|  आसाराम ईशारोंसे करते थेलड़कियों का शिकार  | जयपुर : यौण शोषण के आरोप में फंसे कथावाचक आसाराम की मुश्किलें कम होने के आसार नज़र नहीं आ रहे हैं. एक के बाद एक खुलासे हो रहे हैं जिससे आसाराम पर शिकंजा कसते हुए नजर आ रहा है. गौरतलब है कि आसाराम के कोडवर्ड्स का खुलासा हुआ है. कोडवर्ड्स और उसका मतलब सिर्फ उनके सेवादार ही समझ सकते थे, किसी बाहरी व्यक्ति के लिए इन्हें समझपाना संभव नहीं था. पुलिस जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि '400 लगाओ' का मतलब आसारामसे मोबाइल पर बात करना था. हालांकि सब यही सोचते थे कि उनके पास मोबाइल नहीं है लेकिन हकीकत कुछ और ही है. आसाराम का मोबाइल उनके रसोइए के पास होता था और आसाराम के अलावा कोई भी व्यक्ति उस फोन पर आने वाली कॉल को सुन नहीं सकता था. आसाराम का रसोइया फोन रिसीव करके आसाराम के कान पर लगा देता था. दर असल आसाराम के मोबाइल के आखिरी अंक '400' हैं इसीलिए उन्होंने अपना कोडवर्ड '400 लगाओ' रखा था. आसाराम का दूसरा कोडवर्ड था 'समर्पण'. जब आसाराम को कोई लड़की अच्छी लगती थी तो वह सेवकों को 'समर्पण' का आदेश देते थे जिसका मतलब था लड़की को आसाराम से मिलने के लिए अकेले भेजो. पीड़िता ने भी पुलिस और मजिस्ट्रेट को दिए बयान में कहा है कि उसके बीमार होने के तत्काल बाद छिंदवाड़ा आश्रम के निदेशक शरतचंद ने उसे अपने ऑफिस में बुलाया और साध्वी बनने की सलाह दे खुद को आसाराम को समर्पित करने के लिए कहा. आसाराम का तीसरा कोडवर्ड था 'नया नाम'. आसाराम उनके आश्रम आनेवाली लड़की को हमेशा नया नाम देते थे. उन्होंने पीड़िता को भी 'जट्टी' नाम दे रखा था. आसाराम की सेवादार 'शिल्पी' का भी असली नाम संचिता गुप्ता है. आसाराम का चौथा कोडवर्ड था- 'टॉर्च की रोशनी'. आसाराम ध्यान की कुटिया में अकेले ही रहा करते थे. जब भी किसी को वह ध्यान की कुटिया में बुलाना चाहते थे तो वह आवाज लगाने की बजाए टार्च मारकर उसे बुलाते थे. आपको बता दें कि आसाराम के बेटे नारायण साईं के निजी सचिव रहे महेंद्र चावला ने भी आसाराम पर आरोप लगाते हुए एक न्यूज चेनल से बातचीत में कहा था कि आसाराम लड़कियों के चयन के लिए एक खास तरीका अपनाते हैं. चावला के अनुसार आसाराम टॉर्च की रोशनी से डिपर मारकर या फल फेंक कर लड़की को सेलेक्ट करते थे. | Read More »  कल तक रामदेव के पास तो पंक्चर लगवाने के पैसे नहीं थे, आज इतने अमीर कैसे बन गए – दिग्विजय सिंह  | शाजापुर : कांग्रेस महासचिव एवं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने बयानों को लेकर हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं. इस बार उन्होंने विवादास्पद संत आसाराम बापू पर बयान देते हुए रामदेव बाबा को भी आड़े हाथों लिया. दिग्विजय ने आसाराम बापू को जमीन देनेको भूल बताते हुए सरकार से उनको दिया गया जमीन का पट्टा निरस्त किए जाने की मांग की है. आपको बता दें कि दिग्विजय ने जिले के सुसनेर में कांग्रेस द्वारा आयोजित किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि संत आसाराम को उन्होंने जमीन देकर भूल की थी जिसका पछतावा उन्हें अब है. संत आसाराम के साथ ही दिग्विजयने बाबा रामदेव पर भी निशाना साधा और कहा कि जिस व्यक्ति के पास दस साल पहले साइकिल का पंक्चर ठीक कराने के लिए पैसे नहींथे वही रामदेव आज 11 सौ करोड़ रुपएसे अधिक की संपत्ति के मालिक बन गए हैं. उन्होंने कहा कि इतने कम समय में उनके पास इतने पैसे कहां से आ गए? इसके अलावा मध्यप्रदेश की भाजपा सरकार पर केन्द्र से मिले पैसे का दुरुपयोग किए जानेका आरोप लगाते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा कि केन्द्र की योजनाओं से मिले पैसों के बलपर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जन अशीर्वाद यात्रा निकाल रहे हैं. देखना दिलचस्प होगा कि दिग्विजय सिंह के इस बयान का बाबा रामदेव क्या पलटवार करते हैं. | Read More »  मोदी की कुंडली में राजयोग?  | अहमदाबाद : गत 17 सितंबर यानि मंगलवार को भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन था. मोदी एक के बाद एक ख्याति प्राप्त करते ही जा रहे हैं और उनके प्रशंसकों की संख्या भी दिन ब दिन बढ़ रही है. गौरतलब है कि गुजरात विधानसभा चुनाव में तीसरी बार विजय पताका लहराने के बाद मोदी की नजर अब दिल्ली की गद्दी पर है. ज्योतिषियों की मानें तो मोदी की कुंडली में राजयोग है, जो उनकी बाधाओं को दूर करेगा. ग्रहों की स्थिति देखें तो ऐसा संकेत मिलता है कि अगले साल दिल्ली के लालकिला पर मोदी तिरंगा लहराएंगे. हालांकि कुछ ग्रहों के कारण थोड़ी बाधाएं आसकती हैं. आपको बता दें कि नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर 1950 को हुआ था और उनकी कुंडली में वृश्चिक लग्न और वृश्चिक राशि है. इनके जन्म के समय चन्द्रमा और मंगल दोनोंही कुंडली के पहले घर में वृश्चिक राशि में बैठे थे. बताते हैं कि वृश्चिक लग्न में मंगल लग्नेश होकर बैठता है और चंद्रमा जब भाग्येश होता है और लग्न में जब ये संयोग करते हैं, तब राजयोग बनता है. मोदी की कुंडली के ग्यारहवें घर में सूर्य बुध, केतु एवं नेप्चयून के साथ बैठा है. गुरु चौथे घर में शुक्र और शनि के आमने-सामने बैठे हैं. मंगल इनका लग्न स्वामी है और अपने ही घर में बैठा है जिससे मोदी आत्मबल और साहस से अपने विरोधियों को मात देते हुए आगे बढ़ते जाएंगे. मंगल की इसी स्थिति के कारण मोदी अपने विरोधियों को कभी माफ नहीं कर पाते और मौका मिलने पर विरोधियों से बदला जरूर लेते हैं. आपको बता दें कि ग्रहों की इस स्थिति के कारण मोदी की कुंडली में कई शुभ योग बने हुए हैं. जैसे गज केसरी योग, मूसल योग, केदार योग, रूचक योग, वोशि योग, भेरी योग, चंद्र मंगल योग, नीच भंग योग, अमर योग, कालह योग, शंख योग तथा वरिष्ठ योग. इन शुभ ग्रहों के प्रभाव के चलते ही नरेंद्र मोदी को भाजपा में सबसे वरिष्ठ पद पर पहुंचने का मौका मिला. इनके साथ ही पंचम स्थान और भाग्य स्थान कुंडली में बहुत महत्व रखते हैं. स्वामी चंद्रमा केंद्र में है और जिस वक्त चुनाव होगा, उन दिनों नरेन्द्र मोदी के भाग्यस्थान में बृहस्पति होगा, जो निश्चित ही फलदायी होगा. इनकी कुंडली में गजकेसरी योग है, जो इनकी बाधाओं को दूर करने के साथ ही इन्हें शीर्ष तक पहुंचने में मददगार सिद्ध होगा. ग्रहों की चाल और गोचरों की स्थिति तो मोदीके हित में है, अब देखना ये है कि सितारे उन्हें कहां तक सफल बनाते हैं. | Read More »  "काय असतो हा बलात्कार"??-दिपालीचव्हाण  |
घरचा अभ्यास पूर्ण करूनच मी खाली खेळायला गेले ‘सांग सांग भोलानाथ पाऊस पडेल काय’ हे गाण बोलून दाखवल्याने आई तू आज मला बक्षिसही दिलेस, … मी आणि सायली दिवाळीसाठी किल्ले बनवत होतो, आमचे कपडे,हात आणि छोटंस नाक ही मातीने भरलं होत, तेवढ्यात मदन काका तेथे आले,हसतच म्हणाले काय बर….चाललंय? मी म्हणाले काका,तुमच्या सायलीचे पण अंग चिखलानेच मळलय, सायली तू थांब, तू चॉकलेट खाल्लस आता मी छकुलीला देतो,अस्स म्हणून मला घरी घेवून गेले,आणि मी घरात शिरल्यावर पटकन दारही बंदकेले , मी चॉकलेट खाण्यात गुंग असताना माझ्या छाती- पाठीवरून ते हात फिरवत होते ,मी म्हणाले काका चॉकलेट संपल आता मी घरी जाते…. पण तुला नवीन ड्रेस देतो म्हणून माझ्या अंगावरचे कपडेही काढले आणि अचानक माझे तोंड दाबून मला जमिनीवरही पाडले, आई तू आणि बाबा गालावरच पापा घ्यायचे,पण काका संपूर्ण अंगावर घेत होते,त्यांच्या शरीराचा दाब माझ्या अंगावर पडल्याने माझे पोटही दुखतहोते, काका,अहो काका…. सोडा ना मला म्हणून मी रडत होते,गप्प बस नाही तर मारेन म्हणून ते माझ्यावरच ओरडतहोते , अचानक झालेल्या वेदना सहनझाल्या नाहीत तेव्हा मला आई तुझीच आठवण येत होती,आता आई प्रतिकार करण्याची माझी ताकदही संपली होती,अचानक मदन काकांनी माझ्या नाका-तोंडावर उशी दाबली, आई सर्दी घ्यायला कसा त्रास होतो,तसच वाटत होत ग,घरातल्या भिंतीही पंख्यासारख्या माझ्या डोळ् फिरत होत्या,शेवटी मी उशीच्या आतंच हंबरडा फोडला ,आणि तुझाच चेहरा डोळ्यांसमोर ठेवून शेवटचा श्वास सोडला……… आई मदन काकांनी असं का केल ग ?? मी तर त्यांच्या सायलीचे फटाकेही नाही घेतले,तिच्या वाटेचे चॉकलेट ही नाही खाल्लं,मग का असे वागले ते माझ्याबरोबर? आठवतंय तुला आई ,एकदा कढईतल्या गरम तेलाचा थेंबमाझ्या हातावर पडला होता तेव्हा तू ही माझ्याबरोबररडलीस,पण आज तर माझ संपूर्ण शरीरच जळाल पण तू माझी हाक नाही ऐकलीस, आता आई दोन दिवस झाले तू आणि बाबा,संत्या मामा,रज्जु ताई,आजी सगळे- सगळे रडताय,मी तुम्हाला हाक मारतेय पण तुम्ही लक्ष्यचदेत नाहीये ,आई बर्थ-डेला तू माझ्या गळ्यात हार घालायचीस पण आज माझ्या फोटोला हार का घातला आहेस ग? आज तर माझा बर्थ-डे ही नाही ,सगळेजण तुला म्हणतात,”तुमची मुलगी देवाघरी गेली” पण आई…..देवाघरी जायला मदन काकां सारख्यांच्या वेदना सहन कराव्या लागतात का ग? आई मीतुला कधी पासून ओरडून-ओरडून सांगतेय,पण तू काही ऐकतच नाहीस,फक्त रडत बसलीयेस,आता माझा घसा पण सुखलाय मला थोड पाणी देशील का ग ?? ग्लासात नको माझ्या water bag मध्येच दे, आई आता मी तुझ्या कडे येवू शकत नाही पण माझी सगळी खेळणी सायलीला दे आणि हो….. तिला सांग मदन काका म्हणजे तिच्या पप्पांकडून चॉकलेट नको घेवू हं…. नाहीतर ते तिला पण दुखवतील आणि उशीने तोंड दाबून देवाघरी पाठवतील,आई शेजारच्या काकू बघ ना, आप-आपसात बोलत असतात…… अगं….. तिच्या मुलीवर “बलात्कार” झालाय……, “सांग ना ग आई, काय असतो हा बलात्कार”?????? “सांग ना ग आई, काय असतो हा बलात्कार”?????? (या लेखातील सर्व नावे काल्पनिक आहेत) | Read More »  अग्नि-5 के सामने कोई टिक नहीं सकता  | अग्नि-5 के सामने कोई टिक नहीं सकता भारत से उलझना पड़सकता है महंगा? जालंधर : गत रविवार को ओडि़शा तट से अग्नि-5 का सफल परीक्षण करने के पश्चात भारत दुनिया का ऐसा छठा देश बन चुका है जो अंतर महाद्वीपीय मिसाइल से लैस है. गौरतलब है कि इस मिसाइल की अनेक विशेषताएं है. इसकी मारक क्षमता पांच हजार किलोमीटर से ज्यादा है, जो कि एक महत्वपूर्ण विशेषता है. यह 1.5 टन परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है. इसके लपेटे में पूरा एशिया, अफ्रीका और यूरोप के कुछ हिस्से आ जाएंगे.
भारत के प्रतिद्वंदी चीन के लिहाज से यह मिसाइल बहुत महत्तवपूर्ण है. यह परमाणु हथियार न सिर्फ शंघाई और बीजिंग तक पहुंच सकती है, बल्कि चीन में सबसे उत्तरी कोने पर बसा हैबिन सिटी तक इसके लपेटे में आ सकते हैं. इससे पहले अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, रूस और चीन के पास ऐसी मिसाइलें हैं. हमेशा से विवादित क्षेत्र रहने वाले तिब्बत में चीनके द्वारा लंबी दूरी की मिसाइलों को तैनात करने के बाद अग्नि-5 का प्रक्षेपण काफी महत्व रखता है. आपको बता दें कि अगर इस मिसालइ को एक बार दाग दिया जाए तो इसे रोकना लगभग नामुमकिन है और इसे लांचकरना इतना आसान है कि इसे किसी सड़क के किनारे से भी दागा जा सकता है. उल्लेखनीय है कि अभी इसके कुछ और प्रक्षेपण बाकी है जिसके पूरे होने के बाद इसे 2014-15 तक सेना में शामिल किया जाएगा. इस मिसाइल की लंबाई 17.5 मीटर है और इस पर करीब 2500 करोड़ रुपये की लागत आई है. अग्नि-5 में जिन तकनीकों का प्रयोग किया गया है उन्होंने अमेरिका जैसे देशों को भी कतार में लाकर खड़ाकर दिया है. सुपरपावर बना भारत, दुश्मनों की हालत खराब: अग्नि-5 ने भारत का नाम दुनिया के उन कुछ गिने चुने देशों में शामिल कर दिया है जिन्हें पूरी दुनिया ने सुपरपावर माना है. अब भारत पर हमला करने की ताक में रहने वाले दुश्मनों को भारत पर हमला करने से पहले सौ बार सोचना पड़ेगा. सीमा पर लगातार अपनी दादागिरी दिखाने वाले चीनके लिए भी अग्नि-5 एक सबक है. भारत की चिंताएं अग्नि- 5 के सफल परीक्षण के बाद कुछ कम जरूर हुई हैं क्योंकि इन दिनों चीन अपनी हद से आगे बढ़ रहा था. बता दें कि अग्नि- 5 की सफलता के बाद चीन कहीं न कहीं बौखलाया हुआ भी दिखाई दे रहा है. चीन ने कहा है कि भारत की अग्नि-5 से उसको किसी तरह कोई खतरा नहीं है न ही इस सफलता के साथ उसे कुछ हासिल होने वाला है. अरूणाचल प्रदेश में चीन लगातार अक्रामक तेवर बनाए हुए है जिसका मुंह तोड़ जबाव अब भारत के पास भी मौजूद है. चीन को देखते हुए ही भारत ने अग्नि-5 के जरिए कई उपलब्धियां हासिल की हैं. यह मिसाइल अपने लक्ष्य अर्थात महज बीस मिनट के अंदर पांच हजार से अधिक की दूरी तय कर सकती है. | Read More »  दिल्ली गँगरेपची घटना लवकरच रुपेरी पडद्यावर  | जम्मू-काश्मीर : दिल्लीत 16 डिसेंबर 2012 रोजी चालत्या बसमध्ये झालेल्या सामूहिक बलात्कारामुळे संपूर्ण देश हादरला होता. बलत्काराची ही घटना आता लवकरच रुपेरी पडद्यावर दिसणार आहे. दिल्लीच्या या घटनेवर जम्मूमधील एका दिग्दर्शकाने ‘दामिनी…द विक्टिम’ नावाचा चित्रपट बनवला आहे. विशेष म्हणजे या चित्रपटात काम करणारे सर्व कलाकार जम्मू आणि काश्मीरमधलेच आहे. तसंच संपूर्ण सिनेमा जम्मू आणि काश्मीरमध्येच चित्रीत झाला आहे. बॉलिवूड अभिनेते रघुवीर यादव यांनीही या चित्रपटात छोटीशी भूमिका साकारली आहे. दामिनी नावाच्या मुलीची ही कहाणी आहे. या मुलीसोबत गँगरेप होतो, जसा 16 डिसेंबर रोजी दिल्लीत चालत्या बसमध्ये झाला होता. गँगरेपनंतर मुलीची मानसिक स्थिती या सिनेमात दाखवण्यात आली आहे. हा सिनेमा पुढील महिन्याच्या दुसऱ्या आठवड्यात हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, पंजाब आणि जम्मू-काश्मीरमध्ये प्रदर्शित होणार आहे. | Read More »  अदिती राव हैदरी श्रीदेवी के गाने पर झूमेंगी  | मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : इन दिनों पुरानी फिल्मों और पुराने गानों की बहार है. बनने वाली नई फिल्मों में भी पुरान गानों का तड़का देखने को मिल रहा है. इसी तर्ज पर आनेवाली फिल्म 'द बॉस' में भी अपने जमाने का एक सुपरहिट गाना लिया गया है. गौरतलब है कि बॉलीवुड की नवोदित अभिनेत्री अदिती राव हैदरी फिल्ममें श्रीदेवी के सुपरहिट गाने 'हर किसी को नही मिलता यहां प्यार जिंदगी में' पर थिरकती नजर आएंगी. आपको बता दें कि रूप की रानी के नाम से मशहूर श्रीदेवी पर वर्ष 1986 मेंप्रदर्शित फिल्म "जांबाज" में कल्याणजी आनंदजी के संगीत निर्देशन में साधना सरगम की आवाज में हर किसी को नही मिलता गाना फिल्माया गया था. अब यह गाना अदिती राव हैदरी पर द बॉस में फिल्माया गया है. इस संबंध में अदिती ने कहा कि, 'यह एक आइकॉनिक गाना है और इस गाने का हिस्सा बनकर मै बेहद खुश हूं. हमने इस गाने को अलग तरीके से शूट किया है. यह एक रोमांटिक गीत है.' गौरतलब है कि 'द बॉस' वर्ष 2010में प्रदर्शित मलयालम फिल्म पोकिरीराजा की रिमेक है. इस फिल्म में अक्षय कुमार मुख्य भूमिका में नज़र आएंगे. अक्षयके अलावा डैनी, मिथुन चक्रवर्ती, रोनित राय, परीक्षित साहनी, शिव पंडित और जॉनी लीवर कीफिल्म में मुख्य भूमिका है. उल्लेखनीय है कि द बॉस 16 अक्तूबर को प्रदर्शित होगी. | Read More »  अमृता राव, सनी देओल से प्रभावित  | मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : सनी देओल अपने माचो मैन अवतार और अलग तरह के अभिनय के लिए जाने जाते हैं. सनि के हजारों-लाखों फैंस में अब अभिनेत्री अमृता राव का नाम भी जुड़ गया है. अमृता सनी देओल को एक्शन करते देखकर अपने आप को बेहद भाग्यशाली मानती हैं. बता दें कि अमृता सनी देओल के साथ 'सिंह साहब द ग्रेट' में काम कर रही हैं. गौरतलब है कि इस फिल्म में अमृता राव ने रिपोर्टर की भूमिका निभाई है. अमृता राव का कहना है कि, 'फिल्म के सेट पर सनी को एक्शन सीन करते देखना मेरे लिए किसी बोनस की तरह था. मैं उनके ढ़ाई किलो का हाथ देखने के लिए उनके बाजुओं को ही देखती रहती थी. सनी देओल को देखकर मुझे भी एक्शन करने का मन करताथा.' अमृता के अनुसार उन्होंने भी इस फिल्म में कुछ एक्शन सीन किए हैं. अमृता ने यह भी कहा कि इस फिल्म में रिपोर्टर का किरदार निभाने के लिए मैंने काफी मेहनत की है और इसके लिए काफी रिसर्च किया है. आपको बता दें किअनिल शर्मा के निर्देशन में बनी 'सिंह साहब द ग्रेट' में सनी देओल और अमृता राव के अलावा उर्वशी रौटेला, प्रकाश राज, जॉनी लीवर और रवि किशन की मुख्य भूमिका है. उल्लेखनीय है कि यह फिल्म 22 नवंबर को प्रदर्शित होगी. | Read More »  बदमाश इमरान, दीपिका को नहाते हुए निहारना चाहते हैं  | मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : इमरानम खान, बॉलीवुड में अपने अलग ही अंदाज के लिए जाने जाते हैं. उनकी बॉलीवुड में काफी शरीफ इमेज है. लेकिन इमरान के शरीफ चेहरे के पीछे एक नॉटी चेहरा भी है यह हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू से पता चला. गौरतलब है कि इस साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि अगर वे अदृश्य होते तो दीपिका को उस समय निहारना चाहते हैं जब वे नहा रही हों. इतना ही नहीं इमरान ने बताया कि बचपन में उन्होंने गर्ल्स हॉस्टल में घुस कर लड़कियों की नाक में दम कर दिया था. 10 वर्ष की उम्र में उन्होंने एक महिलासे थप्पड़ खाया था. यह बात इमरान के फैंस को पता है कि इमरान दिन में तीन बार नहाना पसंद करते हैं लेकिन दीपिका को लेकर ऐसे ख्यालातकहीं उन्हें भारी ना पड़े.अब देखना दिलचस्प होगा कि इमरान कि इस बात पर दीपिका क्या जवाब देती हैं. | Read More »  आतंकियों के निशाने पर नरेंद्र मोदी, सुरक्षा करेंगे 108 कमांडो  |
अहमदाबाद : मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में कड़े इंतजाम किए जा रहे हैं क्योंकि उनका बढ़ता प्रोफाईल उनकी जान के लिए खतरा भी लेकर आ रहा है.गौरतलब है कि सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले नेशनल सिक्योरिटी गार्ड(एनएसजी)ने अपनी कमर कस ली है. एनएसजी अपने ‘सबसे सुरक्षित’ वीआईपी की सुरक्षा बढ़ाने के लिए नई योजनाओं पर काम कर रहा है. आपको बता दें कि जून में जब मोदी को भाजपा की चुनाव प्रचार समिति का अध्यक्ष बनाया गया था, तो भी उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई थी. गृह मंत्रालय की मंजूरी से एनएसजी ने मोदी की सुरक्षा के आंतरिक दायरे में सुरक्षाकर्मियों की तादाद 18 से बढ़ाकर 36 कर दी गई थी. अब मोदी के क्लोज रेंज सुरक्षा के लिए 108 एनएसजी सुरक्षाकर्मी रहेंगे. उल्लेखनीय है कि मोदी भारत में सभी बड़े इस्लामी आतंकी संगठनों की हिटलिस्ट में है और उनका लगातार बढ़ता प्रोफाइल सुरक्षा एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है, क्योंकि अब उनका गुजरातसे बाहर उनका आना-जाना काफी बढ़ गया है. ऐसा माना जा रहा है कि यह चिंता तब से और बढ़ गई, जब से मोदी ने भाजपा की प्रचार समितिकी कमान संभाली है. एनएसजी ने हाल में गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर दिल्ली, हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में इन वीआईपी की ओर से हुए उल्लंघन का जिक्र किया था. जून में सुरक्षा बढ़ाए जाने के बाद मोदी अब उन लोगों में शुमार होगए हैं, जिन्हें एनएसजी की ओर से सबसे ज्यादा सुरक्षा मिलती है. बता दें कि भाजपा के दिग्गज नेता लालकृष्ण आडवाणी, बसपा प्रमुख मायावती, तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमण सिंह और उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, सभी को जेड-प्लस सुरक्षा मिली हुई है, लेकिन मोदी के पास इन सभी से ज्यादा सुरक्षाकर्मी हैं. | Read More »  बराक ओबामा से आगे हैं नरेंद्र मोदी  |
नई दिल्ली : गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों आम लोगों के बीच बहुत ज्यादा जाने जा रहे हैं. लोग उनके बारे में जानना चाहते हैं और उनके बारे में जानने की यह दिलचस्पी मोदी के भाजपा के प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनने के बाद ज्यादा बढ़ गई है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नरेंद्रमोदी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा को पछाड़ गूगल सर्च के मामले में नं 1 बन गए हैं. अब मोदी गूगल पर दुनिया में सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले शख्स बन गए हैं. आपको बता दें कि जानकारी के अनुसार मोदी को भाजपा के प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी बनाए जाने के बाद उन्हें एक दिन में सबसे ज्यादा सर्च किया गया. इसके साथ ही मोदी के ट्विटर पर 30 अगस्त तक 2,206,260 फोलोअर्स थे. उनके ट्विटर पर ट्वीट की बात की जाए तो वह अनेक भाषाओं में ट्वीट करते हैं. उनके ट्वीट हिंदी के अतिरिक्त उर्दू, कन्नड़, मराठी, मलयालम, उड़ीया, तमिल, बंगाली और अन्य भाषाओं में उपलब्ध होते हैं. | Read More »  भारतीय मूल की मिस अमेरिका नीना पर नस्ली टिप्पणियां  | न्यू जर्सी : अमेरिका में भारतीय मूल की पहली मिस अमेरिका का ताज पहनने वाली नीना दावुलूरी के खिलाफ सोशल मीडिया में नस्ली प्रतिक्रियाएं की गई हैं. हालांकि 24 वर्षीय इस सुंदरी ने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया और कहा कि उन्हें इन सब चीचों से उपर उठना है. आपको बता दें कि ट्विटर पर कुछ लोगों ने उन्हें अरब और अलकायदा से रिश्ते रखने वाले एवं भारत से 30 साल पलायन कर यहां पहुंचे एक स्त्री रोग विशेषज्ञ की औलाद करार दिया. इसके अलावा उन पर कई और नस्ली टिप्पणियां की गई हैं. परंतु तमाम नस्ली टिप्पणियों को नीना ने नजरअंदाज किया और कहा कि, 'मुझे इन सबसे उपर उठना है. मैंने खुद को एक अमेरिकी के तौर पर देखा है.' | Read More »  राम जेठमलानीने अपने पैरों पर खुद ही कुल्हाड़ी मार ली पीड़ित लड़की पर की गंभीर टिप्पणी  | नई दिल्ली : यौन शोषण के आरोप में फंसे आसारामकी मूसीबतें कम होने का नाम ही नहीं लेरही हैं. अभी तक तो आसाराम ही उपहास का पात्र बने हुए थे लेकिन अब उनकी पैरवी कर रहे सीनियर वकील रामजेठमलानी की भी सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर जमकर आलोचना हो रही है. गौरतलब है कि जेठमलानी ने खुद ही अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार ली है. आपको बता दें कि जेठमलानी ने आसाराम की जमानत के लिए दलील देते हुए कोर्ट में कहा था कि पीड़ित लड़की ऐसी ‘गंभीर बीमारी’ से ग्रसित है, जो एक महिला को मर्द की तरफखींच लाती है. उनके इसी बयान पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है और जम कर आलोचना हो रही है. जेठमलानी के इस बयान पर लोगों की काफी तीखी प्रतिक्रियाएं भी आ रही हैं. मशहूर लेखिका तस्लीमा नसरीन ने ट्वीट किया कि, ‘लड़की को ‘बीमारी’ है जो उसे मर्दों के पास खींच लाती है इसलिए पुरुष उसका रेप कर यह बीमारी ठीक कर रहे हैं?’ इसके साथ ही कई लोगों ने तो जेठमलानी की तुलना दिल्ली गैंग रेप मामले में दोषियों के वकील ए.पी.सिंह से कर डाली. सिंह ने भी हाल ही में एक बेहूदा बयानदिया था कि गैंग रेप पीड़िता रात में 11 बजे अपने बॉयफ्रेंड के साथ क्या करने गई थी? इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि, 'अगर वह मेरी बेटी या बहन होती तो मैं उस पर सरेआम पेट्रोल डालकर उसे जला देता.' सिंह के इस बयान के बाद उनकी कड़ी आलोचना की गई थी. जेठमलानी के बयान पर लेखक गौतम चिंतामणि ने लिखा कि, 'राम जेठमलानी कुएंमें मौजूद ऐसे मेढक की तरह हैंजो एक कदम आगे चलता है तो दो कदम पीछे चलाजाता है. वह आसाराम के बचाव में कुछ भी कह सकते हैं.’ | Read More »  जागो अण्णा जागो….  | वी.के.सिंह को मोदी के रैली में शामिल होने की मिलेगी सजा? क्या अण्णा हजारे अब वी के सिंह का साथ देंगे?
मुंबई(चंदन पवार) Email:chandanpawar.pits@gmail.com यूं तो कहा जाता है कि भारत में प्रत्येक व्यक्ति को अभिव्यक्तिकी आजादी है. देश के किसी भी कोने में रहने और अपनी बात को समाज के सामने रखने का पूरा अधिकार है और इस बात का समर्थन भारत का संविधानभी करता है. लेकिन देश में इस समय चल रहे मामलों को देखते हुए लगता है कि देश में कोई भी अपने मर्जी से कहीं आ जा नहीं सकता है और ना ही अपने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल कर सकता है? इसके सबसे बड़े उदाहरण हैं, पूर्व आर्मी चीफ जनरल वी.के.सिंह. हरियाणा के रेवाड़ी में पूर्व सैनिक रैली में नरेंद्र मोदी के साथ एक सभा में शामिल होने के बाद वी.के.सिंह पर आरोपों की छड़ी सीलग गई है. गौरतलब है कि वी.के.सिंह के खिलाफ आरोपों की फेहरिस्त काफी लंबी है. उन पर जम्मू-कश्मीर की उमर अब्दुल्ला सरकार को अस्थिर करने के लिए सीक्रेट सर्विस फंड का दुरुपयोग करने, रक्षा मंत्रालयके सीनियर अधिकारियों की अवैध तरीके से फोन टेप करने, वित्तीय गड़बडिय़ां करने जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं. मामला आरोप लगानेपर ही रूकता नहीं देखता बल्कि ऐसा भी माना जा रहा है कि रक्षा मंत्रालय वी.के.सिंह के खिलाफ उन पर लगाए आरोपों की जांच सीबीआई से करवा सकता है? अगर ऐसा हुआ तो पूर्व जनरलवी.के.सिंह के लिए बड़ी मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं. जानकारी के अनुसार रक्षा मंत्रालय इस बारे में पीएमओ को अपनी रिपोर्ट जल्दही सौंप सकता है और इसके बाद कुछ ठोस कदम उठाए जा सकते हैं. वहीं दूसरी ओर वी.के.सिंह को लेकर राजनिती गरमा गई है और अलग-एलग नेताओं के बयान आने शुरू होगए है. इस मामले के बाद ऐसा लगता है कि नरेंद्र मोदी के साथ संबंध रखने वालों की खैर नहीं. जो भी नरेंद्र मोदी के साथ एक मंच साझा करेगा उसके खिलाफ कांग्रेस इसी तरह आरोप लगाकर या कमेटियां बैठाकर उसको नस्तानाबूद करने की घिनौनी राजनीति करने लगी है. इसमें सबसे बड़ा सवाल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उठता है. क्या भारत में कोई व्यक्ति कुछ बोलने के लिए भी स्वतंत्र नहीं है? क्या वह नरेंद्र मोदी या देश के किसी भी व्यक्ति के साथ एक मंच पर खड़ा नहीं हो सकता? भारत में यह कैसी हिटलरगिरी शुरू हो गई है? अगर इस तरह की राजनीति को रोका नहीं गया तो आनेवाले समय में शायद लोगों को प्रजातंत्र में नहीं बल्कि गुलामी में जीना पड़ सकता है, इतनी बड़ी यह गंभीर समस्या है. वहीं दूसरी ओर अब लोगों की निगाहें गांधीवादी समाजसेवी अण्णा हजारे पर भी है. देखना चाहते हैं कि अण्णा देश में बेगुनाहों को बचाने के लिए क्या कदम उठाएंगे? क्या अण्णा वी.के.सिंह के लिए आगे आकर उनका समर्थन करेंगे? ऐसे कठिन समय में अण्णा हजारे को वी.के.सिंह का साथ देना बहुत जरूरी है. तभी देश का प्रजातंत्र अपना अस्तित्व रखेगा. ऐसे में जरूरत है कि देश के भी लोग आगे आएं और वी.के.सिंह का साथ दें. एक बार यह मान लें कि वी.के.सिंह पर लगे आरोप सही हैंतो उनके ऊपर लगाए गए आरोप इस रैली के बाद ही क्यों सामने आए? इससे पहले क्या सरकार सो रही थी? क्यों वीके सिंह के कार्यकाल में ही उनकी जांच नहीं करवाई गई? ऐसे कई सवाल पैदा हो रहे हैं? इस विषय में अलग-अलग पार्टी के नेताअपने अपने तरीके से बयानबाजी कर रहे हैं. जिसमें हैं. मुख्तार अब्बास नकवी(भाजपा) : अगर सही कारणोंकी वजह से जांच होती तो उन्हें कोई एतराज़ नहीं है. उन्होंने कहा कि लेकिन अगर कोई व्यक्ति किसी पार्टी से जुड़ता है, उसके बाद उस पर जांच हो तो ये तो बेशर्मी है. अबतो इनके कुछ मंत्री भी हमारी पारी में आने वाले हैं, तब ये क्या करेंगे, क्या इनको भी जेल भेज देंगे? इनकी बौखलाहट साफ़ नजऱ आ रही है
मनीष तिवारी(सूचना प्रसारण मंत्री) : अखबार में छपी रिपोर्ट पर सरकार की पूरी नजर दें. अगर किसी मौजूदा या रिटायर्ड अफसर के खिलाफ गड़बड़ी मिली तो सख्त कार्रवाई होगी. सरकार यह भी निर्धारित करेगी कि आगे इस तरह की घटनाएं ना हों.'
राशिद अल्वी(कांग्रेस नेता) : 'पीएमओ इस मामले को देखेगा. जनता जानना चाहती है कि वो खुद से ऐसा कर रहे थे या किसी राजनीतिक पार्टी के प्रभाव में काम कर रहे थे.'
नरेश अग्रवाल(सपा सांसद) : वीके सिंह सेना के चीफ थे, उनको सारे सेना के सीक्रेट्स मालूम हैं. यह भारत सरकार ने देखा होगा, उसी के हिसाब से जांच हुई होगी.
किरण बेदी : 'जब तक वीके सिंह देश की एकताकी बात कह रहे थे तो हीरो थे, अब वो एक अंदर के व्यक्ति की तरह बात कर रहे हैं तो उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश हो रही है.'
हूण(लेफ्टिनेंट जनरल) : 'वीके सिंह की छवि पर उनके सेवा विस्तार से ही सवाल उठे हैं. लोगों में इसका अच्छा संदेश नहीं गया. इस तरह की बात बहुत शर्मनाक है. अगर यह सच है तो यह सेना के लिए बहुत डरावना और दुखद है.'
अब आगे देखना दिलचस्प होगा कि जो वी.के.सिंह अण्णा के दिल्ली के अनशन के समय मौजूद थे और उनके हाथों द्वारा ही अण्णा ने अनशन तोड़ा. उस वी.के.सिंह के लिए और लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का साथ देते हैं या नहीं. | Read More »  मुजफ्फरनगर दंगा  | आजम ने बहाया बेगुनाहों का खून? मुजफ्फरनगर दंगों की आंचमेंराजनीतिक रोटियां सेकने की कोशिश
मुंबई(रजिया निसार): दुनिया में ऐसे कई लोग आपको मिल जाएंगे जो दूसरों के घर जलाकर उसी आंच में अपनी रोटी सेंकते नजर आएंगे भारत की राजनीति में यही देखने को मिल रहा है. पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर मेंहुए सांप्रदायिक दंगे और उसके बाद बने माहौल का राज्य का हर राजनीतिक दल अपने तरीके से फ़ायदा उठाने की कोशिश कर रहा है. मुजफ्फरनगर में चारों तरफ गमगीन माहौल है, मरे हुए लोगों के रिश्तेदार अपनों की तलाश में जुटे हुए हैं लेकिन राजनीतिक दल इसमें भी अपना फायदा ही सोच रहे हैं. पर यह कैसा स्वार्थ है जो अपनों को अपनों से जुदा कर देता है और शांतिपुर्ण माहौल को तनावपुर्ण और मौत के शोर में तब्दीलकर देता है. परंतु दूसरी ओर सबसे बड़ाप्रश्न यहउठता है किइस मौत के तांडवके पीछे किसका हाथ है? आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर दंगोंके लिए अखिलेश यादव सरकार चौतरफा आलोचना झेल रही है और स्टिंग ऑपरेशन के खुलासे के बाद साफ पता चलता है कि इस पूरे तबाही के पीछे सबसे बड़ा हाथ आजम खान का है. हालांकि आलोचना झेलते हुए भी अखिलेश यादव ने आजम खान का बचाव किया और दंगों के पीछे भाजपा का हाथ बताकर पल्ला झाड़ने की कोशिश की. अखिलेश यादव यह मानते हैं कि दंगों से निपटने में प्रशासन सेभूल हुई और पुलिस ने निष्पक्षता से काम नहीं किया. पुलिस मासूम और बेगुनाह लोगों की मदद के लिए गांव में नहीं गई और उनको मरने के लिए छोड़ दिया. अगर अखिलेश यह मानते हैं कि उनके प्रशासन से चूक हुई है तो इसकी सजा किसे मिलेगी? क्योंकि प्रशासनको चलानेवाले और मुखिया तो स्वंय अखिलेश ही हैं. आजम खान के खिलाफ इतना बड़ा सबूत मिलने के बाद भी उनका बचाव करने पर अखिलेश यादव के भूमिका पर भी प्रश्न उठता है. आपको बता दें कि मुजफ्फरनगर जिले में हुए दंगों पर एक निजी समाचार चैनल द्वारा स्टिंग ऑपरेशन किया गया जिसमें राज्य के मंत्री आजम खानसे संबंधित बड़ा खुलासा किया गया. इस स्टिंग ऑपरेशन में बताया गया कि मंत्री के इशारे पर ही पुलिस ने कार्रवाई करने में देरी की जिससे दंगे ज्यादा भड़के. उन्होंने फोन पर कहा था कि जो हो रहा है, होने दो. इसके अलावा चैनल के खुलासे के बाद कई सनसनीखेज बातें सामने आई कि राज्य के मंत्री के इशारे पर ही सात आरोपियों को छोड़ा गया और उन्होंने दंगों को भड़काने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हालांकि आजम खान ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन करते हुए अपने आपको बेगुनाह बताया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, 'जिस न्यूज़ चैनल ने ये स्टिंग ऑपरेशन टीवी पर दिखाया है, उसे ख़ुद इस मामले में जांच करनी चाहिए. मेरे मोबाइल और घर के नंबर, दफ्तर के नंबर सभीके रिकॉर्ड्स उपलब्ध है उनकी जांच की जानी चाहिए." आज़म खान ने आगे कहा, "अगर मैं दोषी पाया गया तोमुझे सज़ा मिलनी चाहिए. मैं कड़ी से कड़ी सज़ा भुगतने के लिए तैयार हूं. मैं उस तरह का व्यक्ति नहीं हूं जो इस तरह के काम करता हो. "यह भले ही अपने आपको साफ बता रहे हों परंतु स्टिंग ऑपरेशन ने उनकी पोल खोल कर रख दी है. आपको बता दें कि मुज़फ़्फ़रनगर में भड़की हिंसा के सिलसिले में कुल 16 लोगों के ख़िलाफ़ मामला दायर किया गया है जिसमे भारतीय किसान यूनियन, भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी और समाजवादी पार्टी के नेता शामिल हैं. अभी तकतीन लोगों को इस सिलसिले में गिरफ़्तार किया जा चुका है.परंतु सबसे बड़ा सवाल यहां यह उठता है कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के लोगों का क्या कुसूर था? उन बेगुनाहों को क्यों अपनी जान गंवानी पड़ी? जिन लोगों ने अपना कीमती वोट देकर पार्टी को जिताया और सत्ता की ताकत दी, उन्हें बेमौत मरना पड़ा. यह कैसी राजनीति है जिसमें वोट बैंक बनाने के लिए लोगों का खून बहाना पड़ रहा है. दंगेके लिए जो भी जिम्मदार हैं उन्हें सजा मिलनी चाहिए. वहीं ऐसे लोगों को सजा दिलाने के लिए सभी लोगों को धर्म भूलकर आगे आना चाहिए और गुनहगारों के खिलाफ सख्त कदम उठाना चाहिए.पर भारत की यह सबसे बड़ी विडंबना है कि यहां गुनहगारों को सजा मिलने में काफी समय लग जाता है और उनके हौसले बढ़ते रहते हैं. कमेटियां बैठती हैं और मामला फाईलों में ही घूमते रहता है. | Read More »  भाजपा 'नमो' मंत्र से मध्यप्रदेश में 175 सीटें जीतेगी? इंदौर : धार्मिक नगरी उज्जैन में कुछ दिनों पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली जन आशीर्वाद यात्रा की महत्वाकांक्षी शुरूआत के दौरान भाजपा की चुनाव अभियान समिति के प्रमुख नरेंद्र मोदी का चेहरा होर्डिंग – बैनरों से गायब रहने की खबरें सुर्खियों में थीं. हालांकि मोदी के भाजपा के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित होने के बाद राज्य में राजनीति के समीकरण बदल गए और सत्तारूढ़ दल केनेताओं ने 'नमो' मंत्र का जाप शुरू कर दिया है. नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनावों में 'नमो' मंत्र से कोई प्रभाव होगा, यह पूछने पर वरिष्ठ भाजपा नेता और सूबे के उद्योगमंत्री कैलाश विजयवर्गीयका कहना है कि यह सोने पर सुहागा की तरह है. शिवराज का प्रदेश में वैसे ही बहुत प्रभाव है. मोदी के आने से भाजपा का सूबे में असर बढ़ेगा और हम कुल 230 सीटों में से लगभग 175 सीटें जीत सकेंगे. उल्लेखनीय है कि भाजपा पहले ही कह चुकी है कि वह प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में पार्टी को मजबूती देने के लिए मोदी की बतौर स्टार प्रचारक मदद लेगी. Read More »  लाईफ स्टाइल – फैशनेबल दिखने के लिए पतला होना जरूरी नहीं  |
कई लड़कियों को लगता है कि वह मोटी हैं इसलिए वह ड्रेस नहीं पहन सकती जिसे आम तौर पर पतली काया वाली लड़कियां पसंद करती हैं. क्योंकि उनका मानना है कि छरहरे बदनवाली लड़कियों के लिए मार्कट में कई वरायटी है और वह अपनी पसंद की फैबरिक या डिजाइनवाली ड्रेस पहनकर फैशनेबल बन सकती हैं. लेकिन उन्हें अपने लिए केवल एक्स एल साइज की ड्रेस ही चुननी पड़ती है जिसमें उन्हें सबसे पहले अपनी कंफर्ट देखनी होती है जिसकी वजह से वह फैशन को नज़रअंदाज कर देती हैं. पर वास्तव में देखा जाए तो फैशनेबल दिखने के लिए वजन का कम होना जरूरी नहींहै. टी.वी पर आनेवाले अवार्ड फंक्शन या फिर सीरियल्स इत्यादि में कई महिला आर्टिसट हैं जो प्लस साइज की हैं फिर भी बहुत आकर्षक नज़र आती हैं. पर इसके लिए आपको ड्रैस स्टाइल की तरफ थोड़ा ज्यादा ध्यान देना होगा जिससे कि आपअपना एक स्टाइल मेंटेन कर सकें. इसके साथ ही अपने अंदर आत्म-विश्वासजगाएं और साथ ही अपने सजने-संवरने का अंदाज ही बदल दें. वेस्टर्न वियर पहनने से हिचके नहीं : यदि आप भी वेस्टर्न वियर्स पहनना चाहती हैं और अपने मोटापे के कारण इन्हेंट्राई करने से हिचकिचाती हैं तो इस हिचक को छोड़ दें क्योंकि लेयरिंग का फंडा आपके लुक को निखार सकता है. हल्के कपड़े से लेयरिंग स्टाइल दे दीजिए अपनी पोशाक को. एप्पल शेप फिगर में लेयरिंग से आपकी बॉडी कुछ शेप में नजर आएगी. इसके अलावा कैजुअल वियरिंग में आप दो फैब्रिक्स मिला कर भी लेयरिंग बनवा सकती हैं. इसके अलवा स्लीक स्टाइल डार्क कलर की जींस-स्कर्ट पहनने से भी आप थोड़ी पतली नजर आएंगी. वी शेप में नेक बनवाएं : पोशाक में वी नेक बनवाएं, यह कंधे और नेक लाइन को हाईलाइट करता है. यदि टी-शर्ट में यह आपको नहीं मिल रहा तो सलवार-सूट और ब्लाऊज में वी नेक ही बनवाएं. पोशाक का साइज हो परफेक्ट: आप यह सोचना छोड़ दें कि खुले कपड़े पहनने से आपका मोटापा कम नजर आएगा बल्कि सच तो यह है कि इससे आपका मोटापा ज्यादा नजर आएगा. आप टाइट पोशाक लेने की मत सोचें क्योंकि यह आपके उभारोंको जरा और उभार देंगे. इसलिए बेहतर है कि सही साइज की पोशाक ही कैरी करें. मेकअप भी करें सोच समझकर: - लाइट की अपेक्षा डार्क कलर की लिपस्टिक लगाएं. - आई शैडो और लाइनर लाइट हों. - भड़कीले की अपेक्षा मैट इफेक्ट वाला मेकअप इस्तेमाल करें. - फाऊंडेशन स्किन टोन वाला ही यूज करें. - बैग या पर्स बड़ा हो. - छोटी चीजों का साथ आपको बड़ा तो बड़ी चीजों का साथ आपको छोटा दिखाएगा. पर्स या बैग बड़े साइज का यूज करें. यह भी आपको थोड़ा पतला दिखने में मददकरेगा. हील से परहेज मत करें : जूते ऐसे चुनें जिनकी हील जरा हाई हो, इससे आपके बॉडी शेप के साथ-साथ चालभी सुंदर और प्रभावी दिखेगी. झुककर न तो चलें और न ही खड़ी हों, बल्किसीधी खड़ी हों. ब्लॉक हील्स और प्लेटफॉर्म सैंडल्स से मसल्स पर दबाव कम पड़ेगा. ये गल्तियां करना छोड़ दें- - कपड़ों में अलग-अलग रंग न पहनें बल्कि ऊपर से नीचे तक एक ही रंग पहनेंगीतो दुबली लगेंगी. ब्लैक कलर की ड्रैस आपको ज्यादा दुबला दिखाएगी. - पोलो नैक वाली ड्रैसेज आपके लुक को भारीपन देंगी. - फ्रिल्स और शोल्डर पैड वाली पोशाकों का चयन न करें. - लाइक्रा और शाइनी कपड़ों को एवॉइड करें. - गले में कम से कम एक्सैसरीज पहनें और कानों को डैंगलर्स से सजाएं. इंडियन ड्रैसेज पहनें कुछ इस तरह : यदि आपको सिर्फ इंडियन ड्रैसेज ही पहनना पसंद है तो इस बात का ध्यान रखेंकि अपने वार्डरोब से सलवार-सूट या दूसरे ढीले कपड़ों को निकाल दीजि एक्योंकि ढीले-ढाले कपड़े आपकी फिगर के आकार को और बड़ा दिखाते हैं. इनकी जगह चूड़ीदार ट्राई करें. अनारकली सूट या फिर ज्यादा फ्लेयर वाली पोशाक कोभी अवॉइड करें. यह भी आपके मोटापे को उभार कर दिखाते हैं. गर आपका वेट ज्यादा है तो जार्जैंट, शिफॉन या सिंथैटिक फैब्रिक की साड़ी पहनें. किसी फंक्शन पर जाने की तैयारी है और वी साड़ी पहनने की तमन्ना है तो हैवी मैसूर सिल्क की साड़ी लें, यह आपको स्लिमर लुक देगी. पैटल स्लीव्ज ब्लाऊज भी आपको गुड लुक देंगे. इसके अलावा उन्हें आरगंडी एवं सूती साडिय़ां नहीं पहननी चाहिएं क्योंकि इनको पहनने के बाद वे और ज्यादा भारी नजर आने लगती हैं. इसलिए उन्हें शिफॉन या जार्जैंट फैब्रिक पहनना चाहिए. | Read More »  टाटा शुरू करेगी नई एयरलाइंस सर्विस नई दिल्ली : देश के जाने-माने औद्योगिक घराने टाटा समूह ने एक बार फिर सिंगापुर एयरलाइंस के साथ शुरू में 10 करोड़ डालर के निवेश से नई एयरलाइन सेवा शुरू करने के लिए हाथ मिलाया है. गौरतलब है कि 18 साल पहले भी दोनों के बीच ऐसाही विफल प्रयास हुआ था. आपको बता दें कि नमक से लेकर सॉफ्टवेयर बनाने वाले 100 अरब डॉलर के टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने सिंगापुर एयरलाइंस के साथ नई एयरलाइन कंपनी के लिए सहमति ज्ञापन(एमओयू) पर हस्ताक्षर कर दिए. प्रस्तावित कंपनी में टाटा संस की 51 प्रतिशत और सिंगापुर एयरलाइंस की 49 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी. नई एयरलाइन शुरू करने के लिए दोनों भागीदार 10 करोड़ डॉलर (620 करोड़ रूपये) का शुरआती निवेश करेंगे. सूत्रों के अनुसार जरूरी मंजूरियां मिलने के बाद इसकी शुरआत अगले साल तकहो जाएगी. टाटा समूह ने कहा है कि उसने इसके लिए विदेशी निवेश संवर्धनबोर्ड(एफआईपीबी) के पास मंजूरी के लिए आवेदन किया है. इससे पहले इस साल फरवरी में टाटा समूह ने मलेशिया की एयर एशिया के साथ बजट एयरलाइन शुरू करनेको भागी दारी की है. नई विमानन कंपनी के बोर्ड में शुरू में तीन सदस्य होंगे. इनमें दो सदस्य टाटा संस की तरफ से होंगे और एक सिंगापुर एयरलाइंस का होगा. बता दें किबोर्ड के चेयरमैन टाटा संस की तरफ से नामांकित प्रसाद मेनन होंगे. टाटा और सिंगापुर एयरलाइंस का भारतीय नागरिक विमानन क्षेत्र में प्रवेश करने का यह तीसरा प्रयास है. इससे पहले वर्ष 1995 में नई पूर्ण विमान न सेवा के लिए टाटा समूह ने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड में आवेदन किया था जिसे एक सालबाद मंजूरी मिल गई लेकिन बाद में 1997 में नागरिक उड्डयन नीति में बदलाव से यह उपक्रम शुरू नहीं हो पाया. नीति में घरेलू एयरलाइन में विदेशी विमान कंपनियों को इक्विटी लेने से रोक दिया गया था. सरकार ने पिछले साल ही निवेशनीति में बदलाव करते हुए घरेलू एयरलाइन में विदेशी एयरलाइन कंपनियों को 49 प्रतिशत निवेश की अनुमति दी है. वर्ष 2000 में टाटा और सिंगापुर एयरलाइंस ने मिलकर एयर इंडिया की 40 प्रतिशत भागीदारी के लिये बोली लगाई लेकिन दिसंबर 2001 में इससे पीछे हट गए. राजनीतिक विरोध के चलते एयर इंडिया का विनिवेश नहीं हो पाया. इससे भारत में विमानन क्षेत्र मेंहाल के उदारीकरण के बाद विमानन क्षेत्र में ग्राहकों के लिए हवाई यात्राकी नई सेवा का विकल्प उपलब्ध कराने का यह उचित अवसर है. वहीं नागरिक विमानन मंत्री अजीत सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि, 'विमानन क्षेत्र के नियम टाटा को दोकंपनियों में भागीदारी से नहीं रोकते हैं. यह काम सेबी और कार्पोरेट कार्यमंत्रालय का है कि वह इस तरह के उद्यम को मंजूरी दें.' टाटा संस की जनरल एक्यजीक्यूटिव काउंसिल के सदस्य मुकुंद राजन ने कहाकि, 'टाटा संस प्रस्तावित एयरलाइंस के प्रबंधन और संचालन में पूरी तरह भागलेगा. समूह भारतीय औद्योगिक क्षेत्र की अपनी समझ का पूरा फायदा उठायेगा और अपने लंबे अनुभव का इस भागीदारी को सार्थक बनाने में उपयोग करेगा.' आपको बता दें कि टाटा समूह ने एयर एशिया में भी हिस्सेदारी ली है लेकिन इसमें तीन भागीदार है जिसमें कि टाटा संस की 30 प्रतिशत भागीदारी है, लेकिन संचालन में भागीदारी नहीं है. एयर एशिया के अलावा इसमें अरूण भाटिया की टेलेस्ट्रा ट्रेडप्लेस प्रा.लिमिटेड भी प्रमुख हिस्सेदार है. विमानन क्षेत्र के साथ टाटा समूह का जुड़ाव काफी समय से है. वर्ष 1932में जे आरडी टाटा ने टाटा एयरलाइंस शुरू की थी और 1946 में इसका नाम एयर इंडिया कर दिया गया. वर्ष 1953 में इसका राष्ट्रीयकरण हो गया. Read More »  घर परिवार – योग और हमारी जीवन शैली  |
"कर्म योग एवं अष्टांग योग" प्रश्न: कर्म योग क्या है? उत्तर: कर्म योग बहुत महत्वपूर्ण है. उपनिषद एवं गीता में इसका विस्तार पूर्वक उल्लेख है. पातंजली के योग सूत्र में इसका वर्णन क्रिया योग के रूप में किया गया है. कर्म योग का सिद्धांत है कि जो भी कार्य आप करें उसे पूरी शक्ति एवं तन्मयता के साथ करें. इसमें एकाग्रता की बहुत आवश्यकता है. यदि कोई कार्य मन तथा ह्रदय के साथ किया जाए तो वह भली प्रकार पूरा होता है और उसके करने में आत्मिक सुख का अनुभव होता है. कार्य को करने के समय उसके फल की इच्छा ना करें. ईश्वर प्राणिधन जे अनुरूप कार्य को परम पिता परमात्मा को समर्पण कर दें. कर्म योग सिद्धांत के अनुसार, ईश्वर आपको उचित फल अवश्य देते हैं. आप कार्य अपनी इच्छा शक्ति क अनुरूप करें. कोई भी कार्य जोर जबरदस्ती से किया जाए तो भली प्रकार पूर्ण नहीं होता क्योंकि उसमें मन तथा ह्रदय का समावेश नहीं रहता. प्रश्न: अष्टांग योग क्या है? उत्तर: साधारण गृहस्थों के मानसिक एव शारीरिक संतुलन के लिए महर्षि पातंजलि ने योग की रचना की. इसके अनुसार योग के 8 अंग हैं और उनके अनुरूप ही इसे अष्टांग योग कहा जाता है. ये अंग हैं- 1) यम 2) नियम 3) आसन 4) प्राणायम 5)प्रत्याहार 6) धारणा 7) ध्यान 8) समाधि. यम: अहिंसा, सत्य, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, अपरिग्रह तथा नियम: शौच, संतोष, तप स्वाध्याय, ईश्वर, प्राणिधान योग की नींव है और इसके ऊपर ही मनुष्य की प्रगति संभव है. आसन के द्वारा अपने शरीर को स्वस्थ रखकर प्राणायाम द्वारा मन की स्थिति का संतुलन किया जाता है. योनीमुद्रा तकनीक के द्वारा प्रत्याहार से बहिरंग योग से अंतरंग योग में प्रवेश करके धारणा, ध्यान तथा समाधि के लक्ष् यको पाया जा सकता है. यम नियम प्रश्न: यह जीवन क्या है? उत्तर: जीवन में होनेवाली विभिन्न घटनाओं की अनुभूति ही जीवन है. प्रश्न: व्यक्ति के जीवन काल में होनेवाले दुखों क क्या कारण हैं? उत्तर: सुख और दुख की परिभाषा हर व्यक्ति के लिए भिन्न होती है. यह उस की मन:स्थिति पर निर्भर होता है और इन सब के लिए वह स्वंय ही उत्तरदायी है. प्रश्न: कैसे? उत्तर: हम सब जीवन जीने की कला भूल गए हैं. यदि हम बाजार से कोई टीवी, रेडियो या कपड़े धोने की मशीन लाते हैं तो उसके साथ एक पुस्तिका मिलती है जिसमें सही प्रयोग करने की विधी लिखी रहती है. यदि इस विधी का प्रयोग ना करें तो मशीन के खराब होने का भय रहता है. प्रश्न: क्या मानव जीवन के लिए कोई पुस्तिका है? उत्तर: बिल्कुल है. लगभग 2500 वर्ष पूर्व महर्षि पातंजलि मानव जीवन में आनेवाली कठिनाईयों को कान गए थे. इसलिए उन्होंने 'योगसूत्र' नामक पुस्तक लिखी जिसमें मानव के शरीर एवं मन को संतुलित करने की विधी 'अष्टांग योग' का वर्णन किया गया है. प्रश्न: यह अष्टांग योग क्या है? उत्तर: यम, नियम, आसन, प्रणायम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि अष्टांग योग की आठ सीढ़ियां है. प्रश्न: यम क्या है? उत्तर: यम 5 होते हैं: अहिंसा: मन, वचन एवं काया से किसी किसी को चोट ना पहुंचाएं. सत्य: सदैव सत्य बोलें. परंतु जो सत्य दूसरों की हानि करें वह न बोलें. अस्तेय: दूसरों की वस्तुओं तथा विचारों की चोरी न करें ब्रह्मचर्य: इंद्रियों पर नियंत्रण रखें अपरिग्रह: सांसारिक वस्तुओं, विचारों एवं भावनाओं का संग्रह ना करें. प्रश्न: नियम क्या है? उत्तर: नियम 5 होते हैं: शौच: शरीर एवं मन से स्वच्छ रहें संतोष: जो है जैसा है उसमें संतुष्ट रहें अधिक की कामना न करें. तप: शरीर एवं मन को अनुशासित करके अपना कार्य करना ही तप है स्वाध्याय: अपने आध्यात्मिक विकास के हेतु धार्मिक पुस्तकें पढ़ना स्वाध्याय है ईश्वर प्राणिधान: अपने सब कर्मों का फल ईश्वर पर छोड़ देना ईश्वर प्राणिधान है. बाकी अगले हफ्ते | Read More »  हेल्थ टिप्स – सांसों को महकाएं, बदबू को दूर भगाएं  |
आप चाहे जितना भी सज संवर लें और खूबसूरत नजर आएं, यह खूबसूरती और हुस्न उसी वक्त बेकार नजर आता है जब आपके सांसों कू बदबू सामने वाले व्यक्ति को आपकी तरफ से निराश कर देती है. कहीं ऐसा आपके साथ भी तो नहीं हो रहा? कहीं सांस की बदबू आपको हर खास मौके पर शर्मसार और रिश्तों से दूर तो नहीं कर रही है? अगर ऐसा आपके साथ हो रहा है तो इसे गंभीरता से लें और कुछ कारगर उपायों को अपनाकर इस समस्यासे पीछा छुड़ा लें. डैंटिस्ट्स के अनुसार सांस से बदबू आना एक ऐसी समस्या है जिसे अधिकांश लोग अनदेखा कर देते हैं और यह अनदेखी न सिर्फ इस समस्या को बढ़ाती है बल्कि आस-पास के लोगों को प्रभावित कर आपके रिश्तों में दूरियां लाना भी शुरू कर देती है, जिससे कई बार लोग तनाव और हीन भावना के शिकार भी हो जाते हैं. सांस से दुर्गंध आने के पीछे सबसे बड़ी समस्या हो सकती है, मुंह की साफ-सफाई में बरती गई लापरवाही या यह समस्या किसी बड़ी बीमारी के लक्षण से भी संबंधित हो सकता है. इसी के वजह से इस समस्या को हल्के में लेना या इसे नजर अंदाज करना ठीक नहीं है. इससे निजात पाने के लिए आप इन उपायों को अपना सकती हैं- ब्रश एवं कुल्ला करें : विशेषज्ञ बताते हैं कि प्याज, अदरक या बहुत अधिक मसालेदार खाना खानेवाले लोगों को इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है. हां, यह सच है कि खाने के कारण मुंह सेआने वाली दुर्गंध थोड़ी देर बाद अपने-आप ही चली जाती है, वहीं इस दुर्गंधसे छुटकारा पाने के लिए लोग ब्रश या माऊथ वॉश से कुल्ला भी कर सकते हैं. इसके अलावा रोजाना ठीक ढंग से ब्रश न करने और दांतों की सफाई न रखने सेभी सांस की बदबू परेशान करती है. मुंह में रह गए भोजन के कण और बैक्टीरिया कईबार इंफैक्शन पैदा कर देते हैं, जिससे सांस से बदबू आने लगती है. बीमारी भी कारण हो सकती है : इन साधारण कारणों के अलावा इस समस्या का संबंध किसी बड़ी बीमारी से भी होसकता है. सांस से दुर्गंध और मुंह का स्वाद खराब रहना मसूढ़ों में होनेवाले पैरीडोंटल नामक रोग का लक्षण भी हो सकता है. यह बीमारी बैक्टीरिया सेनिकलने वाले प्लाक(विशेष प्रकार के चिपचिपे तत्व) से होती है जिसमें मसूढ़े इतने कमजोर हो जाते हैं कि वे दांतों को सपोर्ट नहीं कर पाते औरदांत गिरने लगते हैं. मुंह में लार न बनने की शिकायत करने वाले लोगों में सांस से दुर्गंध आने का कारण जेरोस्टोमिया यानी ड्राई माऊथ नामक रोग होसकता है. कई बार सांस की बदबू रेसपीरेटरी ट्रैक्ट में इंफेक्शन, क्रोनिक साइनसाइटिस, ब्रोंकाइटिस, डायबिटीज, निमोनिया, लिवर और किडनी में इंफैक्शन के कारण भीपैदा हो सकती है. साइनस की बीमारी होने पर भी पीड़ित की सांस से दुर्गंध आसकती है. साइनस के कारण व्यक्ति की नाक अवरुद्ध हो जाती है और वह मुंह सेसांस लेने लगता है. इससे मुंह सूख जाता है और जीवाणुओं को पनपने का मौकामिल जाता है. इन बीमारियों का समय रहते इलाज कारवाएं और अपनी सांसों को तरो ताजा रखें. | Read More »  पितर के प्रसन्न होने से आप होंगे समृद्ध  | भाद्रपदमाह की पूर्णिमा से आश्विन मास की अमावस्या तक का समय श्राद्ध कर्म के रुप में जाना जाता है. अपने स्वर्गवासी पूर्वजों की शांति एवं मोक्ष के लिए किया जाने वाला दान एवं कर्म ही श्राद्ध कहलाता है. श्राद्ध पूर्वजोंके प्रति सच्ची श्रद्धा का प्रतीक हैं. इसके साथ ही प्रत्येक शुभ कार्य के प्रारंभ में माता-पिता, पूर्वजों को नमस्कार या प्रणाम करना हमारा कर्तव्य है. हमारे पूर्वजों की वंश परंपराके कारण ही हम आज यह जीवन देख रहे हैं और इस जीवन का आनंद प्राप्त कर रहे हैं. हर व्यक्ति के तीन पूर्वज पिता, दादा और परदादा क्रम से वसु, रुद्र और आदित्य के समान माने जाते हैं. श्राद्ध के वक़्त वे ही अन्य सभी पूर्वजोंके प्रतिनिधि माने जाते हैं और ठीक ढग़ से रीति-रिवाजों के अनुसार कराए गए श्राद्ध-कर्म से तृप्त होकर वे अपने वंशधर को सपरिवार सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य का आर्शीवाद देते हैं. श्राद्ध-कर्म में उच्चारित मंत्रों और आहुतियों को वे अन्य सभी पितरों तक ले जाते हैं. इस धर्म में ऋषियों ने वर्ष में एक पक्ष को पितृपक्ष का नाम दिया. प्रत्येकवर्ष आश्विन मास के कृष्णपक्ष के पंद्रह दिन पितृपक्षज् के नाम से जानेजाते हैं. पितरों को आहार तथा अपनी श्रद्धा पहुंचाने का एकमात्र साधनश्राद्ध है और जिस मृत व्यक्ति के एक वर्ष तक के सभी औध्र्व दैहिकक्रिया-कर्म संपन्न हो जाते हैं, उसी को 'पितर' कहा जाता है अपने दिवंगत बुजुर्गो को हम दो तरह से याद करते हैं. स्थूल शरीर के रूप में और भावनात्मक रूप से. स्थूल शरीर तो मरने के बादअग्नि या जलप्रवाह को भेंट कर देते हैं, इसलिए श्राद्ध करते समय हम पितरोंकी स्मृति उनके भावना शरीर की पूजा करते हैं ताकि वे तृप्त हों और हमेंस परिवार अपना स्नेहपूर्ण आशीर्वाद दें. पितृपक्ष की सभी पंद्रह तिथियां श्राद्ध को समर्पित हैं. अत: वर्ष के किसी भी माह एवं तिथि में स्वर्गवासी हुए पितरों का श्राद्धउसी तिथि को किया जाना चाहिए. पितृपक्ष में कुतप वेला अर्थात मध्यान्ह: के समय(दोपहर साढ़े बारह से एक बजे तक) श्राद्ध करना चाहिए. प्रत्येक माह की अमावस्या पितरों की पुण्यतिथि मानी जाती है, किंतु आश्विन कृष्ण अमावस्या पितरों हेतु विशेष फलदायक है. इस अमावस्या को पितृ विसर्जनी अमावस्या अथवा महालया भी कहा जाता है. इसी तिथि को समस्त पितरों का विसर्जन होता है. जिन पितरों की पुण्यतिथि ज्ञात नहीं होती अथवा किन्हीं कारण वश जिनका श्राद्ध पितृपक्ष के पंद्रह दिनों में नहीं हो पाता, उनका श्राद्ध, दान, तर्पण आदि इसी तिथि को किया जाता है. श्राद्ध के लिए आमंत्रित ब्राह्मण की जगह किसी अन्य को नहीं खिलाना चाहिए. श्राद्ध में बाह्य रूप से जो चावल का पिण्ड बनाया जाता, केवल उतना बाह्य कर्मकाण्ड नहीं है वरन् पिण्डदान के पीछे तात्त्विक ज्ञान भी छुपा है. जो शरीर में नहीं रहे हैं, पिण्ड में हैं, उनका भी नौ तत्त्वों का पिण्डरहता है. चार अन्त:करण और पांच ज्ञानेन्द्रियां. उनका स्थूल पिण्ड नहीं रहता है वरन् वायुमय पिण्ड रहता है. वह अपनी आकृति दिखा सकते हैं किन्तु आप उन्हे छू नहीं सकते. दूर से ही वे आपकी दी हुई चीज़ को भावनात्मक रूप से ग्रहण करते हैं. दूर से ही वे आपको प्रेरणा आदि देते हैं अथवा कोई स्वप्नमें भी मार्गदर्शन देते हैं. पितरों के श्राद्ध के लिए गयाज् को सर्वोत्तम माना गया है, इसे तीर्थों का प्राणज् तथा पांचवा धामज् भी कहते है. माता के श्राद्ध के लिए काठियावाडज़्में सिद्धपुरज् को अत्यन्त फलदायक माना गया है. इस स्थान को मातृगयाज् केनाम से भी जाना जाता है. गयाज् में पिता का श्राद्ध करने से पितृऋण से तथा सिद्धपुरज्(काठियावाड़) में माता का श्राद्ध करने से मातृऋण से सदा-सर्वदाके लिए मुक्ति प्राप्त होती है. श्राद्धकर्म में श्रद्धा, शुद्धता, स्वच्छता एवं पवित्रता पर विशेष ध्यानदेना चाहिए. इनके अभाव में श्राद्ध निष्फल हो जाता है. श्राद्धकर्म से पितरों को शांति एवं मोक्ष की प्राप्ति होती है तथा प्रसन्न एवं तृप्तपितरों के आर्शीवाद से हमें सुख, समृद्धि, सौभाग्य, आरोग्य तथा आनंद की प्राप्ति होती है. | Read More »  पार्टीकी बागडोर अब बिलावल के हाथों में?  | कराची : लगता है बिलावल भुट्टो पार्टी की कमान संभालने के लिए तैयार इस लिए पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी(पीपीपी) ने बिलावल भुट्टो जरदारी को नेतृत्व सौंपने का फैसला किया है.पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के पुत्र बिलावल के 2013 के अंत तक नेतृत्व संभाल लेने की संभावना है. गौरतलब है कि पार्टी सूत्रों के अनुसार पार्टी अगला चुनाव बिलावल के नेतृत्व में ही लड़ेगी. इसके साथ ही अब बिलावल भुट्टो को सभी राजनीतिक और पार्टी संबंधी कार्यक्रमों में आगे रखा जाएगा. जमात-ए-इस्लामी द्वारा जरदारी के राष्ट्रपति बनने के बाद पार्टी का अध्यक्षपद संभालने के खिलाफ दायर याचिका के कारण बिलावल को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था. देखते हैं बिलावल भुट्टो के नेतृत्व में पार्टी कितना कमाल कर पाती है. | Read More »  संजय लीला भंसाली की रामलीला नए अंदाज में  |
मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : संजय लीला भंसाली कहानियों को नए अंदाज में पेश करने के लिए जाने जाते हैं. संजय की अगली फिल्म 'रामलीला' एक नए ही अंदाज में दर्शको को लुभाती नजर आने वाली है. गौरतलब है कि इस फिल्म की कहानी शेक्सपियर द्वारा लिखी गई हैजो रोमियो-जूलियट की प्रेम कहानी पर आधारित है. उल्लेखनीय है कि यह फिल्म 14 नवंबर को रिलीज़ होने जा रही है. इस फिल्म में दीपिका पादुकोण और रणवीर सिंह एक साथ नज़र आएंगे. दीपिका ने फिल्म में बहुत ही यंग, ब्यूटीफुल और फीयरलेस किरदार निभाया है, जिसमें वे अपनी मोहब्बत के लिए बलिदान देते हुए नजर आएंगी. वहीं दूसरी ओर रणवीर सिंह गुजराती लड़के का किरदार निभाएंगे. गौरतलब है कि रणवीर और दीपिका को एक ट्रेडिशनल लुक में देखने के लिए उनके फैंन भी उत्साहित हैं. | Read More »  | |
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