी चुनौती दी थी.

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रात में स्मार्टफोन इस्तेमाल करनेवालों को पड़ सकता है सुबह पछताना

नई दिल्ली : स्मार्टफोन का रात के समय इस्तेमाल करनेवालों के लिए बुरी खबर है. शिंगटन यूनिवर्सिटी में हुई एक स्टडी के मुताबिक, अगर आप रात को स्मार्टफोन पर लगे रहते है, तो आप खुद चिड़चिड़े और थके हुए महसूस करते हैं और इसका असर आपकी सुबह पर भी पड़ता है.

इस रिसर्च के मुताबिक, स्मार्टफोन जहां एक तरफ लोगों को चुस्त दुरुस्त रखने में मददगार होते हैं, वही इनका उपयोग करने के लिए सही समय का चुनाव करना भी आवश्यक है. नहीं तो अगली सुबह आप खुद में चिड़चिड़ापन और थकान महसूस कर सकते हैं. इतना ही नही स्टडी के मुताबिक, देर रात तक स्मार्टफोन का इस्तेमाल करने से आपकी नींद की गुणवत्ता पर भी इसका असर पड़ता है. इससे लोगों की कार्यक्षमता और ध्यान में कमी आती है, जिसका उनकी जॉब परफॉर्मेंस पर भी बुरा असर पड़ता है.

रिसर्च में यह सलाह दी गई कि दिन के किसी एक समय आप खुद को स्मार्टफोन से दूर रखे और इस दौरान फोन चेक न करें. ऐसा करने से आपकी कार्यक्षमता बेहतर होगी और यह एक शॉर्ट ब्रेक की तरह होगा.

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येल पर्यावरण प्रदर्शन सूची में भारत 155 वें पायदान पर

वाशिंगटन : कई क्षेत्रों में सुधार करने के बावजूद भारत विश्व की उभरती अर्थव्यवस्थाओं(जिनमें चीन भी शामिल है) में पर्यावरण की चुनौतियों से निपटने में काफीपीछे रह गया. येल विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं के अध्ययन के अनुसार भारत में वायु की गुणवत्ता नाटकीय रूप से घटी है.

गौरतलब है कि येल विश्वविद्यालय द्वारा जारी पर्यावरण प्रदर्शन सूची-2014 (ईपीआई-2014) में भारत 178 देशों में 155वें स्थान पर है, जबकि चीन 118वें, ब्राजील 77वें, रूस 73वें और दक्षिण अफ्रीका 72वें स्थान पर रहा. कनक्टिकट स्थित न्यू हेवन संस्थान ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा किभारत ईपीआई-2014 में शामिल लगभग सभी नीतियों के मामले में सबसे खराबप्रदर्शन करनेवाला देश है. हालांकि वन, मत्स्यपालन और जल संसाधन केक्षेत्र में भारत का प्रदर्शन ठीक-ठाक रहा लेकिन पर्यावरणीय क्षति के चलतेमानव स्वास्थ्य के संरक्षण में भारत की प्रगति विशेष रूप से खराब रही.

प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि, 'विशेष तौर पर भारत में वायु की गुणवत्ताविश्व में सबसे खराब पाई गई. औसत वायु प्रदूषण के संपर्क में आनेवाली औसत आबादी के हिसाब से चीन में भी यह अनुपात स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित सीमा को पार कर गई.' रिपोर्ट के मुख्य लेखक एवं येल पर्यावरणीय कानून एवं नीति केंद्र के एंजेलसू के अनुसार भारत हालांकि चीन, ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका के साथ-साथ विश्व का उभरता हुआ बाजार बन रहा है, लेकिन पर्यावरण के मामले में भारतअन्य विकासशील देशों से पीछे रह गया. उन्होंने कहा कि, 'विश्व की दूसरी सबसे बड़ी आबादी के साथ अत्यंत कमप्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद का मतलब है कि भारत में पर्यावरण सेसंबंधित चुनौतियां अन्य उभरती अर्थव्यस्थाओं की अपेक्षी कहीं अधिक भयावह हैं.'

उल्लेखनीय है कि ईपीआई-2014 में स्विटजरलैंड ने शीर्ष स्थान हासिल किया, जबकिलक्जमबर्ग, आस्ट्रेलिया, सिंगापुर और चेक गणराज्य शीर्ष पांच देशों में शामिल हैं.

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फ्रांस के राष्ट्र पति ने छोड़ा पत्नी का साथ और थामा प्रेमिका का हाथ

पेरिस : फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांसवा होलांदे ने अपनी वैवाहिक जीवन को खत्म कर दिया है. उन्होंने अपनी जीवनसाथी वलेरी ट्रीअरवेलर से अपने सारे नाते तोड़लिए है. होलांदे ने इस बात का ऐलान वेलरी के भारत दौरे कीपूर्वसंध्‍या पर किया. वलेरी चैरिटी से जुड़े काम के सिलसिले में भारत दौरे पर हैं. होलांदे एक्‍ट्रेस जूली के साथ घर बसाने जा रहे हैं. हालांकि, इस बारे में पूछे जा रहे सवाल पर वो अपनी प्राइवेसी का हवाला दे रहे हैं.

बता दें कि गत शनिवार को होलांदे ने वलेरी के साथ अपने सात साल के रिश्‍ते के खत्‍म होनेकी घोषणा की. इससे कुछ देर पहले ही एक मैगजीन ने जूली के साथ होलांदे केअफेयर की खबर छापी थी. 41 वर्षीय जूलीगयेट फ्रांस की मशहूर अभिनेत्री और टीवी कलाकार हैं और वे 50 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुकी हैं. 48 वर्षीय पत्रकार वलेरी और होलांदे की शादी नहीं हुई थी, लेकिन वे 2006 सेही साथ रह रहे थे और वलेरी के होलांदे से दो बच्‍चे भी हैं. वलेरी दूसरे देशों के दौरे और आधिकारिक समारोहों में फ्रांस की ‘फर्स्‍ट लेडी’ की भूमिका निभा रही थीं. 59 वर्षीय होलांदे चार बच्चों के पिता हैं और उनका वलेरी से पहले भी एक महिला से संबंध रह चुका है.

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