| नरेंद्र मोदी अटल जी से भी अच्छे पीएम साबित होंगे – लालकृष्ण आडवाणी |
नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने कहा कि राजनीति में अब तक ऐसा कैंपेन कभी नहीं हुआ, जैसा नरेंद्र भाई के नेतृत्व में हो रहाहै. गांधीनगर में भाजपा के नए कार्यालय के उद्घाटन के मौके पर आडवाणी नेकहा कि देश में अब तक 14 प्रधानमंत्री हुए हैं लेकिन अटल जी उनमें सबसे बेहतर प्रधानमंत्री रहे हैं. हालां कि आडवाणी नेआगे कहा कि नरेंद्र मोदी अटल जी से भी अच्छे प्रधानमंत्री साबित होंगे. आडवाणीने दावा किया कि 2014 में भाजपा सरकार बनाएगी और ये कांग्रेस की वजह सेसंभव हो पाएगा. उल्लेखनीय है कि लालकृष्ण आडवाणी ही विधानसभा चुनावों से पहले मोदी को प्रधानमंत्री कैंडिडेट बनाने के विरोध में थे. | Read More » जनता का पैसा जनता तक नहीं पहुंचता – राहुल गांधी | सालेपुर : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने ओडिशा में व्याप्त गरीबी के लिए मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बीजू जनता दल(बीजद) सरकार को जिम्मेदार ठहराया. गौरतलब है कि राहुल ने भाटपाडा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि ओडिशा में प्राकृतिक संसाधनों की प्रचुरता है लेकिन यहां की जनता गरीब है. विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिए केन्द्र सरकार राज्य को करोड़ों रुपये देती है लेकिन वह धन ऐसे लोगों की जेबों में चला गया है, जिनके निहित स्वार्थ हैं. बता दें कि राहुल ने राज्य में खनन घोटाला, चिटफंड घोटाला, मनरेगा घोटाला और गरीबीरेखा से नीचे गुजर बसर करने वाले के लिए आवंटित चावल में घोटाले का उल्लेख करते हुए कहा कि हाल में रघुराजन समिति की रिपोर्ट में ओडिशा को गरीब राज्यकी श्रेणी में सबसे नीचे रखा है. उन्होंने कहा कि राज्य के 3500 किसानोंने आत्महत्या कर ली है. 10 लाख युवा बेरोजगार है और राज्य की एक तिहाई आबादी गरीबी रेखा से नीचे रह रही है.राज्य के 30 जिलों में से 22 मेंमाओवादी घटनाएं हो रही हैं तथा दलितों और महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं. उल्लेखनीय है कि राहुल ने जनता से आह्वान किया कि वे आगामी चुनाव में बीजद की सरकार को करारी शिकस्त दें जिससे ओडिशा में विकास केद्वार खुल सकें. | Read More » सेलिब्रेटी भी काम कर रहे हैं आम लोगों की तरह |
नई दिल्ली : लगता है आजकल लोगों की मदद करने का सिलसिला शुरू हुआ है. लेकिन इस क ममें सेलिब्रेटी भी बढ़चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं. बॉलीवुड जगत और क्रिकेट के सितारों को हाल ही में आम लोगों की तरह सड़कों पर काम करते हुए देखा गया. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही दिल्ली के एक विकलांग हज्जाम कुरबान अली की मददकरने के लिए बॉलीवुड स्टार सलमान खान ने उनकी दुकान पर पहुंचकर लोगों की हजामत बनाई. वहीं भारतीय क्रिकेट टीम के सितारे हरभजन सिंह को स्कूटर पर सवार होकर घर-घर जाकर बच्चों के खाने का सामान बेचते हुए देखा गया. दिल्ली के तिलक नगर में एक गरीब चायवाले को अपने पोते की पढ़ाई की लिए पैसों की जरूरत थी. बॉलीवुड और पंजाबी गायक मीका सिंह ने उनके छोटे सेटी-स्टाल पर जाकर चाय बनाई और बेची और उनकी मदद की. इसी तरह टूरिस्टों के लिए मशहूर मुंबई का ‘गेटवे ऑफ इंडिया’ पर निर्माता-निर्देशक करण जौहर ने यहां एक फोटोग्राफर बनकर कई लोगों की तस्वीरें खीचीं. उन्होंने टूरिस्ट के पीछे दौड़कर उन्हें फोटो खिंचवानेके लिए मनाने का मजा चखा. 'स्टूडेंट ऑफ द ईयर' से बॉलीवुड में अपने करियर की शुरूआत करने वाले वरुण धवन ने गमछा पहनकर मुंबई के क्राउफोर्ड मार्केट के कई ऑफिसों में लंच बॉक्स पहुंचाकर डब्बे वाले का काम किया. इस तरह से बॉलीवुड और क्रिकेट के सितारों ने इन लोगों की मदद की. | Read More » केजरीवाल ने की अण्णा हजारे से मुलाकात | नई दिल्ली : अरविंद केजरीवाल ने अण्णा हजारे से मुलाकात की. गौरतलब है कि गांधीवादी नेता हजारे ने दिल्ली के मुख्यमंत्री पर व्यंग्य करते हुए कहा था कि कुछ लोग बंगला नहीं लेने का वादा करते हैं लेकिन बंगला ले लेते हैं. लेकिन केजरीवाल ने हजारे से मुलाकात की और करीब 20 मिनट तक उनकी बैठक चली. गौरतलब है कि 'आप' के नेताओं ने इसे 'सद्भावना मुलाकात' बताया. गौरतलब है कि 'आप' के मीडिया प्रतिनिधि दीपक वाजपेयी ने कहा कि, 'केजरीवाल ने हजारेसे महाराष्ट्र सदन में मुलाकात की और बैठक करीब 20 मिनट तक चली.' आप नेताओं का कहना है कि हजारे-केजरीवाल के बीच बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन उन्होंने विस्तार से जानकारी देने से इंकार कर दिया. वहीं हजारे ने मुख्यमंत्री पर व्यंग्य करते और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए संवाददाताओं से कहा कि ममता मुख्यमंत्री बनने के बादभी चप्पल पहनती हैं लेकिन कुछ लोग बंगला नहीं लेने का वादा करने के बावजूद बंगला ले लेते हैं. हजारे ने यह भी कहा कि मार्च के अंत या अप्रैल के पहले हफ्तेसे वह देश भर में घूमकर अच्छे लोगों की खोज करेंगे. | Read More » सीबीआईकी डॉक्यूमेंटरी में सुनाई देगी अमिताभ की जादू भरी आवाज | नई दिल्ली : यूं तो हिंदी सिनेमा के महानायक अमिताब बच्चन के अभिनय और आवाजके सब दिवाने हैं. हालांकि अब अमिताभ बच्चन की बुलंद आवाज केंद्रीय जांचब्यूरो(सीबीआई) की उपलब्धियों का बखान करनेवाली एक डॉक्यूमेंटरी में सुनी जाएगी. बच्चन ने 50 साल पुरानी जांच एजेंसी की डॉक्यूमेंटरी को अपनी आवाजदी है. यह डॉक्यूमेंटरी सीबीआई की रजत जयंती समारोह का हिस्सा है. बता दें कि अभिनेता कबीर बेदी ने इस डॉक्यूमेंटरी के अंग्रेजी संस्करण को आवाज दी हैतो हिंदी संस्करण में बच्चन की आवाज सुनी जा सकेगी. बच्चन ने बीते शनिवारकी रात डॉक्यूमेंटरी के कुछ हिस्सों के लिए वायस ओवर दिया. यह डॉक्यूमेंटरी 21 मिनटों की है. उन्होंने ट्विटर पर कहा कि, 'सीबीआई पर डॉक्यूमेंटरी के लिए वायस ओवर किया. इस संस्था के पेशेवर रूख और तकनीकी दक्षता से अभिभूत हो गया.' सीबीआई प्रवक्ता कंचन प्रसाद के अनुसार यह फिल्म सीबीआई के कई अनजान पहलुओंका खुलासा करेगी और कई पूर्वाग्रहों एवं गलत धारणाओं को दूर करेगी. फिल्म में सीबीआई के अधिकारियों की ओर से किए गए पुलिस कार्य के मानवीय पहलू को भी दिखाया जाएगा. | Read More » अंतरिम रेल बजटपेश : मुंबई को कुछ नहीं मिला |
नई दिल्ली : रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खडग़े ने लोकसभा में अंतरिम रेल बजट पेश किया. वहीं संसद में तेलंगामा मुद्दे पर इतना हंगामा हुआ किरेल मंत्री खडग़े पूरा अंतरिम रेल बजट भी नहीं पढ़ सके. हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया. गौरतलब है कि ये इस साल का अंतरिम रेल बजट है जो सिर्फ चार महीनों के लिए होगा. रेल मंत्री ने की इन रेल बजट की घोषणाएं- - रेलवे विकास के लिए बहुत जरूरी, रोड मैप बनाना होगा - 64875 नई बोगियों को जोड़ा गया - 2207 किलोमीटर लाइनें बिछाई - बनिहाल सुरंग रेलवे के लिए बड़ी उपलब्धि - नई ट्रेनों को जारी करने के कई सुझाव, रेलवे में छठे वेतन आयोग को लागू किया गया - कटरा(वैष्णो देवी) के लिए जल्द ही पसेंजर ट्रेन ऑपरेशन शुरू किए जाएंगे - कश्मीर को बाकी भारत से जोडऩा एक बड़ी उपलब्धि - अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में जल्द ही रेलवे सेवाएं शुरू की जाएंगी - ऊधमपुर-कटरा रेल लाइन पर ट्रायल रन जारी - गाडिय़ों की सही स्थिति तथा उनके चालन का पता लगाने के लिए आनलाइन ट्रैकिंग की व्यवस्था होगी - चुनिंदा मार्गो पर 160से 200 किलोमीटर प्रति घंट की रफ्तार के लिए कम लागत वाले विकल्पों की खोज की जा रही है - गाडिय़ों की सही स्थिति तथा उनके चालन का पता लगाने के लिए आनलाइन ट्रैकिंग की व्यवस्था होगी - दूध की ढुलाई बढ़ाने के लिए पार्सल संबंधी नयी नीति और पार्सल कारोबार के लिए 'हब एंड स्पोक' की नयी अवधारणा - इस वित्त वर्ष में मेघालय राज्य और अरूणाचल प्रदेश की राजधानी रेलवे मानचित्र में शामिल होगी - असम में सामरिक महत्व के 510 किलोमीटर लम्बे रंगिया-मुरकोंगसेलेक लाइन का आमान परिवर्तन इस वर्ष में पूरा किया जायेगा बता दें कि रेल मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि आय में गिरावट के बावजूद यह एक विकासोन्मुखी बजट होगा. अप्रैल-दिसंबर, 2013 के दौरान भाड़ा और यात्री किराए से आय में गिरावट आई है. इस दौरान, जहां माल ढुलाई भाड़े से आय करीब 850 करोड़ रुपये कम रही, यात्री किराए से आय में करीब 4,000 करोड़ रुपये कीगिरावट आई. लगभग 20 रूट पर 60 से 70 प्रीमियम ट्रेनों का ऐलान हो सकता है. ये ट्रेन अभी सिर्फ मुंबई-दिल्ली रूट पर चलती हैं और 37 फीसदी मुनाफा कमा चुकी हैं. रेलवे की योजना इन ट्रेनों से होने वाले मुनाफे को सब्सिड़ी में डालकर आम आदमी को फायदा पहुंचाने की है. साथ ही रेलवे के लिए ट्रेनों में लगातार बढ़ रही आग लगने की घटनाओं पर काबूपाना सबसे बड़ी चुनौती है. संभव है कि ऐसे में प्रमुख ट्रेनों मेंअग्निरोधक उपायों की घोषणा भी की जाए लेकिन आम आदमी की नजरें इस बात परहोंगी कि क्या रेल किराए में बढ़ोतरी होगी या नहीं क्योंकि आम आदमी को तोयही चाहिए कि कि रेल किराए पर क्या फैसला होगा लेकिन इस पर अभी कोई सवाल नहीं उठा है. वहीं दूसरी तरफ मंगलवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी नेरेल बजट पेश होने से पहले नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर कुलियों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं और उनसे काफी देर बातचीत की. कुलियों ने राहुल गांधी से कुलियों के रेट बढ़ाने की भी मांग की. वहीं 17 प्रीमियम, 39 एक्सप्रेस और 30 पैसेंजर नई गाडिय़ों की घोषणा रेल मंत्री मल्लिकार्जुन खडग़े ने लोकसभा में पेश अंतरिम रेल बजट में 17 प्रीमियम, 39 एक्सप्रेस और 30 पैसेंजर नई गाडिय़ों की घोषणा की. नई प्रीमियम गाडिय़ा इस प्रकार हैं : 1 हावड़ा पुणे एसी एक्सप्रेस(सप्ताह में दो दिन) बरास्ता नागपुर, मनमाड 2 कामाख्या नयी दिल्ली एसी एक्सप्रेस(सप्ताहिक) बरास्ता छपड़ा वाराणसी 3 कामाख्या चेन्नई एसी एक्सप्रेस(सप्ताहिक) बरास्ता मालदा हावड़ा 4 मुम्बई हावड़ा एसी एक्सप्रेस(सप्ताह में दो दिन) बरास्ता नागपुर, रायपुर 5 मुम्बई पटना एसी एक्सप्रेस(सप्ताह में दो दिन) बरास्ता खंडवा, इटारसी माणिकपुर 6 निजामुद्दीन मडगांव एसी एक्सप्रेस(सप्ताह में दो दिन) बरास्ता कोटा, वसईरोड 7 सियालदह जोधपुर एसी एक्सप्रेस(सप्ताह में दो दिन) बरास्ता मुगलसराय 8 यशवंतपुर जयपुर एसी एक्सप्रेस(सप्ताहिक) बरास्ता गुलबर्गा पुणे वसाईरोड 9 अहमदाबाद दिल्ली सराय रोहिल्ला एक्सप्रेस(सप्ताह में तीन दिन) बरास्ता, पालनपुर, अजमेर, रेवाड़ी 10 बांद्रा अमृतसर एक्सप्रेस(साप्ताहिक) बरास्ता कोटा, नयी दिल्ली, अंबाला 11 बांद्रा टर्मिनस- कटरा एक्सप्रेस(सप्ताहिक) बरास्ता कोटा, नयी दिल्ली, अंबाला 12 गोरखपुर नई दिल्ली एक्सप्रेस(सप्ताह में दो दिन) बरास्ता लखनउ, मुरादाबाद 13 कटरा हावड़ा एक्सप्रेस(साप्ताहिक) बरास्ता मुगलसराय, सहारनपुर 14 मुम्बई-गोरखपुर एक्सप्रेस(सप्ताह में दो दिन) बरास्ता खंडवा, झांसी, कानपुर 15 पटना बेंगलूर एक्सप्रेस(सप्ताहिक) बरास्ता मुगलसरास, छिवकी, माणिकपुर, नागपुर 16 यशवंतपुर कटरा एक्सप्रेस(सप्ताहिक) बरास्ता गुलबर्गा, काचेगुडा, नागपुर, नयी दिल्ली 17 तिरूवनंतपुरम बेंगलूर(यशवंतपुर) एक्सप्रेस(सप्ताह में दो दिन) बरास्ता इरोड, तिरूपप्तूर | Read More » बिन मेकअप ऐसी दिखती है ये बॉलीवुड हसीनाएं |
मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड अभिनेत्रियों की खूबसूरती के सब दीवाने हैं.पर इस खूबसूरती के पीछे बहुत बड़ा हाथ होता है मेकअप का. अगर मेकअप ना हो तो ये एक्ट्रेस कुछ ऐसी दिखाई देती हैं, जिससे आपको पहचानने में भी मुश्किल हो. आइएनजर डालते हैं इन हसीनाओं पर जो बिना मेकअप दिखीं. गौरतलब है अनुष्का शर्मा, आलिया भट्ट ऑन स्क्रीन मेकअप में तो वे बहुत हसीन नजर आतीहैं लेकिन हकीकत में वह कुछ यूं नजर आई. जैक्लीन फर्नांडिस,कल्कि कोचलिन, काजोल और करीना कपूर पर भी एक नजरडालें ये हसीनाएं बिना मेकअप कुछ ऐसी दिखाई देती हैं. इन दिनों बॉलीवुड में दीपिका पादुकोण सबसे ज्यादा लाइम लाइट में हैं. हुमाकुरैशी जो कि डेढ़ इश्किया में माधुरी दीक्षित के साथ ताल में ताल मिलातीनजर आईं. कंगना रनोट को शायद ही आपने इस रूप में देखा होगा. वह भी बिन मेकअप दिखती हैं कुछ ऐसी. | Read More » जुन्याच पापा़ची फ़ळे – भाऊ तोर्सेकर |
देशाच्या सार्वभौमत्वाचे प्रतिक असलेल्या संसदेमध्ये गुरूवारी घडलेल्या घटनेने देशाची जगात अब्रु गेलीच. पण कॉग्रेस हा एक विचार आहे अशा गर्जना करणार्या राहुल गांधींनाही त्यांनी नामोहरम करून टाकले आहे. दहा वर्षापुर्वी भाजपा कडून सत्ता हस्तगत करण्यासाठी सोनिया गांधींनी ज्या तडजोडी केल्या होत्या, त्याचेच हे दुष्परिणाम आहेत. तेव्हा त्यांनी मायावती, पासवान व शरद पवार यांच्या दारी जाण्यापर्यंत पडती भूमिका घेतली होती. त्यातून मित्र पक्ष जोडत निवडणूक पूर्वयुती व आघाड्या केल्या होत्या. त्यापैकीच एक नवा राजकीय पक्ष होता, तेलंगणा राज्य समिती. मात्र त्याचा फ़ायदा होऊन देशाची व आंध्रप्रदेशची सत्ता हाती आल्यावर, सोनियांनी तो विषय गुंडाळून ठेवला. पाच वर्षानंतर २००९ सालात मित्रपक्षांना टांग मारून पुन्हा देशाची सत्ता मिळवला तरी तेलंगणाचा विषय अडगळीत पडून राहिला होता. पण राज्यात लाबलवान नेता राजशेखर रेडडी यांचेअपघाती निधन झाले आणि फ़ासे उलटे पडत गेले. पुन्हा आपला जम बसवण्यासाठी चंद्रशेखर राव यांनीउपोषण आरंभले आणि त्यातूनजे वातावरण तापले; तेव्हा वेगळ्या तेलंगणाची मागणी सोनियांना मानावीच लागली. तिथून हा विषय सुरू झाला. कारण आता त्यांच्याच पक्षाच्या आंध्र शाखेमध्ये विभाजनाच्या विरोधात बंडाचे निशाण उभारले गेले. त्यामुळे तेलंगणा हा कॉग्रेससाठी गळफ़ास बनूनगेला. मागल्या दोन्ही लोकसभा निवडणूकीत कॉग्रेसला अधिक जागा देऊन सत्ते पर्यंत पोहोचवणारा आंध्र आता पक्षाच्या हातून निसटला आहे. तिथे चंद्रशेखर राव यांना सोबत घेऊन पक्षातील बंडाला मोडीत काढण्याचे डाव खेळताना सगळाच डाव कॉग्रेस नेतृत्वावर उलटला आहे. एका बाजूला पक्षच मोडीत निघाला आहे, तर दुसरी कडे तेलंगणाची समितीही कॉग्रेस सोबत यायला तयार नाही. आता अशी स्थिती आलेली आहे, की लोकसभा निवडणूका तोंडावर आलेल्या आहेत. मागल्या पाच वर्षात आपण काहीही काम नकरता किंवा भ्रष्टाचार करूनही सेक्युलॅरिझमचा बागुलबुवा माजवून सत्तेवर राहू शकतो; अशा समजूती मध्ये कॉग्रेस बिनधास्त राहिली. याचे प्रमुख कारण त्यांना संसदेत वा राष्ट्रीय राजकारणातला प्रमुख विरोधी पक्ष भाजपा कुठलेच आव्हान उभे करू शकला नव्हता. सुषमा स्वराज, अरूण जेटली वा लालकृष्ण अडवाणीआपल्याला आव्हान देऊ शकत नाहीत; याची कॉग्रेसला खात्रीहोती. भाजपाच्या या नेत्यांनी ही ते स्विकारलेले होते. त्यात बाहेरून कोणी नेता येऊन भाजपाला काबीज करील व आपल्या अबाधीत सत्तेला आव्हान देईल; अशी पुसटशी शंकाही कुणाच्या मनाला शिवलेली नव्हती. म्हणूनच अल्पमतात असूनही सोनिया, राहुल व मनमोहन यांनीमनमानी चालविलेली होती. नरेंद्र मोदी हे आव्हान होईल, ही त्यांची अपेक्षाही नव्हती. कारण त्यांनी मोदींना दंगलखोर म्हणून माध्यमांच्या मदतीने यथेच्छ बदनाम करून ठेवले होते. पण अपेक्षा नव्हती तसेच झाले आणि त्यातून कॉग्रेसला भाजपाचे दिल्लीतले नेते हीवाचवू शकलेनाहीत. त्यांच्या विरोधात जाऊन ही मोदींनी भाजपाची उमेदवारी बळकावली. त्यातून कॉग्रेस समोर खरेखुरे गंभीर आव्हान उभे राहिले. त्याच अनपेक्षित आव्हानाने कॉग्रेसची भंबेरी उडाली आहे. त्यामुळे मते मिळवण्यासाठी व आपले बालेकिल्ले जपण्यासाठी जी अकस्मात घाईगर्दी चालली आहे. त्यातून मग तेलंगणा सारखे मुद्दे गडबडीने सोडवण्याचा प्रयत्नझाला आहे. तोच त्यांच्यावर उलटला आहे. त्यात मग जिथे पक्ष बलवान होता, असे आंध्राचे राज्य त्यांच्या हातून सुटलेले आहे. पुन्हा एकदा मित्र आणि मतदार आपल्याकडे ओढण्याच्या घाईतून चुका वाढत चालल्या आहेत. बहूमत नसताना नेहमी भाजपा सत्तेवर येईल म्हणून मुस्लिमांनाच नव्हेतर विविधपक्षांना आपल्या पाठीशी उभे करण्याचे डाव आता जुने व निरूपयोगी झाले आहेत. कारणदं गलीबाबत माफ़ी न मागता ही मोदींनी प्रचारात मोठीच मुसंडी मारली आहे. लोकमत त्यांच्या बाजूला झुकत चालले आहे. परिणामी तेलंगणा वा विविध सवलतीच्या मार्गाने मते आपल्या कडे टिकवण्याची केविलवाणी धडपड कॉग्रेसने सुरू केली आहे. मात्र तसे करताना त्यांच्याच पक्षाचे आंध्रातील नेते विरोधात गेले आहेत. शिवाय लोकसभेची मुदत संपत आलेली आहे आणि राज्याचे विभाजन झाल्यास वा अन्यथा ही पुन्हा कॉग्रेस तिकीटावर निवडून येण्याची शक्यता त्या खासदारांना वाटत नसेल, तर त्यांनी पक्षश्रेष्ठींना दाद द्यावीच कशाला? जो निवडून आणू शकतो, त्याच्याच आज्ञेत कार्यकर्ते रहातात. आजती क्षमता कॉग्रेसच्या नेतॄत्वाने गमवली आहे. त्याचाच परिणाम मग लोकसभेत दिसला. त्याच पक्षाच्या खासदारांनी व मंत्र्यांनी लोकसभेत गोंधळ घातला. नुसता गोंधळ नव्हे; तर लज्जास्पद परिस्थिती पक्षावर आणली आहे. पण काय नुकसान झाले, त्याचीही जाणीव कॉग्रेस नेत्यांमध्ये दिसत नाही. गृहमंत्री शिंदे व संसदीय कामकाज मंत्री कमलनाथ यांनी त्याच गदारोळात तेलंगणा विधेयक संसदेत सादर झाल्याचा दावा विनाविलंब केला आहे. विरोधी नेत्या सुषमा स्वराज यांनी विधेयक सादर झाल्याचा दावाच खोडून काढला आहे. म्हणजेच विधेयक संमत करून घेण्या पेक्षा, त्याचे भांडवल करून तेलंगणात मते मिळवण्याची अगतिकता उघड होते. दहा वर्षापूर्वी सत्ता संपादनासाठी केलेल्या पापचे हे फ़ळ आहे. त्यातून कॉग्रेसने स्वत:वर नामुष्कीची पाळी आणली आहे. गुरूवारी संसदेत जेघडले, त्यानंतर सत्ता सोडाच, सन्माननीय म्हणावी इतक्या संख्येनेही कॉग्रेस पुन्हा निवडून येईल काय याचीच शंका आहे. | Read More » एंजेलीना जोलीके खूबसूरती का क्या है राज़? |
लॉस एंजेलिस : हॉलीवुड अभिनेत्री एंजेलिना जोली कथित तौर पर प्राचीन अन्न से बना भोजन कर रही हैं. गौरतलब है कि नेशनल इन्क्वाइरर पत्रिका के अनुसार 38 वर्षीय एंजेलिना का कथित तौर परमानना है कि प्राचीन अन्न त्वचा को प्राकृतिक रूप से निखारता है. एक सूत्र के अनुसार एंजेलिना हमेशा से ही स्वस्थ अन्न पसंद करती रही हैं. वह प्राचीन अन्न से बना भोजन करती हैं और उसके फायदे के बारे में बतातीरहती हैं. | Read More » राष्ट्रपति ने केजरीवाल पर साधा निशाना |
संविधान का पालन पार्टियों की ड्यूटी – राष्ट्रपति नई दिल्ली : देश के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल परनिशाना साधते हुए कहा है कि संविधान का पालन पार्टियों की ड्यूटी है. बता दें कि राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान के दायरे में ही कानून बनाने चाहिए. प्रणब ने लोकसभा में सांसदों को संबोधित करते हुए संसद को लोकतंत्र की गंगोत्री करार दिया. राष्ट्रपति ने कहा कि कोई भी कानून संविधान के दायरे में बनना चाहिए और संविधान का सम्मान करना हर किसी की ड्यूटी है. वहीं, आम आदमी पार्टी के नेता प्रशांत भूषण ने कहा है कि यदि जनलोकपाल कानून नहीं बन पाया तो फिर सरकार बनने का भी कोई फायदा नहीं है. उन्होंने कहा कि वे संविधान की मर्यादा में रहकर कानून बनाना चाहते हैं. | Read More » यूरोप की सर्वोत्तम लहरों पर 'सैर' |
एक समय में एरीसेइराएक छोटा-सा मछुआरों का गांव था. पुर्तगाल के तट परस्थित यह गांव आज एकमशहूर सर्फिंग सैंटर बन चुका है क्योंकि यहां समुद्रमें तट के करीब ऐसीशानदार लहरें उठती हैं जो सर्फिंग के चाहवानों मेंबेहद लोकप्रिय हैं. वैसेकुछ लोगों को यह चिंता भी सताने लगी है कि अंधमहासागर का यह एक अहम तटलालच और अत्यधिक विकास की भेंट न चढ़ जाए. 'सेव दवेव्स' नामक संगठन नेएरीसेइरा को दुनिया का पहला सर्फिंग रिजर्व घोषितकिया था. बता दें कि पुर्तगालकी राजधानी लिस्बन से 50 किलोमीटर दूर इस स्थान का चुनाव यहांसमुद्र मेंउठने वाली 7 स्टैडी नामक अद्भुत समुद्री लहरों की वजह से कियागया जोपाद्रा ब्रांका से साओ लोरेंको तक 4 किलोमीटर लम्बी उठती हैं. इनमें सेसबसे मशहूर लहरें हैं रिबेइरा डिल्हास. जुलाई 2012 में रिबेइराडिल्हास तट पर सर्फिंग कैम्प में पुलिस आई और इसेबंद कर गई ताकि यहां परएक कॉम्पलैक्स बनाया जा सके जिसमें रेस्तरां तथादुकानें होंगी. पुलिस कीइस कार्रवाई से यहां अद्भुत पुर्तगाली लहरों परसर्फिंग करने का कई लोगोंका सपना टूट गया. पुलिस ने लकड़ी की झोंपडिय़ोंको तोड़ दिया तथा सर्फिंगकैम्प के गेट पर ताला जड़ दिया. इस कैम्प को साल 2000 में तियागोओलीवेरा ने खोला था. कुछ साल पहले तकपेशेवर सर्फर यहां दुनिया की सर्वाधिक महत्वपूर्ण प्रतियोगिताओं में से एकवर्ल्ड क्वालीफाई सीरीज में मुकाबला किया करते थे और शाम को वे इस कैम्पमें इकट्ठे हुआ करते थे. उसवक्त यह स्थान एक पार्टी प्लेस था जहांसर्फिंग पसंद करने वाले लोग कुछ समयआनंद में गुजारा करते थे. अब यह कैम्पबंद हो चुका है और जिस कॉम्पलैक्सको यहां बनाया जाना है उसका काम अभीशुरू नहीं हो सका है क्योंकि तियागो इसमामले को लेकर अदालत में केस लड़रहे हैं. उनका कहना है कि इस जमीन पर गलततरीके से कब्जा किया गया है. केस का फैसला होने में अभी 5 साल लगसकते हैं. 51 वर्षीय डियोगो सारमेंटोयहां सॄफग करने वाले सबसे पहले लोगोंमें से एक हैं जो यहां उठने वाली हरएक लहर से वाकिफ हैं.उनका कहना है किबेशक एरीसेइरा में बीच कल्चर कोसर्फ रिजर्व स्टेटस बचा नहीं सकता लेकिन कमसे कम प्रकृति का संरक्षण तोसुनिश्चित बनाना ही चाहिए. वह करीब स्थितपहाडि़य़ों पर स्थित सैटेलाइट टाऊन की तरफ इशारा करते हैं और कहते हैं किइसीलिए रिजर्व की जरूरत हैताकि वे समुद्र तट पर भी निर्माण शुरू न कर दें. अगर सुरक्षा नहीं करेंगेतो सब कुछ नष्ट हो जाएगा. वह कहते हैं किऐसा ही कुछ मदेरा के लोकप्रिय सर्फिंग स्थल जार्डिम डो मारके साथ हुआ. जब सेवहां टहलने के लिए कंक्रीट की सतह बनाई गई वहां उठनेवाली लहरें पहलेजितनी अच्छी नहीं रही हैं. 1967 में ऑस्ट्रेलिया से आएसर्फिंग के 5 शौकीन प्राइया दोस पेसकादोरेस के करीब समुद्र में उठने वालीसमुद्र कीलहरों पर सर्फिंग करने के लिए यहां पहुंचे थे तब स्थानीय मछुआरेउनकीजिंदगी को पैदा हो सकने वाले खतरे को लेकर घबरा गए थे लेकिन जल्द हीस्थानीय युवक उनकी नकल करने लगे. गौरतलब है कि यहां आनेवाले शौकिया सर्फरों की संख्या पर नियंत्रणजरूरी है. कुछ लोग दूर से यहांपहुंचते हैं और हफ्ते भर के दौरान उन्हेंएक भी अच्छी लहर नहीं मिलती है तोवे निराश होकर घर लौट जाते हैं. एसोसिएशन ऑफ सर्फिंग प्रोफैशनलयहां भी वर्ल्ड चैम्पियनशिप टूर की एकप्रतियोगिता आयोजित करवाना चाहती थीलेकिन एरीसेइरा के सर्फरों ने इनसे इन्कार कर दिया. स्थानीय सर्फिंग क्लब को भी यहां प्रतियोगिताएं आयोजित करने की इजाजत नहीं है. हालांकि इस इंकार ने भी एरीसेइरा पर सर्फिंग इंडस्ट्री का कब्जा रोकने में सफलता नहीं पाई है. सर्फिंग बूम जारी है जिसे इलाके को सर्फ रिजर्व के तौरपर पहचान मिलने के बाद और तेजी आई है. | Read More » युवराज सिंह,माल्या का ऑफर छोड़ दो – किंगफिशर कर्मचारियों |
नई दिल्ली : आईपीएल सात के लिए युवराज सिंह को रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुर (आरसीबी) ने सबसे ज्यादा 14 करोड़ रुपए खर्च करके खरीदा है. इस संबंध में किंगफिशर के कर्मचारियों ने युवराज को एक खुला खत लिखा और उनसे मांग की है कि वह विजय माल्या की टीम के लिए नहीं खेलें. गौरतलब है कि खत में युवी के लिए लिखा गया है कि, प्रिय युवराज, हम सभी किंगफिशर एयरलाइंस के कर्मचारी आपके फैन हैं. हम ही नहीं पूरे देशने दुआ की थी कि आप अपनी बीमारी से जल्द से जल्द ठीक हो जाएं. हम खुश हैं कि आप न कि केवल अपना फॉर्म बरकरार रखते हुए खेल रहे हैं बल्कि करियर में भी आगे बढ़ रहे हैं. मिस्टर माल्या ने आपको 14 करोड़ रुपए में खरीदा है, हमें किंगफिशर एयरलाइंसने पिछले 18 महीनों से सैलरी नहीं दी है. हमारी सारी सेविंग खत्म हो चुकी है और हम कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं. रिश्तेदारों और बैंक्स से अपनी प्रॉपर्टी और गोल्ड के एवज में हमने लोन लिए हैं. लोअर स्टाफ की हालत और खराब है जिन्हें स्लम इलाकों में रहना पड़ रहा है. मिस्टर माल्या ने हमें कहा है कि हमें सैलरी देने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं, जबकि आईपीएल, फॉर्मूला वन और कैलेंडर्स में वो करोड़ों रुपए खर्चकर रहे हैं. अब ये आपके ऊपर है कि आप अपने कान बंद करके ऐसे निर्दयी इंसानके लिए काम करें और अपने जीवन में नकारात्मकता बुलाएं या नैतिक आधार परउनके लिए काम करने से मना कर दें.' बता दें कि अंजन कुमार देवेश्वर के अनुसार युवी को अपनी सोशल रिसपॉन्सबिलिटी को समझना चाहिए और इस ऑफर को स्वीकार नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब युवी कैंसर से जूझ रहे थे तो पूरे देश ने उनके लिए दुआ की थी और अब ऐसा लग रहा है कि वो ये सब भूल गए हैं. | Read More » ईमानदारों से धोखा, डिफॉल्टरों को फायदा, आपने 'अपनो' को बिजली बिल से दिलाई बड़ी राहत मुंबई(रजिया निसार) : भारत की राजनीति में आएदिन नई नई बातें सुर्खियों में छाई रहती है. बेरोजगारी, महंगाई और भ्रष्टाचार से त्रस्त भारत की जनता को आम आदमी पार्टी(आप) ने एक नई उम्मीद दी. 'आप' के अस्तित्व में आने और दिल्ली में अपनी पहुंच साबित करने के बाद लोगों को एक नया विकल्प मिला. हालांकि आए दिन 'आप' पर भी नए नए आरोपों की बौझार हो रही है. गौरतलब है किआप द्वारा किए गए कुछ कामोंकी वजह से उस पर फिर से सवाल उठने लगे हैं. आपको बतादें कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकारने उन लोगोंके बिजलीबिल आधे कर दिए हैं जिन्होंने अक्टूबर2012 से अप्रैल2013 तक अपने बिल नहीं भरे थे. गौरतलब है कि शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया ने ऐलान किया है कि जिन लोगोंने बिजलीकी बढ़ती कीमतों के विरोधमें उनके आंदोलन का समर्थन किया था, उन्हें 50 फीसदी की छूट दीजाएगी. 'आप' द्वारा उठाए गए इस कदमकी वजह से यह प्रश्न उठने लगा है कि क्या केजरीवाल दिल्ली की जनता से भेदभाव नहीं कर रहे. क्या वह उन ईमानदार लोगों से धोखा नहीं कर रहे जिन्होंने बिल सही समय पर भरा. सिर्फ केजरीवाल के आंदोलन को समर्थन ना देनेके एवज में उन्हें कोई छूट नहीं मिल रही, यह कहां तक उचित है. इसके साथ ही केजरीवाल का यह कदम लोगों में निराशा भर देगा. यह भी हो सकता है कि केजरीवाल का यह कदम एक ट्रेंड बन सकता है कि जो लोग किसी खास पार्टी को समर्थन देंगे केवल उन्हीं को फायदा मिलेगा या छूट मिलेगी. इसके अलावा कुछ लोगों का मानना है कि दिल्ली सरकार के इस कदम से कानून तोड़ने की प्रवृत्ति को बढ़ावा मिलेगा. यहां यह कहना भी अति आवश्यक है कि केजरिवाल द्वारा दिए गए छूटसे सरकारको 6 करोड़ रुपयेका नुकसान होगा.यह नुकसान केजरीवाल को नहीं बल्कि सरकारको हो रहा है और सरकार की नजरमें तो सब समान होने चाहिए. वह भी जिन्होंने केजरीवाल के आंदोलन को समर्थन दिया और वह भी जिन्होंने नहीं दिया. बता दें कि केजरीवाल ने खुद को अपनी पार्टी को अन्य तथाकथित पार्टियों से भिन्न बताया है लेकिन उनका यह कदम यूपी में समाजवादी पार्टी द्वारा सिर्फ सपा समर्थकों को लैपटॉप और तमिलनाडु में जयललिता सरकार एमआईडीएमके की महिला कार्यकर्ताओं को मंगल सूत्र बांटने जैसा है. उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टीने अक्टूबर2012 में बिजली की बढ़ती कीमतोंके खिलाफ आंदोलन छेड़ा था. तब पार्टीने लोगोंसे लिखितमें समर्थन देनेको कहा था. 10 लाख लोगोंने आम आदमी पार्टीके समर्थनमें दस्तखत किएथे हालांकि बिल न भरनेवाले लोग सिर्फ 24 हजार थे. मनीष सिसोदिया ने कहा कि जिनलोगोंने इस दौरान बिलभरा था, उन्हें कोई पैसा वापस नहीं किया जाएगा. Read More » हेल्थ टिप्स – किवी फलहृदय रोगों से बचाता है… |
नार्वेके वैज्ञानिकों ने एक शोध में पाया है कि रोज किवी फल खाने से दिल की बीमारियों का खतरा काफी कम हो जाता है. यह फल न सिर्फ नुक्सान पहुंचानेवाली वसा को कम करता है बल्कि खून को पतला रखकर थक्का जमने की संभावना भीकम करता है. गौरतलब है अगर कोई व्यक्ति लगातार 25 दिनों तक रोज दो या तीन किवीफल खाता है तोउसके शरीर में वसा जमा होने तथा खून का थक्का जमने कीसंभावना काफी कम होजाती है. इस फल के कारण खून में पाए जानेवाले ट्राइग्लि सराइड्स, वह वसाजो नुक्सानदेह कॉलेस्ट्राल का अंश होते हैं, वह भीलगभग 15 प्रतिशत कम होजाते हैं. फल और सब्जियों में फाइटोन्यूट्रिएंट्स कम्पाऊंड मौजूद रहते हैं. इनमें एंटी आक्सीडेंट और एंटी थ्रोम्बोटिक(थक्का नहीं जमने देना)विशेषताएं होती हैं. इस कारण खून में थक्का नहीं जम पाता. इस फल में पॉलीफिनॉल जैसे एंटी आक्सीडेंट, विटामिन सी और विटामिन ई प्रचुर मात्रा मेंहोते हैं लेकिन उन्हें इस अध्ययन में शामिल नहीं किया गया. किवी फल मेंऐसा कोई तत्व नहीं है जो धमनियों और शिराओं में वसा जमने से रोकता है. यह प्रक्रिया खून पतला करने के लिए दी जाने वाली एस्प्रिन से अलग है. | Read More » लाईफ स्टाइल – रिश्तों को रखें ऐसे बरकरार… | इस दुनिया में रिश्ते ही ऐसे हैं जो हमें खास होने का एहसास करवाते हैं या किसी अपने के होने से सुरक्षित महसूस करवाते हैं. किसी खास के मात्र स्पर्श से ही समझ जाते हैं या उनके कदमों की आहटसे उन्हें पहचान लेते हैं. यह सभी बातें जीवन साथी से जब कही जाती हैं तो वे उसे खास होने का एहसास दिलाती हैंऔर महसूस कराती हैं कि उनकेदिल में आज भी प्यार मुस्कुरा रहा है. हालांकि जैसे जैसे समय बीतता है पति-पत्नी ढेर सारे मुद्दों पर बात करते हुए अक्सरकुछऐसे मुद्दों को दरकिनार कर जाते हैं जो उनकी लाइफ में प्यार की मिठासऔर भीबढ़ा सकते हैं अर्थात एक-दूसरे से जहां निजी बातों को करने से कतराजातेहैं, वहीं साथ बैठ कर बीते हसीन लम्हों को याद करने की भी उन्हेंफुर्सतनहीं मिल पाती. अब ऐसे में जीवन ढर्रे पर ही चलने लगता है और दोनोंयहसोचते तो हैं कि प्यार कम हो रहा है परंतु उसे वापस कैसे लाया जाया. यहसोचने का दोनों में से किसी के पास भी वक्त नहीं होता. इसका नतीजा यहहोताहै कि प्यार का स्थान खाली होने लगता है. ऐसे करने पर करें ये उपाय जिससे आपके रिश्ते में मिठास बनी रहे. जीवनसाथी से करें बात: यदिआप को लगता है कि आपके रिश्ते से प्यार कहीं रूठ गया है तो तो जीवनसाथी से इस बारे में बात जरूर करें. इसमामले में महिलाएं कभी पहल नहीं करतीं, ऐसे में पति का व्यवहार ऐसा होनाचाहिए कि उनकी पत्नी उनसे हर बात सांझा कर सके. जब पत्नी अपने जीवन मेंरोमांस के लम्हों की कमी पाती है तो वह उसे अपने पति को बताने से हिचकती है. सिर्फ पत्नी ही नहीं, पति भी कई बार इस बारे में पत्नी के साथ बात नहींकरते। ऐसे में समस्या कम होने की अपेक्षा बढ़ती चली जाती है इसलिए अपनेसाथी से अपनी समस्या जरूर शेयर करें. आपस में सामंजस्य रखें: पति-पत्नी के बीच प्यार तभी बरकरार रह सकता है जब आपसी सामंजस्य हो और दोनों के बीच खुलापन हो. हो समझदारी और अपनापन: यदिलगे कि जीवनसाथी आपसे कोई बात करना चाह रहा है पर कह नहीं पा रहा तोआपकोचाहिए कि उसे यह दिलासा दिलाएं कि आप हरदम उसके साथ हैंइसलिए कोईभीपरेशानी है तो वह आपसे शेयर कर सकता है. आपसी समझदारी और अपनेपन काएहसासही तो दोनों को करीब लाता है. जताएं एक दूसरे से प्यार: इस बात का ध्यान रखेंकि यदि आपको वह वक्त नहीं दे पा रहे या उनके प्यारमें पहले सी गर्माहटनहीं रही तो इसे सीधे-सपाट शब्दों में न कह कर प्यारसे अपनी बात कहें किआप क्या महसूस कर रहे हैं या क्या चाहती हैं. इसकेलिए प्यार भरा माहौलबनाएं तथा उन्हें अपने प्यार का एहसास दिलाएं जो आपकेदिल में उनके लिए अभीभी कायम है. जरूरी हैं नजदीकियां: एक गुरुमंत्र हमेशा याद रखेंकि खुश रहना, हंसना और हंसाना हर किसी के लिएअच्छा है और वैवाहिक रिश्तेके सालों तक निभने की वजह भी आपका एक-दूसरेकी कंपनी में खुश रहना ही है. कहा भी गया है कि खुशनुमा लम्हे ही रोमांटिक रिलेशनशिप में नजदीकियां बरकरार रखते हैं. उनका साथ पाकर रहें खुश: हंसी से दो लोगों केबीच एक सकारात्मक व भावनात्मक माहौल बनता हैसो उनकीकंपनी में खुश तोरहें ही, यह ध्यान भी रखें कि पुरुष उस महिला को ज्यादापसंद करते हैं, जोउनकी मौजूदगी में दिल खोल कर हंसती है. न उड़ाएं हंसी: उन परहंसने की अपेक्षा अपनी गलतियों पर हंसना एक अच्छा आइडिया है. साथमें कोईगेम खेलें या कभी साथ बैठ कर कार्टून फिल्में देखें. ऐसीएक्टीविटीज सारीटेंशन भुला देती हैं. आप ही याद दिला दें डेट्स: पत्नी को हमेशा अपनेपति से सबसे बड़ी शिकायत यही रहती है कि वह खास डेट्सभूल जाते हैं औरइशारा देने पर भी नहीं समझते. ऐसे में जरूरी है कि पतिके मोबाइल में खासडेट्स नोट कर स्पेशल रिंगटोन भी लगा दें ताकि उन्हेंसमय पर डेट्स याद आजाएं और वह आपको उस समय गिफ्ट भले ही न दे पाएं, परंतुविश तो कर हीपाएंगे. | Read More » मोदी पर अण्णा ने किया कटाक्ष |
मोदी पर अण्णा ने किया कटाक्ष चाय के लिए मत देना वोट- अण्णा हजारे नई दिल्ली : सामाजिक कार्यकर्ता अण्णा हजारे ने गुजरात के मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी की ‘चाय पर चर्चा’ कार्यक्रम पर निशाना साधते हुए कहाकि शराब की बोतल लेकर वोट देना या कोई चाय पिला दे उसको वोट देना, दोनोंही चीजें सही नहीं हैं. गौरतलब है कि अण्णा नेमोदी पर कटाक्ष किया तो टीएमसी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तारीफ की और कहा कि 2014 लोकसभा चुनावों के लिएवे नरेंद्र मोदी की जगह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का समर्थन करेंगे. अण्णा ने ममता बनर्जी को ‘आशा की किरण’ बताते हुए कहा कि वे ममता से दिल्ली में भेंट करेंगे. इसके अलावा अण्णा ने कहा कि उन्हें यकीन है कि अगर ममता प्रधानमंत्री बनती हैं तो भ्रष्टाचार रुकेगा. वहीं दूसरी ओर अण्णा ने केजरीवालपर सवालों के जवाब में बस इतना ही कहा कि अरविंद खुद ही उनसे अलग हुए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वह खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन अच्छे लोगों केलिए प्रचार करेंगे, भले ही वे निर्दलयी क्यों न हों. | Read More » केजरीवाल ने दिया इस्तीफा : लोकपाल या लोकसभा के लिए? | केजरीवाल ने दिया इस्तीफा : लोकपाल या लोकसभा के लिए? 49 दिनों में लगभग 60 प्रेस कॉंफ्रेंस और 15 से 20 धरना
मुंबई(चंदन पवार) Email:chandanpawar.pits@gmail.com दिल्ली में सत्ता से किनारा करने के एक दिन बाद आम आदमी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल की अगुवाई में लोकसभा चुनाव की व्यापक तैयारियों की घोषणा की है.गौरतलब है कि आप ने दिल्ली में केवल 49 दिनों तक शासन चलाया, इस पूरे समय में आप ने लगभग 60 प्रेस कॉन्फ्रेंसकी और 15 से 20 धरना दिए? अबप्रश्न यह भी उठ रहा है किकेजरीवाल ने दिल्ली की सत्ता केवल जन लोकपालके लिए नहीं बल्कि लोकसभा चुनावों के लिएकिनारा करलिया है? यह कहना गलत होगा कि केजरीवाल के पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था, उन्हें यह फैसला लेने से पहले बहुत गंभीर विचार करना चाहिए था और लोगों को इस्तीफा देने से पहले पूछना चाहिए था.सत्ता में आने के बाद काम लोगों के सहयोग और कानून के हिसाब से ही चलता है. आम आदमी पार्टीकेवल कुछ लोगों के हाथों में केंद्रित हो गई है. ऐसा प्रतीतहो रहा हैकेजरीवाल केवल कुछ लोगों में घिरे हुए नजर आ रहे हैं जैसे योगेंद्र यादव, मनीष सिसोदिया, गोपाल रॉय. ऐसा लगता है केजरीवाल शायद इनकी सोच से बाहर नहीं आ पा रहे हैं. इस बात परभी ध्यान देने की जरूरत है कि केजरीवाल कांग्रेस या अन्य पार्टियों को चोर कहकर या उनपर कटाक्ष करने से एक बार भी नहीं चूकते और फिर उन्हीं से सहयोग की उम्मीद करते हैं. केजरीवाल के काम उनके विचारों कोमीडिया ने बड़े पैमाने पर लोगों तक पहुंचाया लेकिन केजरीवाल ने उन्हेंभी नहीं छोड़ा. केजरीवाल को हर कदम सोच समझकर उठाना चाहिए क्योंकि उन पर देश के एक बड़े हिस्से की नजर टिकी हुई हैऔर लोग उन्हें भारत की राजनीति में एक विकल्प की तरह देखरहे हैं. अरविंद केजरीवाल का नाम कम समय में कामयाबी की उंचाई छूनेवालों में से एक है. अपने ओहदे से ज्यादा अपने वसूलों को माननेवाले केजरीवाल ने 49 दिन की अपनी अल्पमत की सरकार में कई ऐसे निर्णय लिए जिनकी वजह से वह विवादों में और कम समय में फटाफट निर्णय लेनेवाले मुख्यमंत्री बन गए. गत शुक्रवार को जब दिल्ली विधानसभा में जनलोकपाल बिल पास नहीं हुआ तो अपने कहे अनुसार उन्होंने राज्यपाल नजीब जंग को अपना इस्तीफा सौप दिया. एक नीजी चैनल के सर्वे में इनके इस फैसले को दिल्ली की 83% जनता ने सही ठहराया है. यह बात बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकसभा चुनाव में इसका फायदा जरूर होगा? कई लोग इस निर्णय को गलत ठहरा रहे हैं तो भाजपा और कांग्रेसवाले इन्हें शर्मकरनेवाली बयानों में जुट गई है. कुछ लोग यह भी कहरहे हैं कि अरविंद केजरीवाल वादे नहीं पूरे कर पा रहे थे इसलिए उन्होंने इस्तिफा दिया. अच्छा इसमें कोई ज्ञानी समझाएगा कि दूसरे राज्यों के कितने सरकार वायदे पूरा करती है और नहीं पूरे कर पाने की स्थिति में अपना इस्तीफा शर्म के मारेदे देते हैं? यह भी जनता को सोचना होगा. केजरीवाल ने क्यापाया क्या खोया… इस्तीफे से होनेवाले फायदे: 1) जन लोकपाल पास नहीं हुआ इसलिए इस्तीफा दिया उसेचुनाव प्रचार में मुद्दा बना सकते हैं. 2) केजरीवाल जन लोकपाल के लिए लोगों को बहुमत में लानेका आवाहन कर सकते हैं. 3) 49 दिन में जो अच्छे निर्णय लिए उसको लोगों के सामने रखेंगे. 4) जन लोकपाल को भाजपा और कांग्रेस ने समर्थन नहीं दिया इसका बखान करके लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं. 5) लोकसभा चुनाओं के लिए पूर्ण समय उपलब्ध है. 6) बिखरे हुए कार्यकर्ताओं को फिर से एक साथ रहने का आवाहन करेंगे. 7) राहुल, सोनिया, मोदी और अन्य नेताओं की नाकामी लोगों के सामने जोर शोर से रखेंगे. इस्तीफा देने से नुकसान: 1) केजरीवाल को सरकार चलाने नहीं आता, इस बात से लोगों में आक्रोश है इससे नुकसान हो सकता है? 2) भाजपा और कांग्रेस यह मुद्दा जोर शोर से उठाएगी. 3) आम आदमी पार्टी सिर्फ दबाव डालनेवाली पार्टी है इसके अलावा कुछ नहीं ऐसा लोगों को लग सकता है. 4) एक बार सत्ता से चले जाने के बाद सत्ता में वापस आने का सपना कार्यकर्ताओं को दिखाना मुश्किल हो सकता है. 5) 49 दिनों में जो कुछ गलत निर्णय हुए इसका भाजपा तथा कांग्रेस की तरफ से लोगों को बताया जासकता है. 6) चूने हुए विधायकों को फिर से टिकट देने के बारे में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. | Read More » हरियाली से सजाएं अपने आशियाने को |
सर्दियोंके मौसम में ठंडी हवाएं चलती हैं,ऐसे में बगीचे के संवेदनशील पौधों केखराब होने का डर रहता है. बगीचे के सबसे सुंदर गुलाब के पौधे को सर्दी केदिनों में सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है. गौरतलब है कि गुलाब के फूलों की पत्तियांबहुत नाजुक होती हैं. तापमान के कम या ज्यादा होने का सबसे ज्यादा फर्क इन्हीं पर पड़ता हैइसलिए जरूरी है कि सर्दी के दिनों में गुलाब के पौधोंकी सही देखभाल की जाए, ताकि बगिया में रंग-बिरंगे गुलाब मुस्कराते रहें. आईए बताते हैं कैसे बचा सकते हैं आप अपने खूबसूरत पौधों को… रात में ढक दें: सर्दियों के दिनों में रात के समय ठंडी हवाएं चलने पर गुलाब के पौधे कोकिसी बड़ी पॉलीथीन से ढक दें. आप चाहें तो कार्ड बोर्ड बॉक्स या प्लास्टिकबॉक्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इस तरह गुलाब का पौधा हवाओं के असर सेसुरक्षित रहेगा. गंदगी साफ करें: गुलाब के पौधे सबसे ज्यादा संवेदनशील होते हैं. इन्हें सबसे ज्यादा केयर कीजरूरत होती है. अगर आपके घर में गुलाब के पौधे के पास गंदगी या सूखीपत्तियां हों, तो उन्हें तुरंत साफ करें. इस पौधे को संक्रमण या कंडव रोगसबसे ज्यादा लगता हैइसलिए पौधे के आसपास स्वच्छता बनाए रखें. पानी दें: सर्दियों के दिनों में गुलाब के पौधे बहुत जल्दी ड्राई और डीहाईड्रेट होजाते हैं. ऐसे में आप हर दिन उन्हें पानी दें ताकि वे ताजा रहें और उनमेंपानी की कमी न रहे क्योंकि पौधों को भी पानी की पर्याप्त मात्रा कीआवश्यकता होती है. सही मात्रा में पानी देने से पौधे का विकास भी अच्छी तरहहोता है. जड़ों को ढक दें: अगर आपके घर में गुलाब का पौधा काफी बड़ा हो चुका है और उसे अंदर रखना यापूरी तरह से ढकना मुश्किल है तो उसकी जड़ों को ढक दें. जड़ों को ढकने सेपूरे पौधे और तने को सर्द हवाओं के संपर्क में आने से बचाया जा सकता है. किसी घास से भी गुलाब के पौधे की जड़ों को ढका जा सकता है. इनडोर गार्डनिंग करें: गुलाब के पौधे को गमले में लगाएं, ताकि आप उसे उठा कर घर में रख सकें. आपचाहें तो घर के अंदर भी इनडोर गार्डनिंग कर सकती हैं. इस तरह से गुलाब कोजलने या खराब होने से आसानी से बचाया जा सकता है. अगर पौधे को धूप कीआवश्यकता हैतो उसे धूप दिखा दें वरना छांव में ही रखा रहने दें. गुलाब कोकभी भी ओस में खुला न छोड़ें और ठंडी हवाओं से इसका बचाव करें. इन बातों पर भी ध्यान दें… अगर आपको किसी पौधे को संभालनेमें दिक्कत आ रही हैतो उसे नर्सरीवाले को दें या अपने गार्डन से हटा कर कोई दूसरा पौधा लगा लें. समय-समयपरपौधोंकोट्रिमकरवाएं. 1) हर सप्ताह गमलों को धूप में रखें ताकि उनमें अच्छी तरह धूप लग सके. 2) लिली जैसे पौधे बहुत नाजुक होते हैं, उन्हें बार-बार न छुएं और पानी डालते समय ध्यान दें कि ज्यादा पानी न दें और पानी गंदा न हो. 3) सर्दियों के पौधों के बीजों को इकट्ठा कर लें और अगले साल उन्हें फिर से बो दें. इसके साथ ही इनपौधों से आप अपने आशियाने को सजाएं. आप अपनी बालकनी में डिफाइनिंग लाइन खींचें. पौधों को किनारे-किनारे रखें, जिससे बालकनी ज्यादा बड़ी लगे. बड़ी बालकनी में जब पौधों को किनारे पर रखाजाता है तो यह घेरे का भी काम करता है. वहीं छोटी बालकनी में ऐसा करने परउसकी लुक अच्छी हो जाती है. साथ ही अपनी बालकनी के लिए अच्छे रंगों काइस्तेमाल करें. हो सके तो तीन तरह के रंगों का इस्तेमाल करें, जिससे बालकनीकी खूबसूरती निखर कर सामने आए. | Read More » जानिए हस्ताक्षर ज्योतिष (भाग- 10) – कलम का बार बार खोना या बदलना | जो व्यक्ति कलमों का प्रयोग करते हैं किंतु ऐसे व्यक्ति कि कलम अधिक दिनों तक उनके पास नहीं रहती चाहे वह कितनी कीमती हो, खो जाना, भूल जाना या एक प्रयोग के बाद फेंक देना ऐसा व्यक्ति प्रतिभावान, अपने कुल का नाम रोशन करनेवाला, हरफन मौला, उच्च महत्वकांक्षी, जिद्दी, भावुक और खुशमिजाज होता है, जिस काम के पीछे पड़ जाता है या ठान लेता है उसे पूरा करता है. उसी में अपना नाम समाज और परिवार में करता है. ऐसे व्यक्तियों के कार्यों को समाज और परिवार पहले कम सराहता है पुन: उसी काम को पुरस्कृत करता है. ऐसा व्यक्ति उच्च श्रेणी का भक्त, दार्शनिक, वाणी का प्रिय, खिलाड़ी या समाज का नेता होता है जिसे लोग आदर्श मानते हैं. अपनी जिद के कारण बड़े से बड़ा नुकसान भी कर देता है. 36 वर्ष की आयु के पहले मकान, गाड़ी और समाज में नाम अच्छा कमा लेता है. 27 के बाद और 35 के बीच अच्छा नाम व पैसा. बिना किसी सहयोग के आगे बढ़नेवाला, दूसरों की सेवा, मदद करता है. पैसा खूब कमानेवाला व वैसे ही खर्च करनेवाला. जीवन में कई उतार-चढ़ाव के बाद सफलता. 18 से 26 का समय उतार-चढ़ाव वाला. अपने जीवन को अपने ढंग जीनेवाला. अपने जीवन का रास्ता स्वंय बनाता है. जो शिक्षा लेता है, जो उद्देश्य होता है बचपन में जवानी में उससे हटकर काम करके समाज में ना व पैसा कमाता है. न पिता का धन लेता है और पिता का काम करता है. अपने बल से जन्म भूमि से दूर देश विदेश में सलाह, साहित्य आदि के कामों से खूब पैसे कमानेवाला. 37 से 42 का समय नई-नई सफलताओं वाला. एक बाधा भी आती है. 56 तक का समय काफी अच्छा. अपने भाई-बहनों से जीवन यापन श्रेयस्कर. अच्छा मकान, अच्छी गाड़ी. शिक्षाव संतान में बाधा या देरी किंतु फिर भी उच्च शिक्षा, अपने उद्देश्य में पुर्ण होती है. आपकी संतान आपको सहयोग करेगी लेकिन बुढ़ापे में ऐसा देखा गया है. खाने, कपड़ों, आभूषणों, सुंगंधित तथा भौतिक सुख साधन के शौकीन, उच्च-वर्गों से संपर्क. इनको शारिरीक बाधा जीवन में बनी रहती है. ऑपरेशन, पेट, तेज गाड़ी, रक्त तथा मानसिक तनाव के कारण जीवन में बाधाएं. दोस्तों से जुए, सट्टे, दूसरों को दिया गया धन शीघ्र वापस नहीं आता जिससे बाधाएं. शादी के पहले एक-दो दोस्ती होती है जिससे तनाव. कला व फैशन के कामों में धोखा, जल व यात्रा के काम, कमीशन से पैसा कमाते है. पत्नी भाग्यशाली व धन को बढ़ानेवाली. शादी के बाद जीवन में अच्छा परिवर्तन. मुकदमे, झूठे विवादों और उधारी से बचना चाहिए. देश-विदेश, यात्रा का जीवन में खूब योग बनता है. कुछ धार्मिक विद्रोही स्वभाव के. राजपक्ष से लाभ. अपने पिता से अच्छा जीवन-यापन. जन्म भूमि से जितना अधिक दूर रहते हैं उतना अधिक लाभ. झूठे विवाद व बदनामी से बचना चाहिए. दूसरों की मदद के चक्कर में अप नानुकसान, किंतु जीवन साथी इनका अच्छा होने के कारण घर परिवार को उत्तम ढंग से रखनेवाला होता है. बचपन कुछ उतार-चढ़ाव वाला. जवानी काफी अच्छी, अपने परिश्रम से. बुढापा काफी आराम का. अपनी पूरी जिम्मेदारी पूरी करनेवाला(अपवाद) अपने क्षेत्र का अच्छा ज्ञानी होता है. 65 से अधिक आयु देखी गई है. जीवन इनका मौजकारी पाया गया है. | Read More » वृश्चिक राशि के लिए कैसा रहेगा नया साल |
आने वाला नया साल आपके लिए और आपके परिवार के लिए कैसा होगा यह जानने की उत्सुकता प्रत्येक व्यक्ति को होती है। चन्द्र राशि के आधार पर आपको यह बताने की कोशिश कर रहा है कि आने वाला साल आपके लिए कैसा होगा। आमतौर पर राशि की गणना सूर्य और चन्द्र राशि के आधार पर होती है लेकिन भारतीय पराशर ज्योतिष में चन्द्र राशि को ही मान्यता है और जातक का नाम भी चन्द्र राशि के आधार पर ही तय होता है। यदि आपका नाम तो, न, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू से शुरू होता है तो आपकी चन्द्र राशि वृश्चिक है। वृश्चिक राशि के लिए आने वाला साल कुछ ऐसा रहेगा। जनवरी राशिस्वामी मंगल कन्या में संचार तथा शनि साढ़सति के प्रभाव स्वरूप बनते कामों में विध्न, व्यवसाय में विध्न तथा घरेलू उलझनों के कारण मन चिन्तित रहेगा। वृथा दौड़ धूप अधिक एवं कठिन हालात के बावजूद र्निवाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। फरवरी राशिस्वामी मंगल 4 फरवरी से शनि राहु युक्त द्वादश संचार कर रहा है। जिससे बनते कामों में विध्न और विलम्ब होगा। नौकरी एवं व्यवसाय में विभिन्न अड़चनों का सामना रहेगा। चोटादि का भय रहेगा परंतु 23 फरवरी के पश्चात धर्म कर्म में रूझान, कारोबारी क्षेत्र में कुछ लाभ होगा। किंतु सांझेदारी के साथ किए गए कार्यों में हानि होगी। मार्च 25 मार्च तक राशिस्वामी मंगल का शनि राहू के साथ संचार बारहवें स्थान पर होने से कार्य व्यवसाय में व्यर्थ की उलझनें, आय से खर्च अधिक, गुस्सा ज्यादा चोटादि का भय एवं स्वास्थ्य ढीला रहेगा परंतु र्निवाह के संपर्क बनेंगे। नौकरी में उन्नति के योग हैं। किंतु शनि की ढैय्या के कारण मन अशांत एवं असंतुष्ट रहेगा। अप्रैल राशिस्वामी मंगल वक्री होकर लाभ स्थान में संचार कर रहा है। व्यवसाय अथवा नौकरी में परिवर्तन का बने। शनि साढ़सति के कारण भी व्यवसाय में परेशानी, आय कम और खर्च अधिक होगा। खर्चों की अधिकता से मन परेशान, गृहस्थ जीवन में तनाव की स्थिति रहेगी। मई मंगल लाभ स्थान में होने से परिस्थितियों में कुछ सुधार होगा। धन लाभ के अवसर मिलेंगे परंतु निजी कारणों से उचित लाभ प्राप्त नहीं होगा। शनि साढ़सति के कारण मानसिक तनाव, शरीर कष्ट, उदर विकार से परेशानी होगी। जून गुरू की दृष्टि के फलस्वरूप व्यवसाय एवं नौकरी में उन्नति के लिए विशिष्ट व्यक्तियों का सहयोग प्राप्त होगा। धर्म कर्म में रूचि होगी। बिगड़े कार्य बनेंगे। निर्वाह योग्य आय को साधन बनते रहेंगे। मान सम्मान, भूमि, सवारी और सुख के साधनों में वृद्धि होगी। जुलाई इस मास में राशिस्वामी शुक्र की विशेष दृष्टि इस राशि पर होने से मान प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। धन लाभ एवं उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे। उत्तरार्द्ध भाग में धन व परिवार संबंधि उलझनें होंगी। कार्य के क्षेत्र में चिंता बनी रहेगी। बनते कामों में विध्न और किसा मित्र से धोखे की संभावना बनी रहेगी। श्री हनुमान जी का पाठ करना शुभ होगा। अगस्त गुरू की शुभ दृष्टि होने से व्यवसाय में लाभ के अवसर और स्वास्थ्य में सुधार होगा। निर्वाह योग्य आय के साधन बनेंगे। शुभ समाचार मिलेगा। उत्तरार्द्ध भाग में शुभ कार्यों पर खर्च होगा। अकस्मात मन में उचाटता, उदासीनता एवं परिवार में मतभेद भी उत्पन्न होंगे। बनते कामों में विध्न उत्पन्न होंगे। भौम चण्डिका स्तोत्र या मंत्र का पाठ करना शुभ होगा। सितम्बर मासारम्भ में स्वास्थ्य ढिला एवं अचानक खर्च भी बढ़ेंगे। 5 सितम्बर से मंगल स्वगृही होने से मान सम्मान में वृद्धी, भुमि सवारी आदि का क्रय विक्रय भी होगा। नवीन कार्य क्षेत्र में रूझान रहेगा परंतु शनि साढ़सति के प्रभाव से मासांत में अधिकारी वर्ग से मनमुटाव एवं व्यर्थ का तनाव भी रहेगा। अक्तूबर राशिस्वामी मंगल स्वग्रही होने से मान प्रतिष्ठा में वृद्धि एवं धन लाभ के विशेष अवसर मिलेंगे। गुरू की विशेष दृष्टि होने से किसी नवीन कार्य को कार्य रूप देने का प्रयास लाभकारी होगा। 18 अक्तूबर से मंगल धनु राशि में होने से धन लाभ अल्प तथा खर्च अधिक होगा। मन अशांत एवं असंतुष्ट रहेगा। नवम्बर राशिस्वामी मंगल 26 नवम्बर तक धनु राशिगत संचार करने से आय अल्प परंतु धन का खर्च अधिक होगा। गुरू की दृष्टि होने से मान सम्मान में वृद्धि होगी परंतु मासांत में व्यवसायिक स्थिति में सुधार एवं परिवारिक सहयोग से कुछ कार्य बनेंगे। श्री दुर्गा कवच का पाठ करना शुभ होगा। दिसम्बर राशिस्वामी मंगल उच्चराशिगत होने से गत किए गए प्रयासों में भाग्योन्नति और श्रेष्ठ व्यक्तियों से संपर्क लाभकारी होगा। परिवारिक वातावरण सुखद होते हुए भी व्यर्थ की चिंता और तनाव रहेगा। मासान्त में स्वास्थ्य कुछ ढिला एवं धन खर्च अधिक होगा। धनुराशि का पूरे साल का राशिफल अगले हफ्ते दिया जाएगा. | Read More » भारतीय राजनयिक ने पाक जेल में कैदियों से की मुलाकात |
कराची : एक भारतीय मछुआरे की रहस्यमय मौत के बादएक भारतीय राजनयिक ने यहां की एकजेल में बंद कैदियों से मुलाकात की जिसमें ज्यादातर मछुआरे शामिल हैं. राजनयिक ने जेल का दौरा करके कैदियों की स्थिति के बारे में जानकारी ली. सूत्रों के अनुसार राजनयिक की कैदियों के साथ बातचीत में भारतीय मछुआरेकी हाल में हुई मौत पर भी चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि लांधी जेल में कैदियों को मिठाई के डिब्बे, साबुन, कपड़ेधोने का पाउडर और टूथपेस्ट जैसे मूलभूत वस्तुएं दी गईं. इस जेल में चारफरवरी को कथित रूप से बीमारी के कारण मछुआरे किशोर भगवान की मौत हुई थीलेकिन उसकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट अब तक भारतीय अधिकारियों को उपलब्ध नहींकराई गई है. इससे पहले 19 दिसंबर को एक अन्य मछुआरे भीखा लाका शियाल कीकराची की एक जेल में मौत हो गई थी और इसका कारण भी पता नहीं चला है. | Read More » ध्यान और प्राणायाम का बच्चों के व्यक्तित्व विकास में महत्वपूर्ण योगदान |
बच्चेजैसे-जैसे बड़े होते हैं उनमें कई प्रकार की मनोग्रंथियों का विकास होनेलगता है. एक अभिभावक के रूप में उनके विभिन्न आयु वर्ग के अनुसार व्यवहारका सूक्ष्म अध्ययन करके आपको महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होती है. जो बच्चेहीन भावना से ग्रस्त होते हैं वे अपने से छोटों के साथ ज्यादा और अपने सेबड़ों के साथ कम बातचीत करते हैं. वहीं जो बच्चे अहंभावी होते हैं वेछोटों को छोड़कर बड़ों के साथ ज्यादा रहतेहैं. यहां पर आपको एक संतुलितभूमिका निभानी होती है. यदि वे किसी के बारेमें आकर नकारात्मक बातें करतेहैं तो आपको सकारात्मक दर्पण बनना होगा. प्रकृति के अनुसार बालक में भरोसारखने की प्रकृति होती है लेकिन जब वहबड़ा होता है तो उसका विश्वास कहीं नकहीं टूट या हिल जाता है. यदि आप उससे यही कहते रहेंगे कि यहां सभीझूठे या धोखेबाज हैं तो उसकालोगों और समाज से विश्वास उठ जाता है. जब हमविश्वास का वातावरण बनातेहैं तो बच्चे बुद्धिमान बनकर बड़े होते हैंलेकिन यदि हम नकारात्मकता, परेशानी या उदासी और क्रोध का वातावरण बनाते हैंतो वे बड़े होकर यही सबवापस लौटाते हैं. हर रोज जब आप काम से लौटें तोउनके साथ खेलें या हंसे. जहां तक हो सके सभी एक साथ बैठकर खाना खाएं. धार्मिक, नैतिक और आध्यात्मिक मूल्य उन पर गहरा प्रभाव उत्पन्न करते हैं. ये अज्ञातरूप से उनके व्यक्तित्व का विकास करते हैं. उनसे थोड़ा-बहुतगाना, मंत्रोच्चारण, ध्यान और प्राणायाम करवाना चाहिए. शोध से पता चला हैकिध्यान और प्राणायाम उनकी योग्यता को बढ़ाते हैं. वे शांत, सतर्क, सजगऔरसमझने की योग्यता को बेहतर कर पाते हैं. | Read More » 'ढिसकियाउ' में आइटम नंबर का तड़का लगाएंगी शिल्पा शेट्टी | मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि):बॉलीवुड की कई फिल्मों में अपनेआइटम नंबर से दर्शकों को मदहोश कर चुकी शिल्पा शेट्टी अपनी आने वाली फिल्म ‘ढिसकियाउ’ में एक बार फिर से आइटम का तड़का लगाने जा रही है. गौरतलब है कि बॉलीवुड की जानी-मानी अभिनेत्री शिल्पा इन दिनों अपनी पहली फिल्म ‘ढिसकियाउ’ के निर्माण में व्यस्त हैं. वह अपनी फिल्म को हिट बनाने मे कोईकोर-कसर छोडऩा नही चाहती हैं. आज के दौर में फिल्मों में आइटम नंबर सफलता कीगारंटी मानी जाती है. शिल्पा ने भी अपनी फिल्म में आयटम नंबर रखने का निर्णयलिया है. उल्लेखनीय है कि शिल्पा ढिसकियाउ में एक आइटम नंबर पर थिरकती नजर आएंगी. इसफिल्म में सन्नी देओल, हरमन बावेजा, आयशा खन्ना और आदित्य पंचोली की भीमुख्य भूमिका है. | Read More » फायरफाक्स ने पेश की 1.62 लाख रुपए की साइकिल |
ग्रेटर नोएडा : रेसिंग साइकिल बनाने वाली भारतीय कंपनी फायरफाक्स बाइक्स प्राइवेट लिमिटेडने आयोजित 12वें ऑटो एक्सपो में नई श्रेणी की दो साइकिल पेश की. जिनमें से प्रत्येक की कीमत करीब 1.62 लाख रुपए है. गौरतलब है कि फायरफाक्स के प्रबंधनिदेशक शिव इंदर सिंह ने कहा कि आइसोस्पीड तकनीक पर आधारित पेश की गई इन दोसाइकिलों 'डोमेने' की कीमत एक लाख 62 हजार 900 रुपए और 'मैडोने' की कीमत 161900 रुपए रखी गई है. उनके अनुसार विशेषकर कारों में इस्तेमाल होने वाली आइसोस्पीड तकनीक काप्रयोग कंपनी ने अपनी साइकिलों में किया है जो भारतीय बाजार में साइकिलोंकी श्रेणी में उच्च मानक स्थापित करेगा. सिंह ने कहा कि वर्ष 2013में कंपनी ने 50000 साइकिलें बेची थीं और इस वर्ष करीब 70 हजार साइकिल बेचने कालक्ष्य निर्धारित किया गया है. पूरे देश में कंपनी के 150 शोरूम हैं. | Read More » जनवरी में थोक मुद्रास्फीति घटकर 7 माह के निचले स्तर पर |
नई दिल्ली : खाद्य वस्तुओं विशेषकर सब्जियों की कीमतों में गिरावट से जनवरी में थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति घटकर सात महीने के निचले स्तर 5.05% पर आ गई. यह लगातार दूसरा महीना है जब थोक मूल्य सूचकांक आधारितमुद्रास्फीति में गिरावट आई है. गौरतलब है कि दिसंबर में यह 6.16% थी. जारीथोक मूल्य सूचकांक(डब्ल्यूपीआई) के मुताबिकजनवरी के दौरान खाद्य वस्तुओंकी मुद्रास्फीति घटकर 8.80% पर आ गई जो इससे पिछले महीने 13.68% थी. इस दौरान सब्जियों की मुद्रास्फीति घटकर 16.60% पर आ गई, जबकिदिसंबर में यह 57.33% थी. जनवरी के दौरान प्याज के दाम बढऩे कीरफ्तार घटकर 6.59% पर आ गई जो दिसंबर में 39.56% थी. वहींजनवरी में आलू की मुद्रास्फीति 21.73% थी. आलोच्य माह में फलों केसाथ ही अंडे, मीट व मछली वर्ग की मुद्रास्फीति भी कम हुई, इस दौरान दूध कीमुद्रास्फीति मामूली रूप से बढ़कर7.22% पर पहुंच गई. इसी सप्ताह के शुरु में जारी आंकड़ों के मुताबिक, जनवरी में खुदरामुद्रास्फीति घटकर दो साल के निचले स्तर 8.79% पर आ गई, जबकि दिसंबरमें औद्योगिक उत्पादन में 0.6% की गिरावट दर्ज की गई. थोक मूल्यसूचकांक के आंकड़ों के मुताबिक, प्राथमिक वस्तुओं की मुद्रास्फीति 6.84%, जबकि ईंधन व बिजली की मुद्रास्फीति 10.03% रही. वहींविनिर्मित उत्पादों जैसे चीनी व खाद्य तेल की मुद्रास्फीति मामूली रूप सेबढ़कर 2.76% रही. | Read More » सबसे महंगे बिके युवी, RCB ने खर्च किए 14 करोड़ रूपये |
नई दिल्ली : हमेशा से ही विवादों से घिरे इंडियन प्रीमियर लीग के सातवें सत्र के लिए खिलाडिय़ों कीनीलामी हुई,जिसमें भारत और विश्व के कुछ बड़े सितारों केअलावा नए खिलाडिय़ों की भी बोली लगी. लीग में भ्रष्टाचार पर न्यायमूर्तिमुद्गल समिति की रिपोर्ट भले ही खिलाडिय़ों और फ्रेंचाइजी के लिए भले हीशर्मसार करने वाली हो लेकिन इससे होने वाली नीलामी पर असर नहीं पड़ाजिसमें 514 खिलाड़ी बिके. आपको बता दें कि कौन सा खिलाड़ी कितने रूपयों में बिका औरउसको किसने खरीदा.
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