नई दिल्ली : इन दिनों टी.वी. धारावाहिक भी लोगों की जहन में बना रहता है लेकिन आज कल मुगल सम्राट अकबर पर बनाए गए एक धारावाहिक 'जोधा अकबर' काफी चर्चे में है. गौरतलब है कि इस धारावाहिक का प्रसारण रोकने की मांग करते हुए भाजपा ने मांग की कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर ऐतिहासिकतथ्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए. आपको बता दें कि भाजपा की नजमा हेपतुल्ला ने शून्यकाल में यह मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि ज़ी चैनल पर प्रसारित हो रहे धारावाहिक 'जोधा अकबर'में मुगल सम्राट अकबर की छवि खराब करने की कोशिश की गई है. उन्होंने कहा कि, 'अकबर एक धर्मनिरपेक्ष और उदार ह्रदय सम्राट थे लेकिन धारावाहिक में उन्हें एक 'जालिम' सम्राट बताया गया है जिसने आमेर के किले से जोधा को जबरन अपने महल में लाने के बाद उसे खुद से विवाह करने के लिए बाध्य किया.' नजमा ने इसके साथ यह भी कहा कि टी.वी. एक सशक्त माध्यम है और स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को यह धारावाहिक अच्छा संदेश नहीं देता. धारावाहिक पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा की, 'सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को ऐसे किसी भी कार्यक्रम का प्रसारण नहीं होने देना चाहिए जिसमें देश के इतिहास को गलत तरीके से पेश किया गया हो.' वहीं जद(यू)ने भी इस मामले में ऐसा ही कहा. जद(यू) के शिवानंद तिवारी ने इस धारावाहिक पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि सम्राट अकबर को आज भी एक नजीर के तौर पर देखा जाता है और पूरा सम्मान दिया जाता है. ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए. इस मामले में संसदीय कार्य राज्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा कि वह सूचना एवं प्रसारण मंत्री को सदस्यों की भावनाओं से अवगत कराएंगे. शून्यकाल में ही शिवसेना के भरत कुमार राउत ने भी ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि, 'सीबीएसई की किताबों में छठीं कक्षा से बारहवीं कक्षा तक इतिहास के कई पन्ने पढ़ाए जाते हैं लेकिन इसमें मराठा इतिहास वाले अध्याय में छत्रपति शिवाजी का उल्लेख केवल दो ही पंक्तियों में है. राउत ने कहा कि इन पंक्तियों में शिवाजी के नाम के आगे छत्रपति नहीं लिखा है. महाराणा प्रताप का जिक्र भी केवल एक ही पंक्ति में है. इसके अलावा, महाराष्ट्र के एक प्रख्यात संत के बारे में कहा गया है कि वह एक अस्पृष्य समुदाय से थे. हम तो इतना ही कहेंगे कि राष्ट्रीय नायकों के प्रति सरकार को हमेशा संवेदनशील रहना चाहिए और देखना चाहिए कि कहीं किसी नायक की छवि को गलत तरीके से तो पेश नहीं किया जा रहा? उनकी गरिमा और सम्मान को बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है. |
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