Monday, September 16, 2013

FeedaMail: Pits News Paper

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भारत की कन्या भ्रूण हत्या समस्या पर अमेरिकी सांसद चिंतित

वाशिंगटन : यूं तो भारत देश की अपनी बहुत सी समस्याएं हैं लेकिन यहां कन्या भ्रूण हत्या की समस्या इतनी बढ़ गई है कि इस देशवासी ही नहीं बल्कि अमेरिकी सांसद भी चिंतित हैं. गौरतलब है कि बढ़ती कन्या भ्रूण हत्याओं पर चिंता जाहिर करते हुए अमेरिकी सांसदों और विशेषज्ञों ने अमेरिकी सरकार से ऐसे घिनौने और नृशंस कृत्य पर रोक लगाने और बालिकाओं तथा महिलाओं के उत्पीड़ऩ को रोकने में भूमिका निभानेके लिए कहा है.

आपको बता दें कि 'भारत की लापता लड़कियां' विषय पर कांग्रेस में एक चर्चा के दौरान सांसदों और विशेषज्ञों ने भारत से अपने नियमों को कड़ाई से लागू करने के लिए कहा है. कई सांसदों और विशेषज्ञों का मानना था कि इन कन्या भ्रूण हत्याओं के लिए 'पेचीदा सामाजिक, आर्थिक ढांचा और सांस्कृतिक कारक' जिम्मेदार हैं. इसके साथ ही उन्होंने इस संबंध में जागरूकता फैलाए जाने का भी आहवान किया.

भारतीय अमेरिकी सांसद ऐमी बेरा ने चर्चा के दौरान कहा कि, 'इस समस्या के दीर्घ कालिक समाधान और वास्तविक बदलाव का एकमात्र तरीका यही है कि समुदाय के स्तर पर एक अभियान चलाया जाए जो लोगों के रवैय्ये और सांस्कृतिक रीति-रिवाजों में बदलाव लाए जो महिलाओं और बालिकाओं के खिलाफ इस पूर्वाग्रह को बढ़ावा देते हैं.'

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चाय बेचने सेलेकर प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी तकका सफर..

नरेंद्र मोदी की लंबी छलांग
चाय बेचने सेलेकर प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी तकका सफर..

नई दिल्ली : कहते हैं ना सपनें उन्ही के पूरे होते हैं जो सपने बंद आंखों से नहीं बल्कि खुली आंखों से देखते हैं. ऐसा ही एक सपना देखा था नरेंद्र मोदी ने कभी. आज नरेंद्र मोदी को देखो तो उनके लंबे सफर के बारे में अंदाजा लगाना काफी मुश्किल लगता है. जर्रे से आसमान तक का सफर तय किया है उन्होंने. उन्हें देखकर लगता है कि यदि इंसान ठान ले तो कोई चीज मुश्किल नहीं रह जाती.

आपको बता दें कि गुजरात के एक रेलवे स्टेशन पर कभी चाय नरेंद्र मोदी चाय बेचा करते थे और आज वह प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी के रूप में राजनीति के क्षेत्र में सबसे चमकते सितारे बनकर उभरे हैं.बता दें कि वर्ष 2001 में मुख्यमंत्री बनने के बाद सुर्खियों में आए मोदी महज 12 वर्षों में पार्टी की ओर से देश की सरकार के शीर्ष पद के प्रत्याशी बनाए गए हैं. 62 वर्षीय नरेंद्र मोदी धुर हिंदूवादी या हिंदू राष्ट्रवादी विचारधारा के पैरोकार रहे हैं और जन भावनाओं को उभारने में अपनी पार्टी के किसी भी नेता से आगे माने जाते हैं. मोदी के बारे में ऐसा माना जाता है कि मोदी सदैव लक्ष्य पर निगाह टिकाए रखते हैं और हर विपरीत परिस्थिति में अड़े रहते हैं और विकट समस्याओं से भी कोई ना कोई रास्ता निकाल ही लेते हैं.

गुजरात का मुख्यमंत्री चयनित होने से पहले मोदी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघके प्रचारक रहे और जिस समय देश के सर्वाधिक विकसित राज्य की उन्हें कमान सौंपी गई थी उस समय तक उन्हें कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं था. लेकिन उन्होंने अपने मेहनत और सूझबूझ से अपना एक मकाम बनाया है. बहुत तेजी से आगे बढ़ते जानेवाले मोदी पर उनके आलोचक आरोप लगाते हैं कि कामयाबी की शिखर चढऩे में मददगार रहे लोगों को भी मोदी ठिकाने लगा देते हैं. इस सूची में सबसे ताजा नाम भाजपा के कद्दावर नेता और कभी मोदी के संरक्षक और मार्गदर्शक रहे लालकृष्ण आडवाणी का भी नाम जुड़ गया है. आडवाणी तब मोदी के मार्गदर्शक थे जब उन्हें कोई जानता तक नहीं था.

आपको बता दें कि गुजरात के मेहसाणा जिले के एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार में मोदी का जन्म 17  सितंबर 1950 को हुआ था. मोदी अपने माता-पिता की चार संतानों में तीसरे संतान हैं. उनके पिता दामोदर दास चाय की एक छोटी सी दुकान चलाते थे. गुजरात के वादनगर रेलवेस्टेशन पर उनके बेटे केतली में चाय लेकर रेलगाडिय़ों में बेचा करते थे. 1967 में उन्होंने अपने परिवार से नाता तोड़ लिया.

मोदी एक औसत विद्यार्थी रहे लेकिन स्कूली जीवन से ही वह अच्छे वक्ता रहे हैं. वे अक्सर महीनों अपने परिवार से गायब रहा करते थे और एकांत में रुकते या हिमालय में भटका करते थे. ऐसा कहा जाता है कि एक बार वे गिर के जंगलों में एक छोटे से मंदिर में ठहरे थे. मोदी संघ में औपचारिक रूप से 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद शमिल हुए. वह दिल्ली के संघ कार्यालय में रहे. वहां वह सुबह 4 बजे उठने के बाद पूरे कार्यालय में झाडूबुहारू करते, वरिष्ठ कार्यकर्ताओं के लिए चाय के साथ-साथ नाश्ता और शाम का नाश्ता बनाते और पत्रों का उत्तर देते, यह उनकी दिनचर्या हुआ करती थी. इसके अलावा वह बर्तन भी साफ करते थे और पूरे भवन की साफ सफाई करते थे.

मोदी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातक और गुजरात विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर की शिक्षा ग्रहण की है. अपने परिश्रम के दम पर मोदी ने वरिष्ठों का ध्यान खींचा और उन्हें 1987-88 में भाजपा की गुजरात इकाई में संगठन मंत्री की कमान सौंपी गई. यहीं से उनके राजनीतिक सफर की औपचारिक शुरुआत हुई. मोदी ने धीरे-धीरे भाजपा पर नियंत्रण पाया और कार्यकर्ताओं के बीच पैठ बनाई. उन्होंने 1990 में जब आडवाणी ने राम मंदिर निर्माण के लिए सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली, उस समय मोदी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसी रथ यात्रा ने भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर उल्लेखनीय उपस्थिति दर्ज कराने में मदद दिलाई.

इसके बावजूद मोदी को राजनीति में कुछ काले दिन देखने पड़े. 1992 में उन्हें गुजरात भाजपा में दरकिनार कर दिया गया. पहले से जमे केशुभाई पटेल, शंकरसिंह वाघेला और कांशीराम राणा जैसे वरिष्ठ नेताओं को मोदी का 'उदय' नहीं पचा. इसके अलावा मोदी की आज की पहचान पर 2002 के गुजरात में हुई हिंसा की व्यापक छाया है. उस समय गुजरात में उन्हीं की सरकार थी. उनकी सरकार पर एक समुदाय विशेष के लोगों को निशाना बनाने के लिए दूसरे समुदाय को प्रोत्साहन देने का आरोप है. उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात हिंसा पर गहरी नाराजगी जताई थी. उस समय मोदी के लिए आडवाणी संकटमोचक बने थे. उसके बाद 2002 के गुजरात विधानसभा चुनाव में मोदी विजेता बनकर उभरे और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और कामयाबी की एक के बादमिसाल पेश करते गए.

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किसानों की मेहनत की बुनियाद पर लाए हैं खाद्य सुरक्षा योजना – मनमोहन सिंह

नई दिल्ली : देश के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने खाद्य सुरक्षा योजना को किसानों के लिए हितकर बताया है. उन्होंने किसानों की समस्याओं को हल करने का आश्वासन देते हुए कहा है कि, 'उनकी मेहनत और लगन की बुनियाद पर ही देश में खाद्य सुरक्षा योजना लागू किया गया है. गौरतलब है कि मनमोहन सिंह गुजरात के बनासकांठा से आए किसानों को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने किसानों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि, 'कठिन हालात के बावजूद देश के किसान भाई-बहनों ने पैदावार और निर्यात की रिकार्ड ऊंचाइयां हासिल की हैं. देश की बढ़ती हुई आबादी के लिए अनाज और दूसरी फसलों की पैदावार बढ़ाना एक चुनौती भरा काम है, खास तौर पर इसलिए क्योंकि देश के एक बड़े हिस्से में खेती का कामअभी मानसून पर निर्भर है. अर्थव्यवस्था के अन्यक्षेत्रों में बढ़ी हुई मांग की वजह से किसानों को भूमि, जल और मजदूरों की उपलब्धता का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा उनके सामने मौसम के बदलाव की भी चुनौती है.इन सबके बावजूद किसान पैदावार बढ़ाने में लगे हुए हैं.'

इतना ही नहीं प्रधानमंत्री ने किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं को ईमानदारी से हल करने का प्रयास किया जाएगा. प्रधानमंत्री के अनुसार 12वीं योजना में कृषि विकास की दर का लक्ष्य 4 प्रतिशत रखा गया है तथा पिछली योजना की तुलनामें दुगुनी राशि का प्रावधान किया गया है.

उल्लेखनीय है कि उन्होंने कृषि वैविध्यीकरण और कृषि जलवायु क्षेत्रों के हिसाब से खेती के विकास के लिए किसानों को अच्छी तकनीक और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का भरोसा दिलाया है.

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एशिया में पुरुष क्यों करते हैं बलात्कार???

लंदन : वर्तमान समय में कई ऐसे शोध किए जा रहे हैं जो समाज के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो रहे हैं. हाल ही में 'बलात्कार के दोषी ऐसी घृणित हरकत क्यों करते हैं?' पर किए गए एक सर्वेक्षणसे काफी आश्चर्यजनक बातें सामने आई है. गौरतलब है कि छह एशिया-पेसिफिक देशों में यह जानने के लिए सर्वे करवाया गया कि वहां बलात्कार और सेक्सुअल हिंसा किस हद तक है? इसके अलावा मेडिकल जर्नल द लांसेटग्लोबल हेल्थ में छपी इस रिपोर्ट में इस बात को जानने की भी कोशिश गई है कि जिन पुरुषों ने रेप किया उनके सामाजिक – आर्थिक हालात क्या थे?

आपको बता दें कि इस सर्वे के आंकड़े बेहद खौफनाक और आश्चर्यचकित कर देनेवाले हैं. जिन पुरुषों का इंटरव्यू लिया गया उनमें से एक-चौथाई ने यह स्वीकार किया कि उन्होंने किसी महिला या लड़की के साथ रेप किया है. उल्लेखनीय है कि संयुक्त राष्ट्र की विभिन्न एजेंसियों ने सर्वेक्षण के लिए जनवरी 2011 सेदिसंबर 2012 के बीच एशिया के नौ स्थानों पर 10178 पुरूषों से उनके जीवन के बारे में सवाल किए. उन्होंने बांग्लादेश, चीन, कम्बोडिया, इंडोनेशिया, पपुआ न्यू गिन्नी और श्रीलंका, इन छह देशों से जानकारी एकत्रित की.

आपको बता दें कि प्रश्नावली में 'रेप' शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया  था क्योंकि अध्ययनकर्ताओं का मानना था कि किसी औरत के साथ जबरदस्ती सेक्स को अधिकतर आदमी रेप नहीं मानते हैं. इसकी जगह सर्वे में शामिल पुरुषों से पूछा गयाकि क्या उन्होंने किसी ऐसी महिला को सेक्स के लिए मजबूर किया है जो उनकी बीवी या गर्लफ्रेंड नहीं थी और जब उसकी सेक्स की इच्छा भी नहीं थी. इकसे अलावा क्या उन्होंने किसी ऐसी महिला के साथ सेक्स किया है जिसने बहुत ज्यादा शराब पी रखी थी या ड्रग लिए हुए थी और वह इस हाल में नहीं थी कि वह सेक्स के लिए अपनी मर्जी बता सके.

एशिया के विभिन्न हिस्सों में दस में से एक व्यक्ति ने ऐसी महिला के साथ बलात्कार करने की बात स्वीकार की है जो उसकी साथी नहीं थी और गहन संबंधोंमें तो बलात्कार का आंकड़ा इससे कहीं अधिक है. बेहद करीबी संबंधों में बलात्कार सर्वाधिक सामान्य बात है जहां एक तिहाई पुरूषों ने अपनी पत्नी या प्रेमिका के साथ बलात्कार की बात स्वीकार की है.

जिन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी पार्टनर या नॉन पार्टनर से रेप किया:


सर्वेक्षण में पाया गया कि अधिकतर देशों में हर पांच में से एक पुरुष बलात्कार का दोषी है, हालांकि पपुआ न्यू गिनी में यह अनुपात आधे से भी अधिक है. इन में भी नॉन पार्टनर की बजाय पत्नियों के बलात्कार का चलन इन देशोंमें ज्यादा है.

कम उम्र में किया पहली बार बलात्कार?


जिन पुरुषों ने नॉन-पार्टनर्स का रेप किया उनमें से आधे से अधिक ने स्वीकार किया कि उन्होंने किशोरावस्था में इसकी शुरुआत की थी. पहली बार जुर्म करनेवालों में से अधिकतर की उम्र 15 से 19 साल के बीच थी.

अपराध दोहराने की कितनी संभावना है?

इस सर्वे से यह जानकारी भी मिली कि ऐसे मामले में अपराध दोहराने की काफी ज्यादा संभावना होती है. लगभग आधे प्रतिवादियों ने कहा कि उन्होंने अलग-अलग महिलाओं से उनकी मर्जी के बगैर संभोग किया है. जब उनसे पूछा गया कि वे कितनी महिलाओंसे रेप कर चुके हैं तो उनका जवाब था:


सर्वेक्षण के दायरे में आए करीब एक तिहाई पुरूषों ने एक बार बलात्कार किए जाने की बात स्वीकार की है. जिन्होंने बलात्कार की बात स्वीकार की उनमें से आधे से कम ने कहा कि उन्होंने ऐसा एक से अधिक बार किया.

बलात्कार करने के पीछे क्या थी वजह?

ज्यादा तर पुरूषों को लगता है कि महिला के बिना मर्जी के भी उसके साथ संभोग करना उनका अधिकार है. दूसरा सामान्य कारण यह था कि बलात्कार को वे मनोरंजन का साधन मानते हैं, मजे के लिए करते हैं या क्योंकि वे बोर हो चुके हैं. कुछ पुरूषों ने इस लिए बलात्कार किया क्योंकि वे महिला को सजा देना चाहते थे यावे उससे खफा थे.

रेप करने के बाद क्या उनको सजा मिली?

सर्वे के अनुसार जेल की सजा बहुत कम पुरुषों को हुई है. एक-चौथाई से भी कम बलात्कार के दोषियोंको जेल की सजा हुई. आधे से कुछ ही अधिक यानी 55 फीसदी दोषियों को अपराधबोध हुआ. इस स्टडी में पाया गया कि:

बलात्कार का अपराध दोहराने वालों की पृष्ठभूमि क्या थी?

सर्वेक्षण में यह बात भी सामने आई कि जिन पुरूषों ने खुद बचपन में हिंसा झेली, विशेष रूप से बचपन में यौन प्रताडऩा सही या जिन्हें बचपन में नजर अंदाज किया गया, उनके बलात्कार में शामिल होने की आशंका अधिक थी. सर्वेमें यह भी पाया गया कि जो पुरुष गरीब थे या जिन्होंने हाई स्कूल तक शिक्षा हासिल नहीं की थी वे इस संगीन अपराध में शामिल हुए हैं.

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करीना निभाना चाहती हैं विविधतापूर्ण किरदार

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि): करीना कपूर ने बॉलीवुड में अपने अभिनय से एक अलग ही जगह बनाई है. उन्होंने अपने अभिनय सेहजारों-लाखों लोगों का दिल जीता है. हालांकि उनका कहना है कि वह विविधतापूर्ण किरदार निभाना चाहती हैं.

गौरतलब है कि वर्ष 2000 में प्रदर्शित फिल्म 'रिफ्यूजी' से अपने करियर की शुरूआत करनेवाली करीना कपूर को फिल्म इंडस्ट्री में आए हुए एक दशक से ज्यादा समय हो चुका है और इस दौरान उन्होंने अपने आप को अच्छी अभिनेत्री साबित किया है. करीना कपूर ने कहा कि, 'मैं एक कलाकार हूँ और हर तरह के किरदार निभाना चाहती हूं. मैं फिल्मों में टाइप कास्ट नहीं होना चाहती. फिल्मों में अलग-अलग तरह के किरदारों को निभाने में मेरी दिलचस्पी सदा से ही रही है. मुझे इसमें बेहद मजा आता है और आगे भी मै अपनी फिल्मों में इसे जारी रखने की कोशिश करूंगी.'

आपको बता दें कि करीना ने अभी हाल ही में प्रदर्शित फिल्म 'सत्याग्रह' में तेज तर्रार टीवी जर्नलिस्ट की भूमिका निभाई है जबकि आने वाली फिल्म 'गोरी तेरे प्यार में' वह सामाजिक कार्यकर्ता का किरदार निभा रही हैं. उन्होंने कहा कि, 'मैं बेहद खुश हूँ कि लोगो ने सत्याग्रह को पसंद किया है. यह एक सामाजिक, राजनीतिक फिल्म है और मसाला फिल्मों से काफी अलग है. मैं सच में बेहद खुश हूं कि दर्शक अब इस तरह की फिल्म भी देखना चाहते हैं.'

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देश गरीबों के खून पसीने से आगे बढता है – राहुल गांधी

सलूम्बर : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस की शाख को मजबूत करने का बीड़ा उठा लिया है और इसके लिए वह पूरे जी-जान से लगे हुए हैं. गौरतलब है कि राहुल ने विपक्ष पर गरीबों और आदिवासियों को बोझ मानने का आरोप लगाते हुए कहा है कि देश सड़क, बिजली, पानी तथा हवाई जहाजचलाने से आगे नहीं बढ़ता बल्कि गरीबों और आदिवासियों के खून पसीने से आगे बढ़ता है.

आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी के आदिवासी बहुल सलूम्बर स्थित गणेश टेकड़ी पर आयोजित आदिवासी किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, 'आधीरोटी खाएंगें, नारा पुराना है अब इसकी जगह 'पूरी रोटी खाएंगें, सौ दिन काम करेगें और कांग्रेस को सत्ता में लाएंगें',यह नारा होना चाहिए.' उन्होंने यह भी कहा कि विपक्ष गरीब और आदिवासियों को बोझ मानता है तथा दिल्ली में भी यह सोच है कि देश गरीबों के बल पर नहीं बढ़ता लेकिन कांग्रेस मानता है कि देश गरीबों के खून पसीने से आगे बढ़ा है. राहुल के अनुसार ऐसे लोगों को अगर वह फायदा नहीं पहुंचाएंगें तो राजनीति में रहने का उनका रहने का कोई मतलब नहीं है.

उल्लेखनीय है कि राहुल ने कहा कि आदिवासियों और आम आदमियों को उनकी जमीन का हक मिले इसके लिए हमने कानून बनाया है. गरीबों को हक मिलेगा तो उन्हें ताकत मिलेगी और देश आगे बढ़ेगा.

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दर्शक अब अडल्ट कॉमेडी देखने को तैयार है – कायनात अरोड़ा

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : इन दिनों बॉलीवुड अपने बहुत अच्छे दौर से गुजर रहा है, जहां एक तरफ लोगों को गंभीर और समाज के अलग अलग मुद्दों पर फिल्में देखने को मिल रही हैं वहीं सरल और बोल्ड फिल्में भी बन रही हैं. गौरतलब है कि दिव्या भारती की रिश्तेदार और दक्षिण भारतीय फिल्मों की जानीमानी अभिनेत्री कायनात अरोड़ा का कहना है कि दर्शक अब अडल्ट कॉमेडी देखने को तैयार हैं. इसके अलावा वह अपनी आनेवाली फिल्म 'ग्रैंड मस्ती' को लेकर काफी उत्साहित भी हैं.

आपको बता दें कि कायनात अरोड़ा ने अक्षय कुमार के साथ वर्ष 2010 में प्रदर्शित फिल्म 'खट्टा मीठा' में सबसे पहले आयटम नंबर 'आइला रे आइला' किया था. इसके बाद उन्होंने दक्षिण भारतीय फिल्मों का रूख कर लिया. कायनात अब बतौर अभिनेत्री 'ग्रैंड मस्ती' से बॉलीवुड में कदम रखने जा रही हैं. कायनात के अनुसार इस फिल्म में उन्होंने जमकर शरारते की हैं. यह 'मस्ती' से दो कदम आगे की फिल्म है. आज का दर्शक वर्ग अडल्ट कॉमेडी के लिए तैयार हो गयाहै. उन्होंने कहा कि, 'मैंने इस फिल्म के लिए 200 लड़कियों  के साथ ऑडिशन दिया था. लोगों ने मुझसे कहा आप दिव्या भारती जी की कजिन है और आप अडल्ट कॉमेडी से अपने करियर की शुरूआत करेंगी? तब मैने कहा कि फिल्म आप नही चुनती, फिल्में आपको चुनती हैं.'

उल्लेखनीय हैं कि 'ग्रैड मस्ती'  वर्ष 2004 में प्रदर्शित इंद्र कुमारकी फिल्म 'मस्ती' की सीक्वल है. इस फिल्म में विवेक ओबेराय, रितेश देशमुख और आफताब शिवदासानी पिछली बार की तरह इसबार भी अपनी ही भूमिका में नजर आनेवाले है. इनके अलावाफिल्म मेंमरियम जकारिया, ब्रूना अब्दुल्लहा और सोनाली कुलकर्णी जैसी अभिनेत्रियों को शामिल किया गया है. कायनात इस फिल्म में विवेक की पत्नी का किरदार निभा रही हैं.

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पत्नी के रहते हुए दूसरी महिला से अफेयर गलत नहीं – सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्टने एक अहम फैसला सुनाया है जिसे सुनकर कोई भी आश्चर्यचकित हो सकता है. जी हां, एक मामले में अपना फैसला सुनाते हुए जस्टिस के.एस.राधाकृष्‍णन की अध्‍यक्षता वाली बेंच ने कहा कि, 'हमारा ऐसा मानना है कि शादीशुदा रिश्ते के कायम रहने के दौरान अगर पति किसी और के नजदीक आ जाता है और वह अपनी वैवाहिक जिम्मेदारियां नहीं निभाता है तो भी यह पत्नी के साथ क्रूरता नहीं है. हालाकिं अगर दूसरी महिला से पति की नजदीकी इस कदर हो कि पत्‍नी आत्‍महत्‍या करने पर मजबूर हो जाए तो आईपीसी की धारा 498-ए के तहत मामला बनता है.’

आपको बता दें कि यह फैसला एक शख्‍स की अपील पर सुनाया गया, जिसके ऊपर धारा 498-ए के तहत अपनी पत्नी के साथ क्रूरता बरतने और धारा 306 के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप था. इस जोड़े ने 1989 में शादी की थी. बादमें पति का अपनी सहयोगी के साथ अफेयर हो गया. इसके बाद तथाकथित रूपसे पत्नी अलग-थलग महसूस करने लगी और मार्च 1996 में उसने आत्महत्या कर ली.

बेंच ने कहाकि, 'अदालत ने पाया कि तथाकथित एक्स्ट्रा-मेरिटल रिश्ता ऐसा नहीं था कि वह आरोपी शख्स की पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर कर दे. इसके साथ ही आत्महत्या करने वाली महिला के पति ने कभी कोई ऐसा काम नहीं किया जो सामान्य परिस्थिति में पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाए. 'उल्लेखनीय है कि अदालत के अनुसार अगर साबित हो जाए तो एक्स्ट्रा-मेरिटल अफेयर को गैरकानूनी और अनैतिक करार दिया जा सकता है. लेकिन इस मामले में यह साबित नहीं किया जा सका है कि पति ने पत्नी को आत्महत्या के लिए मजबूर किया.

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प्रिंस चार्ल्स को भारतीय उद्यमियों पर गर्व है

लंदन : प्रिंस चार्ल्स ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित एक विशेष समारोह में गरीबी उन्मूलन तथा रोजगार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए भारतीय उद्यमियों की सराहना की. अपने चैरिटी नेटवर्क यूथ बिजनेस इंटरनेशनल (वाईबीआई) के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में प्रिंस चार्ल्स ने भारतीय उद्यमियों के साथ बातचीत में कहा कि, 'आप भारत में जो काम कर रहे हैं, मुझे उसपर गर्व है.'

प्रिंस चार्ल्स ने कहा कि, 'आप लोगों ने अनेक मुश्किलों को पार कर न केवल अपने लिए रोजगार हासिल किया बल्कि अन्य लोगोंके लिए भी रोजगार के अवसर पैदा किए.' भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ समारोहमें शामिल हुई भारतीय युवा शक्ति ट्रस्ट की संस्थापक ट्रस्टी लक्ष्मी वी.वेंकटेसन ने इस मौके पर कहा कि, 'वाईबीआई के निर्देशन में और मदद से हमारे न्यास ने गरीबी उन्मूलन और युवा सशक्तिकरण की दिशा में काम किया है. यह भारत का एक शानदार कार्यक्रम है.'

उल्लेखनीय है कि उन्होंने इस न्यास की स्थापना बकिंघम पैलेस में 1990 में प्रिंस चार्ल्स के साथ हुई मुलाकात के बाद की थी. उस समय वह अपने पिता और भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमन के साथ सरकारी यात्रा पर ब्रिटेन आई थीं.

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नरेंद्र मोदी के ABCD का मतलब…

नई दिल्ली : दुनिया चाहे इधर की उधर हो जाए लेकिन राजनीति में एक दूसरे पर उंगली उठाने का सिलसिला शूरू ही रहता है. इससे भी ज्यादा दिलचस्प बात यह है कि यहां नेताओं के पास जोड़ का तोड़ भी हमेशा मौजूद रहता है. गौरतलब है कि गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने जयपुर में अपनी रैली में भ्रष्टाचार की चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस ने  ABCD की नई परिभाषा गढ़ी है. इसको विस्तारित करते हुए उन्होंने कहा कि अब छात्रों को A से आदर्श घोटाला, B से बोफोर्सघोटाला,  C से कोलेगेट, कॉमनवेल्थ खेल घोटाला तथा D से रक्षा घोटाला और दामाद का कारोबार का पाठ पढ़ाया जाएगा.

आपको बता दें मोदी के इस बात का जवाब कांग्रेस की ओर से नेता मनीष तिवारी ने दिया. जोड़ का तोड़ देते हुए उन्होंने इसमें F और G जोड़ दिए हैं. कांग्रेस की ओर से इसका जवाब देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री मनीष तिवारी ने कहा कि मोदी के लिए F का मतलब है फेक एनकाउंटर यानी फर्जी मुठभेड़ जबकि G का मतलब है जिनोसाइड यानी नरसंहार. देखना दिलचस्प है कि यह जुबानी वार अभी और कितने आगे जाती है.

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फिल्म 'ग्रैंड मस्ती' की मस्ती पर हाई कोर्ट की रोक

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : फिल्म 'ग्रैंड मस्ती' की मस्ती लगता है हाई कोर्ट को रास नहीं आई इस लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने फिलहाल इसपर रोक लगा दिया है. गौरतलब है कि 'ग्रैंड मस्ती' 2004 में प्रदर्शित फिल्म 'मस्ती' की सिक्वल है. सूत्रों के अनुसार फिल्म 'ग्रैंडमस्ती' में आइसीआइसीआइ बैंक के नाम व दृश्य दिखाएं गए हैं, इसके अलावा फिल्म में आपत्तिजनक भाषा और संवादों का  भी प्रयोग किया गया है.

आपको बता दें कि फिल्ममें कई ऐसे दृश्य हैं जो आपको चौंका सकते हैं और आपत्तिजनक हैं. यही वजह है कि हाईकोर्ट ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में इस फिल्म पर रोक लगा दी है. इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने रोक लगाते हुए फिल्म निर्माता व निर्देशक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

बता दें कि फिल्म ‘ग्रैंड मस्ती’ सुपरहिट फिल्म मस्ती की सीक्वेल है और इस फिल्म में डबल मीनिंग की बातें भी ज्यादा हैं. फिल्म के लीड हीरो रितेश देशमुख ने खुद स्वीकारा है कि यह फिल्म एक ऐसी फैमिली फिल्म है जिसे फैमिली का हर एक मेंबर अलग-अलग देख सकता है.

उल्लेखनीय है कि बैंक की ओर से अधिवक्ता संजय जैन ने फिल्म के खिलाफ एक याचिका दायर की है. वैसे इसस से पहले भी इस फिल्म के लिए कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. उसयाचिका में कहा गया था कि फिल्म में जबरदस्त अश्लीलता है जो कि समाज के लिए ठीक नहीं हैं. अभी वह याचिका विचाराधीन ही थी कि अब हाईकोर्ट के नए कदमसे निर्देशक इंद्र कुमार के होश उड़ गए हैं.

आपको बता दें कि फिल्म इसी शुक्रवार को यानी 16 सितंबर को रिलीज होना है लेकिन हाईकोर्ट के नोटिस ने फिल्म की रिलीज पर सवालिया निशान लगा दिए हैं.

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सन्नी देओल, मल्लिका के स्वयंवर में क्या कर रहे हैं?

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड के जाने माने कलाकार सन्नी देओल, बोल्ड गर्ल मल्लिका शेरावत के शो 'द बैचलरेट इंडिया, मेरे ख्यालो की मल्लिका' में अतिथी कलाकार बन सकते हैं. बॉलीवुड में चर्चा है कि शो के आयोजकों ने सन्नी देओल को इस शो में अतिथि कलाकार के तौर पर हिस्सा लेने के लिए कहा है.

गौरतलब है कि लाइफ ओके के जेनेरल मैनेजर अजित ठाकुर ने कहा कि, 'मैं सन्नी देओल से इस शो के सिलसिले में मिला था और उनसे अतिथि कलाकार बनने की गुजारिश की थी. हम इस शो के लिए रियल मैन की तलाश कर रहे थे.' आपको बता दें कि 'द बैचलरेट इंडिया' मेरे ख्यालो की मल्लिका के जरिए मल्लिका शेरावत अपने ख्वाबों के राजकुमार की तलाश करेंगी. यह शो अमेरिका के मशहूर रियालिटी डेटिंग शो 'द बैचलर' का हिंदी संस्करण  होगा.

बता दें कि इस शो में रोहित रॉय एंकर का किरदार निभाएंगे. सूत्रों के अनुसार इस शोमें 30 प्रतियोगी हिस्सा लेंगे जिनमें से मल्लिका अपना वर चुनेंगी. इससे पूर्व इसी तरह के शो में टेलीविजन अभिनेत्री रतन राजपूत, राहुल महाजन और रॉखी सांवत ने भी अपने जीवन साथी का चुनाव किया था. उल्लेखनीय है कि लाइफ ओके पर यह शो 7 अक्तूबर से प्रसारित होगा.

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श्रद्धा और शाहिद कपूर करेंगे रोमांस

मुंबई(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड के कमीने यानी शाहिद कपूर अपनी आनेवाली फिल्म मेंश्रद्धा कपूर के साथ रोमांस करते दिखाई दे सकते हैं. बॉलीवुड में चर्चा है कि एकता कपूर 'मिलन टॉकीज 'नामक एक फिल्म बनाने जा रही हैं जिसमें यह दोनों कलाकार एक साथ रोमांस कर सकते हैं.

आपको बता दें कि पहले इस फिल्ममें शाहिद कपूर के अपोजिट प्रियंका चोपड़ा का चयन किया गया था लेकिन प्रियंका चोपड़ा ने इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया. जिसके बाद चर्चा है कि इस फिल्म में प्रियंका चोपड़ा की जगह 'आशिकी2′ से फिल्मी सफर शुरू करनेवाली श्रद्धा कपूर का चयन कर लिया गया है.

उल्लेखनीय हैं कि पहले 'मिलन टॉकीज' में शाहिद कपूर की जगह इमरान खान थे और उनके इंकार करने के बाद ही शाहिदकपूर का चयन किया गया. 'मिलन टॉकीज' का निर्देशन तिग्माशु धूलिया करेंगे.

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आज के प्रशासन में काम करनेवाले लोगों के हाथ

मुंबई(चंदन पवार) Email:chandanpawar.pits@gmail.com

कुछ दिनों पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री विलासराव देशमुख उनके जीवन पर अधारित पुस्तक का विमोचन किया गया. इस अवसर पर शरद पवार ने सीएम पृथ्वीराज चव्हाण के ऊपर निशाना साधते हुए कहा कि,' आज के प्रशासन में काम करनेवाले लोगों के हाथ हस्ताक्षर करते हुए लकवा मारने जैसे थरथराते हैं, कामों को अंजाम देनेवाले फाईलों पर कई महीने लग जाते हैं.' इस तरह की बयानबाजी और राजनीति करने में शरद पवार अब हमेशा आगे रहने लगे हैं. फिर वो मालेगांव बॉम्ब ब्लास्टके बारे में गलत बयानबाजी हो. राजनीति में क्या नहीं हो सकता, इसका कोई अंदाजा नहीं लगा सकता है. सत्ता हासिल करनेके लिए किसी के साथ भी गठबंधन किया जा सकता है या तोड़ दिया जा सकता है, यहां पर अच्छे विचारों की कोई कद्र नहीं है. बस किसी तरह सत्ता पाना है और अपने फायदे की फाईलों को आगे बढ़ाकर अपने बैंकों को पैसों से लादकर भरना है शायद यही अब कुछ राजनेताओं का मकसद बनते हुए देखने को मिल रहा है.

शरद पवार ने पृथ्वीराज चव्हाण परनिशाना साधते हुए जो बयान जारी किया है उसे देखते हुए यही एक बात नजर आर ही है कि शरद पवार कई सालों से किसान और आम आदमी के विकास की बातभूल गए हैं. उनकी चाहत कहें या शौक, अब बदल गई है. उनका बयान जिस तरह आया है उससे नहीं लगता है कि जिस फाईलों पर पृथ्वीराज चव्हाण हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं, वह फाईले जनता के विकास कामों की होगी? अब यह संशोधन का विषय है कि वह फाईल कौनसी है? जिस पर पृथ्वीराज चव्हाण हस्ताक्षर नहीं कररहे हैं. परंतु महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण को डरने की कोई जरूरत नहीं है. महाराष्ट्र की जनता चम्मच से दूध नहीं पीती है, उनको मालूम है कौन सी फाईल पर हस्ताक्षर नहीं हो रहे हैं? पृथ्वीराज जी जनता आपके साथ है, जरूरत पड़ी तो आपके समर्थन में जनता रास्ते पर भी आएगी परंतु सिर्फ आपको अपने विचारों के जरिए जनता को सच्चाई बतानी होगी. फिर देखिए, जनता आपके लिए क्या-क्या कर सकती है? जनता यह भी जानती है कि आपके पार्टी के कुछ नेता आपको गलत रास्तों पर चलने के लिए दबाव बना रहे हैं और वह नेता कौन-कौन है उनकी सच्चाई भी जनता जान चुकी है. वक्त अब सिर्फ 2014 के चुनाव का है क्योंकि पानी अब लोगों के सर के ऊपर बह रहा है. जनता अब अन्याय नहीं सहेगी. गलत और सच्चाई का पाठ पढ़ाकर ही दम लेनेवाली है. इस विषय मे पृथ्वीराज चव्हाण ने भी शरद पवार के बयान पर सही वक्त आने पर जवाब दिया जाएगा, इस तरह का जवाबी हमला किया है.

लोगों ने किसान का बेटा, जानता राजा इस पदों पर बिठाकर सम्मान देकर भी देख लिया परंतु शायद वह आजकल इनका मान रखना भूल गए हैं. आज जो किसान अनाज की बड़ी पैदावार करके भी खुद भूखे पेट सो रहा है, आत्महत्या कर रहा है. उस किसान की जानता राजा को कोई कीमत नहीं है. अंग्रेजों ने अपने शौक के लिए पाले खेल को अब वह अपना जीवन का बस यही मकसद रह गया है, इस भाव में आकाशमें सफर कर रहे हैं परंतु राजा कब रंक हो जाता है, यह इतिहास लोग देख चुके हैं इसलिए गरीब जनता और किसानों के फायदे के लिए कड़ा फैसला करने की जरूरत है. सिर्फ उनको 2 रूपये से चावल देकर नहीं चलेगा. उनके बच्चों के लिए अच्छे स्कूलों में बिना पैसों की पढ़ाई हो क्योंकि आज कोई भी गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारअपने बच्चों को डॉक्टर और इंजीनीयर नहीं बना पा रहा है. उनके बच्चों को 90% के ऊपर मार्क्स होते हुए भी पैसों के कारण वह अच्छे डॉक्टर और इंजीनीयर बनते बनते रह जा रहे हैं. तो इसमें दोष किस प्रणाली का है. इस दोषपूर्ण व्यवस्था को सरकार में बैठे जनताके मसीहा समझने वालों को समझना होगा क्योंकि जनता उसी को अपना नेता मानती है जो इनके दुख का हिस्सेदार हो ना कि मरे हुए आदमी के माथे से लोणी चुराने में भी कोई कसर ना छोड़ते हो. अब वक्त जनता के पास नहीं बल्कि राजनेताओं के पास है, अब आपका काउंटडाउन शुरू हो गया है. इसिलिए आपको तय करना है आप जनता के साथ है या पैसों के पास.

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दिल्ली गैंगरेप

दिल्ली गैंगरेप: दामिनी के चारों दोषियों को मिली सजा-ए-मौत
गुनहगारों को होगा अब कानून का डर?

नई दिल्ली: पिछलेसाल 16 दिसंबर की रात चलती बस में पैरा-मेडिकल स्टूडेंट से जिस कद हैवानियत की गई, उसके बाद उसके दोषियों और हैवानियत की सारी हदें पार कर देनेवाले चारों दरिंदों को मौत की सजा मिलनी ही थी. गौरतलब है कि साकेत के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने चारों दोषियों विनय शर्मा, पवन कुमार उर्फ कालू, अक्षय कुमार सिंह और मुकेश के अपराध को ‘रेयरेस्ट ऑफ रेयर’ की श्रेणी का मानतेहुए उन्हें फांसी की सजा सुनाई है. जज ने सजा सुनाते हुए कहा कि यह ऐसा अपराध है, जिसने समाज को हिलाकर रख दिया.

आपको बता दें कि फास्ट ट्रैक कोर्ट के अडिशनल सेशन जज योगेश खन्ना ने शुक्रवार, 13 सितंबर को दोपहर ढाई बजे सजा का ऐलान करते हुए कहा कि, 'उन्होंने एक असहाय लड़की के साथ जघन्य अपराध किया है. दोषियों ने सोची-समझी साजिश के तहत गैंग रेप को अंजाम दिया. इन्होंने उस लड़की की हत्या की, जिसके पास बचने का कोई उपाय नहीं था. यह लोग निर्मम हत्या के लिए दोषी करार दिए जाते हैं.' कोर्ट ने इसके बाद सभी दोषियों को एक-एक करसजा सुनाई. बता दें कि 10 सितंबर को अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए मुकेश, विनयशर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को हत्या और गैंग रेप समेत आईपीसी की 11 धाराओं के तहत दोषी करार दिया था.

आपको बता दें कि 'दामिनी' के गैंगरेप के बाद देश में एक आक्रोश की लहर दौड़ पड़ी थी. देश के युवा सड़कों पर उतर आए और बलात्कारियों के लिए सख्त से सख्त सजा की मांग की. गौरतलब है कि गैंगरेप की शिकार ‘निर्भया’ के माता-पिता ने दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी. सजा पर फैसलेसे पहले एक टीवी चैनल से बात करते हुए मां ने कहा था, 'हमें आज इंसाफ की उम्मीद है. उन्होंने जघन्य अपराध किया है और उनका बर्ताव जानवरों की तरह था इसलिए उन्हें फांसी पर लटकाया जाना चाहिए.' वहीं निर्भया के पिता का कहना था कि, '’मैं आज इस उम्मीद के साथ घर से निकल रहा हूं कि मेरी बेटी को इंसाफ मिलेगा और इस केस में इंसाफ बस फांसी की सजा है. फांसी से कुछ भी कम इंसाफ नहीं होगा.'

वहीं इस मामले में दोषी, सबसे कम उम्र के विनय शर्माकी मां ने उसकी जान बख्शने की गुहार लगाई थी. दक्षिण दिल्ली की जुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली विनय की मां चंपा देवी ने जज को उन्हें सुधरने का दूसरा मौका देने की मांग की थी. उनका कहना थाकि भगवान तक हर इंसान को दूसरा मौका देता है.

उल्लेखनीय है कि 16 दिसंबर 2012 को मुनिरका इलाके में 23 साल की पैरा-मेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने चलती बस में बर्बर गैंगरेप किया था. इस मामले में फास्ट ट्रैककोर्ट ने चार को दोषी करार दिया. जिसमें से एक आरोपी राम सिंह की मौत जेल में ही हो गई और उसकेबाद उसके खिलाफ ट्रायल खत्म कर दिया गया था. बता दें कि राम सिंह ने 11 मार्च को तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर कथित रूप से खुदकुशी कर ली थी. जबकि एक आरोपी के घटना के वक्त नाबालिग होने की वजह से जूवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने उसे हत्या और गैंग रेप समेत आईपीसी की तमाम धाराओं के तहत दोषी मानते हुए अधिकतम तीन साल के लिए सुधार गृह भेज दिया है.

किस धारा के तहत कितनी सजा

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रासायनिक हथियार संधि पर असद ने किए हस्ताक्षर

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र के अनुसार उसे रासायनिक हथियार संधि में शामिल होने को लेकर सीरिया सरकार की ओर से दस्तावेज मिले हैं. यह संधि रासायनि कहथियारों के निर्माण और इस्तेमाल पर पाबंदी लगाती है. संयुक्त राष्ट्र ने एक बयान में कहा कि. 'महासचिवबान की मूनको सीरिया सरकार की ओर से एक पत्र मिला है.

गौरतलब है कि उन्हें सूचित किया गया है कि राष्ट्रपति बशर अल असद ने विधायी करार पर हस्ताक्षर किए हैं. उल्लेखनीय है कि 1992 की संधि के अनुसार रासायनिक हथियारों का इस्तेमाल और संवर्धन, उत्पादन, भंडारण पर पाबंदी है. महासचिव के प्रवक्ता ने कहा कि अपने पत्र में सीरियाई प्रशासन ने संधि में लागू बाध्यताओं को मानने की अपनी प्रतिबद्धता जताई है.

आपको बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने अपने बयान में कहा है कि, 'हालिया घटनाक्रमों का जिक्र करते हुए म्मीद जताई जा सकती है कि जिनेवा में वार्ता से त्वरित करार की दिशामें आगे बढने में मदद मिलेगी, जिसका अंतरराष्ट्रीय समुदाय समर्थन और मदद करेगा.' रासायनिक हथियार संधि के तहत सभी पक्षों को अपने रासायनिक हथियारोंकी घोषणा और उसे नष्ट करना है. उल्लेखनीय है कि सीरियाई राष्ट्रपति ने इससे पहले रूसी टीवी से कहा था कि कागजात भेजे जा रहे है और इस पर दस्तखत के एक महीने बाद हथियारों का आंकड़ा सुपुर्द किया जाएगा.

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माधुरी दिक्षित के पिता का स्वर्गवास

मुंबर्इ(पिट्स फिल्म प्रतिनिधि) : बॉलीवुड की जानी मानी अभिनेत्री और अपने मुस्कान से सबको कायल करनेवाली माधुरी दीक्षित के पिता शंकर दीक्षित का निधन हो गया है. गौरतलब है कि पिछले कई दिनों से वे बीमार थे और कुछ दिनों से उनकी तबियत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी.

आपको बता दें कि माधुरी इन दिनों 'झलक दिखला जा 6' के फाइनल के आधे हिस्से की शूटिंग कर चुकी हैं लेकिन खबर लिखे जाने तक यह निश्चित नहीं हो पाया कि वह फाइनल में बतौर जज हिस्सा ले पाएंगी या नहीं. खबर हैं कि ऐसे में उनकी जगह प्रियंका चोपड़ा नजर आएंगी.

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लाईफ स्टाइल – ऐसी सुंदरता के क्या कहने…

सुंदर दिखना कौन नहीं चाहता, हर लड़की की इच्छा होती है कि वह सुंदर दिखे और लोग उसकी तारीफ करें. इसके लिए वह हर संभव प्रयास भी करतीहै. परंतु ज्यादातर महिलाएं अपने शरीर के कुछ हिस्सों को निखारने पर ही ध्यान केंद्रित करती हैं लेकिन क्या आपको पता है, आपकी संपुर्ण सुंदरता ही आपको निखारती है और आपकी पर्सनॅलिटी में चार चांद लगाती है. आईए हम आपको संपूर्ण सुंदरता के कुछ टिप्स बताते हैं.

हाथ और पांवों की कोमलता पर दें पूरा ध्यान: 

-    एडिय़ों पर नियमित पैट्रोलियम जैली लगानेके बाद 20  मिनट तक सूती मोजे पहन कर रखें, इससे आपकी एडिय़ां कभी नहीं फटेंगी और मुलायम भी रहेंगी.

-    बॉडी लोशन लगाने के बाद भी हाथों-पैरों पर चमक नहीं आती तो बॉडी लोशन में थोड़ा सा बेबी ऑयल डाल कर इस्तेमाल करें. बेबी क्रीम से फटी व रूखी कोहनियां और पैर मुलायम बनाए जा सकते हैं.

-    इसके अलावा ठंड के मौसम में कई बार हाथ-पैरों की उंगलियों पर कोल्ड सोर(ठंड से घाव)हो जाते हैं. इसके लिए मॉयश्चराइजर में रूई डुबो कर प्रभावित स्थान पर लगाएं, इससे घाव नहीं होगा.

-    अगर आप अपनी टांगों को शेव करती हैं तो शेविंग क्रीम के साथ थोड़े से हेअर कंडीशनर का भी प्रयोग करें.

-    स्लीवलैस ब्लाऊज पहनने से पहले नहाते समय बांहों और बगल पर फेस स्क्रबरका इस्तेमाल करें. इससे बांहें और बगलें पहले की तुलना में साफ  और मुलायमदिखाई देंगी.

 

खुले अंगों को ना करें नजरअंदाज:

-    बॉडीसॉफ्टर लोशन नहो तो एवोकैडोफल को किसी बर्तनमेंकद्दूकस करलें. इसे अपने बदन पर 20 मिनट तक मलें और शावर बाथ लें. एवो कैडो प्राकृतिक मॉयश्चराइजर है.

-    अगर आप किसी शादीया पार्टी मेंजारही हैं तोखुले अंगों पर भी हल्का मेकअप करें. इसके लिए हैंड एंड बॉडी लोशन में थोड़ा सा बॉडी ब्रोंजर मिला कर लगाएं.

-    फ्रेश महसूस करने के लिए ज्यादा पसीना आने वाले स्थान पर बेबी पाऊडर लगाएं.

-    कई लोगों को बहुत पसीना आने की शिकायत होती है ऐसे में डियोडरेंट भी प्रभावी नहीं होता. तनाव और गर्मी के अलावा हाइपहाइड्रोसिस भी पसीने की वजह हो सकती है. इसके लिए अल्यूमीनियम युक्त एंटीपर्सपिरैंट का इस्तेमाल किया जा सकता है.

-    तेज गंध वाले शैंपू का इस्तेमाल करने की अपेक्षा हेअर ब्रश के दांतों परपरफ्यूम छिड़कें और इससे कंघी करें. सारा दिन बालों से गजब की महक आएगी.

-    अगर लगता है कि हेअर स्ट्रीकिंग वाले बालों में चमक नहीं आ रही हो तोलूफा पर थोड़ा सा बेकिंग सोडा छिड़कें और स्ट्रीकिंग वाले बालों पर इसे थोड़ा सा स्क्रब करें. हेअर स्ट्रीकिंग चमक उठेंगे. इसके अलावा अगर बाल काफी तैलीय हों तो इसके लिए मोटे मेकअप ब्रश को लूज पाऊडर में डिपकरें और बालों की जड़ों पर लगाएं. यह बालों से अतिरिक्त तेल को सोख लेगा. कंघी के दांतों में रुई फंसा कर बालों में ब्रश करें. बाल महक उठेंगे औरपहले की तुलना में साफ  और तेल रहित दिखाई देंगे.

-    प्रदूषण से प्रभावित बालों में नई जान डालने के लिए एक कप पानी में 3 बड़े चम्मच सफेद सिरका मिलाएं और बालों में लगा कर 15 मिनट तक छोड़ दें फिर शैंपू से बाल धो लें.

लिपस्टिक उतारते समय दें ध्यान : गहरे रंग की लिपस्टिक सादी रूई से पोंछने के बाद भी नहीं निकलती. रूई की जगह टिशू पेपर को मेकअप रिमूवर में डुबो कर इस्तेमाल करें, इससे लिपस्टिक आसानी से निकल जाएगी.

सबसे अहम हैं आपकी खूबसूरत आंखें:

-    रातको सोते समय भौंहों परभी आईक्रीम लगाएं. भौंहों में खुश्की नहीं होगी और वे मुलायम रहेंगी.

-    बिना मेकअप के भी बरौनियों को आकर्षक बनाया जा सकता है. उंगलियों पर हल्का बादाम या जैतून का तेल मल कर बरौनियों पर लगाएं, यह किसी नैचुरल मस्कारा से कम नहीं.

-    टूथब्रश पर थोड़ा सा हेअर स्प्रे डाल कर अपनी भौंहों पर इससे कंघी करें। भौंहों पर चमक दिखाई देगी और वे सजी-संवरी भी रहेंगी.

-    आई लाइनर पैंसिल की टिप अगर शार्प हो तो पलकों पर लाइनर बढिय़ा लगता है. इसके लिए आई लाइनर पैंसिल प्रयोग करने से पहले कुछ देर उसे फ्रीजर में रख दें.

-    पलकों पर आई लाइनर देर तक टिका रहे इसके लिए पलकों पर प्राइमर का एक कोट लगाएं. मैट बेस आई मेकअप का भी प्रयोग आई लाइनर या आई पैंसिल को पलकों पर देर तक टिकाए रखने में मदद करता है.

चेहरा है या चंद खिला है:

-    यदि आपके मुहांसे बहुत परेशान कर रहे हैं तो प्रभावित स्थान पर बिना जैलवाला थोड़ा-सा टूथपेस्ट 15 मिनट तक लगाएं और फिर ठंडे पानी से धो दें.

-    थकी और निस्तेज त्वचा की आभा लौटाने के लिए अंडे की सफेदी में बिना कुछमिलाए त्वचा पर 10 मिनट तक लगा कर रखें और ठंडे पानी से चेहरा धो लें. इससे आपको फायदा मिलेगा.

-    नैचुरल मेकअप के लिए फाऊंडेशन लगाने के बाद उसे दो मिनट तक चेहरे पर लगा रहने दें, उसके बाद पाऊडर लगाएं. इससे फाऊंडेशन के चकत्ते नहीं दिखेंगे.

-    फेशियल कराने का वक्त नहीं मिला और पार्टी में जाना है तो थोड़ी सी फेसक्रीम में चीनी मिला कर फेस पर तब तक रगड़ें जब तक सारी चीनी घुल नहींजाती।. उसके बाद फेस वॉश से चेहरा धो लें,चमक आ जाएगी.

सासों को भी महकाएं:

-    रातको पार्टीसे लौटनेके बाद ब्रश करने का समय नहो  तो माऊथ वॉश से कुल्ला करने के बाद बिना पेस्ट लगाए दांत और मसूड़ों पर ब्रश करें। आप फ्रैश महसूस करेंगी.

-    बहुत देर तक सांसें महकती रहें, इसके लिए हाइड्रोजन पैराक्साइड टूथ पेस्टका प्रयोग करें. यह मुंह के अंदर बदबू पैदा करने वाले बैक्टीरिया को खत्म करता है.

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एप्पल ने लांच किया सबसे सस्ता आईफोन

कैलिफोर्निया : वर्तमान समय में टेक्नॉलजी की धूम है. टेक्नॉलजी के बिना इंसान लाचार सा महसूस करता है यही वजह है कि अब बहुत से टेक्नॉलजी उत्पाद बहुत ही कम दाम मे मार्केट में मिल जाते हैं. इसी तर्ज पर दुनिया की मशहूर इंफॉरमेशन टेक्नॉलजी ‘आई टी’ उत्पाद निर्माता कंपनी एप्पल ने गत मंगलवार को अपने दो नए मोबाइल फोन लांच कर पूरे विश्व में हलचल मचा दी है. बता दें किकंपनी ने आईफोन 5 एस और 5 सी को लांच कर बाजार में प्रतिस्पर्धा तो बढ़ाई ही है साथ ही ग्राहकों की उम्मीदों को भी बढ़ा दिया है.

आपको बता दें कि 5 एस मॉडल को भारत और चीन के उपभोक्ताओं को ध्यान में रखकर बनाया गया है तथा इसमें चार इंच की अल्ट्रा एचडी रेजोल्यूशन वाली रेटिनास्क्रीन है जिसमें इंडियम गैलियम जिंक आक्साइड का उपयोग किया गया है तथा इसमें 8 मेगापिक्सल कैमरा है. इस फोन में ए 6 प्रोसेसर से पांच गुनातेज स्पीड वाला 64 बिट का ए 7 प्रोसेसर लगा है. इस मोबाइल की सबसे अच्छी बात इसका फिंगरप्रिंट स्कैनर है जिसे काल्ड टच आईडी नाम दिया गया है.

इतना ही नहीं यह एक प्रकार का बायोमेट्रिक स्कैनर है जिससे ग्राहकों को फोनको लॉक और अनलॉक करने की सुविधा मिलेगी. एप्पल ने 5 एस को बड़ी सूझ-बूझ के साथ दुनिया के सामने पेश किया है. यह फोन पूरी तरह से 4 जी, 4 जेनरेशन है. क्वालकाम कंपनी ने एप्पल को 4 जी चिप बनाकर दिया है जिससे 8 प्रकार के नेटवर्क इसे सपोर्ट करेंगे. अल्ट्रा एच डी स्क्रीन तथा गेमिंग प्रोसेसर होने के कारण यह फोन गेम के दीवानों की पसंद बनने की काबिलियत रखता है तथा यह नए ऑपरेटिंग सिस्टम आईओएस 7 पर काम करेगा.

इस फोन की कीमत से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कंपनी भारत और चीन में आईफोन 5एस के जरिए आम लोगों तक पहुंचना चाहती है. इस फोन का 16जीबी स्टोरेज ‘गीगा बाइट’ वाला माडल 13 हजार रुपए में, 32 जीबी मॉडल 20 हजार और 64 जीबी मॉडल 26 हजार रुपए में उपलब्ध होगी. इसका 64 जीबी मॉडल अमेरिका में दो साल के अनुंबध पर 26 हजार रुपए में मिलेगा. आईफोन 5 एस की प्री-बुकिंग 13 सितंबर से और इसकी डिलीवरी 20 सितंबर से शुरू होगी.

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घर परिवार – मोटापा

प्रश्न: मोटापा क्या है?

उत्तर: मोटापा यानी शरीर में ज्यादा प्रमाण में चरबी की मात्रा, जिससे स्वास्थ पर बूरा असर पड़ता है. जिस व्यक्ति का वजन बढ़ता है उसके चरबी के कोषो की मात्रा व आकार भी बड़ा होता है. मोटापा निश्चित करने के लिए अकसर व्यक्ति की ऊंचाई से वजन निश्चित किया जाता है. नई तकनीक को 'बोडी मास इंडेक्स' कहते हैं जो शरीर की चरबी व प्रक्रियाओं से सीधा संबंध रखता है.

मोटापे के कारण:

-    जब खाने में कैलेरीज ज्यादा होती है, पर शारीरिक कार्य कम होता है. उदाहरण गर्भवती स्त्रियां

-    जब आयु बढ़ती है तो इसके साथ शारीरिक प्रक्रिया का दर कम हो जाता है और कम ऊर्जा-शक्ति लगती है इससे वजन बढ़ता है.

-    लिंग के हिसाब से पुरूषों में शारीरक प्रक्रिया का दर ज्यादा होती है अत: ज्यादा ऊर्जा लगती है. स्त्रियां मासिकस्त्राव बंद होने के पश्चात यह दर कम होने के कारण होती हैं.

-    शारीरिक परिश्रम व व्यायाम कम होने पर वजन बढ़ जाता है.

-    भोजन में चर्बीयुक्त पदार्थ के सेवन से

-    कुछ दवाईयों के सेवन से जैसे मानसिक बिमारियां, अकड़ी या मिर्गी की दवाईयों के नित्य सेवन से मोटापा बढ़ता है.

-    मोटापा अनुवांशिक भी होता है. गुणसूत्रों की असर हारमोन्स और प्रोटीन पर होती है जो चरबी बढ़ाता है.

मोटापे के गंभीर परिणाम:

मोटापे की वजह से काफी गंभीर परिणाम शरीर के स्वास्थ पर हो सकते हैं जैसे कि

-    उच्च रक्तचाप : शरीर में रहे चरबी के प्रमाण व रक्त के दबाव का सीधा संबंध है. 30% मोटापे से पीड़ित लोगों में मध्यम रक्तचाप देखा गया है. शरीर के वजन को कम करके, कम नमक खाने से बिना दवाई के यह कम हो सकता है.

-    मधुमेह : मध्य पथ क व्यक्तियों में(30-60 वर्ष) व्यक्ति जो मधुमेह से पीड़ित है वह मोटापे से जुड़े हुए है. इससे खून की 'लिपीड' मात्रा बढ़ती है और मधुमेह की शुरूआत होती है.

-    कैंसर : पुरूषों में अंतड़ियों और प्रोस्ट्रेट, जबकि स्त्रियों में स्तन, गर्भाशय, अंडकोष के कैंसर क प्रमाण मोटे व्यक्तियों में उच्च रहा है.

-    कोलेस्ट्रॉल की अधिक मात्रा

-    पित्ताशय की पथरी : 25% मोटे व्यक्तियों को पित्ताशय में 'पत्थर' बन जाते हैं क्योंकि कोलेस्ट्राल की मात्रा ज्यादा होती है.

-    ह्रदय हमले और स्ट्रोक पश्चात : मोटापे के साथ अधिक रक्तचाप, मधुमेह, ज्यादा कोलेस्ट्रॉल की मात्रा होने के कारण इन व्यक्तियों में ह्रदय हमले व पश्चात के व्यापक मात्रा में देखे जाते हैं.

-    नींद की बिमारियां : 'पिकवीकयन सिंड्रोम' या 'स्लीप ऄप्नीचा' क नाम से जाननेवाली यह नींद की बीमारी में रात के समय बार बार सांस रूक जाने से उठना पड़ता है जिससे दूसरे दिन थकावट महसूस होती है या सांस रूक जाने से दिल की धड़कने अनियमित हो जाती है.

-    कभी कभी मोटापे क सीधा संबंध 'मानसिक' स्थिति से जुड़ा होता है जैसे आवश्यकता से अधिक भोजन की आदत-यह नियमित समय समय पर होता है. यह व्यक्ति 3 घंटे या कम समय में बार बार खाना चाहता है या अपने आप खाने की मात्रा निश्चित नहीं कर सकता. भोजन खाना रोक ही नहीं सकता.

-    यह कई बार अधिक तनावग्रस्त परिस्थितियों या मानसिक निराशाजनक अवस्था के साथ जुड़ा होता है. करीबन 30-50% मोटापा इस वजह से पाया गया है.

-    खाने के प्रति व्यवहार और मानसिक स्थितियां: जब व्यक्ति तनावग्रस्त, निराश या चिंतित होते हैं तो अधिक खाना खा लेते हैं. जब कुछ लोग इन परिस्थितियों से सही मानसिक संतुलन रख पाते तो वह इसे दूर या बचने के लिए ज्यादा मात्रा में आहार लेते हैं. ज्यादातर 'निराशाजनक' अवस्था में जैसे कि नौकरी में परेशानी, रिश्तों में अनबन, क्रोध, चिड़चिड़ापन, असफलता की भावना से पीड़ित होते हैं. जिससे वे हमेशा थके हुए, अधिक नींद का आना, शक्ति व उत्साह का अभाव की शिकायत करते हैं. यह सारी चीजें दिमाग में रासायनिक प्रक्रिया करती हैं जिससे भूख ज्यादा लगती है और पेट भरने का एहसास कम हो जाता है जैसे टी वी देखते समय भोजन करना, या बातें करते हुए भोजन करना उसमें भी पता नहीं चलता हम कितना अधिक खा जाते हैं. चलते फिरते भोजन करना गलत है.

-    अधिक मात्रा में आहार और उल्टी कर देना: अधिकतर यह युवा लड़कियों में ज्यादा देखा जाता है क्योंकि उन्हें मोटापे का भय सताता है. वह ज्यादा मात्रा में खाती हैं पर थोडे समय में भोजन बाहर निकल जाता है. यह भी मानसिक निराशा व अधिक चिंतित अवस्था के साथ गहरा संबंध रखता है. इससे पाचनतंत्र को नुकसान, रासायनिक असंतुलन, शारीरिक स्वास्थ का गिरना व दांतों की कमजोरी जैसे अन्य कठिनाइयां जुड़ जाती हैं.

आहार लेने का तीव्र भय: यह ज्यादातर लड़कियों में मासिक स्त्राव के सर्व प्रथम के समय दौरान या पहले देखा जाता है. यह युवतियों में अधिक मात्रा में पाया जाता है. यहां उनके दिमाग में यह विचार निश्चित हो जाता है कि वह मोटापा का शिकार हैं और उसे दुबला होना है. यह अधिकतम शारिरिक व्यायाम व कार्य के द्वारा या अपने आप उल्टियां या जुलाब लेना इत्यादि द्वारा पहचाने जाते हैं. यह व्यक्ति के शरीर में पोषण तत्वों की गंभीर कमी, मानसिक निराशा, चिंतित रहने की आदत, अस्वस्थता, मासिकस्त्राव का बंद होना, बहुत ही कम मात्रा में वजन इत्यादि चीजें जुड़ जाती हैं.

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अश्लील एसएमएस बना हत्या की वजह

अश्लील एसएमएस बना हत्या की वजह
मुंबई क्राइम ब्रांच युनिट-9 के अधिकारियों ने आरोपी को दबोचा

मुंबई(पिट्स प्रतिनिधि) : एसएमएस द्वारा एक दूसरे के संपर्क में रहना और बातचीत करना आज के समय में बहुत आम सी बात है. लेकिन क्या आप सोच सकते हैं कि यही एसएमएस किसी की जान लेने का कारण भी बन सकता है. गौरतलब है कि मुंबई क्राइम ब्रांच यूनिट-9 के अधिकारियों ने पिछले दिनों सांताक्रुज पश्चिम मे मिली 25 वर्षीय लड़के की हत्या का मामला सुलझा लिया है और इस केस में एक रिक्शा चालक को भी गिरफ्तार किया है.

पुलिस उपायुक्त अंबादास पोटे के अनुसार 6 सितंबर, 2013 को सांताक्रुज पश्चिम जुहू कोलिवाड़ा के मनपा बगीचे के पास एक युवक की लाश मिली. युवक के शरीर और सिर पर चोट के गहरे निशान थे. लाश के पास ही प्लास्टिक की थैली में स्त्री मेकअप का सामान, लेडीज विग, ब्लाउज और ओढ़नी भी मिली थी जिससे युवक के संमलैंगिकया तृतीय पंथी होने का पता चला. आपको बता दें कि सांताक्रुज पुलिस के साथ समांतर जांच करने वाले क्राइम ब्रांच युनिट के वरिष्ठ इंस्पेक्टर संजय सातर्डेकर, इंस्पेक्टर राजेश पडवी और अतुल कदम इसटीमने लाश के पास मिले मोबाइल के सीडीआर से दुर्गालाल नंदलाल यादव पर शक किया.

आपको बता दें कि क्राइम ब्रांच के अधिकारियों ने डीसीपी पोटे के नेतृत्व में 12 सितंबर को गहन जांच-पड़ताल के बाद दुर्गालाल नंदलाल यादवको गिरफ्तार करलिया.पूछताछ में दुर्गालाल ने बताया कि संजय उर्फरूपमती उसका मित्र थाऔरवह समलैंगिक था. संजय दुर्गा के रिक्शे में बैठकर ग्राहक ढूंढता था. कुछ दिनों से उसके परिवारवालों और रिश्तेदारों को अश्लील एसएमएस आते थे और इसके अलावा फोन परकोई अश्लील बातें भी करता था. दुर्गालाल कोइन सबके पीछे संजय का हाथ होने का शक था. इसी शक के बिना पर दुर्गालाल ने संजय को फोन कर जुहू कोलिवाड़ा बुलाया और बीयर की बोतल एवं पत्थर से सिर कुचलकरउसकी हत्या कर दी और मौकए वारदात से फरारहो गया. इस केसकी जांच वरिष्ठ इंस्पेक्टर अरूण चव्हाण कर रहे हैं.

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गणेश उत्सव-२०१३

श्री.विश्वनाथ तलेकर और उनके परिवार ने प्रतिक्षानगर,सायन(ई) में अपने गणेशउत्सव का 26 वां साल बड़ी धूमधाम से मनाया

गणेश भगवान के दर्शन करती अभिनेत्री प्रिती जिंटा और सोनाक्षी सिन्हा

राकेश और ऋतिक रोशन अपने बप्पा को घर ले जाते समय

करीना कपूर बप्पा के दर्शन करने के बाद काफी उत्सुक नजर आईं

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